Chronological
उत्तराधिकार क झगड़ा
27 जब इसहाक बुढ़ाइ वा तउ ओकर अँखियन नीक नाही रहिन। इसहाक साफ-साफ नाही लखि सकत रहा। एक दिन उ आपन बड़का पूत एसाव क बोलाएस। इसहाक कहेस, “बेटवा!”
एसाव जवाब दिहस, “हाँ, पिताजी!”
2 इसहाक कहेस, “लखा, मइँ बुढाइ गवा अहउँ। होइ सकत ह कि मइँ हाली ही मरि जाउँ। 3 अब तू आपन तीरन अउ धनुख लइके, मोरे खातिर सिकार प जा। मोरे खाइ बरे एक ठु जनावर मारि लिआवा। 4 मोर मनचाहा खइया क बनावा। ओका मोरे लगे लिआवा, अउर मइँ एका खाब। तब मइँ मरइ स पहिले असीसब।” 5 ऍह बरे एसाव सिकार करइ गवा।
रिबका उ सबइ बात सुनि लिहे रही, जउन इसहाक आपन पूत एसाव स कहेस। 6 रिबका आपन पूत याकूब स कहेस, “सुना, मइँ तोहरे बाप क, तोहरे भाई स बतियात सुनेउँ ह। 7 तोहार पिता कहेस, ‘मोरे खाइ बरे एक जनावर मारा। मोरे बरे भोजन बनावा, अउ मइँ ओका खाब। तब मइँ मरइ क पहिले तोहका आसीर्बाद देबा’ 8 ऍह बरे पूत सुना। मइँ जउन कहति अहउँ, करा। 9 आपन बोकरियान क बीच जा अउ दुइ नई बोकरी लिआवा। मइँ ओनका वइसा बनाउब जइसा तोहरे पिता क सोहाइ। 10 तबइ तू उ भोजन आपन पिता क लगे लइ जाब्या अउ उ मरइ क पहिले तोहका ही आसीर्बाद देइ।”
11 मुला याकूब आपन महतारी रिबका स कहेस, “मुला मोर भाई रोंवादार अहइ अउ मइँ ओकरी जगह रोवांदार नाहीं अहउँ। 12 जदि मोर बाप मोका छुअत ही, तउ जान लेइहीं कि मइँ एसाव नाही अहउँ। तब उ पचे मोका आसीर्बाद नाही देइहीं। उ पचे मोका सरापिही काहेकि मइँ ओनके संग छल-कपट करइ क जतन किहेउँ ह।”
13 यह पइ रिबका ओसे कहेस, “जदि कउनो परेसानी होइ तउ मइँ आपन दोख मान लेब। जउन मइँ कहति हउँ करा। जा, मोरे बरे बोकरियन लिआवा।”
14 याहूब ऍह बरे बाहेर गवा अउ उ दुइ बोकरियन क धरेस अउ आपन महतारी क लगे लइ आवा। ओकर महतारी इसहाक क पसंद क अनुसार विसेख तरीका स पकाएस। 15 तब रिबका उ पोसाक क उठाएस जउन ओकर बड़का पूत एसाव पहिरब पसंद करत रहा। रिबका आपन छोटका पूत याकूब क ओढ़ना पहिराइ दिहस। 16 रिबका बोकरियन क चाम क लिहस अउ याकूब क हाथे अउर गला प बाँध दिहस। 17 तब रिबका आपन पकावा भोजन उठाएस अउ ओका याकूब क दिहस।
18 याकूब पिता क लगे गवा अउ बोला, “पिता जी।”
अउर ओकर पिता पूछेस, “हा पूत, तू कउन अहा?”
19 याकूब आपन पिता स कहेस, “मइँ आप क बड़का बेटवा एसाव अहउँ। आप जउन कहेन ह, मइँ कर दिहेउँ ह। अब आप बइठइँ अउ ओन जनावरन क खाइँ जेनकइ सिकार मइँ आप क बरे किहेउँ ह। तब आप मोका आसीर्बाद दइ सकत ही।”
20 मुला इसहाक आपन पूत स कहेस, “तू ऍतनी हाली सिकार कइके जनावरन क कइसे मार्या ह?”
याकूब जवाब दिहस, “काहेकि आप क परमेस्सर यहोवा मोका हाली ही जनावरन क दियाइ दिहस।”
21 तब इसहाक याकूब स कहेस, “मोर पूत मोरे लगे आवा जेहसे मइँ तोहका छुइ सकउँ। जदि मइँ तोहका छुइ सकउँ तउ मइँ इ जान जाब कि तू असलियत मँ मोर पूत एसाव अहा।”
22 याकूब आपन बाप इसहाक क लगे गवा। इसहाक ओका छुएस अउ कहेस, “तोहार आवाज याकूब जइसी अहइ। मुला तोहार बाँहन एसाव क रोंवादार बाहन क नाईं अहइँ।” 23 इसहाक इ नाहीं जान पावा कि इ याकूब अहइ काहेकि ओकर बाँह एसाव क बाँह क नाईं रोंवादार रहिन। ऍह बरे इसहाक याकूब क असीसेस।
24 इसहाक कहेस, “का सचमुच तू मोर पूत एसाव अहा?”
याकूब जवाब दिहस, “हाँ, मइँ अहउँ।”
याकूब बरे आसीर्बाद
25 तब इसहाक कहेस, “भोजन लिआवा। मइँ एका खाब अउ तोहका असीर्बाद देब।” ऍह बरे याकूब ओका भोजन दिहस अउ उ खाएस। याकूब ओका दाखरस दिहस, अउर उ ओका पिएस।
26 तब इसहाक ओसे कहेस, “पूत मोरे निचके आवा अउ मोका चूमा।” 27 ऍह बरे याकूब आपन बाप क लगे गवा अउ ओका चूमेस। इसहाक एसाव क ओढ़ना क गन्ध पाएस अउ ओका असीसेस। इसहाक कहेस,
“अहा, मोर पूत क सुगन्ध यहोवा स बरदान पाइ गए
खेतन क सुगन्धि क नाईं बाटइ।
28 यहोवा तोहका बहोत बर्ख देइ।
जेसे तोहका बहोत फसिल अउ दाखरस मिलइ।
29 सब लोग तोहार सेवा करइँ।
रास्ट्र तोहरे समन्वा निहुरइ।
तू आपन भाई लोगन क ऊपर राज्ज करब्या।
तोहरी महतारी क पूत तोहरे समन्वा निहुरिही अउ तोहार हुकुम मनिही।
हर एक मनई जउन तोहका सरापी, सराप पाइ
अउ हर एक मनई जउन तोहका आसीर्बाद देइ, आसीर्बाद पाइ।”
एसाव क “आसीर्बाद”
30 इसहाक याकूब क आसीर्बाद देब पूरा किहेस। तब जइसेन ही याकूब आपन बाप इसहाक क निचके स गवा, बइसेन ही एसाव सिकार कइके भीतर आवा। 31 एसाव आपन पिता क मनचाहा भोजन बनाएस। एसाव ऍका आपन पिता क निचके लिआवा। उ आपन पिता स कहेस, “पिता जी, उठइँ अउ उ भोजने क खाइँ जउन आपका पूत आप क बरे मारेस ह। तब आप मोका आसीर्बाद दइ सकत ही।”
32 मुला इसहाक ओसे कहेस, “तू कउन अहा?”
उ जवाब दिहस, “मइँ आप क पहिलौठी पूत एसाव अहउँ।”
33 तब इसहाक बहोतइ परेसान होइ गवा अउ बोला, “तब तोहरे आवइ स पहिले उ कउन रहा? जउन भोजन बनाएस अउ मोरे संग लावा। मइँ उ सब खाएउँ अउ ओका आसीर्बाद दिहेउँ। अब आपन आसीर्बाद क लउटावइ क टेम निकरि गवा अहइ।”
34 एसाव आपन पिता क बात सुनेस। उ बहोतइ गुस्साइ गवा अउ करुआइ गवा। उ चिचियान। उ आपन बाप स कहेस, “पिताजी, तब मोका भी आसीर्बाद देइँ।”
35 इसहाक कहेस, “तोहार भाई मोका धोखा दिहेस। उ आवा अउ तोहार आसिर्बाद लइके गवा।”
36 एसाव कहेस, “ओकर नाउँ ही याकूब अहइ। इ नाउँ ओकरे बरे ठिक ही अहइ। ओकर इ नाउँ बिल्कुल ठीक ही रखा गवा अहइ। उ फुरइ चालबाज अहइ। उ मोका दुइ दाईं धोखा दिहेस। उ पहिलउठी होइ क मोरे आधिकार क लइ ही चुका बाटइ अउर अब उ मोरे हीसा क आसीर्बाद क भी लइ लिहस।” तब एसाव कहेस, “का आप मोरे बरे कउनो आसीर्बाद बचाइके रख्या ह?”
37 इसहाक जवाब दिहस, “नाही, अब बहोत देर होइ गइ। मइँ याकूब क तोहरे ऊपर राज्ज करइ क आधिकार दइ दिहेउँ ह। मइँ इ भी कहि दिहेउँ ह कि सब भाई ओकर सेवक होइही। मइँ ओका बहोत जियादा अन्न अउ दाखरस क आसीर्बाद दिहेउँ ह। पूत तोहका देइ क कछू नाही बचा अहइ।”
38 मुला एसाव आपन पिता स माँगत रहा। “पिता जी, का आप क लगे एक भी आसीर्बाद नाही बाटइ? पिताजी, मोका भी असीसा।” अइसेन एसाव रोवइ लाग।
39 तब इसहाक ओसे कहेस,
“तू अच्छी भुइँया प नाही रहब्या।
तोहरे लगे बहोत जियादा अन्न नाही होइ।
40 तोहका जिअइ बरे संघर्स करइ क होइ
अउर तू आपन भाई क दास होब्या।
मुला तू अजादी बरे लड़ब्या,
अउ ओकरे राज्ज स अजाद होइ जाब्या।”
41 एकरे पाछे इ आसीर्बाद क कारण जउन ओकर पिता दिए रहे एसाव याकूब स घिना करत रहा। एसाव मन ही मन सोचेस, “मोर बाप हाली ही मरि जाइ अउ मइँ ओकर दुःख मनाउब। मुला ओकरे पाछे मइँ याकूब क मारि डाउब।”
42 जब रिबका याकूब क मारइ बरे एसाव क जोजना क सुनेस। तउ उ याकूब क बोलाएस अउर कहेस, “सुना, तोहार भाई एसाव तोहका मारि डावइ बरे जोजना बनावत ह। 43 ऍह बरे पुत जउन मइँ कहति हउँ, करा। मोर भाई लाबान हारान मँ रहत ह। ओकरे पास जा अउ लुकान रहा। 44 ओकरे लगे तनिक टेम तलक रहा जब तलक तोहरे भाई क किरोध नाही उतरत। 45 तनिक समइ पाछे तोहार भाई भूलि जाइ कि तू ओनके संग का किहा? तब मइँ तोहका लउटावइ बरे एक ठु नउकर क पठउब। एक ही दिन दुइनउँ पूतन क मइँ खोइ देइ नाही चाहित।”
46 तब रिबका इसहाक स कहेस, “तोहरा पूत एसाव हित्ती मेहरारुअन स बियाह कइ लिहस ह। मइँ इ मेहररुअन स तंग भए गवा अहउँ काहेकि इ सबइ हमरे परिवार क लोगन मँ स नाही अहइँ। अगर याकूब भी इ मेहररुअन मँ स कउनो क संग बियाह करत ह तउ मइँ मरि जाइ चाहबिउँ।”
28 इसहाक याकूब क बोलाएस अउ ओका आसीर्बाद दिहस। तब इसहाक ओका हुकुम दिहस। इसहाक कहेस, “तू कनानी मेहरारु स बियाह नाही कइ सकत्या। 2 ऍह बरे इ ठउर क तजा अउ पद्दन-अराम क जा। आपन नाना बतूएल क घराना मँ जा। हुआँ तोहार मामा लाबान रहत ह। ओकरी कउनो एक बिटिया स बियाह करा। 3 मइँ पराथना करत हउँ कि सब स सर्वसक्तीमान परमेस्सर तोहका आसीर्बाद देइ अउ तोहका बहोत स पूत देइ। मइ पराथना करत हउँ कि तू एक बड़का रास्ट्र क पिता बना। 4 मइँ पराथना करत हउँ कि जउने तरह परमेस्सर इब्राहीम क बरदान दिहे रहा उहइ तरह उ तोहका भी आसीर्बाद देइ। मइँ पराथना करत हउँ कि परमेस्सर तोहका इब्राहीम क आसीर्बाद देइ, मइँ पराथना करत हउँ कि तू जहा भी रहा उ धरती तोहार कब्जा मँ होइ। इ उहइ धरती अहइ जउन परमेस्सर इब्राहीम क दिहे रहा।”
5 इ तरह इसहाक याकूब क पद्दन-अराम क पहँटा क पठएस। याकूब आपन मामा लाबान क लगे गवा। अरामी बतूएल लाबान अउ रिबका क पिता रहा अउ रिबका याकूब अउ एसाव क महतारी रही।
6 एसाव क पता चला कि ओकर बाप इसहाक याकूब क आसीर्बाद दिहेस ह अउ याकूब क पद्दन-अराम मँ एक ठु मेहरारु क खोज बरे पठएस ह। एसाव क इ भी पता लाग कि इसहाक याकूब क आदेस दिहेस ह कि उ कनानी मेहरारु स बियाह न करइ। 7 एसाव इ समझेस कि याकूब आपन महतारी बाप क हुकुम मानेस अउ उ पद्दन-अराम क चला गवा। 8 एसावा एहसे इ समझेस कि ओकर बाप इ नाही चाहत कि ओकर पूत लोग कनानी मेहररुअन स बियाह करइँ। 9 एसाव क दुइ मेहररुअन पहिले स ही रहिन। मुला उ इस्माएल क बिटिया महलत स बियाह किहस। इस्माएल इब्राहीम क पूत रहा। महलत नबायोत क बहिन रही।
बेतेल-परमेस्सर क घर
10 याकूब बेर्सेबा क तजि दिहस अउ उ हारान क चला गवा। 11 याकूब क जात्रा करत समइँ मँ सूरज बूड़ गवा रहा। ऍह बरे याकूब रात बितावइ बरे एक जगह ठहर जाइ बरे गवा। याकूब उ जगह एक ठु चट्टान लखेस सोवइ बरे आपन मूँड़ धरेस। 12 याकूब सपन देखेस। उ लखेस कि एक सिड्ढी भुइँया स सरगे तलक पहोंची अहइ। 13 याकूब सरगदूत क सिड्ढी प चढ़त उतरत लखेस अउ यहोवा क सिड्ढी क लगे खड़ा निहारेस। यहोवा कहेस, “मइँ तोहरे पितामह इब्राहीम क परमेस्सर यहोवा अहउँ। मइँ इसहाक क परमेस्सर अहउँ। मइँ तोहका उ भुइँया देब जेह प तू अब सोवत अहा। मइँ इ भुइँया तोहका अउ तोहरे संतानन क देब। 14 तोहार संतानन ओतना ही होइही जेतना भुइँया प माटी क कण बाटेन। उ पचे पूरब, पच्छिम, उत्तर अउ दक्खिन चारिहू कइँती फइलिही। धरती क सबहि परिवार तोहरे संतानन क कारण बरदान पइही।
15 “मइँ तोहरे संग अहउँ अउर मइँ तोहार रच्छा करब। जहा भी जाब्या अउ मइँ इ भुइँया प तोहका लउटाइ लिआउब। मइँ तोहका तब तलक नाही तजि देब जब तलक मइँ उ नाही कइ लेब जउन मइँ करइ क बचन दिहेउँ ह।”
16 तब याकूब आपन नीदं स उठा अउ बोला, “मइँ जानत हउँ कि यहोवा इ जगह प अहइ। मुला हिआँ जब तलक मइँ सोएउँ नाही रहे उ मइँ नाही जानत रहेउँ कि उ हिआँ अहइँ।”
17 याकूब डेरान। उ कहेस, “इ बहोत महिमा क जगह अहइ। इ तउ परमेस्सर क भवन अहइ। इ तउ सरग क दुआर अहइ।”
18 याकूब दूसर दिन बहोत भिन्सारे उठा। याकूब उ सिला क उठाएस अउ ओका किनारे स ठाड़ कइ दिहस। तब उ यह पइ तेल चढ़ाएस। इ तरह उ ऍका परमेस्सर बरे एक स्मृति पाथर बनाएस। 19 उ जगह क नाउँ लूज रहा मुला याकूब ओका बेतेल नाम दिहस।
20 तब याकूब एक बचन दिहस। उ कहेस, “जदि परमेस्सर मोरे संग रही अउ अगर परमेस्सर, जहा भी मइँ जात अहउँ, हुआँ मोर रच्छा करी। अगर परमेस्सर मोका खाइ क भोजन अउ पहिरइ क ओढ़ना देइ। 21 अगर मइँ आपन पिता क लगे सान्ति स लउटब, जदि परमेस्सर इ सबहि चिजियन करी, तउ यहोवा मोर परमेस्सर होइ। 22 इ जगह, जहा मइँ इ पाथर स्मृति पाथर क रुप मँ खड़ा किहेउँ ह, परमेस्सर क पवित्र ठउर होइ, अउ परमेस्सर जउन कछू मोका देइ ओकर दसवाँ हीसां मइँ तोहका देब।”
याकूब राहेल स मिलत ह
29 तब याकूब आपन जात्रा जारी रखेस। उ पूरब क देस मँ गवा। 2 याकूब निगाह किहेस, उ मइदान मँ एक नारा लखेस। हुआँ इनारा क नगिचे भेड़ी क तीन झुण्ड पड़ी रहिन। इहइ एक नारा रहा जहा इ सबइ भेड़िन पानी पिअत रहिन। हुआँ एक बड़ी सिला स नारा क मुँइ मूँदा रहा। 3 जब सबहि भेड़िन हुआँ बदुर जात रहिन तउ गड़रिया चट्टान क नारा क मुँहे प स हटावत रहेन। तब सबहि भेड़िन ओकर चल पी सकत रहिन। जब भेड़िन पी चुकत रहिन तब गड़रिया सिला क फुन अपनी जगह प रख देत रहेन।
4 याकूब हुआँ गड़रिया स कहेन, “भाईयन, आप लोग कहा क अहइँ?”
उ पचे जवाब दिहन, “हम पचे हारान क अही।”
5 तब याकूब कहेस, “का आप लोग नाहोर क पूत लाबान क जानत ही?”
गड़रियन जवाब दिहेन, “हम पचे ओका जानित ह।”
6 तब याकूब पूछेस, “उ कुसल स तउ अहइ?”
उ पचे कहेन, “उ सबइ ठीक अहइँ। सब कछू बहोत नीक अहइ। लखा, उ ओकर बिटिया राहेल आपन भेड़िन क संग आवति अहइ।”
7 याकूब कहेस, “लखा, अबहि दिन अहइ अउ सूरज बूड़इ मँ अबहि, काफी देर बाटइ। रात बरे जनावरन क बटोरइ क अबहि टेम नाही बा। ऍह बरे ओनका पानी द्या अउ ओनका मइदान मँ लौटि जाइ द्या।”
8 मुला उ गड़ेरियन कहेन, “हम पचे इ सबइ तब तलक नाही कइ सकित जब तलक सबहि झुण्ड नाही बटुरि जातिन। तब हम पचे सिला क नारा स हटाइब अउ सब भेड़िन पानी पीइही।”
9 याकूब जब गड़ेरियन लोगन स बात करत रहा तब राहेल आपन बाप क भेड़िन क संग आइ। (राहेल क काम भेड़िन क देख रेख करब रहा।) 10 राहेल लाबान क बिटिया रही। लाबान, रिबका क भाई रहा, जउन याकूब क महतारी रही। जब याकूब राहेल क लखेस तउ जाइके सिला क हटाएस अउ भेड़िन क पानी पियाएस। 11 तब याकूब राहेल क चूमेस अउ भोंकारा मारिके रोएस। 12 याकूब बताएस कि मइँ तोहरे बाप क खानदान स अहउँ। उ राहेल क बताएस कि मइँ रिबका क पूत अहउँ। ऍह बरे राहेल घर क पराइ गइ अउ आपन बाप स कहेस।
13 लाबान आपन बहिन क पूत याकूब क बारे मँ खबरिया सुनेस। ऍह बरे लाबान ओसे भेटंइ परान। लाबान ओसे गले मिला, ओका चूमेस अउ ओका आपन घरे लइ आवा। याकूब जउन कछू भवा रहा, ओका लाबान क बताएस।
14 तब लाबान कहेस, “बहोत अच्छी बात अहइ तू हमरे खानदाने स अहा।” ऍह बरे याकूब लाबान क संग एक महीना तलक रहा।
लाबान याकूब क धोखा देत ह
15 एक दिन लाबान याकूब स कहेस, “इ ठीक नाही अहइ कि तू हमरे हिआँ बे पगारे क काम करतइ रहा। तू नातेदार अहा, नउकर नाही। मइँ तोहका का पगार देउँ?”
16 लाबान क दुइ बिटिया रहिन। बड़की लिआ रही अउ लहुरी राहेल।
17 राहेल सुन्नर रही अउ लिआ क आँखियन कमजोर अउ धुँधरी रहिन। 18 याकूब राहेल स पिरेस करत रहा। याकूब लाबान स कहेस, “जदि तू मोका आपन बिटिया राहेल क संग बियाह करइ द्या तउ मइँ तोहरे हिआँ सात बरिस तलक काम कइ सकत हउँ।”
19 लाबान कहेस, “इ ओकरे बरे नीक होइ कि कउनो दूसर क बजाय उ तोहसे बियाह करइ। ऍह बरे मोरे संग ठहरा।”
20 ऍह बरे याकूब ठहरा अउ सात बरिस तलक लाबान बरे काम करत रहा। लेकिन इ समइ ओका बहोत कम लगा काहेकि उ राहेल स पिरेम करत रहा।
21 सात बरिस क पाछे उ लाबान स कहेस, “मोका राहेल क द्या जेहसे मइँ बियाह करउँ। तोहरे हिआँ मोरे काम करइ क टेम पूर होइ गवा।”
22 ऍह बरे लाबान उ जगह क सब लोगन क एक भोज दिहस। 23 उहइ राति लाबान आपन बिटिया लिआ क याकूब क लगे लावा। याकूब अउ लिआ अपुस मँ तन क संबंध जोड़ेन। 24 (लाबान आपन बिटिया बरे, दासी क रुप मँ आपन नउकरानी जिल्पा क दिहस।) 25 भिन्सारे याकूब जानेस कि उ लिआ क संग सोवा रहा। याकूब लाबान स कहेस, “तू मोका धोखा दिहा ह। मइँ तोहरे बरे कठिन मेहनत ऍह बरे किहेउँ कि मइँ राहेल स बियाह कइ सकउँ। तू मोका धोखा काहे दिहा ह?”
26 लाबान कहेस, “हम पचे आपन देस मँ लहुरी बिटिया क जेठ बिटिया स पहिले बियाह नाहीं करइ देइत। 27 मुला बियाह क रस्म क पूरा हफता तलक मनावत रहा अउ मइँ राहेल क भी तोहका बियाह बरे देब। मुला तोहका सात बरिस तलक मोर सेवा करइ क पड़ी।”
28 ऍह बरे याकूब इहइ किहस अउ हप्ता क बिताएस। तब लाबान आपन बिटिया राहेल क भी ओका आपन मेहरारु क रुप मँ दिहस। 29 (लाबान आपन बिटिया राहेल क दासिनी क रुप मँ आपन नउकरानी बिल्हा क दिहस।) 30 ऍह बरे याकूब राहेल क संग भी तने क सम्बंध किहस अउ याकूब राहेल क लिआ स जियादा पियार किहस। याकूब लाबान बरे अउर सात बरिस तलक काम किहस।
याकूब क परिवार बाढ़त ह
31 यहोवा लखेस कि याकूब लिआ स जियादा राहेल क पिआर करत ह। ऍह बरे यहोवा लिआ क इ जोग्ग बनाएस कि उ बच्चन क जन्म दइ सकइ। मुला राहेल क कउनो लरिका नाही भवा।
32 लिआ एक पूत क जन्म दिहस। उ ओकर नाउँ रुबेन राखेस। लिआ ओकर नाउँ ऍह बरे राखेस काहेकि उ कहेस, “यहोवा मोरे कष्टन क लखत ह। मोर पति मोका पिआर नाही करत, ऍह बरे होइ सकत ह कि मोर भतार अब मोसे पिआर करइ।”
33 लिआ फिन गरभधारण किहस अउ उ दूसर पूत क जन्म दिहस। उ इ पूत क नाउँ सिमोन रखेस। लिआ कहेस, “यहोवा सुनेस कि मोका पिआर नाही मिलत, ऍह बरे उ मोका इ पूत दिहस।”
34 लिआ फुन गरभधारण किहस अउ एक ठु अउर पूत क जन्मेस। उ पूत क नाउँ लेवी धरेस। लिआ कहेस, “अब फुरइ मोर भतार मोका पिआर करी। मइँ ओका तीन पूत दिएउँ ह।”
35 तब लिआ एक अउर पूत क जन्मेस। उ इ लरिका क नाउँ यहूदा धरेस। लिआ ओका इ नाउँ दिहस काहेकि उ कहेस, “अब मइँ यहोवा क स्तुति करब”। तब लिआ क बच्चा होब बन्द होइ गवा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.