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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
रोमियन 8-10

आतिमा स जीवन

एह तरह अब ओनके बरे जउन मसीह ईसू मँ स्थित बाटेन ओनके बरे, कउनउ दण्ड नाहीं बा। काहेकि आतिमा क व्यवस्था त जउन मसीह ईसू मँ जीवन देत ह, मोका पाप क व्यवस्था स जउन मउत क तरफ लइ जात ह, स्वतन्त्र कई दीन्ह बा। जेका मूसा क उ व्यवस्था जउन मनई क भौतिक सुभाऊ क कारण कमजोर बनाइ दीन्ह गइ रही, नाहीं कई सकी ओका परमेस्सर अपने पूत क हमरेन जइसे सरीर मँ पठइ क जेहसे हम पाप करत ह-ओकर भौतिक देह क पापवाली बवाइ क पाप क खतम कइके पूरा किहेस। जेहसे कि हमरे जरिये, देहे क भौतिक पातकी अहम स नाही, बल्कि आतिमा क विधि स जिअत हीं व्यवस्था क जरूरत पूरी कई जाइ सकइ।

काहेकि उ सबइ जउन अपने भौतिक मनई सुभाउ क अनुसार जिअत हीं, ओनकर भौतिक मनई सुभाउ क इच्छा पर टिकी रहत ह परन्तु उ जउन आतिमा क अनुसार जिअत हीं, ओनकर बुद्धि जउन आतिमा चाहत ह ओनहिन इच्छा मँ लगी रहत ह। भौतिक मनई सुभाउ क बस मँ रहइवाला मने क अन्त मउत अहइ, परन्तु आतिमा क बस मँ रहइवाली बुद्धि क परिणाम अहइ जीवन अउ सान्ति। इही तहर भौतिक मनई सुभाउ स अनुसासित मन परमेस्सर क विरोधी अहइ। काहेकि उ न तउ परमेस्सर क व्यवस्था क अधीन बा अउ न होइ सकत ह। अउर उ जउन भौतिक मनइ सुभाउ क अनुसार जिअत हीं परमेस्सर क खुस नाहीं कइ सकत हीं।

परन्तु तू पचे भौतिक मनई सुभाउ क अधीन नाहीं अहा, बल्कि आतिमा क अधीन अहा अगर सही मँ तोहसे परमेस्सर क आतिमा क निवास बा। परन्तु अगर कउनो मँ ईसू मसीह क आतिमा नाहीं बा त उ मसीह क नाहीं बा। 10 दुसरे कइँती अगर तोहमाँ मसीह अहइ तउ चाहे तोहरे देह पाप क बरे मरि चुकी होइ बा पवित्तर आतिमा परमेस्सर क साथे तोहे धार्मिक ठहराइ क खुद तोहरे बरे जीवन बन जात ह। 11 अउर अगर उ आतिमा जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रही, तोहरे भित्तर बास करत ह, तउ उ परमेस्सर जे ईसू क मरे हुवन मँ स जियाए रहा, तोहरे नासमान सरीरन क आपन आतिमा स जउन तोहरे ही भित्तर बसत ह, जीवन देई।

12 इही बरे भाइयो तथा बहिनियो, हम पे एह भौतिक मनइ सुभाउ तउ अहइ परन्तु अइसेन नाहीं कि हम एकरे अनुसार जिई। 13 काहेकि अगर तू भौतिक मनइ सुभाव क अनुसार जीब्या तब मरब्या। अगर तू आतिमा क जरिये सरीर क व्यवहारन क अन्त कइ देब्या तउ तू जी जाब्या।

14 जउन परमेस्सर क आतिमा क अनुसार चलत हीं, उ सबइ परमेस्सर क संतान अहइँ। 15 काहेकि उ आतिमा जउन तोहे मिली बा, तोहे फिन स दास बनिके डेराइ बरे नाहीं बा, बल्कि उ आतिमा जउन तू पाए अहा तोहे परमेस्सर क संपालित सन्तान बनावत ह। जेसे हम पुकार उठित ह, “हे अब्बा, हे परमपिता।” 16 उ पवित्तर आतिमा खुद हमरे आतिमा क साथे मिलिके साच्छी देत ह कि हम परमेस्सर क सन्तान अही। 17 अउ काहेकि हम ओकर सन्तान अही, हमहूँ उत्तराधिकारी अही, परमेस्सर क उत्तराधिकारी अउर मसीह क साथे हम उत्तराधिकारी अगर सही मँ ओकरे साथे दुःख उठावत अहीं तउ हमका ओकरे साथे महिमा मिली ही।

हमका महिमा मिले

18 काहेकि मोरे बिचार मँ एह समइ क हमार सबइ यातना क परगट होइवाली भावी महिमा क आगे कछूउ नाहीं बा। 19 काहेकि इ सृस्टि बड़ी आसा स ओह समइ क इन्तजार करत बाटइ जब परमेस्सर क संतान क परगट कीन्ह जाई। 20 इ सृस्टि निःसार रही अपने इच्छा स नाहीं, बल्कि ओकरी इच्छा स जे एका एह परिवर्तन क अधीन किहेस 21 कि इहउ कभउँ आपन बिनासमान होइ स छुटकारा पाइ क परमेस्सर क सन्तान क सानदार स्वतन्त्रता क आनन्द लेई।

22 काहेकि हम जानित ह कि आजु तलक समूची सृस्टि प्रसव पीड़ा मँ कराहत अउ तड़पत रही बाटइ। 23 न केवल इ सृस्टि बल्कि हमहूँ जेका आतिमा क पहिला फल मिला बा, अपने भितर कराहत रहे बाटेन। काहेकि हमका ओकरे जरिये पूरी तरह अपनावा जाइ क इन्तजार अहइ कि हमार देह मुक्त होइ जाइ। 24 हमार उदूधार भवा बा। इही स हमरे मने मँ आसा बा परन्तु जब हम जेकर आसा करित ह ओका देखि लेइत ह तउ उ आसा नाहीं रहत। जउन देखात बाटइ ओकर आसा कउन कई सकत ह। 25 परन्तु अगर जेका हम देखत नाहीं अही ओकर आसा करित ह तउ धीरज अउर सहनसीलता क साथे ओकर रस्ता जोहित ह।

26 अइसन ही जइसेन हम कराहत अही, आतिमा हमरे दुर्बलता मँ हमार सहायता करइ आवत ह काहेकि हम नाहीं जानित ह कि हम केकरे बरे पराथना करी! परन्तु आतिमा खुद अइसेन आह भरिके जेकर सबदन मँ जाहिर नाहीं कीन्ह जाइ सकत हमरे बरे बिनती करत ह। 27 परन्तु उ जउन लोगन क दिल क देख सकत ह वह जानत ह कि आतिमा क मन्सा का अहइ। काहेकि परमेस्सर क इच्छा स ही उ परमेस्सर क पवित्तर लोग क बरे बीच बिचाऊ करत ह।

28 अउर हम जानित ह कि हर परिस्थिति मँ उ आतिमा परमेस्सर क भक्तन क साथे मिलिके उ काम करत ह जउन भलाइ ही लियावत हीं ओन्हन सबके बरे जेका ओकरे प्रयोजन क अनुसार इ बोलावा गवा बा। 29 जेका उ पहिले ही चुनेस ओनका पहिलौटी क पूत क रूप मँ ठहराएस ताकि बहुत स भाइयो तथा बहिनियो! मँ उ पहलौठी बनि सकइ। 30 जेनका उ पहिले स निस्चित किहेस उहूँ क उ बोलाएस अउर जेनका उ बोलाएस, ओनका उ धर्मी ठहराएस। अउर जेका उ धर्मी ठहराएस, ओनका महिमा प्रदान किहेस।

परमेस्सर क पिरेम

31 तउ एका देखत हम का कही? अगर परमेस्सर हमरे पच्छ मँ बा हमरे विरोध मँ कउन होइ सकत ह? 32 उ जे अपने पूत तलक क नाहीं छोड़ेस बल्कि ओका हम सबके बरे मरइ क सउँप दिहेस। उ भला हमका ओकरे साथ अउर सब कछू काहे न देई? 33 परमेस्सर क चुना भवा लोगन पे अइसेन कउन बा जउन दोस लगावइ? उ परमेस्सर ही अहइ जउन ओनका धर्मी ठहराता ह? 34 अइसेन कउन अहइ जउन ओका दोसी ठहरावइ? मसीह ईसू उ अहइ जउन मरि गवा अउर (इहींउँ स जियादा जरूरी इ बा कि) ओका फिन जियावा गवा। जउन परमेस्सर क दहिनी कइँती बइठा अहइ अउर हमरे कइँती स बिनती भी करत ह 35 कउन अहइ जउन हमका मसीह क पियार स अलग करी? यातना या कठिनाइ या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोखिम या तलवार? 36 जइसेन कि सास्तर कहत ह:

“तोहरे (मसीह) बरे सारा दिन हमका मउत क सौंपा जात ह।
    हम काटी जाइवाली भेड़ जइसेन समझा जात हीं।” (A)

37 तबउ ओकरे जरिये जउन हमसे पिरेम करत ह, ऐन सब बातन मँ हम एक सानदार विजय पावत अही। 38 काहेकि मइँ मान चुका हउँ कि न मउत, न जीवन, न सरगदूतन अउर न सासन करइवाली आतिमन, न वर्तमान क कउनउ चीज अउर न भविस्स क कउनउ चीज, न आत्मिक सक्ति, 39 न कउनउ हमरे ऊपर क, अउर न हमसे नीचे क, न सृस्टि क कउनउ अउर चीज हमका पर्भू क ओह पिरेम स, जउन हमरे भीतर पर्भू मसीह ईसू बरे बाटइ, हमका अलग कइ सकइ।

परमेस्सर अउर यहूदियन

मसीह मँ मइँ सही कहत हउँ। मइँ झूठ नाही कहित अउर मोर चेतना जउन पवित्तर आतिमा क जरिये प्रकासित बा, मोरे साथ मोरे साच्छी देत ह कि मोका गहिर दुःख बा अउर मोरे मने मँ मइँ पीड़ा बा। कास मइँ चाहि सक्ति कि आपन भाइ-बन्धुवन अउर दुनियाबी सम्बन्धन क बरे मइँ मसीह क साप अपने ऊप्पर लइ लेइत अउर ओसे अलग होइ जाइत। जउन इस्राएली बाटेन अउर जेनका परमेस्सर संपालित संतान होइ क अधिकार बा, जउन परमेस्सर क महिमा क दरसन कइ चुका बाटेन, जउन परमेस्सर क करार क भागीदारे अहइँ। जेनका मूसा क व्यवस्था, सच्ची आराधना अउर बचन प्रदान कीन्ह गवा बा। पूर्वजन उहीं स सम्बन्ध रखत ह अउर मनई सरीर क दिस्टी स मसीह उहीं मँ पइदा भवा जउन सबक परमेस्सर अहइ अउर हमेसा धन्य बा। आमीन!

अइसेन नाहीं बा कि परमेस्सर आपन बचन पूरा नाहीं किहे बा काहेकि जउन इस्राएल क बंसज बाटेन उ सभन इस्राएली नाहीं अहइँ। अउर न तउ इब्राहीम क बंसज होइ क कारण उ सब सच्चाइ-मुच्चइ इब्राहीम क संतान अहइँ। बल्कि (जइसेन परमेस्सर कहेस) “तोहार बंसज इसहाक क द्वारा आपन परम्परा बढ़ावइँ।”(B) मतलब इ नाहीं अहइ कि प्राकृतिक तउर पे सरीर स पैदा होइवाला बच्चा परमेस्सर क बंसज अहइ, बल्कि परमेस्सर क बचन स प्रेरित होइवाले ओनकर बंसज माना जात हीं। बचन एह तरह कहा गवा रहा: “निस्चित समइ पे मइँ लउटब अउर सारा पुत्रवती होई।”(C)

10 ऍतनइ नाहीं जब रिबका भी एक मनई, हमार पहिले क पिता इसहाक स गर्भवती भइ 11-12 त बेटवन क पैदा होइ स पहिले अउर ओकरे कछू भला बुरा करइ स पहिले कहा गवा रहा जेहसे परमेस्सर क उ प्रयोजन सिद्ध होइ जउन चुनाव स सिद्ध होइ। अउर जउन मनईक क करमन पे नाहीं टिका बल्कि उ परमेस्सर पे टिका बा जउन बोलावइवाला अहइ। रिबका स कहा गवा बा, “बड़का बेटवा छोटे बेटवा क सेवा करी।”(D) 13 पवित्तर सास्तर कहत ह, “मइँ याकूब क चुनउँ अउर एसाव क नकार दिहेउँ।”(E)

14 तउ फिन हम का कही? का परमेस्सर अन्यायी बा? 15 निस्चय ही नाहीं। काहेकि परमेस्सर मूसा स कहे रहा, “मइँ जउन कउनो पे उ दया करइ क सोचब, दया देखाउब। अउ जउन कउनो पे उ अनुग्रह करइ चाहब, अनुग्रह करब।”(F) 16 इही बरे न तउ कउनउ क इच्छा अउर प्रयास बल्कि दयालु परमेस्सर पे निर्भर करत ह। 17 काहेकि सास्तर मँ परमेस्सर तउ फिरौन स कहे रहा: “मइँ तोहका इही बरे खड़ा किहे रहेउँ कि मइँ आपन सक्ति तोहमाँ देखाइ सकी। अउर मोर नाउँ समूची धरती पे घोसित कीन्ह जाइ।”(G)

18 तउ परमेस्सर जेहका चाहत ह दया करत ह अउ जेका चाहत ह कठोर बनाइ देत ह।

19 तउ फिन तू सायद मोसे कह्या, “अगर हमरे करमन क नियन्त्रण करइवाला परमेस्सर बा त फिन उ ओहमाँ हमार दोस काहे समझत ह?” आखिरकार ओकरी इच्छा क विरोध कउन कइ सकत ह? 20 अरे मनई तू कउन होत अहा जे परमेस्सर क उलटि के उत्तर देइ? का कउनउ रचना अपने रचइवालन स पूछ सकत ह कि “तू मोका अइसेन काहे बनाया?” 21 का कीहीउ कोहार क मिट्टी पे इ अधिकार नाहीं बा कि उ कीहीऊँ एक लँऊदा स एक भाँड़ बिसेस प्रयोजन बरे अउ दूसर हीन प्रयोजन बरे बनावइ?

22 परन्तु एहमाँ का बा अगर परमेस्सर त आपन किरोध देखॉवइ अउर आपन सक्ति जतावइ क बरे ओन्हन भाँडन क जउन किरोध क पात्र रहेन अउर जेकरे बिनास होइ क रहा, बड़ा धीरज क साथे सही, 23 उ ओनकइ सहेस ताकि उ भाँडन क लाभ बरे जउन दया क पात्र रहेन अउर जे उ आपन महिमा पावइ बरे बनाए रहा, ओह पे आपन महिमा परगट कइ सकइ। 24 मतलब हम जेका उ न केवल यहूदियन मँ स बोलाएस बल्कि गैर यहूदीयन मँ स भी 25 जइसेन कि होसे क किताबे मँ लिखा बा:

“जउन लोग मोर लोग नाहीं रहे
    ओन्हे मइँ आपन कहबइ।
अउर उ स्त्री जउन पिआरी नाहीं कही गइ
    मइँ ओका प्रिया कहबइ।” (H)

26 अउर

“इ उहइ घटी जउने स्थान पे ओनसे कहा गवा रहा,
    ‘तू पचे मोर परजा नाहीं अहा।’
    उहइ उ जिन्दा परमेस्सर क सन्तान कहवइहीं।” (I)

27 अउर यसायाह इस्राएल क बारे मँ पुकार क कहत ह।

“यद्यपि इस्राएल क सन्तान
    समुद्र क बालू क कणन क समान असंख्या अहइँ
तऊँ ओहमाँ स केवल थोड़ क ही बच पइहीं।
28     काहेकि पर्भू पृथ्वी पे आपन निआव क पूरी तरह स अउ जल्दी ही पूरा करी।”(J)

29 अउ जइसेन कि यसायाह त भविस्सबाणी किहे रहा:

“अगर सर्वसक्तिमान पर्भू
    हमरे बरे बंसज न छोड़तेन
त हम सदोम जइसे
    अउर अमोरा जइसे ही होइ जाइत।”(K)

30 त फिन हम का कही? हम इ नतीजा पे पहुँच अही कि गौर यहूदियन क लोग जउन धार्मिकता क खोज मँ नाहीं रहेन, उ धार्मिकता क पाइ गएन। उ पचे जउन बिसवास क कारण ही धार्मिक ठहरावा गएन। 31 परन्तु इस्राएल क लोग तउ जउन जइसेन व्यवस्था पे चलइ चाहत रहेन जउन ओनका धार्मिक ठहरावत ओकरे अनुसार नाहीं जी सकेन। 32 काहे नाहीं? काहेकि उ पचे एकर पालन बिसवास स नाहीं, बल्कि अपने करमन स धर्मी बना चाहत रहेन, उ सबइ ओह चट्टान पे ठोकर खाइ गएन, जउन ठोकर दियावत रही। 33 जइसेन कि पवित्तर सास्तर कहत ह:

“देखा, मइँ सिय्योन मँ एक पत्थर रखत हउँ जउन ठोकर दियावत ह
    अउर एक चट्टान जउन पाप करावत ह।
परन्तु उ जउन ओहमाँ बिसवास करत ह,
    ओका कभउँ निरास न होइ क होई।” (L)

10 भाइयो तथा बहिनियो, मोरे हीये क इच्छा बा अउर मइँ परमेस्सर स ओन्हन सबके बरे पराथना करत हउँ कि ओनकर उद्धार होइ जाइ। काहेकि मइँ साच्छी देत हउँ कि ओहमाँ परमेस्सर क धुन बा। परन्तु उ ज्ञान पे नाहीं टिकी बा काहेकि उ पचे उ धार्मिकता क नाहीं जानत रहेन जउन परमेस्सर स मिलत अहइ। अउर उ सबइ आपन निजी धार्मिकता क स्थापना क जतन करत रहेन। तउ उ परमेस्सर क धार्मिकता क नाहीं स्वीकारेन। मसीह व्यवस्था क अन्त किहेस ताकि हर कउनो क जउन बिसवास करत ह, उ परमेस्सर बरे धार्मिक होइ जाइ।

धार्मिकता क बारे मँ जउन व्यवस्था स मिलत ह, मूसा लिखे बाटइ, “जउन व्यवस्था पे चली, उ ओनके कारण जिन्दा रही।”(M) परन्तु बिसवास स मिलइवाली धार्मिकता क बरे मँ पवित्तर सास्तर इ कहत ह, “तू अपने स इ न पूछा, ‘सरगे मँ ऊप्पर कउन जाई?’” (यानि “मसीह क नीचे धरती पे लियावइ।”) “या, ‘नीचे अधोलोक मँ कउन जाई?’” (यानि “मसीह क मरा हुवन मँ स ऊपर लियावइ?”)

पवित्तर सास्तर इ कहत ह: “बचन तोहरे लगे बा, तोहरे ओठन पे बा अउर तोहरे मने मँ बा।”(N) यानि बिसवास क वह बचन जेकर हम प्रचार करत अही, कि अगर तू अपने मूँहे स घोसित करा, “ईसू मसीह पर्भू अहइ”, अउर तू अपने मने मँ इ बिसवास करा कि परमेस्सर तउ ओका मरा हुवन मँ स जिन्दा किहेस तउ तोहार उद्धार होइ जाई। 10 काहेकि अपने हृदय क बिसवास स मनई धार्मिक ठहरावा जात ह अउर अपने मुँहे स ओकरे बिसवास क स्वीकार करइ स ओकर उद्धार होत ह।

11 पवित्तर सास्तर कहत ह, “जउन केऊ ओहमाँ बिसवास रखत ह ओका निरास न होइ पड़ी।”(O) 12 इ एह बरे बा कि यहूदी अउर गैर यहूदी मँ कउनउ भेद नाहीं कहेकि सब क पर्भू तउ एक्कइ अहइ। अउर ओकर दया ओन्हन सब क बरे, देत ह जउन ओकर नाउँ लेत हीं, अपरम्पार बा। 13 पवित्तर सास्तर कहत ह, “हर केऊ जउन पर्भू क नाउँ लेत हीं, उद्धार पइहीं।”(P)

14 परन्तु उ सबइ जउन ओहमाँ बिसवास नाहीं करतेन, ओकर नाउँ कइसे पुकरिहीं? अउर उ पचे जउन ओकरे बारे मँ सुनेन नाहीं, ओहे मँ बिसवास कइसे कइ पइहीं? अउर फिन भला जब तलक केऊ ओनका उपदेस देइवाला न होइ, उ पचे कइसे सुन सकिहीं? 15 अउ उपदेसक तब तलक उपदेस कइसे दइ पइहीं? जब तलक ओनका भेजा न गवा होइ? जइसेन कि पवित्तर सास्तर मँ कहा बा, “सुसमाचार लियावइ वालन क चरण केतना सुन्दर बाटेन।”(Q)

16 परन्तु सब सुसमाचार क स्वीकार करेन नाहीं। यसायाह कहत ह, “पर्भू हमरे उपदेस क कउन स्वीकार किहेस?”(R)

17 तउ सुसमाचार क सुनइ स बिसवास उपजत ह अउर सुसमाचार तब सुना जात ह जब केऊँ मसीह क बारे मँ उपदेस देत ह।

18 परन्तु मइँ कहत हउँ, “का उ पचे हमरे सुसमाचार क नाहीं सुनेन?” हाँ निस्चय ही। पवित्तर सास्तर कहत ह:

“ओनकर स्वर समूचा धरती पे फइल गवा
    अउर ओनकर बचन जगत क एक छोर स दुसरे छोर तलक पहुँचेन।” (S)

19 परन्तु मइँ पूछित हउँ कि, “का इस्राएली नाहीं समझत रहेन?” मूसा कहत ह:

“पहिले मइँ तू लोगन क मन मँ अइसेन लोगन क द्वारा जउन सही मँ कउनउ जाति नाहीं अहइ, डाह पैदा करब।
    मइँ उ रास्ट्र, जो समझत नाहीं, तोहे किरोध दियाउब।” (T)

20 फिन यसायाह साहस क साथ कहत ह:

“मोका ओन्हन सब पाइ लिहेन जउन मोका नाहीं खोजत रहेन।
    मइँ ओनव्के बरे परगट होइ गएउँ।
जउन मोर खोज खबर मँ नहीं रहेन।” (U)

21 परन्तु परमेस्सर इस्राएलियन क बारे मँ कहत रहा,

“मइँ सब दिना आज्ञा न मानइवालन
    अउर अपने बिरोधियन क आगे हाथ फइलाए रहेउँ।”(V)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.