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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
उत्पत्ति 35-37

याकूब बेतेल मँ

35 परमेस्सर याकूब स कहेस, “बेतेल सहर क जा, हुआँ बस जा अउ हुवँइ ‘एल’ परमेस्सर बरे जउन तोहरे समन्वा परगट भवा रहा जब तू आपन भाई एसाव स बचि के परात रह्या एक वेदी बनावा।”

ऍह बरे याकूब आपन परिवार अउ आपन सबहि नउकरन स कहेस, “काठ अउ धातु क बना जउन बिदेसी देवतन तू पचन क लगे अहइँ ओनका नस्ट कइ द्या। अपने क पवित्र करा। ओढ़ना साफ पहिरा। हम पचे इ जगह क तजि देब अउ बेतेल क जाब। उ जगह मँ आपन परमेस्सर बरे एक वेदी बनाउब। इ उहइ परमेस्सर अहइ जउन मोरे कस्ट क समइ मोर मदद किहस अउ जहाँ कहु मइँ गवा उ मोरे संग रहा।”

ऍह बरे मनइयन क लगे जउन बिदेसी देवता रहेन, ओन सबहि क उ पचे याकूब क दइ दिहन। उ पचे आपन काने मँ पहिरी भइ सब बालियन क भी याकूब क दइ दिहन। याकूब सकेम नाउँ क सहर क नगिचे एक बलूत क बृच्छ क तरे इ सबहि चिजियन क गाड़ दिहस।

तउ उ पचे तजि गऐन अउर परमेस्सर ओनका चरीहू कइँती क सभी सहरन पइ भयंकर डर डाल दिएन। ऍह ठू बरे उ पचे याकूब क पूतन पाछा नाही किहस। ऍह बरे याकूब अउ ओकर लोग लूज पहोंचेन। अब लूज क बेतेल कहत हीं। इ कनान प्रदेस मँ बाटइ। याकूब हुआँ एक ठु वेदी बनाएस। याकूब उ जगह क नाउँ “एल बेतेल” राखेस। याकूब इ नाउँ क ऍह बरे चुनेस कि जब उ आपन भाई क हिआँ स परात रहत रहा, तब पहिली दाईं परमेस्सर हिअँई परगट भवा।

रिबका क धाई दबोरा हिअँई मरी रही, उ पचे बेतेल मँ सिन्दूर क बृच्छ क खाले ओका गाड़ दिहन। उ पचे उ ठउर क नाउँ अल्लोनबक्कूत रखेन।

याकूब क नवा नाउँ

जब याकूब पद्दान अराम स लउटा तब परमेस्सर फुन ओकरे समन्वा परगट भवा। परमेस्सर याकूब क असीसेस। 10 परमेस्सर याकूब स कहेस, “तोहार नाउँ याकूब अहइ। मुला मइँ उ नाउँ क बदलब। अब तू याकूब नाही कहवउब्या। तोहार नवा नाउँ इस्राएल होइ।” ऍह बरे एकरे पाछे याकूब क नाउँ इस्राएल भवा।

11 परमेस्सर ओसे कहेस, “मइँ सर्वोच्च परमेस्सर अहउँ अउ तोहका मइँ इ आसीर्बाद देत हउँ तोहरे बहोत संतान होइँ अउर तु एक महान रास्ट्र बनी जाब्या। बहोत सारे रास्ट्र तोहसे अइहीं अउर राजा लोग तोहसे आइहीं। 12 मइँ इब्राहीम अउ इसहाक क इ भुइँया दिहे रहेउँ। अब मइँ इ भुइँया तोहका अउर तोहार सन्तानन क देत अहउँ।” 13 तब परमेस्सर उ जगह तजि दिहस। 14-15 याकूब इ ठउरे प एक स्मृति चट्टान खड़ी किहस, याकूब ओह चट्टान पइ दाखरस अउर तेल क भेंट उड़ेरेस। इ एक खास ठउर रहा काहेकि परमेस्सर हुआँ याकूब स बात किहस अउर याकूब उ ठउर क नाउँ बेतेल राखेस।

राहेल जन्म देत समइ मरी

16 याकूब अउ ओकर दल बेतेल क तजि दिहन। एप्राता आवइ स ठीक पहिले राहेल आपन बच्चन क जन्म देइ लाग। 17 मुला राहेल क इ जन्म स बहोत तकलीफ होइ लाग। ओका बहोत दर्द होत रहा। राहेल क धाई ओका लखेस अउ कहेस, “राहेल, डेराअ जिन। तू एक अउर पूत क जन्म देति अहा।”

18 पूत क जन्म देत समइ राहेल मरि गइ। मरइ क पहिले राहेल बच्चा क नाउँ बेनेानी राखेस। मुला याकूब ओकर नाउँ बिन्यामीन राखेस।

19 एप्राता क आवइवाली सड़क प राहेल क दफनावा गवा। (एप्राता बेतलेहेम अहइ।) 20 अउर याकूब राहेल क सम्मान मँ ओकरी कब्रे प एक ठु चट्टान धरेस। उ खास चट्टान हुआँ आजु तलक बाटइ। 21 तब इस्राएल आपन जात्रा जारी राखेस। उ एदेर बुर्ज खम्बा क ठीक दक्खिन मँ आपन सिबिर डाएस।

22 इस्राएल हुआँ तनिक समइ ठहरा। जब उ हुआँ रहा तब रूबेन इस्राएल क मेहरारु नउकरन बिल्हा क संग सोएस। इस्राएल इ बारे मँ सुनेस अउ बहोत कोहाइ गवा।

इस्राएल क परिवार

याकूब क बारह पूत रहेन।

23 ओकरी मेहरारु लिआ स ओकरे छ: पूत रहेन: रूबेन, सिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून।

24 ओकरी मेहरारु राहेल स ओकरे दुइ पूत रहेन: यूसुफ अउ बिन्यामीन।

25 राहेल क दासी बिल्हा स ओकरे दुइ पूत रहेन: दान अउ नप्ताली।

26 अउर लिआ क दासी जिल्पा स ओकरे दुइ पूत रहेन: गाद अउ आसेर।

इ सबइ क पूत अहइँ जउन पद्दनराम मँ पइदा भए रहेन।

27 मम्रे क किर्यत-अर्बा अर्थात् हेब्रोन मँ याकूब आपन पिता इसहाक क लगे गवा। इ उहइ जगह अहइ जहाँ इब्राहीम अउ इसहाक रहि चुका रहेन। 28 इसहाक एक सौ अस्सी बरिस क रहा। 29 इसहाक बहोत बरिस तलक जिअत रहा। जब उ मरा, उ बहोत बुढ़वा रहा। ओकरे पूत एसाव अउ याकूब ओका हुअँइ दफनाएन जहा ओकरे पिता क दफनावा गवा रहा।

एसाव क परिवार

36 एसाव अर्थात् एदोम क इतिहास अहइ। एसाव कनान देस क मेहररुअन स बियाह किहस। एसाव क मेहररुअन रहिन: आदा, हित्ती एलोन क बिटिया। ओहोलीबामा हिव्वी सिबोन क नतिनी अउ अना क बिटिया। बासमत इस्माएल क बिटिया अउ नबायोत क बहिन। आदा एसाव क एक पूत एलीपज दिहस। बासमत क रूएल नाउँ क पूत भवा। ओहोलीबामा एसाव क तीन पूत दिएस यूस, यालाम अउ कोरह इ सबइ एसाव क पूत रहेन। इ सबइ कनान पहटा मँ पइदा भए रहेन।

6-8 याकूब अउ एसाव क परिवार अब बहोत बाढ़ि गएन अउ कनान मँ इ बड़ा परिवार क खाइ-पिअइ क जुटाइ पाउब कठिन होइ गवा। ऍह बरे एसाव कनान तजि दिहस अउ आपन भाइ याकूब स दूर दूसर पहटा मँ चला गवा। एसाव आपन सबहि चीजन क आपन संग लिआवा। कनान मँ रहत भवा उ सबहि इ चीजन क पाए रहा। ऍह बरे एसाव आपन संग आपन मेहररुअन, पूतन बिटियन सबहि नउकरन, गोरु अउ दूसर सबहि जनावरन क लिहस। एसाव अउ याकूब क परिवार ऍतना बाढ़त रहेन कि ओनका एक जगह प रहब कठिन रहा। उ भुइँया दुइनउँ परिवारे क पेट पालइ बरे जियादा नाही रही। ओनके लगे बहोत जियादा गोरु रहेन। एसाव पहाड़ी पहटा सेइर कइँती बढ़ा। (एसाव क नाउँ एदोम भी अहइ।)

एसाव एदोम क मनइयन क आदि बाप रहा। सेईर क पहाड़ी पहटा मँ बसइयन एसाव क घराने क इ नाउँ अहइँ।

10 एसाव क पूत रहेन: एलीपज, आदा अउ एसाव क पूत। रूएल बासमत अउ एसाव क पूत।

11 एलीपज क पाँच पूत रहेन: तेमान, ओमार, सपो, गाताम अउ कनज।

12 एलीपज क एक तिम्ना नाउँ क उपपत्नी भी रही। तिम्ना अउ एलीपज अमालेक क जन्म दिहन।

13 रूएल क चार पूत रहेन: नहत, जेरह, सम्मा, मिज्जा।

इ सबइ एसाव क मेहरारु बासपत स ओकरे पोता रहेन।

14 एसाव क तीसर मेहरारु अना क बिटिया ओहोलीबामा रही। (अना सिबोन क पूत रहा) एसाव अउ ओहोलीबामा क पूत रहेन: यूस, यालाम, कोरह।

15 एसाव स चलइ वाला बंस इ सबइ ही बाटेन।

एसाव क पहिला पूत एलीपज रहा। एलीपज स तेमान, ओमार, सपो, कनज, 16 कोरह, गाताम, अमालेक भएन।

इ सबहि परिवार एसाव क मेहरारु आदा स भएन।

17 एसाव क पूत रूएल इ परिवारन क आदि पिता रहा: नहत, जेरह, सम्मा, मिज्जा।

इ सबहि परिवार एसाव क मेहरारु बासमात स भएन।

18 अना क बिटिया एसाव क मेहरारु ओहोलीबामा यूस, यालाम अउ कोरह क जन्म दिहन। इ सबइ तीनउँ आपन-आपन घराने क बाप रहेन।

19 इ सबहि परिवार एसाव स चलेन।

20 एसाव क पहिले एदोम मँ सईर नाउँ क एक ठु होरी मनई रहत रहा। सेईर क पूत इ सबइ अहइँ:

लोतान, सोबाल, सिबोन, अना 21 दीसोन, एसेर, दिसान। इ सबइ पूतन आपन परिवार क मुखिया रहेन।

22 लोतान, होरी, हेमाम क बाप रहा। (तिम्ना लोतान क बहिन रही।)

23 सोबल, अल्वान, मानहत एबल सपो, ओनाम क पिता रहा।

24 सिबोन क दुइ पूत रहेन: अय्या अउर अना। (अना उ मनई अहइ जउन आपन पिता क गदहन क देखरेख करत समइ रेगिस्तान मँ गरम पानी क झरना हेरेस।)

25 अना, दीसोन अउ ओहोलीबामा क पिता रहा।

26 दीसोन क चार पूत रहेन: हेमदान, एस्बान, यित्रान, करान।

27 एसेर क तीन पूत रहेन: बिल्हान, जावान, अकान।

28 दीसान क दुइ पूत रहेन: ऊस अउ अरान।

29 इ होरी परिवारन क मुखियन क नाउँ अहइँ। लोतान, सोबाल, सिबोन, अना, 30 दिसोन, एसेर, दीसान। इ सबइ मनइयन ओन परिवारन क मुखिया रहेन जउन सेईर पहटा मँ रहत रहेन।

31 उ टेम एदोम मँ कइउ राजा रहेन। इस्राएल मँ राजा होइ के बहोत पहिले एदोम मँ राजा रहेन।

32 बोर क पूत बेला एदोम मँ राज्ज करइ वाला राजा रहा। उ दिन्हाबा सहर प राज्ज करत रहा।

33 जब बेला मरा तउ योबाब राजा भवा। योबाब बोस्रा क जेरह क पूत रहा।

34 जब योबाब मरा, हूसाम राज्ज किहस। हूसाम तेमानी लोगन क देस क रहा।

35 जब हूसाम मरा, हदद उ पहटा प राज्ज किहस। हदद बदद क पूत रहा। (हदद उ मनई रहा जउन मिद्यानी लोगन क मोआब देस मँ हराए रहा।) हदद अबीत सहर क रहा।

36 जब हदद मरा, सम्ला उ प्रदेस प राज्ज किहस। सम्ला मस्रेक क रहा।

37 जब सम्ला मरा, साऊल उ पहटा प राज्ज किहस। साऊल फरात नदी क किनारे रहोबोत क रहा।

38 जब साऊल मरि गवा, बाल्हानान उ देस प हूकूमत किहस। बाल्हानान अकबोर क पूत रहा।

39 जब बाल्हनान मरा, हदर उ प्रदेस प राज्ज किहस। हदर पाऊ सहर क रहा। मत्रेद क बिटिया हदर क मेहरारु क नाउँ महेतबेल रहा। (मत्रेद क बाप मेजाहब रहा।)

40-43 एदोमी परिवारन,

तिम्ना, अल्बा, यतेत, ओहोलीबामा, एला, पीपोन, कनज, तेमान, मिबसार, मग्दीएल अउ ईराम आदि क बाप एसाव रहा। हर एक परिवार एक ठु अइसे प्रदेस मँ रहत रहा जेकर नाउँ उहइ रहा जउन ओनकइ परिवारे क नाउँ रहा।

सपन क देखइवाला यूसुफ

37 याकूब ठहरि गवा अउ कनान पहटा मँ रहइ लाग। इ उहइ प्रदेस अहइ जहाँ ओकर बाप आइके बसा रहा। याकूब क परिवार क इहइ कथा अहइ।

यूसुफ एक सत्रह बरिस क जवान रहा। ओकर पेसा भेड़ी बोकरियन क देखरेख करब रहा। यूसुफ इ काम अरथ अहइ कि बिल्हा अउ जिल्पा क पूतन क संग करत रहा। (बिल्हा अउ जिल्पा ओकरे बाप क मेहररुअन रहिन।) यूसुफ आपन बाप क आपन भाइयन क बुरी बातन बतावत रहा। यूसुफ उ टेम पइदा भवा जब ओकर पिता इस्राएल बहोत बुढ़वा रहा। ऍह बरे इस्राएल, यूसुफ क आपन दूसर पूतन स बेसी पिआर करत रहा। याकूब आपन पूत क एक खास कोट बनवाएस। इ कोट लम्बा अउ बहोत सुन्नर रहा। यूसुफ क भाइयन लखेन कि ओनकइ बाप ओनसे बेसी यूसुफ क जियादा पिआर करत ह। उ पचे इहइ कारण आपन भाई स घिना करत रहेन। उ पचे यूसुफ स अच्छी तरह बात नाहीं करत रहेन।

एक दाईं यूसुफ एक खास सपन लखेस। पाछे यूसुफ आपन इ सपना क बारे मँ आपन भाइयन क बताएस। एकरे पाछे ओकरे भाई पहिले स भी जियादा ओसे घिना करइ लागेन।

यूसुफ कहेस, “मइँ एक सपना देखेउँ ह। हम पचे सबहि खेते मँ काम करत रहे। हम पचे गोहू क एक साथ बोझ बाँधत रहेन। मोर बोझा खड़ा होइ गवा अउ तू पचन क बोझ मोरे बोझे क चारिहु कइँती घेरि लिहस। तब तोहार सबहिं बोझ मोरे बोझे क निहुरिके प्रणाम किहस।”

ओकर भाइयन कहेन, “का, तू सोचत ह कि ऍकर अरथ अहइ कि तू राजा बनब्या अउर हम पचन प राज्ज करब्या?” ओकर भाइयन यूसुफ स अब अउर बेसी घिना करब सुरु किहेस काहेकि उ ओकरे बारे मँ सपना देखत रहा।

तब यूसुफ दूसर सपना देखेस। यूसुफ आपन भाइयन स इ सपना क बारे मँ बताएस। यूसुफ कहेस, “मइँ दूसर सपना लखेउँ ह। मँइ सूरज, चन्द्रमा अउ गियारह नछत्रन क आपन क प्रणाम करत लखेउँ।”

10 यूसुफ आपन बाप क भी इ सपना क बारे मँ बताएस। मुला ओकर पिता ओका डाँटेस। ओकर पिता कहेस, “इ कउने तरह क सपना अहइ? का तोहका बिस्सास अहइ कि तोहार महतारी, तोहार भाई अउ हम पचे तोहका प्रणाम करिबइ?” 11 यूसुफ क भाई ओहसे बराबर जलन करत रहा। मुला यूसुफ क पिता इ सबहि बातन क बारे मँ बहोत गहराई स बिचार किहस अउ सोचेस कि ओनकइ अरथ का होई?

12 एक दिन यूसुफ क भाई आपन बाप क भेड़िन क देखरेख बरे सकेम गएन। 13 याकूब यूसुफ स कहेस, “सकेम जा। तोहार भाई मोर भेड़िन क साथ हुआँ अहइ।”

यूसुफ जवाब दिहस, “मइँ जाब।”

14 यूसुफ क बाप कहेस, “जा अउ लखा कि तोहार भाई सुरच्छित बाटइ। लौटिके आवा अउ बतावा कि का मोर भेड़िन ठीक अहइँ?” इ तरह यूसुफ क पिता ओका हेब्रोन क घाटी स सकेम क पठएस।

15 सकेम मँ यूसुफ हेराइ गवा। एक मनई ओका खेतन मँ भटकत भवा पाएस। उ मनई कहेस, “तू का हेरत अहा?”

16 यूसुफ उत्तर दिहस, “मइँ आपन भाइयन क हेरत अहउँ। का तू बताइ सकत ह कि उ सबइ आपन भेड़िन क संग कहा अहइँ?”

17 मनई जवाब दिहस, “उ पचे पहिले ही चला गवा अहइँ। मइँ ओनका कहत भवा सुनेउँ कि उ पचे दोतान क जात अहइँ।” ऍह बरे यूसुफ आपन भाइयन क पाछे गवा अउ उ ओनका दोतान मँ पाएस।

यूसुफ गुलामी बरे बेचा गवा

18 यूसुफ क भाइयन बहोत दूर स ओका आवत लखेन। उ पचे ओका मारि डावइ क कुचाल बनावइ क ठान लिहन। 19 भाइयन एक दूसर स कहेन, “इ सपना लखइवाला यूसुफ आवत अहइ। 20 मौका मिलत ही हम पचे ओका मारि डाइ। हम ओकरे तने क झुरान भए इरनन मँ स कउनो एक मँ लोकाइ सकित ह। हम आपन पिता स कहि सकित ह कि एक ठु जंगली जनावर ओका मारि डाएस। तब हम पचे ओका देखाउब कि ओकर सपना बेकार अहइँ।”

21 मुला रूबेन यूसुफ क बचावइ चाहत रहा। रूबेन कहेस, “हम पचे ओका मारि नाही। 22 हम लोग ओका बिना चोट किहे एक ठु नारा मँ नाइ सकित ह।” रूबेन यूसुफ क बचावइ अउर ओकरे बाप क लगे पठवइ क जोजना बनाएस। 23 यूसुफ आपन भाइयन क लगे आवा। उ पचे ओह प धावा बोल दिहन अउ ओकरे लम्बे अउ सुन्नर कोट क फाड़ डाएन। 24 तब उ पचे ओका खाली झुरान इनारा मँ बहाइ दिहन।

25 यूसुफ इनारा मँ ओकर भाइयन क भोजन करइ बरे बइठइ तलक रहा। तब उ पचे नजर उठाएन अउ बइपारियन क एक दल क लखेन। जउन गिलाद स मिस्र क जात्रा प रहेन। ओनकइ ऊँटन कइउ तरह क मसाला अउ धन लइ जात रहेन। 26 ऍह बरे यहूदा आपन भाइयन स कहेस, “अगर हम लोग आपन भाई क मारि देब अउ ओकरी मउत क छुपाउब तउ ओसे हमला का लाभ मिली? 27 हम सबन क बेसी फायदा तब होइ जब हम ओका बइपारियन क हाथ बेचि देइ।” दूसर भाई लोग मान गएन। 28 जब मिद्रयानी बइपारी लोग लगे आएन, भाई लोग यूसुफ क नारा स बाहेर निकारेन। उ पचे बीस ठु चाँदी क टूका मँ ओका बेचि दिहन। बइपारियन ओका मिस्र लइ गएन।

29 इ पूरा टेम रूबेन भाइयन क संग हुआँ नाहीं रहा। उ नाहीं जानत रहा कि उ पचे यूसुफ क बेचि दिहे रहेन। जब रूबेन नारा प लौटिके आवा तउ उ लखेस कि यूसुफ हुआँ नाहीं अहइ। रूबेन बहोत जियादा दुःखी भवा। उ आपन ओढ़ना क फाड़ेस। 30 रूबेन भाइयन क लगे गवा अउ उ ओनसे कहेस, “लरिका कुआँ प नाही अहइ। मइँ का करउँ?” 31 भाइयन एक बोकरी क मारेन अउ ओकरे खून क युसुफ क सुन्नर कोट प डाएस। 32 तब भाईयन उ कोट क आपन पिता क देखाएन अउ कहेन, “हमका इ कोट मिला बाटइ, का इ यूसुफ क कोट अहइ?”

33 बाप कोट क लखेस अउ पहिचानेस कि इ यूसुफ क अहइ। पिता कहेस, “हा, इ उहइ क बाटइ। होइ सकत ह कि ओका कउनो जंगली जनावर मारि डाए होइ। मोरे पूत यूसुफ क कउनो जंगली जनावर खाइ गवा।” 34 याकूब आपन ओढ़ना फाडि डाऐस अउ सोक क ओढ़ना पहिर लिहेस। याकूब लम्बे समइ तलक आपन बेटवा क दुःख अउ सोक मँ पड़ा रहा। 35 याकूब क सबइ बेटवन, बिटियन ओका धीरे बँधावइ क जतन किहन। मुला याकूब कबहु धीरे न धरि सका। याकूब कहेस, “मइँ मरइ क दिन तलक आपन पूत यूसुफ क दुःख मँ डूबा रहब।” अउर याकूब आपन पूत क दुःख परगट करब जारी रखा।

36 ओनॅ मिद्यानी बइपारियन जउन यूसुफ क बेसहे रहेन, पाछे ओका मिस्र मँ बेचि दिहन। उ पचे फिरौन क अंकरच्छकन क सेनापति पोतीपर क हाथ ओका बेचेन।

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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.