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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
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इबरानीमन 11-13

बिसवास

11 बिसवास करे के मतलब ए अय कि ओ बात ह निस्चय होही, जेकर आसा हमन करथन अऊ बिसवास करे के मतलब ओ बात के निस्चयता घलो अय, जऊन ला हमन नइं देखन। बिसवास के कारन ही पुराना जमाना के मनखेमन परमेसर के नजर म सही ठहरिन।

बिसवास के दुवारा, हमन जानथन कि जम्मो संसार ह परमेसर के हुकूम ले सिरजे गीस, अऊ जऊन चीज ह दिखथे, ओह दिखत चीज ले बनाय नइं गीस।

बिसवास के दुवारा, हाबिल ह कैन ले उत्तम बलिदान परमेसर ला चघाईस। बिसवास के दुवारा, हाबिल ह एक धरमी मनखे समझे गीस, काबरकि परमेसर ह ओकर भेंट के बारे म बने बात कहिस। अऊ बिसवास के दुवारा, ओह अभी घलो गोठियाथे, हालाकि ओह मर गे हवय।

बिसवास के दुवारा, हनोक ह उठा लिये गीस,[a] अऊ ओला मिरतू के अनुभव नइं होईस। ओह फेर कोनो ला नइं दिखिस, काबरकि परमेसर ह ओला उठा ले रिहिस। हनोक के उठाय जाय के पहिली, ओकर बारे म, ए कहे गे रिहिस कि ओह परमेसर ला खुस करिस। बिगर बिसवास के परमेसर ला खुस करई असंभव ए, काबरकि जऊन ह परमेसर करा आथे, ओला ए बिसवास करना जरूरी ए कि परमेसर हवय अऊ ओह ओमन ला इनाम देथे, जऊन मन सही मन ले ओला खोजथें।

जब परमेसर ह नूह ला ओ बातमन के बारे म चेतउनी दीस, जऊन मन ओ समय नइं दिखत रिहिन, त बिसवास के दुवारा, परमेसर के पबितर भय म, नूह ह अपन परिवार ला बचाय बर पानी जहाज बनाईस। अपन बिसवास के दुवारा, ओह संसार ला दोसी ठहराईस अऊ ओ धरमीपन के वारिस बन गीस, जऊन ह बिसवास के दुवारा होथे।

जब परमेसर ह अब्राहम ला एक ठन जगह ला जाय बर कहिस, जऊन ला ओह बाद म वारिस के रूप म पवइया रिहिस, त बिसवास के दुवारा, अब्राहम ह परमेसर के बात ला मानिस अऊ चल दीस, हालाकि ओला ए बात मालूम नइं रिहिस कि ओह कहां जावत रिहिस। बिसवास के दुवारा, ओह परतिगियां के भुइयां म अपन घर बनाईस अऊ एक अजनबी के सहीं, ओह एक आने देस म रिहिस। ओह तम्‍बूमन म रहय अऊ वइसने इसहाक अऊ याकूब घलो करिन, जऊन मन अब्राहम के संग ओहीच परतिगियां के वारिस रिहिन। 10 काबरकि अब्राहम ह ओ सहर के बाट जोहत रिहिस, जेकर नींव हवय अऊ जेकर नकसा बनइया अऊ गढ़इया परमेसर ए।

11 हालाकि अब्राहम डोकरा हो गे रिहिस अऊ सारा ह खुद बांझ रिहिस, पर बिसवास के दुवारा, अब्राहम ह ददा बनिस काबरकि ओह परमेसर ऊपर बिसवास करिस, जऊन ह ओकर ले वायदा करे रिहिस। 12 अऊ ए किसम ले, ए एक झन ले, जऊन ह मुरदा सहीं रिहिस, अतेक संतान होईन कि ओमन अकास के तारामन अऊ समुंदर तीर के बालू सहीं अनगिनत हो गीन।

13 ए जम्मो मनखे बिसवास म रहत मर गीन। ओमन ओ चीजमन ला नइं पाईन, जेकर वायदा परमेसर ह ओमन ले करे रिहिस, पर ओमन ओ चीजमन ला सिरिप देखिन अऊ दूरिहा ले ओमन के सुवागत करिन। अऊ ओमन ए बात ला मान लीन कि ओमन ए धरती म परदेसी अऊ अजनबी रिहिन। 14 जऊन मनखेमन अइसने बात कहिथें, ओमन ए परगट करथें कि ओमन अपन खुद के एक देस के खोज म हवंय। 15 यदि ओमन ओ देस के बारे म सोचे होतिन, जऊन ला छोंड़के ओमन आ गे रिहिन, त ओमन करा वापिस जाय के मऊका रिहिस। 16 पर ओमन एक उत्तम देस, याने कि स्वरगीय देस के खोज म रिहिन। एकरसेति परमेसर ह नइं लजावय, जब ओमन ओला अपन परमेसर कहिथें काबरकि ओह ओमन बर एक सहर तियार करे हवय।

17 जब परमेसर ह अब्राहम ला परखिस, त बिसवास के दुवारा, अब्राहम ह इसहाक ला बलिदान के रूप म चघाईस। अब्राहम ह ओ मनखे रिहिस, जेकर ले परमेसर ह परतिगियां करे रिहिस, पर ओह अपन एकलऊता बेटा (इसहाक) ला बलिदान चघाय बर तियार रिहिस, 18 हालाकि परमेसर ह ओला ए कहे रिहिस, “इसहाक के जरिये तोर बंस चलही।”[b] 19 अब्राहम ह बिसवास करिस कि परमेसर ह मरे मनखे ला जीयाय सकथे। हमन ए कह सकथन कि अब्राहम ह इसहाक ला मिरतू म ले फेर पा गीस।

20 बिसवास के दुवारा, इसहाक ह याकूब अऊ एसाव ला ओमन के भविस्य बर आसिस दीस।

21 बिसवास के दुवारा, याकूब ह अपन मरत समय यूसुफ के दूनों बेटा ला आसिस दीस, अऊ अपन लउठी के मुठ के ऊपर निहरके परमेसर के अराधना करिस।

22 जब यूसुफ ह मरइया रिहिस, त बिसवास ही के दुवारा, ओह इसरायलीमन के बारे म कहिस कि ओमन मिसर देस के गुलामी से निकर जाहीं अऊ ए हुकूम घलो दीस कि ओकर मरे के बाद, ओकर हाड़ामन के का करे जावय।

23 जब मूसा ह जनमिस, त बिसवास के दुवारा, ओकर दाई-ददा ओला तीन महिना तक छुपाय रखिन, काबरकि ओमन देखिन कि लइका ह सुघर हवय अऊ ओमन राजा के हुकूम ले नइं डर्राईन[c]

24 जब मूसा ह बड़े हो गीस, त बिसवास के दुवारा ही, ओह फिरौन राजा के बेटी के बेटा कहाय बर इनकार करिस। 25 थोरकन दिन पाप के सुख भोगे के बदले, ओह परमेसर के मनखेमन संग दुःख भोगई ला बने समझिस। 26 मूसा ह मसीह के हित म कलंकित होवई ला बड़े धन समझिस, एकर बनिस‍पत कि मिसर देस के खजाना के उपयोग करई, काबरकि ओह अवइया समय म अपन इनाम के बाट जोहत रिहिस। 27 बिसवास ही के दुवारा, ओह राजा के कोरोध के चिंता नइं करिस अऊ मिसर देस ला छोंड़ दीस। ओह बिसवास म बने रिहिस, काबरकि ओह ओ परमेसर ला देखिस, जऊन ह नइं दिखय। 28 बिसवास ही के दुवारा, ओह फसह तिहार ला मानिस अऊ कपाटमन म लहू छिंचे के हुकूम दीस ताकि मिरतू के दूत ह इसरायलीमन के पहिलांत बेटामन ला झन मार डारय।

29 बिसवास के दुवारा ही, इसरायली मनखेमन लाल समुंदर म ले अइसने पार होगिन, जइसने कि सूखा भुइयां म पार होथें; पर जब मिसर देस के मनखेमन पार होय के कोसिस करिन, त ओ जम्मो झन बुड़ मरिन।

30 बिसवास ही के दुवारा, जब इसरायलीमन सात दिन तक यरीहो के दिवाल के चक्‍कर लगाईन, त ओ दिवाल ह गिर गीस।

31 बिसवास ही के कारन, राहाब नांव के बेस्या ह ओमन के संग मारे नइं गीस, जऊन मन परमेसर के हुकूम नइं मानिन। ओह भेदियामन ला छुपाय रखिस।

32 मेंह अऊ का कहंव? गिदोन, बाराक, समसून, यिफतह, दाऊद, सामुएल अऊ अगमजानीमन के बारे म बताय बर, मोर करा समय नइं ए। 33 बिसवास ही के दुवारा, ओमन देसमन ला जीतिन, नियाय के मुताबिक काम करिन अऊ ओ चीज ला पाईन, जेकर वायदा परमेसर ह करे रिहिस। ओमन सिंहमन के मुहूं ला बंद कर दीन, 34 धधकत आगी ला बुथा दीन, अऊ तलवार के मार ले बच निकरिन। ओमन के कमजोरी ह ताकत म बदल गीस। ओमन लड़ई म बीरता देखाईन अऊ बिदेसी सेनामन ला मार भगाईन। 35 माईलोगनमन अपन मरे लोगनमन ला फेर जीयत पा गीन। अनेक बिसवासीमन अब्‍बड़ दुःख अऊ पीरा सहिन, पर ओमन एकर ले छुटे बर नइं चाहिन, ताकि ओमन ला जी उठे के बाद एक उत्तम जिनगी मिलय। 36 कुछू बिसवासीमन के ठट्ठा करे गीस अऊ ओमन ला कोर्रा म मारे गीस, जबकि कतको झन ला संकली म बांधके जेल म डार दिये गीस। 37 ओमन ला पत्थरवाह करे गीस; ओमन के देहें ला आरी म चीरके दू भाग कर दिये गीस; ओमन तलवार ले मार डारे गीन। ओमन मेढ़ा अऊ बोकरा के चाम के कपड़ा पहिरे एती-ओती मारे-मारे फिरिन; ओमन खंगी म रिहिन अऊ सताय गीन अऊ ओमन के संग गलत बरताव करे गीस। 38 संसार ह ओमन के लइक नइं रिहिस। ओमन उजाड़ जगह अऊ पहाड़ अऊ भुइयां के खोह अऊ बिल मन म भटकत फिरिन।

39 ए जम्मो झन अपन बिसवास के कारन परसंसा पाईन, पर ओम ले कोनो ला ओ चीज नइं मिलिस, जेकर वायदा परमेसर ह करे रिहिस। 40 परमेसर ह हमर खातिर अऊ उत्तम योजना बनाय रिहिस, ताकि ओमन हमर संग ही एक साथ सिद्ध बनाय जावंय।

परमेसर अपन संतान के ताड़ना करथे

12 एकरसेति, जब हमर चारों कोति अइसने बहुंते गवाह हवंय, त आवव, हमन हर ओ बाधा देवइया चीज अऊ फंसा लेवइया पाप ले दूरिहा रहन अऊ ओ दऊड़ ला मन लगाके दऊड़न, जऊन ह हमर आघू म रखे हवय। आवव, हमन यीसू कोति अपन धियान लगाय रखन, जऊन ह सुरू ले लेके आखिरी तक हमर बिसवास के आधार ए अऊ जऊन ह अपन आघू म रखे आनंद खातिर कुरुस के मिरतू ला सहिस। ओह एकर दुवारा बेजत्ती होय के चिंता नइं करिस अऊ परमेसर के सिंघासन के जेवनी हांथ कोति बईठ गीस। एकरसेति, यीसू ऊपर अपन मन लगावव, जऊन ह पापी मनखेमन ले अइसने बिरोध सहिस, ताकि तुमन निरास झन होवव अऊ हिम्मत झन हारव।

पाप के बिरूद्ध लड़ई म, तुमन अभी तक ओ जगह म नइं आय हवव, जिहां तुमन ला अपन खून बहाना पड़े हवय। अऊ तुमन उत्साह के ओ बचन ला भुला गे हवव, जऊन म परमेसर ह तुमन ला बेटा सहीं कहिथे:

“हे मोर बेटा, परभू के ताड़ना ला हल्‍का झन समझ,
    अऊ जब ओह तोला दबकारथे, त हिम्मत झन हार,
काबरकि परभू ह ओमन के ताड़ना करथे, जऊन मन ला ओह मया करथे,
    अऊ ओह हर ओ मनखे ला दंड देथे, जऊन ला ओह बेटा बना लेथे।”

दुःख-तकलीफ ला ताड़ना समझके सह लेवव; परमेसर ह तुमन ला अपन बेटा जानके तुम्‍हर संग बरताव करत हवय। काबरकि का अइसने कोनो बेटा हवय, जेकर ताड़ना ओकर ददा ह नइं करय? हर एक झन के ताड़ना होथे, पर कहूं तुम्‍हर ताड़ना नइं होईस, त तुमन नजायज संतान अव, अऊ सही के बेटा नो हव। हमन के हर एक के सारीरिक ददा हवंय, जऊन मन हमर ताड़ना करथें अऊ हमन एकर खातिर ओमन के आदर करथन। तब हमन ला हमर आतमा के ददा के अधीन, अऊ जादा रहना चाही ताकि हमन जीयत रहन। 10 हमर ददामन थोरकन समय बर हमर ताड़ना करथें, जइसने ओमन उचित समझथें; पर परमेसर ह हमर भलई बर ताड़ना करथे ताकि हमन ओकर पबितरता म भागीदार होवन। 11 ओतकीच बेरा, कोनो घलो किसम के ताड़ना बने नइं लगय, पर पीरा देथे। पर बाद म, एह ओमन के जिनगी म धरमीपन अऊ सांति के फर लाथे, जऊन मन ए ताड़ना म ले होके गुजर चुके होथें।

12 एकरसेति, अपन कमजोर हांथ अऊ कमजोर माड़ी मन ला मजबूत करव। 13 अपन गोड़ खातिर डहारमन ला समतल करव, ताकि खोरवा ह अपंग झन होवय, पर ओह चंगा हो जावय।

ओमन के बिरोध म चेतउनी, जऊन मन परमेसर ला इनकार करथें

14 जम्मो मनखेमन संग सांति ले रहे के पूरा कोसिस करव अऊ पबितर बने बर घलो पूरा कोसिस करव, काबरकि बिगर पबितरता के, कोनो परभू ला नइं देख सकय। 15 एकर धियान रखव कि हर एक झन ला परमेसर के अनुग्रह मिलय अऊ ओमन म कोनो किसम के कड़वाहट झन पनपे, जऊन ह समस्या खड़े करथे अऊ बहुंते झन ला असुध करथे। 16 एकर घलो धियान रखव कि कोनो छिनारी झन करय या एसाव के सहीं भक्तिहीन झन होवय, जऊन ह एक बखत के भोजन खातिर अपन पहिलांत के अधिकार ला बेंच दीस। 17 जइसने कि तुमन जानत हव, बाद म, जब ओह ए आसिस ला पाय चाहिस, त ओला नइं मिलिस। हालाकि ओह रो-रोके ओ आसिस ला पाय के कोसिस करिस, पर ओकर करा अपन ददा के मन ला बदले के अऊ कोनो आने उपाय नइं रिहिस।

18 तुमन अब तक ओ जगह म नइं आय हवव अऊ अनुभव नइं करे हवव जइसने इसरायलीमन सीनै पहाड़ म अनुभव करे रिहिन, जिहां आगी बरत रिहिस; अंधियार, धुंधलापन अऊ आंधी-तूफान रिहिस; 19 अऊ जिहां तुरही के अवाज अऊ एक झन के अइसने गोठियाय के अवाज आवत रिहिस, जऊन ला सुनके मनखेमन बिनती करे लगिन कि ओमन ले अऊ कोनो बात झन कहे जावय 20 काबरकि ओमन ओ हुकूम ले घबरा गीन, जेम ए कहे गे रिहिस, “अऊ त अऊ कहूं कोनो पसु घलो पहाड़ ला छुवय, त ओला पत्थरवाह करके मार डारे जावय।”[d] 21 ओ दरसन ह अइसने भयानक रिहिस कि मूसा ह कहिस, “मेंह डर के मारे कांपत हवंव।”

22 पर तुमन सियोन पहाड़, जीयत परमेसर के सहर, स्वरगीय यरूसलेम करा आ गे हवव। तुमन हजारों-हजार स्वरगदूतमन के संग आनंद के सभा, 23 अऊ पहिलांतमन के कलीसिया म आय हवव, जेमन के नांव स्‍वरग म लिखे गे हवय। तुमन परमेसर करा आय हवव, जऊन ह जम्मो मनखेमन के नियाय करथे, अऊ तुमन ओ धरमीमन के आतमामन करा आ गे हवव, जऊन मन सिद्ध बनाय गे हवंय। 24 तुमन यीसू करा आ गे हवव, जऊन ह एक नवां करार के मध्यस्‍थ ए अऊ तुमन ओ छिड़काय लहू करा आ गे हवव, जऊन ह हाबिल के लहू ले घलो अऊ उत्तम बात कहिथे।

25 ए बात ला धियान देवव कि जऊन ह गोठियाथे, ओकर बात ला सुनव। काबरकि ओ मनखेमन बच नइं सकिन, जऊन मन ओकर बात ला नइं सुनिन, जऊन ह धरती म ओमन ला चेतउनी देवत रिहिस, त फेर हमन कइसने बच सकबो, कहूं हमन ओकर बात ला नइं सुनन, जऊन ह हमन ला स्‍वरग ले चेतउनी देथे? 26 ओ समय ओकर अवाज ह धरती ला कंपा दीस, पर अब ओह ए वायदा करे हवय, “एक बार फेर, मेंह सिरिप धरती ला ही नइं, पर अकासमन ला घलो हलाहूं।”[e] 27 ए सबद “एक बार फेर” ए बात ला बताथे कि जऊन चीजमन हलाय जा सकथें, ओमन ला हटाय जाही, काबरकि एमन सिरजे गय चीज अंय, ताकि जऊन चीजमन हलाय नइं जा सकंय, ओमन अटल बने रहंय।

28 एकरसेति, जब हमन ला एक अइसने राज मिलत हवय, जऊन ला हलाय नइं जा सकय; त आवव, हमन धनबाद देवन, अऊ आदर अऊ भय के संग परमेसर के अइसने अराधना करन, जेकर ले ओह खुस होवय, 29 काबरकि हमर परमेसर ह एक भसम करइया आगी अय।

आखिरी प्रोत्‍साहन

13 भाईमन सहीं एक-दूसर ले मया करते रहव। अनजान मनखेमन के आव-भगत करे बर झन भूलव, काबरकि अइसने करे के दुवारा कुछू मनखेमन अनजाने म स्वरगदूतमन के आव-भगत करे हवंय। जऊन मन जेल म हवंय, ओमन के खियाल रखव, ए सोचके कि मानो तुमन घलो ओमन संग कैद म हवव, अऊ जऊन मन के संग गलत बरताव करे जाथे, ओमन के घलो खियाल रखव, ए सोचके कि मानो तुमन खुद दुःख उठावत हवव।

बिहाव ह जम्मो मनखे म आदर के बात समझे जावय। घरवाला अऊ घरवाली एक-दूसर के छोंड़ अऊ काकरो संग गलत संबंध झन रखंय, काबरकि परमेसर ह ओ जम्मो झन के नियाय करही, जऊन मन बेभिचारी अंय अऊ आने के संग गलत संबंध रखथें। तुमन अपन-आप ला रूपिया-पईसा के मोह-मया ले दूर रखव अऊ जऊन कुछू तुम्‍हर करा हवय, ओम संतोस रहव, काबरकि परमेसर ह कहे हवय,

“मेंह तोला कभू नइं छोड़ंव;
    मेंह तोला कभू नइं तियागंव।”[f]

एकरसेति हमन बेधड़क कहिथन,

“परभू ह मोर सहायक ए; मेंह नइं डरंव।
    मनखे ह मोर का कर सकथे?”[g]

अपन ओ अगुवामन के खियाल रखव, जऊन मन तुमन ला परमेसर के बचन सुनाईन। ओमन के जिनगी के जम्मो बने बात के बारे म सोचव अऊ ओमन के बिसवास के नकल करव। यीसू मसीह ह कल, आज अऊ सदाकाल बर उसनेच ए।

नाना किसम के अनजान उपदेस के दुवारा धोखा झन खावव। एह बने अय कि हमर हिरदय ह परमेसर के अनुग्रह ले मजबूत होवय, न कि ओ रीति-रिवाज के भोजन ले, जऊन ला खाय ले कोनो फायदा नइं होवय। 10 हमर एक बेदी हवय, जिहां ले पुरोहितमन तम्‍बू म सेवा करथें, पर ओमन ला बेदी म चघाय चीज ला खाय के अधिकार नइं ए।

11 महा पुरोहित ह पसुमन के लहू ला पाप बलि के रूप म परम पबितर जगह म ले जाथे, पर ओमन के देहें ह पड़ाव के बाहिर म जलाय जाथे। 12 एकर खातिर, यीसू घलो सहर के कपाट के बाहिर दुःख भोगिस, ताकि ओह अपन खुद के लहू ले अपन मनखेमन ला पबितर करय। 13 त आवव, हमन पड़ाव के बाहिर ओकर करा चलन अऊ ओ कलंक म भागी होवन जऊन ला ओह सहिस। 14 काबरकि इहां, हमर कोनो स्‍थायी सहर नइं ए, पर हमन ओ सहर के बाट जोहथन, जऊन ह अवइया हवय।

15 एकरसेति आवव, हमन यीसू के जरिये परमेसर ला लगातार इस्तुति के बलिदान चघावन अऊ ए बलिदान ह हमर मुहूं के ओ बचन ए, जऊन ह ओकर नांव ला मानथे। 16 अऊ भलई करे बर अऊ आने मन के मदद करे बर झन भूलव, काबरकि अइसने बलिदान परमेसर ला भाथे।

17 अपन अगुवामन के बात मानव अऊ ओमन के अधीन म रहव। ओमन तुम्‍हर खियाल ओ मनखेमन सहीं रखथें, जऊन मन ला अपन काम के लेखा देना जरूरी ए। ओमन के बात मानव, ताकि ओमन के काम ह एक बोझा सही नइं, पर एक आनंद के बात होवय, नइं तो ओह तुम्‍हर कुछू फायदा के नइं होही।

18 हमर बर पराथना करव। हमन ला भरोसा हवय कि हमर बिवेक ह साफ हवय अऊ हमन हर किसम ले, सही काम ला करे चाहथन। 19 मेंह तुमन ले खास करके बिनती करत हवंव कि तुमन पराथना करव, ताकि मेंह तुम्‍हर करा जल्दी वापिस आ सकंव।

20 सदाकाल के करार के लहू के जरिये, सांति के परमेसर ह हमर परभू यीसू ला मरे म ले जियाईस, जऊन ह भेड़मन के महान चरवाहा ए। 21 सांति के ओ परमेसर ह तुम्‍हर जिनगी ला जम्मो बने चीजमन ले भर देवय, ताकि तुमन ओकर ईछा ला पूरा करव अऊ जऊन बात ओला बने लगथे, ओह ओ बात ला यीसू मसीह के जरिये हमर जिनगी म पूरा करय। यीसू मसीह के महिमा सदाकाल तक होवत रहय। आमीन।

22 हे भाईमन हो, मेंह तुम्‍हर ले बिनती करत हंव कि उत्साह के मोर ए बचन ला धीर धरके सुनव, काबरकि ए चिट्ठी म मेंह जादा नइं लिखे हवंव।

23 मेंह तुमन ला बताय चाहथंव कि हमर भाई तीमुथियुस ह जेल ले छूट गे हवय। यदि ओह इहां जल्दी आथे, त मेंह ओकर संग तुम्‍हर ले भेंट-घाट करे बर आहूं।

24 अपन जम्मो अगुवा अऊ परमेसर के जम्मो मनखेमन ला हमर जोहार कहव। इटली देस के मनखेमन तुमन ला जोहार कहथें।

25 तुमन जम्मो झन ऊपर परमेसर के अनुग्रह होवत रहय।

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