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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
प्रकासित वाक्य 6-11

मइँ देखे कि मेमना ओहमाँ स पहली मोहर तोड़ेस अउर तबहि ओन चार प्रानीयन मँ स एक क बादर क तरह गरजत आवाज मँ कहत सुनेउँ, “आ!” जउ मइँ आपन नजर उठाएउँ तउ पाएउँ कि मोरे सामने एक ठु सफेद घोड़ा रहा। घोड़ा क सवार धनुस लिए रहा। ओका विजय मुकुट दीन्ह गवा अउर उ विजय पावइ क बरे जीत पाइ क बाहर चला गवा।

जब मेमना दूसर मोहर तोड़ेस तउ मइँ दूसर प्रानी क कहत सुनेउँ, “आवा!” एह प आगी क तरह लाल रंग क एक अउर घोड़ा बाहेर आवा। एकरे ऊपर बइठे सवार क धरती स सान्ति छीन लेइ अउर एक दूसरे क हत्या करवावइ क बरे उकसावइ क अधिकार दीन्ह ग रहा। ओका एक ठु लम्बी तलवार दइ दीन्ह गइ।

जब मेमना तीसरी मोहर तोड़ेस तउ मइँ एक प्रानी क कहत सुनेउँ, “आवा!” जब मइँ आपन नजर उठाएउँ तउ हुवाँ मोरे सामने एक ठु काला घोड़ा खड़ा रहा। ओह प बइठे सवार क हाथे मँ एक तराजू रही। उही समइ मइँ ओन चारउ प्रानीयन क बीच स एक आवाज आवत सुनेउँ, जउन कहत रहा, “एक दिन क मजूरी क बदले एक दिन क खाइ क गोहूँ अउर एक दिन क मजूरी क बदले तीन दिन तक खाइ क जौ। मुला जैतून क तेल अउर दाखरस क नुकसान न पहुँचावा!”

इ फिन मेमना जब चौथी मोहर खोलेस तउ चौथे प्रानी क कहत सुनेउँ, “आवा!” फिन जब मइँ नजर उठाएउँ तउ मोरे सामने मरियल जइसा एक पीला रंग का घोड़ा खड़ा रहा। ओह प बइठके सवार क नाउँ रहा “मउत”। अउर ओकरे पाछे पाछे सटा चलत रहा अधोलोक। धरती क एक चौथाई हिस्सा प ओनका इ अधिकार दइ दीन्ह ग कि लड़ाई, अकाल, महामारी अउर धरती क हिंसक जानवर ओनका सबेन्ह क मार डावइँ।

फिन उ मेमना जउ पाँचवी मोहर तोड़ेस तब मइँ वेदी क नीचे ओन आतिमान क देखेउँ जेनके परमेस्सर क सुसंदेस कइँती आतिमा क अउर जउने साच्छी क उ पचे दिहे रहेन, ओकरे कारण हत्या कइ दीन्ह गइ। 10 जोर स आवाज देत उ पचे कहेन, “हे पवित्तर अउर सच्चा पर्भू! हमार हत्या करइ क बरे धरती क मनइयन क निआव करइ क अउर ओनका दण्ड देइ क बरे तू कब तक इन्तजार करत रहब्या?” 11 ओनमाँ स सबका एक सुफेद चोंगा दीन्ह गवा अउर ओनसे कहा गवा कि तनिक देर तक उ पचे समइ इ इन्तजार करइँ जब तलक ओनके ओन साथी सेवकन अउर भाइयन क तादाद पूरी होइ जात ह जेनकइ वइसेन हत्या कीन्ह जाइवाली अहइ, जइसेन तोहार कीन्ह ग रही।

12 फिन जब मेमना छठवी मोहर तोड़ेस तउ मइँ देखेउँ कि हुवाँ एक बहुत बड़ा भूचाल आवा भवा अहइ। सूरज अइसे काला होइ ग रहा जइसे बालन स बना कपड़ा होय जात ह। अउर पूरा चाँद खून क तरह लाल होइ जात ह। 13 आकास क तारा धरती प अइसा गिर ग रहेन जइसे कउनउँ तेज आँधी स झकझोर दिहे प अंजीर क पेड़ स कच्ची अंजीर गिर जात ही। 14 आसमान फटा पड़ा रहा अउर एक चर्मपत्र क तरह सिकुरिके लपट ग रहा। सब पर्वत अउर द्वीप अपनी अपनी जगह स डिग ग रहेन।

15 दुनिया क सम्राट, सासक, धनी, सक्तिसाली अउर सब लोग अउर सब मालिक अउर गुलाम अपने आपका चटृानन क बीच अउर गुफा मँ अपने आपका छिपाइ लिहे रहेन 16 उ पचे पर्वतन अउर चटृानन स कहत रहेन: “हमरे ऊपर गिर पड़ा अउर जउन मनई सिंहासन प बइठा अहइ ओकरे अउर मेमना क गुस्सा स हम पचे क बचाइ ल्या! 17 ओनकी गुस्सा क भयंकर दिन आय ग अहइ अइसा के अहइ जे एका झेल सकइ।”

इस्राएल क 1,44,000 मनइयन

एकरे बाद धरती क चारउँ कोनन प चार सरगदूतन क मइँ खड़े देखेउँ धरती क चारउँ हवा क उ पचे पकड़े रहेन जइसे कि धरती प, समुद्दर प अथवा पेड़न प ओनमाँ स कउनउँ हवा चलइ न पावइ। फिन मइँ देखेउँ कि एक अउर सरगदूत अहइ जउन पूरब दिसा स आवत अहइ। उ जिअत परमेस्सर क मोहर लिहे रहा। अउर उ ओन चारउ सरगदूतन स जेनका धरती अउर आसमान क नस्ट कइ देइ क अधिकार दीन्ह ग रहा, जोर स पुकार क कहत रहा, “जब तक हमने अपने परमेस्सर क सेवकन क माथे प मोहर नाहीं लगाइ देइतन, तब तलक तू धरती, समुद्दर अउर पेड़न क नुकसान न पहुँचावा।”

फिन जउन मनइयन प मोहर लगाई ग रही, मइँ औनकइ तादाद सुनेउँ। उ 1,44,000 रहेन जेनकइ ऊपर मोहर लगाई ग रही, उ सब इस्राएल क सब परिवार समूहन स रहेन:

यहूदा क परिवार समूह क 12,000

रुबेन क परिवार समूह क 12,000

गाद क परिवार समूह क 12,000

आसेर परिवार समूह क 12,000

नप्ताली परिवार समूह क 12,000

मनस्से परिवार समूह क 12,000

समौन परिवार समूह क 12,000

लेवी परिवार समूह क 12,000

इस्साकार परिवार समूह क 12,000

जबूलून परिवार समूह क 12,000

यूसुफ परिवार समूह क 12,000

बिन्यामीन परिवार समूह क 12,000

भयंकर भीड़

एकरे बाद मइँ देखेउँ कि मोरे सामने एक बहुत बड़ी भीड़ रही जेकर कउनउँ गनती नाही कइ सकत रहा। इ भीड़ मँ हर जाति क, हर वंस क, हर कुल अउर हर भाखा क मनई रहेन। उ पचे उ सिंहासन अउर उ मेमना क आगे खड़ा रहेन। उ सबेन्ह सफेद चोगा पहिरे रहेन अउर अपने हाथे मँ खजूर क टहनी लिहे रहेन। 10 उ सबेन्ह बोलावत रहेन, “सिंहासन प बइठा हमरे परमेस्सर क जय होइ अउर मेमना क जय होइ।”

11 सभी सरगदूतन सिंहासन, बुजुर्गन अउर ओन चार प्रानीयन क घेरे खड़ा रहेन। सिंहासन क सामने झुकिके प्रणाम कइके ओन सरगदूतन परमेस्सर क आराधना किहेन। 12 उ पचे कहेन, आमीन हमरे परमेस्सर क, “स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, पराक्रम अउर सक्ति हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन!”

13 तबहि ओन बुजुर्गन मँ स कउनउँ एक मोसे इ पूछेस, “इ सफेद चोगा पहिरे कउन मनई अहइँ अउर इ कहाँ स आए अहइँ?”

14 मइँ ओनका जवाब दिहेउँ, “मोर प्रर्भू तू तउ जनतइ अहा।”

इ सुनिके उ मोसे कहेस, “इ पचे उहइ मनई अही जउन कठोर अत्याचार क बीच स होइके आवत अहइँ उ सबेन्ह आपन चोगा मेमना क खून स धोइके सफेद अउर उज्जर करे अहइ। 15 इही बरे अउर इ पचे परमेस्सर क सिंहासन क समन्वा खड़ा अहइँ अउर ओनके मंदिर मँ दिन रात ओकर आराधना करत ही। जउन सिंहासन पर बइठा बा, उ ओन पर आपन छाया करी। 16 न तउ कबहूँ ओनका भूख सतावात ह अउर न तउ कबहूँ पियासा रहत ह। सूरज ओनकइ कछू नाहीं बिगाड़ पावत अउर न तउ चिलचिलात धूप ओनका कबहूँ तपावत ह। 17 काहेकि उ मेमना जउन सिंहासन क बीच मँ अहइ, ओनकइ देखभाल करी। अउर ओनकर चरवाहा होइ। उ ओनका जिन्दगी देइ वाले पानी क झरना क पास लइ जाई अउर परमेस्सर ओनकी आंखिन क आंसू क पोछ देई।”

सातवी मोहर

फिन मेमना जब सावती मोहर तोड़ेस तउ सरग मँ करीब आधा घन्टा तक सत्राटा छावा रहा। फिन मइँ सात सरगदूतन देखेउँ जउन परमेस्सर क सामने खड़ा रहेन। ओनका सात तुरही दीन्ह गइ रहिन।

फिन एक अउर सरगदूत आवा अउर वेदी प खड़ा होइ गवा। ओकरे लगे सोने क एक ठु धूपदान रहा। ओका परमेस्सर क पवित्तर लोगन क पराथना क साथ सोने क उ वेदी प जउन सिंहासन क समन्वा रही चढ़ावइ क बरे तमाम धूप दीन्ह गइन। फिन सरगदूत क हाथे स धूप क उ धुआँ परमेस्सर क लोगन क पराथना क साथे परमेस्सर क समन्वा पहुँचा। एकरे बाद सरगदूत उ धूपदान क उठाएस, ओका बेदी क आग स भरेस अउर उचल क धरती प फेंक दिहेस। तब हुवाँ गरजना भइ, भयंकर आवाज आवइ लाग अउर बिजली चमकइ लाग। भूकम्प आइ गवा।

सातहुँ सरगदूतन क आपन तुरही बजाउब

फिन उ सात सरगदून जेकरे लगे सात तुरही रहिन, ओनका फूकइ क बरे तय्यार होइ गएन।

जइसेन पहिला सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, वइसेन खून, ओला, अउर आग एकइ साथे देखाइ लागेन अउर ओनका धरती प नीचे उछालिके फेंक दीन्ह गवा। जउने स धतरी एक तिहाई हिस्सा जलभुन क राख होइ गवा। एक तिहाई पेड़ जलत भए राख होइ गएन अउन संसार क पूरी घास राख होइ गइ।

दूसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ अइसा लगा जइसे आग क एक जलत विसाल पहाड़े क समान कउनो चीज समुद्दर मँ फेक दीन्ह गइ होइ। एहसे एक तिहाई समुद्दर खून मँ बदल गवा। अउर समुद्दर क एक तिहाई जीवित प्रानी मरि गएन अउर एक तिहाई पानी क जहाज विलाइ गएन।

10 तिसरा सरगदूत जब तुरही मँ फूँक मारेस तउ आकास स मसाल क तरह जरत भवा एक बड़का तारा गिर पड़ा इ तारा एक तिहाई नदियन अउर झरनन क पानी प जाइ गिरा। 11 इ तारा क नाउँ रहा “नागदौना” जउन समूचे पानी क एक तिहाई हिस्सा नागदौना[a] मँ बदल गवा। अउर उ पानी क जे पियेस ह बहुत मनई मर गएन। काहेकि पानी बहुत तीत होइ ग रहा।

12 अउ चौथा सरगदूत तुरही मँ फूँक मारेस, तउ एक तिहाई सूरज अउर साथे मँ एक तिहाई चन्द्रमा अउर एक तिहाई तारन प आफत आइ गइ। ओनकइ एक तिहाई हिस्सा काला पड़ गवा। इ तरह स एक तिहाई दिन अउर एक तिहाई रात अन्धेरे मँ बूड़ गएन।

13 फिन मइँ देखेउँ कि एक गरुड़ अबइ ऊँच अकास मँ उड़त रहा। मइँ ओका जोर स कहत सुनेउँ, “जउन तीन सरगदूत बचा अहइँ अउर आपन तुरही बचावइवाला अहइ, ओनके तुरही बजाए स धरती प रहइवाले प बिपति आवइ! बिपत्ति आवइ! बिपत्ति आवइ!”

जब पाँचवा सरगदूत आपन तुरही मँ फूँक मारेस, तब मइँ आकास स धरती प गिरा भवा एक तारा देखेउँ। एका उ चिमनी क कुंजी दीन्ह ग रही जउन पाताल मँ उतरत ह। फिन उ तारा उ चिमनी क ताला खोल दिहेस जउन पाताल मँ उतरत रही अउर चिमनी स वइसेन धुआं फूट गवा जइसेन एक बड़ी भट्ठी स निकरत ह। इ बरे चिमनी स निकरा धुँआ स सूरज अउर आसमान काला पड़ गएन।

तबही उ धुँआ स धरती प टिडिु दल उतर आवा। ओनके पास उहइ ताकत रही जउन धरती प रहइवाले बिच्छुअन मँ रहत ह। मुला ओनसे कह दीन्ह ग रहा कि उ धरती क घास क कउनउँ नुकसान न पहुँचावइँ अउर न तउ हरिअर पेड़ पउधा क कउनउँ नुकसान पहुँचावइँ ओनका केवल ओनही मनइयन क नुकसान पहुँचावइँ क रहा जेकरे माथे प परमेस्सर क मोहर नाहीं लगी रही।

टिडुी दल स इ भी कहा ग रहा कि उ मनइयन क प्रान न लेइँ ओनका पाँच महीना तक पीड़ित करत रहइँ। ओनका जउन कस्ट दीन्ह जात रहा, उ उही तरह क रहा जइसे बिच्छू क काटइ स रहत ह। उ ओहि दिनन उ मनई मउत क डूड़िहइँ, मुला मउत ओनका न मिलपाई उ पचे मरइ क बरे तरसिहइँ अउर मउत ओनका चकमा दइके चली जाई।

अउर अब देखा कि उ टिडुी लड़ाई मँ लड़इ क बरे तैय्यार घोड़न क तरह देखात रहिन। ओनके माथे प चमकीला मुकुट बँधा रहेन। अउर ओनकर मुँह मनइयन क मुँहन जइसे रहेन। ओनके बार स्त्रियन क बार क तरह रहेन अउर ओनकइ दाँत सेर क दाँत क तरह रहेन। ओनकइ सीना अइसा रहेन जइसे लोहा क कवच होइँ। ओनकइ पखना क आवाज लड़ाई मँ जात बहुत घोड़े अउर रथ क आवाज क तरह रहेन। 10 ओनकी पूँछ रहेन जइसे बीछू क ड़ंक होइँ अउर ओहमाँ पाँच महीना तक लोगन क दु:ख पहुँचावइ क ताकत रही। 11 पाताल क अधिकारी दूत क उ पचे अपने राजा क तरह लिहे रहेन। इब्रानी भाखा मँ ओनकइ नाउँ अहइ, “अबड्डोन”[b] अउर यूनानी भाखा मँ ओका “अपुल्लयोन” (नास करइ वाला) कहा जात रहा।

12 पहली बड़ी आफत तउ बीत गइ अहइ मुला एकरे बाद दुइ बिपत्ति बड़ी अउर पड़इवाली अहइ।

छठवें तुरही क बजाउब

13 फिन जइसेन छठवाँ सरगदूत आपन तुरही फूँकेस, वइसेन ही मइँ परमेस्सर क समन्वा एक चमकीली वेदी देखेउँ, ओकरी चार सीग मँ स आवाज आवत रही। 14 तुरही लिहे छठवें सरगदूत स उ आवाज कहेस, “ओन चार सरगदूतन क छोड़ द्या जउन फरात महानदी क लगे बंधा पड़ा अहइँ।” 15 इ बरे चारउ सरगदूत क छोड़ दीन्ह गवा। उ पचे उही समइ, उही दिन, उही महीने अउर उही साल क बरे तय्यार रखा ग रहेन जइसेन कि एक तिहाई मनइयन क मार डावइँ। 16 ओनके पूरी तादाद केतनी रही, इ मइँ सुनेउँ। घोड़ा प चड़े सैनिकन क तादाद 20,00,00,000 रही।

17 उ मोरे दर्सन मँ उ घोड़ा अउर ओनके सवार मोका इ तरह देखॉई पड़ेन: उ सबेन्ह कवच पहिरे रहेन जउन धधकत आग जइसे लाल लाल, गहरे नीला अउर गन्धक जइसे पीला रहेन। घोड़न क मूँड़न सिंहन क समान रहेन अउर ओनके मुखन स अग्नि, धुँआ तथा गन्धक निकरत रहा। 18 इ तीन महामारी स मतलब ओनके मुँहे स निकरत आगी, धुँआ अउर गन्धक स एक तिहाई मनइयन क मार ड़ावा गवा। 19 ऍन घोड़न क ताकत ओनके मुँहे अउर पूँछ मँ रही, काहेकि ओनके पूँछ मुँड़वाले साँप क तरह रही जउने स उ मनइयन क नुकसान पहुँचावत रहेन।

20 एतने क बावजूद जउन मनई इ सत्यानास स नाहीं मारा गएन अउर जे आपन हिरदय तथा मनफिरावा पे रहा, अउर जउन अबे तक परेत, सोना, चाँदी, काँसा, पाथर अउर लकड़ी क मूर्तियन क पूजा नाहीं छोड़े रहेन जउन कि न देख सकत ही न बोल सकत ही, न चल सकत ही अउर न सुन सकत ही। 21 उ पचे आपन हिरदय अउर मन नाहीं बदलेन तथा अपने द्वारा कीन्ह हत्या, जादू टोना, यौन अनाचार अउर चोरी चकारी क कउनउँ पछतावा नाहीं रहा।

सरगदूत अउर छोटी पोथी

10 फिन मइँ आकास स नीचे उतरत एक अउर बलवान सरगदूत क देखेउँ उ बादर क ओड़े रहा अउर ओकरे मूँड़े क आस पास एक मेघधनुस रहा। ओकर मुख मण्डल सूरज क तरह अउर टांग आग क खंभा जइसे रहेन। आपने हाथे मँ उ एक छोटी स खुली पोथी लिहे रहा। आपन दहिना पैर समुद्दर मँ अउर बांया पैर धरती प रखेस। फिन उ सेर क तरह दहाड़त जोर स चिल्लाएस। ओकरे चिल्लाए प सातउ गरजन तरजन क आवाज सुनाई देइ लाग जउन सातउ गरजन होइ चुकेन।

अउर मइँ लिखइवाला रहेउँ, तबइ मइँ एक आकासावाणी सुनेउँ, “सातउ गरजन जउन कछू कहे अहइ, ओका छिपाय ल्या अउर ओका न लिखा।”

फिन उ सरगदूत जउने क मइँ समुद्दर मँ अउर धरती प खड़ा देखे रहेउँ, अकास मँ ऊपर दाहिन हाथ उठाएस। अउर जउन हमेसा स जीवित अहइ, जे अकास क अउर अकास क सब चीजन क, धरती अउर धरती प किहेस अउर समुद्दर अउर जउन कछू ओहमाँ अहइ, ओनकइ सबनक रचना करे अहइ, ओकर सपथ लइके सरगदूत कहेस, “अब अउर जियादा देर न होइ! मुला जउ सातवाँ सरगदूत क सुनइ क समइ आइ अर्थात जब उ आपन तुरही बजावइवाला होइ, तबइ परमेस्सर क उ छिपी योजना (सुसमाचार) पूरी होइ जाइ जेका उ अपने सेवक अउर नबियन क बताए रहा।”

उ आकासवाणी जउने कि मइँ सुने रहेउँ, उ आवाज फिन मोसे कहेस, “जा अउर उ सरगदूत स जउन समुद्दर मँ अउर धरती प खड़ा अहइ ओकरे हाथे स खुली पोथी क लइ ल्या।”

इ बरे मइँ उ सरगदूत क पास गएउँ अउर मइँ ओसे कहेउँ कि उ छोट क पोथी मोका दइ देइ। उ मोसे कहेस, “एक ल्या अउर खाइ ल्या। एहसे तोहार पेट कड़वा होइ जाइ मुला दोहरे मुँहे मँ इ सहदउ स जिआदा मीठा बन जाइ।” 10 फिन उ सरगदूत क हाथ स मइँ उ छोट क पोथी लइ लीन्ह अउर ओका खाइ लीन्ह। मोरे मुँहे मँ इ सहद क तरह मीठ लाग मुला जब मइँ खाइ चुकेउँ तब मोर पेट कड़वा होइ गवा। 11 एह प उ मोसे बोला, “तोहका तमाम मनई, देस, जातियन क भाखा अउर राजा क बावत भविस्सवाणी करइ क पड़ी।”

दुइ साच्छी

11 एकरे बाद नापइ क बरे मोका एक सरकंड़ा दीन्ह गवा जउन नापइ वाली छड़ी क तरह दिखाई पड़त रही। मोसे कहा गवा, “उठा अउर परमेस्सर क मंदिर क अन्दर वेदी क नाप ल्या अउर जउन मनई मंदिर क अन्दर आराधना करत अहइ, ओनके गिनती करा। मुला मंदिर क बाहर आंगन क रहइ द्या, ओका न नापा काहे बरे कि इ गैर यहूदियन क दीन्ह ग अहइ। उ पचे बयालीस महीना तक पवित्तर नगर क अपने पैर क नीचे रौंद देइही। मइँ अपने दुइ गवाहन क खुली छूट देब अउर उ 1,260 दिन तक भविस्सबाणी करिहइँ उ पचे टाट क कपरा पहिने रइही जेनका दु:ख परगट करइ क बरे पहिना जात ह।”

इ दुइनउँ साच्छी उ दुइ जइतून क पेड़ अउर उ दुइ ठु दीपादान अहइँ जउन धरती क पर्भू क समन्वा अहइँ। जदि केउ ओनका नुकसान पहुँचावा चाहत ह तउ ओकरे मुँहे स आग निकरइ लागत ह अउर ओनके दुस्मनन क निगल लेत ह। जदि केउ ओनका नुकसान पहुँचावइ क कोसिस करत ह तउ ओकर मउत निस्चित तौर प होइ जात ह। उ पचे अकास क बादल बाँधके रखइ क ताकत रखतही जेहसे जब उ पचे भविस्सबाणी करत होइँ तउ ओ समइ पानी न बरसी। ओनकै झरनन क पानी प अधिकार रहा जेका उ पचे खून मँ बदल सकत रहेन। ओनमाँ अइसी ताकत रही कि उ जेतना बार चाहतेन, ओतनी बार धरती प हर तरह क विनास कइ सकत रहेन।

ओनके साच्छी दइ चुकइ क बाद, उ जानवर महागर्त स बाहर निकरी अउर ओन पइ हमला करी। उ ओनका हराइ देइ अउर मारि ड़ाई। ओनकर ल्हास महानगर क गलियन मँ पड़ी रहिहइँ। इ सहर क प्रतीक रुप मँ सदोम अउर मिस्त्र कहा जात रहा। हिआँ प ओनकर पर्भू क क्रूस प चड़ाइके मारा ग रहा। सब जातियन, उपजातियन, भाखा अउर रास्ट्र क मनई ओनकी ल्हास क साड़े तीन दिन तक देखत रइही, अउर ओनकी ल्हास क कब्र मँ न रखइ देइही। 10 धरती प रहइवाले आनन्द मनईहइँ उ पचे त्यौहार मनईहइँ अउर एक दूसर क तोहफा देइहइँ। इ दुइनउँ नबियन धरती प रहइवाले मनइयन क बहुत दु:ख दिहे अहइँ।

11 मुला साढ़े तीन दिन क बाद परमेस्सर कइँती स ओनके जीवन मँ सास आइ गइ अउर उ पचे अपने गोड़े प खड़ा होइ गएन। जे ओनका देखे रहेन, उ पचे बहुत डेराइ गएन। 12 फिन उ दुइनउँ नबियन जोर क आवाज मँ आकासबाणी क ओनसे कहत भए सुनेन, “हिआँ ऊपर आइ जा!” इ बरे उ अकास क भीतर बादल मँ ऊपर चला गएन। ओनका ऊपर जात ओनकर खिलाफत करइवाले देखेन।

13 ठीक उही समइ प हुवा बहुत बड़ा भूचाल आइ गवा अउर सहर क दसवा हिस्सा ड़ह गवा। भूचाल मँ सात हजार मनई मारा गएन अउर जउन बच ग रहेन उ सबेन्ह बहुत ड़ेराइ गएन अउर उ सरग क परमेस्सर क महिमा क बखान करइ लागेन।

14 इ तरह स अब दूसरउ आफत बीत गइ। मुला सावधान! तीसरी महाविपत्ति जल्दी आवइवाली अहइ।

सातवी तुरही

15 सातवाँ सगरदूत जब आपन तुरही फूँकेस तउ सरग स जोर क आवाजन आवइ लागिन। उ सबइ कहत रहिन:

“अब इ दुनिया क राज हमरे पर्भू क बाटइ, अउर ओकरे मसीह क बाटइ।
    अउर उ कई जुग तक सासन करी।”

16 अउर उही समइ परमेस्सर क समन्वा अपने अपने सिंहासन प बइठा चौबीसउ बुजुर्गन दण्ड़वत प्रणाम कइके परमेस्सर क आराधना किहेन। 17 उ पचे बोलेन:

“सर्वसक्तिमान प्रर्भू परमेस्सर तू अहा,
    तू रह्या हम तोहार धन्यवाद करत अही।
तुहिन आपन महासक्ती क लइके
    अपने सासन क सुरुआत करे रह्या।
18 जउ अउर रास्ट्रन गुस्सन स भरी रहिन
    मुला तउ तोहार कोप प्रकट होइ क समइ आइ गवा,
    अउर क निआव क समइ आइ ग अहइ,
अउर उ समइ आय ग अहइ जउ तोहार सेवक फल पड़हइँ ओन नबियन
    अउर उ सब पवित्तर मनई जउन तोहार आदर करत रहेन।
    अउर सभी जेतना बड़े मनई अहइँ, अउर सभी जेतने छोटे मनई अहइँ, सब अपने काम क फल पावइँ।
जउन मनई धरती क मिटावत अहइँ, ओनके मिटावइ क समइ आइ ग अहइ।”

19 फिन सरग मँ परमेस्सर क मंदिर क खोला गवा जहाँ ओकरे मंदिर मँ करार क उ पेटी देखाई पड़ी। फिन बिजली क चकाचौध होइ लगी। मेघन क गरजन, तरजन, अउर घड़घड़ाहट क आवाज, भूकम्प अउर भयानक ओला बरसइ लागेन।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.