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Read the Bible from start to finish, from Genesis to Revelation.
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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
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यसायाह 36-41

अस्सूर क यहूदा पइ हमला

36 हिजकिय्याह यहूदा क राजा रहा अउर सन्हेरीब अस्सूर क राजा रहा। हिजकिय्याह क सासन क चउदहवें बरिस मँ सन्हेरीब यहूदा क किलाबन्द नगरन स जुद्ध किहन अउर उ ओन नगरन क हराइ दिहन। लाकीस स सन्हेरीब आपन सेनापति अउर बहोत सारे सेना क यरूसलेम मँ यहूदा क राजा हिजकिय्याह क लगे आपन माँगन क बतावइ बरे पठएस। उ ऊपरवाले तालाब क कइँती जात भवा नाला[a] पइ रुक गएस जउन धोबी लोगन क खेत क सड़क पइ रहा।

यहूदा क तीन अधिकारी ओसे मिलइ बरे गएन। इ सबइ लोग रहेन: महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम, लिपिकार सेब्ना, अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह।

सेनापति ओनसे कहेस, “तू लोग, राजा हिजकिय्याह स जाइके इ सबइ बातन कहा: महान राजा अस्सूर क राजा कहत ह:

“‘तू आपन सहायता बरे कउने पइ भरोसा रखत ह? मइँ तू पचन्क बतावत हउँ कि जदि जुद्ध मँ तोहार बिस्सास सक्ति अउर वुसल जोजनन पइ अहइ तउ उ बेकार अहइ। उ सबइ कोरे सब्दन क अलावा कछू नाहीं अहइँ। एह बरे तू मोहसे काहे जुद्ध करत अहा? अब मइँ तोहसे पूछत हउँ, तू मदद पावइ बरे कउने पइ भरोसा करत अहा? का तू मदद बरे मिस्र क सहारे अहा? मिस्र तउ एक टूटी भइ लाठी क नाई अहइ। जदि तू सहारा पावइ क ओह पइ टिकब्या तउ उ तू पचन्क बस नोस्कान ही पहोंचाइ अउर तोहरे हाथे मँ एक ठु छेद बनाइ देइ। मिस्र क राजा फिरौन पइ कउनो भी मनई क जरिये मदद पावइ क भरोसा नाहीं कीन्ह जाइ सकत।

“‘मुला होइ सकत ह तू कहा, “हम मदद पावइ बरे आपन यहोवा परमेस्सर पइ भरोसा रखित ह।” किन्तु मइँ सुना अहइ कि हिजकिय्याह यहोवा क वेदियन क अउर आराधना क ऊँच ठउरन[b] क बर्बाद कइ दिहस ह अउर यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन स कहेस, “तू हिआँ यरूसलेम मँ बस एक इहइ वेदी पइ उपासना किया करब्या।”

“‘अगर तू अब भी मोर सुआमी स जुद्ध करइ चाहत अहा तउ अस्सूर क राजा तोहसे इ सौदा करइ चाही: राजा क कहब अहइ, जदि जुद्ध मँ तोहरे लगे घुड़सवार पूरा अहइँ तउ मइँ तू पचन्क दुइ हजार घोड़न दइ देब। किन्तु एतना होइ पइ तू मोर सुआमी क एक सेवक तलक क नाहीं हराइ पउब्या। ओकर कउनो नान्ह स नान्ह अधिकारी तलक क तू नाहीं हराइ पउब्या। एह बरे तू मिस्र क घुड़सवार अउर रथन पइ आपन भरोसा काहे बनाए रखत अहा।

10 “‘अउर अब लखा जब मइँ इ देस मँ आवा रहेउँ अउर मइँ जुद्ध किहे रहेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। जब मइँ नगरन क उजाड़ेउँ, यहोवा मोरे संग रहा। यहोवा मोहसे कहा कहत रहा, “खड़ा ह्वा। इ नगरी मँ जा अउर एक ध्वस्त कइ द्या।”’”

11 यहूदा क तीनहुँ अधिकारियन, एल्याकीम, सेब्ना अउर योआह सेनापति स कहेस, “कृपा कइके हमरे संग अरामी भासा मँ ही बात करा ताकि एका हम समुझ सकित। तू यहूदी भासा मँ हम से जिन बोला। जदि तू यहूदी भासा क प्रयोग करब्या, तउ नगर दीवारे क पार क सबहिं लोग एका समुझ जइहीं।”

12 एह पइ सेनापति कहेस, “मोर सुआमी मोहसे इ सबइ बातन बस तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क सुआमी हिजकिय्याह क ही सुनावइ बरे नाहीं पठएस ह। मोर सुआमी मोका एन बातन क ओनका बतावइ बरे पठएस ह जउन लोग नगर परकोटन पइ बइठा अहइँ। ओन लोगन क न तउ पूरा खइया क मिलत ह अउर न पानी। तउ ओनका आपन मलमूत्र क तोहरे पचन्क तरह खाब-पिअब होइ।”

13 फुन सेनापति खड़ा होइके ऊँच सुर मँ कहेस। उ यहूदी भासा मँ बोला। सेनापति कहेस,

“महासम्राट अस्सूर क राजा क सब्दन क सुना: 14 तू आपन खुद क हिजकिय्याह क जरिये मूरख जिन बनइ द्या, उ तू पचन्क बचाइ नाहीं पाइ। 15 हिजकिय्याह जब इ कहत ह, ‘यहोवा मँ बिस्सास राखा। यहोवा अस्सूर क राजा हमार रच्छा करी। यहोवा अस्सूर क राजा क हमरे नगर क हरावइ नाहीं देइ तउ ओह पइ बिस्सास जिन करा।’

16 “हिजकिय्याह क एन सब्दन क अनसुनी करा। अस्सूर क राजा क सुना। अस्सूर क राजा क कहब अहइ, हमका एक ठु सन्धि करइ चाही। तू लोग नगर स बाहेर निकरिके मोरे लगे आवा। फुन हर मनई आपन घरे जाइ क अजाद होइ। हर मनई आपन अंगूर क बेलन स अंगूर खाइ क अजाद होइ अउर हर मनई आपन अंजीर क बृच्छन क फल खाइ क अजाद होइ। खुद आपन कुआँ क पानी पिअइ क हर मनई अजाद होइ। 17 जब तलक मइँ आइके तू पचन्क तोहरे पचन्क जइसे एक देस मँ न लइ जाउँ, तब तलक तू पचे अइसा करत रहि सकत ह। उ नवा देस मँ तू पचे बढ़िया अनाज अउर नवा दाखरस पउब्या। उ धरती पइ तू पचन्क रोटी अउ अंगूर क खेत मिलिहीं।

18 “हिजकिय्याह क तू आपन क मूरख जिन बनावइ द्या। उ कहत ह, ‘यहोवा हमार रच्छा करी।’ किन्तु मइँ तोहसे पूछत हउँ का कउनो दूसर देस क कउनो भी देवता हुवाँ क लोगन क अस्सूर क राजा क सक्ति स बचाइ पाइ नाहीं। हम हुवाँ क हर मनई क हराइ दीन्ह। 19 हमात अउ अर्पाद क देवता आजु कहाँ अहइँ? ओनका हराइ दीन्ह गवा अहइ। सपर्वेम क देवता कहाँ अहइँ? उ सबइ हराइ दीन्ह ग अहइँ अउर का सोमरोन क देवता हुवाँ क लोगन क मोर सक्ति स बचाइ पाएन? नाहीं। 20 कउनो भी देस अथवा जाति क अइसे कउनो भी एक देवता क नाउँ मोका बतावा जउन हुवाँ क लोगन क मोर सक्ति स बचाएस ह। मइँ सबन्क हराइ दिहेउँ। एह बरे लखा मोर सक्ति स यरूसलेम क यहोवा नाहीं बचाइ पाइ।”

21 यरूसलेम क लोग एक दम चुप रहेन। उ पचे सेनापति क कउनो जवाब नाहीं दिहन। हिजकिय्याह लोगन क हुकुम दिहे रहा कि उ पचे सेनापति क कउनो जवाब न देइँ।

22 एकरे पाछे महल क देखरेख करइवाला हिल्किय्याह क पूत एल्याकीम लिपिकार सेब्ना अउर कागजात क संभारिके रखइ क काम करइवाला आसाप क पूत योआह इ देखावइ बरे कि उ दुःखी रहेन आपन ओढ़ना फाड़ि डाएन। उ पचे तीनउँ मनइयन हिजकिय्याह क लगे गएन अउर सेनापति जउन कछू ओनसे कहे रहा, उ सब ओका कहि सुनाएन।

हिजकिय्याह क परमेस्सर स पराथना

37 हिजकिय्याह जब सेनापति क सँदेसा सुनेस तउ उ आपन ओढ़ना फाड़ि डाएस। फुन बिसेस सोक वस्त्र धारण कइके उ यहोवा क मंदिर मँ गवा।

हिजकिय्याह महल क सेवक एल्याकीम क राजा क सचिव सेब्ना क अउर याजकन क अग्रजन क आमोस क पूत यसायाह नवी क लगे पठएस। एन तीनउँ ही लोग बिसेस सोक-वस्त्र पहिरे भरे रहेन। एन लोगन यसायाह स कहेन, “राजा हिजकिय्याह कहेस ह कि आजु क दिन सोक अउर दुःख क एक बिसेस दिन होइ। इ दिन एक अइसा दिन होइ जइसे जब एक बच्चा जन्म लेत ह। किन्तु बच्चा क जन्म देइवाली महतारी मँ जेतनी सक्ति होइ चाही ओहमाँ ओतनी ताकत नाहीं होत। सम्भव अहइ तोहार परमेस्सर यहोवा, सेनापति क जरिये कही बातन क सुन लेइ। अस्सूर क राजा सेनापति क साक्षात परमेस्सर क बेज्जत करइ पठएस ह। होइ सकत ह तोहार परमेस्सर यहोवा ओन बुरी अपमान स भरी बातन क सुन लिहस ह अउर उ ओनका एकर सजा देइ। कृपा कइके इस्राएल क ओन थोड़े स लोगन बरे पराथना करा जउन बचे भए अहइ।”

5-6 हिजकिय्याह क सेवक यसायाह क लगे गएन। यसायाह ओनसे कहेस, “अपने मालिक क इ बताइ द्या: ‘यहोवा कहत ह तू पचे सेनापति स जउन सुन्या ह, ओन बातन स जिन डेराअ। अस्सूर क राजा क लरिकन मोर अपमान करइ बरे जउन बातन कहेन ह, ओन बातन स जिन डेराअ। लखा अस्सूर क राजा क मइँ एक अफवाह सुनवाउब। अस्सूर क राजा क एक अइसी रपट मिली जउन ओकरे देस पइ आवइ वाले खतरा क बारे मँ होइ। एहसे उ अपने देस वापस लउटि जाइ। उ समय मइँ ओका, ओकरे आपन ही देस मँ तरवार स मउत क घाट उतार देब।’”

अस्सूर क सेना क यरूसलेम क तजब

8-9 अस्सूर क राजा क एक खबर मिली, सूचना मँ कहा ग रहा, “इथोपिया क राजा तिर्हाका जुद्ध करइ आवति अहइ।” तउ अस्सूर क राजा लाकीस क तजिके लिबना चला गवा। सेनापति इ सुनेस अउर लिबना नगर क चला गवा जहाँ अस्सूर क राजा जुद्ध करत रहा। फुन अस्सूर क राजा हिजकिय्याह क लगे दूत पठएस। राजा ओन दूतन स कहेस, 10 “यहूदा क राजा हिजकिय्याह स तू पचे इ बातन कहया:

‘जउने देवता पइ तोहार बिस्सास अहइ, ओहसे तू पचे मूरख जिन बना। अइसा जिन कहा कि “अस्सूर क राजा परमेस्सर यरूसलेम क पराजित नाहीं होइ देइ।” 11 लखा, तू पचे अस्सूर क राजा लोगन क बारे मँ सुन ही चुका अहा। उ पचे हर कउनो देस मँ लोगन क संग का कछू किहेन ह। ओनका उ पचे बुरी तरह हराएन ह। का तू पचे ओनसे बचि पउब्या? नाहीं, कदापि नाहीं। 12 का ओन लोगन क देवतन ओनकर रच्छा किहे रहेन? नाहीं। मोर पुरखन ओनका नस्ट कइ दिहन। मोर लोग गोजान, हारान अउ रेसेप क नगरन क बुरी तरह हराइ दिहे रहेन अउर उ पचे एदेन क लोग जउन तलस्सार मँ रहा करत रहेन, ओनका भी हराइ दिहे रहेन। 13 हमात अउर अर्पाद क राजा कहाँ गएन। सपरवैम क राजा आज कहाँ अहइ? हेना अउर इव्वा क राजा अब कहाँ अहइँ? ओनकर अन्त कइ दीन्ह गवा। उ पचे सबहिं बर्बाद कइ दीन्ह गएन।’”

हिजकिय्याह क परमेस्सर स पराथना

14 हिजकिय्याह ओन लोगन स उ सँदेसा लइ लिहस अउर ओका बाँचेस। फुन हिजकिय्याह यहोवा क मंदिर मँ चला गवा। हिजकिय्याह उ सँदेसा क खोलेस अउर यहोवा क समन्वा रख दिहस। 15 फुन हिजकिय्याह यहोवा स पराथना करइ लाग। हिजकिय्याह बोला: 16 “इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा, तू राजा क समान करूब सरगदूतन पइ बिराजत अहा। तू अउर बस तू ही परमेस्सर अहा, जेकर धरती क सबहिं राज्जन पर सासन अहइ। तू सरगन अउर धरती क रचना किहा ह। 17 मोर सुना। आपन आँखिन खोला अउर लखा, कान लगाइके सुना इ सँदेसा क सब्दन क, जेका सन्हेरीब मोका पठएस ह। एहमाँ तू साक्षात परमेस्सर क बारे मँ अपमान स भरी बुरी बुरी बातन कहया ह। 18 हे यहोवा, अस्सूर क राजा लोग असल मँ सबहिं देसन अउर हुवाँ क धरती क तबाह कइ दिहेस ह। 19 अस्सूर क राजा लोग ओन देसन क देवतन क बारि डाएन ह किन्तु उ पचे सच्चे देवतन नाहीं रहेन। उ पचे तउ सिरिफ अइसे मूरतियन रहेन जेनका लोग बनाए रहेन। उ सबइ तउ कोरी काठ रहेन, कोरे पाथर रहेन। एह बरे उ पचे खतम होइ गएन। उ सबइ बर्बाद होइ गएन। 20 तउ अब हे हमार परमेस्सर यहोवा। अब कृपा कइके अस्सूर क राजा क सक्ति स हमार रच्छा करा। ताकि धरती क सबहिं राज्जन क पता चलि जाइ कि तू यहोवा अहा अउर तू ही हमार एकमात्र परमेस्सर अहा।”

हिजकिय्याह क परमेस्सर क उत्तर

21 फुन आमोस क पूत यसायाह हिजकिय्याह क लगे इ सँदेसा पठएस, “इ उ अहइ जेका इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहेस ह, ‘अस्सूर क राजा सन्हेरीब क बारे मँ तू मोका पराथना किहेस ह।’

22 “तउ मोका जउन सन्हेरीब विरोध मँ कहेस,

‘उ इ अहइ: सिय्योन क कुवाँरी पुत्री तोहका तुच्छ जानत ह।
    उ तोहार हँसी उड़ावत ह।
यरूसलेम क पुत्री
    तोहार हँसी उड़ावत ह।
23 तू मोरे बरे विरोध मँ बुरी बातन कह्या।
    तू बोलत रह्या।
तू आपन आवाज मोरे विरोध मँ उठाए रह्या।
    तू मोका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर क अभिमान भी आँखिन स घूरे रह्या।
24 मोर सुआमी यहोवा क बारे मँ तू बुरी बातन कहलवावइ बरे तू आपन सेवकन क प्रयोग किहा।
    तू कह्या
“मइँ बहोत सक्तिसाली हउँ!
मोरे लगे बहोत स रथ अहइँ।
    मइँ आपन सक्ति स लबानोन क हराया
जब मइँ आपन रथन क लबानोन क महान पर्वत क ऊँच सिखरन क ऊपर लइ आएउँ।
    मइँ लबानोन क सबहिं महान बृच्छ काट डाएउँ।
मइँ उच्चतम सिखर स लइके गहिर
    जंगलन तलक प्रवेस कइ चुका हउँ।
25 मइँ बिदेसी धरती पइ कुअँन खनेउँ अउर पानी पिएउँ।
    मइँ मिस्र क नदियन सुखाइ दिहेउँ
    अउर उ देस पइ चलिके गएउँ ह।”

26 ‘इ सबइ उ जउन तू कह्या।
    का तू इ नाहीं सुन्या कि परमेस्सर का कहेस?
मइँ (परमेस्सर) बहोत बहोत पहिले ही इ जोजना बनाइ लिहेउँ रहे।
    बहोत बहोत पहिले ही मइँ एका तइयार कइ लिहे रहेउँ अब एका मइँ घटित किहेउँ ह।
मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क नस्ट करइ दिहेउँ
    अउर मइँ ही तू पचन्क ओन नगरन क पाथरन क देर मँ बदलइ दिहेउँ।
27 ओन नगरन क निवासी कमजोर रहेन।
    उ सबइ लोग भयभीत अउर लज्जित रहेन।
उ पचे खेते क पउधन जइसे रहेन,
    उ पचे नई घास क जइसे रहेन।
उ पचे उ घासे क नाई रहेन जउन मकानन क छतन पइ जमा करत हीं।
    उ घास लम्बी होइ स पहिले ही रेगिस्तान क गरम हवा झुलसाइ दीन्ह जात ह।
28 तोहार सेना अउ तोहरे जुद्ध क बारे मँ मइँ सब कछू जानत हउँ।
    मोका पता अहइ जब तू विस्राम किहे रह्या।
जब तू जुद्ध बरे गवा रह्या, मोका तब क भी पता अहइ।
    तू जुद्ध स घरे कब लउट्या, मइँ इ भी जानत हउँ।
    मोका एकर भी गियान अहइ कि तू मोह पइ कोहान अहा।
29 तू मोहसे खुस नाहीं अहा अउर
    मइँ तोहार अहंकार स भरा अपमान क सुना ह।
तउ मइँ तोहका सजा देब।
    मइँ तोहरे नाके मँ नकेल डाउब।
मइँ तोहरे मुँहे पइ लगाम लगाउब अउर तब मइँ तोहका मजबूर करब
    कि तू जउने राहे स आया रह्या, उहइ राहे स मोरे देस क तजिके वापिस चला जा।’”

हिजकिय्याह बरे यहोवा क संदेस

30 एह पइ यहोवा हिजकिय्याह स कहेस, “हिजकिय्याह, तू इ देखावइ बरे कि इ सबइ सब्द सच्चा अहइँ, मइँ तोहका एक संकेत देब। इ बरिस तू खाइ बरे कउनो अनाज नाहीं बोया। तउ इ बरिस तू पिछले बरिस क फसल स यूँ ही जम आए अनाजे क खाब्या। अगले बरिस भी अइसा ही होगा किन्तु तीसरे बरिस तू उ अनाजे क खाब्या जेका तू जमाए होब्या। तू आपन फसलन क कटब्या। तोहरे लगे खाइ क भरपूर होइ। तू अंगूरे क बेलन रोपब्या अउर ओनकर फल खाब्या।

31 “यहूदा क परिवार क कछू लोग बच जइहीं। उ पचे ही लोग बढ़त भए एक बड़की जाति क रूप लइ लेइहीं। उ पचे लोग ओन बृच्छन क नाई होइहीं जेनकर जड़न धरती मँ बहोत गहिर जात हीं अउर जउन बहोत तगड़े होइ जात हीं अउर बहोत स फल देत हीं। 32 यरूसलेम म कछू ही लोग जिअत बचिके बाहेर जाइ पइहीं। सिय्योन पर्वते स बचे भए लोगन क एक समूह ही बाहेर जाइ पाइ।” सर्वसक्तिमान यहोवा क सुदृढ़ पिरेम ही अइसा करी।

33 तउ यहोवा अस्सूर क राजा क बारे मँ इ कहेस:

“उ इ नगर मँ नाहीं आइ।
    उ इ नगर पइ एक भी बाण नाहीं छोड़ी!
उ आपन दालन क मुँह इ नगर कइँती नाहीं करी।
    उ इ नगर पइ हमला करइ क बरे माटी क टीला खड़ा नाहीं करी।
34 उहइ राहे स जेहसे उ आवा रहा, उ वापस आपन नगर क लउटि जाइ।
    इ नगर मँ उ प्रवेस नाहीं करी।
    इ सँदेसा यहोवा कइँती स अहइ।
35 यहोवा कहत ह, मइँ बचाउब अउर इ नगर क रच्छा करब।
    मइँ अइसा खुद आपन बरे अउर आपन सेवक दाऊद बरे करब।”

अस्सूर क फउजी

36 तउ यहोवा क सरगदूत अस्सूर क सिबिर मँ जाइके एक लाख पचासी हजार फउजी मनइयन क मार डाएस। अगली सुबह जब लोग उठेन, तउ उ पचे लखेन कि ओनके चारिहुँ कइँती मरे भए फउजियन क ल्हासन बिखरी अहइँ। 37 एह पइ अस्सूर क राजा सन्हेरीब वापस लउटिके आपन घरे नीनवे चला गवा अउर हुँवइ रहइ लाग।

38 एक दिन, जब सन्हेरीब आपन देवता निस्रोक क मंदिर मँ ओकर पूजा करत रहा, उहइ समय ओकर पूत अद्रम्मेलेक अउर सरेसेर तरवार स ओकर कतल कइ दिहस अउर फुन उ पचे असरात क भुइँया मँ पराइ गएन। एह बरे सन्हेरीब क पूत एसर्हद्देन (अस्सूर क) नवा राजा बन गवा।

हिजकिय्याह क बीमारी

38 उ समय क आसपास हिजकिय्याह बहोत बीमार पड़ा। ऍतना बीमार कि जइसे उ मरि ही गवा होइ। तउ आमोस क पूत यसायाह ओहसे मिलइ गवा। यसायाह राजा स कहेस, “यहोवा तू पचन्क इ सबइ बातन बतावइ बरे कहेस ह: ‘हाली ही तू मरि जाब्या। तउ जब तू मरा, तोहार परिवार का करइँ, इ तोहका ओनका बताइ देइ चाही। अब तू फुन कबहुँ नीक नाहीं होब्या।’”

हिजकिय्याह उ देवार क नाई करवट लिहस जेकर मुँह मन्दिर कइँती रहा। उ यहोवा क पराथना किहस, उ कहेस, “हे यहोवा, कृपा करा, याद करा कि मइँ सदा तोहरे समन्वा बिस्सास स भरी अउर सच्चे हिरदय क संग जिन्नगी जिएउँ ह। मइँ उ सबइ बातन किहेउँ ह जेनक तू उत्तिम कहत ह।” एकरे पाछे हिजकिय्याह ऊँच सुर मँ रोउब सुरू कइ दिहस।

यसायाह क यहोवा स इ संदेस मिला: “हिजकिय्याह क लगे जा अउर ओहसे कहि द्या: इ सबइ बातन उ सबइ अहइँ जेनका तोहार बाप दाऊद क परमेस्सर यहोवा कहत ह, ‘मइँ तोहार पराथना सुनेउँ ह अउर तोहार दुःख भरे आँसू लखेउँ ह। तोहरी जिन्नगी मँ मइँ पन्द्रह बरिस अउर जोड़त हउँ। अस्सूर क राजा क हाथन स मइँ तोहका छोड़ाइ डाउब अउर इ नगर क रच्छा करब।’”

तोहका इ बात बतावइ बरे जउन बातन क उ कहत ह, ओनका उ पूरा करी। यहोवा कइँती इ संकेत अहइ: “लखा, आहाज क धूप घड़ी क उ छाया जउन अंसन पइ पड़त ह, मइँ ओका दस अंस पाछे हटाइ देब। सूरज क उ छाया दस अंस तलक पाछे चली जाइ।”

हिजकिय्याह क गीत

इ हिजकिय्याह क उ पत्र अहइ जउन उ बेरामी स नीक होइ क पाछे लिखे रहा:

10 मइँ आपन मन मँ कहेउँ कि मइँ तब तलक जिअब जब तलक बूढ़ा होबउँ।
    किन्तु मोर काल आइ गवा रहा कि मइँ मउत क दुआरे स गुजरउँ।
    अब मइँ आपन समय हिऊँइ पइ बिताउबउँ।
11 एह बरे मइँ कहेउँ, “मइँ यहोवा याह क फुन कबहुँ जिअतन क धरती पइ नाहीं लखब।
    धरती पइ जिअत भए लोगन क मइँ नाहीं लखब।
12 मोर घर, चरवाहे क अस्थिर तम्बू सा उखाड़िके गिरावा जात अहइ अउर मोहसे छीना जात अहइ।
    अब मोर वइसा ही अन्त होइ गवा ह जइसे करघे स कपड़ा लपेटि के काट लीन्ह जात ह।
    क्षिनभर मँ तू मोहका इ अंत तलक पहोंचाइ दिहा।
13 मइँ भोर तलक आपन क सान्त करत रहेउँ।
    उ सेर क नाई मोर हाड़न क तोरत अहइ।
    एक ही दिन मँ तू मोर अन्त कइ डावत ह।
14 मइँ कबूतर स रोवत रहेउँ।
    मइँ एक पंछी जइसा रोवत रहेउँ।
मोर आँखिन थक गइन
    तउ भी मइँ लगातार अकासे कइँती निहारत रहेउँ।
मोर सुआमी, मइँ विपत्ति मँ हउँ
    मोका उबारइ क बचन द्या।”
15 मइँ अउर का कहि सकत हउँ?
    मोर सुआमी मोका बताएस ह जउन कछू भी होइ,
    अउर मोर सुआमी ही उ घटना क घटित करी।
मइँ एन बिपत्तियन क आपन आतिमाँ मँ झेलेउँ ह
    एह बरे मइँ जिन्नगी भइ विनम्र रहब।
16 हे मोर सुआमी, इ कस्ट क समय क उपयोग फुन स मोर चेतना क ससक्त बनावइ मँ करा।
    मोरे मने क ससक्त अउर स्वस्थ होइ मँ मोर मदद करा।
मोका सहारा द्या कि मइँ नीक होइ जाउँ।
    मोर मदद करा कि मइँ फुन स जी उठउँ।

17 लखा! मोर बिपत्तियन खतम भईन!
    अब मोरे लगे सान्ति अहइ।
तू मोहसे बहोत जियादा पिरेम करत ह।
    तू मोका कब्र मँ सड़इ नाहीं दिहा।
तू मोर सब पाप छिमा किहा।
    तू मोर सब पाप दूर लोकाइ दिहा।
18 तोहार स्तुति मरे मनई नाहीं गावतेन।
    मउत क देस मँ पड़े लोग तोहार यसगीत नाहीं गावतेन।
उ पचे मरे भए मनई जउन कब्र मँ समावा अहइँ,
    मदद पावइ क तोह पइ भरोसा नाहीं रखतेन।
19 उ सबइ लोग जउन जिअत अहइँ जइसा आजु मइँ हउँ तोहार जस गावत हीं।
    एक बाप क आपन सन्तानन क बतावइ चाही
    कि तोह पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
20 एह बरे मइँ कहत हउँ: “यहोवा मोका बचाएस ह
    तउ हम आपन जिन्नगी भइ यहोवा क मन्दिर मँ गीत गाउब अउर बाजा बजाउब।”

21 फुन एह पइ यसायाह कहेस, “अंजीरन क आपुस मँ मसलवाइके ओकरे फोड़न पइ बाँधा। एहसे उ नीक होइ जाइ।”

22 किन्तु हिजकिय्याह यसायाह स पूछेस, “यहोवा कइँती स अइसा कउन सा संकेत अहइ जउन साबित करत ह कि मइँ नीक होइ जाब? कउन सा संकेत अहइ जउन प्रमाणित करत ह कि मइँ यहोवा क मंदिर मँ जाइ क जोग्य होइ जाब?”

बाबुल क सँदेसावाहक

39 उ समय, बलदान क पूत मरोदक बलदान बाबुल क राजा भवा करत रहा। मरोदक हिजकिय्याह क लगे पत्र अउर उपहार पठएस। मरोदक ओकरे लगे उपहार एह बरे पठए रहा कि उ अनके रहा कि हिजकिय्याह बेराम रहा अउर फुन नंगा होइ गवा। एन उपहारन क पाइके हिजकिय्याह बहोत खुस भवा। एह बरे हिजकिय्याह मरोदक क लोगन क आपन खजाने क कीमती चिजियन देखाएस। हिजकिय्याह ओन लोगन क आपन सारी सम्पत्ति देखाएस। चाँदी, सोना, कीमती तेल अउर इत्र ओनका देखाएस। हिजकिय्याह ओनका जुद्ध मँ काम आवइवाली तरवारन अउर ढालन भी देखाएस। हिजकिय्याह ओनका सबहिं चिजियन देखाएस जउन उ जमा कइ रखे रहा। हिजकिय्याह आपन घरे क अउर आपन राज्ज क हर वस्तु ओनका देखाएस।

यसायाह नबी राजा हिजकिय्याह क लगे गवा अउर ओहसे बोला, “इ सबइ लोग का कहत अहइँ? इ सबइ लोग कहाँ स आएन ह”

हिजकिय्याह कहेस, “इ सबइ लोग दूर देस स मोरे लगे आएन ह। इ सबइ लोग बाबुल स आएन ह।”

एह पइ यसायाह ओहसे पूछेस, “उ पचे तोहरे गहल मँ का लखेन?”

हिजकिय्याह कहेस, “मोर महल क हर वस्तु उ पचे लखेन। मइँ आपन सारी सम्पत्ति ओनका देखाए रहेउँ।”

यसायाह हिजकिय्याह स इ कहेस, “सर्वसक्तीमान यहोवा क सब्दन क सुना। ‘भविस्स मँ जउन कछू तोहरे घर मँ अहइ, उ सब कछू बाबुल लइ जावा जाइ। अउर तोहरे बुजुर्गन क उ सारी धन दौलत जउन अचानक उ पचे बटोरेन ह, लइ लीन्ह जाइ। तोहरे लगे कछू नाहीं छोड़ा जाइ। सर्वसक्तिमान यहोवा इ कहेस ह। बाबुल क राजा तोहरे पूतन क लइ जाइ।’ उ सबइ पूत जउन तोहसे पइदा होइहीं। तोहार पूत बाबुल क राजा क महल मँ हाकिम बनिहीं।”

हिजकिय्याह यसायाह स कहेस, “यहोवा क एन बचनन क सुन मोरे बरे बहोत उत्तिम होइ।” (हिजकिय्याह अइसा एह बरे कहेस काहेकि ओकर विचार रहा, “जब मइँ राजा होब, तब सान्ति रही अउर कउनो उत्पात नाहीं होइ।”)

इस्राएल क सजा क अन्त

40 “चैन द्या, मोरे लोगन क चैन द्या!
    तोहार पचन्क परमेस्सर कहत ह।
तू यरूसलेम स दाया स बातन करा।
    यरूसलेम क बताइ द्या, ‘तोहरी सेवा क समय पूरा होइ चुका।
    तू आपन पापन क कीमत दइ दिहे अहा।’
यहोवा यरूसलेम क कीन्ह भए पापन क
    दुइ गुणा दण्ड ओका दिहेस ह।”

सुना! एक मनई क जोर स गोहरावत भए सुर:
“यहोवा बरे बियाबान मँ एक राह बनावा।
    हमार परमेस्सर बरे बियाबान मँ एक रास्ता चौरस करा।
हर घाटी क भरि द्या
    हर एक पर्वत अउ पहाड़ी क समथर करा।
टेढ़-मेढ़ राहन क सोझ करा।
    उबड़-खाबड़ क चौरस बनाइ द्या।
तब यहोवा क महिमा परगट होइ।
    सब लोग एकट्ठा यहोवा क तेज क लखिहीं।
हाँ, यहोवा खुद इ सबइ कहेस ह।”

एक वाणी मुखरित भइ, उ कहेस, “बोला।”
    तउ मनई पूछेस, “मइँ का कहउँ?”
वाणी कहेस, “लोग सदा जिअत नाहीं रहिहीं।
    उ सबइ रेगिस्ताने क घास क नाई अहइँ।
    ओनकर धार्मिकता जंगली फूल क समान अहइ।
एक सक्तिसाली आँधी यहोवा कइँती स उ घासे पइ चलत ह,
    अउर घास झुराइ जात ह, जंगली फूल नस्ट होइ जात ह।
    हाँ सबहिं लोग घास क समान अहइँ।
घास मरि जात ह अउर जंगली फूल नस्ट होइ जात ह।
    किन्तु हमरे परमेस्सर क बचन सदा बने रहत हीं।”

मुक्ति: परमेस्सर क सुसंदेस

हे, सिय्योन, तोहरे लगे सुसंदेस कहइ क अहइ।
    तु पहाड़े पइ चढ़ि जा अउर ऊँचे सुर स ओका गोहरावा।
यरूसलेम, तोहरे लगे एक सुसंदेस कहइ क अहइ।
    भयभीत जिन ह्वा, तू ऊँच सुर मँ बोला।
यहूदा क सारे नगरन क तू इ सबइ बातन बताइ द्या:
    “लखा, इ रहा तोहार परमेस्सर!”
10 मोर सुआमी यहोवा सक्ति क संग आवत अहइ।
    उ आपन सक्ति क उपयोग लोगन पइ सासन करइ मँ लगाइ।
यहोवा आपन लोगन क प्रतिफल देइ।
    ओकरे लगे देइ क ओनकर मजदूरी होइ।
11 यहोवा आपन लोगन क वइसे ही अगुवाई करी जइसे कउनो गड़रिया आपन भेड़िन क अगुवाई करत ह।
    यहोवा आपन बाहु क काम मँ लिआई अउर आपन भेड़िन क बटोरी।
    यहोवा नान्ह भेड़िन क उठाइके गोद मँ थामी, अउर ओनकर महतारिन ओकरे संग संग चलिहीं।

संसार क परमेस्सर रचेस: उ एकर सासक अहइ

12 कउनो अँजुरी मँ भरिके समुद्र क नाप दिहेस?
    कउन हाथे स अकास क नाप दिहस?
कउन कटोरा मँ भरिके धरती क सारी धूरि क नाप दिहस?
    कउन नापइ क धागा स पर्वतन अउर चोटियन क नाप दिहेस?
    इ यहोवा किहे रहा।
13 यहोवा क आतिमा क कउनो मनई इ नाहीं बताएस कि ओका का करब रहा।
    यहोवा क कउनो इ नाहीं बताएस कि ओका जउन उ किहेस ह, कइसे करब रहा।
14 का यहोवा कउनो स मदद माँगेस?
    का यहोवा क कउनो निस्पच्छता क पाठ पढ़ाएस ह?
का कउनो मनई यहोवा क गियान सिखाएस ह?
    का कउनो मनई यहोवा क बुद्धि स काम लेब सिखाएस ह? नाहीं।
    एन सबहिं बातन क यहोवा क पहिले ही स गियान अहइ।
15 लखा, जगत क सारे देस गगरी मँ एक नान्ह बूँद जइसे अहइँ।
    जदि यहोवा सुदूरवर्ती देसन तलक क लइके आपन तराजू पइ धइ देइ,
    तउ उ पचे नान्ह स रजकन जइसे लगिहीं।
16 लबानोन क सारे बृच्छन भी काफी नाहीं अहइ
    कि ओनका यहोवा बरे बारा जाइ।
लबानोन क सारे पसु काफी नाहीं अहइँ
    कि ओनका ओकर एक बलि बरे मारा जाइ।
17 परमेस्सर क तुलना मँ बिस्व क सबहिं रास्ट्र कछु भी नाहीं अहइँ।
    परमेस्सर क तुलना मँ विस्व क सबहिं रास्ट्र बिल्कुल बगैर कीमत क अहइँ।

परमेस्सर का अहइ, लोग कल्पना नाहीं कइ सकतेन

18 का तू परमेस्सर क तुलना कउनो भी चीज स कइ सकत ह? नाहीं।
    का तू परमेस्सर क चित्र बनाइ सकत ह? नाहीं।
19 किन्तु कछू लोग अइसे अहइँ जउन पाथर अउर काठे क मूरतियन बनावत हीं
    अउर ओनका देवता कहत हीं।
एक कारीगर मूरति क बनावत ह।
    फुन दूसर कारीगर ओह पइ सोना मढ़ देत ह अउर ओकरे बरे चाँदी क जंजीरन बनावत ह।
20 तउ उ मनई आधार बरे एक खास तरह क काठ चुनत ह
    जउन सड़त नाहीं ह।
तब उ एक अच्छे काठे क कारीगर क हेरत ह।
    उ कारीगर एक अइसा देवता बनावत ह जउन लुढ़कत नाहीं ह।
21 निहचय ही, तू पचे फुरइ जानत अहा, बोला?
    निहचय ही तू पचे सुन्या ह।
    निहचइ ही बहोत पहिले कउनो तू पचन्क बनाएस ह।
    निहचइ ही तू पचे जानत अहा कि धरती क कउन बताएस ह।
22 यहोवा ही सच्चा परमेस्सर अहइ। उहइ धरती क चक्र क ऊपर बइठत ह।
    ओकर तुलना मँ लोग टिड्डी स लगत हीं।
उ अकासन क कउने कपड़े क टूकन क नाई खोल दिहस।
    उ अकासे क ओकरे खाले बइठइ क एक तम्बू क नाई तान दिहस।
23 सच्चा परमेस्सर सासकन क महत्वहीन बनावत ह।
    उ इ जगत क निआवकर्त्तन क पूरी तरह बियर्थ बनाइ देत ह।
24 उ सबइ सासक अइसे अहइँ जइसे उ पचे पउधन जेनका धरती मँ रोपा गवा होइ,
    किन्तु एहसे पहिले कि उ पचे आपन जड़न धरती मँ जमाइ पावइँ,
परमेस्सर ओनका बहाइ देत ह
    अउर उ सबइ झुराइके मरि जात हीं।
    आँधी ओनका तिनका सा उड़ाइके लइ जात ह।
25 “का तू कउनो स भी मोर तुलना कइ सकत ह नाहीं।
    कउनो भी मोरे बराबर क नाहीं अहइ।”

26 ऊपर अकासन क लखा।
    कउन ऍन सबहिं तारन क बनाएस?
कउन उ सबइ अकास क सेना बनाएस?
    केका सबहिं तारन नाम-बनाम मालूम अहइँ?
सच्चा परमेस्सर बहोत ही सुदृढ़ अउर सक्तीसाली अहइ
    एह बरे कउनो तारा कबहुँ निज मार्ग नाहीं बिसरा।

27 हे याकूब, इ सच अहइ।
    हे इस्राएल, तोहका एका बिस्सास करइ चाही।
तउ तू काहे अइसा कहत ह कि “जइसी जिन्नगी मइँ जिअत हउँ ओका यहोवा नाहीं लखि सकत।
    परमेस्सर मोका धइ नाहीं पाइ अउर न सजा दइ पाई।”

28 सचमुच तू सुन्या ह
    अउर जानत ह कि यहोवा परमेस्सर बुद्धिमान अहइ।
जउन कछू उ जानत ह ओन सबहिं बातन क मनई नाहीं सीख सकत।
    यहोवा कबहुँ थकत नाहीं,
ओका कबहुँ विस्राम क जरूरत नाहीं होत।
    यहोवा ही सबहिं दूरदराज क ठउर धरती पइ बनाएस।
    यहोवा सदा जिअत ह।
29 यहोवा सक्तीहीनन क सक्तीसाली बनइ मँ सहायता देत ह।
    उ अइसे ओन लोगन क जेनके लगे सक्ति नाहीं अहइ, प्रेरित करत ह कि उ सक्तीसाली बनइ।
30 नउजवान थक जात हीं अउर ओनका विस्राम क जरूरत पड़जात ह।
    हिआँ तलक कि किसोर भी ठोकर खात हीं अउर गिरत हीं।
31 किन्तु उ सबइ जउन यहोवा क भरोसा करत अहइँ आपन सक्ति क प्राप्त कइ लेइ।
    उ पचे उँचाई पइ उड़ि ओकर पखना बाज़ क नाई होइ।
उ पचे दौड़ी किन्तु कमज़ोर नाहीं होइ।
    उ पचे चली किन्तु थकी नाहीं

यहोवा सृजनहार अहइ: उ अमर अहइ

41 यहोवा कहा करत ह,
“सुदूरवर्ती देसो, चुप रहा अउर मोरे लगे आवा।
    जातियो, फुन स सुदृढ़ बना।
मोरे लगे आवा अउर मोहसे बातन करा।
    आपुस मँ मिलिके हम निहचय करी
    कि उचित का अहइ।
कउन उ बिजेता क जगाएस ह, जउन पूरब स आइ?
    कउन ओहसे दूसर देसन क हरवावत अउर राजा लोगन क अधीन कइ देत?
कउन ओकर तरवारन क एतना बढ़ाइ देत ह कि उ पचे अनगिनत होइ जात जेतना रेत-कण होत हीं?
    कउन ओकरे धनुसन क ऍतना अनगिनत कइ देत
    जेतना भूसे क छिलकन होत हीं?
उ मनई पाछा करी अउर ओन रास्ट्रन क पाछा बगैर नोस्कान उठाए करत रही
    अउर अइसे ओन ठहूरन तलक जाइ जहाँ उ पहिले कबहुँ गवा ही नाहीं।
कउन इ सबइ सब घटित करत ह? कउन इ किहेस?
    कउन आदि स सबलोगन क बोलाएस?
मइँ यहोवा एन सबइ बातन क किहेउँ।
    मइँ यहोवा ही सबसे पहिला हउँ।
    आदि क पहिले स मोर अस्तित्व रहा ह, अउर जब सब कछू चला जाइ तउ भी मइँ हिअँइ रहब।
सुदूरवर्ती देस एका लखिहीं
    अउर भयभीत होइँ।
दूर धरती क छोर क लोग
    फुन आपुस मँ एक जुट होइके
    भय स काँपि उठइँ।”

“काम करइवालन एक दूसर क मदद करत ह अउर मज़बूत होइवइ बरे हिम्मत बढ़ावत ह। मूर्ति बनावइ बरे एक कारीगर लकड़ी काटत अहइ। फुन उ मनई सुनारे क उत्साहित करत ह। एक कारीगर हथौड़े स धातु क पत्तर बनावत अहइ। फुन उ कारीगर निहायी पइ काम करइवाले मनई क प्रेरित करत अहइ। इ आखिरी कारीगर कहत अहइ, काम अच्छा अहइ, ‘किन्तु इ धातु बाहेर नाहीं निकरी।’ किन्तु उ तउ प भी मूरति क आधार पइ कीले स जड़ि द्या, ताकि इ कबहुँ हिल-डुल तलक नाहीं पाई।”

यहोवा ही हमार रच्छा कइ सकत ह

यहोवा कहत ह: “हे मोर सेवक इस्राएल,
    हे याकूब मोर मीत इब्राहींम क सन्तान
    तोहका मइँ चुनेउँ ह,
मइँ तोहका भूइँया क
    दूर जगह स उठाएउँ।
मइँ तू पचन्क उ दूर देस स बोलाएउँ।
    मइँ कहेउँ, ‘तू मोर सेवक अहा।’
मइँ तोहका चुनेउँ ह
    अउर मइँ तोहका रद्द किहेउँ ह।
10 तू चिन्ता जिन करा, मइँ तोहरे संग हउँ।
    तू भयभीत जिन ह्वा, मइँ तोहार परमेस्सर हउँ।
मइँ तोहका सुदृढ़ करब।
    मइँ तोहका आपन नेकी क दाहिने हाथे स सहारा देब।
11 लखा, कछू लोग तोहसे नाराज अहइँ
    किन्तु उ पचे लजइहीं।
    जउन तोहार दुस्मन अहइँ उ पचे नाहीं रहिहीं, उ पचे सब हेराइ जइहीं।
12 तू अइसे ओन लोगन क खोज करब्या जउन तोहरे बिरुद्ध रहेन।
    किन्तु तू ओनका नाहीं पउब्या।
उ पचे सबइ लोग जउन तोहसे लड़ा रहेन,
    पूरी तरह लुप्त होइ जइहीं।
13 मइँ तोहार परमेस्सर यहोवा हउँ।
    मइँ तोहार सीधा हाथ थाम रखे हउँ।
मइँ तोहसे कहत हउँ कि ‘जिन डेराउन।
    मइँ तोहका सहारा देब।’
14 कीमती यहूदा, तू निर्भय रहा।
    हे मोर प्रिय इस्राएल क लोगो! भयभीत जिन रहा।
    फुरइ मइँ तोहका मदद देबउँ।”

खुद यहोवा ही इ सबइ बातन कहे रहा।

“इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर
    जउन तोहार रच्छा करत ह, कहे रहा:
15 लखा, मइँ तोहका एक नवे दाँवइ क औजार जइसा बनाएउँ ह।
    इ औजारे मँ बहोत स दाँतन अहइँ जउन बहोत तीखे अहइँ।
    किसान एका अनाज क छिलका उतारइ क काम मँ लिआवत हीं।
तू पर्वतन क गोड़न तले मसलब्या अउर ओनका धूरि मँ मिलाइ देब्या।
    तू पर्वतन क अइसा कइ देब्या जइसे भूसा होत ह।
16 तू ओनका हवा मँ उछरब्या
    अउर हवा ओनका उड़ाइके दूर लइ जाइ अउर ओनका कहूँ छितराई देइ।
तब तू यहोवा मँ टिकिके आनन्दित होब्या।
    तोहका इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर प बहोत गर्व होइ।

17 “गरीब जन, अउर जरूरतमंद जल हेरत हीं
    किन्तु ओनका जल नाहीं मिलत ह।
    उ पचे पियासा अहइँ अउर ओनकर जीभ झुरान अहइ।
मइँ ओनकर बिनतियन क जवाब देब।
    मइँ ओनका न ही तजब अउर न ही मरइ देब।
18 मइँ झुरान पहाड़ पइ नदियन बहाइ देब।
    घाटियन मँ स जलस्रोत बहाइ देब।
मइँ रेगिस्तान क जल स भरी झील मँ बदल देब।
    उ झुरान धरती पइ पानी क सोतन मिलिहीं।
19 रेगिस्तान मँ देवदार क, कीकर क, जैतून क,
    सनावर क, तिघारे क, चीड़ क बृच्छ जमिहीं।
20 लोग अइसा होत भए लखिहीं
    अउर उ पचे जानिहीं कि यहोवा क सक्ति इ सब किहेस ह।
लोग एनका लखिहीं अउर समुझब सुरू करिहीं
    कि इस्राएल क पवित्तर परमेस्सर इ बातन किहेस ह।”

यहोवा क लबार देवतन क चितउनी

21 यहोवा, याकूब क राजा कहत ह, “आ, अउर मोका आपन मुकदमा द्या। आपन सबूत मोका देखावा। तब हम इ निहचय करब कि का उचित अहइँ?” 22 तोहरे पचन्क मूरतियन क हमरे लगे आइके, जउन घटत अहइ, उ बतावइ चाही। “सुरू मँ का कछू घटा रहा अउर भविस्स मँ का घटइवाला अहइ। हमका बतावा हम बड़े धियान स सुनब। जेहसे हम इ जान जाइ कि अगवा का होइवाला अहइ। 23 हमका ओन बातन क बतावा जउन घटइवाली अहइँ। जेनका जानइ क हमका इन्तजार अहइ ताकि हम पतियायी कि फुरइ तू देवता अहा। कछू करा। चाहे भला चाहे बुरा ताकि हम लखि सकी अउर जान सकी कि तू जिअत अहा अउर तोहार अनुसरण करी।

24 “लखा, हे लबार देवता, तू पचे बेकार स भी जियादा बेकार अहा! तू पचे कछू भी नाहीं कइ सकत्या। केवल बेकार क भ्रस्ट लोग ही तू पचन्क पूजइ चाहत हीं।”

बस यहोवा ही परमेस्सर अहइ

25 “जवाब मँ मइँ एक मनई क उठाएउँ ह।
    उ पूरब स जहाँ सूरज उगा करत ह, आवत अहइ।
    उ मोरे नाउँ क उपासना किया करत ह।
जइसे कोहार माटी रौंदा करत ह वइसे ही
    उ बिसेस मनई राजा लोगन क रौंदी।

26 “इ सबइ घटइ स पहिले ही हमका जउन बताएस ह, हमका ओका परमेस्सर कहइ चाही।
    का हमका इ सबइ बातन तू पचन्क कउनो मूरति बताएस? नाहीं।
कउनो भी मूरति कछू भी हमका नाहीं बताए रही।
    उ सबइ मूरतियन तउ एक भी सब्द नाहीं बोल पावत हीं।
    उ सबइ लबार देवतन एक भी सब्द जउन तू पचे बोला करत ह नाहीं सुन पावत हीं।
27 मइँ, यहोवा पहिले रहेउँ जउन इ बातन क बिसय मँ सिय्योन क बताएउँ ह!
    उ मइँ ही रहेउँ जउन दूत क इ बड़िया संदेस क साथ यरूसलेम पठएउँ!
    ‘लखा, तोहार लोग वापस आवत अहइँ।’”

28 जइसा मइँ लखेस,
    हुवाँ कउनो एक भी मोजूद नाहीं रहा जउन आपन तर्क पेस करी!
    का एकर मतलब अहइ कि ओन देवतन मँ स एक भी वकील न रही!
मइँ ओका प्रस्न पूछेस,
    किन्तु ओनमाँ स कउनो भी कछू नाहीं बोलेस!
29 लखा, इ सबइ देवतन बिल्कुल ही बियर्थ अहइँ!
    उ पचे कछू नाहीं कइ पावतेन!
    उ कछू नाहीं सिरिफ हवा अहइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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