Beginning
संगीत निर्देसक बरे यहोवा क दास दाऊद क एक पद।
1 बुरा मनई बहोत बुराई करत ह जब उ खुद स कहत ह,
“मइँ परमेस्सर क आदर नाहीं करत हउँ अउ न ही डेरात हउँ।”
2 उ मनई खुद स झूठ बोलत ह।
उ मनई खुद क आपन खोट नाहीं लखत।
एह बरे उ छिमा नाहीं माँगत।
3 ओकर वचन सिरिफ बियर्थ अउ झूठा होत हीं।
उ विवेकवाला नाहीं होत अउर न ही अच्छा काम सीखत ह।
4 राति क उ बिछउना मँ कुचक्र रचत ह।
उ जागिके कउनो भी नीक काम नाहीं करत।
उ कुकरम क तजई नाहीं चाहत।
5 हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम अकासे स भी ऊँच बाटइ।
हे यहोवा, तोहार सच्चाई बादर स भी ऊँच बाटइ।
6 हे यहोवा, तोहार धर्मी भावना सबन त ऊँची पर्वते स भी ऊँची बाटइ।
तोहार सोभा गहिर सागर स भी गहिर अहइ।
हे यहोवा, तू मनइयन अउ गोरूअन क रच्छक अहा।
7 तोहरी करुणा स जियादा मूल्यवान कछू भी नाहीं अहइ।
मनई अउ दूत तोहरे सरण मँ आवा अहइँ।
8 हे यहोवा, तोहरे मन्दिर क उत्तिम बातन स उ सबइ नई सक्ती पावत हीं।
तू ओनका आपन अद्भुत नदी क पानी क पिअइ देत अहा।
9 हे यहोवा, तोहसे जिन्नगी क झरना फूटत ह!
तोहार जोति ही हमका प्रकास देखाँवत ह।
10 हे यहोवा, जउन तोहका सच्चाई स जानत हीं, ओनसे पिरेम करत रहा।
ओन लोगन पइ तू आपन खुद क नेकी बरसावा जउन तोहरे बरे सच्चा अहइँ।
11 हे यहोवा, तू मोका घमण्डियन क जाल मँ जिन फँसइ द्या।
दुट्ठ लोग मोका कबहुँ धइ न पावइँ।
12 ओनकर कब्रन क पाथरन पइ इ लिखि द्या:
“दुट्ठ लोग हिआँ पइ गिरेन ह।
उ सबइ कुचर दीन्ह गएन।
उ पचे फिन कबहुँ खड़ा नाहीं होइ पइहीं।”
दाऊद क समर्पित।
1 दुर्जन लोगन स जिन घबरा,
जउन बुरा करत हीं अइसे मनइयन स ईर्स्या जिन राखा।
2 दुर्जन मनई घास अउ हरियर पौधन क नाई हाली पिअराइ जात हीं
अउर मरि जात हीं।
3 अगर तू यहोवा पइ भरोसा रखब्या अउर भला काम करब्या तउ तू जिअत रहब्या
अउ ओन चिजियन क भोग करब्या जउन धरती देत ह।
4 यहोवा क सेवा मँ आनन्द लेत रहा,
अउर यहोवा तोहका तोहार मन चाहा देइ।
5 यहोवा क भरोसे रहा।
ओकर बिस्सास करा।
उ वइसा करी जइसा करइ चाही।
6 दुपहरिया क सूरज जइसा,
यहोवा तोहार नेकी अउ खरेपन क चमकावइ।
7 यहोवा पइ भरोसा धरा अउ ओकरे सहारे क बाट जोहा।
तू दुट्ठन क कामयाबी लखिके घबरावा जिन करा।
तू दुट्ठन क दुट्ठ जोजनन क कामयाब होत लखिके जिन घबरा।
8 तू किरोध जिन करा, तू उन्मादी जिन बना।
ओतना जिन घबराइ जा कि तू बुरा काम करइ चाहा।
9 काहेकि बुरे मनइयन क तउ नास कीन्ह जाइ।
मुला उ सबइ लोग जउन यहोवा पइ भरोसा रखत हीं, उ धरती क पइहीं जेका देइ क परमेस्सर वचन दिहेस ह।
10 तनिक समइ क पाछे कउनो दुर्जन नाहीं बच पाई।
हेरइ स भी तोहका कउनो दुट्ठ नाहीं मिली।
11 नम्र लोग उ धरती पइहीं जेका परमेस्सर देइ क वचन दिहेस ह।
उ सबइ सान्ति क आनन्द लेइहीं।
12 दुट्ठ लोग सज्जनन बरे कुचाल चलत हीं।
दुट्ठ जन सज्जनन क ऊपर दाँत पीसिके देखाँवत हीं कि उ पचे कोहान अहइँ।
13 मुला हमार सुआमी ओन दुर्जनन पइ हँसत ह।
उ ओन बातन क लखत ह जउन ओन पइ पड़इ क अहइ।
14 दुर्जन तउ आपन तरवार उठावत हीं अउर धनुस साधत हीं।
उ पचे दीन लोगन, बेसहारा लोगन क मारइ चाहत हीं।
उ सबइ सच्चे लोगन, सज्जन लोगन क मारइ चाहत हीं।
15 मुला ओनकर धनुस चूर चूर होइ जइहीं।
अउर ओनकर तरवारन ओनकर आपन ही हिरदय मँ उतरिहीं।
16 थोड़ा स भला मनई,
दुर्जनन क भीड़ स भी उत्तिम अहइँ।
17 काहेकि दुर्जनन क तउ नस्ट कीन्ह जाइ।
मुला भले मनइयन क यहोवा धियान रखत ह।
18 सुद्ध सज्जन लोगन क यहोवा ओनकइ जिन्नगी भइ बचावत ह।
ओनकर प्रतिफल सदा बना रही।
19 जबहिं संकट होइ,
सज्जन बरबाद नाहीं होइहीं।
जब अकाल पड़ी,
सज्जन लोगन क लगे खइया क भरपूर होइ।
20 मुला बुरा मनई यहोवा क दुस्मन होत रहत हीं।
तउ ओन बुरे लोगन क नस्ट कइ दीन्ह जाइ,
ओनकर सबइ घाटी झुराइ जइहीं अउर बर जइहीं।
ओनका तउ पूरी तरह स मेट दीन्ह जाई।
21 दुट्ठ तउ फउरन ही धन उधार माँग लेत ह, अउर ओका फुन कबहुँ नाहीं चुकावत।
मुला एक सज्जन अउरन क खुसी स देत रहत ह।
22 अगर कउनो सज्जन कउनो क आसीर्बाद देइ, तउ उ सबइ मनई उ धरती क जेका परमेस्सर देइ क वचन दिहस ह, पइहीं।
मुला अगर उ सराप देइ मनइयन क तउ उ सबइ नास होइ जइहीं।
23 यहोवा, सिपाही क होसियारी स चलइ मँ मदद करत ह।
अउर उ ओका पतन स बचाइ लेत ह।
24 फउजी अगर धावत भए दुस्मन पइ प्रहार करइँ, तउ ओकरे हाथे क यहोवा सहारा देत ह,
अउर ओका गिरइ स बचावत ह।
25 मइँ जुवक भवा रहेउँ पर अबहुँ मइँ बुढ़ाइ ग हउँ।
मइँ कबहुँ यहोवा क सज्जन लोगन क बेसहारा तजत भए नाहीं लखेउँ।
मइँ कबहुँ सज्जन लोगन क संतानन क भीख माँगत नाहीं लखेउँ।
26 सज्जन सदा मुक्त भाव स दान देत ह।
सज्जन लोगन क गदेलन वरदान होत हीं।
27 अगर तू कुकरमन स आपन मुँह मोड़ ल्या, अउर अगर तू नीक करमन क करत रहा,
तउ फिन तू सदा ही जिअत रहब्या।
28 यहोवा खरेपन स पिरेम करत ह,
उ आपन निज मनवइयन क बेसहारा नाहीं तजत।
यहोवा आपन निज मनवइयन क हमेसा रच्छा करत ह,
अउर उ दुट्ठ जन क नस्ट कइ देत ह।
29 सज्जन उ धरती क पइहीं जेका देइ क परमेस्सर वचन दिहस ह,
उ पचे ओहमाँ सदा सदा ही रहा करिहीं।
30 भला मनई तउ खरी सलाह देत ह।
ओकर निआउ सब क बरे निस्पच्छ होत ह।
31 सज्जन क हिरदय मँ यहोवा क उपदेस रहत हीं।
उ सोझ मारग पइ चलब नाहीं तजत।
32 मुला दुर्जन सज्जन क दुःख पहोंचावइ क रस्ता हेरत रहत ह, अउर दुर्जन सज्जन क मारइ क जतन करत हीं।
33 मुला यहोवा दुर्जनन क मुक्त नाहीं तजी।
उ सज्जन क अपराधी नाहीं ठहरइ देइ।
34 यहोवा क मदद क बाट जोहत रहा।
यहोवा क पाछे पाछे चलत रहा, दुर्जन नस्ट होइहीं।
यहोवा तोहका महत्वपूर्ण बनाई।
तू उ धरती पउब्या जेका देइ क यहोवा वचन दिहस ह।
35 मइँ दुट्ठ क बरिआर लखेउँ ह।
मइँ ओका मजबूत अउ तन्दुरुस्त बृच्छ क नाई सक्तीसाली लखेउँ।
36 मुला उ सबइ फुन मिट गएन।
मोरे हेरे पइ ओनकर पता तलक नाहीं मिला।
37 सच्चा अउ खरा बना,
काहेकि इहइ स सान्ति मिलत ह।
38 मुला जउन लोग व्यवस्था नेम तोड़त हीं
नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
39 यहोवा नेक मनइयन क रच्छा करत ह।
उ आपन किला मँ रहा जब विपत्तियन आइन।
40 यहोवा नेक लोगन क सहारा देत ह, अउर ओनकर रच्छा करत ह।
सज्जन यहोवा क सरण मँ आवत हीं अउर यहोवा ओनका दुर्जनन स बचाइ लेत ह।
दाऊद क समपिर्त।
1 हे यहोवा, जब तू किरोध मँ रहा तउ मोका फटकार जिन लगावा;
जब तू परेसानी मँ रहा मोका जिन सुधारा।
2 हे यहोवा, तू मोका चोट दिहा ह।
तोहार बाण मोहमाँ गहिर उतरा अहइँ।
3 तू मोका सजा दिहा ह अउर मोर पूरी देह दुःखत बाटइ,
मइँ पाप किहेउँ अउ तू मोका सजा दिहा।
एह बरे मोर हाड़ दुःखत अहइ।
4 मइँ बुरा काम करइ क अपराधी हउँ,
अउर उ अपराध एक बड़का बोझा क नाई मोरे काँधे पइ चढ़ा अहइ।
5 मइँ बना रहेउँ मूरख, अब मोर घाव दुर्गन्ध स भरिके रिसत अहइँ,
अउर उ सबइ सड़त अहइँ।
6 मइँ निहुरा अउ दबा भवा अहउँ।
मइँ दिन भइ उदास रहत हउँ।
7 बोखार स मोर गुर्दन दर्द करत ह,
अउर मोर समूचे बदन मँ बेमारी अहइ।
8 मइँ बहोत दुर्बल अउ थका भवा हउँ।
मइँ कराहत हउँ काहेकि मोर हिरदइ कस्ट झेलत अहइ।
9 हे यहोवा, तू मोर कराहब सुनि लिहा।
मोर आह तउ तोहसे छुपी नाहीं।
10 मोर हिरदइ चूर-चूर होइ गवा अहइ अउर मोर सक्ति मोका छोड़ दिहेस ह।
मोरी आँखिन क जोति लगभग जात रही।
11 काहेकि मइँ रोगी हउँ,
एह बरे मोरे मीत अउ मोर पड़ोसी मोसे मिलइ नाहीं अउतेन।
मोरे परिवार क लोग तउ मोरे लगे तलक नाहीं फटकतेन।
12 मोर दुस्मन मोर निन्दा करत हीं।
उ सबइ झूठ बातन अउ प्रतिवादन क फइलावत रहत हीं।
मोरे ही बारे मँ उ सबइ हरदम बातचीत करत रहत हीं।
13 मुला मइँ बहरा बना कछू नाहीं अनकत हउँ।
मइँ गूँगा होइ गवा, जउन कछू नाहीं बोल सकत।
14 मइँ उ मनई क तरह बना हउँ, जउन कछू नाहीं सुन सकत कि लोग ओकरे बारे मँ का कहत अहइँ।
अउर मइँ इ तर्क नाहीं दइ सकत अउर सिद्ध नाहीं कइ सकत कि मोर दुस्मन अपराधी अहइँ।
15 तउ, हे यहोवा, मोका तू ही बचाइ सकत ह।
मोर परमेस्सर अउर मोर सुआमी मोरे दुस्मनन क तू ही फुरइ बताइ द्या।
16 काहेकि मइँ पराथना किहेउँ, “ओनका दुर्जन स प्रसन्न होइ क अनुमति जिन द्या जब मइँ कउनो गलती किहेउँ।
ओनका आपन क बारे मँ सेखी हाँकइ क अनुमति जिन द्या।”
17 मइँ जानत हउँ कि मइँ आपन कुकरमन बरे पापी हउँ।
मइँ आपन पीरा क बिसरि नाहीं सकत हउँ।
18 हे यहोवा, मइँ तोहका आपन कुकरम बताइ दिहेउँ।
मइँ आपन पापन बरे दुःखी हउँ।
19 मोर दुस्मन जिअत अउ पूरी तरह तन्दुरुस्त अहइँ।
उ पचे बहोत-बहोत झूठी बातन बोलेन ह।
20 मोर दुस्मन मोरे संग बुरा बेउहार करत हीं,
जबकि मइँ ओनके बरे भला ही किहेउँ ह।
मइँ बस भला करइ क जतन करत रहेउँ,
मुला उ सबइ लोग मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ।
21 हे यहोवा, मोका जिन बिसरा।
मोरे परमेस्सर, मोसे तू दूर जिन रहा।
22 देरी जिन करा, आवा अउर मोर सुधि ल्या।
हे मोर परमेस्सर मोका तू बचाइ ल्या।
संगीत निर्देसक क यदूतून बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 मइँ कहेउँ, “जब तलक इ सबइ दुट्ठ मोरे समन्वा रइहीं,
तब तलक मइँ आपन कहनी बरे सचेत रहब।
मइँ आपन वाणी क पाप स दूर रखब।
अउर मइँ आपन मुँह क बंद कइ लेबउँ।”
2 तउ एह बरे मइँ कछू नाहीं कहेउँ।
मइँ भला भी नाहीं कहेउँ।
मुला मइँ बहोत परेसान भएउँ।
3 मइँ बहोत गुस्सान रहेउँ।
इ बारे मँ मइँ जेतना सोचत चला गएउँ, ओॅतना ही मोर किरोध बाढ़त चला गवा।
तउ मइँ आपन मुँह तनिकउ नाहीं खोलेउँ।
4 हे यहोवा, मोका बतावा कि मोरे संग का कछू घटित होइवाला अहइ?
मोका बतावा, मइँ कब तलक जिअत रहब?
मोका जानइ द्या फुरइ मोर जिन्नगी केतनी छोट अहइ।
5 तू मोका जिअइ बरे बहोत कम समइ दिहा ह।
तोहार तुलना मँ मोर जिन्नगी बहोत अल्प अहइ।
एक मनई क जिन्नगी सिरिफ एक साँस अहइ।
कउनो भी सदा नाहीं जिअत।
6 उ जिन्नगी जेका हम लोग जिअत ह, उ झूठी छाया भइ होत ह।
जिन्नगी क सारी भाग दौड़ निस्प्रयोजन होत ह।
हम पचे तउ बेकार ही चिन्ता पालित ह।
धन दौलत वस्तुअन क हम जोरिके धरित ह, मुला हम नाहीं जानित ओनका कउन भोगी।
7 तउ, मोरे यहोवा, मइँ का आसा रखउँ?
तू ही बस मोर आसा अहा!
8 हे यहोवा, जउन कुकरम मइँ किहेउँ ह, ओनसे तू ही मोका बचउब्या।
तू मोरे संग कउनो क भी कउनो विवेकी न होइवाला जन क संग क नाई बेउहार नाहीं करइ देब्या।
9 मइँ आपन मुँह नाहीं खोलब।
मइँ कछू भी नाहीं कहब।
यहोवा तू वइसे किह्या जइसे करइ चाही रहा।
10 मुला परमेस्सर, मोका सजा देब तजि देइ।
अगर तू मोका सजा देब नाहीं तज्या, तउ तू मोर नास करब्या।
11 हे यहोवा, तू लोगन क ओनकर कुकरमन क सजा देत अहा, अउर इ तरह जिन्नगी क खरी राह लोगन क सिखावत ह।
हमार काया पुरान अउ दुबराइ जात ह।
अइसे उ ओढ़ना क नाईं जेहमाँ कीरा लाग होइ।
हमार जिन्नगी एक ठु नान्ह बादर जइसे लखत बिलाइ जात ह।
12 हे यहोवा, मोर विनती सुना।
मोरे ओन सब्दन क सुना जउन मइँ तोहसे गोहराइके कहत हउँ।
मोरे आँसुअन क लखा।
मइँ बस राहगीर हउँ, तोहका संग लिए इ जिन्नगी क राहे स गुजरत हउँ।
इ जिन्नगी क राहे पइ मइँ आपन पुरखन क तरह कछू समइ मात्र पइ टिका भवा हउँ।
13 हे यहोवा, मोका अकेल्ले रहइ द्या।
मरइ स अउ चलि जाइ स पहिले मोका फुन स आनन्दित होइ द्या।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.