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Chronological

Read the Bible in the chronological order in which its stories and events occurred.
Duration: 365 days
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
Version
यूहन्ना 14-17

यीसू ह अपन चेलामन ला ढाढ़स बंधाथे

14 यीसू ह कहिस, “तुम्‍हर हिरदय बियाकुल झन होवय। परमेसर ऊपर बिसवास करव अऊ मोर ऊपर घलो बिसवास करव। मोर ददा के घर म बहुंत जगह हवय; यदि नइं होतिस, त मेंह तुमन ला बता देतेंव। मेंह उहां तुम्‍हर बर जगह तियार करे बर जावत हंव। अऊ जब मेंह जाके तुम्‍हर बर जगह तियार कर लूहूं, त मेंह फेर आहूं अऊ तुमन ला मोर इहां ले जाहूं ताकि जिहां में रहंव उहां तुमन घलो रहव। जिहां मेंह जावत हंव, तुमन ओ जगह के रसता ला जानत हव।”

यीसू ह ददा करा जाय के रसता अय

थोमा ह यीसू ला कहिस, “हे परभू, हमन नइं जानन कि तेंह कहां जावत हस, त फेर हमन रसता ला कइसने जानबो?”

यीसू ह ओला जबाब दीस, “रसता, सत अऊ जिनगी मेंहीच अंव। मोर बिगर कोनो ददा करा नइं आ सकय[a] यदि तुमन मोला जाने होतेव, त मोर ददा ला घलो जानतेव। फेर अब ले तुमन ओला जानत हव अऊ ओला देखे घलो हवव।”

फिलिप्पुस ह ओला कहिस, “हे परभू, हमन ला ददा के दरसन करा दे। हमर बर अतका ह बहुंत होही।”

यीसू ह जबाब दीस, “हे फिलिप्पुस, मेंह अतेक दिन ले तुम्‍हर संग म हवंव अऊ तभो ले का तेंह मोला नइं जानस? जऊन ह मोला देखिस, ओह ददा ला घलो देख डारिस। फेर तेंह कइसने कह सकथस कि हमन ला ददा के दरसन करा दे। 10 का तेंह बिसवास नइं करस कि मेंह ददा म हवंव अऊ ददा ह मोर म हवय? जऊन बचन मेंह तुमन ला कहिथंव, ओह मोर अपन कोति ले नो हय। पर ददा जऊन ह मोर म रहिथे; ओह अपन काम करत हवय। 11 मोर बिसवास करव कि मेंह ददा म हवंव अऊ ददा ह मोर म हवय। या फेर मोर चमतकार के काममन के सेति मोर बिसवास करव। 12 मेंह तुमन ला सच कहथंव कि जऊन ह मोर ऊपर बिसवास करथे, ओह ओ काममन ला करही, जऊन ला मेंह करत हवंव। अऊ त अऊ ओह एमन ले घलो बड़े काम करही, काबरकि मेंह ददा करा जावत हंव। 13 जऊन कुछू तुमन मोर नांव म मांगहू, ओला मेंह पूरा करहूं ताकि बेटा के दुवारा ददा के महिमा होवय। 14 यदि तुमन मोर नांव म मोर ले कुछू मांगहू, त मेंह ओला पूरा करहूं। 15 यदि तुमन मोर ले मया करथव, त मोर हुकूममन ला मानहू।”

यीसू ह पबितर आतमा ला पठोय के वायदा करथे

16 “मेंह ददा ले पराथना करहूं, अऊ ओह तुमन ला एक आने मददगार दिही, 17 जऊन ला सत के आतमा कहे जाथे। ओह हमेसा तुम्‍हर संग रहिही। संसार ह ए मददगार ला गरहन नइं कर सकय, काबरकि संसार ह न तो ओला देखे हवय अऊ न ही ओला जानय। पर तुमन ओला जानथव, काबरकि ओह तुम्‍हर संग रहिथे अऊ तुमन म रहिही। 18 मेंह तुमन ला अनाथ नइं छोड़ंव; मेंह तुम्‍हर करा आहूं। 19 थोरकन देर अऊ हवय, तब संसार ह मोला फेर नइं देखही, पर तुमन मोला देखहू। काबरकि मेंह जीयत हंव; तुमन घलो जीयत रहिहू। 20 ओ दिन तुमन जानहू कि मेंह अपन ददा म हवंव, अऊ तुमन मोर म हवव, अऊ मेंह तुमन म हवंव। 21 जेकर करा मोर हुकूम हवय, अऊ ओह ओमन ला मानथे, ओहीच ह मोर ले मया करथे। अऊ जऊन ह मोर ले मया करथे, ओकर ले मोर ददा ह मया करही, अऊ मेंह घलो ओकर ले मया करहूं अऊ ओला अपन दरसन दूहूं।”

22 तब यहूदा (जऊन ह यहूदा इस्करियोती नइं रिहिस) यीसू ला कहिस, “हे परभू, का बात ए कि तेंह हमन ला अपन दरसन देबे, पर संसार के मनखेमन ला नइं।”

23 यीसू ह ओला जबाब दीस, “यदि कोनो मनखे ह मोर ले मया करथे, त ओह मोर बचन ला मानही। अऊ मोर ददा ह ओकर ले मया करही, अऊ हमन ओकर करा आबो अऊ ओकर संग रहिबो। 24 जऊन ह मोला मया नइं करय, ओह मोर बचन ला नइं मानय। ए बचन जऊन ला तुमन सुनत हव, एमन मोर नो हंय; एमन ददा के अंय, जऊन ह मोला पठोय हवय।

25 तुम्‍हर संग रहत मेंह तुमन ला ए बात कहे हवंव। 26 पर मददगार याने पबितर आतमा जऊन ला ददा ह मोर नांव म पठोही, ओह तुमन ला जम्मो बात सिखाही अऊ ओ हर एक बात तुमन ला सुरता कराही, जऊन ला मेंह तुमन ला कहे हवंव। 27 मेंह अपन सांति तुम्‍हर संग छोंड़त हवंव; अपन सांति मेंह तुमन ला देवत हंव। मेंह तुमन ला वइसने नइं देवंव जइसने संसार ह देथे। तुम्‍हर हिरदय बियाकुल झन होवय अऊ झन डरव।

28 तुमन मोला ए कहत सुने हवव, ‘मेंह जावत हंव अऊ मेंह तुम्‍हर करा फेर आहूं।’ यदि तुमन मोर ले मया करतेव, त तुमन खुस होतेव कि मेंह ददा करा जावत हंव, काबरकि ददा ह मोर ले महान ए। 29 ए बात होय के पहिली मेंह तुमन ला बता दे हवंव, ताकि जब ए बात होवय, त तुमन बिसवास करव। 30 मेंह तुम्‍हर संग अऊ जादा देर तक नइं गोठियावंव, काबरकि ए संसार के राजकुमार ह आवत हवय। ओकर मोर ऊपर कोनो अधिकार नइं ए।

31 पर जइसने ददा ह मोला हुकूम दे हवय, वइसने मेंह करथंव, ताकि संसार ह ए जान लेवय कि मेंह ददा ले मया करथंव। आवव, इहां ले चली।”

अंगूर के नार अऊ डंगालीमन

15 “सही अंगूर के नार मेंह अंव अऊ मोर ददा ह किसान ए। ओ डंगाल जऊन ह मोर म हवय अऊ नइं फरय, ओह ओला काट डारथे; अऊ ओ डंगाल जऊन ह फरथे, ओला ओह छांटथे, ताकि ओह अऊ फरय। जऊन बचन मेंह तुमन ला कहे हवंव, ओकर कारन तुमन पहिली ले सुध हो गे हवव। तुमन मोर म बने रहव अऊ मेंह तुमन म बने रहिहूं। जइसने डंगाल ह यदि अंगूर के नार म बने नइं रहय, त ओ डंगाल ह अपन-आप म नइं फर सकय, वइसने यदि तुमन मोर म बने नइं रहव, त तुमन घलो नइं फर सकव।

मेंह अंगूर के नार अंव अऊ तुमन डंगाल अव। जऊन मनखे ह मोर म बने रहिथे अऊ मेंह ओम, त ओह बहुंत फरथे, काबरकि मोर ले अलग होके तुमन कुछू नइं कर सकव। कहूं कोनो मनखे मोर म बने नइं रहय, त ओह ओ डंगाल सहीं अय, जऊन ला फटिक दिये जाथे अऊ ओह सूखा जाथे; अइसने डारामन ला मनखेमन संकेलथें अऊ आगी म झोंक के जरा देथें। यदि तुमन मोर म बने रहव अऊ मोर बचन ह तुमन म बने रहय, त जऊन कुछू तुमन चाहव अऊ मांगव; ओह तुमन ला दिये जाही। मोर ददा के महिमा इही म होथे कि तुमन ह बहुंत फर लानव अऊ अपन-आप ला देखा दव कि तुमन मोर चेला अव।

जइसने ददा ह मोला मया करिस, वइसने मेंह तुमन ले मया करे हवंव। अब तुमन मोर मया म बने रहव। 10 यदि तुमन मोर हुकूममन ला मानहू, त मोर मया म बने रहिहू; जइसने मेंह अपन ददा के हुकूममन ला माने हवंव अऊ ओकर मया म बने रहिथंव। 11 मेंह ए बात तुमन ला ए खातिर कहे हवंव, ताकि मोर आनंद ह तुमन म रहय अऊ तुम्‍हर आनंद ह पूरा हो जावय। 12 मोर हुकूम ए अय: जइसने मेंह तुमन ला मया करे हवंव, वइसनेच तुमन घलो एक-दूसर ले मया करव। 13 एकर ले बड़े मया अऊ काकरो नइं ए कि कोनो मनखे अपन संगवारीमन बर अपन परान देवय। 14 जऊन हुकूम मेंह देवत हंव, ओला यदि तुमन मानव, त तुमन मोर संगवारी अव। 15 अब ले मेंह तुमन ला सेवक नइं कहंव, काबरकि सेवक ह नइं जानय कि ओकर मालिक ह का करथे। पर मेंह तुमन ला संगवारी कहे हवंव काबरकि जऊन कुछू मेंह अपन ददा ले सुनेंव, ओ जम्मो बात तुमन ला बता दे हवंव। 16 तुमन मोला नइं चुनेव, पर मेंह तुमन ला चुने अऊ ठहराय हवंव कि तुमन जावव अऊ फरव – अइसने फर जऊन ह बने रहय। तब जऊन कुछू तुमन मोर नांव म ददा ले मांगहू, ओह तुमन ला दिही। 17 मोर हुकूम ए अय: एक-दूसर ले मया करव।”

संसार ह चेलामन ले घिन करथे

18 “यदि संसार ह तुम्‍हर ले घिन करथे, त ए बात ला जान लेवव कि एह तुम्‍हर ले पहिली मोर ले घिन करिस। 19 यदि तुमन संसार के होतेव, त संसार ह तुमन ला अपन समझके मया करतिस। पर तुमन संसार के नो हव, पर मेंह तुमन ला संसार म ले चुन ले हवंव। एकरसेति संसार ह तुम्‍हर ले घिन करथे। 20 जऊन बचन मेंह तुमन ला कहे हवंव, ओला सुरता रखव: ‘एक सेवक ह अपन मालिक ले बड़े नइं होवय।’[b] जब ओमन मोला सताईन, त तुमन ला घलो सताहीं। अऊ यदि ओमन मोर बचन ला मानिन, त तुम्‍हर बचन ला घलो मानहीं। 21 मोर नांव के सेति ओमन तुम्‍हर संग अइसने बरताव करहीं, काबरकि ओमन ओला नइं जानंय, जऊन ह मोला पठोय हवय। 22 कहूं मेंह नइं आतेंव अऊ ओमन ले नइं गोठियातेंव, त ओमन पाप के दोसीदार नइं होतिन, पर अब ओमन करा अपन पाप के कोनो बहाना नइं ए। 23 जऊन ह मोर ले घिन करथे, ओह मोर ददा ले घलो घिन करथे। 24 ओमन पाप के दोसीदार नइं होतिन, कहूं मेंह ओमन के आघू म ओ काममन ला नइं करे होतेंव, जऊन ला कोनो कभू नइं करिन। पर अब ओमन ए चमतकार के काममन ला देखके घलो मोर अऊ मोर ददा दूनों ले घिन करे हवंय। 25 एह एकरसेति होईस ताकि ओमन के कानून म लिखे ए बचन ह पूरा होवय: ‘ओमन मोर ले बिगर कोनो कारन के घिन करिन।’[c]

26 पर मददगार ह आही, जऊन ला मेंह ददा के इहां ले तुमन करा पठोहूं। ओह सत के आतमा ए, जऊन ह ददा म ले निकरथे। ओह मोर बारे म गवाही दिही। 27 अऊ तुमन ला घलो मोर बारे म गवाही देना जरूरी ए, काबरकि तुमन सुरू ले मोर संग रहे हवव।

16 मेंह तुमन ला ए जम्मो बात एकरसेति कहे हवंव कि तुम्‍हर बिसवास ह झन टूटय। ओमन तुमन ला सभा घर ले निकार दिहीं। अऊ ओ समय ह आवत हवय, जब तुम्‍हर हतिया करइया ह ए समझही कि ओह परमेसर के सेवा करत हवय। ओमन ए काममन ला एकरसेति करहीं काबरकि ओमन न तो ददा ला जानय अऊ न ही मोला। पर मेंह तुमन ला ए बात एकरसेति कहेंव ताकि जब ओ समय ह आवय, त तुमन ला सुरता रहय कि मेंह तुमन ला चेताय रहेंव। मेंह तुमन ला ए बात सुरू म एकरसेति नइं बताएंव काबरकि मेंह तुम्‍हर संग म रहेंव।”

पबितर आतमा के काम

“अब मेंह ओकर करा जावत हंव जऊन ह मोला पठोय हवय, पर तुमन ले कोनो नइं पुछत हव कि मेंह कहां जावत हंव। मेंह तुमन ला ए बात कहेंव, एकरसेति तुम्‍हर हिरदय ह दुःख ले भर गे हवय। पर मेंह तुमन ला सच कहथंव: एह तुम्‍हर बर बने ए कि मेंह जावथंव; काबरकि यदि मेंह नइं जावंव, त मददगार ह तुम्‍हर करा नइं आवय, पर यदि मेंह जाहूं, त मेंह ओला तुम्‍हर करा पठोहूं। अऊ जब ओह आही, त संसार के मनखेमन ला पाप अऊ धरमीपन अऊ नियाय के बारे म दोसी ठहराही[d] ओह पाप के बारे म दोसी ठहराही, काबरकि ओमन मोर ऊपर बिसवास नइं करंय। 10 ओह धरमीपन के बारे म दोसी ठहराही, काबरकि मेंह ददा करा जावत हंव अऊ तुमन मोला फेर नइं देखहू। 11 अऊ ओह नियाय के बारे म दोसी ठहराही, काबरकि ए संसार के राजकुमार (सैतान) ला पहिली ले दोसी ठहराय गे हवय।

12 तुमन ला कहे बर मोर करा बहुंत कुछू हवय, पर अभी तुमन ओ बातमन ला सहन नइं कर सकव। 13 पर जब ओ सत के आतमा ह आही, त ओह तुमन ला सत के जम्मो बात म अगुवई करही। ओह अपन तरफ से कुछू नइं कहिही; जऊन कुछू ओह सुनही, सिरिप ओहीच बात ला कहिही, अऊ ओह तुमन ला ओ बातमन ला बताही, जऊन ह अवइया हवय। 14 ओह मोर महिमा करही, काबरकि ओह मोर बातमन ला लिही अऊ ओला तुमन ला बताही। 15 जऊन कुछू ददा के अय, ओ जम्मो मोर अय। एकरसेति मेंह कहेंव कि आतमा ह मोर म ले लिही अऊ ओला तुमन ला बताही।

16 थोरकन देर बाद तुमन मोला नइं देखहू अऊ फेर थोरकन देर बाद तुमन मोला देखहू।”

चेलामन के दुःख ह आनंद म बदल जाही

17 यीसू के कुछू चेलामन एक-दूसर ले कहिन, “ओकर ए कहे के का मतलब ए – ‘थोरकन देर बाद तुमन मोला नइं देखहू अऊ फेर थोरकन देर बाद तुमन मोला देखहू;’ अऊ ‘काबरकि मेंह ददा करा जावत हंव।’ ” 18 चेलामन बार-बार पुछन लगिन, “ए थोरकन देर के का मतलब ए? हमन नइं समझत हवन कि ओह का कहत हवय।”

19 यीसू ह ए जानके कि ओमन ओकर ले पुछे चाहत हवंय, ओह ओमन ला कहिस, “का तुमन एक-दूसर ले पुछत हव कि मोर ए कहे के का मतलब ए – थोरकन देर बाद तुमन मोला नइं देखहू अऊ फेर थोरकन देर बाद तुमन मोला देखहू? 20 मेंह तुमन ला सच कहथंव, तुमन रोहू अऊ बिलाप करहू, जबकि संसार ह आनंद मनाही। तुमन ला दुःख होही, पर तुम्‍हर दुःख ह आनंद म बदल जाही। 21 जब एक माईलोगन ह लइका जनथे, त ओला पीरा होथे काबरकि ओकर बेरा ह आ गे हवय; पर जब ओला लइका हो जाथे, त आनंद के मारे कि एक लइका ह संसार म पैदा होईस, ओह पीरा ला भुला जाथे। 22 एही किसम ले, अभी तुमन ला दुःख होवथे, पर मेंह तुमन ला फेर देखहूं, अऊ तुमन आनंद मनाहू, अऊ तुम्‍हर आनंद ला कोनो नइं छीन सकही। 23 ओ दिन म तुमन मोर ले कुछू नइं पुछहू। मेंह तुमन ला सच-सच कहथंव, जऊन कुछू तुमन मोर नांव म मांगहू, ओ चीज ददा ह तुमन ला दिही। 24 अभी तक तुमन मोर नांव म कुछू नइं मांगे हवव। मांगव, त तुमन पाहू अऊ तुम्‍हर आनंद ह पूरा हो जाही।

25 मेंह तुमन ला ए बात पटं‍तर म कहे हवंव, पर ओ समय ह आवत हवय, जब मेंह तुम्‍हर ले पटं‍तर म नइं गोठियावंव, पर मेंह तुमन ला अपन ददा के बारे म साफ-साफ बताहूं। 26 ओ दिन तुमन मोर नांव म मांगहू, अऊ मेंह ए नइं कहथंव कि मेंह तुम्‍हर बर ददा ले बिनती करहूं। 27 ददा ह खुदे तुम्‍हर ले मया करथे, काबरकि तुमन मोर ले मया करे हवव अऊ बिसवास करे हवव कि मेंह परमेसर करा ले आय हवंव। 28 मेंह ददा म ले निकरके संसार म आय हवंव; अऊ अब मेंह संसार ला छोंड़के वापिस ददा करा जावत हंव।”

29 यीसू के चेलामन कहिन, “अब तेंह साफ-साफ बिगर पटं‍तर के गोठियावत हस। 30 अब हमन जान डारेन कि तेंह जम्मो बात ला जानथस अऊ एकर जरूरत नइं ए कि कोनो तोर ले सवाल पुछय। एकर दुवारा हमन बिसवास करथन कि तेंह परमेसर करा ले आय हवस।”

31 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “आखिर म तुमन बिसवास करेव। 32 पर देखव, ओ बेरा ह आवत हवय अऊ आ घलो गे हवय, जब तुमन तितिर-बितिर हो जाहू; हर एक झन अपन-अपन घर चल दिहीं। तुमन मोला एकदम अकेला छोंड़ दूहू। तभो ले मेंह अकेला नइं अंव, काबरकि मोर ददा ह मोर संग हवय।

33 मेंह तुमन ला ए बात एकरसेति कहेंव ताकि तुमन ला मोर म सांति मिलय। ए संसार म तुमन तकलीफ पाहू। पर हिम्मत रखव! मेंह संसार ऊपर जय पाय हवंव।”

यीसू ह अपन बर पराथना करथे

17 ए कहे के बाद, यीसू ह स्‍वरग कोति देखिस अऊ कहिस,

“हे ददा, बेरा ह आ गे हवय। अपन बेटा के महिमा कर कि तोर बेटा ह घलो तोर महिमा करय। तेंह ओला जम्मो मनखेमन ऊपर अधिकार दे हवस, ताकि जऊन मन ला तेंह ओला दे हवस, ओ जम्मो झन ला ओह तोर संग सदाकाल के जिनगी देवय। अऊ तोर संग सदाकाल के जिनगी ए अय कि ओमन सिरिप तोला एकेच सत परमेसर के रूप म जानय अऊ यीसू मसीह ला जानय, जऊन ला तेंह धरती म पठोय हवस। जऊन काम तेंह मोला करे बर दे रहय, ओला पूरा करके, मेंह धरती म तोर महिमा करे हवंव। अब, हे ददा, अपन आघू म मोर महिमा कर – ओ महिमा जऊन ह संसार ला बनाय के पहिली मोर, तोर संग रिहिस।”

यीसू ह अपन चेलामन बर पराथना करथे

“मेंह तोर नांव ला ओमन ऊपर परगट करे हवंव, जऊन मन ला तेंह मोला संसार म ले देय हवस। ओमन तोर रिहिन; तेंह ओमन ला मोला देय हवस अऊ ओमन तोर बचन ला माने हवंय। अब ओमन जानथें कि जऊन कुछू तेंह मोला देय हवस, ओ जम्मो चीज तोर करा ले आय हवय। काबरकि मेंह ओमन ला ओ बचन दे हवंव, जऊन ला तेंह मोला देय रहय, अऊ ओमन ओला गरहन करे हवंय। ओमन सही म जान गीन कि मेंह तोर करा ले आय हवंव अऊ ओमन बिसवास कर ले हवंय कि तेंह मोला पठोय हवस। मेंह ओमन बर पराथना करत हंव। मेंह संसार बर नइं, पर ओमन बर पराथना करत हंव, जऊन मन ला तेंह मोला देय हवस, काबरकि ओमन तोर अंय। 10 जऊन कुछू मोर करा हवय, ओ जम्मो ह तोर अय अऊ जऊन कुछू तोर करा हवय, ओ जम्मो ह मोर अय। अऊ एमन के दुवारा मोर महिमा होथे। 11 मेंह अब संसार म नइं रहंव, पर ओमन संसार म रहिहीं, अऊ मेंह तोर करा आवत हवंव। हे पबितर ददा, ओमन ला जतन के रख – अपन ओ नांव के सक्ति के दुवारा, जऊन नांव ला तेंह मोला देय हवस, ताकि ओमन एक हो जावंय जइसने हमन एक हवन। 12 जब मेंह ओमन के संग रहेंव, त ओ नांव के दुवारा जऊन ला तेंह मोला देय हवस, ओमन ला जतन के रखेंव अऊ ओमन ला सही सलामत रखेंव। ओम ले कोनो नइं गंवाईन, सिरिप बिनास के बेटा के छोंड़, ताकि परमेसर के बचन ह पूरा होवय।

13 अब मेंह तोर करा आवत हंव, पर मेंह ए बातमन ला संसार म रहत कहथंव, ताकि ओमन मोर आनंद ले पूरा भर जावंय। 14 मेंह ओमन ला तोर बचन देय हवंव अऊ संसार ह ओमन ले नफरत करिस, काबरकि ओमन संसार के नो हंय, जइसने मेंह संसार के नो हंव। 15 मेंह ए पराथना नइं करत हंव कि तेंह ओमन ला संसार ले निकार ले, पर ए पराथना करत हंव कि ओमन ला तेंह सैतान ले बचाय रख। 16 ओमन संसार के नो हंय, जइसने मेंह संसार के नो हंव। 17 सत के दुवारा ओमन ला पबितर कर, तोर बचन ह सत ए। 18 जइसने तेंह मोला संसार म पठोय, वइसने मेंह ओमन ला संसार म पठोय हवंव। 19 ओमन खातिर मेंह अपन-आप ला तोर हांथ म अरपन करथंव ताकि ओमन घलो सही म अपन-आप ला तोला अरपन करंय।”

यीसू ह जम्मो बिसवासीमन बर पराथना करथे

20 “मेंह सिरिप ओमन खातिर ही पराथना नइं करथंव, पर ओमन बर घलो जऊन मन ओमन के संदेस के कारन मोर ऊपर बिसवास करथें, 21 कि ओ जम्मो झन एक हो जावंय। हे ददा, जइसने तेंह मोर म हवस अऊ मेंह तोर म हवंव। वइसने ओमन घलो हमर म होवंय ताकि संसार ह बिसवास करय कि तेंह मोला पठोय हवस। 22 जऊन महिमा तेंह मोला देय हवस, ओही महिमा मेंह ओमन ला देय हवंव, ताकि ओमन एक हो जावंय, जइसने हमन एक हवन। 23 मेंह ओमन म अऊ तेंह मोर म, कि ओमन पूरा-पूरी एक हो जावंय, ताकि संसार ह जानय कि तेंह मोला पठोय हवस अऊ जइसने तेंह मोर ले मया करे हवस, वइसने ओमन ले घलो मया करय।

24 हे ददा मेंह चाहथंव कि जऊन मन ला तेंह मोला देय हवस, ओमन मोर संग उहां रहंय, जिहां में हवंव अऊ ओमन मोर ओ महिमा ला देखंय, जऊन ला तेंह मोला देय हवस, काबरकि तेंह संसार के रचे के पहिली मोर ले मया करय।”

25 “हे धरमी ददा, संसार ह तोला नइं जानय, पर मेंह तोला जानथंव, अऊ ओमन जानथें कि तेंह मोला पठोय हवस। 26 मेंह ओमन ला तोर बारे म बताय हवंव अऊ बतावत रहिहूं, ताकि तोर ओ मया जऊन ह मोर बर हवय, ओमन म घलो रहय अऊ मेंह खुद ओमन म रहंव।”

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