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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
अय्यूब 40-42

40 यहोवा अय्यूब स कहत ह:

“अय्यूब तू सर्वसक्तीमान परमेस्सर स तर्क किहा।
    तू मोर निन्दा किहस।
    अब तोहका जवाब दइ चाही।”

एह पइ अय्यूब कहइ बरे देत भए परमेस्सर स कहेस:

“मइँ तउ कछू कहइ बरे बहोत ही तुच्छ हुउँ।
    मइँ तोहसे का कहि सकत हउँ?
मइँ आपन हाथ
    आपन मुँहे पइ रख लेब।
मइँ एक दाई कहेउँ मुला अब मइँ जवाब नाहीं देबउँ।
    फुन मइँ दुबारा कहेउँ मुला अब अउर कछू नाहीं बोलब।”

एकरे पाछे यहोवा आँधी मँ बोलत भए अय्यूब स कहेस।

“अय्यूब, तू मनई क तरह तइयार होइ ज।
    मइँ तोहसे कछू सवाल पूँछब अउर तू ओन सवालन क जवाब मोका देब्य़ा।

“अय्यूब का तू सोचत अहा कि मइँ निआउ स पूरा नाहीं हउँ।
    का तू मोका बुरा काम करइ क दोखी मानत अहा ताकि तू इ देखाँइ सका कि तू उचित अहा?
अय्यूब, बतावा का मोर सस्त्र एँतना सक्तीसाली अहइँ जेतँना कि मोर (परमेस्सर) सस्त्र अहइ!?
    का तू आपन वाणी क ओतँना ऊँच गरजिके बोल सकत ह जेतँना मोर वाणी अहइ!?
10 अगर तू वइसा कइ सकत ह तउ तू खुद क आदर अउर महिमा द्या
    अउ ओढ़ना क तरह वफादारी क सान क ओढ़ ल्या।
11 अय्यूब, अगर तू मोरे समान अहा, तउ अभिमानी लोगन स घिना करा।
    अय्यूब तू ओन अंहकारी लोगन पइ आपन किरोध बरसावा अउ तू ओनका विनम्र बनाइ दया।
12 हाँ, अय्यूब, ओन अंहकारी लोगन क लखा अउर तू ओनका विनम्र बनाइ दया।
    ओन दुस्टन क तू कुचर दया जहाँ भी उ पचे खड़ा होइँ।
13 तू सबहिं घमण्डियन क माटी मँ गाड़ दया
    अउर ओनकइ देहन पइ कफन लपेटिके तू कब्रन मँ धइ दया।
14 अय्यूब, अगर तू एँन सबइ बातन क कइ सकत ह तउ मइँ तहार परसंसा करब
    काहेकि तू खुद क बचाइ सकत ह।

15 “अय्यूब, लखा मइँ उ बहमोथ (जलगजे)[a] क पैदा किहेउँ।
    अउर उ मइँ ही ह जउऩ तोहका बनाएउँ ह।
    उ बहमोथ उहइ तरह घास खात ह, जइसे गइया घास खात ह।
16 बहमोथ क बदन मँ बहोत ताकत होत ह।
    ओकरे पेटे क माँसपेसियन बहोत ताकतवर होत हीं।
17 बहमोथ क पूँछ मजबूत अइसी होत ह जइसे देवदार क बृच्छ खड़ा रहत ह।
    ओकरे गोड़े क माँसपेसियन बहोत मजबूत होत हीं।
18 बहमोथ क हाड़न काँसा क तरह मजबूत होत हीं,
    अउर गोड़ ओकरे लोहे क ढूड़न जइसे।
19 बहमोथ महानतम पसु अहइ जेका मइँ बनाएउँ ह।
    हिआँ तलक कि ओकर सिरजनहार भी ओका लगे तरवार लइ क जात ह।
20 बहमोथ ओन घासे क खात ह जउन पहाड़े पइ उपजात ह
    जहाँ बनेर पसु खेलत हीं।
21 बहमोथ कमल क पउधन क नीचे सोवत रहत ह
    अउ कीचंड़ मँ सरकणडन क आड़ मँ छूपा रहत ह।
22 कमल क पउधन बहमोथ क आपन छाया मँ छिपावत हीं।
    उ बेंत क पेड़न क खाले रहत ह, जउन नदी क निचके उगत हीं।
23 अगर नदी मँ बाढ़ आइ जाइ तउ भी जलगज परात नाहीं ह।
    अगइ यरदन नदी भी ओकरे मुँहे पइ थपड़ियावइ तउ भी उ डेरात नाहीं ह।
24 बहमोथ क कउनो भी हुक लगाइ क नाहीं पकड़ सकत ह।
    कउनो भी ओका जाली मँ नाहीं फँसाइ सकत।

41 “अय्यूब बतावा, का तू लिब्यातान क कउनो मछरी क काँटा स धइ सकत ह
    का तू एकर जिभ क रसी स बंध सकत ह?
अय्यूब, का तू लिव्यातान क नाक मँ नकेल डाइ सकत हया
    ओकरे जबड़न मँ काँटा फँसाइ सकत ह
अय्यूब, का तू लिव्यातान क अजाद होइके बरे तोहसे बिनती करी?
    का उ तोहसे मीठी मीठी बातन करीं?
अय्यूब, का तू लिब्यातान तोहसे सन्धि करी
    अउर सदा तोहरी सेवा क तोहका वचन देइ?
अय्यूब, का तू लिब्यातान क वइसे ही खेलब्या जइसे तू कउनो चिड़िया स खेलत ह
    का तू ओका रस्सा स बँधब्या जेहसे तोहार दासियन ओहसे खेल सकइँ।
अय्यूब, का तू मछुआरा लिब्यातान क तोहसे बेसहइ क कोसिस करिहीं?
    का उ पचे ओका कटिहीं अउर ओनका बइपारियन क हाथे बेचि सकहीं?
अय्यूब, का तू लिब्यातान क खाल मँ अउर माथे पइ भाला फेंक हमला कइ सकत ह?

“अय्यूब, लिब्यातान पइ अगर तू हाथ डावा तउ जउन भयंकर जुदध होइ,
    तू कबहुँ भी बिसाहि नाहीं पउब्या अउर फुन तू ओहसे कबहुँ जुद्ध न करब्या।
अउर अगर तू सोचत ह कि तू लिब्यातान क पकड़ सकत ह, तउ इ बात क तू भूल जा।
    काहेकि ओका पकड़इ बरे कउनो आसा नाहीं अहइ।
    तू तो बस ओका लखइ भर सही डेराइ जाब्या।
10 कउनो भी एतना वीर नाहीं अहइ,
    जउन लिब्यातान क जगाइके भड़कावइ।

“तउ फुन अय्यूब बतावा, मोरे विरोध मँ कउन टिक सकत ह!
11 कउनो भी मनई जउन कि मोहे स मुकाबला करह उ सुउच्छित नाहीं रब्या।
    सारे अकासे क खाले जउन कछू भी अहइ, उ सब कछू मोर ही अहइ।

12 “अय्यूब मइँ तोहका लिब्यातान क सक्ती क बारे मँ बताउब।
    मइँ ओकर सक्ती अउर रुप क सोभा क बारे मँ बताउब।
13 कउनो भी मनई ओकर बाहरी आवरण (खाल) क भेद नाहीं सकत।
    ओकर खाल दोहरी कवच क नाई अहइ।
14 लिव्यातान क कउनो भी मनई मुँह खोलइ बरे मजबूर नाहीं कइ सकत ह।
    ओकरे भी जबडे क दाँत सबहिं क भयभीत करत हीं।
15 लिव्यातान क पिठिया पइ ढालन क कतार होत हीं,
    जउन आपुस मँ जुड़ी होत हीं।
16 इ सबइ ढालन आपुस मँ एँतनी सटी होत हीं
    कि हवा तलक ओहमाँ प्रवेस नाहीं कइ पावत ह।
17 इ सबइ ढालन एक दूसर स जुड़ी होत हीं।
    उ सबइ मजबूती स एक दूसरे स जुड़ी भई अहइ कि कउऩो भी ओनका उखाड़िके अलग नाहीं कइ सकत।
18 लिव्यातान जब छींकत ह तउ अइसा लागत ह जइसे बिजली सी कौधं गइ होइ।
    आँखी ओकर अइसी चमकत हीं जइसे कउनो तेज प्रकास होइ।
19 ओकरे मुँहना स बरत भइ मसान निकरत हीं,
    अउर ओहसे आगी क चिनगारियन बिखत हीं।
20 लिब्यातान क नथुनन स धुआँ अइसा नकरत ह,
    जइसे उबलत भइ हाँड़ी स भाप निकलत होइ।
21 लिब्यातान क फूँक स कोयला सुलग उठत हीं
    अउर ओकरे मुँहे स लपक निकरत हीं।
22 लिब्यातान क गटई बड़ी जबरदस्त अहइ,
    अउर लोग ओसे उरिके दूर पराइ जात हीं।
23 ओकरे खाल मँ कहीं भी कोमल जगह नाहीं अहइ।
    उ लोहा क तरह कठोर अहइ।
24 लिब्यातान क हिरदइ चट्टान क तरह होत ह।
    ओकर हिरदइ चक्की क नीचे क पाट क तरह सख्त अहइ।
25 लिब्यातान स सरगदूत भी डर जात हीं।
    लिब्यातान जब पूँछ फटकारत ह, तउ ओन सबइ भाग जात हीं।
26 लिब्यातार पइ जइसे ही भालन,
    तीर अउ तरवार पड़त हीं उ सबइ उछरिके दूर होइ जात ह।
27 लोहा क मोटी छड़न क उ तिनका जइसा
    अउर काँसा क सड़ी लकड़ी क तरह तोड़ देत ह।
28 बाण लिब्यातान क नाहीं भगाइ पावत हीं।
    ओह पइ पाथर फेंकना, एक सुखा तिन्का फेंकन क नाई अहइ।
29 लिब्यातान पइ जब मुगदर पड़त ह तउ ओका अइसा लागत ह माना उ कउनो बिनका होइ।
    जब लोग ओह पइ भालन फेंकत हीं, तब उ हँसा करत ह।
30 विब्यातान क पेट क नीचे सिरा टूटा भए मट्टी क बासन क नाई तेज अहइ।
    जब उ चलत ह तउ कीचड़ मँ अइसा निसान छोड़त ह माना कि खेतन मँ हेगा लगावा गवा होइ।
31 लिब्यातान पानी क अइसे मथत ह, माना कउनो हाड़न उबलत होइँ।
    उ अइसे बुलबुले बनावत ह माना बासन मँ खउलत भवा तेल होइ।
32 लिब्यातान जब सागर मँ तैरत ह तउ आपन पीछे उ सफेद झागन जइसी राह छोड़त ह,
    जइसे कउनो उज्जर बारे क सफेद बिसाल पूँछ होइ।
33 लिब्यातान सा कउनो अउर जन्तु धरती पइ नाहीं अहइ।
    उ अइसा पसु अहइ जेका निडर बनावा गवा।
34 उ हर एक घमण्डी जानेबर क ऊपर नजर रखत ह
    सबहिं जंगली पसुअन क उ राजा अहइ।”

अय्यूब क यहोवा क जवाब

42 एँह पइ अय्यूब यहोवा क जवाब दे भए कहेस।

“यहोवा, मइँ जानत हउँ कि तू सब कछू कइ सकत अहा।
    तू सबइ जोजना बनाइ सकत अहा अउर तोहर सबइ जोजना क कउनो भी नाहीं बदल सकत अउर न ही एका रोका जाइ सकत ह।
यहोवा, तू इ सवाल पूछ्‌या कि ‘इ अबोध मनई कउन अहइ? जउन इ सबइ मूर्खता स भरी बातन कहत अहइ?’
    यहोवा, मइँ ओन चीजन क बारे मँ बातन किहेउँ जेनका मइँ समझत नाहीं रहेउँ।
    यहोवा, मइँ ओन चीजन क बारे मँ बातन किहेउँ जउन मोरे समुझ पावइ बरे बहोत अचरज भरी रहिन।

“यहोवा, तू मोस् कहया, ‘हे अय्यूब सुना अउर मइँ बोलब।
    मइँ तोहसे सवाल पूँछब अउर तू मोका जवाब देब्या।’
यहोवा, बीते भए काल मँ मइँ तोहरे बारे मँ सुने रहेउँ
    मुला खुद आपन आँखिन स मइँ तोहका देखि लिहेउँ ह।
एह बरे अब मइँ खुद आपन बरे लज्जात हउँ।
    मइँ आपन जिन्नगी क राह बदलइ क इच्छा दिखावइ बरे
    धूर अउर राखी मँ बैठा करत हउँ।”

यहोवा क अय्यूब क संपत्ति क लउटाउब

यहोवा जब अय्यूब स आपन बात कइ चुका तउ यहोवा तेमान क निवासी एलीपज स कहेस: “मइँ तोहसे अउर तोहरे दुइनउ दोस्तन स कोहान हउँ काहेकि तू मोरे बारे मँ उचित बातन नाहीं कहे रहया। मुला अय्यूब मोरे बारे मँ उचित बात कहे रहा। अय्यूब मोर दास अहइ। एह बरे अब एलीपज तू सात बर्धा अउऱ सात ठु भेडिंन लइके मोर दास अय्यूब क लगे जा अउर आपन बरे होमबलि क रुप मँ ओनकर भेंट चढ़ावा। मोर सेवक अय्यूब तोहरे बरे परथना करी। तब निहचइ ही मइँ ओकरी परथना क जवाब देहउँ। फुन मइँ तोहका वइसी सजा नाहीं देब जइसे सजा दीन्ह जाइ चाही रही काहेकि तू बहोतइ मूरख रहया। मोरे बारे मँ उचित बातन नाहीं किह्या जबकि मोरे सेवक अय्यूब मोरे बारे मँ उचित बातन कहे रहा।”

तउ तेमान क निवासी एलीपज, सूह क निवासी बिल्दद अउर नामात क निवासी सोपर यहोवा क आग्या क मानेस एँह पइ यहोवा अय्यूब क पराथना सुन लिहस।

10 इ तरह जब अय्यूब आपन मीतन बरे परथना कइ चुका तउ यहोवा अय्यूब क फुन स कामयाब किहेस। परमेस्सर जेतना ओकरे लगे पहिले रहा, ओहसे भी दुगुना ओका दइ दिहस। 11 अय्यूब क सबहिं भाई अउ बहिनियन अय्यूब क घर वापस आइ गएन अउर कउनो जउन अय्यूब क पहिले जानत रहा, ओकरे घरे आवा। अय्यूब क संग उ सबइ एक बड़की दावत मँ खाना खाएन। काहेकि यहोवा अय्यूब क बहोत कस्ट दिहे रहा, एह बरे उ पचे अय्यूब क दिलासा दिहेन। ओन मँ स हर कउनो अय्यूब क सोने क सिक्का अउर सोना क कान क बाली भेटं मँ दिहस।

12 यहोवा अय्यूब क जिन्नगी क पहिले हींसा स भी जियादा ओकरी जिन्नगी क पिछला हींसा क आपन आसीरर्वाद दिहस। अय्यूब क लगे चौदह हजार भेड़, छ: हजार ऊँट, दो हजार बैल जउर एक हजार गदहिन होइ गइन। 13 अय्यूब क सात पूत अउ तीन बिटियन भी होइ गइन। 14 अय्यूब आपन सब स बड़की बिटिया क नाउँ राखेस यामीना। दुसर की बिटिया क नाउँ धेरस कसीआ। अउर तीसरी क नाउँ राखेस केरेन्हप्पूक। 15 सारे प्रदेस मँ अय्यूब क बिटियन सब स सुन्नर मेहररुअन रहिन। अय्यूब आपन पूतन क साथ आपन दौलत क एक हींसा आपन बिटियन क भी वसीयत मँ दिहस।

16 एकरे पाछे अय्यूब एक सौ चालीस साल तलक अउर जिअउ रहा। उ आपन बच्चन, आपन पोतन, आपन परपोतन अउर परपोतन क भी संतानन यानी चार पीढ़ियन क लखइ बरे जिअत रहा। 17 जब अय्यूब क मउत भइ, उ समइ उ बहोत बुढ़ान रहा। ओका बहोत नीक अउर लम्बी जिन्नगी प्राप्त भइ रही।

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