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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
उत्पत्ति 8-11

पानी क प्रलय खतम होत ह

मुला परमेस्सर नूह क नाही बिसरा। परमेस्सर नूह अउ जहाजे मँ ओकरे संग रहइवालन सब पसुअन अउ जनावरन क सुमिरे रहा। परमेस्सर धरती प हावा चलाएस अउ सारा पानी घटइ होइ लाग।

अकासे स बर्खा थमि गइ अउ धरती क नीचे स पानी बहब रुकि गवा। धरती क बोरइवाला पानी लगातार घटत चला गवा। एक सौ पचास दिन पाछे पानी ऍतना उतरि गवा कि जहाज फुनि स धरती प उतरा। जहाज अरारात क पहाड़न मँ स एक प आइके टिक गवा। इ सतएँ महीना क सत्रहवाँ दिन रहा। पानी उतरत गवा अउ दसवें महीना क पहिला दिन पहाड़न क चोटी पानी क ऊपर देखॅाए देइ लाग।

जहाजे मँ बनी खिड़की क नूह चालीस दिन पाछे खोलेस। नूह एक कौआ क बाहेर उड़ाएस। कौआ उड़िके तब तलक फिरतइ रहा जब तलक धरती पूरी तरह झुराइ न गइ। नूह एक ठु फ़ाक्ता भी बाहेर पठएस। उ इ जानइ चाहत रहा कि पानी धरती प घटि गवा या नाही।

फ़ाक्ता क कहूँ बइठइ क ठउर नाही मिला काहेकि अबहु तलक पानी धरती प फइला रहा। ऍह बरे उ नूह क निअरे जहाजे प पुनि लौटि आवा। नूह आपन हाथ फइलाइके फ़ाक्ता क जहाजे प वापस भितरे लइ लिहेस।

10 सात दिन पाछे नूह फुनि फ़ाक्ता क पठएस। 11 उ दिन दुपहर क पाछे फ़ाक्ता नूह क लगे आवा। फ़ाक्ता क मुँह मँ एक ठु ताजी जइतून क पाती रही। इ चीन्हा नूह क इ बतावइ बरे रहा कि अब धरती प झुरान भुइँया अहइ। 12 नूह सात दिन पाछे फुन फ़ाक्ता क पठएस। मुला इ टेम फ़ाक्ता लौटा ही नाहीं।

13 ओकरे पाछे नूह जहाजे क दरवाजा खोलेस। नूह लखेस अउ पाएस कि भुइँया झुरान बा। इ नूह क छ: सौ एक बरिस क पहिले महीना क पहिला दिन रहा। 14 दूसर महीना क सत्ताइसवाँ दिन तलक भुइँया पूरी तरह झुराइ गइ।

15 तब परमेस्सर नूह स कहेस, 16 “जहाज क तजा। तू तोहार पत्नी तोहार पूत लोग अउ ओनकइ मेहररुअन सब अब बाहेर आवा। 17 हर एक जिअत प्राणी, सब पंछी जनावरन अउ भुइँया प रेगंवालन सबहि क जहाज स बाहेर लिआवा। इ सबइ जनावरन बहोत स जनावरन पइदा करिही अउ भुइँया क भरि देइही।”

18 ऍह बरे नूह आपन पूतन, आपन मेहरारु, आपन पूतन क मेहरारुअन क संग जहाज स बाहेर आवा। 19 सबहि जनावरन, सब रेगंइवाला जीउ अउ सब पंछी जहाज क तजि दिहेन। सब जनावर जहाज स नर अउ मादा क जोड़ा क संग बाहेर आएन।

20 तब नूह यहोवा बरे एक वेदी बनाएस। उ कछू सुध्द पंछियन अउ कछू सुध्द जनावरन क लिहेस अउ ओनका वेदी प परमेस्सर क भेंट क रुप मँ बारेस।

21 यहोवा इ सब बलिदानन क सुगन्धि पाइके खुस भवा। यहोवा मन-ही-मन कहेस, “मइँ फिन कबहु मनई क कारण भुइँया क न सरापब। मनई छोटी उम्र स ही बुरी बात सोचइ लागत ह। ऍह बरे जइसा मइँ अबहि किहेउँ ह। इ तरह अब मइँ कबहुँ सब प्राणियन क सजा न देब। 22 जब तलक इ भुइँया रही तब तलक यह पइ फसल पइदा करइ अउ फसल काटइ क समइ हमेसा रही। भुइँया प गरमी अउ जाड़ा अउ दिन अउ रात हमेसा होत रइही।”

नई सुरुआत

परमेस्सर नूह अउ ओकर पूतन क असीसेस अउ ओनसे कहेस, “बहोत स बच्चा पइदा करा अउ आपन लोगन स भुइँया भरि द्या। भुइँया क सब जनावरन तोहरे डरे स थरथरइहीँ अउ अकासे क हर एक पंछी तोहसे डरिहीँ। भुइँया प रेंगइवाला हर एक जीउ अउ समुद्दर क हर एक मछरी तू मनइयन क अदब करी अउ तू पचन स डेराइ। तू इ सबहि क ऊपर हुकुम चलउब्या। बीते भए समइ मँ तू पचन क मइँ हर एक ठु पेड़-पौधा खाइ बरे दिहेउँ रहेउँ। अब हर एक जनावर भी तोहार भोजन होइ। मँइ भुइँया क हर चीज तू पचन क देत हउँ-अब इ सबइ तोहार अहइँ। किन्तु मँइ तू पचन क एक हुकुम देत अहउँ कि तू कउनो जनावरन क तब तलक न खाया जब तलक ओहमा ओनका रकत बाटइ। मँइ तोहरी जिन्नगी क बदले तोहार रकत माँगब कहइ क अरथ अहइ मँइ उ जानवरे क जिन्नगी माँगब जउन कउनो मनई क मारी। अउर मँइ उ मनई क जिन्ननी माँगब जउन दूसरे मनई क मारी।

“परमेस्सर मनई क आपन सरुप मँ बनाएस ह।
    ऍह बरे जउन कउनो मनई क खून बहाइ, ओकर खून मनई क जरिये बहावा जाइ।

“नूह तोहका अउ तोहरे पूतन क ढेर लरिका होइ अउ धरती क मनइयन स भाँठि द्या।”

तब परमेस्सर नूह अउ ओकरे पूतन स कहेस, “अब मइँ तोहका अउ तोहरे सन्ताने क बचन देत हउँ। 10 मइँ इ बचन तोहरे संग जहाजे स बाहेर आवइवालन सबहि पंछिन, सब गोरुअन सब जनावरन क देत हउँ। मइँ धरती पइ रहइवालन सबहि वस्तुअन क बचन देत हउँ। 11 मइँ तोहका बचन देत हउँ, ‘पानी क बाढ़ स धरती क सब जिन्नगी बर्बाद होइ गइ मुला अब इ कबहु न होइ। अब बाढ़ फिन कबहुँ धरती क जिन्नगी क बर्बाद न करी।’”

12 अउर परमेस्सर कहेस, “इ सिद्ध करइ बरे मइँ तोहका इ बचन दिहेउँ ह कि मइँ तोहका कछू देब। इ सबूत बताइ कि मइँ तोहसे अउ भुइँया क सबहि जिअत प्राणियन स एक ठु करार किहेउँ ह। इ करार भविस्स मँ सदा बनी रही जेकर सबूत इ अहइ। 13 कि मइँ बदरन मँ इन्द्र धनुख बनाएउँ ह। इन्द्र धनुख मोरे अउ भुइँया क बीच करार क सबूत अहइ। 14 जब मइँ भुइँया क ऊपर बदरे क लिआउब तउ तू बादरन मँ इन्द्र धनुख देखब्या। 15 जब मइँ इ इन्द्र धनुख क निहारब तबहिं मइँ तोहरे, भुइँया क सबहि जिअत प्राणियन अउ आपन बीच भई करार क सुमिरब। इ करार इ बात क बाटइ कि बाढ़ फुन कबहु भुइँया क प्राणियन क नास न करी। 16 जब मइँ धियान स बादरन मँ इन्द्र धनुख क निहारब तब मइँ सदा बनी रहइवाली करार क सुमिरब। मइँ आपन अउ भुइँया क सब जिअत प्राणियन क बीच भइ करार क सुमिरब।”

17 इ तरह यहोवा नूह स कहेस, “उ इन्द्र धनुख मोरे अउ भुइँया क सब जिअत प्राणियन क बीच भइ करार क सबूत बाटइ।”

समस्या फुन सुरु होत हीं

18 नूह क पूत लोग ओकरे संग जहाज स बाहेर आएन। ओनकइ नाउं सेम, हाम अउ येपेत रहेन। (हाम तउ कनान क बाप रहा।) 19 इ तीनउ नूह क पूतन रहेन अउ संसारे क सबहि मनई इ तीनउ स पइदा रहेन।

20 नूह किसान बना। अंगूर क बगिया लगाएस। 21 नूह अंगूर क दाखरस बनाएस अउ पिएस। उ दाखरस पीके मस्त होइ गवा अउ तम्बू मँ लोटि गवा। उ कउनो ओढ़ना नाही पहिरे रहा। 22 कनान क बाप हाम अपने बाप क नंगा देखेस। उ तम्बू स बाहेर आपन भइयन क बताएस। 23 तबहि सेम अउ येपेत एक ठु ओढ़ना लिहस। उ दुइनउँ ओढ़ना क पीठ प डाइके उलटे मुइँ तम्बू मँ गएन। उ पचे आपन बाप उ नंगापन क ढ़ाँक दिहस जबकि उ समइ ओकर मुहँ क रुख तम्बू क समन्वा रहा। इ तरह उ पचे आपन बाप क नंगापन नाहीं लखेन।

24 पाछे नूह सोइके उठा। (उ दाखरस क नसा क कारण सोअत रहा।) तब ओका पता लाग कि ओकर सब त नान्ह पूत हाम ओकरे संग का किहे रहा। 25 ऍह बरे नूह सराप दिहेस,

“इ सराप कनान बरे होइ कि
    उ आपन भइयन क दास होइ।”

26 नूह इ भी कहेस,

“सेम क परमेस्सर यहोवा धन्न होइ!
    कनान सेम क दास होइ।
27 परमेस्सर येपेत क जिआदा भुइँया देइ।
    परमेस्सर सेम क तम्बू मँ रहइ
    अउर कनान ओकर दास बनइ।”

28 बाढ़ क पाछे नूह साढ़े तीन सौ बरिस जिअत रहा। 29 नूह पूरा साढ़े नौ सौ बरिस जिअत रहा, तब उ मरा।

रास्ट्र बाढ़इ अउ फइल जाइ

10 नूह क पूत सेम। हाम अउ येपेत रहेन। बाढ़ क पाछे इ तीनउँ बहोत स पूतन क बाप भएन। हिआँ सेम, हाम अउ येपेत स पइदा होइवालन पूतन क सूची दीन्ह जात अहइ:

येपेत क संतानन

येपेत क पूत रहेन: गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेसेक अउ तीरास।

गोमेर क पूत रहेन: असकनज, रीपत अउ तोगर्मा

यावान क पूत रहेन: एलीसा, तर्सीस, कित्ती अउ दोदानी।

भूमध्य सागर क चारिहुँ कइँती तटे प जउन मनई रहइ लागेन उ पचे येपेत क संतान ही रहेन। हर एक पूत क आपन अलग प्रदेस रहा। सब परिवार बाढ़ेन अउ अलग अलग रास्ट्र बन गएन। हर एक रास्ट्र क आपन आपन भाखा रही।

हाम क संतानन

हाम क पूत रहेन: कूस, मिस्र, फूत अउ कनान,

कूस क पूत रहेन: सबा, हवीला, सबता, रामा, सबूतका।

रामा क पूत रहेन: सबा अउ ददान।

कूस क एक पूत निम्रोद नाउं क भी रहा। निम्रोद भुइँया प बहोत बरिआर मनई भवा रहा। यहोवा क समन्वा निम्रोद, एक बड़का सिकरी रहा। ऍह बरे लोग दूसर मनइयन क बराबरी निम्रोद स करत ही अउर कहत हीं, “इ मनई, यहोवा क समन्वा बड़का सिकारी निम्रोद क तरह अहइ।”

10 निम्रोद क राज्ज सिनार देस मँ बाबुल, एरेख, कलना अउ अक्कद प्रदेस स सुरु भवा। 11 निम्रोद अस्सूर मँ भी गवा। हुवाँ उ नीनवे, रहोबोतीर, कालह अउ 12 रेसेन नाउँ क नगरन क बसाएस। (रेसेन, नीनवे अउ बड़का सहर कालह, क बीच क सहर बाटइ।)

13 मिस्रप (मिस्र) - लूद, अनाम, लहाब, नप्तूह, 14 पत्रूस, कसलूह अउ कप्तोर देसन क लोगन क बाप रहा। (पलिस्ती लोग कसलूह लोगन स आए रहेन।)

15 कनान सीदोन क बाप रहा। सिदोन कनान क पहिला पूत रहा। कनान, हित क भी बाप रहा। हित, हित्ती लोगन क बाप रहा। 16 अउर कनान, यबूसी, एमोरी, गिर्गासी, 17 हिव्वी, अर्की, सीनी, 18 अर्वदी, समारी, हमाती लोगन क भी बाप रहा।

कनान क परिवार संसार क अलग अलग हीसा मँ फइला रहेन, 19 कनान लोगन क भुइँया उत्तर मँ सीदोन स दक्खिन मँ गरार तलक, पच्छिम मँ अज्जा स पूरब मँ सदोम अउ अमोरा तलक, अदमा अउ सबोयीम स लासा तलक रहा।

20 इ सबइ लोग हाम क संतानन रहेन। उ पचे परिवारन, भाखान, देसन अउर रास्ट्रन क अनुसार व्यवस्थित रहेन।

सेम क संतानन

21 सेम येपेत क बड़का भाई रहा। सेम क एक संतानन एबेर हिब्रू लोगन क बाप रहा।

22 सेम्त पूत एलाम, अस्सूर, अर्पखद, लूद अउ अराम रहेन।

23 अराम क पूत ऊस, हूल, गेतेर अउ मस रहेन।

24 अर्पखद सेलह क बाप रहा।

सेलह एबेर क बाप रहा।

25 एबेर क दुइ पूत रहेन। एक पूत क नाउँ पेलेग रहा। ओका इ नाउँ ऍह बरे दीन्ह गवा काहेकि जिन्नगी क टेम मँ धरती क बटवारा भवा। दूसर भाई क नाउँ योक्तान रहा।

26 योक्तान अल्मोदाद, सेलेप, हसर्मावेत, येरह, 27 यदोरवाम, ऊजाल, दिला, 28 ओबाल, अबीमाएल, सबा, 29 ओपीर हवीला अउ योबाब क बाप रहा। इ सबहि लोग योकतान क संतान भएन। 30 इ सबइ लोग मेसा अउ पुर्बिहा पहाड़ी प्रदेस क बीच क भुइँया मँ रहत रहेन। मेसा सपारा प्रदेस कइँती रहा।

31 उ लोग सेम क परिवारे स रहेन। उ सबइ परिवार, परिवार क आधार पइ, भाखा क आधार पइ, देस क आधार पइ अउर रास्ट्र क आधार पइ बँटा भवा रहा।

32 नूह क पूतन स चलइ वाला परिवारन क इ सूची अहइ। उ पचे आपन आपन रास्ट्र मँ बँटा भवा रहत रहेन। बाढ़ क पाछे सारी भुइँया प फइलइवाला लोग भी एनही परिवारे स निकरि आएन।

संसार बँटि गवा

11 बाढ़ क पाछे संसार एक ही भाखा बोलत रहा। सब लोग एक ही सब्द-भण्डार बइपरत रहेन। लोग पूरब कइँती स बढ़ेन। ओनका सिनार देस मँ एक मइदान मिला। लोग हुवाँ बसइ गएन। लोग कहेन, “हम पचन क ईंटा बनउब अउ ओका पजावा मँ तपावइ चाही, ताकि उ सबइ पककी होइ जाइँ।” ऍह बरे मनइयन आपन घर बनावइ बरे पाथरन क जगह ईंटा क बइपरेन। अउ मनइयन चूना क गारा क जगह राल क प्रयोग किहेन।

लोग कहेन, “हम पचे आपन खातिर एक ठु सहर बनाई अउ हम सबइ एक बहोत ऊँच इमारत बनाउब जउन अकासे क छुइ। हम पचे नामी होइ जाब। अगर हम पचे अइसा करब तउ पूरी धरती प बिखरेब नाही। हम पचे एक ही ठउर प एक संग रहब।”

यहोवा सहर अउ बहोत ऊँच इमारत क लखइ बरे तरखाले आवा। यहोवा मनइयन क इ सब बनावत लखेस। यहोवा कहेस, “इ सबइ लोग एक भाखा बोलत हीँ अउर मइँ निहारत हउँ कि उ पचे इ काम खतम करइ बरे एकउटा अहइँ, इ तउ, इ सबइ जउन कछू कइ सकत हीँ ओकर, सिरिफ सुरुआत अंहइ। हाली ही उ पचे सब कछू करइ जोग्ग होइ जइहीं जउन इ पचे करइ चइही। ऍह बरे आवा हम तरखाले चली अउ एनकइ भाखा क गड्डमड्ड कइ देइ। तब उ पचे एक दूसर क बात न बूझि पइही।”

यहोवा मनइयन क समूचइ धरती प फइलाइ दिहस। ऍहसे मनइयन सहर क बनाउब पूरा नाही किहन। इहइ उ ठउर रहा जहाँ यहोवा समूचइ संसार क भाखा क गड्डमड्ड कइ दिहस। ऍह बरे इ ठउर क नाउँ बाबुल धरा गवा। इ तरह यहोवा उ जगहिया स मनइयन क पृथ्वी क सब देसन मँ फइलाएस।

सेम क परिवार क कहानी

10 इ सेम क परिवारे क कहानी बाटइ। बाढ़ क दुइ बरिस पाछे जब सेम सौ बरिस क रहा ओकर पूत अर्पखद क जनम भवा। 11 ओकरे पाछे सेम पाँच सौ बरिस जिअत रहा। ओकरे दूसर पूत अउ बिटियन रही।

12 जब अर्पखद पैंतीस बरिस क रहा ओकर पूत सेलह क जनम भवा। 13 सेलह क पइदा होइ क पाछे अर्पखद चार सौ तीन बरिस जिअत रहा। इ दिन ओकर दूसर पूतन अउ बिटियन पइदा भइन।

14 सेलह क तीस बरिस होइ क पाछे ओकर पूत एबरे क जन्म भवा। 15 एबेर क जन्म क पाछे सेलह चार सौ तीन बरिस जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे पूतन अउ बिटियन पइदा भएन।

16 एबेर क चौंतीस बरिस क होइ क पाछे ओकरे पूत पेलेग क जन्म भवा। 17 पेलेग क जन्म क पाछे एबेर चार सौ तीस बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे दूसर पूतन अउ बिटियन पइदा भइन।

18 जब पेलेग तीस बरिस क भवा, ओकर पूत “रु” क जन्म भवा। 19 “रु” क जन्म क पाछे पेलेग दुइ सौ नौ बरिस अउर जिअत रहा। उ दिनन मँ ओकरे दूसर बिटियन अउ बेटवन क जन्म भवा।

20 जब रु बत्तीस बरिस क भवा, ओकरे पूत सरुग क जन्म भवा। 21 सरुग क जन्मे क पाछे रु दुइ सौ सात बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन ओकरे दूसर बेटवन अउ बिटियन पइदा भएन।

22 जब सरुग तीस बरिस क भवा, ओकरे पूत नाहोर क जन्म भवा। 23 नाहोर क जन्म क पाछे सरुग दुइ सौ बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे दूसर पूतन अउ बिटियन क जन्म भवा।

24 जब नाहोर उनतीस बरिस क भवा, ओकर पूत तेरह क जन्म भवा। 25 तेरह क जन्म क पाछे नाहोर एक सौ उन्नीस बरिस अउर जिअत रहा। इ दिनन मँ ओकरे दूसर बिटियन अउ बेटवन क जन्म भवा।

26 तेरह जब सत्तर बरिस क भवा, ओकरे पूत अब्राम, नाहोर अउ हारान क जन्म भवा।

तेरह क परिवार क कहानी

27 इ तेरह क परिवार क कहानी अहइ। तेरह अब्राम, नाहोर अउ हारान क बाप रहा। हारान लूत क बाप रहा। 28 हारान आपन जन्मभूमि कसदियन क उर सहर मँ मरा। जब हारान मरा तब ओकर पिता तेरह जिअत रहा। 29 अब्राम अउ नाहोर दुइनउँ आपन आपन बियाह किहन। अब्राम क मेहरारु सारै रही। नाहोर क मेहरारु मिल्का रही। मिल्का हारान क बिटिया रही। हारान मिल्का अउ यिस्का क बाप रहा। 30 सारै क कउनो बच्चा नाही रहा काहेकि उ कउनो बच्चा क जन्म देइ जोग्ग नाही रही।

31 तेरह आपन परिवार क संग लिहेस अउ कसदियन क उर सहर क तजि दिहस। उ पचे कनान क जात्रा करइ क मन मँ ठान लिहन। तेरह आपन पूत अब्राम, आपन पोता लूत (हारान क पूत), आपन पतोहू (अब्राम क मेहरारु) सारै क संग लिहस। उ पचे हारान तलक जात्रा किहन अउ हुआँ ठहराउब तय किहन। 32 तेरह दुइ सौ पाँच बरिस जिअत रहा। तब उ हारान मँ मरि गवा।

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