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Bible in 90 Days

An intensive Bible reading plan that walks through the entire Bible in 90 days.
Duration: 88 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
सभोपदेसक 3 - स्रेस्ठगीत 8

एक ठु समय बाटइ…

हर बात एक उचित समय होत ह। अउर इ धरती पइ हर बात एक उचित समय पइ ही घटित होइ।

जन्म लेइ क एक उचित समय निहचित अहइ,
    अउर मउत क भी।
एक समय होत ह पेड़न क रोपइ क,
    अउर ओनका काटइ क।
मारइ क होत ह एक समय,
    अउर एक समय होत ह ओकरे उपचार का।
एक समय होत ह जब ढहाइ दीन्ह जात,
    अउर एक समय होत ह करइ क निर्माण।
एक समय होत ह रोवइ-विलपइ क,
    अउर एक समय होत ह करइ क अट्ठहास।
एक समय होत ह होइ क दुखे मँ मगन,
    अउर एक समय होत ह उल्लास भरे नाच क।
एक समय होत ह जब पाथर फेंका जात हीं,
    अउर एक समय होत ह ओनके एकत्र करइ क।
केहउँ क गले लागन क एक समय होत ह।
    अउर गले लगावइ स रुकइ क भी एक समय होत ह।
एक समय होत ह खोज क,
    अउर एक समय होत ह रूकए क।
एक समय होत ह वस्तुअन क धरइ क,
    अउर एक समय होत ह चिजियन क फेंकइ क।
होत ह एक समय ओढ़नन क फारइ क,
    फुन एक समय होत ह जब ओनका सिया जात ह।
एक समय होत ह साधइ क चुप्पी,
    अउर होत ह एक समय फुन बोल उठइ क।
एक समय होत ह पिआर क,
    अउर एक समय होत जब घिना कीन्ह जात ह।
एक समय होत ह करइ क लड़ाई,
    अउर होत ह एक समय सान्ति क।

परमेस्सर अपने संसार क नियन्त्रण करत ह

का कउनो मनई क आपन कठिन मेहनत स असल मँ कछू मिल पावत ह? 10 मइँ उ कठिन मेहनत लखेउँ ह जेका परमेस्सर हमका करइ क बरे दिहेस ह। 11 अपने संसार क बारे मँ सोचइ बरे परमेस्सर हमका छमता प्रदान किहेस ह। मुला परमेस्सर जउन करत ह, ओन बातन क पूरी तरह हम कबहुँ नाहीं समुझ सकित। फुन भी परमेस्सर हर एक चीज ठीक समय पइ करत ह।

12 मइ लखेउँ ह कि लोगन बरे सबसे उत्तिम बात इ अहइ कि उ पचे कोसिस करत रहइँ अउर जब तलक जिअत रहइँ आनन्द करत रहइँ। 13 अउर अगर एक मनई खाइ, पिअइ अउर इ सबइ करम क आनन्द लेत रहइ, तउ इ बातन परमेस्सर कइँती स मिला भवा उपहार अहइ।

14 मइँ जानत हउँ कि परमेस्सर जउन कछू भी घटित करत ह उ सदा घटी ही। लोग परमेस्सर क काम मँ कछू भी बृद्धि नाहीं कइ सकतेन अउर इहइ तरह लोग परमेस्सर क कामे मँ कछू घटत भी नाहीं कइ सकत हीं। परमेस्सर अइसा एह बरे किहस कि लोग ओकर आदर करइँ। 15 जउन अब होत अहइ पहिले भी होइ चुका अहइ। जउन कछू भविस्स मँ होइ उ पहिले भी भवा रहा। परमेस्सर घटनन क बार बार घटित करत रहत ह।

16 इ जिन्नगी मँ मइँ इ सबइ बातन लखेउँ ह। मइँ लखेउँ ह कि कचहरी जहाँ निआव अउर अच्छाइ होइ चाही, हुवाँ आजु बुराई भरि गइ अहइ। 17 एह बरे मइँ आपन मन स कहेउँ, “हर बात बरे परमेस्सर एक समय निहचित किहे अहइ। मनइयन जउन कछू करत हीं ओकर निआव करइ बरे भी परमेस्सर एक समय निहचित किहे अहइ। परमेस्सर नीक लोगन अउ बुरे लोगन क निआव करी।”

का मनई पसुअन जइसे अहइँ?

18 लोग एक दूसर बरे जउन कछू करत हीं ओनके बारे मँ मइँ सोचेउँ अउर आप स कहेउँ, “परमेस्सर चाहत ह कि लोग आपन खुद क उ रूपे मँ लखइँ जउने रूपे मँ उ पचे पसुअन क लखत हीं। 19 का एक मनई एक पसु स उत्तिम अहइ? नाहीं। काहे? काहेकि हर वस्तु नाकारा अहइ। मउत जइसे पसुअन क आवत ह उहइ तरह मनइयन क भी। मनई अउर पसु एक ही ‘साँस’ लेत हीं। का एक मरा भवा पसु एक मरे भए मनई स भिन्न होत ह? 20 मनइयन अउर पसुअन क तने क अंत एक ही तरह स होत ह। उ सबइ माटी स पइदा होत हीं अउर माटी मँ ही समाइ जात हीं। 21 कउन जानत ह कि मनई क आतिमा क का होत ह? का कउनो जानत ह कि एक मनई क आतिमा परमेस्सर क लगे जात ह? जबकि एक पसु क आतिमा खाले उतरिके धरती मँ जाइके समात ह।”

22 तउ मइँ इ लखेउँ कि मनई जउन सब स नीक बात कइ सकत ह उ इ अहइ कि उ आपन करम मँ आनन्द लेत रहइ। बस ओकरे लगे इहइ अहइ कि। कउनो मनई क भविस्स क चिन्ता भी नाहीं करइ चाही। काहेकि भविस्स मँ का होइ ओका लखइ मँ कउनो भी ओकर मदद नाहीं कइ सकत।

का मर जाब स्रेस्ठ अहइँ?

मइँ फुन इ भी लखेउँ ह कि कछू लोगन क संग बुरा बेउहार कीन्ह जात ह। मइँ ओनकर आँसू लखेउँ ह अउर फुन इ भी लखेउँ ह कि ओन दुःखी लोगन क ढाढ़स बँधावइवाला भी कउनो नाहीं अहइ। मइँ लखेउँ ह कि कठोर लोगन क लगे समूची सक्ति अहइ अउर ओका ढाढ़स देइवाला कउनो नाहीं अहइ। मइँ इ निर्णय पइ पहोंचा अहउँ कि इ सबइ बातन ओन मनइयन बरे जियादा नीक अहइँ जउन मरि चुके अहइँ बजाय ओनके बरे जउन अबहिं तलक जिअत अहइँ। ओन लोगन बरे तउ इ सबइ बातन अउर भी नीक अहइँ जउन जन्म लेत ही मरि जाइँ। काहे काहेकि, उ पचे इ संसार मँ जउन बुराइयन होत अहइँ, ओनका लखेन ही नाहीं।

ऍतनी कठिन मेहनत काहे?

फुन मइँ सोचेउँ, “लोग ऍतनी कड़ी मेहनत काहे करत हीं?” मइँ लखेउँ ह कि लोग सफल होइ अउर दूसर लोगन स अउर जियादा ऊँच होइ क कोसिस मँ लगा रहत हीं। अइसा एह बरे होत ह कि लोग ईर्स्यालु अहइँ। उ पचे नाहीं चाहतेन कि जेतना ओनके लगे अहइ, दूसर क लगे ओहसे जियादा होइ। इ सब अर्थहीन अहइ। इ वइसा ही अहइ जइसे हवा क धरब।

कछू लोग कहा करत हीं, “हाथे पइ हाथ धइके बइठ रहब अउर कछू नाहीं करब बेववूफी अहइ। अगर तू काम नाहीं करब्या तउ भूखन मरि जाब्या।” जउन कछू मूठी भइ तोहरे लगे अहइ ओहमाँ संतुट्ठ रहब नीक अहइ बजाय कि जियादा स जियादा पावइ क तलब मँ जूझत भए हवा क पाछे दौड़त जात रहब।

फुन मइँ एक अउर बात लखेउँ, जेकर कउनो अरथ नाहीं अहइ। एक मनई बे परिवारे क होइ सकत ह। होइ सकत ह ओकर कउनो पूत अउर हिआँ तलक कि कउनो भाई भी न होइ किन्तु उ मनई कठिन स कठिन मेहनत करइ मँ लगा रहत ह अउर जउन कछू ओकरे पास होत ह, ओहसे कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होत, “तउ मइँ भी ऍतनी कड़ी मेहनत काहे करत हउँ? मइँ खुद आपन जिन्नगी क आनन्द काहे नाहीं लेत हउँ?” अब लखा इ भी एक दुःखभरी अउर बियर्थ क बात अहइ।

मीतन अउ परिवारे स सक्ति मिलत ह

एक मनई स दुइ मनई भला होत हीं। जब दुइ मनई मिलिके साथ साथ काम करत हीं तउ जउने कामे क उ पचे करत हीं, उ काम स ओनका जियादा लाभ मिलत ह।

10 यदि एक मनई गिरि जाइ तउ दूसर मनई ओकर मदद कइ सकत ह। मुला कउनो मनई बरे अकेल्ला रहब नीक नाहीं अहइ काहेकि जब उ गिरत ह तउ ओकर सहायता बरे हुवाँ अउर कउनो नाहीं होत।

11 अगर दुइ मनई एक संग सोवत हीं तउ ओनमाँ गरमाहट रहत ह मुला अकेल्ला सोवत भवा मनई कबहुँ गरम नाहीं होइ सकत।

12 अकेले मनई क दुस्मन हराइ सकत ह मुला उहइ दुस्मन दुइ मनइयन क नाहीं हराइ सकत ह अउर तीन मनइयन क सक्ति तउ अउर भी जियादा होत ह। उ पचे एक ठु अइसे रस्सा क नाई होत हीं, जेकर तीन लटन आपुस मँ गुंथी भई होत हीं, जेका तोड़ पाउब बहुत कठिन अहइ।

लोग राजनीति अउर प्रसिद्धि

13 एक ठु गरीब मुला बुद्धिमान नउजवान नेता, एक बुढ़वा मुला मूरख राजा स नीक अहइ। उ बुढ़वा राजा चिताउनियन पइ कान नाहीं देत। 14 होइ सकत ह उ नउजवान सासक उ राज्ज मँ गरीबी मँ पइदा भवा होइ अउर होइ सकत ह उ जेल स छूटिके देस पइ हुकूमत करइ आवा होइ। 15 मुला इ जिन्नगी मँ मइँ लोगन क लखेउँ ह अउर मइँ इ जानत हउँ कि लोग उ दूसर नउजवान नेता क ही अनुसरण करत हीं अउर उहइ नवा राजा बन जात ह। 16 बहोत स लोग इ नउजवान क पाछे होइ लेत हीं। मुला अगवा चलिके उ सबइ लोग भी ओका पसन्द नाहीं करतेन एह बरे उ सब भी बियर्थ अहइँ। इ वइसा ही अहइ जइसे कि हवा क धरइ क जतन करब।

वाचा मानइ मँ सावधानी

जब परमेस्सर क उपासना बरे जा तउ बहोत जियादा होसियार रहा। अग्यानियन क नाई बलियन चढ़ावइ क अपेच्छा परमेस्सर क आग्या मानब जियादा उत्तिम अहइ। अज्ञानी लोग अक्सर बुरे करम किया करत हीं अउर ओका जानत तलक नाहीं ही। परमेस्सर क वाचा मानत समय होसियार रहा। परमेस्सर स जउन कछू कहा ओन बातन बरे होसियार रहा। भावना क आवेस मँ, जल्दी मँ कछू जिन कहा। परमेस्सर सरग मँ अहइ, अउर तू धरती पइ अहा। एह बरे तोहका परमेस्सर स बहोत तनिक बोलइ क जरूरत अहइ। इ कहतूत फुरइ अहइ

अति चिंता स बुरे सपना आवा करत हीं।
    अउर जियादा बोलइ स मूरखता उपजत ही।

अगर तू परमेस्सर स कउनो वाचा माँगत ह तउ ओका पूरा करा। जउने बाते क तू वाचा मान्या ह ओका पूरा करइ मँ देर जिन करा। परमेस्सर मूरख मनइयन स खुस नाहीं रहत। तू परमेस्सर क जउन कछू अर्पित करइ क बचन दिहा ह ओका अर्पित करा। इ नीक बा कि तू कउनो वाचा माना ही नाहीं बजाय एकरे कि कउनो मनौती माना अउर ओका पूरा न कइ पावा। एका नाहीं होइ देइ कि तोहार सब्द तोहार पापे क कारण बनी। याजक स अइसा जिन बोला कि, “जउन कछू मइँ कहे रहेउँ ओकर इ अरथ नाहीं बाटइ।” जदि तू अइसा करब्या तउ परमेस्सर तोहरे सब्दन स रिसियाइके जउन वस्तुअन बरे तू करम किहा ह, ओन सबन्क उ बर्बाद कइ देइ। आपन बेकार क सपनन अउर डींग मारइ स मुसीबतन मँ जिन पड़ा। तोहका परमेस्सर क सम्मान करइ चाही।

हर एक अधिकारी क ऊपर एक अधिकारी अहइ

कछू देसन मँ तू अइसे दीन-हीन लोगन क लखब्या जेनका कड़ी मेहनत करइ क मजबूर कीन्ह जात ह। तू लखि सकत ह कि निर्धन लोगन क संग इ बेउहार उचित नाहीं अहइ। इ गरीब लोगन क अधिकारन क खिलाफ अहइ। मुला अचरज जिन करा। जउन अधिकारी ओन मनइयन क कारज करइ बरे मजबूर करत ह, अउर उ पचे दुइनउँ अधिकारी कउनो दूसर अधिकारी क जरिये मजबूर कीन्ह जात हीं। ऍतना होइ पइ भी कउनो खेती क जोग्ग भुइँया पइ एक राजा क होब देस बरे फायदेमंद अहइ।

धने स खुसी नाहीं बेसही जाइ सकत

10 उ मनई जउन धने स पिरेम करत ह उ उ धने स जउन ओकरे लगे अहइ कबहुँ संतुट्ठ नाहीं होइ। उ मनई जउन धन स पिरेम करत ह, जब जियादा स जियादा धन पाइ जात ह तब भी ओकर मन नाहीं भरत। तउ उ भी बियर्थ अहइ।

11 कउनो मनई क लगे जेतना जियादा धन होइ ओका खरच करइ बरे ओकरे लगे ओतना ही जियादा “मीत” होइहीं। तउ उ धनी मनई क असल मँ प्राप्त कछू नाहीं होत ह। उ आपन धन क बस लखत भर रहि सकत ह।

12 एक ठु अइसा मनई जउन सारे दिन कड़ी मेहनत करत ह, आपन घर लउटइ पइ चइन क संग सोवत ह। इ महत्व नाहीं रखत ह कि ओकरे लगे खाइ क कमती अहइ या जियादा अहइ। एक धनी मनई आपन धने क चिंता म बूड़ रहत ह अउर सोइ तलक नाहीं पावत।

13 बहोत बड़के दुःखे क बात अहइ कि एक ठु जेका मइँ इ जिन्नगी मँ घटत लखेउँ ह। लखा एक मनई भविस्स बरे आपन धन बचाइके रखत ह। 14 अउर फुन कउनो बुरी बात घटि जात ह अउर ओकर सब कछू जात रहत ह अउर मनई क लगे आपन पूत क देइ बरे कछू भी नाहीं रहत। हम खाली हाथ आइत ह अउर खाली हाथ चला जाइत ह

15 एक मनई संसार मँ अपनी महतारी क गरभ स आवत ह अउर जब उ मनई क मउत होत ह तउ उ बगैर कछू अपने संग लिए सब हिअँइ छोड़िके चला जात ह। वस्तुअन क पावइ बरे उ कठिन मेहनत करत ह। किन्तु जब उ मरत ह तउ आपन संग कछू नाहीं लइ जात पावत। 16 इ बड़े दुःखे क बात अहइ। इ संसार ओका उहइ तरह तजइ क होत ह जउने तरह उ आवा रहा। एह बरे “हवा क धरइ क कोसिस” स कउनो मनई क हाथे क लगत ह 17 ओका अगर कछू मिलत ह तउ उ अहइ दुःख अउर सोक स भरे हुआ दिन। तउ आखिरकार उ हतास, रोगी अउ चिड़चिड़ा होइ जात ह।

आपन जिन्नगी क करम क रस ल्या

18 मइँ तउ इ लखेउँ ह कि मनई जउन कइ सकत ह ओहमाँ सब स उत्तिम इ अहइ-एक मनई क चाही कि उ खाइ-पिअइ अउर जउने कामे क उ इ धरती पइ आपन छोटी स जिन्नगी क दौरान करत ह ओकर आनन्द लेइ। परमेस्सर इ सबइ तनिक क दिन स दिहेस ह अउर बस इहइ तउ ओकरे लगे अहइ।

19 अगर परमेस्सर कउनो क धन, सम्पत्ति अउर ओन वस्तुअन का आनन्द लेइ क सक्ति देत ह तउ उ मनई क ओनकर आनन्द लेइ चाही। उ मनई क जउन कछू ओकरे लगे अहइ ओका कबूल करइ चाही अउर आपन कामे क जउन परमेस्सर कइँती स एक उपहार अहइ ओकर रस लेइ चाही। 20 तउ अइसा मनई कबहुँ इ सोचत ही नाहीं कि जिन्नगी केतॅनी छोट स बाटइ। काहेकि परमेस्सर ओहका दिमाग क आनन्द स भरी ही राखी हीं।

धने स खुसी नाहीं मिलत

मइँ जिन्नगी मँ एक अउर बुरी बात लखेउँ ह अउर इ बहोत समान्य अहइ। परमेस्सर कउनो मनई क बहोत स धन देत ह, सम्पत्तियन देत ह अउर आदर देत ह। उ मनई क लगे ओकर जरूरत की चीज होत ह अउर जउन कछू भी उ चाह सकत ह उ भी होत ह। किन्तु परमेस्सर उ मनई क ओन वस्तुअन क भोग नाहीं करइ देत। तबहिं कउनो अजनबी आवत ह अउर ओन सबहिं वस्तुअन क छोरि लेत ह। इ एक बहोत बुरी अउर बियर्थ बात अहइ।

कउनो मनई बहोत दिनन तलक जिअत ह अउर होइ सकत ह ओकर सौ बच्चन होइ जाइँ। किन्तु अगर उ मनई ओन अच्छी वस्तुअन स सन्तुट्ठ नाहीं होत अउर अगर ओकर मउत क बाद कउनो ओका सुमिरत नाहीं तउ मइँ कहत हउँ कि उ मनई स तउ उ बच्चा ही अच्छा अहइ जउन जन्मत ही मरि जात ह। उ बच्चा क कउनो नाउँ नाहीं दीन जात अउर फउरन ही ओका एक अँधेरी कब्र मँ दफनाइ दीन्ह जात ह। उ बच्चा तउ कबहुँ सूरज तउ लखेस ही नाहीं। उ बच्चा कबहुँ कछू नाहीं जानेस किन्तु उ मनई क भाग्ग जउन परमेस्सर क दीन्ह गइ वस्तुअन क कबहुँ आनन्द नाहीं लिहेस, उ बच्चा क जियादा चइन मिलत ह। अगर कउनो मनई दुइ हजार बरिस जिअत ह किन्तु जिन्नगी क आनन्द नाहीं उठावत, तउ का दुइनउँ क अन्त एक समान नाहीं अहइ।

एक मनई लगातार काहे काम करत रहत ह? काहेकि ओका आपन सबइ इच्छा पूरी करइ क अहइँ। मुला उ संतुट्ठ तउ कबहुँ नाहीं होत। इ तरह स एक बुद्धिमान मनई भी एक मूरख मनई स कउनो तरह उत्तिम नाहीं अहइ। एक दीनहीन मनई क बेहतर व्यवहार करइ जान लेइ मँ ओकर का भलाइ अहइ। उ सबइ वस्तुअन जउन तोहरे पास अहइँ, ओनमाँ संतोस करब नीक अहइ बजाय एकरे कि अउर लगन लगी रहइ। सदा जियादा क कामना करत रहब बेकार अहइ। इ वइसे ही अहइ जइसे हवा क धरइ क जतन करब।

10 जउन कछू घटत अहइ ओकर योजना बहोत पहिले बन चुकी होत ह। एक मनई वइसा ही होत ह जइसा होइ बरे ओका बनावा गवा अहइ। हर कउनो जानत ह कि लोग कइसे होत हीं। 11 तउ इ बारे मँ परमेस्सर स तर्क करब बेकार अहइ जउन कि कउनो भी मनई स जियादा सक्तीसाली अहइ। बहोत सी अइसी बातन अहइ जेकर बरे हम कउनो अन्त क तर्क कइ सकत हीं, किन्तु इ कउनो लाभ नाहीं देत ह।

12 कउन जानत ह कि इ धरती पइ मनई क छोटी स जिन्नगी मँ ओकरे बरे सबस अच्छा का अहइ? ओकर जिन्नगी तउ छाया क नाई ढलि जात ह। बाद मँ का होइ कउनो नाहीं बताइ सकत।

सूक्ति संग्रह

सुजस, अच्छी सुगन्धि स उत्तिम अहइ।
    अउर उ दिन जब मनई मरी, इ दिन उ दिन स उत्तिम होइ जब उ पइदा होइ।
उत्सव मँ जाइ स जाब, सदा उत्तिम हुआ करत ह।
    काहेकि सबहिं लोगन क मउत तउ निहचित अहइ। हर जिअत मनई क सोचइ चाही एका।
हँसी क ठहाके स सोक उत्तिम अहइ।
    काहेकि जब हमारे मुखे पइ उदासी क वास होत ह, तउ हमार हिरदय सुद्ध होत हीं।
विवेकी मनई तउ सोचत ह मउत क
    किन्तु मूरख जन तउ बस सोचत रहत हीं कि गुजरइ समय नीक।
विवेकी स निन्दित होब उत्तिम होत ह,
    बनिस्बत एकरे कि मूरख स तारीफ कीन्ह जाइ।
मूरख क ठहाका तउ बेकार होत ह।
    इ वइसे ही होत ह जइसे बर्तन क नीचे काँटे दरदराई।
अत्याचार विवेकी क भी मूरख बनाइ देत ह,
    अउर घूस मँ मिला धन ओकर मति क हर लेत ह।
बात क सुरू करइ स अच्छा ओकर अन्त करब अहइ।
    नम्रता अउर धीरज, गुस्सा दिखावइ अउर अहंकार स उत्तिम अहइ।
किरोध मँ हाली स जिन आवा।
    काहेकि किरोध मँ आउब मूर्खता अहइ।
10 जिन कहा, “अच्छे दिनन क का भएन, तब सबकछू ‘ठीक-ठाक रहेन।’
    इ सवाल बुद्धि स नाहीं आवत हीं।”

11 जइसे वसीयतनामा मँ सम्पत्ति क पाउब अच्छा अहइ वइसे ही बुद्धि क पाउब भी उत्तिम अहइ। जिन्नगी बरे इ लाभदायक अहइ। 12 धने क समान बुद्धि भी रच्छा करत ह। बुद्धि क गियान मनई क जिन्नगी क रच्छा करत ही।

13 परमेस्सर क रचना क लखा। जेका परमेस्सर टेढ़ा कइ देइहीं ओका तू सीधा कर सकत्या। 14 जब जिन्नगी उत्तिम अहइ तउ ओकर रस ल्या मुला जब जिन्नगी कठिन अहइ तउ याद राखा कि परमेस्सर हमका कठिन समय देत अहइ अउर अच्छा समय भी देत अहइ इसलिए भियान का होइ इ तउ कउनो नाहीं जानत।

लोग फुरइ नीक नाहीं होइ सकतेन

15 आपन छोटी स जिन्नगी मँ मइँ सब कछू लखेउँ ह। मइँ लखेउँ ह अच्छे लोग जवानी मँ ही मरि जात हीं। मइँ लखेउँ ह कि बुरे लोग लम्बी आयु तलक जिअत रहत हीं। 16-17 तउ अपने क हलाकान काहे करत अहा? न तउ बहोत जियादा धर्मी बना अउर न ही बुद्धिमान इ तोहका नास करब। न तउ बहोत जियादा दुट्ठ बना अउर न ही मूरख अन्यथा समय स पहिले तू मरि जाब्या।

18 तनिक इ बना अउर तनिक उ। हिआँ तलक कि परमेस्सर क मनवइयन भी कछू अच्छा करिहीं तउ पाप भी। 19-20 निहचय ही इ धरती पइ कउनो अइसा नीक मनई नाहीं अहइ जउन सदा अच्छा ही अच्छा करत ह अउर बुरा कबहुँ नाहीं करत। बुद्धि मनई क सक्ति देत ह। कउनो सहर क दस मूरख सासकन स एक साधारण बुद्धिमान मनई जियादा सक्तीसाली होत ह।

21 लोग जउन बातन कहत रहत हीं ओन सब पइ कान जिन द्या। होइ सकत ह तू आपन सेवक क ही तोहरे बारे मँ बुरी बातन कहत सुना। 22 अउर तू जानत अहा कि तू भी अनेक अवसरन पइ दूसर लोगन क बारे मँ बुरी बातन कहया ह।

23 एन सब बातन क बारे मँ मइँ आपन बुद्धि अउर विचारन क प्रयोग किहा ह। मइँ फुरइ बुद्धिमान बनइ चाहेउँ ह मुला इ तउ असंभव रहा। 24 मइँ समुझ नाहीं पावत कि बातन वइसी काहे अहइँ जइसी उ सबइ अहइँ। कउनो क बरे इ समुझब बड़ा मुस्किल अहइ। 25 मइँ अध्ययन किहेउँ अउर सच्ची बुद्धि क पावइ बरे बहुत कठिन मेहनत किहेउँ। मइँ हर चीज क कउनो कारण हेरइ क प्रयास किहेउँ किन्तु मइँ जानेउँ का?

मइँ जानेउँ कि बुरा होब बेवकूफी बाटइ मूरखपन पागलपन अहइ। 26 मइँ इ भी पाएउँ कि कछू मेहररूअन एक फन्दा क नाई खतरनाक होत हीं। ओनकर हिरदय जाल जइसे होत हीं अउर ओनकर बाहन जंजीरन क तरह होत हीं। जउन लोग परमेस्सर क खुस करत हीं, अइसी मेहररूअन स बच निकरत हीं मुला उ सबइ लोग जउन परमेस्सर क नाखुस करत हीं ओनके जरिये फाँस लीन्ह जात हीं।

27 उपदेसक कहत ह, “इ सब कछू एकत्र कइके इहइ अहइ जउन मइँ पाएस। 28 मोर पूरा खोज बिचार क पाछा इहइ मइँ पाएउँ। हजारन मँ एक ठु मनई रहा जेका एकर छूट रही, कउनो मेहरारु क नाहीं।

29 “इहइ अहइ जउन मइँ पाएन, परमेस्सर लोगन क इमान्दार अउर सीधा बनावत ह, किन्तु लोग जल्द ही आपन राह पावइ बरे जोजना बनावत ह।”

बुद्धि अउर सक्ति

वस्तुअन क जउने तरह एक बुद्धिमान मनई समुझ सकत ह अउर ओनकर बियाख्या कइ सकत ह, वइसे कउनो भी नाहीं कइ सकत ह। बुद्धि एक दुःखी मुँह क खुस मुँहे मँ बदल देत ह।

मइँ तू पचन्स कहत हउँ कि तू पचन्क सदा ही राजा क आग्या मानइ चाही। अइसा एह बरे करा काहेकि तू पचे परमेस्सर क बचन दिहे रह्या। राजा क उपस्थिति स हटि मँ हाली जिन करा अउर बुरा जोजनन मँ सामिल जिन हो। जदि हालात प्रतिकुल होइँ तउ ओकरे इर्द-गिर्द जिन रहा काहेकि उ तउ उहइ करी जउन ओका नीक लागी। आग्यन देइ क राजा क अधिकार अहइ, कउनो नाहीं पूछ सकत कि उ का करत अहइ। जदि हुकुम क पालन करत ह तउ उ सुरच्छित रही। एक बुद्धिमान मनई जानत अहइ कि का उचित ह अउर कब अहइ।

काहेकि सबइ कार्य के लिए उचित समइ अउर रास्ता अहइ, मुला लोग उ प बदकिस्मती स काफी झूठ बोलइही। अगर अगवा अनिहचित होइ। काहेकि भविस्स मँ का होइ इ तउ ओका कउनो भी बताइ नाहीं सकत।

कउनो मँ इ सक्ती नाहीं कि उ हवा क रोक सकत। इहइ तहर स कउनो मनई मँ अइसी सक्ती नाहीं अहइ कि उ आपन मउत क रोकि देइ। जब जुद्ध चलत रहत होइ तउ कउनो भी फउजी क इ अजादी नाहीं अहइ कि उ जहाँ चाहइ चला जाइ। इहइ तरह जदि कउनो मनई बुरा करत ह तउ उ बुराई उ मनई क अजाद नाहीं रहइ देत।

मइँ इ सबइ बातन लखेउँ ह। इ जगत मँ जउन कछू घटत ह ओन बातन क बारे मँ मइँ बड़ी हलबुली मँ सोचेउँ ह उ समइ जब दूसर सासन करइ हीं ओका नोक्सान पहोंचात अहइ। 10 मइँ ओन बुरे मनइयन क बहोत बिसाल सुन्दर ल्हास-जात्रन लखेउँ ह। अउर ल्हास जात्रन क पाछे लोग जब घरे लउटत हीं तउ उ पचे जउन बुरा मनई मरि चुका अहइ ओकरे बारे मँ नीक नीक बातन करत हीं। अइसा उहइ नगर मँ हुआ करत ह जहाँ उ बुरा मनई बहोत स बुरा काम किहेस ह। इ बगैर अरथ क अहइ।

निआव प्रतिदान अउर दण्ड

11 कबहुँ कबहुँ लोग जउन बुरे काम किहेन ह, ओनके बरे ओनका तुरंत दण्ड नाहीं मिलत। एकरे कारण दूसर लोग भी बुरे करम करइ चाहइ लागत हीं।

12 कउनो पापी चाहे सैकड़न पाप करइ ओकर उमिर केतनी ही लम्बी होइ। मुला मइँ इ जानत हउँ कि जे परमेस्सर क सम्मान करब ओकर साथ उत्तिम होब। 13 बुरे लोग परमेस्सर क सम्मान नाहीं करतेन। तउ अइसे लोग अच्छा नाहीं करतेन। उ सबइ बुरे लोग अधिक समइ तलक जिअत नाहीं रइहीं। ओनकर जिन्नगी बूड़त सूरज मँ लम्बी स लम्बी होत जात छाया क नाई बड़ी नाहीं होइहीं।

14 इ धरती पइ एक बात अउर होत ह जउन मोका निआव क लायक नाहीं लागत। बुरे लोगन क संग बुरी बातन घटइ चाही अउर नीक लोगन क संग नीक बातन। मुला कबहुँ कबहुँ नीक लोगन क संग बुरा बातन घटत हीं अउर बुरे लोगन क संग नीक बातन। इ तउ निआव नाहीं अहइ। 15 तउ मइँ निहचय किहेउँ कि जिन्नगी क आनन्द लेब सबसे अच्छा अहइ। काहेकि इ जिन्नगी मँ एक मनई जउन सबसे नीक बात कइ सकत ह उ बाटइ खाब, पिअब अउर जिन्नगी क रस लेब। एहसे कम स कम मनई क इ धरती पइ ओकरे जिन्नगी क दौरान परमेस्सर करइ बरे जउन कठिन काम दिहेस ह ओकर आनन्द लेइ मँ मदद मिली।

16 इ जिन्नगी मँ लोग जउन कठिन काम करत हीं ओकर मइँ बड़े धियान क साथ अध्ययन किहेउँ ह। मइँ लखेउँ ह कि लोग केतना व्यस्त अहइँ। उ पचे अक्सर बगैर सोए राति दिन कामे मँ लगा रहत हीं। 17 परमेस्सर जउन करत ह ओन बहोत स बातन क भी मइँ लखेउँ ह कि धरती पइ परमेस्सर जउन कछू करत ह, लोग ओका समुझ नाहीं सकतेन। ओका समुझइ बरे मनई बार बार जतन करत ह। मुला फुन भी समुझ नाहीं पावत। अगर कउनो बुद्धिमान मनई इ भी कहइ कि उ परमेस्सर क कामन क समुझत ह तउ इ भी फुरइ नाहीं बाटइ। ओन सब बातन क तउ कउनो भी समुझ हीं सकत।

का मउत उचित अहइ?

मइँ इन सबहिं बातन क बारे मँ बड़े धियान स सोचेउँ ह अउर लखेउँ ह कि नीक अउर बुद्धिमान लोगन क संग जउन घटित होत ह अउर उ पचे जउन काम करत हीं ओन पर नियंत्रण परमेस्सर करत ह। लोग नाहीं जानतेन कि ओनका पिरेम मिली या घिना अउर लोग नाहीं जानतेन कि भियान का होइवाला अहइ।

किन्तु एक ठु बात अइसी अहइ जउन हम सबन क संग घटत ह-हम सबहिं मरित ह। मउत नीक लोगन क भी आवत ह अउर बुरे लोगन क भी। अपित्तर लोगन क जइसा पवित्तर लोगन क भी मउत आवत ह। धर्मी लोग जउन बलिदान चढ़ावत ह उ भी वइसे ही मरत ह जइसे उ लोग जउन बलिदान नाहीं चढ़ावत ह। अच्छे लोग भी बुरे लोग जइसा मरत हीं। उ मनई जउन परमेस्सर क बिसेस बचन देत ह, उ भी वइसे ही मरत ह जइसे उ मनई जउन परमेस्सर क बचन देइ स घबरात ह।

इ जिन्नगी मँ जउन भी कछू घटित होत ह ओहमाँ सबसे बुरी बात इ अहइ कि सबहि लोगन क अंत एक ही तरह स होत ह। साथ ही इ भी बहोत बुरी बात अहइ कि लोग जिन्नगी भर सदा ही बुरे अउर बेवकूफी स भरे विचारन मँ पड़ा रहत हीं अउर आखिर मँ मरि जात हीं। हर उ मनई क बरे जउन अबहिं जिअत अहइ, एक आसा बची अहइ। एहसे कउनो अंतर नाहीं पड़त कि उ कउन अहइ? इ कहावत फुरइ अहइ:

कउनो मरे भए सेर स एक जिअत कूकूर नीक अहइ।

जिअत लोग जानत हीं कि ओनका मरब अहइ। किन्तु मरे भए तउ कछू भी नाहीं जानतेन। मरे भएन क कउनो अउर प्रतिदान नाहीं मिलत। लोग ओनका हाली ही बिसरि जात हीं। कउनो मनई क मरि जाए क पाछे ओकर पिरेम घिना अउर ईर्स्या सब समाप्त होइ जात हीं। मरा भवा मनई संसार मँ जउन कछू होत अहइ, ओहमाँ कबहुँ हींसा नाहीं बटावत।

जिन्नगी क आनन्द ल्या जबकि तू लइ सकत ह

तउ तू अब जा अउर आपन खइया क खा अउर ओकर आनन्द ल्या। आपन दाखमधु पिआ अउर खुस रहा। अगर तू इ सबइ बातन करत अहा तउ इ सबइ बातन परमेस्सर स समर्थित अहइँ। उत्तिम ओढ़ना पहिरा अउर सुन्नर दिखा। जउन पत्नी क तू पिरेम करत अहा ओकरे संग जिन्नगी क भोग करा। आपन अरथहीन जिन्नगी क जेका परमेस्सर तोहका इ धरती मँ दिहस, उ सबइ क बरे जेका तू अपने जिन्नगी मँ पाइ, इ संसार मँ कठिन करम करइ क पाइ, स हर एक दिन क आनन्द ल्या। 10 जेका तू कइ सकत ह, एका तू जेतॅनी उत्तिमता स कइ सकत ह करा। कब्र मँ तउ कउनो काम होइ ही नाहीं। हुआँ न तउ चिन्तन होइ, न गियान अउर न विवेक अउर मउत क उ ठहर क हम सबहिं तउ जात अही।

सौभाग्य? दुर्भाग्य? हम कर का सकित ह?

11 मइँ इ जिन्नगी मँ कछू अउर बातन लखेउँ ह। सबसे जियादा दउड़इवाला सदा ही दउड़ मँ नाहीं जीतत, सक्तीसाली सेना ही जुद्ध मँ सदा नाहीं जीतत। सबसे जियादा बुद्धिमान मनई ही सदा कमाई क नाहीं खात। सबसे जियादा चुस्त मनई ही सदा धन दौलत हासिल नाहीं करत ह अउर एक पढ़ा लिखा मनई ही सदा वइसी तारीफ नाहीं पावत जइसी तारीफ क उ जोग्ग अहइ। जब समय आवत ह तउ हर कउनो क संग बुरी बातन घट जात हीं।

12 कउनो भी मनई इ नाहीं जानत ह कि एकरे पाछे ओकरे संग का होइवाला अहइ। उ जाल मँ फँसी उ मछरी क नाई होत ह जउन इ नाहीं जानत कि आगे का होइ। उ उ जाल मँ फँसी चिरइया क समान होत ह जउन इ नाहीं जानत कि का होइवाला अहइ? इहइ प्रकार मनई ओन विपत्ति मँ फाँस जात अहइ, जे ओन प हाली अहइ।

विवेक क सक्ति

13 इ जिन्नगी मँ मइँ एक मनई क एक विवेकपूर्ण कार्य करत लखेउँ ह अउर मोका इ बहोत महत्वपूर्ण लाग ह। 14 एक ठु नान्ह स नगर भवा करत रहा। ओहमाँ थोड़ा स लोग रहत रहेन। एक बहोत बड़ा राजा ओकरे खिलाफ जुद्ध किहेस अउर नगर क चारिहुँ कइँती आपन फउज लगाइ दिहस। 15 [a] उहइ नगर मँ एक बुद्धिमान मनसेधू रहत रहा। उ बहोत निर्धन रहा। किन्तु उ उ नगर क बचावइ बरे आपन बुद्धि क उपयोग किहस। जब नगर क बिपद टरि गइ अउर सब कछू खतम होइ गवा तउ लोग उ गरीब क बिसारि दिहन। 16 किन्तु मइँ लखइ अहइ कि बल स बुद्धि स्रेस्ठ बाटइ। जदपि लोग गरीब मनई क बुद्धि क नज़र-अन्दाज़ कइ देत अहइ ओका नाहीं सुनत अहइ।

17 धीमे स बोलि गएन, विवेकी क तनिक स सब्द जियादा उत्तिम होत हीं,
    बजाय ओन अइसे सब्दन क जेनका मूरख सासक ऊँची आवाज मँ बोलत ह।
18 बुद्धि, ओन भोलन स अउर अइसी तरवारन स उत्तिम अहइ, जउन जुद्ध मँ काम आवत हीं।
    बुद्धिहीन मुला एउटा मनई, बहोत स उत्तिम बातन नस्ट कइ सकत ह।

10 कछू मरी भइ माखियन सर्वोत्तम सुगंध तलक क दुर्गधिंत कइ सकत हीं। इहइ तरह छोटी सी बेवकूफी स समूनइ बुद्धि अउर प्रतिस्ठा नस्ट होइ सकत ह।

बुद्धिमान क विचार ओका उचित मारग पइ लइ चलावत हीं। किन्तु मूरख क विचार ओका बुरे रस्ते पइ लइ जात हीं। मूरख की मूरखता स्पस्ट हो जात ह जउन उ राह पइ चलत मात्र सुरू करत ह। हर मनई लखि सकत ह कि उ मूरख अहइ।

तोहार अधिकारी तोहसे रिसियान अहइ, बस इहइ कारण स आपन काम कबहुँ जिन तजा। अगर तू सांत अउर सहायक बना रहा तउ बड़की स बड़की गलतियन क सुधार सकत अहा।

अउर लखा इ बात कछू अलग अहइ जेका मइँ इ जिन्नगी मँ लखेउँ ह। इ बात निआवोचित भी नाहीं अहइ। इ वइसी भूल अहइ जइसी सासक जिया करत हीं। मूरख मनइयन क महत्वपूर्ण पद दइ दीन्ह जात हीं अउर धनी मनई अइसे कामन क पावत हीं जेनकर कउनो महत्व नाहीं होत। मइँ अइसे मनई लखेउँ ह जेनका नोकर होइ चाही रहा। किन्तु उ पचे घोड़न पइ चढ़ा रहत हीं। जबकि उ पचे मनई जेनका सासक होइ चाही रहा, नोकर क नाई ओनके आगे पाछे घूमत रहत हीं।

हर कामे क आपन खतरा अहइँ

उ मनई जउन कउनो गड़हा खनत ह ओहमाँ गिर भी सकत ह। उ मनई जउन कउनो देवारे क गिरावत ह, ओका साँप काट भी सकत ह। एक मनई जउन बड़के बड़के पाथरन क ढकेलत ह, ओनसे चोट भी खाइ सकत ह अउर उ मनई जउन बृच्छन क काटत ह, ओकरे बरे उ खतरा भी बना रहत ह कि बृच्छ ओकरे ऊपर न भहराइ जाइ।

10 किन्तु बुद्धि क कारण हर काम आसान होइ जात ह। भोंटे, बेधार चाकू स काटब बहोत कठिन होत ह किन्तु अगर उ आपन चाकू पइना कइ ले तउ काम आसान होइ जात ह। बुद्धि इहइ प्रकार क अहइ।

11 कउनो मनई इ जानत ह कि कीरा क बस मँ कइसे कीन्ह जात ह किन्तु जब उ मनई आस पास नाहीं अहइ अउर कीरा कउनो क डस लेत ह तउ उ बुद्धि बेकार होइ जात ह। बुद्धि इहइ प्रकार क अहइ।

12 बुद्धिमान क सब्द तारीफ दियावत हीं।
    किन्तु मूरख क सब्दन स बिनास होत ह।

13 एक ठु मूरख मनई बेवकूफी स भरी बातन कहिके सुरूआत करत ह। अउर आखिर मँ उ पागलपन स भरी भइ खुद क ही नोस्कान पहोंचावइ वाली बातन कहत ह। 14 एक मूरख मनई मूरख बातन बोलइ से कबहुँ नाहीं रूकत ह। किन्तु भविस्स मँ का होइ इ तउ कउनो नाहीं जानत। भविस्स मँ का होइ जात अहइ, इ तउ कउनो बताइ ही नाहीं सकत।

15 मूरख ऍतना चतुर नाहीं कि आपन घरे क मारग पाइ जाइ।
    एह बरे ओका तउ जिन्नगी भइ कठोर काम करब अहइ।

करम क मूल्य

16 कउनो देस क बरे इ बहोत बुरा अहइ कि ओकर राजा कउनो बच्चे जइसा होइ अउर कउनो देस क बरे इ बहोत बुरा अहइ कि ओकर अधिकारी आपन सारा समय खाइ मँ ही गुजारत होइँ। 17 मुला कउनो देस क बरे इ बहोत अच्छा अहइ कि ओकर राजा कउनो उत्तिम बंस क होइ। कउनो देस बरे इ बहोत उत्तिम अहइ कि ओकर अधिकारी आपन खाइ अउर पिअइ पर काबू रखत हीं। उ सबइ अधिकारी बलसाली होइ बरे खात पिअत हीं ब कि मतवाले होइ जाइ बरे।

18 अगर कउनो मनई काम करइ मँ सुस्त अहइ,
    तउ ओकर घर टपकब सुरू कइ देइ अउर ओकरे घर क छत ध्वंस्त होइ जाब।

19 लोग भोजन क आनन्द लेत हीं अउर दाखरस जिन्नगी क अउर जियादा खुसियन स भरि देत हीं। किन्तु धन बहोत समस्या क हल करइ देत ह।

निन्दा स भरी बातन

20 राजा क बारे मँ बुरी बातन जिन करा। ओकरे बारे मँ बुरी बातन सोचा तलक जिन। संपन्न मनइयन क बारे मँ भी बुरी बातन जिन करा। चाहे तू आपन घरे मँ अकेल्ले ही काहे न ह्वा। काहेकि होइ सकत ह कउनो एक छोटी सी चिरइया उड़िके तू जउन कछू कहया ह, उ हर बात ओनका कहइ देइ।

निर्भीक होइके भविस्स क सामना करा

11 तू जहाँ भी जा, हुवाँ उत्तिम काम करा। थोड़े समय पाछे तोहरे उत्तिम कार्य वापिस लउटिके तोहरे लगे अइहीं।

जउन कछू तोहरे लगे अहइ ओकर कछू भाग सात, आठ अलग-अलग चिजियन पइ खरच कइ द्या। तू जान ही नाहीं सकत्या कि इ धरती पइ कब का बुरा घटि जाइ?

कछू बातन अइसी अहइँ जेनके बारे मँ तू निहचित होइ सकत ह। जइसे बादल बर्खा स भरा अहइँ तउ उ सबइ धरती पइ जल बरसइहीं ही। जदि कउनो बृच्छ गिरत ह चाहे दाहिनी कइँती गिरइ, चाहे बाई तरफ गिरत ह। उ हुवँइ पड़ा रही जहाँ उ गिरा अहइ।

किन्तु कछू बातन अइसी होत हीं जेनके बारे मँ तू निहचित नाहीं होइ सकत्य। फुन भी तोहका एक मौका तउ लेइ ही चाही। जइसे अगर कउनो मनई पूरी तरह स उत्तिम मौसम क इंतजार करत रहत ह तउ उ आपन बीज बोइ ही नाहीं सकत ह अउर इहइ तरह कउनो मनई इ बात क डेरात रहत ह कि हर बादल बरसी ही तउ उ आपन फसल कबहुँ नाहीं काटि सकी।

हवा कहाँ स आवत अहइ तू नाहीं जान सकत्या। तू नाही जानत्या कि महतारी क गरभ मँ बच्चा प्राण कइसे पावत ह इहइ तरह तू इ नाहीं जान सकत्या कि परमेस्सर का करी? सब कछू क घटित करइवाला तउ उहइ अहइ।

एह बरे भिंसार होत ही रोपाई सुरू कइ द्या अउर दिन ढले तलक काम जिन रोका। काहेकि तू नाहीं जानत्या कि कउन स बीज सफलता स उगब-होइ सकत ह इहइ या उहइ या सबइ क सब।

जिअत रहब उत्तिम अहइ। सूरज क प्रकास लखब नीक अहइ। तोहका आपन जिन्नगी क हर दिन क आनन्द उठावइ चाही। तू चाहे केतनी ही लम्बी उमिर पावा। पर याद राखा कि तोहका मरब अहइ अउर तू जेतने समय तलक जिए अहा ओहसे कहूँ जियादा समय तलक तोहका मरा रहब अहइ अउर मरि जाए क पाछे तउ तू कछू कर नाहीं सकत्या।

जवानी मँ ही परमेस्सर क सेवा करा

तउ हे जवानो! जब तलक तू जवान अहा, आनन्द मनावा। खुस रहा। अउर जउन तोहार मन चाहइ, उहइ करा। जउन तोहार रच्छा होइ उ करा। किन्तु याद राखा कि तोहरे हर कामे बरे परमेस्सर तोहार निआव करी। 10 किरोध क खुद पइ काबू जिन पावइ द्या अउर आपन सरीर क भी कस्ट जिन द्या। तू जियादा समय तलक जवान नाहीं बना रहब्या।

बुढ़ाई क सबइ समस्या

12 लरकपन स ही आपन बनावइ वाला क सुमिरन करा। एहसे पहिले कि बुढ़ाई क बुरे दिन तोहका आइके घेरइँ। पहिले एकरे कि तोहका इ कहइ क पड़इ कि, “हाय, मइँ जिन्नगी क रस नाहीं लइ सकत्या।” लरकपन स ही आपन बनावइ वाला क सुमिरन करा।

जब तू बुढ़वा होब्या तउ सूरज चन्द्रमा अउर सितारन क रोसनी तोहका अँधियारी लगिहीं। अउर तोहार समस्या लगातार वापस आत रहब्या अउर इ सबइ समस्या ओन बादलन क तरह ही होइहीं जउन बर्खा करत हीं अउर सीघ्र वापस नाहीं छटँत हीं।

उहइ समइया तोहार बलवान भुजन निर्बल होइ जइहीं। तोहार सुदृढ़ गोड़ कमजोर होइ जइहीं। तू आपन कछू बचे भए दाँतन क संग खाना तलक भी चबाइ नाहीं सकत्या। अँखियन स साफ देखाई तलक नाहीं देइ। तू बहिर होइ जाब्या। बाजार क सोर भी तू सुनि नाहीं पउब्या। चलत चक्की भी तोहका सांत देखाइ देइ। तू बड़ी मुस्किल स लोगन क गावत सुन पउब्या। मूला चिरइयन क चहचहाट तोहका जगाई देब तू बढ़िया नींद स नाहीं सोइ सकब।

चढ़ाइवाले जगहियन स तू डेराइ लगब्या। राहन क हर नान्ह स नान्ह चीज स तू डेराइ लगब्या कि तू कइँ ओह पइ ठोकर खाइके गिर परब। तोहार बाल बादाम क फूलन क नाई उज्जवर होइ जइहीं। तू जब चलब्या तउ उ प्रकार घेरीत चलब्या जइसे कउनो टिड्डा होइ। तू अपन जीअइ क इच्छा खो देब्या। फुन तोहका आपन क भीतरी नवा घर यानी तोहार कब्र मँ नित निवास बरे जाइ क होइ अउर तोहार मुर्दनी मँ सामिल लोगन क भीड़ स गलियन भरि जइहीं।

मउत

अबहिं जब तू जवान अहा, आपन बनावइवाला क याद राखा।
    एकरे पहिले कि चाँदी क डोर टूटि जाइ। अउर सोना क पात्र टूटिके बिखर जाइ।
एकरे पहिले कि तोहार जिन्नगी बेकार होइ जाइ जइसे कउनो कुएँ लगे पात्र टूट पड़ा होइ।
    एकरे पहिले कि तोहार जिन्नगी उ पाथर जइसे होइ जाइ जेका उपयोग दीवार क ढाकन मँ किया जात अहइ, मुला उ टूट कइ इ मँ गिर परत ह।
तोहार देह माटी स उपजी अहइ
    अउर जब मउत होइ तउ तोहार उ देह वापिस माटी होइ जाइ।
किन्तु इ प्राण तोहार परमेस्सर स आवा अहइ
    अउर जब तू मरब्या, तोहार इ प्राण वापिस परमेस्सर क लगे जाइ।

सब कछू बेकार अहइ, उपदेसक कहत ह कि सब कछू बियर्थ अहइ।

निस्कर्स

उपदेसक बहोत बुद्धिमान रहा। उ लोगन क सिच्छा देइ मँ आपन बुद्धि क प्रयोग करत रहा। उपदेसक बड़ी होसियारी स अध्ययन किहस अउर अनेक सूवितयन क व्यवस्थित किहस। 10 उपदेसक उचित सब्दन क बचन बरे कठिन मेहनत किहस अउर उ एन सीखन क लिखेस जउन फुरइ अहइँ अउर जेन पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।

11 विवेकी मनइयन क बचन ओन नोकीली छड़ियन क समान होत हीं जेनकर उपयोग पसुअन क उचित मारग पइ चलावइ बरे कीन्ह जात ह। इ सबइ उपदेसक ओन मजबूत खूँटन क समान होत हीं जउन कबहुँ टूटतेन नाहीं। जिन्नगी क उचित मारग देखावइ बरे तू एन उपदेसकन पइ बिस्सास कइ सकत ह। उ सबइ सबहिं विवेक स पूरी सीखन उहइ गड़रिया (परमेस्सर) स आवत हीं। 12 तउ पूत! एक चिताउनी अउर लोग तउ सदा पुस्तकन लिखत ही रहत हीं। बहोत जियादा अध्ययन तोहका बहोत थकाइ देइ।

13-14 इ सब कछू क सुन लेइ क पाछे अब एक अन्तिम बात इ बतावइ क बाटइ कि परमेस्सर क आदर करा अउर ओकरे आदेसन पइ चला काहेकि इ नियम हर मनई पर लागू होत ह। काहेकि लोग जउन करत हीं, ओका हिआँ तलक कि ओनकी छिपी स छिपी बातन क भी परमेस्सर जानत ह। उ ओनकर सबहिं नीक बातन अउर बुरी बातन क बारे मँ जानत ह। मनई जउन कछू भी करत हीं उ हर एक करम क उ निआव करी।

सुलैमान क स्रेस्ठ गीत।

सस्प्रेमिका क आपन प्रेमी क खातिर

ओकरे ओंठन क चुम्बनन स मोका ढाँपि लेइ द्या।
    तोहार पिरेम दाखरस स भी मीठा अहइ।
तोहार इत्र क सुगन्ध मोहक अहइ,
    मुला तोहार नाउँ मोरे बरे मूल्यवान इत्र स भी जियादा मोहक अहइ!
    इहइ कारण अहइ कि कुँवरियन तोहसे पिरेम करत हीं!
हे मोर राजा, तू मोका आपन संग लइ ल्या।
    हाली चला!

राजा मोका आपन कमरा मँ लइ आवा ह।

मनसेधू क बरे यरूसलेम क मेहररूअन

हम तोहमाँ आनन्दित अउ मगन अही।
    हम मानत अही कि तोहार पिरेम दाखरस स उत्तिम अहइ।
    अच्छा कारण क बरे कुँवरियन तोहसे पिरेम करत हीं।

मेहरारु क बचन मेहररुअन बरे

हे यरूसलेम क बिटियो,
    मइँ करिया हउँ, मुला मइँ सुन्नर हउँ। मइँ केदार क तम्बुअन जइसा अउ सलमोन[b] क तम्बूअन क पर्दा जइसे करिया हउँ।
किन्तु मोका करिया मँ सामिल जिन करा।
    इ सूरज अहइ जउन मोका करिया कइ दिहस ह।
मोर भइयन एकर कारण अहइँ।
    उ मोका आपन अंगूरे क बगीचन क रखवारी करइ बरे मज़बूर किहेन ह।
    एह बरे मइँ आपन क धियान नाहीं रखि सकेउँ।

मेहरारू क बचन मनसेधू क बरे

मइँ तोहका आपन पूरी आतिमा स पिरेम करत हउँ।
    मोर सच्चा पिरेमी, मोका बतावा कि तू आपन भेड़िन क कहाँ चरावत अहा?
    दुपहरिया मँ ओनका आराम करइ बरे कहाँ बइठावत अहा?
मोका अइसी एक ठु लड़िकी क लगे काहे होइ चाही
    जउन घूँघट डारिके तोहरे मीतन क झुण्डन क रखवारी करत ह।

मनसेधू क बचन मेहरारू बरे

हे मेहररुअन सबन त सुन्नरी,
    अगर तू नाहीं जानत ह मइँ कहाँ होब,
तउ भेड़ियन क पथ पाछा करा।
    तोहार बोकरियन क बच्चन क गड़रियन क तम्बुअन क लगे चरा।
हे मोर प्रिय मइँ तोहार तुलना उ घोड़ी स करत हउँ
    जउन घो़ड़िन फिरौन क रथ क हींचइवाल घोड़न क आकर्सित करत ह।
10 मइँ तोहार कल्पना चाँदी अउर रतन स सज़ा भवा घोड़ा स कइ सकत हउँ।
    तोहार गाल खूबसूरत आभूसण अउर कर्नफूल स भवा अहइ।
तोहार गर्दन पइ माला बहोत सुन्नर लगत अहइँ।
11 जउन सोना अउर चाँदी क पत्तर लागत ह
    खास तोहरे बरे बना अहइँ।

मेहरारू क बचन

12 जब राजा गद्दी पइ लेटत अहइ,
    मोरे इत्र क सुगन्ध ओह तलक पहोंचत ह।
13 मोर प्रियतम रस गन्ध क कुप्पे जइसा अहइ।
    उ मोरे सीते क बीच सारी रात सोइ।
14 मोर प्रिय मोरे बरे मेंहदी क फूलन क गुच्छन जइसा अहइ
    जउन एनगदी क अंगूरे क बगीचे मँ फलत ह।

मनसेधू क बचन

15 मोर प्रिये, तू रमणीय अहा।
    ओह, तू केतनी सुन्नर अहा।
    तोहार आँखिन कबूतरन क जइसी सुन्नर अहइँ।

मेहरारू क बचन

16 हे मोर प्रियतम, तू केतना सुन्नर अहा।
    हाँ, तू केतना मनमोहक अहा।
हमार बिछाउन केतना ताज़ा अउर आनन्दित महक प्रदान करत हीं।
17     हमार घरे क छत देवदारू क पउधन स बना अहइँ।
    अउर देवारन सनोवर पउधन स बना अहइँ।

मइँ सारोन क केसर क पाटल जइसा हउँ।
    मइँ घाटियन क कोका बेली हउँ।

मनसेधू क बचन

हे मोर प्रिये, दूसर जुवतियन तुलना मँ
    तू वइसी ही अहा माना काँटन क झारी क बीच लिली अहा।

मेहरारू क बचन

मोर प्रिय, दूसर नउजवानन क बीच तू अइसे लागत अहा
    जइसे जंगले क बृच्छन मँ कउनो सेब क पेड़।

मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे

मोका आपन प्रियतम क छाया मँ बइठब नीक लागत ह;
    ओकर फल मोका खाइ मँ बहोत मीठ लागत ह।
मोर प्रिय मोका मधुसाला मँ लइ आवा
    अउर मोका आपन पिरेम क बारे मँ एक झण्डा क नाईं लहराइके स्पस्ट किह्या।
मइँ पिरेम क रोगी हउँ एह बरे किसमिस स मोका मज़बूत बनावा
    अउर मीठा सेबन स मोका ताजा करा।
ओकरे बाँया हाथ मोर मुड़ि क पिआर स छुअत हीं,
    अउर ओकर दाहिन हाथ सरीर क पिआर स छुअत हीं।

यरूसलेम क कुँवरियन कुरंगन अउ जंगली हिरनियन क साच्छी मानिके मोका बचन द्या,
    पिरेम क जिन जगावा
    अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ![c]

मेहरारू क बचन

मइँ आपन प्रियतम क अवाज अनकत हउँ।
    इ पहाड़न स उछरत भइ
    अउर पहाड़ियन स कूदत भइ आवत ह।
मोर प्रियतम कुरंग या जवान हरिन जइसा सुन्नर अहइ।
    लखा, उ हमरी देवारे क पीछे खड़ा अहइ,
    खिरकी स लखत अहइ, पर्दा क छेद स झाँकत अहइ।
10 मोर प्रियतम मोसे बोलत ह:
“हे मोर प्रिये, उठा, हे मोर सुन्नरी,
    आवा कहूँ चली।
11 लखा, सीत-रितु बीत गइ अहइ।
    बर्खा खतम होइ गइ अउ चली गइ अहइ।
12 धरती पइ फूल खिले भए अहइँ।
    चिरइयन क गावइ क समइ आइ ग अहइ।
    धरती पइ कबूतरे क अवाज गूँजत अहइ।
13 अंजीर क बृच्छन पइ अंजीर, पकइ लागेन हँ।
    अंगूरे क बेल फूलत अहइँ अउर ओनकर भीती गन्ध फइलत अहइ।
मोर प्रिय उठा, हे मोर सुन्नर,
    आवा कहूँ दूर चली।”

मनसेधू क बचन

14 हे मोर कबूतर, जउन ऊँच चट्टानन क सबइ गुफा मँ अउर पहाड़न मँ लुकान अहा,
    मोका आपन मुँह देखावा
मोका आपन आवाज सुनावा काहेकि तोहार आवाज मीठ
    अउ तोहार मुँह सुन्नर अहइ।

मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे

15 जउन नान्ह लोखरियन दाख क बगियन क बिगाड़त ही
    हमरे बरे ओनका धरा।
    हमार अंगूर क बगियन अब फूलत अहइँ।

16 मोर प्रिय मोर अहइ
    अउर मइँ ओकर हउँ।
मोर प्रिय आपन भेड़ी बोकरियन क
    कोकाबेलियन क बीच चरावत ह,
17 हे प्रियतम, कुरंग स या जवान हरिन स रहा,
    जब तलक दिन नाहीं ढल जात ह
अउर छाया लम्बी अउर खतम नाहीं होइ जात ह
    पहाड़न पइ चला।

मेहरारू क बचन

हर राति आपन सेज पइ मइँ
    आपन मने मँ ओका हेरत हउँ।
जउन मनसेधू मोर प्रिय अहइ,
    मइँ ओका हेरेउँ ह, मुला मइँ ओका नाहीं पाएउँ।
अब मइँ उठब।
    मइँ सहर क चारिहुँ गलियन, बजारन मँ जाब।
मइँ ओका हेरब जेका
    मइँ पिरेम करत हउँ।

मइँ उ मनसेधू हेरेउँ
    उ मोका नाहीं मिला।
मोका सहर क पहरेदारी मिलेन।
    मइँ ओनसे पूछेउँ, “का तू उ मनसेधू क लख्या जेका मइँ पियार करत हउँ?”

पहरेदारन स मइँ अबहिं तनिक दूर गएउँ
    कि मोका मोर प्रियतम मिलि गवा।
मइँ ओका धइ लिहेउँ।
    मइँ ओका जाइ क अनुमति नाहीं दिहा
अउर मइँ ओका आपन मताहरी क घरे लइ आवा,
    मइँ ओका उ कमरा मँ लइ आवा जहाँ पइ उ मोका जनम दिहे रहा।

मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे

हे यरूसलेम क कुँवरियन,
    कुरंगन अउ जंगली हिरणियन क साच्छी मानिके मोका बचन द्या,
पिरेम क जिन जगावा अउ उसकावा
    जब तलक एकर इच्छा न होइ।

यरूसलेम क मेहररुअन बोलेस:

इ मेहरारु कउन अहइ
    जउन धूल क बादर क संग रेगिस्तान स होत भए आवत हीं,
अउर गन्धरस अउर लोबान अउ उ सबइ तरह क खुसबू
    जउन व्यपारियन रखत ह स सुगन्धित अहइ?

सुलैमान क पालकी क लखा।
    ओन जात्र क पालकी क साठ फउजी घेरे भए अहइँ। इस्राएल क सक्तीसाली फउजी।
उ पचे सबहिं फउजी तरवारन स सुन्नर ढंग स सज्जित अहइँ।
    जउन जुद्ध मँ निपुण अहइँ;
    हर मनई क बगल मँ तरवार लटकत अहइ,
    जउन राति क खउफनाक खतरन बरे तइयार अहइँ।

राजा सुलैमान लोगन स एक ठु पालकी
    लेबानोन क देवदारू काठे स बनावाए रहा।
10 उ जात्रा क पालकी क बल्लन क चाँदी स बनाएस
    अउर ओकर टेक सोना स बनावा गवा।
पालकी क गद्दी क उ बैंगनी ओढ़ना स ढाँपि दिहस
    अउर इ यरूसलेम क बिटियन क जरिये पिरेम स बुना गवा रहा।
11 सिय्योन क बिटियो,
    बाहेर आइके राजा सुलैमान क ओकरे मुकुट क साथ लखा
जउन ओका ओकर महतारी उ दिन पहिराए रही
    जब उ बियाहा गवा रहा,
    उ दिन उ बहोत खुस रहा।

मनसेधू क बचन मेहरारू बरे

मोर प्रिये, तू बहोत सुन्नर अहा।
    घूँघट क ओट मँ तोहार आँखिन कबूतरे क आँखिन जइसी सरल अहइँ।
तोहार केस लम्बा अउ
    लहरात भवा अहइँ
जइसे बोकरी क बच्चन
    गिलाद क पहाड़ क ऊपर स नाचत उतरत होंइ।
तोहार दाँत एक भेड़न क झुण्ड जइसे अहइँ
    जउन धोइके निकर आई;
हरेक भेड़ जुड़ौवा बच्चन रखत हीं;
    ओकर बच्चन मँ स कउनो भी गाएब नाहीं होत हीं।
तोहार ओंठ लाल धागा जइसा अहइ।
    तोहार मुँह सुन्नर अहइ।
तोहार गाल घूँघट क खाले
    अनार क दुइ फाँकन क जइसी अहइँ।
तोहार गटइ पातर अउर ऊँच अहइ
    जइसा दाऊद क मीनार
जउन कि हज़ारन सुनहरी ढालन क संग
    पाथरन क कतारन क ऊपर बना अहइ।
    हर ढाल जोद्धन क अहइ।
तोहार दुई चूचियन जुड़वा दुई बाल हरिण जइसे अहइँ,
    जइसे जुड़वा कुरंग
    लिलियन क बीच चरत होइ।
मइँ गन्धरस क पहाड पइ जाब।
    मइँ पहाड़ी पइ तब तलक जाब
जब तलक सुबह की सुहावनी हवा न बहइ
    अउर अंधेरापन फीका न होइ जाइ।
मोर प्रिये, तू केतना अद्भुत अहा।
    कउनो दोख तोहार सुन्नरता क नाहीं लिहेस ह।
ओ मोर दुलहिन, लबानोन स आवा,
    लबानोन स मोर संग आइ जा,
मोरे साथ आइ जा, अमाना क चोटी स,
    सनीर क ऊँचाई स सेर क गुफन स
    अउर चीतन क पहाडन स आवा।
हे मोर बहिन, हे मोर दुलहिन,
    तू मोका उत्तेजित करति अहा।
तू मोर हिरदइ क आपन आँखिन क सिरिफ एक नज़र स
    अउर आपन माला क बस एक ही रतन स,
    कब्जा कइ लिहा ह।
10 मोर बहिन,[d] हे मोर दुलहिन,
    तोहार पिरेम केतना आनन्दप्रद अहइ!
तोहार पिरेम दाखरस स जियादा उत्तिम बाटइ,
    तोहार इत्र क सुगन्ध कउनो भी सुगन्धि स उत्तिम अहइ।
11 तोहारे ओंठन स मधु टपकत ह।
    तोहरी जीभ क खाले मँ सहद अउ दूध अहइ।
तोहारे ओढ़नन क गंध लबानोन क देवदारू जइसी अहइ।
12 मोर बहिन, हे मोर दुलहिन,
    तू ताला लगा भवा बाग जइसी अहइ।
तू रोका भवा तालाब क जइसा
    अउर बंद कीन्ह गवा फ़व्वारा जइसा अहइ।
13 तोहार अंग उ उपवन जइसे अहइँ
    जउन अनार अउर मोहक फलन स भरा होइ,
जेहमाँ मेंहदी अउर जटामासी क फूल भरा होइ;
14     जेहमाँ जटामासी, केसर,
मुस्क अउ दालचीनी अउर हर तरह क मसाला,
    गन्धरस, अगर अउ सबइ उत्तिम मसाला भरा होइँ।
15 तू एक फव्वारे क बा़ग क नाईं,
    एक ताज़ा पानी क कुवाँ क नाईं,
अउर एक झरना होई
    जउन लबानोन पहाड़ी स खाले बहत ह।

मेहरारू क बचन

16 जागा, हे उत्तर क हवा।
    आवा, तू दक्खिन पवन।
मोरे उपवन पइ बहा।
    जेहसे एकर मीठ, गन्ध चारिहुँ ओर फइल जाइ।
मोर प्रिय मोरे उपवन मँ प्रवेस करइ
    अउर उ एकर मीठ फल खाइ।

मनसेधू क बचन

मोर बहिन, हे मोर दुलहिन, मइँ आपन बा़ग मँ प्रवेस कइ लिहउँ ह।
    मइँ आपन गन्धरस क सुगन्धित मसाला बटोरेउँ ह।
मइँ आपन सहद क छत्ता क सहद समेत खाइ चुकेउँ ह;
    मइँ आपन दाखरस अउ दुध पी चुकेउँ ह।

मेहररुअन क बचन प्रेमियन बरे

हे मीतो, खा, हे प्रेमियो, पिआ।
    पिरेम स मस्त होइ जा।

मेहरारू क बचन

मइँ सोवत हउँ
    किन्तु मोर दिमाग सपना मँ जागत रहा।
मइँ एक ध्वनि सुनेउँ!
मोर प्रियतम दुआरे पइ दस्तक देत रहा!
    “मोरे बरे खोला, मोर बहिन, मोर प्रिये,
    मोर फाख़ता, मोर निर्मल!
मोरे सिरे ओस स गीला होइ गवा ह,
    मोर केस राति क नमी स भीगा अहइँ।” मेहरारु दबवा देत हीं:

मइँ आपन ओढ़ना उतार दिहेउँ ह।
    मइँ एक फुन स पहिरइ चाहत हउँ।
मइँ आपन पाँच पखार चुकी हउँ,
    फुन स मइँ एका मइला नाहीं करइ चाहत हउँ।

मोर प्रियतम किंवाड़ा क चाबी क छेद स हाथ डाएस,
    अउर ओकरे बरे मोर प्रेम उमड़ पड़ेस।
मइँ आपन प्रियतम बरे दुआर खोलइ बरे उठिउँ।
    मोरे हाथन स गन्धरस टपकत ह।
गन्धरस मोर अँगुरियन स
    ताल क हत्थे पइ टपकत ह।
आपन प्रियतम बरे मइँ दुआर खोल दिहेउँ,
    मुला मोर प्रियतम तब तलक जाइ चुका रहा।
जब उ चला गवा
    तउ जइसे मोर प्राण निकरि गवा।
मइँ ओका हेरत फिरेउँ
    मुला मइँ ओका नाहीं पाएउँ,
मइँ ओका गोहरावत फिरेउँ
    किंतु उ मोका जवाब नाहीं दिहस।
नगर क पहरेदारन मोका पाएन।
    उ पचे मोका मारेन
    अउर मोका घायल किहेन।
नगर क परकोटे क पहरेदारन मोहसे
    मोर चोगा लइ लिहन।

हे यरूसलेम क मेहररुअन, मइँ तू पचन्क आदेस देत हउँ।
    अगर तू पचे मोर प्रियतम क पाइ जा तउ तू ओका का बताइ? बताइ द्या कि मइँ ओकरे पिरेम क रोगी हउँ।

यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब

हमका कहा कि तोहार प्रियतम
    अउरन स कइसे उत्तिम अहइ।
हे सबन त सुन्नर मेहररुअन, तोहार प्रिय अउरन स उत्तिम काहे अहइ?
    तू हम पचन स इ बचन काहे करइ क कहेस?

यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब

10 मारे प्रियतम तेजस्वी अउ मज़बूत अहइ।
    उ दसियउँ हजार मनसेधुअन मँ एक अहइ।
11 ओकर माथा निखालिस सोना जइसा अहइ।
    ओकर घुँघराला केस खजूर क गुच्छन क जइसा अहइ अउ कउअन जइसा करिया अहइँ।
12 ओकरी आँखिन जलधारा क किनारे बइठा फ़ाखतन नाईं अहइ।
    ओकर आँखिन दूधे क तालाब मँ नहाए फ़ाखतन क जइसी अहइँ
    अउर अइसी अहइँ जइसे सही तरीका स रतन जड़ होइँ।
13 ओकरे गाल बाग क नाईं अहइ
    जउन गुल महेन्दी क पउधा क खुसबू स भार अहइ।
ओकर ओंठ लिलियन जइसेन अहइँ
    जेनसे गंधरस टपकत ह।
14 ओकर बाँहन सोना क छड़न जइसी अहइँ
    जेनमाँ हरितमणि जड़ा होइँ।
ओकर देह नक्कासी कीन्ह भवा हाथी दाँत अहइ
    जेहमाँ नीलमनियन जड़ा होइँ।
15 ओकर जाँघन संगमरमर क खम्मन जइसी अहइँ
    जेनका उत्तिम सुवर्ण पइ बइठावा गवा होइ।
ओकर ऊँचा कद लबनोन क देवदार जइसा अहइ
    जउन देवदार बृच्छन मँ उत्तिम अहइ।
16 ओकर मुँह बहोत मीठा अहइ;
    ओकर हर चीज चाहनेयोग्य अहइ।
हे यरूसलेम क मेहररुअन,
    उ मोर प्रियतम अहइ!
    उ मोर प्रेमी अहइ!

यरूसलेम क बिटियन क ओहसे कहब

मेहररुअन मँ सबसे सुन्दर मेहरारू,
    बतावा तोहार प्रियतम कहाँ चला गवा?
कउने राह स तोहार प्रियतम चला गवा ह
    हमका बतावा ताकि हम तोहरे साथ ओका हेरि सकी।

यरूसलेम क बिटियन क ओकर जवाब

मोर प्रिय आपन बंगिया मँ चला गवा,
    मसालन क खेत मँ
आपन भेड़ी चरावइ बरे
    अउर लिलियन क बटोरइ बरे।
मइँ आपन प्रियतम स हउँ अउर उ मोर प्रियतम मोसे अहइ।
    उ लिलियन क बीच भेड़ चरावा करत ह।

मनसेधू क बचन मेहरारू बरे

मोर प्रियतम, तू तिरसा क नाईं सुन्नर अहा।
    तू यरूसलेम मँ एक अद्भुत क नाई अहा।
    तू ऍतना अजूबा अहा जइसे कउनो फउज झण्डा क संग चलत ह।
तू मोह पइ स आपन आँखिन हटाइ ल्या,
    उ मोका उत्तेजित करत अहइँ।
तोहार केस ऍतना लम्बा अउ लहरत अहइँ
    जइसे गिलाद क पहाड़ी क ढलान स बोकरियन क झुण्ड उछरत भवा उतरत आवत होइ।
तोहार दाँत एक भेड़न झुण्ड जइसे अहइँ
    जउन धोइके निकर आई;
हरेक भेड़ जुड़ौवा बच्चन रखत हीं;
    ओन मँ स कउनो एक ठू भी गाएब नाहीं होत हीं।
घूँघट क नीचे तोहार गाल
    अनार क दुइ ठू फाँकन क तरह अहइँ।

होइ सकत ह हुआँ साठ रानियन,
    अस्सी रखैलन
    अउर अनगिनत जवान कुँवरियन होइँ,
किंन्तु हुवाँ ओकरे जइसा कउनो नाहीं अहइ!
    उ आपन महतारी क एक खास बिटिया अहइ,
उ ओनमाँ बहोत प्रिय अहइ
    जउन ओका जनम दिहेस ह।
कुँवरियन ओका लखेन अउ ओका सराहेन।
    हाँ, रानियन अउ सबइ रखैलन भी ओकर तारीफ किहे रहिन।

मेहररूअन क जरिये ओकर तारीफ

10 उ पचे कहेस: “उ कउन अहइ
    जउन बढ़त भवा उसा क समान अहइ?
उ कउन अहइ जउन चाँद क नाईं सुन्नर अहइ?
    उ कउन अहइ जउन सूर्य क नाईं चमकत अहइ?
उ कउन अहइ जउन फउज जइसा अजूबा अहइ
    जउन झण्डा लइ जात अहइ?”

मेहरारू क बचन

11 मइँ अख़रोट क बगीचा स होत भवा
    इ देखइ बरे गवा कि
का अंगूर क बेलन खिला अहइ
    अउर का अनार क कलियन खिली अहइँ या नाहीं।
12 मोर राजकुमार, मइँ खुसी स भरि गवा
    जब तू मोका गन्धरस दिहे रहा।[e]

यरूसलेम क बिटियन ओकरे बरे बोलत ह

13 हे “परिपूर्ण” मोर तरफ लउटि आवा!
    मोर तरफ आवा, मोर तरफ आवा, ताकि हम तोहका लखि सकी!

काहे अइसे सुलेम्मिन क घूरति अहा
    जइसे उ महनैम क नाच क नर्तकी होइ?

मनसेधू क जरिये सुन्दरता क वर्णन

हे सज्जन अउरत, तोहार गोड़ पनहियन मँ केतॅना सुन्नर अहइँ!
    तोहार जाँघन क गोलाइ कउनो कलाकार क बना गवा गहना क नाईं अहइँ
तोहार नाभी क नीचे क भाग गोल कटोरा क समान अहइँ।
    होइ सकत ह एहमाँ कभी मिस्रित दाखरस कमी नाहीं होत।
तोहार पेट गोहूँ क ढेरी क समान अहइ
    जेकर चउहददी लिलियन क अहइँ।
तोहार चूचियन दुई जवान हिरण क जइसा अहइ,
    कुरंगी क जुड़वा।
तोहार गटइ हाथी दाँत क मीनार क समान अहइँ।
तोहार आँखिन हेसबोन क उ सबइ कुण्ड क समान अहइ
    जउन बेत-रब्बीम क फाटक क लगे अहइ।
तोहार नाक लबानोन क मीनार क जइसा लम्बी अहइ
    जउन दमिस्क कइँती मुहँ किहे अहइ।
तोहार मूँड़ कर्मेल क पहाड़ क जइसा अहइ।
    तोहार मूँड़े क बार
राजा क देवारन पइ लहरत भवा
    लम्बा वस्त्र क नाईं अहइ।
तू केतनी सुन्नर अउ मनमोहक अहा ओ मोर प्रिय!
    तू मोका केतॅॅना आनन्द देति अहा।
तू खजूरे क बृच्छ जइसी
    लम्बी अहा।
तोहार चूचियन अइसे अहइँ
    जइसे खजूर क गुच्छन।
मइँ खजूर क बृच्छ पइ चढ़ब,
    मइँ एकर डारन क धरब,

तू आपन चूचियन क अंगूरे क गुच्छन स बनइ द्या।
    तोहार साँस क गंध सेब क जइसा होइ द्या।
तोहार मुँहना उत्तिम दाखरस जइसा होइ द्या,
    जउन धीरे स मोर प्रियतम मँ बहत होइ,
    जउन ओठंन तलक बहत होइ जब हम साथ सोवत ह।

मेहरारू क बचन मनसेधू क बरे

10 मइँ आपन प्रियतम क अहउँ
    अउर उ मोका चाहत ह।
11 आवा, मोर प्रियतम, आवा!
    हम खेतन मँ निकरी चली,
    हम गाँवन मँ राति बिताइ।
12 हम बहोत हाली उठी अउर अंगूरे क बागन मँ निकरी जाइ।
    आवा, हम हुआँ लखी का अगूंरे क बेलन पइ कलियन खिलति अहइँ।
आवा, हम लखी का बहारन खिल गइ अहइँ
    अउर का अनार क कलियन चटकति अहइँ।
    हुवँइ पइ मइँ आपन पिरेम तोहका अर्पण करबउँ।

13 दोदफलन[f] क सुगन्ध फइल चुका अहइ।
    अउर सबहिं प्रकार क कीमती फलन हमरे दुआरन क ऊपर[g] जमा अहइँ।
तोहार बरे नवा अउ पुराना दुइनउँ प्रकार क चीज बचाइ रखेउँ ह,
    हे मोर प्रिय।

कास, तू मोर सिसु भाइ होत्या, मोर महतारी क छाती क दूध पिअत भए।
    अगर मइँ तोहसे हुवँइ बाहेर मिल जाइत
तउ तोहार चुम्बन मइँ लइ लेतेउँ,
    अउर कउनो मनई मोर निन्दा नाहीं कइ पावत।
तोहका मइँ आपन महतारी क घरे मँ लइ अवतेउँ
    जहाँ तू मोका सिच्छा देइ सकतेउँ।
मइँ तोहका पिअइ बरे,
    आपन मिस्रित अनारे स निकरा भवा दाखरस देतेउँ।

मेहरारू क बचन मेहररूअन बरे

ओकर बाँया हाथ मोरे मूँड़े क छुअत ह,
    अउर ओकर दाहिन हाथ मोरे सरीर क छुअत ह।

मइँ तोहका चेताउनी देत हउँ हे यरूसलेम क कुँवरियन:
    पिरेम क जिन जगावा
    अउ उसकावा जब तलक एकर इच्छा न होइ!

यरूसलेम क बिटियन क बचन

इ कउन अहइ जउन आपन प्रियतम स लपटा भवा,
    रेगिस्तान स चली आवत ह?

मेहरारू क बचन मनसेधू बरे

मइँ तोहका सेब क बृच्छ क खाले जगाए रहेउँ;
    हुवाँ तोहार महतारी तोहका गरभ मँ धरेस;
    हुवाँ तोहार मताहरी तोहार बरे प्रसव-पीड़ा सहेस अउर तोहार जनम भवा।
मोका तू आपन हिरदय मँ महर क नाई धरा।
    ताबजि क समान मोका आपन बाँहे बांध ल्या।
काहेकि पिरेम मउत क जइसा मज़बूत अहइ।
    भावना कब्र क नाईं तेज होत ह।
एकर चिंगारी आग क लपटन क नाईं होत ह।
    एकर धधक धधकत भइ लपटन स होइ जात ह।
बाढ़ पिरेम क नाहीं बूझाइ सकत।
    नदियन एका नीचा नाहीं कइ सकत।
अगर कउनो मनई पिरेम आपन सारा धन देकर खरीदइ चाही,
    तउ पर भी ओकर धन बेकार ही समुझा जाब।

ओकरे भाइयन क बचन

हमार एक छोटकी बहिन अहइ,
    जेकर चूची अबहिं फूटी नाहीं।
हमका का करइ चाही
    जउने दिन ओकर सगाई होइ?

अगर उ देवार अहइ तउ
    मइँ ओह पइ चाँदी क मीनार बनाइ देब।
अगर उ दुअर अहइ
    तउ मइँ ओकरे पइ देवदारू क मुल्यवान पल्ला लगाइ देब।

ओकर आपन भाइयन क जवाब

10 मइँ परकोट हउँ
    अउर मोर चूची गुम्बद जइसे अहइँ।
    तउ मइँ ओकरे बरे सान्ति क दाता हउँ।

मनसेधू क बचन

11 बाल्हामोन मँ सुलैमान क अंगूरे क बगिया रही।
    उ आपन बाग क रखवारी बरे दइ दिहस।
हर रखवारा ओकरे फलन क बदले मँ
    चाँदी क एक हजार सेकेल लिआवत रहा।

12 मुला सुलैमान, मोर आपन अंगूर क बाग मोरे बरे अहइ।
    हे सुलैमान, मोरी चाँदी क एक हजार सेकेल सब तू ही रख ल्या,
    अउर इ सबइ दुइ सौ सेकेल ओन लोगन बरे अहइँ। जउन खेतन मँ फलन क रखवारी करत हीं।

मनसेधू क बचन मेहरारू बरे

13 तू जउन बागे मँ रहति अहा,
    मोरे मित्र तोहार आवाज़ धियानपूवर्क सुनत अहइँ;
    मोका भी सुनइ दया!

मेहरारू क बचन मनसेधू बरे

14 मोर प्रियतम, हाली आवा!
    महकत द्रव्यन क पहाड़े पइ चिकारे या जवान हरिन जइसा बनि जा!

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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