Chronological
पौलुस क मैसीडोनिया अउर यूनान जाब
20 फिन जब हुल्लड क सांत होइ गवा, एकरे पाछे पौलुस ईसू क चेलन क बोलाएस अउर ओनकइ हिम्मत बढ़ाइ दिहे क पाछे ओनसे बिदा लिहेस अउर मैसीडोनिया क चला गवा। 2 उ पहँटा स होइके उ जात्रा किहेस अउर हुवाँ क मनइयन क उछाह क बचन बोलेस। फिन उ यूनान आइ गवा।
3 उ हुवाँ तीन महीना रूका अउर काहेकि यहूदी लोग ओकरे खिलाफ एक षडयन्त्र रचे रहेन जब उ पानी क मारग स सीरिया क जाइवाला रहा कि उ निस्चय किहेस कि उ मैसीहोनिया क लौटि जाइ।
1 पौलुस जउन मसीह ईसू क दास अहइ,
जेका परमेस्सर प्रेरित होइ बरे बोलाएस, अउर उहइ क परमेस्सर क सुसमाचार लोगन क सुनावइ बरे चुना गवा। 2 इ बात क घोसना नबियन दुआरा पवित्तर सास्तरन मँ पहिलेन स करि दीन्ह ग रही। 3-4 इ सुसमाचार परमेस्सर क पूत ईसू मसीह क अहइ। जउन तने स दाऊद क बंसज अहइ। अउर उहइ हमार पर्भू अहइ। सरीर स तो उ दाऊद क बंस मँ जनम लिहे रहा मूला पवित्तर आतिमा स तो उ परमेस्सर क पूत रहा। ओका परमेस्सर क पूत इहइ बरे माना जात रहा। जउन ओकरे भीतर मरि क फिन जी उठइ क समरथ रहा।
5 इहइ क जरिये मोका अनुग्रह अउर पेरित होइ क मिला बा जेहसे सबहिं यहूदियन मँ, ओकरे नाउँ स, उ आस्था जउन बिसवास स जनम लेत ह ओहमाँ पइदा कीन्ह जाइ सकइ। 6 परमेस्सर क जरिये ईसू मसीह क होइ बरे तू पचे बोलावा ग अहा।
7 उ पत्र मइँ, तू सबन बरे, जउऩ रोम मँ अहइँ अउर परमेस्सर क पियारा अहा, जउन परमेस्सर क पवित्तर जन होइ बरे बोलावा ग अहा, लिखत अहउँ।
अब हम इ चाहित ह कि तू लोगन क परमेस्सर अउर हमरे पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
धन्यबाद बरे पराथना
8 सबसे पहिले तो मइँ ईसू मसीह क जरिये परमेस्सर क धन्यबाद करइ चाहित ह। इ सब तोहरे सब क बरे अहइ काहेकि दुनिया क सब मनई तोहरे सब के बिसवास क बारे मँ बतियात हीं। 9 पर्भू जेकरे सेवा मइँ जी जान स करित हउँ काहेकि मइँ ओकरे पूत क सुसमाचार क लोगन क सुनावत हउँ। पर्भू मेरा साच्छी दिहा जउन मइँ तोहका हर दम याद करत अहउँ। 10 अपने पराथना मँ इ मइँ हर दम मनाइत हउँ कि परमेस्सर की चाह स मोर तोहरे लगे आवइ क यात्रा पूरी होइ। 11 मइँ बहुत दिल स इ चाहित ह कि तू लोगन स मिली अउर तोहका कछू आत्मिक उपहार देइ जइसे तू पचे खूब सक्तिसाली होइ जा। 12 या मोका कहइ चाही कि जब मइँ तोहरे बीच मँ होब तउ एक दूसर क बिसवास स आपुस मँ प्रोत्साहित होब।
13 भाइयो अउर बहिनियो! मइँ इ चाहित हउँ कि तू पचे क इ तउ मालूम होइ जाइ कि मइँ तोहरे लगे बार-बार आवइ क योजना बनाइत हउँ। एकर इ कारन इ अहइ कि गैर यहूदियन मँ जइसा फल मोका मिला ह इ उहइ तू लोगन स भी मिलइ। लेकिन अब तलक-न-कउनो बाधा पड़त रही।
14 अब इ जान ल्या कि जे यूनानियन अहइँ उनके अउर जे गैर यूनानियन अहइँ ओनहूँ क, जे होसियार अहइँ उनके अउर जे बेउकूफ अहइँ ओनहूँ क सबइ क हमरे ऊपर सेवा करइ क रिन अहइ। 15 यही बरे तू लोगन क जे रोम मँ रहत ह्या ओनका मइँ इ सुसमाचार सुनावइ क तैयार हउँ।
16 इ सुसमाचार क सुनावइ क मइँ सरमाइत नाहीं काहेकि जउन भी ओहमाँ बिसवास रखत अहइँ ओनके उद्धार बरे परमेस्सर क सामर्थ्य अहइ। ओहमाँ पहिले यहूदियन अउर फिन गैर यहूदियन क। 17 काहेकि सुसमाचार मँ इ बतावा ग बाटइ कि परमेस्सर मनइयन क अपने ठेकाने कइसे लगावत ह। इ सब कुल बिसवास प अहइ, सास्तरन मँ इ लिखा अहइ, “धर्मी मनई स सदैव जिअत अहइँ”[a]
सबहिं तउ पाप किहे अहइँ
18 सरग स परमेस्सर का कोप लोगन क न कहइवालन अउर अधार्मिक काम पइ परगट होत ह जे सत्य का अधरम स दबावत हीं अउर जे बुरे करम करत हीं। 19 इ बात नाहीं अहइ कि केउ ऐका जानत नाहीं परमेस्सर का सबइ जानत ह काहेकि परमेस्सर सबका जनाइ देत ह।
20 इ संसार जब स देखाइ पड़ा तबइ स परमेस्सर क अनन्त सक्ति परमेस्सर क साफ देखात ह उहउ क ऍक एहसे जाना जाइ सकत ह जेका परमेस्सर खुदइ बनाइस ह। एहसे लोगन क पास कउनो बहाना नहीं बाटइ उ बुरा काम बरे जेका उ करत ह।
21 अगर इ सबइ परमेस्सर क जानत हीं तबउ उ पचे परमेस्सर क महिमा क इज्जत नाहीं करत हीं। उनके विचार गलत कामन मँ लग गएन अउर मन मँ अँधियारा छाइ गवा। 22 उ पचे अपने क बहुत बुद्धिवाला समझत रहेन मुला सब क सब बज्र मूरख रहेन। 23 अउइ जउऩ परमेस्सर अहइ उ क कबहुँ मर नाहीं सकत मुला इ सबइ ओका मरइवाले लोगन चिरिया, गोरू, अउर साँप क मूरत मँ देखेन अउर समझइ लागेन।
24 एह बरे परमेस्सर ओनन्ह क बदनियती क हाथे सौंप दिहेस अउर उ पचे दुराचार मँ पड़ि क एक दूसरे क सरीर क साथ खिलवाड़ करइ लागेन। 25 उ लोगन झूठ क साथे परमेस्सर क सत्य क सौदा किहन अउर वे सृस्टि क बनावइवाले को तजिके अउरन क आराधना करइ लागेन। परमेस्सर धन्य अहइ। आमीन!
26 इहइ बरे परमेस्सर ओनन्ह का नीच वासना क हाथें सौंप दिहेस। ओनन्ह क स्त्रियन सहज यौनाचार क बजाय अप्राकृतिक यौन करइ लागिन। 27 एहइ तरह पुरूसन भी सहज सम्भोग छोड़ि क समलैगिकता क चक्कर मँ पड़ि गएन। अउर पुरूस परस्पर एक दूसरे क साथ बुरे करम करइ लागेन। अउर इ सब कुकरमन क फल भी मिलब सुरु होइ गवा।
28 कारन इ रहा कि ओन्हन परमेस्सर का पहिचानब बन्द कइ दिहेन तो परमेस्सर ओनन्ह का कुबुद्धि क हाथ सौंप दिहेस। अउर उ सब ओनन्ह क करइ सुरु दिहेन जउन ना करइ क चाही। 29 लोग कुल अधरम दुस्टता, लालच अउर द्वेस स तथा सारी ईर्स्या, हत्या, झगड़े, छल, अउर डाह स भर गएन। बे बकवादी, अउर कहानियन क गढ़त रहेन। 30 उ सबइ निन्दक अहइँ। परमेस्सर स घिना करत रहत उदण्ड अउर घमण्डी अहइँ, बढ़-बढ़ क बोलत हीं। कुलिन्ह बुराइन का जनम दाता अहइँ। अपने महतारी बाप क कहब नहीं मानत रहेन। 31 उ पचे मूरख, वचन तोरइ वाले निरदयी अउर वगैर पिरेम क बाटेन। 32 उ सब परमेस्सर क व्यवस्था क जानत हीं कि इ सब बातन स मउत क जोग्ग अहइँ तउनो पइ ओ सबइ न सिरफ इ सब कुकरम करत हीं बरन अइसा करइवालेन क समर्थन भी करत हीं।
तू सबइ पापी अहा
2 अरे वो, सुना ह, मोर मित्र तू सब निआव करत अहा मुला तू उहइ करत अहा जउन बरे दूसरन का सजा देत अहा तू का कउनो बहाना नाहीं चल सकत अहा। उहइ स तू अपने आपको भी अपराधी सिद्ध करत अहा काहेकि तू जिन करमन क निआव करत अहा ओनका आप खुद भी करत अहा। 2 अब हम पचे इ सब जानइ लागिन कि जे अइसन काम करत ह ओनका परमेस्सर उचित निरनय देत ह। 3 मुला मोर दोस्त तू सुना, तू का सोचत ह कि जउने बरे तू दूसरन पर निरनय देत अहा अउर अपनउ उहइ काम करत ह तउ तू का समझत अहा कि तू परमेस्सर क निआव स बच सकत ह। 4 या तू ओकरे अनुग्रह ब सहनसीलता अउर धीरज का हीन समझत बाट्या तू लोगन इ बात क अपेक्षा करत अहा कि परमेस्सर क अनुग्रह तोहार मनफिराव करत अहइ।
5 मुला तू पचे जान ल्या कि अपने कठोरता अउर कबहुँ न पछताइवाले मन क कारण तू परमेस्सर क गुस्सा का बहोत दिना बरे बटोरत अहा जब परमेस्सर क सचमुच निआव परगट होइ। 6 परमेस्सर सबन का ओकरे करतब क कारण फल चखाई। 7 जे अच्छा काम करत बा, परमेस्सर क महिमा आदर अउर अमरता का खोजत बा, उ सब तो अनन्त जीवन पइहीं। 8 मुला जे अपने स्वारथ स सत्य पर नहीं चलिके बस अधरम करत बाटेन ओन्हन का ओकरे बदले मँ क्रोध व प्रकोप मिली। 9 उ सब मनइयन पै दुःख अउर संकट आई जे अधरम पर चलत अहइँ। पहले यहूदियन फिन उ लोग जे गैर यहूदियन अहइँ। 10 इहइ तरह जे कोइ अच्छाई प चलइ ओका महिमा स आदर अउर सान्ति मिली, पहले यहूदियन क फिन गैर यहूदियन अहइँ। 11 काहेकि परमेस्सर केहू क साथे भेदभाव नाहीं करत।
12 जे व्यवस्था क पाए बगैर पाप किहेन उ सब व्यवास्था क बाहेर ही उ छिन्न होइ जइहीं अउर जे व्यवस्था मँ रहिके पाप किहेन ओनकइ निपटारा व्यवस्था क अन्दरइ दण्ड दीन्ह जाई। 13 काहेकि जे कोई सिरफ व्यवस्था क कथा सुनत ह परमेस्सर की दृष्टि मँ धर्मी नाहीं अहइ बल्कि जे व्यवस्था पर चलत अहइँ उही धरमी कहरावा जइही।
14 सो जब गैर यहूदियन जेनके लगे व्यवस्था नाहीं बा, सुभाव स व्यवस्था क बातन पर चलत ह, तउ चाहे ओनके पास व्यवस्था न भी होइ तउ भी उ आपन व्यवस्था खुद ही अहइँ। 15 उ लोगन अपने मन प लिखे व्यवस्था क करमन का देखावत बाटेन। ओनके विवेक ओनकइ साच्छी अहइँ। ओनके मानसिक संघर्ष ओनका अपराधी व निरदोस कहत अहइ।
16 इ सब बातन उ दिना होइही जउने दिना परमेस्सर मनइयन क छुपी बातन क, जउने क मइँ उपदेस देइत हउँ इ उ सुसमाचार क मुताबिक मसीह ईसू निआव करी।
यहूदियन अउर व्यवस्था
17 काहेकि जदि तु सब अपने क यहूदी कहत ह अउर व्यवस्था मँ तोहार बिसवास अहइ अउ अपने परमेस्सर प तोहका घमण्ड बाटइ 18 अउर तू परमेस्सर क इच्छा का जानत आहा अउर उत्तिम बातन का ग्रहण कर सकत ह काहेकि परमेस्सर तोहका इ सब सिखाइस ह 19 तू इ तउ मानत ह कि तू आंधरे क अगुआ अहा, जे अंधेरे मँ भटकत अहइँ, ओनकइ बरे तू उजियारा अहा, 20 अबोधन क तू सिखावइवाला अहा, लरिकन क तू उपदेस देइवाला अहा काहेकि व्यवस्था मँ तोहका साच्छात गियान अउर सत्य ठोस रूप स पाइ ग अहा। 21 जउन तू पचे दुसरन का सिखावत ह ओका आपन क काहे नही सिखउत्या। तू इ उपदेस देत अहा कि चोरी न करा, मुला खुद चोरावत अहा। 22 तू इ कहत अहा कि व्यभिचार नाहीं करइ क चाही मुला अपुना काहे करत ह। मुरतिइन स तू घिना करत अहा मुला मंदिरन मँ धन काहे छीनत ह? 23 तू लोग व्यवस्था प गरब करत ह, मुला व्यवस्था का तोरि क परमेस्सर क निरादार काहे करत ह? 24 अउर इहइ बात पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बा, “तू सबन क वजह स परमेस्सर क नाउँ क ओनमा अपमान होत ह जे गैर यहूदियन अहइँ।”(A)
25 जउ तू लोगन व्यवस्था क मानत अहा अउर ओका पालन करत ह तउ तो खतना क महत्व बाटइ। मुला जदि व्यवस्था क तोड़त अहा तो ओकर मतलब वगैर खतना क बराबर अहइ। 26 मान ल्या केहू क खतना नाहीं भवा बा अउर उ व्यवस्था क पालन करत ह पवित्तर नियमन प चलत ह, तउ का ओकर खतना न करावइ क बावजूद ओका खतना मँ सामिल न कीन्ह जाइ? 27 उ मनई जेकर सरीर स खतना नाहीं भवा बा मुला व्यवस्था क पालन करत ह उ तू लोगन का अपराधी सिद्ध कइ देई। वोका जेकरे पास लिखा पढ़ी मँ परमेस्सर क विधान बाटइ अउर जेकर खतना भवा बा अउर जे व्यवस्था क नाहीं मानत।
28 जे बाहेर स यहूदी अहइँ, उ वास्तव मँ यहूदी नाहीं अहइ। सरीर क खतना असली मँ खतना नाहीं बाटइ। 29 सच्चा यहूदी उ अहइ जे भीतर स यहूदी होइ, सच्चा खतना तउ आतिमा क जरिये मन क खतना अहइ। नबी न कि लिखी व्यवस्था क। अइसे व्यक्ति क प्रसंसा मनई नाहीं बल्कि परमेस्सर कइँती स कीन्ह जात अहइ।
3 अब यहूदियन होइ क लाभ या अउर खतना क महत्ता केतॅनी बा? 2 यहूदियन होइ क बड़ी महत्ता अहइ, काहेकि सबसे पहिला इ कि परमेस्सर क उपदेस ओनहिन का सौंपा गवा रहा। 3 ओन्हन मँ स कछू एक धोखाबाज होइ, अहइ तउ का अहइ? ओन्हन धोखाबाजेन क वजह स परमेस्सर क बिसवास तो नाहीं कम होइ जात? 4 बिल्कुल नाहीं, सबइ झूठे होइ जाइँ तबउ परमेस्सर सच्चा रही, इ बात पवित्तर सास्तरन मँ लिखी बाटइ:
“जब तू बोलब्या तउ तोहका सबइ पतियइहइँ
जब तोहार न्याय होई, तउ तू जितब्या।” (B)
5 अगर मनई क अधार्मिकता मँ परमेस्सर की धार्मिकता सिद्ध करत ह, अइसन मँ हमका का करइ क चाही? का परमेस्सर हम पइ कुपित होइ क मनइयन क दण्ड देत ह? (मइँ मनई क नाई आपन बात कहत हउँ) 6 बिलकुल नाहीं, नाहीं तो परमेस्सर जगत क निआव कइसे करी?
7 मुला तू इ कहि सकत ह, “मोरे झूठ बोलइ स परमेस्सर क सच उजागिर होत ह तउ एहसे ओकर महिमा ही होत ह; फिन मोका दोखी (पापी) काहे का बतावत ह?” 8 इ कहइ क वइसे होई काहे, “अगर हम बुरा काम करी तउ भलाई उजागिर होइ।” अइसेन आरोप हम पचन क ऊपर लोग लगावत हीं। इ सबइ लोग जे इ कहत हीं कि हम पचे ओनका पढ़ाइत ह। अइसे लोग दोखी कहा जाइ लायक अहइँ ओनका सजा देइ चाही।
सबहिं लोग दोखी अहउँ
9 फिन का भवा? यहूदी अउ गैर यहूदियन मँ कउनो भेद नाहीं बा, जइसेन कि पहले बतावा गवा बा कि चाहे यहूदियन होइँ या गैर यहूदियन सबहीं पाप क बस मँ अहइँ।
10 पवित्तर सास्तरन कहत हीं:
“कउनो धर्मी नाहीं अहइ,
एक ठु भी नाहीं!
11 एकउ भी समझदार नाहीं,
एकउ क उ अइसा नाहीं उहइ जे परमेस्सर क वास्तव मँ खोजत ह।
12 इहाँ प सबइ परमेस्सर स विमुख होइके भटकत अहइँ,
सबन खोटे अहइँ।
एकउ नाहीं अहइ जे अच्छा काम करत ह
एकउ नाहीं!” (C)
13 “ओनकर मुँह खुली कब्र अहइ,
अउर वे अपनी जीभ स धोखा देत अहइँ।” (D)
“नाग क बिख क तहर ओनकर ओंठ अहइँ,” (E)
14 “मुँह पइ सराप व कटुता भरी रहत ह।” (F)
15 “जान मारइ का तउ हरदम उतावला रहत हीं।
16 जहाँ कहूँ जात हीं उ पचे नास ही करत हीं, अउर संताप ही देत हीं।
17 सान्ति का मारग इ नाहीं जनतेन।” (G)
18 “ओनके आँखिन मँ पर्भू क भय नाहीं बा।” (H)
19 अब हम पचे इ जानित ही कि व्यवस्था मँ जउऩ कछू कहा गवा बाटइ उ सब ओनके बरे अहइ जे व्यवस्था क अधीन अहइँ। ऍहसे इ होइ कि सबइ का मुँह तोप दीन्ह जाइ अउर परमेस्सर क दण्ड सबइ क मिलइ। 20 व्यवस्था मँ कउनो काम किहे स कउनो धर्मी न सिद्ध होइ जाइ। केवल व्यवस्था पाप क बोध करावत अहइ।
परमेस्सर मनइयन का धर्मी कइसे बनावत ह
21 मुला अब इ देखइ क अहइ कि परमेस्सर एक नए तरीके स मनइयन क व्यवस्था क बगैर कइसे सोझ मारग प लावत ह। व्यवस्था व नबियन इ नए तरीके क साच्छी दिहे बाटेन। 22 जे केउ परमेस्सर क उ धार्मिकता जउन ईसू मसीह मँ बिसवास क द्वारा इ बिसवास करइवालन क बरे अहइ। एहमाँ कउनो भेदभाव नाहीं बा। 23 काहेकि सबइ तउ पाप किहे बाटेन अउर सबइ तउ परमेस्सर क महिमा स विहीन बाटेन। 24 मुला ईसू मसीह का विसेख महिमा क अनुग्रह स उ पचे सेत मेंत मँ उपहार पाइके धर्मी ठहरावा गवा अहइँ। 25-26 परमेस्सर ईसू मसीह क मारे लोगन क दिहेस कि लोग ओहमाँ बिसवास करइँ अउर अपने पापन स मुक्ति पाइ जाइँ। उ इ काम ईसू मसीह क बलिदान द्वारा करवाएस। अइसा इ प्रमाणित करइ क बरे कीन्ह गवा कि परमेस्सर बहुत सहनसील अहइ। काहेकि उ पहिले ओनका बिना दण्ड दिहे छोड़ दिहस रहा। आजउ परमेस्सर ईसू को दिहेस हमका इ सिद्ध करइ बरे कि परमेस्सर जउन करत ह उहइ सही बा। परमेस्सर इ किया कि यह देखावइ बरे कि वह सही निरनय लेत ह, अउर उही समइ वह कउनो मनई क ठीक बनाइ सकत ह, जेनकर ईसू मसीह मँ बिसवास अहइ।
27 घमण्ड तउ एक दम्मै खतम अहइ। उ अइसेन कि व्यवस्था क मुताबिक करम किहे स नाहीं बहोतउ विधी क अपनाये स जेसे बिसवास कीन्ह गवा अहइ। 28 मनई व्यवस्था क मुताबिक काम कइके नाहीं मुला बिसवास स धर्मी बनत ह। 29 का परमेस्सर सिरिफ यहूदियन क अहइ? का उ ओन्हन क ना होइ जे गैर यहूदियन अहइँ? हाँ उ ओन्हून क अहइ जे गैर यहूदियन होइँ। 30 काहेकि केवल एक ही परमेस्सर अहइ। उ यहूदियन, का ओनकर बिसवास क द्वारा सही बनवाई, अउर उ गैर यहूदियन क भी ओनकर बिसवास क द्वारा सही बनवाई। जे ओहमाँ बिसवास करी उहइ धर्मी कहा जाई। 31 तउ का मइँ बिसवास क द्वारा व्यवस्था क विफल करत अही? ना बिल्कुलै नाहीं बल्कि हम पचे तउ व्यवस्था का अउर सक्तीवाला बनवत अही।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.