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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
उत्पत्ति 19-21

लूत क अतिथि

19 1-2 ओनमाँ स दुइ सरगदूत संझा क सदोम सहर मँ आएन। लूत सहर क दुआर प बइठा रहा अउ उ सरगदूतन क लखेस। लूत विचारेस कि उ पचे सहर क बीचउ बीच स जात्रा करत अहइँ। लूत उठा अउ सरगदूतन क लगे गवा अउ भुइँया तलक निहुरा। लूत कहेस, “महोदय, कृपा कइके मोरे घर चलइँ अउर मइँ आप लोगन क सेवा करब। हुआँ आप लोग आपन गोड़ धोइ सकत ही अउर रात मँ रुकि सकत ही। तब भियान आप लोग आपन जात्रा सुरु कइ सकत ही।”

सरगदूतन जवाब दिहन, “नाहीं, हम पचे सहर क चौराहे मँ रुकब।”

मुला लूत आपन घर चलइ बरे बार बार कहत रहा। इ तरह सरगदूत लूत क घर जाइ बरे तइयार होइ गएन। जब उ पचे घरे पहोंचेन तउ लूत ओनका कछू पिअइ बरे लइ आवा। लूत ओनके बरे रोटी बनाएस। लूत क बनावा भवा भोजन सरगदूत खाएन।

उ संझा क सोवइ क टेम स पहिले ही उ सबइ मँ स सदोम क जवान अउर बूढ़े दुइनउँ मनइयन लूत क घरे आएन। सदोम क मनइयन लूत क घर घेरि लिहन अउ पूछेन। उ पचे कहेन, “आज राति क जउन लोग तोहरे लगे आएन, उ सब दुइनउँ मनई कहा बाटेन? उ मनइयन क बाहेर हमका दइ द्या। हम ओनके संग संभोग करइ चाहत ह।”

लूत बाहेर निकरा अउ आपन पाछे स दरवाजा बंद कइ दिहस। लूत मनइयन स कहेस, “नाही मोर भाई लोगो, मइँ बिनती करत हउँ कि आप इ बुरा कर्म न करइँ। लखा, मोरे दुइ बिटिया अहइँ, उ सबइ ऍकरे पहिले कउनो मनई क संग नाही सोई अहइँ। मइँ आपन बिटियन क तू मनइयन क दइ देत अहउँ। तू लोग ओनके संग जउन चाहा कइ सकत ह। मुला इ मनइयन क संग कछू न करा। इ सब लोग हमरे घरे आवा अहइँ अउर मइँ ऍनकइ रच्छा जरुर करब।”

घरे क चारिहु कइँती क मनइयन जवाब दिहन, “राहे स हटि जा।” तब मनइयन आपन मने मँ बिचार किहन, “इ मनई लूत हमरे सहर मँ मेहमान क रुप मँ आवा अहइ। अब इ सिखावइ चाहत ह कि हम पचे कैसे जिन्नगी गुजारइ चाही।” तब उ पचे लूत स कहेन, “हम पचे ओनसे भी जियादा बुरा तोरे संग करब।” ऍह बरे उ मनइयन लूत क घेरि क ओकरे निअरे आउब सुरु किहन। उ सबइ दरवाजा क तोड़िके खोलइ चाहत रहेन।

10 मुला लूत क संग क ठहरे भए मनइयन दरवाजा खोलेन अउ लूत क घरे क भीतर हीच लिहेन। तब उ पचे दरवाजा बंद कइ दिहन। 11 दुइनउँ मनइयन दरवाजे क बाहरे क मनइयन क आँधर कइ दिहन। इ तरह घरे मँ घुसरइ क जतन करइ वालन जवान अउ बुढ़वा सबइ आँधर होइ गएन अउर दरवाजा न पाइ सकेन।

सदोम स बच निकरब

12 दुइनउँ मनइयन लूत स कहेन, “का इ सहर मँ अइसा कउनो मनई अहइ जउन तोहरे परिवारे क बाटइ? का तोहार दामाद, तोहार बिटिया या दूसर कउनो तोहरे परिवारे क मनई अहइ? जदि कउनो दूसर इ सहर मँ तोहरे परिवार क बाटइ तउ तू अबहि सहर तजि देइ बरे कहि द्या। 13 हम पचे इ सहर क बर्बाद करब। यहोवा ओन सबहि बुराइयन क सुनि लिहे अहइ जउन इ सहर मँ अहइ। ऍह बरे यहोवा हम मनइयन क ऍका नास करइ बरे पठए अहइ।”

14 ऍह बरे लूत बाहेर गवा अउ आपन दूसर बिटियन स बियाह करइ वालन दामादन स बात किहेस। लूत कहेस, “हाली करा अउ इ सहर क तजि द्या। यहोवा ऍका फउरन बर्बाद कइ देइ।” मुला उ मनइयन समझेन कि लूत मजाक करत बाटइ।

15 दूसर दिन भिन्सारे भोर क टेम ही सरगदूत लूत स हाली करइ क कोसिस किहस। उ पचे कहेन, “लखा इ सहर क सजा मिली। ऍह बरे तू आपन मेहरारु अउ तोहरे संग जउन दुइ बिटियन जउन अबहि तलक अहइँ, ओनका लइके इ जगह तजि द्या। तबहि तू सहर क संग बर्बाद न होब्या।”

16 मुला लूत देर करइ लगा अउ सहर तजि देइ क उ हाली नाही किहेस। ऍह बरे सरगदूतन लूत, ओकर मेहरारु अउ ओकर दुइनउँ बिटियन क हाथ धइ लिहन, काहेकि ओन पइ यहोवा क द्या रहा। उ दुइनउँ लूत अउ ओकरे परिवार क सहर क बाहेर पहोंचाएन। लूत अउ ओकरे परिवार प यहोवा क कृपा रही। 17 ऍह बरे दुइनउँ लूत अउ ओकरे परिवार क सहर क बाहेर पहोंचाएइ दिहन। जब उ पचे बाहेर होइ गएन तउ ओनमाँ स एक कहेस, “आपन जिन्नगी बचावइ बरे पराइ जा। सहर कइँती घूमिके जिन लखा। इ घाटी मँ कउनो जगह जिन रूका। तब तलक परात रहा जब तलक पहाड़े मँ न जाइके पहोंचा। अगर तू अइसा नाही करत्या, तउ तू सहर क संग नस्ट होइ जाब्या।”

18 तब लूत दुइनउँ स कहेस, “श्रीमान लोगो, कृपा कइके ऍतना दूर दौड़इ बरे बेबस जिन करा। 19 आप लोग मो सेवक प ऍतनी कृपा किहा ह। आप लोग मोका बचावइ क कृपा किहा ह। मुला मइँ पहाड़ी ताईं नाही दौड़ि सकत हउँ। अगर मइँ जरुरत स जियादा धीमे धीमे दौड़उँ तउ कछू बुरा होइ अउ मइँ मारा जाब। 20 मुला लखइँ हिआँ निअरे एक बहोत छोटा सहर बाटइ। हम पचन क उ सहर तलक दौड़इ द्या। तब हमार जिन्नगी बचि जाइ।”

21 सरगदूत लूत स कहेस, “ठीक बाटइ, मइँ तोहका अइसा ही करइ देब। मइँ उ सहर क नास नाहीं करब जेहमाँ तू जात अहा। 22 मुला हुआँ तलक तेज दउड़ा। मइँ तब तलक सदोम क बर्बाद नाही करब जब तलक तू उ सहर मँ सुरच्छित नाही पहोंच जात्या।” (इ सहर क नाउँ सोअर अहइ काहेकी इ छोट अहइ।)

सदोम अउ अमोरा बर्बाद कीन्ह गएन

23 जब लूत सोअर मँ घुसत रहा, भिन्सारे क सूरज चमकइ लाग 24 अउर यहोवा सदोम अउ अमोरा क बर्बाद करब सुरु कइ दिहस। यहोवा आगी अउ बरत भवा गन्धक क अकासे स खाले बरसाएस। 25 इ तरह यहोवा उ सहरन क अउर समूची घाटी क बर्बाद कइ दिहस अउ सबहि जिअत मनइयन अउ सबहि पेड़-पौधन क बर्बाद कइ दिहस।

26 जब उ पचे परात रहेन, तउ लूत क मेहरारु घूमिके सहर क निहारेस। जब उ घूमिके लखेस तब उ एक नोन क भीटा होइ गइ।

27 उहइ दिना बहोत तड़के इब्राहीम उठा अउ उ ठउरे प गवा जहा उ यहोवा क समन्वा ठाड़ होत रहा। 28 इब्राहीम सदोम अउ अमोर सहरन कइँती निगाह दौड़ाएस। इब्राहीम उ घाटी क समूची भुइँया कइँती लखेस। इब्राहीम उ पहटा स उठत भए घना धुआँ क लखेस। बड़ी खौफनाक आगी स उठत धुआँ क तरह उ देखाइ पड़ा।

29 परमेस्सर घाटी क सहरन क नास कइ दिहस। परमेस्सर इब्राहीम क याद किहस अउर लूत क नास नाहीं किहेस। जब उ ओन सहरन क नास किहेस जेहमा लूत रहत रहेन।

लूत अउ ओकर बिटियन

30 लूत सोअर मँ लगातार रहइ स डोरान। ऍह बरे उ अउ ओकर दुइनउँ बिटियन पहाड़न मँ गएन अउर उ हुवँइ रहइ लगेन। उ पचे हुवाँ एक गुफा मँ रहत रहेन। 31 एक दिना बड़की बिटिया छोटकी बिटिया स कहेस, “भुइँया प चारिहु कइँती मनसेधू अउ मेहरारु बियाह करत हीं। मुला हिआँ आसपास कउनो मनसेधू नाहीं जेहसे हम बियाह करी। हम पचन क पिता बुढ़ाइ ग बाटेन। 32 ऍह बरे हम पचे आपन पिता का प्रयोग लरिकन क जन्म देइ बरे करी जेसे हम लोगन क बंस चलि सकइ। हम लोग आपन पिता क लगे चलब अउ अंगूरे क दाखरस पिआउब अउ ओका नसा मँ बुत्त कइ देब। तब हम ओकरे संग सोइ सकित ह।”

33 उहइ राति दुइँनउँ बिटियन आपन पिता क लगे गइन अउ ओका उ पचे दाखरस पिआइके नसा मँ बुत्त कइ दिहन। तब बड़की बिटिया पिता क बिछउना मँ गइ अउ ओकरे संग सोइ गइ। लूत जियादा नसा मँ बुत्त रहा। ऍह बरे इ न जानि सका कि ओकरे संग कउन सोएस।

34 दूसर दिन बड़की बिटिया छोटकी बिटिया स कहेस, “पिछली राति मइँ आपन पिता क संग सोएउँ। आवा इ रात फुन हम ओका दाखरस पिआइके नसा मँ बुत्त कइ देइ। तब तू ओकरे बिछउना मँ जाइ सकत ह अउर ओकरे संग सोइ सकत ह। इ तरह हम पचन क आपन पिता क प्रयोग लरिकन क जन्म दइके आपन बंस चलावइ बरे करइ चाही” 35 ऍह बरे उ दुइनउँ बिटियन आपन पिता क दाखरस पिआइके नसा मँ बुत्त कइ दिहन। तब छोटकी बिटिया ओकरे बिछउना मँ ओलरी अउ ओकरे संग सोएस। लूत इ दाईं भी न जानि सका कि ओकर बिटिया ओकरे संग सोएस।

36 इ तरह लूत क दुइनउँ बिटिया गर्भ धारण किहेन। ओनका पिता ही ओनके लरिकन क पिता रहा। 37 बड़की बिटिया एक पूत क जन्म दिहस। इ बेटवा क नाउँ मोआब धरेस। मोआब ओन सबहि मोआबी लोगन क पिता रहा, जउन अब तलक रहत अहइँ। 38 छोटकी बिटिया भी एक पूत जन्मेस। इ आपन पूत क नाउँ बेनम्मी धरेस। बेनम्मी ओन सबहि अम्मोनी लोगन क पिता अहइ जउन अब तलक रहत बाटेन।

इब्राहीम गरार जात ह

20 इब्राहीम उ ठउरे क तजि दिहस और नेगेव क जात्रा किहेस। इब्राहीम कादेस अउ सूर क बीच गरार मँ बस गवा। गरार मँ इब्राहीम मनइयन स कहेस कि सारा मोर बहिन अहइ। गरार क राजा अबीमेलक इ बात सुनेस। अबीमेलेक क सारा चाहत रहा ऍह बरे उ कछू नउकर ओका लावइ बरे पठएस। मुला एक रात परमेस्सर अबीमेलेक स सपन मँ बात किहस। परमेस्सर कहेस, “देखा, तू मरि जाब्या जउने मेहरारु क तू लिहा ह उ सोहागिन अहइ।”

मुला अबीमेलेक अबहि सारा क संग नाही सोवा रहा। ऍह बरे अबीमेलेक कहेस, “हे यहोवा, मइँ दोखी नाही अहउँ। का तू बेदोखी मनई क मरब्या? इब्राहीम मोसे खुद कहेस, ‘इ मेहरारु मोर बहिन अहइ’ अउ मेहरारु भी कहेस, ‘इ मनई मोर भाई अहइ’ मइँ बेदोखी अहउँ। मइँ नाही जानत रहेउँ कि मइँ का करत हउँ?”

तब परमेस्सर अबीमेलेक स सपन मँ कहेस, “हा, मइँ जानत हउँ कि तू निर्दोख अहा अउर मइँ इ भी जानत हउँ कि तू इ नाही जानत रह्या कि तू का करत रह्या? मइँ तोहका बचाएँउ। मइँ तोहका आपन खिलाफ पाप नाही करइ दिहेउँ। इ मइँ ही रहेउँ जउन तोहका ओकरे संग सोवइ नाही दिहेउँ। ऍह बरे इब्राहीम क ओकर मेहरारु लौटाइ द्या। इब्राहीम एक ठु नबी बाटइ। उ तोहरे बरे पराथना करी अउर तू जिअत रहब्या मुला जदि तू सारा क नाही लौटउब्या तउ मइँ सरापत हउँ कि तू मरि जाब्या। तोहार सारा परिवार तोहरे संग मरि जाइ।”

ऍह बरे दूसर दिन बहोत भिंसारे अबीमेलेक आपन सबइ नउकरन क बोलाएस। अबीमेलेक सपने मँ भइ सारी बातन क ओनका बताएस। नउकर बहोतइ डेराइ गवा। तब अबीमेलेक इब्राहीम क बोलाएस अउ ओसे कहेस, “तू हम पचन क संग अइसा काहे किहा? मइँ तोहार का बिगाड़ेउँ ह? तू इ झूठ काहे बोल्या कि उ तोहार बहिन अहइ। तू हमरे राज्ज प बहोत बड़ी बिपत्ति लइ आवा ह। इ बात तोहका मोरे संग नाही करइ चाही। 10 तू कउने बात स डेरात अहा? तू इ सबइ बातन मोरे संग काहे किहा ह?”

11 तब इब्राहीम कहेस, “मइँ ससान रहेउँ। काहेकि मइँ सोचेउँ कि हिआँ कउनो भी परमेस्सर क आदर नाही करत। मइँ बिचारेउँ कि सारा क पावइ बरे कउनो मोका मारि डाइ। 12 उ मोर मेहरारु अहइ, मुला उ मोर बहिन भी अहइ। उ मोरे पिता क बिटिया तउ अहइ मुला मोरी महतारी क बिटिया नाहीं अहइ, 13 परमेस्सर मोका मोरे पिता क घरे स दूर पहोंचाए अहइ। परमेस्सर कइयऊ अलग-अलग पहटा मँ मोका भटकाएस। जब अइसा भवा तउ मइँ सारा स कहेउँ, ‘मोरे बरे कछू करा। जहा कहु भी हम जाइ तू मनइयन स कहा कि तू मोर बहिन अहा।’”

14 अब अबीमेलेक जान लिहेस कि का होइ चुका बाटइ। ऍह बरे अबीमेलेक इब्राहीम क सारा लौटाइ दिहस। अबीमेलेक इब्राहीम क कछू भेड़िन, जनावर अउ दास भी दिहस। 15 अबीमेलेक कहेस, “तू चारिहु कइँती लखि ल्या। इ मोर देस अहइ। तू जउने ठउर चाहा, रहि सकत ह।”

16 अबीमेलेक सारा स कहेस, “लखा, मइँ तोहरे भाई क एख हजार चाँदी क टूक दिहेउँ ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि जउन कछू भवा ओहसे मइँ दुःखी अहउँ। मइँ चाहत हउँ कि हर एक मनई इ लखड़ कि मइँ नीक काम किहेउँ ह।”

17-18 परमेस्सर अबीमेलेक क ओकर पत्नी क अउर ओकर मेहरारु नउकरन क लरिका जन्मइ क अयोग्ग बनाएस। परमेस्सर उ ऍह बरे किहस कि उ इब्राहीम क मेहरारु सारा क बइठाइ लिहे रहा। मुला इब्राहीम परमेस्सर स पराथना किहस अउ परमेस्सर अबीमेलेक, ओकर मेहररुअन अउ दास-कन्या क चंगा कइ दिहस।

आखिर मँ सारा क एक लरिका

21 अब यहोवा सारा लगे आएन काहेकि उ कहेस रहा, अउर उ सारा बरे उहइ किहेस जउन उ करइ क वादा किहे रहा। सारा गरभ धरेस अउर इब्राहीम बरे ओकर बुढ़ापे मँ एक लरिका क जन्मेस। सही टेम प जइसा परमेस्सर वचन दिहे रहा वइसा ही भवा। सारा पूत जन्मेस अउ इब्राहीम ओकर नाउँ इसहाक राखेस। परमेस्सर क हुकुम क मुताबिक इब्राहीम आठ दिन होए प इसहाक क खतना किहस।

इब्राहीम सौ बरिस क रहा जब ओकर पूत इसहाक पइदा भवा अउ सारा कहेस, “परमेस्सर मोका सुखी बनाइ दिहस ह। हर एक मनई जउन इ बारे मँ सुनी उ मोहसे खुस होइ। कउनो भी इ नाही सोचत कि मइँ सारा इब्राहीम बरे पूत देबउँ। मुला मइँ इब्राहीम क ओकरे बुढ़ापे क उमर मँ एक ठु पूत दिहेउँ ह।”

घरे मँ परेसानी

अब बचवा ऍतना बाढ़ गवा कि महतारी क दूध तजिके ठोस भोजन सुरु करइ। जउने दिन ओकर दूध छोड़वावा गवा उ दिन इब्राहीम एक बहोत बड़का भोज दिहस। बीते भए टेम मँ मिस्र क दासी एक ठु पूत क जन्मेस। इब्राहीम उ पूत क बाप रहा। सारा लखेस कि हाजिरा क पूत इसहाक क तंग करत ह। 10 ऍह बरे सारा इब्राहीम स कहेस, “उ दासी मेहरारु अउ ओकरे पूत क हिआँ पठइ द्या। जब हम पचे मरब हम पचन क सबहिं चिजियन इसहाक क मिलिही। मइँ नाहीं चाहत कि ओकर पूत इसहाक क संग ओन चिजियन मँ हीसा लेइ।”

11 इस्माएल क बरे इ कीन्ह जाना एका सोच इब्राहीम क बहोत ज्यादा दुःखी कइ दिहन। 12 मुला परमेस्सर इब्राहीम स कहेस, “उ लड़का क बारे मँ दुःखी जिन ह्वा। उ दासी क बारे मँ दुःखी जिन ह्वा। जउन सारा चाहत ह तू उहइ करा। तोहार बंस इसहाक क बंस स चली। 13 मुला मइँ तोहरे दासन क पूतन क असीसब। उ तोहार पूत अहइ ऍह बरे मइँ ओकरे परिवार क भी एक बड़ा रास्ट्र बनाउब।”

14 दूसर दिन बहोत भिन्सारे इब्राहीम कछू भोजन अउ पानी लिहस। इब्राहीम इ चीजन हाजिरा क दइ दिहस। हाजिरा उ सबहि चीजन क लिहस अउ बच्चा क संग दूर चली गइ। हाजिरा उ ठउर तजि दिहस अउर उ बेर्सोबा क रेगिस्तान मँ भटकइ लाग।

15 कछू टेम पाछे हाजिरा क सारा पानी खतम होइ गवा। पिअइ बरे कछू पानी भी नाहीं बचा। ऍह बरे हाजिरा आपन लरिका क एक झाड़ी तरे राखेस। 16 हाजिरा हुआँ स कछू दूर गइ। तब उ रुकी अउ बइठि गइ। हाजिरा सोचेस कि ओकर पूत मरि जाइ काहेकि हुआँ पानी नाहीं रहा। उ ओका मरता भवा नाहीं देखइ चाहत रही। उ हुआँ बइठि गइ अउ रोवइ लाग।

17 यहोवा लरिका क रोउब सुनेस। सरग स एक दूत हाजिरा क लगे आवा। उ पूछेस, “हाजिरा, तोहका का तकलीफ अहइ। डेराउ नाही काहेकि परमेस्सर हुवाँ लरिका क रोउब सुन लिहेस। 18 जा, अउर आपन पूत क सँभारा। ओकर हाथ धइ ल्या अउ ओका संग लइ चला। मइँ ओका बहोत बड़का रास्ट्र क पिता बनाउब।”

19 परमेस्सर हाजिरा क आँखी इ तरह खोलेस कि उ एक पानी क कुआँ निहारि सकी। ऍह बरे हाजिरा कुआँ प गइ अउ उ थैला क पानी स भरि लिहस, तब उ बच्चा क पानी पिअइ बरे दिहस।

20 बच्चा जब तक बाढ़ा नाही तब तलक परमेस्सर ओकरे संग रहा। इस्माएल रेगिस्तान मँ रहा अउ एक सिकारी बन गवा। उ बहोत बढ़िया तीर चलाउब सीख लिहस। 21 ओकर महतारी मिस्र स ओकरे बरे दुल्हन लइ आइ। उ पचे सबइ पारान रेगिस्तान मँ रहइ लागेन।

इब्राहीम अबीमेलेक स सौदा करत ह

22 तब अबीमेलेक अउ पीकोल इब्राहीम स बात किहन। पीकोल अबीमेलेक क फउज क सेनापति रहा। उ पचे इब्राहीम स कहेन, “तू जउन कछू करत अहा, परमेस्सर तोहार साथ देत ह। 23 ऍह बरे तू परमेस्सर क समन्वा इ बचन द्या कि तू मोरे अउ मोरे बच्चन बरे भला रहब्या। तू इ बचन द्या कि तू मोरे बरे अउ जहा तू रह्या ह उ देस बरे दयालु रहब्या। तू इ भी बचन द्या कि मइँ तोहरे बरे जेतॅना दयालु रहा ओतॅना तू मोहे प दयालु रहब्या।”

24 इब्राहीम कहेस, “मइँ बचन देत हउँ कि तोहसे मइँ बइसा ही बिउहार करब जइसा तू मोरे संग बिउहार किया ह।” 25 तब इब्राहीम अबीमेलेक क ओराहना दिहस। इब्राहीम ऍह बरे ओराहना दिहस कि अबीमेलेक क नउकरन पानी क कुआँ प कब्जा कइ लिहन।

26 अबीमेलेक कहेस, “ऍकरे बारे मँ मइँ इ बहिली बार सुनेउँ ह। मोका पता नाहीं बाटइ, कि इ के किहेस ह अउर तू भी ऍकर चर्चा मोहसे ऍहसे पहिले कबहु नाहीं किह्या।”

27 ऍह बरे इब्राहीम अउ अबीमेलेक एक समझौता किहन। इब्राहीम समझौता क सबूत क रुप मँ अबीमेलेक क कछू भेड़िन अउ गोरु दिहस। 28 इब्राहीम सात ठु मादा भेड़ी क बच्चा भी अबीमेलेक क समन्वा लावा।

29 अबीमेलेक इब्राहीम स पूछेस, “तू इ सबइ सात ठु भेड़ी क मादा बच्चन क काहे अलगाइ कइ दिह्या?”

30 इब्राहीम कहेस, “जब तू इ सातहु[a] भेड़ी क बच्चन स मोहसे लेब्या तउ इ सबूत रही कि इ नारा मइ खनेउँ ह।”

31 ऍह बरे ऍकरे पाछे उ नारा बेर्सैबा कहवावा गवा। उ पचे नारा क इ नाउँ दिहन काहेकि इ उ ठउर रहा जहाँ उ पचे एक दूसर क बचन दिहे रहेन।

32 इ तरह इब्राहीम अउ अबीमेलेक बेर्सेबा मँ एक समझौता किहन। तब अबीमेलेक अउ सेनापति दुइनउँ पलिस्तियन क पहँटा मँ लौटि गएन।

33 इब्राहीम बेर्सेबा मँ झाऊ क एक बृच्छ लगाएस। उ ठउरे प इब्राहीम परमेस्सर, जउन हमेसा रहत ह स पराथना किहस। 34 अउर इब्राहीम पलिस्तियन क देस मँ बहोत समइ तलक रहा।

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