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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
गलातियन 4-6

मइँ कहत हउँ कि उत्तराधिकारी जब तलक बच्चा बा तउ चाहे सब कछू क स्वामी उहइ होत ह, फिन भी उ दास स जियाद कछू नाहीं रहत। उ संरच्छकन अउर घरे क सेवकन क तब तक अधीन रहत ह। जब तक ओकरे पिता द्वारा निस्चत समइ नाहीं आई जात। हमरउ भी अइसेही स्थिति बा। हमहुँ जब बच्चा रहेन तउ संसारी नियमन क दास रहेन। मुला जब अच्छा समइ आवा त परमेस्सर तउ अपने पूत क भेजेस जउन एक स्त्री स जनमा रहा। अउर उ व्यवस्था क अधीन जिअत रहा। ताकि उ व्यवस्था क अधीन व्यक्तियन क मुक्त कराइ सकइ जेसे हम परमेस्सर क गोद लीन्ह भए बच्चन बन सकी।

अउर फिन काहेकि तू परमेस्सर क सन्तान अहा, तउन उ सबन क हिरदय मँ पूत क आतिमा क पठए रहा। उहइ आतिमा, “अब्बा, पिता” कहतइ बोलवावत ह। इही बरे अब तू दास नाहीं अहा बल्कि परमेस्सर क सन्तान अहा अउर काहेकि तू सन्तान अहा इही बरे तोहका परमेस्सर आपन उत्तराधिकारी बनाए ह।

गलाती मसीहियन क बरे पौलुस क पिरेम

पहिले तू सभे जब परमेस्सर क नाहीं जानत रह्या, तउ तू सभे देवतन क दास रह्या। उ सच नाहीं अहइ वास्तव मँ उ सबइ परमेस्सर नाहीं रहेन। मुला अब तू परमेस्सर क जानत अहा, या अइसेन कहइ चाही कि परमेस्सर क जरिये अब तू पचन क पहिचान लीन्हा गवा बा। फिन तू ओनन्ह साररहित, कमजोर नियमन कइँती काहे लउट अहा। तू पचे फिन स ओनके अधीन काहे होइ चाहत ह? 10-11 तू पचे कउनो विशेष दिनन महीनन ऋतुवन अउर बरिसन क मानइ लाग अहा। तू पचन क बारे मँ मोका डेर लागत ह कि तू पचन क बरे जउन काम मइँ किहे हउँ उ सबइ कहुँ खराब तउ नाहीं होइ गवा अहइँ।

12 हे भाइयो तथा बहिनियो, कृपा कइके तू सब मोरे जइसेन बनि जा। देखा, मोहुँ तउ तू पचन जइसेन बनि गवा हउँ, इ मोर तू पचन स बिनती बा, अइसेन नाहीं कि तू पचे मोरे बरे कउनउ गलती किहे अहा। 13 तू पचे तउ जनबई करत ह कि आपन सरीरी क व्याधियन क कारण मइँ पहिली दाई तू सबन इ सुसमाचार सुनाए रहेउँ। 14 अउर तू सब हऊँ तउ, मोरी बीमारी क कारण, जउन तोहार परीच्छा लीन्ही गइ रही, ओहसे मोका छोट नाहीं समझया अउर न तउ मोरे निसेध किह्या। बल्कि तू पचे परमेस्सर क सरगदूत क रूपे मँ मोर सुवागत किहे अहा। माना कि मइँ खुदई ईसू मसीह रहेउँ। 15 तउन तू सबन क उ खुसी क का भवा? मइँ तोहरे बरे खुदइ इ बाते क साच्छी हउँ कि अगर तू पचे समरथ होत ह्या तउ तू पचे आपन आँखी तक निकाली क मोका दइ देत्या। 16 तउन का सच बोलइ स ही मइँ तू पचन क दुस्मन होइ गएउँ?

17 तू पचन क व्यवस्था पर चलावइ बरे चाहइवालन तोहमाँ बड़ी गहिर रूचि लेत हीं। मुला ओनकर उद्देस्य अच्छा नाहीं बा। उ तू सबइ पचन क मोसे अलग करइ चाहत हीं। ताकि तू पचे ओहमाँ गहिर रुचि लइ सका। 18 कउनउ कीहीउँ मँ हमेसा गहिर रूचि लेत रहइ, इ तउ एक अच्छी बात अहइ। मुला इ कीहीउँ अच्छे क बरे होइ चाही। अउर बस उही समइ नाहीं, जब मइँ तोहरे साथे हउँ। 19 मोर प्रिय सन्तानों, मइँ तू सबन क बरे एक बार फिन प्रसव वेदना क झेलत हउँ। जब तलक तू पचे मसीह जइसे नाहीं होइ जात्या। 20 मइँ चाहत हउँ कि अबहीं तू पचन के लगे आइ पहुँचउँ अउर तू सबन क साथे अलग तरह स बात करउँ, काहेकि मइँ समझ नाहीं पावत हउँ कि तू पचन बरे का करा जाइ।

सारा अउर हाजिरा क उदाहरण

21 मूसा क व्यवस्था क आधीन रहइ चाहइवालन स मइँ पूछत हउँ का तू पचे व्यवस्था क इ कहब नाहीं सुन्या? 22 पवित्तर सास्तरन कहत हीं कि इब्राहीम क दुइ बेटवा रहेन। एक क जन्म एक दासी स भवा रहा अउर दुसरे क स्वतन्त्र स्त्री स। 23 दासी स पइदा भवा बेटवा सहज नियमन मँ पैदा भवा रहा, मुला स्वतन्त्र स्त्री स पइदा बच्चा परमेस्सर क जरिये दीन्ह गयि प्रतिज्ञा क परिणाम अहइ।

24 इन बातन क प्रतीकात्मक मतलब अहइ-इऩ दुन्नउ स्त्री दुई करारन क चिन्ह अहइँ। एक करार सीनै पर्वत स मिला रहा जे ओन सभन क जनम दिहेस जउन दासता क बरे रहेन। इ करार हाजिरा स सम्बधित बा। 25 हाजिरा अरब मँ स्थित सीनै पर्वत क चिन्ह अहइ, उ वर्तमान धरती क यरूसलेम क समान अहइ, काहके उ अपने बेटवन क साथे दासता भोगत रही, 26 मुला सरग मँ स्थित यरूसलेम स्वतन्त्र अहइ। अउर उहइ हमार माता अहइ। 27 पवित्तर सास्तर कहत हः

“बाँझ! मनावा आनन्द,
    जना तू न कउनो क प्रसव वेदना भइ न तोहका,
हर्स नाद कइके
    अउर खिलखिला हंसी खुसी मँ
काहके अनगिनत संतान अहइँ
    छोड़ी भइ मुला नाहीं ना ओकर ओतनी, जउन सुहागिन।” (A)

28 तउन भाइयो! अब तू इसहाक क जइसी परमेस्सर क बचन स संतान होवा। 29 मुला जइसे ओह समझ प्राकृतिक परिस्थितियन क अधीन पैदा भइ आतिमा क सक्ति स उत्पन्न भए क सतावत रहा, वइसेन ही स्थति आज बा। 30 मुला देखा पवित्तर सास्तर क कहत ह? “इ दासी अउर ओकर बेटवा क निकाल क बाहर करा, काहेकि इ दासी क बेटवा तउ स्वतन्त्र स्त्री क बेटवा क साथे उत्तराधिकारी न होई।”(B) 31 ऍह बरे भाइयन! हम ओह दासी क सन्दान नाहीं हई, बल्कि हम तउ स्वतन्त्र स्त्री क सन्तान हई।

स्वतन्त्र बना रहअ

मसीह तउ हमका स्वतन्त्र किहे अहइ ताकि हमउँ स्वतंत्र होइ क आनन्द लइ सकी। इही बरे अपने बिसवास क दृढ़ बनाए रखा। अउर फिन स व्यवस्था क जुआ क बोझ न उठावा। सुना! खुद मइँ, पौलुस तोहसे कहत रहेउँ कि अगर खतना कराइके तू पचे फिन स व्यवस्था कइँती लउतट ह्या तउ तोहरे मसीह क कउनउ महत्व न रहइ। आपन खतना कराइ देइवाले हर एक मनई क, मइँ एक दाई फिन स जताए देत हउँ कि ओका पूरा व्यवस्था पर चलब जरुरी बा। तू सबन मँ स जेतना जने व्यवस्था क पालइ क कारण धर्मी क रूप मँ स्वीकृत होइ चाहत हीं। उ सब मसीह स दूर होइ ग बाटेन अउर परमेस्सर क अऩुग्रह क च्छेत्र स बाहेर अहइँ। मुला हम बिसवास क कारण परमेस्सर क सामने धर्मी स्वीकार कीन्ह जाइ क आसा करित ह। आतिमा क सहायता स हम एकर बाट जोहत रहेन ह। काहेकि मसीह ईसू मँ स्थिति क बरे न तउ खतना करावइ क कउनउ महत्व बा अउर न खतना नाहीं करावइ क बल्कि ओहमाँ तउ पिरेम स पइदा होइवाला बिसवास क ही महत्व बा।

तू पचे तउ बहुत अच्छी तरह एक मसीह क जीवन जिअत रह्या। अब तू पचन क, अइसा का अहइ जउन सत्य पर चलइ स रोकत बाटइ। अइसी बिमति जउन तू पचन क सत्य स दूर करत बाटइ। तू सबन क बोलावइवाले परमेस्सर कइँती स नाहीं आइ बा। “तनिक खमीर गुंधा भवा समूचा आटा क खमीर स उठाइ लेत ह।” 10 पर्भू क बरे मोर पूरा भरोसा बा कि तू पचे कउनउ दूसरे मते क न अपनउब्या मुला तू सबन क विचलित करइवाला चाहे कउनउ भी होइ, उचित दण्ड पावइ।

11 भाइयो तथा बहिनियो, अगर मइँ आजभी, जइसा कि कछू जने मोहपे लांछन लगावत हीं कि मइँ खतना क प्रचार करत हउँ तउ मोका अब तलक यातना काहे दीन्ह जात अहइँ? अउर अगर मइँ अब भी खतना क जरूरत क प्रचार करत हउँ अब तउ मसीह क क्रूस क कारण पइदा भई मोर सब बाधा समाप्त होइ जाइ चाही। 12 मइँ तउ चाहत हउँ कि उ सबइ जउन तू पचन क डिगावइ चाहत हीं, खतना करावइ क साथ साथ अपने आपक बधिया ही कराइ डालतेन।

13 मुला भाइयो तथा बहिनियो, तू पचन क परमेस्सर तउ स्वतन्त्र रहइ क चुने अहइ। मुला ओह आजादी क अपने आप पूरे सुभाऊ क पूर्ति क साधन जिन बनइ द्या, एकरे विपरीत पिरेम क कारण परस्पर एक दूसरे क सेवा करा। 14 काहेकि समूची व्यवस्था क सार संग्रह इ एक आदेस मँ ही बाः “अपने साथियन स वइसेन ही पिरेम करा, जइसेन तू अपने आपस करत ह।”(C) 15 मुला आपस मँ काट करत भए अगर तू एक दूसरे क खात रहब्या तउ देखा। तू पचे आपस मँ ही एक दूसरे क नास कइ देब्या।

मानव प्राकृति अउर आतिमा

16 मुला मइँ कहत हउँ कि आतिमा क अनुसासन क अनुसार आचरण करा अउर अपन पाप से भरा भए सुभाऊ स इच्छन क पूर्ति जिन करा। 17 काहेकि तने क, भौतिक, अभिलास पवित्तर आतिमा क अभिलासन क अउर पवित्तर आतिमा क अभिलासन भौतिक अभिलासन क विपरीत होत हीं। एनकर आपस मँ विरोध बा। इही बरे तउ जउन तू पचे करइ चाहत ह, उ कइ नाहीं सकत्या। 18 मुला अगर तू आतिमा क अनुशासन मँ चलत ह तउ फिन व्यवस्था क अधीन नाही रहत्या।

19 अब देखा! हमरे भौतिक मनई सुभाउ क पापे स भरी प्रकृति क कामन क तउ सब जानत हीं। उ पचे अहइँ व्यवभिचार, अपवित्तर, भोग विलास, 20 मूर्ति पूजा, जादू-टोना, बैरभाऊ, लड़ाई-झगड़ा, डाह, किरोध, स्वार्थीपन, फूट, इरसा, 21 नसा, लंपटपन या ओइसेही अउर बातन। अब मइँ तू सबन क एनन्ह बातन क बारे मँ वइसेन ही चेतावत हउँ जइसेन मइँ तू सबन क पहिलेन चेताई दिहे रहेउँ कि जउन लोग इन बातन मँ भाग लेइहीं, उ पचे परमेस्सर क राज्य क उतराधिकार न पइहीं।

22 जबकि पवित्तर आतिमा पिरेम, आनन्द, सान्ति, धीरज, दयालुता, नेकी, बिसवास 23 नम्रता अउर आत्मसंयम उपजावत ह। इन बातन क विरोध मँ कउनउ व्यवस्था नाहीं बाटइ।

24 ओ सब लोग जउन मसीह ईसू क अहइँ, अपने पाप स भरा मानुस भौतिक मनइ सुभाऊ क वासना अउर सबइ इच्छा समेत क्रूस पर चढ़ाइ दिहे अहइँ। 25 काहेकि जब हमरे एक नवे जीवन क स्रोत आतिमा बा तउ आवा आतिमा क ही अनुसार चाली। 26 हम अभिमानी न बनी। एक दूसरे क न चिढ़ाई। अउर न तउ परस्पर इरसा रखी।

एक दुसरे क सहायता करा

भाइयो तथा बहिनियो, तोहरे मँ स अगर कउनउ मनई गलत काम करत पकड़ा जाय तउ आत्मिक लोगन क चाही कि नम्रता क साथे ठीक कइ देइ, धरम क मार्ग पर आवइ मँ सहायता करइँ। अउर खुद अपने बरे सावधानी बरता कि कहीं तू पचे खुदउ कउनो परीच्छा मँ न पड़ि जा। परस्पर एक दूसरे क भार उठावा। इही तरह तू मसीह क व्यवस्था क पालन करब्या। अगर केउ मनई महत्वपूर्ण न होत भवा तबउ अपने क महत्वपूर्ण समझत ह, तउ अपने क धोखा देत थ। अपने करम क आंकलन हर कउनो क खुद करत रहइ चाही। अइसेन करइ पर ही ओका अपने पापे पर कउनो दुसरे क साथे तुलना किहे बिना, गरब करइ क अवसर मिली। काहेकि आपन दायित्यव हर कउनो क खुदइ उठावइ क बा।

जीवन खेत-बोवइ जइसा बा

जेका परमेस्सर क बचन सुनावा गवा बा, ओका चाही कि जउन अच्छी चीज ओकरे पास बा, ओहमाँ अपने उपदेस क साच्छी बनवइ।

अपने आपके जिन्न छला। परमेस्सर क केऊ बुद्धू नाहीं बनाइ सकत, काहेकि जउन जइसेन बोई वइसे ही काटी। जे अपने भौतिक मनई क सुभाऊ बरे बोई, उ अपने काया क बिनास क फसल काटी। मुला जउन आतिमा क खेते मँ बीया बोई उ आतिमा स अनन्त जीवन क फसल काटी। इही बरे आवा हम भलाई करत कभऊँ न थकी। काहेकि अगर हम भलाई करत ही रहब तउ अच्छा समइ आए प हमका ओकर फल मिली। 10 जइसेन ही कउन अवसर मिलई, हमका सब क साथ भलाई करइ चाहीं, विसेस कर अपने बिसवासी भाइयन क साथे।

पत्र क समापन

11 देखा, मइँ तू पचन क खुद अपने हाथे स केतना बड़ा बड़ा अच्छरन मँ लिखे हउँ। 12 अइसे जने जउन सरीर क रुप स अच्छा देखॉवा करइ चाहत हीं तू पचन प खतना करावइ क दबाउ डालत हीं। मुला उ पचे अइसेन बस इही बरे करत हीं कि ओन्हे मसीह क क्रूस क (सुसमाचार) कारण यातना न सहइ पड़इ। 13 काहेकि उ सबइ खुदउ नकइ खतना होइ चुका बा, व्यवस्था क पालन नाहीं करतेन मुला फिन भी ओ पचे चाहत हीं कि तू पचे खतना करावा ताकि उ पचे तू सबन क जरिये इही सरीस क प्रथा क अपनाइ जाइ पर डींग मार सकइँ।

14 मुला जेकरे जरिये मइँ संसार क बरे अउर संसार मोरे बरे भर गवा। पर्भू ईसू मसीह क ओह क्रूस क छोड़िके मोका अउर कउनो प गरब न होइ। 15 काहेकि न तउ खतना क कउनउ महत्व बा अउर न बिना खतना क। अगर महत्व बा त उ नई सिस्टी क बा। 16 इही बरे जउन लोग ऍह विधान पर चलिहीं ओन्हन पर। अउर परमेस्सर क इस्राएल पर सान्ति अउर दया होत रहइ।

17 पत्र क खतम करत मइँ तू सबन स बिनती करत हउँ कि अब मोका कउनउ अउर दुख न द्या। काहेकि मइँ तउ पहिले स अपने सरीर मँ मसीह ईसू क घावन क लिहे घमत रहत अहउँ।

18 भाइयो तथा बहिनियो, हमरे पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तू पचन क आतिमन क साथे बना रहई। आमीन!

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