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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
मत्ती 23

ईसू यहूदी धरम नेतन क नुक्ताचीनी किहेस

(मरकुस 12:38-40; लूका 11:37-52; 20:45-47)

23 ईसू फिन आपन चेलन अउर भीड़ स कहेस। उ कहेस, “धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन मूसा क व्यवस्था क अरथ बतावइ क हकदार अहइँ। एह बरे जउन कछू उ सबइ कहइँ ओह प चलत रहा अउर ओनका मानके करत रहा। मइँ इ कहत हउँ काहेकि उ पचे बस कहत रहत हीं मुला करतेन नाहीं। उ पचे मनई क काँधे प एतना बोझा लादि देत हीं कि उ सबइ ओका उठाइके चल न सकइँ अउर लोगन्प दबाव डारत हीं कि ओका लइके चलइँ। मुला उ सबइ खुद ओहमाँ स कउनो प भी चलइ बरे आपन अंगुरी तलक नाहीं हिलउतेन।

“उ सबइ नीक काम यह बरे करत हीं कि लोग ओनका लखइँ। असिल मँ उ सबइ आपन ताबीज अउर पोसाक क झलरे क यह बरे बड़ा स बड़कवा करत रहत हीं कि लोग ओनका धर्मात्मा समझइँ। उ सबइ जेवनार मँ सबते जिआदा खास जगह पावा चाहत हीं। आराधनालयन मँ ओनका प्रमुख आसन चाही। बजारे मँ उ पचे मान क साथ पैलगी करावा चाहत ही। अउ चाहत हीं कि लोग ओनका ‘गुरु’ कहिके पुकारइँ।

“मुला तू पचे मनइयन स आपन क ‘गुरु’ जिन कहवावा काहेकि तोहार सच्चा गुरु तउ बस एक अहइ। अउर तू सबइ सिरिफ भाई बहिन अहा। धरती प मनइयन क आपन मँ स कउनो क भी ‘पिता’ जिन कहइ द्या। काहेकि तोहार ‘पिता’ तउ बस एक ही अहइ, अउ उ सरगे मँ बा। 10 न ही तू मनइयन क आपन बरे ‘स्वामी’ कहइ द्या काहेकि तोहार स्वामी तउ बस एक ठु बाटइ अउ उ अहइ मसीह। 11 तोहमाँ सब ते बड़कवा मनई उहइ होई जउन तोहार नउकर बनी। 12 जउन आपन खुद क ऊँचा उठाई ओका नंवई क होई। अउर जउन आपन खुद नवाई ओका ऊँचा उठाइ जाइ।

13 “हे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू सबइ सरगे क राज्य क दुआर ढाँपि दिहा ह। न तउ तू पचे ओहमाँ घुसि पउब्या अउर न ही ओनका जाइ देब्या जउन घुसइ बरे जतन करत हीं। 14 अरे कपटा धरम सास्तिरियन अउ फरीसियन तू पचे विधवा क धन दौलत हड़पत ह। देखाँवा बरे बड़ी बड़ी पराथना करत ह। एकरे बरे तोहका करर् सजा मिली।

15 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू कउनो क आपन मत मँ लइ आवइ बरे धरती अउर समुद्दर पार कइ जात ह। अउ उ तोहरे नेम धरम मँ आइ जात ह तउ तू ओका आपन स भी दुइ गुना नरक क काबिल बनाइ देत ह।

16 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तोहका धिक्कार अहइ जउन कहत ह, ‘जदि कउनो मन्दिर क सपथ खात ह तउ ओका सपथ क खाब जरूरी नाहीं मुला अगर कउनो मन्दिरे क सोने सपथ खात ह तउ ओका सपथ क मानब जरूरी अहइ!’ 17 अरे आँधर मूर्ख लोगो! बड़का कउन अहइ? मन्दिर क सोना या उ मन्दिर जउन उ सोना क पवित्तर बनएस।

18 “तू सबइ इ भी कहत ह, ‘जदि कउनो वेदी क सपथ खात ह तउ कछू नाहीं, मुला जदि कउनो वेदी प धरा चढ़ावा क सपथ खात ह तउ आपन सपथ स बँधा भवा अहइ।’ 19 अरे आँधर लोगो! कउन बड़कवा अहइ? वेदी प धरा चढ़ावा या उ वेदी जेसे उ चढ़ावा पवित्तर बनत ह 20 यह बरे जदि कउनो वेदी क सपथ लेत ह तउ उ वेदी क साथे वेदी प जउन धरा बाटइ, उ सबन क सपथ खात ह। 21 उ जउन मन्दिर अहइ, ओकर भी सपथ लेत ह उ मंदिर क संग जउन मंदिर क भितरे बा, ओकर भी सपथ खात ह। 22 अउर उ जउन सरगे क सपथ खात ह, उ परमेस्सर क सिंहासने क संग जउन उ सिंहासने प बिराजत बा ओकर भी सपथ खात ह।

23 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तोहरे लगे जउन कछू अहइ, तू ओकर दसवाँ, हींसा, हीयाँ तलक कि आपन पुदीना, सौंफ अउर जीरा तक क दसवाँ हींसा परमेस्सर क देत ह। फिन भी तू व्यवस्था क खास बातन, निआव, दाया अउर बिसवास क धकियाइ दिहा। तोहका इ चाहत रहा कि ओन बातन क बगैर छोड़े भए इन बातन क करत जात्या। 24 अरे आँधर अगुवा लोगो! तू आपन पिअइ क पानी स मच्छर तउ छान लेत ह पर ऊँटे क लील जात ह।

25 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू आपन खोरा अउर टाठी बाहेर स धोइके फर्छइ करत ह पर ओकरे भितरे तू जउन चाल चपेट या आपन बरे रियायत मँ पाया ह, भरा बाटइ। 26 अरे आँधर फरीसियो! पहिले आपन खोरा क भितरे स माँज ल्या जेसे भितरे क साथ साथ उ बाहेर स भी चमकइ लगाइ।

27 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू लीपी पोती भई समाधि क नाईं अहा जउन बाहेर स तउ सुन्नर देखाति अहइ मुला भितरे स मरे हुअन क हाड़ अउर हर किसिम क मलिनता स ठूँसी रहत ह। 28 अइसे ही बाहेर स तउ धर्मी देखॉइ देत ह मुला भितरे स चाल चपेट अउर अनभले स बुरा अहा।

29 “अरे कपटी धरम सास्तिरियो अउ फरीसियो! तोहका धिक्कार अहइ। तू नबियन क बरे मकबरा बनावत ह अउर धर्मीयन क कब्र क सिंगार करत ह। 30 अउ कहत बाट्या, ‘जदि तू आपन पूर्वजन क समइ मँ पइदा होत्या तउ नबियन क मरवावइ मँ ओनकइ साथ न देत्या।’ 31 अइसे प तू खुद ही साच्छी देत अहा, कि तू मानत बाट्या कि तू ओनकइ बाल-बच्चा अहा जउन नबियन क हत्यारन रहेन। 32 तउ तू जउन तोहार पुरखन सुरु करेन, ओका पूरा कइ द्या।

33 “अरे कीरा अउर नाग संतान। तू सबइ कइसे सोच लिहा कि तू नरक भोगइ स छूट जाब्या। 34 यह बरे मइँ तोहका बतावत हउँ कि मइँ तोहरे लगे नबियन, बुद्धिमानन अउर गुरुअन क पठवत हउँ। तू पचे ओनमाँ स बहोतन क मार डउब्या अउर बहोतन क क्रूसे प चढ़उब्या। कछू मनइयन क तू सबइ आपन आराधनालयन मँ कोड़न स पिटवउब्या अउर एक सहर स दूसर सहरे ताईं ओनकइ पाछा करत खदरेब्या।

35 “आखिर निरीह हाबिल स लइके बिरिक्याह क बेटवा जकरयाह ताईं जेका तू मन्दिरे क गरभ घर अउर वेदी क बीच मारि डाए रह्या हर धर्मी मनई क कतल क सजा तोह प होई। 36 मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि इ सब कछू बरे इ पीढ़ी क मनइयन क सजा भोगे होई।

यरूसलेम क मनइयन प ईसू क दुःख

(लूका 13:34-35)

37 “यरूसलेम, ओ यरूसलेम! तू उ अहा जउन नबियन क कतल करत ह अउर परमेस्सर क पठए गए दूतन क पाथर मारत ह। मइँ केतनी दाईं चाह्यो ह कि जइसे कउनो मुर्गी आपन चूजन क आपन पंखा तरे बटोर लेत ह वइसे ही तोहरे गदेलन क बटोर लेउँ। मुला तू पचन नाहीं चाह्या। 38 तोहार घर समूचइ उजड़ जाई। 39 मइँ तोहका सच बतावत हउँ तू मोका तब ताईं फिन नाहीं देखब्या जब ताईं तू नाहीं कहब्या, ‘धन्य अहइ उ जउन पर्भू क नाउँ मँ आवत ह।’(A)

लूका 20-21

ईसू स यहूदियन क सवाल

(मत्ती 21:23-27; मरकुस 11:27-33)

20 एक दिन जब ईसू मंदिर मँ मनइयन क उपदेस देत भवा सुसमाचार सुनावत रहा तउ मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन, बुजुर्ग यहूदी नेतन क संग ओकरे लगे आएन। उ पचे ओसे पूछेन, “हमका बतावा तू इ काम कउनो अधिकार स करत अहा? उ कउन अहइ जउन तोहका इ अधिकार दिहे अहइ?”

ईसू ओनका जवाब दिहस, “मइँ भी तोहसे एक सवाल पूछत हउँ, तू मोका बतावा यूहन्ना क बपतिस्मा देइ क अधिकार सरग स मिला रहा या मनई स?”

ऍह पइ आपुस मँ बिचार क चर्चा करत भवा उ पचे बोलेन, “जदि हम कहित ह, ‘सरग स’ तउ इ कही, ‘तउ तू ओह प बिसवास काहे नाहीं किहा?’ अउर अगर हम कही, ‘मनई स’ तउ सबहीं मनई हम पइ पाथर फेंकिहीं। काहेकि उ सबइ इ मानत हीं कि यूहन्ना एक नबी रहा।” तउ उ सबइ जवाब दिहेन कि उ पचे नाहीं जानतेन कि उ अधिकार कहाँ स मिला।

फिन ईसू ओनसे कहेस, “तउ मइँ भी तोहका नाहीं बताउब कि इ चीज मइँ कउनो अधिकारे स करत हउँ!”

परमेस्सर आपन पूत क पठवत ह

(मत्ती 21:33-46; मरकुस 12:1-12)

फिन ईसू मनइयन स आपन दिस्टांत कथा कहइ लाग: “कउनो मनई अंगूरे क बगिया लगाइके ओका कछू किसानन क लगाने प दिहस अउर उ बहोत दिना तक कहूँ चला गवा। 10 जब फसल काटइ क समइ आइ, तउ उ एक नउकर क किसानन क लगे पठाएस ताकि उ पचे ओका अंगूरे क बगिचा क कछू फल दइ देइँ। मुला किसानन ओका मार पीटिके खाली हाथ लौटाइ दिहन। 11 उ तब एक नउकर हुवाँ पठएस। मुला उ पचे ओकर ठोंकाइ कइ डाएन। उ सबइ ओकरे संग बहोत बुरा ब्यौहार किहेन। अउर ओका भी खाली हाथे लौटाइ दिहन। 12 ऍह पइ उ एक तिसरा नउकर पठएस मुला उ पचे ऐके भी घायल कइके बाहेल ढकेल दिहन।

13 “तब तउ बगिया क मालिक कहइ लाग, ‘मोका का करइ चाही? मइँ आपन पियारे बेटवा क पठउब साइद उ पचे ओकर इज्जत करिहइँ!’ 14 मुला किसानन जब ओकरे बेटवा का लखेन तउ आपुस मँ सोच बिचारि करत भए बोलेन, ‘इ तउ बारिस अहइ, आवा ऍका मारि डाइ जेहसे बारिस हमार होइ जाइ!’ 15 अउर उ पचे ओका बगिया स बाहेर खदेरके मारि डाएन।

“तउ फिन बगिया क मालिक ओनके संग का करी? 16 उ आइ अउर ओन किसानन क मारि डाई अउर अंगूरे क बगिया अउरन क सौंपि देइ।”

उ पचे जब इ सुनेन तउ उ सबइ बोलेन, “अइसा कबहूँ न होइ चाही!” 17 तब ईसू ओनकइ कइँती निहारत भवा कहेस, “तउ फिन इ जउन लिखा अहइ ओकर अरथ का अहइ:

‘जउने पाथर क राजगीर बेकार समझ लिहे रहेन
    उहइ कोनवा क प्रमुख पाथर बन गवा’?[a]

18 हर कउनो जउन उ पाथर प गिरी चूर चूर होइ जाइ अउर जेहॅ पइ उ गिरी चकनाचूर होइ जाइ!”

19 धरम सास्तिरियन अउर मुख्ययाजकन कउनो रास्ता ढूँढ़ीके ओका पकड़ि लेइ चाहत रहेन काहेकि उ ताड़ ग रहेन कि उ इ दिस्टान्त कथा ओनके खिलाफ कहेस ह। मुला उ पचे मनइयन स डेरात रहेन।

यहूदी नेतन क चाल

(मत्ती 22:15-22; मरकुस 12:13-17)

20 तउ उ पचे होसियारी स ओह प निगाह राखइ लागेन। उ पचे अइसे खुफिया पठएन जउन ईमानदार होइ क सुआंग रचत रहेन। (ताकि उ सबइ ओकर कही भइ कउनो बातन मँ फँसाइके राज्यपाल क सक्ती व अधिकारे क मातहत कर देइँ।) 21 तउ उ पचे ओसे पूछत भए कहेन, “गुरु, हम जानित ह कि जउन नीक अहइ अउर उहइ क तू कहत अउर उपदेस देत अहा अउर न ही कउनो क पच्छ लेत ह। मुला तू सचाई स परमेस्सर क रास्ता क उपदेस देत अहा। 22 तउ बतावा कैसर क हमका चुंगी (टैक्स) देब नीक बा या नाहीं चुकाउब?”

23 ईसू ओनकइ चाल क ताड़ गवा रहा। तउ उ ओनसे कहेस, 24 “मोका एक दीनार देखावा, ऍह पइ मूरति अउर लिखाइ केकर अहइ?”

उ सबइ कहेन, “कैसर का।”

25 ऍह पइ उ ओनसे बोला, “तउ फिन जउन कैसर क अहइ, ओका कैसर क द्या। अउर जउन परमेस्सर क अहइ ओका परमेस्सर क।”

26 उ पचे ओकरे जवाबे प चकित होइके चुप रहि गएन अउर उ मनइयन क समन्वा जउन कछू कहे रहा, ओह पइ ओका पकड़ नाहीं पाएन।

ईसू क धरइ बरे सदूकियन क चाल

(मत्ती 22:23-33; मरकुस 12:18-27)

27 अब देखा कछू सदूकियन ओकरे लगे आएन। (इ सबइ सदूकियन उ रहेन जउन फिन स जी उठब का नाहीं मनतेन।) उ पचे ओसे पूछत भए कहेन, 28 “गुरु, मूसा हमरे बरे लिखा बा कि जदि कउनो क भाई मरि जाइ अउर ओकरे कउनो बचवा न होइ अउर ओकर पत्नी होइ तउ ओकर भाई विधवा स बियाहिके आपन मरे भए भाई बरे, ओसे संतान पइदा करइ। 29 अब देखा, सात भाइयन रहेन। पहिला भाइ कउनो स्त्री स बियाह किहेस अउर उ बे संतान क ही मरि गवा। 30 फिन दूसर भाई ओसे बियाहेस, 31 अउर अइसे ही तीसर भाई ओसे बियाहेस। सबन क संग एक जइसा ही भवा। उ पचे बे संताने क मर गएन। 32 पाछे उ स्त्री भी मरि गइ। 33 अब बतावा, फिन स जी उठे प उ केकर पत्नी होइ काहेकि ओसे तउ सातहु ही बियाहे रहेन?”

34 तब ईसू ओसे कहेस, “इ जुग क मनई बियाह करत हीं अउर बियाह कइके बिदा होत हीं। 35 मुला उ मनइयन जउन मरे भएन मँ स जी जाइ बरे अउर आवइवाले जुग मँ भाग लेइ क जोग्य ठहराइ दीन्ह ग अहइँ, उ पचे न तउ बियाह करिहीं अउर न ही बियाह कइके बिदा कीन्ह जइहीं। 36 अउर उ फिन कबहुँ मरिहीं भी नाहीं, काहेकि उ पचे सरगदूतन क नाई अहइँ, उ पचे परमेस्सर क संतान अहइँ काहेकि उ पचे पुनरुत्थान क पूत अहइँ। 37 मूसा तलक झाड़ी स जुड़ा भवा अनुच्छेद मँ देखाएस ह कि उ पचे मरे भएन मँ स जिआवा ग अहइँ, जबकि उ कहेस पर्भू, ‘इब्राहीम क परमेस्सर, इसहाक क परमेस्सर अउर याकूब क परमेस्सर’(A) अहइ। 38 उ मरे भएन क नाहीं मुला जिअत क परमेस्सर अहइ। उ सबइ मनइयन जउन ओकर अहइँ, जिअत अहइँ।”

39 कछू धरम सास्तिरियन कहेन, “गुरु, नीक कह्या।” 40 काहेकि फिन ओसे कउनो अउर सवाल पूछइ क हिम्मत नाहीं कइ सकेन।

मसीह क दाऊद क पूत अहइ?

(मत्ती 22:41-46; मरकुस 12:35-37)

41 ईसू ओसे कहेस, “उ पचे कहत हीं कि मसीह दाऊद क पूत अहइ। इ कइसे होइ सकत ह? 42 काहेकि भजन संहिता क किताब मँ दाऊद खुद कहत ह:

‘पर्भू (परमेस्सर) मोरे पर्भू (मसीह) स कहेस;
मोरे दाहिन हाथ बइठा,
43     जब तलक कि मइँ तोहरे बैरियन क तोहरे गोड़ धरइ क चउकी न बनाइ देउँ।’ (B)

44 इ तरह जब दाऊद मसीह क ‘पर्भू’ कहत ह तउ मसीह दाऊद क पूत कइसे होइ सकत ह”

धरम सास्तिरियन क खिलाफ ईसू क चिताउनी

(मत्ती 23:1-36; मरकुस 12:38-40; लूका 11:37-54)

45 सबहीं मनइयन क सुनत उ आपन मनवइयन स कहेस, 46 “धरम सास्तिरियन स होसियार रहा। उ लम्बा चोगा पहिरिके इज्जत क संग बाजारन मँ सुआगत सम्मान पावइ चाहत हीं। अउर आराधनालय मँ ओनका सबस जिआदा प्रमुख आसन क ललक रहत ह। दाउतन मँ उ सबइ इज्जत स भरा आसन चाहत हीं। 47 उ पचे विधवन क अकसर धोखा देत हीं अउर ओनकर मकान लइ लेत हीं। देखॉवा बरे उ पचे बड़ी बड़ी पराथना करत हीं। इन मनइयन क कड़ी स कड़ी सजा भुगुतइ पड़ी।”

सच्चा दान

(मत्ती 12:41-44)

21 ईसू आपन अँखिया उठाइके देखेस कि धनी लोग दान पात्र मँ आपन आपन भेंट चढ़ावत अहइँ। तबहीं उ एक गरीब विधवा क ओहमाँ, ताँबे क दुइ नान्ह सिक्का नावत भइ लखेस। उ कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हूँ कि दूसर सबहीं मनइयन स इ विधवा जिआदा दान दिहेस ह। इ मइँ इ बरे कहत हउँ काहेकि इ सबहीं मनइयन आपन उ धने मँ स जेकर ओनका जरूरत नाहीं रही, दान दिहे रहेन मुला इ विधवा गरीब होत भइ जिन्ना रहइ बरे जउन कछू ओकर लगे रहा, सब कछू दइ डाएस।”

मन्दिर क बिनास

(मत्ती 24:1-14; मरकुस 13:1-13)

कछू चेलन मन्दिर क बारे मँ बतियात रहेन कि उ मंदिर सुन्नर पथरन अउर परमेस्सर की दीन्ह गइ मनौती क भेंट स कइसे सजाना ग बा!

तबहिं ईसू कहेस, “अइसा समइ आइ जब, इ जउन कछू तू देखत अहा, ओहमाँ एक पाथर दूसर पाथर टिक न रह पाइ। उ सबइ ढहाइ दीन्ह जइहीं!”

उ पचे ओसे पूछत भए बोलेन, “गुरु, इ बातन कब होइहीं? अउर इ बातन जउन होइवाली अहइँ, ओकर कउन चीन्हा होइहीं?”

ईसू कहेस, “होसियार रहा, कहूँ कउनो तोहका छल न लेइ। काहेकि मोरे नाउँ स बहोत मनइयन अइहीं अउर कइहीं, ‘मइँ मसीह अहउँ’ अउर ‘समइ आइ पहुँचा अहइ।’ ओनके पाछे जिन जा। परन्तु जब तू जुद्ध अउर दंगा क बात सुना तउ जिन डेराअ काहेकि इ बातन तउ पहिले घटि जइहीं। अउर ओनकइ अंत फउरन न होइ।”

10 उ ओनसे फिन कहेस, “एक जाति दूसर जाति क खिलाफ खड़ी होइ अउर एक राज्य दूसर राज्य क खिलाफ। 11 बड़ा बड़ा भुइँडोल अइहीं अउर अनेक जगहन प अकाल पड़िहीं अउर महामारी आइ। अकासे मँ खौफनाक घटना घटिहीं अउर भारी चीन्हा परगट होइहीं।

12 “मुला इ सबन घटना स पहिले तोहका बंदी बनइ डइहीं अउर तोहका दारुण दुःख देइहीं। उ सबइ तोह प जुर्म लगावइ बरे तोहका आराधनालय क सौंपिहीं अउर फिन तोहका जेल पठइ दीन्ह जाइ। अउर फिन मोरे नाउँ क कारण उ पचे तोहका राजा लोग अउर राज्यपाल क समन्वा लइ जइहीं। 13 ऍसे तोहका मोरे बारे मँ साच्छी देइ क अउसर मिली। 14 एह बरे पहिले स ही ऍकर फिकिर न करइ क निहचइ कइ ल्या कि आपन बचाव कइसे करब्या। 15 काहेकि अइसी बुद्धि अउर सब्द तोहका मइँ देब कि तोहार कउनो भी बैरी तोहार सामना अउर तोहार खण्डन नाहीं कइ सकी। 16 मुला तोहार महतारी बाप, भाई, बन्धु, नातेदार अउर मीत भी तोहका धोखा स पकड़वइहीं अउर तोहमाँ स कछू क तउ मरवाइ ही डइहीं। 17 मोरे कारण सब तोसे बैर रखिहीं। 18 मुला तोहरे मूँड़े क एक बार बाँका नाहीं होइ। 19 तोहार सहइ क सक्ती, तोहरे प्रान क रच्छा करी।

यरूसलेम क नास

(मत्ती 24:15-21; मरकुस 13:14-19)

20 “अब लखा जब यरूसलेम क तू फऊज स घिरा देखब्या तउ समुझ लिहा कि ओकर तहस नहस होइ जाब नगिचे अहइ। 21 तब तउ जउन यहूदिया मँ होइँ, ओनका चाही कि उ पचे पहाड़न प पराइ जाइँ अउर उ सबइ जउन सहर क भीतर होइँ, बाहेर निकर आवइँ अउर उ पचे जउन गाउँ मँ होइँ ओनका सहर मँ नाहीं जाइ चाही। 22 काहेकि उ दिनन सजा क होइहीं। ऍहसे जउन लिखा ग बाटइ, उ सबहीं पूर होइ। 23 उ स्त्रियन बरे, जउन पेटवा स भारी होइहीं अउर ओनके बरे जउन दूध पिआवत होइहीं, उ दिनन केतॅना खौफनाक होइहीं। काहेकि उ दिनन धरती प बहोत बड़की बिपत आइ इ मनइयन प परमेस्सर कोहाइ जाइ। 24 उ सबइ तरवारे क धार स गिरा दीन्ह जइहीं अउर कैदी बनइके सब देसन मँ पहुँचाइ दीन्ह जइहीं। अउर यरूसलेम बे यहूदियन क गोड़वा तरे तब तलक रौंद जाइ जब तलक गैर यहूदियन क समइ पूर नाहीं होइ जात।

डेराअ जिन

(मत्ती 24:29-31; मरकुस 13:24-27)

25 “सूरज चाँद अउर तारन मँ चीन्हा परगट होइहीं अउर धरती प क सबहिं रास्ट्रन प बिपत आई अउर उ सबइ समुद्दर क आवाज अउर उधर-पुथर स घबराइ उठिहीं। 26 मनइयन डर अउर संसार प आवइ वाली बिपत क भय से बेहोस होइ जइहीं काहेकि आकास क सक्ती हलोर दीन्ह जाइ। 27 अउर तबहिं उ पचे मनई क पूत क आपन सक्ती अउर महान महिमा क एक बादर आवत भवा देखिहीं। 28 अब देखा, इ बातन जब घटइ लागइँ तउ खड़ा होइके तू आपन मूँड़ ऊपर उठाइ ल्या। काहेकि तोहार छुटकारा नगिचे आइ रही होइ!”

मोर बचन अमर बा

(मत्ती 24:32-35; मरकुस 13:28-31)

29 फिन एक ठु दिस्टान्त कथा कहेस: “अउर सबहिं बृच्छन अउर अंजीरे क बिरवा लखा। 30 ओहमाँ स जइसे ही कोंपर फूटत हीं, तू आपन आप जान जात ह कि गर्मी क रितु बस आइ ग अहइ। 31 वइसे ही तू जब इ बातन क घटतइ देख्या तउ जान लिहा कि परमेस्सर क राज्य नगिचे अहइ।

32 “मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि जब तलक इ सब बातन घटि नाहीं जातिन, इ पीढ़ी क अंत नाहीं होइ! 33 धरती अउर अकास बरिबाद होइ जइहीं, पर मोर बचन हमेसा अटल रही!

हमेसा तइयार रहा

34 “आपन धियान राखा जेहसे तोहार मन कहूँ पिअइ पिआवइ अउर संसारे क फिकिर स पाथर न होइ जाइ। अउर उ दिन एक फंदा क तरह तोह प एकाएक न आइ पड़इ। 35 सचमुच ही उ इ सारी धरती क बसइयन पइ अइसे ही आइ गिरी। 36 हर छिन होसियार रहा, अउर पराथना करा कि तोहका इ सब बातन स, जउन घटइवाली अहइँ, बचइ क ताकत मिलइ अउर तू मनई क पूत क समन्वा खड़ा होइ सका।”

37 हर रोज मंदिर मँ उपदेस देत रहा मुला, राति बीति जाइ प हर साँझ जैतून पर्वत प चला जात रहा। 38 सबहीं मनई भिन्सारे क तड़के उठत रहेन अउर मंदिर मँ ओकरे लगे जाइके, ओका सुनत रहेन।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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