Chronological
मलकिसिदक पुरोहित
7 ए मलकिसिदक सालेम के राजा अऊ परम परधान परमेसर के एक पुरोहित रिहिस। जब अब्राहम ह राजामन ला हराके लहुंटत रिहिस, त ओह अब्राहम ले भेंट करिस अऊ ओला आसिस दीस; 2 अऊ अब्राहम ह ओला हर एक चीज के दसवां भाग दीस। मलकिसिदक नांव के पहिली मतलब होथे – “धरमीपन के राजा” तब ए नांव के मतलब “सालेम के राजा” याने कि “सांति के राजा” घलो होथे। 3 मलकिसिदक के दाई या ददा या ओकर पुरखा के कोनो पता नइं ए। ओकर जनम अऊ ओकर मिरतू के घलो कोनो लेखा नइं ए। ओह परमेसर के बेटा के सहीं सदाकाल बर एक पुरोहित अय।
4 तुमन सोचव कि ओह कतेक महान रिहिस; अऊ त अऊ कुल के मुखिया अब्राहम ह ओला लड़ई म लूटे गय माल के दसवां भाग दीस। 5 लेवी के बंस म ले जऊन मन पुरोहित बनथें, ओमन ला मूसा के कानून ह हुकूम देथे कि ओमन मनखेमन ले दसवां भाग जमा करंय, अऊ ए मनखेमन ओमन के भाई अंय, हालाकि ए भाईमन घलो अब्राहम के बंस अंय। 6 पर मलकिसिदक ह लेवी के बंस के नइं रिहिस, तभो ले ओह अब्राहम ले दसवां भाग लीस अऊ ओला आसिस दीस, जेकर करा परमेसर के परतिगियां रिहिस। 7 अऊ ए बात म कोनो संदेह नइं ए कि छोटे मनखे ह बड़े मनखे ले आसिस पाथे। 8 पुरोहितमन के मामला म, दसवां भाग ओ मनखेमन के दुवारा लिये जाथे, जऊन मन मर जाथें, पर मलकिसिदक के मामला म, दसवां भाग ओकर दुवारा लिये गीस, जेकर बारे म ए गवाही दे गे हवय कि ओह जीयथे। 9 त हमन ए कह सकथन कि लेवी जऊन ह दसवां भाग लेथे, ओह अब्राहम के जरिये दसवां भाग दीस। 10 काबरकि जब मलकिसिदक ह अब्राहम ले मिलिस, त लेवी ह अपन पुरखा अब्राहम के सरीर म, ओ समय रिहिस।
यीसू ह मलकिसिदक के सहीं
11 यदि लेवीमन के पुरोहित पद के जरिये सिद्धता मिलतिस (काबरकि एकरे आधार म, मनखेमन ला मूसा के कानून ह दिये गीस), त फेर एकर का जरूरत रिहिस कि एक आने पुरोहित ह हारून के जाति म ले नइं, पर मलकिसिदक के जाति म ले आवय? 12 काबरकि जब पुरोहित पद ह बदले जाथे, तब मूसा के कानून घलो बदलना जरूरी ए। 13 हमर परभू जेकर बारे म ए जम्मो बात कहे जाथे, ओह एक आने गोत्र के अय अऊ ओ गोत्र म ले, कोनो अभी तक बेदी म पुरोहित के रूप म सेवा नइं करे हवंय। 14 काबरकि ए बात ह साफ ए कि हमर परभू ह यहूदा के गोत्र म ले आईस अऊ ए गोत्र के बिसय म मूसा ह पुरोहित पद के कुछू चरचा नइं करे हवय। 15 अऊ जऊन बात हमन कहे हवन, ओह अऊ साफ हवय कि मलकिसिदक के सहीं एक आने पुरोहित परगट होईस, 16 जऊन ह अपन पुरखामन के नियम के आधार म पुरोहित नइं बनिस, पर ओह अमर जिनगी के सामरथ के आधार म पुरोहित बनिस। 17 काबरकि ओकर बारे म ए कहे गे हवय:
“तेंह मलकिसिदक के सहीं सदाकाल बर एक पुरोहित अस।”[a]
18 पहिली के नियम ला अलग कर दिये गीस, काबरकि एह कमजोर अऊ बेकार रिहिस। 19 (काबरकि मूसा के कानून ह कोनो भी चीज ला सिद्ध नइं बनाईस), अऊ अब एक उत्तम आसा दिये गे हवय, जेकर दुवारा हमन परमेसर के लकठा म जाथन।
20 अऊ एह बिना कसम (किरिया) के नइं रिहिस। आने मन बिगर कोनो कसम के पुरोहित बनिन, 21 पर ओह (यीसू) एक कसम के संग पुरोहित बनिस, जब परमेसर ह ओला कहिस:
“परभू ह कसम खाईस
अऊ ओह अपन मन ला नइं बदलय,
तेंह सदाकाल बर एक पुरोहित अस।”[b]
22 ए कसम के कारन, यीसू ह अऊ बने करार के जमानतदार हो गीस।
23 पहिली बहुंत पुरोहितमन रिहिन, पर ओमन अपन काम पूरा नइं कर सकिन काबरकि ओमन मर गीन; 24 पर यीसू ह सदाकाल बर जीयथे; ओकर पुरोहित पद ह सदाकाल बर ए। 25 एकरसेति, ओह ओमन के पूरा-पूरी उद्धार कर सकथे, जऊन मन ओकर जरिये परमेसर करा आथें, काबरकि ओह ओमन खातिर बिनती करे बर हमेसा जीयत हवय।
26 अइसने महा पुरोहित ह हमर जरूरत ला पूरा करथे, जऊन ह पबितर, निरदोस अऊ सुध ए। ओह पापीमन ले अलग करे गे हवय अऊ स्वरगमन ले ऊंचा उठाय गे हवय। 27 आने महा पुरोहितमन सहीं, ओला दिन प्रतिदिन पहिली अपन खुद के पाप खातिर अऊ तब मनखेमन के पाप खातिर बलि चघाय के जरूरत नइं ए। ओह अपन-आप ला ओमन के पाप बर बलि चघाके, ए काम ला सदाकाल खातिर एकेच बार म पूरा कर दीस। 28 काबरकि मूसा के कानून ह ओ मनखेमन ला महा पुरोहित के रूप म ठहिराथे, जऊन मन सिद्ध नो हंय; पर परमेसर के कसम, जऊन ह मूसा के कानून के बाद आईस, ओ बेटा ला ठहिराईस, जऊन ह सदाकाल के खातिर सिद्ध बनाय गे हवय।
नवां करार के महा पुरोहित
8 हमर कहे के सार बात ए अय: हमर करा एक अइसने महा पुरोहित हवय, जऊन ह स्वरग म महामहिम परमेसर के सिंघासन के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस, 2 अऊ ओह ओ पबितर जगह म सेवा करथे, जऊन ह अराधना के सही तम्बू ए अऊ एह मनखे के दुवारा नइं, पर परभू के दुवारा खड़े करे गे हवय।
3 हर एक महा पुरोहित ह भेंट अऊ बलिदान चघाय बर ठहिराय जाथे, एकरसेति ए महा पुरोहित बर घलो जरूरी रिहिस कि ओकर करा चघाय बर कुछू रहय। 4 यदि ओह धरती म होतिस, त ओह एक पुरोहित नइं होतिस, काबरकि मूसा के कानून के मुताबिक भेंट चघाय बर पुरोहितमन हवंय। 5 जऊन सेवा ओमन पुरोहित के रूप म पबितर जगह म करथें, ओह ओकर एक नकल अऊ छइहां ए, जऊन ह स्वरग म हवय। एकरसेति जब मूसा ह अराधना के तम्बू ला बनइया रिहिस, त ओला ए चेतउनी मिले रिहिस, “देख, तेंह हर एक चीज ओ नमूना के मुताबिक बना, जऊन ह तोला पहाड़ के ऊपर देखाय गे रिहिस।”[c] 6 पर जऊन सेवकई यीसू ला मिले हवय, ओह अऊ उत्तम अय, जइसने कि ओ करार जेकर मध्यस्थ यीसू अय, जुन्ना करार ले अऊ उत्तम अय, काबरकि एह अऊ उत्तम परतिगियां ऊपर अधारित हवय।
7 यदि पहिली करार म कुछू गलती नइं होतिस, त दूसर करार के जरूरत नइं होतिस। 8 पर परमेसर ह मनखेमन म गलती पाईस अऊ कहिस;
“परभू ह कहिथे, समय ह आवत हवय,
जब मेंह इसरायल के घराना संग
अऊ यहूदा के घराना संग
नवां करार करहूं।
9 एह ओ करार सहीं नइं होवय,
जऊन ला मेंह ओमन के पुरखामन संग करे रहेंव,
जब मेंह ओमन के हांथ धरके ओमन ला
मिसर देस ले निकार लानेंव,
काबरकि ओमन मोर करार के पालन नइं करिन,
एकर खातिर मेंह ओमन के खियाल नइं रखेंव,
परभू ह ए बात कहिथे।
10 परभू ह कहिथे, ओ समय के बाद,
मेंह इसरायल के घराना के संग ए करार करहूं –
मेंह अपन कानून ला ओमन के मन म डालहूं
अऊ ओमन ला ओमन के हिरदय म लिखहूं।
मेंह ओमन के परमेसर होहूं अऊ ओमन मोर मनखे होहीं।
11 कोनो अपन पड़ोसी ला, ए नइं सीखोही
या कोनो अपन भाई ले, ए नइं कहिही कि ‘परभू ला जानव,’
काबरकि छोटे ले लेके बड़े तक, ओमन जम्मो झन मोला जानहीं।
12 मेंह ओमन के पाप ला छेमा करहूं,
अऊ ओमन के पाप ला फेर कभू सुरता नइं करहूं।”[d]
13 ए करार ला “नवां करार” कहे के दुवारा, परमेसर ह पहिली के करार ला बिगर काम के ठहराईस; अऊ जऊन चीज ह बिगर काम के अऊ जुन्ना हो जाथे, ओह जल्दी लोप हो जाही।
धरती के तम्बू म अराधना
9 पहिली करार म, अराधना के नियम रिहिस अऊ अराधना के एक पबितर जगह घलो रिहिस, जऊन ह ए धरती म रिहिस। 2 एक तम्बू बनाय गीस। एकर पहिली कमरा म दीया, मेज अऊ परमेसर ला चघाय गे रोटी रहय; एला पबितर जगह कहे जावय। 3 दूसरा परदा के पाछू एक ठन कमरा रहय, जऊन ला परम पबितर जगह कहे जावय, 4 ओम धूप जलाय बर सोना के बेदी अऊ सोना ले मढ़े गय करार के संदूक रहय। ए संदूक म मन्ना ले भरे सोना के कटोरा, हारून के लउठी, जऊन म पीका आ गे रहय अऊ पथरा के पटियामन रहंय अऊ ए पटियामन म दस हुकूम लिखाय रहय। 5 संदूक के ऊपर म महिमा के करुबमन (स्वरगदूतमन सहीं महिमामय जीव) रहंय, जेमन पछताप के जगह ला छइहां करे रहंय। पर हमन अभी ए जम्मो बातमन के चरचा नइं कर सकन।
6 ए किसम ले हर एक चीजमन ला रखे गे रिहिस। पुरोहितमन बाहिर के कमरा म जावंय अऊ अपन सेवा ला करंय। 7 पर सिरिप महा पुरोहित ह भीतर के कमरा म जावय अऊ ओ घलो साल म सिरिप एक बार खून लेके उहां जावय अऊ ओ खून ला, ओह खुद के अऊ मनखेमन के ओ पाप के खातिर परमेसर ला चघावय, जऊन ला ओमन बिगर जाने करे रहंय। 8 एकर दुवारा पबितर आतमा ह ए बतावत रिहिस कि जब तक पहिली तम्बू ह खड़े रिहिस, तब तक परम पबितर जगह के रसता ह नइं खोले गे रिहिस। 9 एह आज के समय बर एक नमूना ए, जऊन ह ए बताथे कि जऊन भेंट अऊ बलिदान मन चघाय जावत रिहिन, ओमन अराधना करइयामन के मन ला साफ नइं कर सकंय। 10 ओमन सिरिप खाय-पीये के चीज अऊ नाना किसम के सुध होय के रीति-रिवाज अंय। एमन बाहिरी नियम अंय, जऊन ह नवां हुकूम के आवत तक लागू रहिथे।
मसीह के लहू
11 जब मसीह ह बने चीजमन के महा पुरोहित के रूप म आईस, जऊन मन पहिली ले इहां हवंय, त ओह अऊ बड़े अऊ जादा सिद्ध तम्बू म ले होके गीस, जऊन ह मनखे के बनाय नो हय, याने कि ओ तम्बू ह ए संसार के नो हय। 12 ओह सबले पबितर जगह म बोकरा अऊ बछवा मन के लहू के संग नइं गीस, पर ओह उहां जम्मो के सेति एकेच बार अपन खुद के लहू के दूबारा गीस अऊ हमर बर सदाकाल के छुटकारा लानिस। 13 बोकरा अऊ बइला मन के लहू अऊ जरे बछवा के राख ला, ओमन के ऊपर छिंचे जाथे, जऊन मन रिवाज के मुताबिक असुध रहिथें। एह ओमन ला पबितर करथे अऊ ओमन बाहिरी रूप ले सुध हो जाथें। 14 तब मसीह, जऊन ह निरदोस रिहिस, सदाकाल के आतमा के जरिये अपन-आप ला परमेसर ला भेंट चघा दीस। ओकर लहू ह हमर बिवेक ला बेकार के काममन ले सुध करथे, ताकि हमन जीयत परमेसर के सेवा कर सकन।
15 एकरे खातिर मसीह ह एक नवां करार के मध्यस्थ ए, ताकि जऊन मन बलाय गे हवंय, ओमन ओ सदाकाल के वारिस बन जावंय, जेकर वायदा परमेसर ह करे हवय। अब मसीह अपन मिरतू के दुवारा एक छुड़ौती के कीमत दीस, ताकि ओह ओमन ला छोंड़ाय सकय, जऊन मन पहिली करार के समय पाप करे रिहिन।
16 जब कोनो वसीयत लिखथे अऊ मर जाथे, तब ओकर वारिस बर एह जरूरी ए कि ओह वसीयत करइया के मिरतू ला साबित करय। 17 काबरकि वसीयत ह तभे लागू होथे, जब वसीयत करइया ह मर जाथे। जब तक कि ओह जीयत हवय, तब तक वसीयत के कोनो मतलब नइं रहय। 18 एकरे कारन, पहिली करार ह लहू के दुवारा लागू करे गे रिहिस। 19 जब मूसा ह जम्मो मनखेमन ला कानून म बताय जम्मो हुकूम ला पढ़के सुना चुकिस, तब ओह पानी के संग बछवामन के लहू, लाल ऊन अऊ जूफा के डारा लीस अऊ ए चीजमन ला कानून के किताब अऊ जम्मो मनखेमन ऊपर छिंचिस, 20 अऊ ओह कहिस, “एह ओ करार के लहू ए, जऊन ला पालन करे के हुकूम, परमेसर ह तुमन ला देय हवय।”[e] 21 एहीच किसम ले, मूसा ह तम्बू अऊ अराधना के जम्मो चीज ऊपर लहू छिंचिस। 22 वास्तव म, मूसा के कानून के मुताबिक लगभग हर एक चीज लहू के दुवारा सुध करे जाथे अऊ बिगर लहू बोहाय पाप के छेमा नइं होवय।
मसीह के बलिदान ह पाप ला दूरिहा करथे
23 एह जरूरी रिहिस कि स्वरगीय चीजमन के नकल ह ए बलिदानमन के दुवारा सुध करे जावय, पर स्वरग के चीजमन खुद एकर ले अऊ बने बलिदान के दुवारा सुध करे जाथें। 24 काबरकि मसीह ह मनखे के बनाय ओ पबितर जगह म नइं गीस, जऊन ह सही के पबितर जगह के नमूना रिहिस, पर ओह स्वरग म गीस कि अब हमर बर, ओह परमेसर के आघू म परगट होवय। 25 मसीह ह स्वरग म अपन-आप ला बार-बार भेंट चघाय बर नइं गीस, जइसने महा पुरोहित ह हर साल परम पबितर जगह म आने के लहू लेके जाथे, 26 नइं तो जब ले संसार ह रचे गे हवय, तब ले अब तक, मसीह ला कतको बार दुःख उठाना पड़तिस। पर अब ओह ए जुग के आखिरी म, जम्मो के सेति एकेच बार परगट होईस, ताकि अपन खुद के बलिदान के दुवारा पाप ला दूर करय। 27 जइसने मनखे के एक बार मरई अऊ ओकर बाद ओकर नियाय होवई तय हवय, 28 ओहीच किसम ले, मसीह घलो अपन-आप ला एक बार बलिदान कर दीस कि ओह बहुंते मनखे के पाप ला दूर करय। अऊ ओह दूसर बार परगट होही, पर पाप के भार उठाय बर नइं, पर ओमन के उद्धार करे बर, जऊन मन ओकर बाट जोहत हवंय।
मसीह के बलिदान जम्मो के सेति एकेच बार
10 मूसा के कानून ह अवइया बने चीजमन के सिरिप एक छइहां ए। एमन अपन-आप म सही के चीज नो हंय। कानून के मुताबिक, एकेच किसम के बलिदान नियमित रूप ले हर साल चघाय जाथे, अऊ एह ओमन ला कभू सिद्ध नइं कर सकय, जऊन मन अराधना करे बर आथें। 2 यदि ए बलिदानमन के दुवारा मनखेमन सिद्ध हो जातिन, त ओमन के बलिदान चघई बंद हो जातिस। काबरकि अराधना करइयामन जम्मो के सेति एकेच बार म सुध हो जातिन अऊ ओमन अपन पाप के दोसी नइं होतिन। 3 पर ओ बलिदानमन हर साल ओमन के पाप के सुरता कराथें। 4 काबरकि बइला अऊ बोकरा मन के लहू ह पाप ला कभू दूरिहा नइं कर सकय।
5 एकरसेति, जब मसीह ह संसार म आईस त ओह कहिस:
“बलिदान अऊ भेंट तेंह नइं चाहय,
पर तेंह एक ठन देहें, मोर बर तियार करय।
6 तेंह होम-बलि अऊ पाप-बलि चघाय ले
खुस नइं होवय।
7 तब मेंह कहेंव, ‘मेंह इहां हंव – जइसने पबितर बचन म मोर बारे म लिखे हवय –
हे परमेसर, मेंह तोर ईछा ला पूरा करे बर आय हवंव।’ ”
8 पहिली मसीह ह कहिस, “न तो तेंह बलिदान अऊ भेंट, होम-बलि अऊ पाप-बलि ला चाहय, अऊ न ही ओमन ले खुस होवय” (हालाकि ए जम्मो बलिदान, मूसा के कानून के मुताबिक चघाय जाथे)। 9 तब ओह कहिस, “मेंह इहां हंव, मेंह तोर ईछा ला पूरा करे बर आय हवंव।” ओह पहिली के बात ला छोंड़ देथे ताकि दूसर बात ला स्थापित करय। 10 अऊ ओहीच ईछा के दुवारा हमन यीसू मसीह के देहें के बलिदान के जरिये पबितर करे गे हवन अऊ ए बलिदान ह जम्मो के सेति एकेच बार करे गीस।
11 हर एक पुरोहित ह दिन प्रतिदिन ठाढ़ होके अपन धारमिक सेवा ला करथे। ओह बार-बार ओहीच बलिदान ला चघाथे, जऊन ह पाप ला कभू दूरिहा नइं कर सकय। 12 पर मसीह ह पाप के खातिर एकेच बलिदान सदाकाल के सेति चघाईस अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ अंग जा बईठिस। 13 ओहीच बेरा ले, ओह इंतजार करथे कि परमेसर ह ओकर बईरीमन ला ओकर गोड़ रखे के चौकी बना देवय, 14 काबरकि एकेच बलिदान के दुवारा, ओह ओमन ला सदाकाल बर सिद्ध कर दे हवय, जऊन मन पाप ले पबितर करे गे हवंय।
15 पबितर आतमा घलो हमन ला एकर बारे म गवाही देथे। पहिली ओह कहिथे:
16 “परभू ह कहिथे
कि जऊन करार मेंह ओ समय के बाद ओमन ले करहूं,
ओह ए अय – मेंह अपन कानून ला ओमन के हिरदय म धरहूं
अऊ मेंह ओमन ला ओमन के मन म लिखहूं।”[f]
17 तब ओह ए घलो कहिथे:
“ओमन के पाप अऊ अधरम के काम ला
मेंह फेर कभू सुरता नइं करहूं।”[g]
18 अऊ जब एकर छेमा हो गे हवय, त फेर पाप खातिर अऊ कोनो बलिदान के जरूरत नइं ए।
बिसवास म बने रहव
19 हे भाईमन हो, जब हमन ला भरोसा हवय कि यीसू के लहू के दुवारा हमन परम पबितर जगह म जाबो, 20 ओह हमर बर एक नवां अऊ जीयत रसता खोलिस, जऊन ह ओ परदा म ले होके जाथे, जऊन ह ओकर देहें अय[h], 21 अऊ जब हमर करा एक बड़े पुरोहित हवय, जेकर ऊपर परमेसर के घर के जिम्मा हवय, 22 त आवव, हमन परमेसर के लकठा म साफ हिरदय अऊ पूरा बिसवास के संग जावन। एक अइसने हिरदय, जऊन म पाप भावना नइं ए अऊ अइसने देहें, जऊन ह सुध पानी म धोय गे हवय। 23 आवव, हमन ओ आसा ला मजबूती ले धरे रहन, जऊन ला हमन स्वीकार करथन, काबरकि जऊन ह वायदा करे हवय, ओह बिसवास लइक अय। 24 अऊ आवव, हमन ए बिचार करन कि कइसने हमन एक-दूसर ला मया म अऊ बने काम म उत्साहित कर सकथन। 25 आवव, हमन एक-दूसर के संग मिले बर नइं छोड़न, जइसने कि कुछू झन के ए आदत बन गे हवय, पर आवव, हमन एक-दूसर ला अऊ जादा उत्साहित करन, जइसने कि तुमन देखत हवव कि परभू के दिन ह लकठा आवत हवय।
26 सत के गियान ला पाय के बाद, कहूं हमन जान-बूझ के पाप करते रहिथन, त फेर कोनो घलो बलिदान हमर पाप ला दूरिहा नइं कर सकय, 27 पर सिरिप नियाय के एक भयानक बाट जोहई अऊ भयंकर आगी ह बांचही, जऊन ह परमेसर के बईरीमन ला जलाके भसम कर दिही। 28 जऊन कोनो मूसा के कानून ला नइं मानिस, ओह बिगर दया के दू या तीन मनखे के गवाही ले मारे गीस। 29 त तुमन सोचव कि ओ मनखे ह कतेक कठोर सजा के भागी ए, जऊन ह परमेसर के बेटा के इनकार करे हवय अऊ करार के ओ लहू ला तुछ जाने हवय, जेकर दुवारा ओह पबितर करे गे रिहिस, अऊ अनुग्रह के आतमा के बेजत्ती करे हवय। 30 काबरकि हमन ओला जानथन, जऊन ह ए कहिस, “बदला लेवई मोर काम ए; मेंह बदला लूहूं”[i] अऊ ओह फेर ए कहिस, “परभू ह अपन मनखेमन के नियाय करही।”[j] 31 जीयत परमेसर के हांथ म पड़ई बहुंत भयानक बात ए।
32 सुरू के ओ दिनमन ला सुरता करव, परमेसर के अंजोर ला पाय के बाद, जब तुमन कतको दुःख सहत घलो स्थिर रहेव। 33 कभू तुम्हर खुले आम बेजत्ती करे गीस अऊ तुमन ला सताय गीस, त कभू तुमन हर किसम ले ओमन के मदद करेव, जऊन मन के संग ए किसम के गलत बरताव करे जावत रिहिस। 34 तुमन कैदीमन बर सहानुभूति रखेव अऊ जब तुम्हर धन-संपत्ति ला लूटे गीस, त तुमन एला आनंद के संग स्वीकार करेव, काबरकि तुमन जानत रहेव कि तुम्हर करा एकर ले घलो उत्तम अऊ सदा बने रहइया संपत्ति हवय।
35 एकरसेति अपन भरोसा ला झन छोड़व, काबरकि तुमन ला एकर एक बड़े इनाम मिलही। 36 तुमन ला धीरज धरई जरूरी ए, ताकि जब तुमन परमेसर के ईछा ला पूरा कर लेवव, त तुमन ला ओ इनाम मिलय, जेकर वायदा परमेसर ह तुम्हर ले करे हवय। 37 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे,
“अब बहुंते कम समय बचे हवय;
जऊन ह अवइया हवय,
ओह आही अऊ ओह देरी नइं करय।[k]
38 पर मोर धरमी जन ह बिसवास के दुवारा जीयत रहिही।
अऊ कहूं ओह पाछू हटथे,
त मेंह ओकर ले खुस नइं होवंव।”
39 पर हमन ओ मनखे नो हन, जऊन मन पाछू हट जाथें अऊ नास हो जाथें, पर हमन ओ मनखे अन, जऊन मन बिसवास करथें अऊ बचाय जाथें।
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