Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Beginning

Read the Bible from start to finish, from Genesis to Revelation.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
यहेजकेल 23-24

23 यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, “मनई क पूत, सोमरोन अउर यरूसलेम क बारे मँ इ कहानी क सुना। दुइ बहिन रहिन। उ पचे एक ही महतारी क बिटियन रहिन। उ पचे मिस्र मँ तब रण्डियन होइ गइन जब छोटी लड़कियन ही रहिन। मिस्र मँ उ पचे पहिले पिरेम किहन अउर लोगन क आपन चुचुक अउर आपन नवोदित स्तनन क धरइ दिहन। बड़की बिटिया ओहोला नाउँ क रही अउर ओकरी बहिन क नाउँ ओहोलीबा रहा। उ पचे मोर होइ र गइन अउर ओनके बेटवा बिटियन पइदा भइन (ओहोला असल मँ सोमरोन अहइ अउर ओहोलीबा असल मँ यरूसलेम अहइ।)

“तब ओहोला मोर बरे पतिव्रता नाहीं रहि गइ। उ एक रण्डी क तरह रहइ लाग। उ आपन पिरेमियन क चाह राखइ लाग। उ अस्सूर क फउजियन क ओनकर नीली वर्दियन मँ लखेस। उ पचे सबहिं मन चाहे नव जवान घुड़सवार रहेन। उ पचे प्रमुख अउर अधिकारी रहेन अउर ओहोला आपन क ओन सबहिं लोगन क रण्डी क रूप मँ अर्पित किहस। उ पचे सबहिं अस्सूर क सेना मँ चुना भवा विसिस्ट सिपाही रहेन अउर उ ओन सबहिं क मोहित कइ लिहेस। उ ओनकर गन्दी देवमूरतियन क संग असुद्ध होइ गइन। एकरे अलावा उ मिस्र स आपन पिरेम-ब्यापार क भी बन्द नाहीं किहस। मिस्र ओहसे तब पिरेम किहेस जब उ किसोरी रही। मिस्र पहिला पिरेमी रहा जउन ओकर नवजात स्तनन क छुएस। मिस्र ओह पइ आपन झूठ पिरेम क बर्खा किहेस। एह बरे मइँ ओकर पिरेमियन क ओका भोगइ दिहेउँ। उ अस्सूर क चाहत रही, एह बरे मइँ ओका ओनका दइ दिहेउँ। 10 उ पचे ओकरे संग बलात्कार किहेस। उ पचे ओकरे बच्चन क लिहेस अउर उ पचे तरवार चलाएन अउर ओका मार डाएन। उ पचे ओका दण्ड दिहेन अउर मेहररूअन अब तलक ओकर बातन करत हीं।

11 “ओकर छोटकी बहिन ओहोलीबा एन सबहिं घटनन क घटित होत लखेन। किन्तु ओहोलीबा आपन बहिन स भी जियादा पाप किहेस। उ आपन बहिन ओहोला क तुलना मँ जियादा बिभिचारी किहा। 12 इ अस्सूर क प्रमुखन अउर अधिकारियन क चाहत रही। उ नीली वर्दी मँ घोड़ा पइ सवार ओन फउजिन क चाहत रही। उ पचे सबहिं चाहइ जोग्य जुवक रहेन। 13 मइँ लखेउँ कि उ पचे दुइनउँ मेहररूअन एक ही गलती स आपन जिन्नगी नस्ट करइ जात रहिन।

14 “ओहोलीबा अपने बिभिचारी क जारी राखेस। उ बाबुल क देवारन पइ खुदा भवा मनइयन क तस्बीरन क लखेस। उ सबइ तस्बीरन कसदी लोगन क तस्बीरन ओनकर लाल पोसाकन मँ रहिन। 15 उ पचे करिहाउँ मँ पेटियन बाँध राखे रहिन अउर ओनके मूँड़ि पइ लम्बी पगड़ियन रहिन। उ पचे सबहिं रथ का अधिकारियन का तरह देखात रहेन। उ पचे सबहिं बाबुल क जन्मभूमि मँ उत्पन्न पुरूस मालूम होत रहेन। 16 ओहोलीबा ओनका चाहेस। उ ओनका आमन्त्रित करइ बरे दूत पठएस। 17 एह बरे उ पचे बाबुल क लोग ओकर पिरेम-सय्या पइ ओकरे संग तने क सम्बन्ध करइ आएन। उ पचे ओकर उपयोग किहन अउर ओका एतना गन्दा कइ दिहन कि उ ओनसे घिना करइ लाग।

18 “ओहोलीबा भी बार-बार आपन नंगा सरीर क एक बिभिचारियन क नाईं अर्पित किहेस। उ बहोत सारे मनइयन क आपन नंगा सरीर स आनन्द लेइ दिहेस कि मोका ओहसे वइसा ही घिना होइ गवा जइसा ओकरे बहिन स होइ ग रही। 19 उ बार-बार आपन बिभिचारी क बढ़ाएस। अउर तब उ आपन पिरेम-ब्यापार क याद किहस जउन उ युवा अवस्था मँ मिस्र मँ किहे रहा। 20 उ आपन पिरेमियन पइ मोहित भएस जेनका लिंग गधन क लिंग क नाईं रहेन, अउर जेनका वीर्य क प्रवाह घोड़न क वीर्य क प्रवाह क नाईं रहेन।

21 “ओहोलीबा, तू आपन ओन दिनन क याद किहा जब तू जुवती रहिउ, जब तोहार पिरेमी तोहार चूचुक क छुअत रहेन अउर तोहार नव जात स्तनन क धरत रहेन। 22 एह बरे ओहोलीबा, मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह: ‘तू आपन पिरेमियन स घिना करइ लागिउ। किन्तु मइँ तोहार पिरेमियन क हिआँ लिआउब। उ पचे तोहका घेर लेइहीं। 23 मइँ ओन सबहिं लोगन क बाबुल स, खासकर कसदी लोगन क लिआउब। मइँ पकोद, सो अउर कोआ स लोगन क लिआउब अउर मइँ ओन सबहिं लोगन क अस्सूर स लिआउब। इ तरह मइँ सबहिं प्रमुखन अउ अधिकारियन क लिआउब। उ पचे सबहिं चाहइ जोग्ग, रथपति खास जोग्यता बरे चुने घुड़सवार रहेन। 24 ओन लोगन क भीड़ तोहरे लगे आइ। उ पचे आपन घोड़न पइ सवार अउर आपन रथन पइ अइहीं। लोग बड़की तादाद मँ होइहीं। ओनके लगे ओनकर भालन, ओनकर ढालन अउर ओनके मूँड़े क सुरच्छा कबच होइहीं। उ पचे तोहरे चारिहुँ कइँती बटुरिहीं। मइँ ओनका बताउब कि तू मोरे संग का किहा अउर उ पचे आपन तरह स तोहका पचन्क सजा देइहीं। 25 मइँ तू पचन्क देखाउब कि मइँ केतना ईर्स्सालु अहउँ। उ पचे बहोत कोहान होइहीं अउर तू पचन्क चोट पहोंचइहीं। उ पचे तोहार पचन्क नाक अउर तोहार पचन्क कान लेइहीं। उ पचे तरवार चलइहीं अउर तू पचन्क मार डइहीं। तब उ पचे तोहरे पचन्क बच्चन क लइ जइहीं अउर तोहार पचन्क जउन कछू बचा होइ ओका बार देइहीं। 26 उ पचे तोहार नीक ओढ़ना गहना लइ लेइहीं 27 अउर मिस्र क साथ भए तोहरे पिरेम बइपार क सपना क मइँ रोक देब। तू फून कबहुँ मिस्र क याद नाहीं करिबिउ।’”

28 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ तोहका ओन लोगन क देत अहउँ, जेहसे तू घिन करति अहा। मइँ तोहका ओन लोगन क देत अहउँ जेनसे तू घिना करइ लागिउ रही 29 अउर उ पचे देखइहीं कि उ पचे तोहसे केतनी घिना करत हीं। उ पचे तोहार हर एक चीज लइ लेइहीं जउन तू कमाया ह। उ पचे तोहका खाली अउ नंगा छोड़ देइहीं। लोग तोहरे पापन्क स्पस्ट लखिहीं। उ पचे समुझिहीं कि तू एक रण्डी क तरह बेउहार किहन अउर बुरे सपनन लखेन। 30 तू उ बुरे करम तब किहा जब तू मोका ओन दूसर रास्ट्रन क पाछा करइ बरे तजे रह्या। तू ओन बुरे करम तब किहा जब तू ओनकर गन्दी देवमूरतियन क पूजा करब सुरू किहा। 31 तू आपन बहिन क अनुसरण किहा अउर उहइ क तरह रहिउ। एह बरे मइँ ओकर पियाला तोहार हाथ मँ दिहस। एह बरे तू उहइ सज़ा झेलब जउन उ झेलत रहेन।” 32 मोर सुआमी यहोवा इ कहेस,

“तू आपन बहिन क बिख क पियाला क पीबिउ।
    इ बिख क पियाला लम्बा-चौड़ा अहइ।
उ पिआले मँ बहोत बिख आवत ह।
    लोग तोहे पइ हँसिहीं अउ व्यगं करिहीं।
33 तू मदमस्त होइहीं
    अउर सोक स भरि जाइहीं।
इ पियाला बिनास अउ बिध्वंस क अहइ।
    इ उहइ पिआले क तरह अहइ जेका तोहार बहिन पिएस।
34 तू उहइ पिआले मँ बिख पीबिउ।
    तू ओकर आखिरी बूँद तलक ओका पीबिउ।
तू गिलासे क लोकउबिउ अउर ओकर टूकन कइ डउबिउ।
    अउर तू पीरा स आपन छाती विदीर्ण करबिउ।
इ होइ काहेकि मइँ यहोवा अउ सुआमी हउँ
    अउर मइँ उ सबइ बातन कहेउँ।

35 “इ तरह, मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस, ‘यरूसलेम, तू मोका बिसरि गया। तू मोका दूर लोकाया अउर मोका पाछे छोड़ दिहा। एह बरे तोहका मोका तजइ अउर रण्डी क तरह सजा भोगइ चाही। तोहका आपन दुट्ठ सपनन बरे कस्ट जरूर पावइ चाही।’”

ओहोला अउ ओहोलीबा क खिलाफ निर्णय

36 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मनई क पूत, का तू ओहोला अउर ओहोलीबा क निआउ करब्या? तब ओनका ओन भयंकर बातन क बतावा जउन उ पचे किहेन। 37 उ पचे बिभिचार क पाप किहन ह। उ पचे हत्तिया क अपराधी अहइँ। उ पचे वेस्या क तरह काम किहन, उ पचे आपन गन्दी देवमूरतियन क संग रहइ बरे मोका तजेन। उ पचे मोरे बरे बच्चे पइदा किहेन किन्तु तउ उ पचे ओनका आगी मँ होमबलि क रूप मँ चढ़ाएन। उ पचे आपन देवमूरतियन क भोजन देइ बरे इ किहस। 38 उ पचे मोर बिस्राम क दिनन अउर पवित्तर ठउरन क अइसे लिहन माना उ पचे महत्वपूर्ण न होइँ। 39 उ पचे आपन भयंकर देवमूरतियन बरे आपन बच्चन क बलि चढ़ाएन। अउर तब उ पचे मोरे पवित्तर ठउर पइ गएन अउर ओका भी गन्दा बनाएन। उ पचे इ मोरे मन्दिर क भीतर किहन।

40 “उ पचे बहोत दूर क ठउरन स मनइयन क बोलाएन ह। एन मनइयन क तू एक दूत पठया अउर उ सबइ लोग तोहका लखइ आएन। तू ओनके बरे नहाइउ, आपन आँखिन क सजाइउ अउर आपन गहनन क पहिरिउ। 41 तू सुन्नर बिछउना पइ बइठिउ जेकरे समन्वा मेज धरी रही। तू मोर सुगन्ध अउ मोरे तेल क इ मेजे पइ धरिउ।

42 “यरूसलेम मँ सोर अइसा सुनाइ पड़त रहा माना दावत उड़ावइवाले लोगन क होइ। दावत मँ बहोत लोग आएन। उ पचे रेगिस्तान स बहोत सराबी लोगन क लइ आएन। उ पचे मेहररूअन क बाजूबन्द अउ सुन्नर मुकुट देत रहेन। 43 तब मइँ एक ठु मेहरारू स बातन किहेउँ, जउन बिभिचार स ढीली होइ ग रही। मइँ ओहसे कहेउँ, ‘का उ पचे ओकरे संग बिभिचार करत रहि सकत हीं, अउर उ ओनके संग करत रहि सकत ह’ 44 किन्तु उ पचे ओकरे लगे वइसे ही जात रहेन जइसे उ पचे कउनो रण्डी क लगे जात रहे होइँ। हाँ, उ पचे ओन दुट्ठ मेहररूअन ओहोला अउर ओहोलीबा क लगे बार-बार गएन।

45 “किन्तु अच्छे लोग ओनकर निआउ अपराधी क रूप मँ करिहीं। उ पचे ओन मेहररूअन क निआउ बिभिचार करइवालिन अउ हत्तियारिन क रूप मँ करिहीं। काहेकि ओहोला अउ ओहोलीबा बिभिचार क काम किहेस ह अउर उ रक्त स ओनकर हाथ अबहुँ भी रंगे अहइँ जेनका उ पचे मार डाए रहेन।”

46 मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस, “लोगन क संग बटोरा। तब ओन लोगन क ओहोला अउर ओहोलीवा क दण्ड देइ द्या। लोगन क इ समूह ओन दुइनउँ मेहररूअन क दण्डित करी तथा एनकर मजाक उड़ाइ। 47 तब उ समूह ओनका पाथर मारी अउर ओनका मारि डाइ। तब उ समूह आपन तरवारन स मेहररूअन क टूकन करी। उ सबइ मेहररूअन क बच्चन क मार डइहीं अउर ओनकर घर बारि डइहीं। 48 इ तरह मइँ देस क लज्जा क धोउब अउर सबहिं मेहररूअन क चितउनी दीन्ह जाइ कि उ पचे उ लज्जाजनक करम न करइँ जउन तू किहा ह। 49 उ पचे तोहका ओन दुट्ठ कामन बरे दण्डित करिहीं जउन तू पचे किहा अउर तू पचन्क आपन गन्दी देवमूरतियन क पूजा बरे दण्ड मिली। तब तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा अउर सुआमी अहउँ।”

पात्र अउर माँस

24 मोर सुआमी यहोवा क वचन मोका मिला। इ देस-निकारे क नवें क दसयें महीने क दसवाँ दिन रहा। उ कहेस, “मनई क पूत, आजु क तारीख अउ इ टिप्पणी क लिखा: ‘आजु बाबुल क राजा क फउज यरूसलेम क घेरेस।’ इ कहानी उ परिवार स कहा जउन आग्या मानइ स इन्कार करइ। ओनसे इ सबइ बातन कहा। ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:

“‘पात्र क आगी पइ राखा,
    पात्र क रखा अउर ओहमा पानी डावा।
ओहमाँ माँस क बोटिन डावा,
    हर नीक बोटिन क डावा, जाँघन अउ कंधन।
पात्र क सर्वोत्तम हड्डियन स भरा।
    झुण्ड क सबस बढ़िया जनावर क उपयोग करा,
पात्र क खाले ईंधन क ढेर लगावा,
    अउर माँस क बोटिन क पकावा।
    शोरबा क तब तलक पकावा जब तलक हड्डियन भी न पक जाइँ।

“‘इ तरह मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
इ यरूसलेम बरे बुरा होइ।
    इ हत्तियारन स भरे नगर बरे बुरा होइ।
यरूसलेम उ पात्र क तरह अहइ जेह पइ जंग क दाग होइँ,
    अउर उ सबइ दाग दूर न कीन्ह जाइ सकइँ।
उ पात्र सुद्ध नाहीं अहइ, एह बरे माँस क हर एक बोटी, पात्र स बाहेर निकाला।
    उ माँस क खावइ बरे कउनो क जिन द्या।
    याजकन क उ बेकार माँस मँ स कउनो बोटी जिन चुनइ द्या।
यरूसलेम एक जंग लगे पात्र क तरह अहइ,
    काहेकि हत्तियन क रकत हुवाँ अब तलक अहइ।
उ रकत क खुली चट्टानन पइ डाएस ह।
    उ रक्त क भुइँया पइ नाहीं डाएस अउर एका माटी स नाहीं ढाँकेस।
मइँ ओनकर रक्त क खुली चट्टान पइ डावा।
    एह बरे उ ढका नाहीं जाइ।
मइँ इ कहेउँ, जेहसे लोग किरोधित होइँ,
    अउ ओका निरपराध लोगन क हत्तिया क दण्ड देइँ।’

“‘यह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
हत्यारन स भरे इ नगर क बुरा होइ।
    मइँ आगी बरे बहोत स काहे क ढेर बनाउब
10 पात्र क खाले बहोत सा ईंधन डावा।
    आगी बारा।
अच्छी तरह माँस क पकावा।
    मसाला मिलावा
    अउर हड्डियन क जरि जाइ द्या।
11 तब पात्र क अंगारन पइ खाली छोड़ द्या।
    एका एतना तय जाइ द्या कि एकर दाग चमकइ लागइँ।
सबइ दाग पिघल जाइ।
    अउर जंग जर जाइहीं।

12 “‘यररूसलेम आपन दागन क धोवइ क
    कठोर जतन कइ सकत ह।
किन्तु उ ‘जंग’ दूर नाहीं होइ।
    सिरिफ आगी उ जंग क दूर करी।

13 “‘तू मोरे खिलाफ पाप किहा
    अउर पाप स कलंकित भइउ।
मइँ तोहका नहवाउब चाहेउँ अउर तोहका स्वच्छ करइ चाहेउँ।
    किन्तु दाग छुटेन नाहीं।
मइँ तोहका फुन नहवावइ नाहीं चाहेउँ।
    जब तलक मोर तपत किरोध तोहरे बरे खतम नाहीं होत।

14 “‘मइँ यहोवा हउँ। मइँ कहेउँ, तोहका सजा मिली, अउर मइँ एका दिआउब। मइँ सजा क रोकब नाहीं। मइँ तोहरे बरे दुःख क अनुभव नाहीं करब। मइँ तोहका ओन बुरे पापन्क क बरे सजा देब जउन तू किहा। मोर सुआमी यहोवा इ कहेस।’”

यहेजकेल क पत्नी क मउत

15 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 16 “हे मनई क पूत, तू आपन पत्नी स बहोत पिरेम करत अहा किन्तु मइँ ओका तोहसे दूर करत हउँ। तोहार पत्नी एकाएक मरी। किन्तु तोहका आपन सोक परगट नाहीं करइ चाही। तोहका जोर स नाहीं रोवइ चाही। तोहका रोवइ नाहीं चाही अउर तोहार आँसू गिरि नाहीं चाही। 17 किन्तु तोहका आपन सोक रूदन बहोत धीमा रखइ चाही। आपन मरी मेहरारू बरे जोर स न रोआ। तोहका साधारण रोज क ओढ़ना पहिरइ चाही। आपन पगड़ी अउ आपन जूता पहिरा। आपन सोक क परगट करइ बरे आपन मोंछन जिन ढाँका अउर उ भोजन जिन करा जउन अक्सर कउनो क मरे पइ लोग करत हीं।”

18 अगले भिन्सारे मइँ लोगन क बताएउँ कि परमेस्सर का कहेस ह। उहइ साँझ मोर मेहरारू मरी। अगले भिन्सार मइँ उहइ किहेउँ जउन परमेस्सर आदेस दिहे रहा। 19 तबई लोग मोहसे कहेन, “तू इ काम काहे करत अहा? एकर मतलब का अहइ?”

20 मइँ ओनसे कहेउँ, “यहोवा क बचन मोका मिला। उ मोहसे, 21 इस्राएल क परिवार क कहेस। मोर सुआमी यहोवा कहेस, ‘धियान द्या, मइँ आपन पवित्तर ठउर क बर्बाद करब। तू लोगन क ओह पइ गर्व अहइ अउर तू लोग ओकर तारीफ क गीत गावत अहा। तोहका उ ठउरे क लखइ क पिरेम अहइ। तू फुरइ उ ठउरे स पिरेम करत अहा। किन्तु मइँ उ ठउर क नस्ट करब अउर तोहरे पाछे छुटे भए तोहार गदेलन जुद्ध मँ मारा जइहीं। 22 किन्तु तू उहइ करब्या जउन मइँ आपन मरी मेहरारू क बारे मँ किहेउँ ह। तू आपन सोक परगट करइ बरे आपन मोछँन नाहीं ढकब्या। तू उ भोजन नाहीं करब्या जउन लोग अक्सर कउनो क मरइ पइ खात हीं। 23 तू आपन पगड़ियन अउर आपन जूतन पहिरब्या। तू आपन सोक नाहीं परगट करब्या। तू रोउब्या नाहीं। किन्तु तू आपन पाप क कारण बर्बाद होत रहब्या। तू चुपचाप आपन आहन एक दूसर क समन्वा भरब्या। 24 एह बरे यहेजकेल एक उदाहरण अहइ। तू उहइ सब करब्या जउन इ किहेस। सजा क इ समइ आइ अउर तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा अहउँ।’”

25 “मनई क पूत, मइँ आपन सरणस्थल यरूसलेम क लोगन स लइ लेब। उ सुन्नर ठउर ओनका आनन्दित करत ह। ओनका उ ठउर लखइ क पिरेम अहइ। उ पचे फुरइ उ ठउर स पिरेम करत हीं। किन्तु उ समइ मइँ नगर अउर ओनकर गदेलन क ओन लोगन स लइ लेब। 26 उहइ समइ बचइवाले लोगन मँ स एक यरूसलेम क बारे मँ बुरा सँदेसा लइके तोहरे लगे आइ। 27 उ समइ तू उ मनई स बातन कइ सकब्या। तू अउर जियादा चुप नाहीं रहि सकब्या। इ तरह तू ओनके बरे उदाहरण बनब्या। तब उ पचे जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.