Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
प्रकासित वाक्य 1-5

इ किताब क बारे मँ यहून्ना कहेस

इ ईसू मसीह क प्रकासित वाक्य अहइ जउन ओका परमेस्सर स इ बरे मिला अहइ जइसे कि जउन बात होइवाली अहइ, ओनका अपने सेवकन क दिखावा जाइ। आपन दूत भेजके मसीह अपने सेवक यूहन्ना क इसारा कइके बताएस। यूहन्ना जउन कछू देखे रहा, ओकरे बावत बताएस। इ उ सच्चाई अहइ जेका ईसू मसीह बताए रहा। इ उ संदेस अहइ जउन परमेस्सर क अहइ। उ मनई धन्य अहइ जउन परमेस्सर क भविस्सबाणी क नीक संदेस क पड़त ह, अउर सुनत ह अउर उ पचे धन्य अहइँ जउन बातन एहमाँ लिखी अहइँ, जे ओनकइ पालन करत ह। काहेकि परिपूर्ण क समइ नजदीक अहइ।

कलीसियन क नाउँ यूहन्ना क संदेस

यहून्ना कइँती स,

एसिया प्रान्त[a] मँ बरकरार सात कलीसियन क नाउँ उ परमेस्सर कइँती स:

जउन अहइ, जउन हमेसा स रहा अउर जउन आवइवाला अहइ, ओन सात आतिमा कइँती स जउन ओकरे सिंहासन क सामने अहइँ। अउर उ ईसू मसीह कइँती स जउन विसवास भरा साच्छी, मरा मनइयन मँ पहिला जी उठइ वाला अउर धरती क राजन क राजा अहइ तोहका कृपा अउर सान्ति मिलइ।

उ जउन हमसे पिरेम करत ह अउर जउन आपन खून स हमका पचे क आपन पापन स छुटकारा देवाएस। उ हमका एक राज्ज अउर अपने परमपिता परमेस्सर क सेवा मँ याजक होइ क बनाएस। ओकर महिमा अउर पराक्रम हमेसा बरकरार रहइ! आमीन!

देखा, बादलन क साथ मसीह आवत अहइ। हर एक आँखी ओकर दर्सन करी। एहमाँ ओनकइ सामिल अहइँ जउन ओका मारे रहेन।[b] धरती क सब मनई ओकरे कारण रोइही! हाँ! सचमुच अइसा होइ! आमीन!

सबसे बड़ी ताकतवाला पर्भू परमेस्सर, जउन बरकरार अहइ, हमेसा हमेसा स रहा अउर जउन आवइवाला अहइ, कहत अहइ, “मइँ अलफा (आदि) अउर ओमेगा (अन्त) दुइनउँ अही।”

मइँ, यहून्ना अउर ईसू मँ तोहार भाई अहइँ! हम संग संग ईसू मँ अही अउर ईसू क कारण अत्याचार, राज्ज अउर धीरज मँ भरी सहनसीलता मँ तोहार साच्छी अही। परमेस्सर क बचन अउर ईसू क साच्छी देइ क कारण मइँ पतमुस[c] नाउँ क द्वीप मँ रहेउँ। 10 पर्भु क दिन मइँ आतिमा क वसीभूत हो उठेउँ अउर मइँ अपने पाछे तुरही क एक तेज आवाज सुनेउँ। 11 उ कहत रही, “जउन कछू तू देखइ अहा, ओका एक किताब मँ लिख द्या अउर फिन ओका इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलादेलफिया अउर लौदीकिया क सातउ कलीसियन क भेज द्या।”

12 फिन इ देखइ क बरे कि इ आवाज केकर बाटइ जउन मोसे बोलत रही, मइँ मुड़ेउँ अउर जब मइँ मुड़ेउँ तउ मइँ सोने क सात दीपाधार देखेउँ। 13 अउर ओन दीपाधारन क बीच मइँ एक आदमी क देखेउँ जउन “मनई क पूत” क जइसा कउनउँ मनई रहा। उ अपने गोड़े तक लम्बा चोगा पहने रहा। अउर ओकरी छाती प एक सुनहरी पटका लिपटा रहा। 14 ओकर मूँड़ अउर बाल सफेद ऊन क तरह उज्जर रहेन। ओकर आँखिन आगी क चमचमात लपट क तरह रहिन। 15 ओकर पैर भटृी मँ अबही अबही तपावा गवा कांसा क नाई दमकत रहेन। ओकर आवाज तमाम पानी क धारा क गरज क तरह रही। 16 अउर उ अपने दाहिने हाथे मँ सात तारा धरे रहा। ओकरे मुँह स एक तेज दुधारी तलवार बाहर निकरत रही। ओकर तस्वीर तेज दमकत सूरज क तरह उज्जर रही।

17 मइँ जब ओका देखेउँ तउ मइँ ओकरे पैर प अइसेन गिर पड़ेउँ जइसेन मरा मनई गिरइ। फिन उ आपन दाहिना हाथ मोरे ऊपर रखेस अउर कहेस, “ड़ेराय न जा, मइँ पहिला अहउँ अउर मइँ आखिरी अहउँ। 18 मइँ उहइ अहउँ जउन जिअत अहउँ। मइँ मरि ग रहेउँ मुला देखा, अब मइँ हमेसा हमेसा बरे जिन्दा अहउँ। मोरे पास मृत्यु अउर अधोलोक क चाभी अहइ। 19 तू जउन कछू देखे अहा, जउन कछू होत अहइ, अउर कछू आगे होइवाला अहइ ओका लिखत जा। 20 इ जउन सात तारा अहइँ जेनका तू मोरे हाथे मँ देखत अहा अउर जउन इ सात दीपाधार अहइँ एनकइ सबन क गुप्त रहस्य अहइ: इ सात तारा सात कलीसियन क सरगदूतन अही अउर इ सात दीपाधार सात कलीसियन अही।

इफिसुस की कलीसिया क मसीह क संदेस

“इफिसुस क कलीसिया क सरगदूत क इ लिखा:

“उ जउन अपने दाहिने हाथे मँ सात तारन क धारन करत ह अउर जउन सात दीपाधारन क बीच घूमत ह, इ तरह कहत अहइ

“मइँ जानत अहउँ जउन तू करत अहा अउर, कड़ी मेहनत अउर धीरज भरी सहनसीलता क जानित हउँ अउर मइँ इहइ जानित हउँ कि तू बुरा मनइयन क राह नाही पउत्या अउर तू ओनका परखे अहा जउन कहत अहइँ कि उ पचे प्रेरितन बाटेन मुला सही मँ नाही अहइँ। तू ओनका झूठा पाए अहा। मइँ जानित हउँ कि तोहरे मँ धीरज अहइ अउर मोरे नाउँ प तू कठिनाई झेले अहा। अउर तू थका नाहीं अहा।

“मुला मोरे लगे तोहरे विरोध मँ इ अहइ: तू पिरेम छोड़ दिहे अहा जउन सुरुआत मँ तोहरे मँ रहा। इ बरे याद करा कि तू कहाँ स गिर अहा, आपन मनफिराव अउर उ करा जेका तू सुरुआत मँ करत रह्या, जदि तू पछतावा न करब्या तउ मइँ तोहरे लगे आउब अउर तोहरे दीपाधार क ओकरी जगह स हटाइ देब। मुला इ बात तोहरे हित मँ अहइ कि तू नीकुलइयन[d] क काम स नफरत करत अहा, जेनसे मइँ भी नफरत करत हउँ।

“जेकरे लगे कान अहइँ, उ ओका सुनइँ जउन आतिमा कलीसियन स कहत अहइ। जे विजय पाई मइँ उही परमेस्सर क बगिया मँ लगा जीवन क पेड़ स फल खाइ क अधिकार देब।

स्मुरना की कलीसिया क मसीह क संदेस

“स्मुरना क कलीसिया क सरगदूत क इ लिखा:

“उ जउन पहिला अहइ अउर जउन आखिरी अहइ जउन मर ग रहा अउर फिन स जी उठा।

“उ कहेस मइँ तोहरे साथ जउन अत्याचार भवा ओका अउर तोहरी दीनता दुइनउँ क जानत हउँ वइसे तू धनवान अहा। जउन खुद क यहूदी कहत अहा, अउर जउन तोहार निन्दा करे अहइ, मइँ ओका भी जानत हउँ। यद्यपि ओन्हन सही सही यहूदी न अही। बल्कि उ पचे सइतान क आराधनालय अहइँ जउन सइतान स संबंध रखित ह। 10 उ अत्याचार स तोहका ड़ेराय क जरुरत नाही अहइ, जउने क तोहका सहइ क अहइ। सुना, सइतान तोहरे मँ स कछू जने क बंदीगृह मँ डाइके तोहार परीच्छा लेइ जात अहइ। अउर तोहका हुवाँ दस दिन तक कस्ट भोगइ क अहइ। चाहे तोहका मर जाइ क पड़इ मुला सच्चा बना रह्या तबइ तोहका जीवन वाला मुकुट देब।

11 “जउन सुन सकत ह, सुन लेइ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ। जउन जीत जाई ओका दूसरी मउत स कउनउँ नुकसान न उठावइ क पड़ी।

पिरगमुन की कलीसिया क मसीह क संदेस

12 “पिरगमुन क कलीसिया क सरगदूतन क इ लिखा:

“उ जउन तेज दोधारी तलवार क धरत अहइ उ इ तरह स कहत ह:

13 “मइँ जानत हउँ कि तू कहाँ रहत बाट्या जहाँ सइतान क सिंहासन बाटइ। अउर मइँ इहउ जानत हउँ कि तू मोरे नाउँ प स्थिर अहा, अउर तू मोरे बरे आपन बिसवास क कबहुँ जकारया नाहीं। तोहरे उ नगर मँ जहाँ सइतान क निवास अहइ, मेरा बिसवासपूर्ण साच्छी अन्तिपास मार दीन्ह गवा रहा।

14 “मुला मइँ तोरे बिरोध मँ कछू कहइ चाहत हउँ: तोहरे हिआँ कछू अइसे लोग बाटेन जउन बिलाम क सिच्छा क मानत ही। उ बालाक क सिखावत रहा कि इस्राएलियन क मूर्तियन क चड़ावा खाइ अउर व्यभिचार करइ क प्रोत्साहित करइ। 15 अइसे तोहरे हिआँ भी कछू अइसे मनइयन अहइँ जउन नीकुलइयन क सीख प चलत अहइँ। 16 एह बरे मनफिरावा नाहीं तउ मइँ जल्दी ही तोहरे पास आउब अउर ओनके बिरोध मँ उस तलवार स युद्ध करबइ जउन मोरे मुँह स निकरत बाटइ।”

17 “जउन सुन सकत ह, सुन लेइ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।

“जउन बिजयी होई मइँ हर एक क गुप्त मन्ना देब। मइँ ओका एक सफेद पाथर देब जेह पइ एक नवा नाउँ लिखा होई। जेका ओकरे अलावा अउर कउनउँ नाही जानत अहइ, जेका उ दीन्ह गवा बाटइ।

थूआतीरा क कलीसिया क मसीह क संदेस

18 “थूआतीरा क कलीसिया क सरगदूतन क नाउँ इ लिखा:

“परमेस्सर क पूत, जेकर आँखिन धधकती आग क समान बाटिन, अउर जेकर पैर चमकते काँसा क जइसे अहइँ, इ कहत अहइ:

19 “मइँ तोहरे कारज, पिरेम, बिसवास, सेवा अउर धैर्य क जानत हउँ। मइँ इहउँ जानत हउँ कि तोहार वर्तमान कारज विगत कारज स अधिक होत बाटइ। 20 मुला मइँ तेरे विरोध मँ कछू कहइ चाहत हउँ; तू उ स्त्री इजेबेल क अपने मध्य रहइ देता अहा, जउन अपने आपको नबीया कहत ह। मुला मोरे सेवकन क व्यभिचार करइ अउर मूर्तियन क आगे चड़ाई भइ चीजन क खाइ बरे सिच्छा देत अहइ। 21 मइँ ओका मनफिरावा क अवसर दिहे अहउँ। मुला उ अपने व्यभिचार स मनफिरावा नाहीं चाहत।

22 “अउर मइँ ओंका रोग चारपाई प डाउब। अउर जे ओकरे साथ व्यभिचार करत अहइँ तउ उ तरह क कस्ट अउर दिक्कत भोगइँ जब तलक अपने काम क पछतावा न कइलेइँ। 23 मइँ महामारी फैलाइके ओकरे लरिकन क मारि डाउब अउर सब कलीसियन क पता चल जाइ कि मइँ उहइ अहउँ जउन सब मनइयन क मन अउर बुद्धि क जानत अहइ। मइँ तोहका सबका तोहरे काम क हिसाब स फल देबइ।

24 “अब मोका थूआतीरा क बाकी बचे क कछू मनइयन स कछू कहइ क अहइ कि जे इस सीख प नाहीं चलतेन अउर जउन सइतान क अउर ओकरे छिपी बातन क नाहीं जानत अहइँ। मइँ तोहरे ऊपर अउर कउनो बोझा नाहीं ड़ावा चाहत अहउँ। 25 मुला जउन कछू तोहरे लगे अहइ, ओह प मोरे आवइ तक चलत रहा।

26 “जउन मनई जीत हासिल करी अउर जउन बातन क मइँ आदेस दिहे अहउँ अखिरी दम तक मोर आदेस पर टिका रही, जेहका मइँ चाहत अहउँ ओका मइँ राष्ट्रन पर अधिकार देत हउँ। 27 तथा उ ओनके ऊपर लोहे क ड़ण्ड़े स सासन करी। उ ओनका माटी क भाँड़न क तरह चूर चूर कइ देई। 28 इ उहइ अधिकार अहइ जेका मइँ अपने परमपिता स पाए अहउँ। मइँ अइसे मनई क भोर क तारा देब। 29 जेकरे पास कान अहइँ, उ सुन लेइँ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।

सरदीस की कलीसिया क मसीह क संदेस

“सरदीस कलीसिया क सररगदूत क इ तरह लिखा:

“अइसा उ कहत ह जेकरे लगे परमेस्सर क सात आतिमा अउर सात तारा अहइँ।

“मइँ तोहरे काम क जानत अहउँ सब मनइयन क कहब अहइ कि तू जिअत अहा, मुला तू तउ मर ग अहा। सावधान रहा! अउर जउन कछू बचा अहइ, ओका विलाई जाइ क पहले अउर मजबूत बनावा काहे बरे कि अपने परमेस्सर क निगाह मँ मइँ तोहरे काम क नीक नाहीं पाए अहउँ। इ बरे जउने उपदेस क तू सुने अहा अउर पाए अहा, ओका याद करा। उही प चला अउर आपन मनफिरावा। जदि तू न जगब्या तउ चोर क तरह मइँ चला आउब। एकै तोहका पता नाहीं होइ कि मइँ कब अउबउँ अउर तोहका अचम्भा मँ डाइ देब।

“जउनउ कछू होइ, मुला सरदीस मँ तोहरे लगे कछू अइसे मनइयन अहइँ जउन अपने क खराब नाहीं किहे अहइँ। उ पचे नीक मनई अही, इ बरे मोरे साथ उज्जर उज्जर कपरा पहिनी क घूमिहइँ। जउन उ जीती, उ इही तरह उज्जर कपरा पहिनी मइँ जीवन क पुस्तक स ओकइ नाउँ न हटाउबइ, मइँ ओकरे नाउँ क परमपिता अउर सरगदूतन क सामने मानता देबइ। जेकरे लगे कान अहइँ, उ पचे सुन लेइँ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।

फिलादेलफिया कलीसिया क मसीह क संदेस

“फिलादेलफिया कलीसिया क सरगदूत क इ तरह लिखा:

“उ जउन पवित्तर अउर सच्चाई अहइ अउर जेकरे लगे दाऊद क चाभी अहइ जउन अइसा दरवाजा खोलत ह, जेका केहू खोल नाहीं पावत, इ तरह कहत ह;

“मइँ तोहरे काम क जानित ह। देखा तोहरे सामने मइँ एक दरवाजा खोल दिहे अहउँ, जेका केहू बन्द नाहीं कइ सकत। मइँ जानत हउँ कि तोहार ताकत कम अहइ मुला तू मोर उपदेस क पालन किहे अहा, अउर मोर नाउँ क खंडन नाहीं किहे अहा। सुना! कछू अइसे अहइँ जे सइतान क आराधनालय अही अउर जउन यहूदी न होत भए अपुना क यहूदी कहत ही जे एकदम झूठा अहइँ, ओनका मइँ मजबूर कइके तोहरे पैर मँ झुकाइ देब जइसे कि ओनका पता चल जाइ कि तू मोका अच्छा लागत ह्या। 10 तू धीरज क साथ सहनसीलता स मोर आदेस क पालन किहे अहा। एकरे बदले मँ मइँ इम्तिहान क घड़ी मँ तोहार रच्छा करबइ, जउन कि धरती पर रहइवालेन क परखइ क बरे पूरे संसार मँ आवइवाली अहइ।

11 “मइँ बहुत जल्दी आवत अहउँ। जउन कछू तोहरे पास अहइ, ओकरे ऊपर डटा रहा जइसे कि तोहार जीत क मुकुट कउनउँ लेइ न पावइ। 12 जउन मनई जीती, ओका मइँ अपने परमेस्सर क मंदिर क खम्भा बनउबइ। फिन उ कबहूँ मंदिर क बाहर न जाई। अउर मइँ अपने परमेस्सर क अउर अपने परमेस्सर क नई नगरी क नवा यरुसलेम नाउँ ओकरे ऊपर लिखबइ, उ नगरी परमेस्सर कइँती स सरग स नीचे उतरइवाली अहइ। ओकरे ऊपर मइँ अपनउँ नये नाउँ लिखबइ। 13 जे सुन सकत ह सुन लेइ कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।

लौदिकिया की कलीसिया क मसीह क संदेस

14 “लौदीकिया क कलीसिया क सरगदूत क इ लिखा:

“जउन आमीन[e] अहइ बिसवास भरा अहइ, सच्ची साच्छी अहइ, जउन परमेस्सर क रचना क एक ठु सासक अहइ, इ तरह कहत ह:

15 “मइँ तोहरे काम क जानत हउँ अउर इहउ कि न तउ इ ठंडा होत ह अउर न गरम। मइँ चाहत हउँ कि तू या तो ठंडा रहा या गरम। 16 इ बरे कि तू गुनगुना अहा, न तउ गरम अहा न ठंडा, एहि कारण मइँ तोहका अपने मुँह स उगलइ जात अहउँ। 17 तू कहत अहा कि मइँ धनी होइ गवा हउँ अउर मइँ भाग्यसली होइ गवा अहउँ अउर मोका कउनउँ चीज क जरुरत नाहीं अहइ, मुला तोहका पता नाहीं अहइ कि तू अभागा अहा, दयनीय अहा, आँधर अहा अउर नंगा अहा। 18 मइँ तोहका इ सलाह देत अहउँ कि तू मोका आगी मँ तपावा सोना खरीदा जइसे कि तू सही सही धनवान होइ जा। पहिनइ क वास्ते सफेद कपरा लइ ल्या जइसे कि तोहरी बेसार्मी अउर नंगाई क तमासा न खड़ा होइ जाइ। अपने आँखन मँ लगावइ क वास्ते तू आँजन लइ ल्या जइसे कि तू निहार सका।

19 “ओनका सबेन्ह क जेनका मइँ पिरेम करित हउँ, मइँ डाटत अहउँ अउर अनुसासित करत हउँ। कठिन जतन कइके आपन मनफिराइ ल्या। 20 सुना, मइँ दरवाजे प खड़ा अहउँ अउर खटखटावत अहउँ। जउ केहू मोर आवाज सुनत ह अउर दरवाजा खोल देत ह तउ मइँ अन्दर आइ जइहउँ अउर ओकरे साथे बइठके खाना खाबइ। अउर उ मोर साथे बइठके खाना खात ह।

21 “जउन मनई जीती मइँ ओका अपने साथे सिंहासन प बइठइ देब। जइसे कि जीत हासिल कइके मइँ अपने पिता क साथे सिंहासन प बइठा अहउँ। 22 जे मनई सुनि सकत ह सुन लेइ, कि आतिमा कलीसियन स का कहत अहइ।”

सरग क दर्सन

एकरे बाद मइँ आपन निगाह उठाएउँ तउ उहाँ सरग क खुला दरवाजा मोरे सामने रहा। अउर उहइ आवाज जउने क मइँ पहले सुने रहेउँ, तुरही क आवाज जइसी मँ मोसे कहत रही, “हिआँ ऊपर आइ जा। मइँ तोहका उ देखाउब जउन आगे चलिके होइवाला अहइ।” फिन तुरन्तइ मइँ आतिमा क बस मँ होइ गएउँ। मइँ देखेउँ कि मोर सामने सरग मँ सिंहासन अहइ अउर ओकरे ऊपर केउ बइठा अहइ। जउन ओह प बइठा रहा ओकै चमक यसब अउर गोमेद क तरह रही। सिंहासन क चारिहुँ कइँती एक मेघधनुस रहा जउन पन्ना क तरह दमकत रहा।

उ सिंहासन क चारिहुँ कइँती चौबीस सिंहासन अउर रहेन। ओकरे ऊपर चौबीस बुजुर्गन[f] बइठा रहेन। उ पचे सफेद कपरा पहिने रहेन। ओनके मूड़े प सोने क मुकुट रहेन। सिंहासन भरा बिजली क चकाचौध, घड़घड़ाहट, अउर बादर गरजइ क आवाज आवत रही। सिंहासन क समन्वा लपलपात सात मसाल जरत रहिन। इ मसाल परमेस्सर क सात आतिमा अहइँ। सिंहासन क समन्वा पारदर्सी कांच क स्फटिक समुद्दर जइसा फइला रहा।

सिंहासन क ठीक समन्वा अउर ओकरे दुइनउँ तरफ चार जीवित प्रानी रहेन। ओनके आगे अउर पाछे आंखिन रहिन। पहला जीवित प्रानी सेर क तरह रहा, दूसर जीवित प्रानी बइल जइसा रहा, तीसरे जीवित प्रानी क मुँह मनई जइसा रहा। अउर चौथा प्रानी उड़ते हए गरुड़ क समान रहा। इ चारु ही प्रनियन क छ: छ: ठू पखना रहेन। ओकरे चारो तरफ अउर भीतर आंख आंख भरी पड़ी रहिन। दिन रात उ पचे हमेसा कहत रहेन:

“पवित्तर, पवित्तर, पवित्तर प्रर्भू परमेस्सर सर्वसक्तिमान,
    उहइ रहा, उहइ अहइ, अउर उहइ आवत अहइ।”

जउ उ जिअत प्रानी उ सदैव रहत क महिमा, आदर अउर धन्यबाद करत रहेन, जउन सिंहासन प बइठा रहा, तउ ब उ 10 चौबीसौ बुजुर्गन ओकरे पैरन मँ गिरके हमेसा जिअत रहइवाले क आराधना करत ही। उ सिंहासन क समन्वा आपन मुकुट डाय देत ही अउर कहत ही:

11 “हे हमार पर्भू अउर परमेस्सर!
    तू महिमा, समादर अउर ताकत पावई क बरे सुयोग्य अहा,
काहे बरे कि तू ही अपनी इच्छा स सब चीजन क पइदा किहा,
    अउर तोहरी इच्छा स ओनकर अस्तित्व अहइ। अउर तोहरी इच्छा स ओनकर पैदाइस भय।”

फिन मइँ देखा कि जउन सिंहासन प बिराजमान रहा, ओकरे दाहिने हाथे मँ एक लपेटा चमड़ा क पत्र मतलब एक अइसी किताब जेका लिखके लपेट दीन्ह जात रहा। जेकरे दुइनउँ कइँती लिखावट रही। ओका सात मोहर लगाइके छाप दीन्ह ग रहा। मइँ एक सक्तिमान सरगदूत कइँती देखेउँ जउन ऊंची आवाज मँ घोसणा करत रहा, “इ लपटा भवा चमड़न क पत्र मोहरन क तोड़इ अउर एका खोलइ मँ कउन मनई समर्थ अहइ।” मुला सरग मँ अथवा जमीन प या पताललोक मँ कउनउँ अइसा नाहीं रहा जउन उ लपटा चर्मपत्र क खोलइ अउर ओका भीतर झाँकइ।

काहेकि उ चर्मपत्र क खोलइ क ताकत राखइवाला या अन्दर स ओका देखइ क ताकत रखइवाला कउनउँ नाही मिल पाए रहा। इ बरे मइँ सुबक सुबक क रोय दीन्ह।

फिन ओन बुजुर्गन मँ स एक मोसे कहेस, “रोउब बन्द करा! सुना, यहूदा क बंसज क सेर जउन दाऊद क बंसज क अहइ जीत हासिल किहे अहइ। उ एन सात मोहरन क तोड़इ अउर इ लिपटा चर्मपत्र क खोलइ मँ समरथ अहइ।”

फिन मइँ देखेउँ कि उ सिंहासन अउर ओन चार प्रानीयन क समन्वा अउर ओन बुजुर्गन क समन्वा एक ठु मेमना खड़ा अहइ। उ अइसे देखात रहा जइसे ओकरे बलि चड़ाई ग रही होइ। ओकरे सात सीग रहेन अउर सात आँखी रहिन, जउन परमेस्सर क सात आतिमा अहिन। जेनेका पूरी धरती प भेजा ग रहा। फिन उ आवा अउर जउन सिंहासन प विराजमान रहा, ओकरे दाहिने हाथे स उ लिपटा चर्मपत्र लइ लिहेस। जब उ ओनसे लिपटा चर्मपत्र लइ लिहेस तउ ओन चारउ प्रानी अउर चौबीसउ बुजुर्गन उ मेमना क झुकके प्रणाम किहेन। ओनमाँ स प्रत्येक क हाथ मँ वीना अउर सोने का कटोरा रहेन। उ सब बोलत रहेन: अउर महकत सोने क धूपदान थामे रहेन जउन परमेस्सर क लोगन क पराथना अहइ। उ एक नवा गाना गावत रहेन:

“तू अहा चर्मपत्र लेइ क बरे समर्थ
    अउर एह प लगी मोहर क खोलइ
मँ तोहार बध बलि कीन्ह ग रहा,
    अउर अपने खून स तू परमेस्सर बरे लोगन क
    हर जाति स, हर भाखा स सब कुलन स, सब देसन स मोल लइ लिहा।
10 अउर बनाया तू ओनका रुप राज्य क अउर हमरे परमेस्सर क हेतु ओनका याजकन बनाया,
    ओनही धरती प राज करिहइँ।”

11 तबहिं मइँ देखेउँ अउर तमाम सरगदूतन क आवाज सुनेउँ। उ पचे सिंहासन, जीवित प्रानीयन अउर बुजुर्गन क चारिहुँ कइँती खड़ा रहेन। अउर उहाँ सरगदूतन क तादाद लाखन करोड़न मँ रही 12 अउर उ पचे जोर जोर स कहत रहेन:

“जउन मेमना, मारि ड़ाला ग रहा,
    उ ओका मिलइ क जोग्ग अहइ
बल, धन, विवेक समादर,
    महिमा अउर स्तुति!”

13 फिन मइँ सुनेउँ कि सरग क, धरती पइ क पाताललोक क, समुद्दर मँ का, समूची दुनिया क अउर समूचे ब्रहाण्ड़ हर एक प्रानी जउन इ जगह मँ रहत रहा कहत रहेन:

“जउन सिंहासन प बइठा अहइ अउर मेमना!
    हमेसा हमेसा ओनका स्तुति मिलै,
    ओनका आदर, महिमा मिलइ।”

14 फिन उ चारिहुँ प्रानी कहेन, “आमीन!” कहेन अउर बुजुर्गन झुकिके आराधना करेन।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.