Bible in 90 Days
बेबीलोन क नास
18 एकरे बाद मइँ एक अउर सरगदूत क अकास स बड़ा भव्यता स नीचे उतरत देखेउँ। ओकरी महिमा स समूची धरती चमकइ लाग। 2 जउने जोरदार आवाज़ स पुकारत उ बोला:
“मिट गइ!
बेबिलोन महानगरी मिट गइ!
उ दुस्ट आतिमन क रहस्य क घर बन गइ रही,
उ असुद्ध मनइयन क आत्मा क बसेरा बन गइ रही,
अउर नफरत करइ लायक चिड़ियन क घर बन गइ रही।
उ तमाम गन्दा, निन्दा करइ लायक जनावरन क बसेरा बन गइ रही।
3 काहेकि उ सबक व्यभिचार क क्रोध क मदिरा पिआए रही।
जउने इ दुनिया क राजा क खुदइ जगाए रही,
ओकरे साथे व्यभिचार करे रहेन सासक लोग
अउर ओनके भोगइ स इ दुनिया क धनी व्यापारी बना रहे।”
4 अकास स मइँ एक अउर अवाज़ सुनेउँ जउन कहत रही:
“अरे मोर मनइयन! तू उ सहर स बाहर निकर जा,
ओनके पापन्ह क कतहूँ तू गवाहन न बनब्या,
कतहूँ अइसा न होइ, कि जउन ओके नास रहेन, तोहरेन ऊपर न गिर जाइँ।
5 काहे बरे कि ओकरे पाप क गठरी आसमान तक ऊँची अहइ।
परमेस्सर ओकरे बुरा काम क याद करत अहइ।
6 अरे! जइसेन कि उ तोहरे साथे करे रहा, वइसेन तू भी ओनके साथ करा
उ तोहरे साथे जइसेन करे रहा, तू ओकर दुगना ओकरे साथे करा,
दूसरे क बरे उ तोहका जउने कटोरा मँ तीत दाखरस पिआए रह्या,
तू ओका ओसे दुगुना तीत दाखरस पिआवा।
7 काहे बरे कि उ खुदइ क जउन महिमा अउर वैभव दिहेस,
तू ओका यातना कहर अउर पीड़ा द्या।
काहे बरे कि उ खुदइ स कहति रही ह, ‘मइँ खुदइ राजा क आसन प बइठी महारानी अहउँ,
मइँ विधवा न करबइ,
इ बरे सोक न करा।’
8 इही बरे जउन नास होइ क तय होइ ग अहइ,
उ एक ही दिन मँ ओका घेर लेइहीं।
महामृत्यु, महारोदन अउ दुर्भिच्छ भीसण अउर कइ देइहीं ओनका जलाय क राख, काहे बरे
कि परमेस्सर पर्भू बहोत ताकतवर अहइ, अउर ओनही ओकर निआव करत अहइँ।”
9 “जउन धरती क राजा जउन ओकरे साथ यौन-पाप करे रहेन अउर ओकरे भोग विलास मँ हिस्सा बटाए रहेन, ओकरे जल जाइ क धुँआ जउ देखिइहीं तउ ओकरे बरे रोइहीं अउ चिल्लाइही। 10 उ पचे ओकरे कस्ट स ड़ेराइके हुवाँ स बहोत दूर खड़ा रहिहइँ:
‘ओ! ताकतवर नगर बेबीलोन!
भयावह अउर भयानक हाय!
तोहार दण्ड तोहका तनिक देर मँ मिल गवा।’
11 “इ धरती क व्यापारी ओकरे कारन रोइहीं अउ चिल्लइहइँ काहे बरे कि ओनके कउनो चीज केउ अउर मोल न लेई, 12 न तउ केहू कउनो चीज लेइ-सोने क, चाँदी क, बेसकीमती रत्न, मोती, मलमल, बैंजनी, रेसमी अउर किरमिजी कपरा हर तरह क महकउआ लकड़ी, हाथी क दाँत क बनी तमाम चीज, अनमोल लकड़ी, काँसा, लोहा अउर संगमरमर सी बनी तमाम चीज, 13 दारचीनी, गुलमेंहदी, महकोरा, धूप, रसगन्धक, लोहबान, दाखरस, जइतून क तेल, मइदा, गोहूँ मवेसी, भेड़ी, घोड़ा अउर रथ, दास अउर मनई क सरीर अउर आतिमा क व्यापारिन कहिहीं:
14 ‘अरे बेबीलोन! उ सब चीजन अच्छी स अच्छी, जउने मँ तोहार दिल रम ग रहा,
तोहका छोड़के सब चली गइ अहइ।
तोहार बहुमूल्य अउर बहुमूल्य वस्तुअन तोहरे हाथ स चली गइन ह।’
15 “उ व्यौपारी जउन एकइ सबकइ व्यौपार करत रहेन अउर एहसे धनी बन ग रहेन, उ दूर खड़ा रहिहइँ काहे बरे कि उ कस्ट स डेराइ ग अहइ। उ रोअत चिल्लात 16 कहिहइँ:
‘केतना डरावना अहइ अउर केतना भयानक अहइ, महानगरी इ उहीं क बरे हहइ।
जउन नीक नीक मलमली कपड़ा पहनत रही,
जउने रंग बैंजनी अउत किरमीजी रहा!
अउर जउन सोने स सजत रही, बेसकीमती रत्नन स, सजी मोतियन स
17 अउर इ सारी सम्पत्ति तनिक देर मँ मिट गइ।’
“फिन जहाज क हर कप्तान या हर उ मनई जउन जहाज स चाहे जहाँ कहूँ जाइ सकत ह अउर सबइ मनई जउन समुद्र स आपन जीविका चलावन हीं, उ नगरी स दूर खड़ा रहेन। 18 अउर जउ उ पचे ओकरे जरे स उठत धुँआ क उठत भए देखेन तउ जोर स चिल्लाइ उठेन, ‘इ बड़ी नगरी क तरह अउर कउन नगरी अहइ?’ 19 फिन उ पचे आपने मूँडे प धूल डावत जोर स चिल्लानेन, अउर कहेन:
‘महानगरी! हाय, इ केतॅनी भयानक अहइ! उ रोअत अउर सोक मनावत भए कहेन: हाय, हाय!
महान नगरी जेकरे सम्पत्ति स सब जहाजवाले धनवान होइ गए रहेन!
अब घण्टा भर ही मँ उजर गई।
20 हे सरग, प्रेरितन! अउर नबियन! ओकरे बरे खुसी मनावा,
परमेस्सर क लोगन खुसी मनावा!
काहेकि परमेस्सर ओका उहइ तरह दण्ड दइ दिहेन जइसेन दण्ड उ तोहका दिहे रहा।’”
21 फिन एक ताकतवर सरगदूत चक्की क पाट जइसी एक जबर क चटृान उठायेस अउर ओका समुद्दर मँ फेंकत कहेस,
“महानगरी! अरी बेबीलोन महानगरी! तोहका क इहइ गति स बलपूर्वक फेंक दीन्ह जाई,
अउर तू नस्ट होइ जाबू, फिन स मिलन पउबू।
22 अउर तुझमाँ बीणा बादकन, संगितगन बँसुरी बजावइवालन
अउर तुरही फूँकइवालन क स्वर
फिन कबहुँ सुनाई पड़ी,
न कउनो कला सिल्पी तोहरे मँ पावा जाई
न तोहमाँ न कउनो
चक्की क आवाज़ सुनाइ देई।
23 अउर कबहुँ फिन दिया क ज्योति न चमकी,
अउर न तउ कबहुँ फिन
दुल्हा दुलहिन क मीठी आवाज़ गूँजी।
तोहरे न व्यपारी जे दुनिया
महान लोगन मँ स रहेन
तोहार जादूगरी जाति भरमाई गइन रहीं।
24 इ नगरी मँ नबियन क खून बहावा पावा ग रहा, अउर परमेस्सर क पवित्तर मनइयन क लहू बहावा ग रहा,
अउर उ सबहिं जेका इ धरती प बलि चड़ाइ दीन्ह ग रही।”
सरग मँ परमेस्सर क स्तुति
19 एकरे बाद मइँ सरग क भीड़ स उच्च स्वर मँ आवाज़ आवत सुने रह्यो:
“हल्लिलूय्याह!
परमेस्सर क जय होइ! जय होइ! महिमा अउर समर्थ हमेसा मिलइ!
2 ओकर निआव सच्चे अउर धर्ममय अहइ।
उ बड़ी वेस्या क उ निआव करेस,
जउन आपन व्यभिचार स इ धरती क भ्रस्ट कइ दिहे रही,
अपने दासन क मउत क बदला लइ लिहेस।”
3 ओन्ह फिन कहेन्ह:
“हल्लिलूय्याह!
ओसे धुआँ जुग जुग तक उतरत रहा।”
4 फिन चौबीसउँ बुजुर्गन अउर चारउ प्रानिअन सिंहासन प बइठा परमेस्सर क झुकके प्रणाम करेन अउर ओकर आराधना करत गावइ लागेन:
“आमीन, हल्लिलूय्याह!”
5 सिंहासन स फिन आवाज आइ जउन कहत रही:
“ओ ओकर सेवकन!
तू सबे हमरे परमेस्सर क स्तुति करा,
अउर अपने सब लोगन क चाहे बड़ा होइ या छोटा
सबइ क इज्जत करत रहा!”
6 फिन मानो मइँ एक विसाल जनसमूहे क आवाज सुनेउँ जउन कि भयंकर पानी क बहाव अउर बदरन क जोरदार गरजइ-तरजइ क आवाज जइसे रही। कहत रही:
“हल्लिलूय्याह!
जय होइ ओकर, काहे बरे कि हमार पर्भू परमेस्सर,
सर्वसक्ति स पूरा होइके राज्य क ताकतवर बनावत अहइ।
7 इ बरे आवा, आनन्द खुसी मनावा।
आवा, ओका माहिमा देइ।
काहे बरे कि अउर मेमना क बियाह क समइ आइ गवा अहइ।
ओकर दुलहिन सजी धजी तइयार होइ गइ।
8 ओका आग्या मिली अहइ,
साफ सफेद निर्मल मलमल पहन ल्या।”
(इ मलमल परमेस्सर क पवित्तर लोगन बड़िया कामन क प्रतीक अहइ।)
9 फिन उ मोसे कहइ लाग, “लिखा, उ धन्य अहइ जेनका इ बियाह क भोजन मँ बोलावा ग अहइ।” उ मोसे फिन कहिस, “इ परमेस्सर क सच्चा वचन अही।”
10 अउर मइँ ओकर आराधना करइ क बरे ओकरे पाँव प गिर पड़ेउँ। मुला उ मोसे कहेस, “सावधान! अइसा न करा। मइँ तउ तोहरे अउर तोहरे भाइयन क साथी परमेस्सर क साथी सेवक अहउँ जउने पइ ईसू क साच्छी क भविस्सबाणी की आतिमा अहइ। अउर प्रचार क जिम्मेदारी अहइ। परमेस्सर क आराधना करा. कहे बरे कि ईसू क प्रमाणित संदेस इ बात क साच्छी अहइ कि ओहमाँ एक नबी क आतिमा अहइ।”
सफेद घोड़ा क सवार
11 फिन मइँ सरग क खुलत देखेउँ अउर हुवाँ मोरे समन्वा एक सफेद घोड़ा रहा। घोड़े प जउन बइठा रहा। ओका बिस्सासनीय अउर सत्य कहा जात रहा काहे बरे कि उ निआव धार्मिकता स निर्णय करत ह। 12 ओकर आँखी अइसी रहीं जइसे आगी क लपट होइँ। ओकरे मूँड़े पइ बहोत स मुकुट रहेन। ओकरे ऊपर एक नाउँ लिखा रहा, जेका ओकरे अलावा अउर केहू नाहीं जानत। 13 उ अइसा कपड़ा पहिने रहा जउने क खून मँ डुबोवा ग रहा। ओका नाउँ दीन्ह रहा, “परमेस्सर क वचन।” 14 सफेद घोड़न प बइठी सरग क सेना ओकरे पीछे-पीछे चलत रहिन। उ साफ सफेद मलमल क कपरा पहिने रहा। 15 रास्ट्रन क मारइ क बरे ओकरे मुँहे स एक तेज धार क तरवार बाहेर निकरत रही। उ ओकरे ऊपर लोहे क दण्ड स सासन करी। अउर सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर क भयानक गुस्सा क धानी मँ अंगूर क रस निचोड़ी। 16 ओकरे वस्त्र अउर जाँघ पइ इ नाउँ लिखा रहा।
राजन क राजा, अउर पर्भूअन क पर्भू
17 एकरे बाद मइँ देखेउँ कि सूरज क ऊपर एक सरगदूत खड़ा अहइ। उ ऊँचे अकास मँ उड़इवाली सबहीं चिड़ियन स जोर क आवाज स कहेस, “आवा, परमेस्सर क महाभोज क बरे एकट्ठा होइ जा। 18 जइसे कि तू सासकन, सेनापतियन, मजदूर आदमियन, घोड़न अउर ओनके सवारन क मांस खाइ सका। अउर सब मनई छोट-बड़ा आदमियन अउर खास आदमियन क सरीर खाइ सका।”
19 फिन मइँ उ जनावरन क अउर धरती क राजन क देखेउँ ओनके संग ओनकइ सेना रही। उ पचे उ एक घोड़ा क सवार अउर ओकरी सेना स जुद्ध करइ एक साथे आइके जुट गएन। 20 उ जनावर क पकड़ा गवा। ओकरे साथ उ झूठा नबी भी रहा जउन जानवर क उपस्थिति मँ अद्भुत कारजन देखावा करत रहा अउर ओनका ठगत रहा जउने प उ जनावरन क छाप लगी रही अउर जउन ओकरी मूर्ति क आराधना करत रहेन। उ जनावरन क अउर झूठे नबी, दुइनउँ क जलत गंधक क भभकत झील मँ जिन्दइ डाल दीन्ह गवा। 21 घोड़ा क सवार क मुँह स जउन तरवार निकरत रही, बाकी क सैनिक ओसे मार डावा गएन। फिन चिड़ियन मिलके ओकरे माँस खाइके अघाइ गइन।
हजार साल
20 फिन आकास स मइँ एक सरगदूत क नीचे उतरत देखेउँ। ओकरे हाथ मँ पाताल क चाभी अउर एक बड़ी संकरी रही। 2 उ पुरान महासांप क पकड़ लिहेस जउन कि दैत्य यानी सइतान बाटइ फिन ओका एक हजार साल क बरे संकरी मँ बाँध दिहेस। 3 तउ उ सरगदूत ओका अथाह कुंड मँ डाइके बन्द कइके परदार साँपे प मुहर लगाइ दिहेस जेहसे जब तलक हजार साल पूरा न होइ जाइ, उ कउनो मनई क धोखा न दइ सकत। हजार साल पूरा होइ जाइ क पाछे ओका कछू समइ क बरे छोड़ा जाइ क अहइ।
4 फिन मइँ कछू सिंहासन देखीउँ जउने प कछू मनई बइठा रहेन। ओनका निआव करइ क अधिकार दीन्ह ग रहा। अउर मइँ ओनकी आतिमा क देखेउँ जेनके सिर, उ सच्चाई क कारण, जउन ईसू स प्रमाणित अहइँ, अउर परमेस्सर क संदेस स, काट दीन्ह ग रहेन, जे उ जनावरन या ओकरी मूर्ति क कबहुँ पूजा नाहीं करे रहेन। जे अपने माथे प या अपने हाथे प ओकर निसानी कबहुँ धारण नाहीं किहे रहेन। उ पचे फिन स जिन्दा होइ गएन अउर उ मसीह क साथ एक हजार साल तक राज करेन। 5 (बाकी मनई हजार साल पूरा होइ गए प फिन स जिन्दा नाहीं भएन।)
इ पहिला पुनरुत्थान बाटइ। 6 उ धन्य अहइ अउर पवित्तर अहइ, जउन पहले पुनरुत्थान मँ भाग लेत अहइ। एन पइ दूसरी मृत्यु क कउनो अधिकार नाहीं अहइ। इ आदमियन प दूसर मउत क कउनो अधिकार नाहीं मिला अहइ। पर उ पचे तउ परमेस्सर अउर मसीह क आपन याजकन होइहीं अउर ओकरे साथे एक हजार साल तक राज करिहीं।
7 फिन एक हजार साल पूरा होइ जाए प सइतान क ओकरी जेल स छोड़ दीन्ह जाई। 8 अउर उ समूची धरती प फइली रास्ट्रन क छलइ क बरे निकर पड़ी। उ गोग अउर मागोग क छली। उ ओनका लड़ाई क बरे एकट्ठा करी। उ ओतनइ अनगिनत होइहीं जेतना कि समुद्दर क तट क रेतकण अहइँ।
9 सइतान क सेना समूची धरती प फइल जाई अउर उ परमेस्सर क लोगन क छावनी अउर ओनकर प्यारी नगरी क घेर लेई। मुला आग जउन सरगे स उतरी अउर ओनका निगल जाई, 10 एकरे पाछे सइतान क जउन ओनका धोखा देत रहा ह, भभकत गंधक क झील मँ फेंक दीन्ह जाई जहाँ उ जनावरन अउर झूठा नबी दुइनउँ डाला ग अहइँ। ओनका हमेसा हमेसा क बरे रात-दिन तड़पावा जाई।
दुनिया क मनइयन क निआव
11 फिन मइँ एक जबरदस्त सफेद सिंहासन कइँती ओह प विराजमान जे रहा, ओका देखेउँ। ओकरे सामने स धरती अउर आकास भाग खड़ा भएन। ओनका पता नाहीं चल पावा। 12 फिन मइँ छोट अउर बड़ा मृतक मनइयन क देखेउँ। उ पचे सिंहासन क आगे खड़ा रहेन। कछू किताब खोली गइन। फिन एक अउर किताब खोली गई। उ रही जीवन क किताब अउर ओन किताबन मँ लिखी गई बातन क आधार प मृतकन क न्याय ओनके कामन क अनुसार कीन्ह गवा।
13 जउन मृतक मनइयन समुद्दर मँ रहेन, ओनका समुद्दर दइ दिहेस, अउ मृत्युलोक अउ अधोलोक आपन आपन मृतक मनइयन क सौंप दिहेन। हर एक क निआव ओनके कर्मन क अनुसार कीन्ह गवा। 14 एकरे बाद मउत क अउर अधोलोक क आग क झील मँ झोंक दीन्ह गवा। इ आग क झील दूसरी मउत बाटइ। 15 जउन कउनो मनई क नाउँ जीवन क पोथी मँ न मिली तउ उहू क आग क झील मँ ढकेल दीन्ह गवा।
नवा यरुसलेम
21 फिन मइँ एक नवा सरग अउर नवा धरती देखेउँ। काहे बरे पहिला सरग अउर पहली धरती खतम होइ ग रहेन। अउर कब क समुद्दर उ नाहीं रहा। 2 मइँ यरुसलेम क उ पवित्तर नगरी नवा यरुसलेम क आकास क बाहर निकरिके परमेस्सर कइँती स नीचे उतरत देखेउँ। उ नगरी क अइसे सजावा ग रहा जइसे कउनो दुलहिन क ओकरे पति स मिलइ क बर सजावा ग होइ।
3 तबइ मइँ आकास मँ एक जोरदार आवाज़ सुनेउँ। उ कहत रही, “देखा अउर परमेस्सर क मन्दिर आदमियन क बीच मँ अहइ अउर उ ओनही क बीच मँ रही। उ पचे ओकर लोग रइहीं अउर परमेस्सर ओनकइ परमेस्सर होइहीं। अउ खुदइ परमेस्सर ओनकइ परमेस्सर होइहीं। 4 ओनकी आँख क एक-एक आँसू उ पोंछ ड़ाई। अउर हुवाँ अउर न तउ कबहुँ मउत होई न सोक इ बजह स केहू क रोवइ धोवइ क न पड़ी। काहे बरे कि उ सब पुरानी बात अब खतम होइ चुकी बाटिन।”
5 एकरे ऊपर जउन सिंहासन प बइठा रहा, उ बोला, “देखा मइँ सब कछू नवा कइ देत अहउँ।” उ फिन कहेस, “एका लिख ल्या काहे बरे कि इ वचन विसवास लायक अहइ अउर इ सच्चा अहइ।”
6 फिन उ मोसे बोला, “सब कछू पूरा होइ चुका अहइ। मइँ अलफा अहउँ अउर मइँ ओमेगा अहउँ। मइँ आदि अहउँ अउर मइँ अन्त अहउँ। जउन मनई जे पिआसा अहइ, मइँ ओका जीवन-जल क झरना स सेंत-मेत मँ खुले मन स जल पिआउब। 7 जउन विजयी होई, उ सब चीज क मालिक बनी। मइँ ओकर परमेस्सर होब अउर मोरे पूत होई, 8 मुला कायरन, अबिसवासियन, मूरखन, हत्यारन, व्यभिचारिय, जाद-टोना करइवालेन, मूरति क पूजा करइवालेन अउर झूठ बोलइवालन क भभकत गंधक क जलत झील मँ आपन हिस्सा बँटावइ क होई। इ दूसरी मउत बाटइ।”
9 फिन उ सात सरगदूतन मँ स एक, जेनके लगे सात आखिरी विनास क कटोरा रहेन्न, एक ठु आगे आवा अउर मोसे बोला, “हिआँ आवा! मइँ तोहका उ दुलहिन देखाइ देइ जउन मेमना क दुलहिन अहइ।” 10 अबहीं मइँ आतिमा क आवेस मँ रहे कि उ मोका एक बिसाल अउर ऊँचे पर्वत प लइ गवा। फिन उ मोका यरुसलेम क पवित्तर नगरी क दर्सन कराएस। उ परमेस्सर क तरफ स आकास स नीचे उतरत रहीं।
11 उ परमेस्सर क महिमा स चमकत रही। उ बिल्कुल निर्मल यसब नामक महामूल्यावान रत्नन तरह चमकत रही। 12 नगरी क चारिहुँ कइँती एक बड़ा क ऊँचा परकोटा रहा जेहमाँ बाहर दरवाजा रहेन। उ बारहउँ दरवाजन प बारह सरगदूत रहेन। अउर बारहउँ दरवाजा प इस्राएल क बारह कुलन क नाउँ छपा रहेन। 13 एहमाँ स तीन दरवाजन पूरब क तरफ रहेन, तीन दरवाजन उत्तर कइँती तीन दरावाजन दच्छिन कइँती अउर तीन दरवाजन पच्छिम कइँती रहेन। 14 नगर क परकोटा बारह नीव प बनावा ग रहा अउर ओनके ऊपर मेमना क बारह प्रेरितन क नाउँ छपा रहेन।
15 जउन सरगदूत मोसे बतियात रहा, ओकरे लगे सोना क बनी नापइ क एक छड़ी रही जउने स उ नगर क फाटक अउर परकोटा क नाप सकत रहा। 16 नगर क वर्गाकार बसावा ग रहा। इ जेतना लम्बा रहा, ओतना चौड़ाई रहा। उ सरगदूत उहइ छड़ी स नगर क नापेस। ओकर लम्बाई करीब बारह हजार स्टोडिया पाई गइ। ओकर लम्बाई, चौड़ाई अउर ऊँचाई एकई तरह रही। 17 सरगदूत फिन ओकरे परकोटा क नापेस। उ करीब 144 हाथ रहा। ओका मनई क हाथन क लम्बाई स नापा ग रहा जउन हाथ सरगदूतन क हाथ अहइ। 18 नगर क परकोटा यसब नाउँ क रत्नन क बना रहा अउर नगर क काँच क तरह चमकत सुद्ध सोना स बनावा ग रहा।
19 नगर क परकोटे क नींव हर तरह क बेसकीमती रत्नन स सुसज्जित रहिन। नींव क पहला पाथर यसाब क बना रहा, दूसरा नीलम स, तीसरा स्फटिक स, चउथा पन्ना स, 20 पाँचवा गोमेद स छठा मानक स सातवाँ मणि स, आठवाँ पेरोज स, नवाँ पुखराज स, दसवाँ लहसनिया स, ग्यारहवाँ धूम्रकान्त स अउर बारहवाँ चन्द्रकान्ता मणि स बना रही। 21 बारहउँ दरवाजा, बारह मोतियन स बना रहेन, हर दरवाजा एक एक मोती स बना रहेन। नगर क गलियन साफ काँच जइसे सुद्ध सोने स बनी रहिन।
22 नगर मँ मइँ कउनो मन्दिर नाहीं देखाई पड़ा। काहे बरे कि सबसे सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर अउर मेमना ओकर मन्दिर मँ रहेन। 23 उ नगर क कउनो सूरज या चाँद क जरुरत नाहीं रही जउन ओका रोसनी देइ काहे बरे कि उ परमेस्सर क महिमा स खुदइ प्रकासित रहा। अउर मेमना उ नगर क दिया बाटइ।
24 सब जातियन क मनई इहइ दीपक क रोसनी क सहारे आगे बड़िहइँ। अउर इ धरती क राजा आपन सुन्दरता इ नगर मँ लइ अइहीं। 25 दिन क समइ एकर दरवाजा कबहूँ बन्द न होइहीं अउ हुवाँ रात तउ कबहूँ होइ न करी। 26 जातियन क वैभव अउर धन सम्पत्ति क उ नगर मँ लिआवा जाई। 27 कउनो गन्दी चीज ओहमाँ घुसइ न पाई। अउर न तउ लज्जा भरा काम करइवालेन अउर झूठ बोलइवालेन ओहमाँ घुसइ न पाइही। ओहमाँ ओनहीं मनई घुसइ पाइहीं जउने क नाउँ मेमना जीवन क पुस्तक मँ लिख अहइ।
22 एकरे बरे उ सरगदूतन मोका जीवन देइवाली पानी क एक नदी देखाएस। उ नदी स्फटिक क तरह चमकत रही उ परमेस्सर अउर मेमना क सिंहासन क निकरत भइ 2 नगर क गलियन स होत भइ बहत रही। नदी क दुहनउँ किनारे प जीवन पेड़ उगा रहेन। ओनके ऊपर हर साल बारह बार फल लगत रहेन। एकरे हर एक पेड़ प हर महीना एक फसल लगत रही अउर इ पेड़न क पत्तियाँ तमाम रास्ट्रन क रोग दूर करइ क बरे रहिन।
3 हुवाँ कउनो तरह क कउनो स्राप नाहीं होई। इस नगर मँ परमेस्सर अउर मेमना क सिंहासन हुवाँ बना रही। अउर ओकर नउकर ओनकइ आराधना करिहइँ। 4 अउर ओकर मुख देखिहीं अउर नाउँ ओकरे माथे प होइ। 5 हुवाँ कबहूँ रात न होइ। अउर न तउ सूरज अथवा दीपक क रोसनी क कउनो जरुरत पड़ी। काहे बरे कि ओनके ऊपर पर्भू परमेस्सर आपन रोसनी उड़इहइँ अउर उ हमेसा सासन करिहीं।
6 फिन सरगदूत मोसे कहेस, “इ बचनन क बिस्सास करइ लायक अउर सच्चा अहइँ। नबियन क, आतिमा क, परमेस्सर पर्भू, परमेस्सर क सेवकन क, जउन कछू जल्दी घटइवाला अहइ, ओका जतावइ क बरे आपन सरगदूत भेजे अहइ।” 7 “सुना! मइँ जल्दी आवइवाला अहउँ। उ पचे धन्य अहइँ जउन इ किताब मँ दीन्ह उ बचनन क पालन करत हीं जउन भविस्सबाणी अही।”
8 मइँ यहून्ना अहउँ। मइँ इ बात सुनेउँ अउर देखे अहउँ। जब मइँ इ बात देखेउँ सुनेउँ तब उ सरगदूत क चरनन मँ गिर क मइँ ओकर आराधना कीन्ह जउन मोका इ बात देखावत रहा। 9 उ मोसे कहेस, “सावधान, तू अइसा न करा! काहे बरे कि मइँ तउ तोहार, तोहार भाई नबियन क उन लोगन जउन इ किताब मँ लिखा बचनन क पालन करत हीं, एक साथी नउकर अहउँ। बस परमेस्सर क आराधना करा!”
10 उ मोसे फिन कहेस, “इ किताब मँ जउन भविस्सबाणी दीन्ह गइ अहइँ, ओनका छिपाय क न रखा, काहे बरे कि इ बातन क घटित होइ क समइ करीबइ अहइ। 11 जउन बुरा कारज करत चला आवत अहइँ, उ बुरा करत रहइँ जे गन्दा करत अहइँ, उ गन्दा करत रहइँ। जे धर्मि अहइँ उ धरम क कारज ही करत रहइँ।
12 “देखा! मइँ जल्दी आवइवाला अहउँ! सबहिं मनइयन क ओनके कर्मन क अनुसार देइ क प्रतिफल मोरे पास अहइ। 13 उ मइँ अलफा अहउँ अउर मइँ ओमेगा अहउँ। मइँ पहिला अहउँ अउर मइँ आखिरी अहउँ। मइँ आदि अहउँ अउर मइँ अन्त अहउँ।
14 “उ पचे धन्य अहइँ जउन अपने कपड़न क धोइ लेत हीं। ओनका जीवन-पेड़ क खाइ क अधिकार होई। ओन दरवाजन स होइके नगर मँ घुसइ क अधिकारी होईहीं। 15 मुला ‘कुत्ता,’ जादू-टोना करइवाले, व्यभिचारी, मूरत क पूजइवाले, या झूठ स पिरेम अउर ओनपइ अचरज करत अहइँ बाहेर रहिहीं।
16 “खुदइ मइँ ईसू, तोहरे पचे क बरे, अउर कलीसियन क बरे इ बातन क साच्छी देइ क बरे आपन सरगदूतन भेजेउँ। मइँ दाऊद क परिवार क बंसज अहउँ। मइँ भोर क दमकत तारा अहउँ।”
17 आतिमा अउर दुलहिन करत ह, “आवा!” अउर जउन व्यक्ति एका सुनत ह, उहउ कहइ, “आवा!” अउर जउन व्यक्ति पिआसा होइ उहइ आवइ अउर जे चाहे उहइ इ जीवन देइवाली जल क उपहार क बिना मुल्य क ग्रहण करइ।
18 मइँ सपथ खाईके ओन मनइयन क बरे चेताउनी देइत अहइँ जउन इ किताब मँ लिखा भविस्सबाणी क वचनन क सुनत ही: एहमाँ स जब कउनो अउर कछू जोड़ देइ तउ इ किताब मँ लिखा महाविनास परमेस्सर ओकरे ऊपर ड़ाई। 19 अउर जब नबियन क लिखी इ किताब मँ स कउनो सब्दन मँ स घटाई तउ परमेस्सर इ किताब मँ लिखा जीवन पेड़ अउर पवित्तर नगरी मँ स ओकर भाग ओसे छीन लीन्ह जाई।
20 ईसू जउन बातन क साच्छी अहइ, उ कहत ह, “हाँ! मइँ जल्दी आवत अहउँ।”
आमीन! पर्भू ईसू आवा।
21 पर्भू ईसू क अनुग्रह सबके साथ रहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.