Beginning
मीकायाह राजा अहाब क चिताउनी देत ह
18 यहोसापात क लगे सम्पत्ति अउ सम्मान रहा। उ राजा अहाब क संग बियाह क जरिये एक ठु सन्धि किहस। 2 कछू बरिस पाछे, यहोसापात सोमरोन नगर मँ अहाब स भेंटइ गवा। अहाब बहोत स भेड़िन अउर गोरुअन क बलि यहोसापात अउ ओकरे संग क मनइयन क बरे चढ़ाएस। अहाब यहोसापात क गिलाद क रामोद नगर पइ हमला बरे प्रोत्साहित किहस। 3 अहाब यहोसापात स कहेस, “का तू मोरे संग गिलाद क रामोत पइ हमला करइ चलब्या?” अहाब इस्राएल क अउर यहोसापात यहूदा क राजा रहा। यहोसापात अहाब क जवाब दिहस, “मइँ तोहरि तरह हउँ अउर हमरे लोग तोहरे लोगन क तरह अहइँ। हम जुद्ध मँ तोहार साथ देब।” 4 यहोसापात अहाब स इ कहेस, “आवा, पहिले हम यहोवा स सँदेसा प्राप्त करी।”
5 एह बरे अहाब चार सौ नबियन क बटोरेस। अहाब ओनसे कहेस, “का हम क गिलाद क रामोत नगर क बिरुद्ध जुद्ध मँ जाइ चाही या नाहीं?”
नबियन अहाब क उत्तर दिहन, “जा, काहेकि यहोवा गिलाद क रामोत क तोहका पराजित करइ देइ।”
6 किन्तु यहोसापात कहेस, “का कउनो हिआँ यहोवा क नबी अहइ? हम लोग ओकरे नबियन मँ स एक क जरिये यहोवा स पूछइ चाहित ह।”
7 तब राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “हिआँ हमार लगे सिरिफ एक मनई अहइ। हम ओकरे माध्यम स यहोवा क पूछ सकित ह। किन्तु मइँ इ मनई स घिना करत हउँ काहेकि इ कबहुँ मोका यहोवा स कउनो अच्छा सँदेसा नाहीं दिहस। इ सदा ही बुरा सँदेसा मोरे बरे दिहस ह। इ आदमी क नाउँ मीकायाह अहइ। जउन कि यिम्ला क पूत अहइ।”
किन्तु यहोसापात कहेस, “अहाब, तोहका अइसा नाहीं कहइ चाही।”
8 तब इस्राएल क राजा अहाब अपने अधिकारियन मँ स एक क बोलाएस अउ कहेस, “हाली करा, यिम्ला क पूत मीकायाह क हिआँ लिआवा।”
9 इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात अपने राजसी ओढ़ना पहिर रखे रहेन। उ पचे अपने सिंहासनन पइ खरिहान मँ सोमरोन नगर क सम्मुख दुआरे क निचके बइठे रहेन। उ सबइ चार सौ नबी आपन सँदेसा दुइनउँ राजा लोगन क समन्वा देत रहेन। 10 कनान क पूत सिदकिय्याह लोहा क कछू सींगन बनाएस। सिदकिय्याह कहेस, “इहइ अहइ जउन यहोवा कहत ह: ‘तू लोग लोहे क सींगन क उपयोग तब तलक अस्सूर क लोगन मँ घोंपइ क बरे करब्या जब तलक उ पचे नस्ट न होइ जाइँ।’” 11 सबहिं नबियन इहइ बात कहेन। उ पचे कहेन, “गिलाद क रामोत नगर क जा। तू लोग सफल होब्या अउर जितब्या। यहोवा राजा अउ अस्सूर क लोगन क हरावइ देइ।”
12 जउन दूत मीकायाह क लिआवइ गवा रहा उ ओहसे कहेस, “मीकायाह, मोका, सबहिं नबी एक ही बात कहत रहत हीं। उ पचे कहत रहत हीं कि राजा क कामयाबी मिली। एह बरे उहइ कहा जउन उ पचे कहत रहत हीं। तू भी अच्छी बात कहा।”
13 किन्तु मीकायाह जवाब दिहेस, “यहोवा क जिन्नगी क किरिया मइँ उहइ कहब जउन मोर परमेस्सर कहत ह।”
14 तब मीकायाह राजा अहाब क लगे आवा। राजा ओहसे कहेस, “मीकायाह, का हम क जुद्ध करइ बरे गिलाद क रामोत नगर क जाइ चाही या नाहीं?”
मीकायाह कहेस, “जा अउर हमला करा। यहोवा तोहका ओन लोगन क हरावइ देइ।”
15 राजा अहाब मीकायाह स कहेस, “कइउ दाई मइँ तोहसे प्रतिग्या करवाई रही कि तू यहोवा क नाउँ पइ मोका सिरिफ फुरइ बतावा।”
16 तब मीकायाह कहेस, “मइँ इस्राएल क सबहिं लोगन क पहाड़न पइ बिखेर भए लखेउँ। उ पचे गड़रियन क बिना भेड़ी क नाई रहेन। यहोवा कहेस, ‘ओनकर कउनो नेता नाहीं अहइ। हर एक मनई क ओकरे घरे मँ सुरच्छित लउटइ द्या।’”
17 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ कहे रहेउँ कि मीकायाह मोरे बरे यहोवा स बढ़िया सँदेसा नाहीं पाइ। उ मोरे बरे सिरिफ बुरे सँदेसा रखत ह।”
18 मीकायाह कहेस, “यहोवा क सँदेसा सुना: मइँ यहोवा क अपने सिंहासने पइ बइठे लखेउँ। सरग क पूरी फउज ओकरे चारिहुँ कइँती खड़ी रही। कछू ओकरे दाहिन कइँती अउर कछू ओकरे बाईं कइँती। 19 यहोवा कहेस, ‘इस्राएल क राजा अहाब क कउन बहकाएस? जेहसे उ गिलाद क रामोत नगर पइ हमला करब अउर उ हुवाँ मार दीन्ह देब?’ यहोवा क चारिहुँ कइँती खड़े अलग-अलग अतिमा अलग-अलग मस्वरा दिहन। 20 तब एक आतिमा आइ अउर उ यहोवा क समन्वा खड़ी भइ। उ आतिमा कहेस, ‘मइँ अहाब क धोखा देब।’ यहोवा आतिमा स पूछेस, ‘कइसे?’ 21 उ आतिमा जवाब दिहस, ‘मइ बाहेर जाब अउर अहाब क नबियन क मुँह मँ झूठ बोलइवाली आतिमा बनब’ अउर यहोवा कहेस, ‘तोहका अहाब क धोखा देइ मँ कामयाबी मिली। एह बरे जा अउर एका करा।’
22 “अहाब, अब धियान द्या, यहोवा तोहरे नबियन क मुँहे मँ झूठ बोलइवाली आतिमा प्रवेस कराएस ह। यहोवा कहेस ह कि तोहरे संग बुरा घटी।”
23 तब सिदकिय्याह मीकायाह क लगे गवा अउर ओकरे मुँहे पइ मारेस। कनाना क पूत सिदकिय्याह कहेस, “मीकायाह, यहोवा क आतिमा मोका तजिके तोहसे बातचीत करइ कइसे आइ?”
24 मीकायाह जवाब दिहस, “सिदकिय्याह, तू उ दिन एका जनब्या जब तू एक भीतरी घरे मँ छुपइ जाब्या।”
25 तब राजा अहाब कहेस, “मीकायाह क ल्या अउर ऍका नगर क प्रसासक आमोन अउ राजा क पूत योआस क लगे पठइ द्या। 26 आमोन अउ योआस स कहा, ‘राजा इ कहत हीं: मीकायाह क बन्दीघरे मँ डाइ द्या। ओका सेटी अउ पानी क अलावा तब तलक कछू खाइ क जिन द्या जब तलक मइँ जुद्ध स सुरच्छित न लउटउँ।’”
27 मीकायाह जवाब दिहस, “अहाब, जदि तू जुद्ध स सुरच्छित लउटि आवत ह तउ यहोवा मोरे जरिये नाहीं कहेस ह। तू सबहिं लोग सुना अउर मोरे बचन क याद रखा।”
अहाब गिलाद क रामोद मँ मारा गवा
28 एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अउ यहूदा क राजा यहोसापात गिलाद क रामोत नगर पइ हमला किहस। 29 इस्राएल क राजा अहाब यहोसापात स कहेस, “मइँ जुद्ध मँ जाइ क पहिले आपन रुप बदल देब। किन्तु तू अपना राजवस्त्र ही पहिरा।” एह बरे इस्राएल क राजा अहाब अपना रुप बदल दिहस अउर दुइनउँ राजा जुद्ध मँ गएन।
30 अराम क राजा अपने रथन क रथपतियन क आदेस दिहस। उ ओनसे कहेस, “कउनो भी मनइ स चाहे उ बड़ा फउज होइ या छोट फउज होइ ओहसे जुद्ध जिन करा। किन्तु सिरिफ इस्राएल क राजा अहाब स जुद्ध करा।” 31 जब रथपतियन यहोसापात क लखेन उ पचे सोचेन, “उहइ इस्राएल क राजा अहाब अहइ।” उ पचे यहोसापात पइ हमला करइ क बरे ओकरी कइँती मुड़ेन। किन्तु यहोसापात उद्घोस किहस अउर यहोवा ओकर मदद किहस। परमेस्सर रथपतियन क यहोसापात क समन्वा स दूर मुड़ जाइ दिहस। 32 जब उ पचे समुझेन कि यहोसापात इस्राएल क राजा नाहीं अहइ उ पचे ओकर पाछा करब छोड़ दिहन।
33 किन्तु एक फउजी स बिना कउनो लच्छ बेध क धनुस स बाण छूट गएन। उ बाण इस्राएल क राजा अहाब क बेध दिहस। इ, अहाब क कवच क खुले आग मँ बेधेस। अहाब अपने रथे क सारथी स कहेस, “पाछे मुड़ा अउर मोहसे जुद्ध स बाहेर लइ चला। मइँ घायल होइ गवा अहउँ।”
34 उ दिन जुद्ध घमासान होइ गवा। इस्राएल क राजा आपन रथ मँ अरामियन क सामना करत भए साँझ तलक अपने क सँभारे रखेस। तब अहाब सूरज बूड़ाइ पइ मर गवा।
19 यहूदा क राजा यहोसापात सुरच्छित यरूसलेम अपने घरे लउटा। 2 दूस्टा येहू यहोसापात स भेंटइ गवा। येहू क बाप क नाउँ हनानी रहा। येहू राजा यहोसापात स कहेस, “तू बुरे मनइयन क मदद काहे करत ह तू ओन लोगन स काहे पिरेम करत ह जउन यहोवा स घिना करत हीं? इहइ कारण अहइ कि यहोवा तोह पइ कोहान अहइ। 3 किन्तु तोहरी जिन्नगी मँ कछू अच्छी बातन अहइँ। तू असेरा खम्भन क इ देस स बाहेर किहा अउर तू हिरदइ स परमेस्सर क अनुसरण करइ क निहिचय किहा।”
यहोसापात निआवाधीसन क चुनत ह
4 यहोसापात यरूसलेम मँ रहत रहा। उ लोगन स संग मिलइ बरे फुन एप्रैम क पहाड़ी पहँटा स बेर्सेबा नगर तलक गएन। यहोसापात ओन लोगन क उ यहोवा परमेस्सर क लगे लउटाएस जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन। 5 यहोसापात यहूदा मँ निआवाधीस चुनेस। उ यहूदा क हर किला नगर मँ रहइ क बरे निआवाधीस चुनेस। 6 यहोसापात एन निआवाधीसन स कहेस, “जउन कछू तू करा ओहमाँ सावधान रहा काहेकि तू, लोगन क बरे निआव नाहीं करत रह्या मुला यहोवा बरे करत अहा। जब तू निर्णय करब्या तब यहोवा तोहरे संग होइ। 7 तोहमाँ स हर एक क अब यहोवा स डेराइ चाही। जउन करा ओहमाँ सावधान रहा काहेकि हमार यहोवा परमेस्सर निआवी बाटइ। उ कउनो मनई क दूसर मनई स जियादा महत्त्वपूर्ण मानिके बेउहार नाहीं करत। उ अपने निर्णय क बदलइ क बरे धन नाहीं लेत।”
8 अउर यहोसापात यरूसलेम मँ, लेवीबंसियन, याजकन अउर इस्राएल क परिवार क प्रमुखन क निआवाधीस चुनेस। ओन लोगन क यहोवा क नेमन क उपयोग यरूसलेम क लोगन क समस्यन क निपटावइ बरे करब रहा। 9 यहोसापात ओनका आदेस दिहस अउ कहेस, “तोहका अपने पूरे हिरदइ स निस्ठावान पुर्वक सेवा करइ चाही। तोहका यहोवा स जरूर डेराइ चाही। 10 तोहरे लगे हत्या, परमेस्सर क नेम मँ हिंसा, आदेस, सासन या कउनो दूसर नेमन क मामले आइ सकत हीं। इ सबइ सबहिं मामले नगरन मँ रहइवाले तोहरे भाइयन दुआरा तोहार समन्वा आइहीं। एन सबहिं मामलन मँ तोहका लोगन क इ बात क चितउनी देइ चाही कि उ तोहार निर्देसन क जरूर मानिहीं अन्यथा उ परमेस्सर क समन्वा दोखी होइ अउर ओकर किरोध ओन पइ, तोह पइ अउर तोहार भाइयन क ऊपर उतरिहीं। इ करा तब तू अपराधी नाहीं होब्या।
11 “अमर्याह मार्गदर्सक याजक अहइ। उ यहोवा क सम्बन्ध क सबहिं बातन मँ तोहरे ऊपर होइ। इस्माएल क पूत जबद्याह राजा क सबहिं बातन क अधिकारी होइ। जबद्याह यहूदा क परिवार समूह मँ प्रमुख अहइ। लेवीबंसी अधिकारियन क रूप मँ भी तोहार सहायता करिहीं। जउन कछू करा ओहमाँ साहस रखा। यहोवा ओन लोगन क संग होइ, जउन उहइ करत हीं जउन ठीक अहइ।”
यहोसापात जुद्ध क सामना करत ह
20 कछू समइ पाछे मोआबी, अम्मोनी अउर कछू मूनी लोग यहोसापात क संग जुद्ध करइ आएन। 2 कछू लोग आएन अउर उ पचे यहोसापात स कहेस, “तोहरे खिलाफ एदोम स, मृत-सागर क दूसर कइँती स एक ठु बिसाल फउज आवति अहइ। उ पचे हसासोन्तामार मँ पहिले स ही अहइँ।” (हसासोन्तामार क एनगदी भी कहा जात ह।) 3 यहोसापात डर गवा अउर उ यहोवा स इ पूछइ क निहचइ किहेस कि ओका का करइ चाही? उ यहूदा मँ हर एक क बरे उपवास क समइ घोसित किहस। 4 यहूदा क लोग एक संग यहोवा स मदद माँगइ आएन। उ पचे यहूदा क सबहिं नगरन स यहोवा क मदद माँगइ आएन। 5 यहोसापात यहोवा क मन्दिर मँ नवे अंगना क समन्वा रहा। य यरूसलेम अउ यहूदा स आए लोगन क सभा मँ खड़ा भवा। 6 उ कहेस,
“हे हमरे पुरखन क यहोवा परमेस्सर, तू सरग मँ परमेस्सर अहा। तू सबइ देसन क सबइ राज्जन पइ हुकूमत करत ह। तोहार लगे सक्ती अउ ताकत अहइ! कउनो मनई तोहरे बिरूद्ध खड़ा नाहीं होइ सकत। 7 तू हमार परमेस्सर अहा। तू इ भुइँया मँ रहइवालन क एका तजइ क मजबूर किहा। इ तू अपने इस्राएली लोगन क समन्वा किहा। तू इ भुइँया तू आपन मीत इब्राहीम क संतानन क सदा ही क बरे दइ दिहा। 8 इब्राहीम क संतान इ देस मँ रहत रहेन अउर उ पचे एक ठु मन्दिर तोहरे नाउँ पइ बनाएन। 9 उ पचे कहेन, ‘जदि हम लोगन पइ बिपद आइ जइसे तरवार, दण्ड, रोग या अकाल तउ हम इ मन्दिर क समन्वा अउर तोहरे समन्वा खड़े होब। इ मन्दिर पइ तोहार नाउँ अहइ। जब हम लोगन पइ बिपत्ति आइ तउ हम लोग तोहका गोहराउब। तब तू हमरी सुनब्या अउर हमार रच्छा करब्या।’
10 “मुला इ समइ हिआँ अम्मोन, मोआब अउर सेईर पर्वत क लोग चढ़ आएन ह। तू इस्राएल क लोगन क उ समइ ओनकी भुइँया मँ नाहीं जाइ दिहा जब उ पचे मिस्र स बाहेर आएन। एह बरे इस्राएल क लोग मुड़ गए रहेन अउर ओन लोग ओनका नस्ट नाहीं किहेन। 11 मुला लखा कि उ सबइ लोग हम क ओनका नस्ट न करइ क कउनो तरह क पुरस्कार देत अहइँ। उ पचे हम क तोहरी भुइँया स बाहेर होइ बरे मजबूत करइ आए अहइँ। इ भुइँया तू हम क दिहा ह। 12 हे हमार परमेस्सर, ओन लोगन क दण्ड देइ। हम लोग उ बिसाल फउज क खिलाफ कउनो सक्ती नाहीं रखतेन जउन हमरे खिलाफ आवति अहइ। हम नाहीं जानित कि का करी। इहइ कारण अहइ कि हम तोहार मदद बरे लखिहीं!”
13 यहूदा क सबहिं लोग यहोवा क समन्वा अपने गदेलन, मेहररुअन अउ बच्चन क संग खड़े रहेन। 14 तब यहोवा क आतिमा यहजीएल पइ उतरी। यहजीएल जकर्याह क पूत रहा बनायाह यीएल क पूत रहा अउर यीएल मत्तन्याह क पूत रहा। यहजीएल एक लेवीबंसी रहा अउर आसाप क संतान रहा। 15 उ सभा क बीच यहजीएल कहेस, “हे राजा यहोसापात अउ यहूदा अउ यरूसलेम मँ रहइवाले लोगो, मोर सुना। यहोवा तोहसे इ कहत ह: ‘इ बिसाल फउज स न तउ डरा, न ही चिन्ता करा काहेकि इ तोहार जुद्ध नाहीं अहइ। इ परमेस्सर इ जुद्ध अहइ। 16 भियान तू हुवाँ जा अउर ओन लोगन स लड़ा। उ पचे सीस क दर्रे स होइके अइहीं। तू लोग ओनका घाटी क आखिर मँ यरूसलेम रेगिस्तान क दूसरि कइँती पउब्या। 17 इ जुद्ध मँ तोहका लड़ब नाहीं पड़ी। अपने जगहन पइ मजबूती स खड़ा रहा। तू लखब्या कि यहोवा तोहका कइसे बचावत ह। यहूदा अउ यरूसलेम क लोगो, डेराअ नाहीं। चिन्ता जिन करा! यहोवा तोहरे संग अहइ एह बरे भियान ओन लोगन क खिलाफ जा।’”
18 यहोसापात बहोत नम्रता स निहुरा। ओकर मूँड़ भुइँया क छूअत रहा अउर यहूदा अउ यरूसलेम मँ रहइवाले सबहिं लोग यहोवा क समन्वा गिर गएन अउर ओन सबहिं यहोवा क उपासना किहन। 19 कहाती परिवार समूह क लेवीबंसी अउ कहाती लोग, इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क स्तुति क बरे खड़े भएन। उ पचे बहोत ऊँची अवाज मँ स्तुति किहन।
20 यहोसापात क फउज तकोआ रेगिस्तान मँ बहोत सबेरे गइ। जब उ पचे बढ़ब आरम्भ करत रहेन, यहोसापात खड़ा भवा अउर उ कहेस, “यहूदा अउ यरूसलेम क लोगो, मोर सुना। अपने यहोवा परमेस्सर मँ बिस्सास रखा अउर तब तू मज़बूती क संग खड़े रहब्या। यहोवा क नबियन मँ बिस्सास रखा। तू लोग सफल होब्या।”
21 यहोसापात लोगन क उत्साहित किहेस अउर निर्देस दिहेस। तब उ यहोवा क बरे गायक चुनेस। उ पचे गायक यहोवा क स्तुति करइ क बरे चुने ग रहेन काहेकि उ पवित्तर अउर महिमामय बाटइ। उ पचे फउजे क समन्वा कदम मिलावत भए बढ़ेन अउर उ पचे यहोवा क स्तुति किहन। एन गायकन गाएन,
“परमेस्सर क धन्यवाद द्या,
काहेकि ओकर पिरेम सदैव रहत ह।”
22 जइसे ही ओन लोग गाना गाइके यहोवा क स्तुति सुरु किहन, यहोवा अम्मोनी, मोआबी अउर सेईर पर्वत क लोगन क खिलाफ अचानक हमला किहेस। इ सबइ उ सब लोग रहेन जउन यहूदा पइ आक्रमण करइ आए रहेन। उ सबइ लोग पिट गएन। 23 अम्मोनी अउ मोआबी लोग सेईर पर्वत स आए लोगन क क खिलाफ जुद्ध करइ सुरू कइ दिहेन अउ ओनका नस्ट कइ दिहन। जब उ पचे सेईर क लोगन क मार चुकेन तु पचे एक दूसर क मार डाएन।
24 यहूदा क लोग एक अइसी जगह पइ आएन जहाँ स उ पचे सारे रेगिस्तान क लखइ सकत। उ पचे दुस्मन क बिसाल सेना क लखेन। किन्तु उ पचे सिरिफ ल्हासन क भुइँया पइ पड़े लखेन। कउनो मनई बचा न रहा। 25 यहोसापात अउर ओकर फउज ल्हासन स कीमती चिजियन लइ लिहेस। उ पचे बहोत स सामानन, वस्त्रन अउ कीमती चिजियन पाएन। उ पचे बहोत सारा जनावरन भी पाएन। चिजियन ओहसे अधिक रहिन जेतना यहोसापात अउर ओकर फउज लइ जाइ सकत रही। ओनका ल्हासन स कीमती चिजियन बटोरइ मँ तीन दिन लगेन, काहेकि हुवाँ बहोत जियादा रहेन। 26 चउथे दिन यहोसापात अउर ओकर फउज बराका क घाटी[a] मँ मिलेन। उ पचे उ जगह पइ यहोवा क स्तुति किहन। इहइ कारण अहइ कि उ जगह क नाउँ आजु तलक “बराका क घाटी” अहइ।
27 तब यहोसापात यहूदा अउ यरूसलेम क लोगन क यरूसलेम लउटाइके लइ गवा। यहोवा ओनका बहोत खुस किहस काहेकि ओनकर दुस्मन पराजित होइ गए रहेन। 28 उ पचे यरूसलेम मँ प्रवेस किहेन अउर वीणा, सितार अउ तुरहियन बजावत भए यहोवा क मन्दिर मँ दाखिल भएन।
29 सबहिं देस क सारे राज्ज यहोवा स डेरान रहेन काहेकि उ पचे सुनेन कि यहोवा इस्राएल क दुस्मनन स लड़ा। 30 इहइ कारण अहइ कि यहोसापात क राज्ज मँ सान्ति रही। यहोसापात क परमेस्सर ओका चारिहुँ कइँती स सान्ति दिहस।
यहोसापात क सासन क अन्त
31 यहोसापात यहूदा देस पइ हुकूमत किहस। यहोसापात जब सासन सुरु किहस तउ उ पैतीस बरिस क रहा। उ पच्चीस बरिस यरूसलेम मँ हुकूमत किहस। ओकर महतारी क नाउँ अजूबा रहा। अजूबा सिल्ही क बिटिया रही। 32-33 यहोसापात सच्चे मारग पइ अपने बाप आसा क तरह रहा। यहोसापात, आसा क मारग क अनुसरण करइ स मुड़ा नाहीं। यहोसापात यहोवा क दृस्टि मँ उचित किहस। मुला ऊँच जगहियन नाहीं हटाई गइन अउर लोग आपन हिरदय परमेस्सर क अनुसरण करइ मँ नाहीं लगाएस जेकर अनुसरण ओनकर पुरखन करत रहेन।
34 यहोसापात सुरु स आखीर तलक जउन कछू किहस उ येहू क सबइ रचना मँ लिखा अहइ। येहू क बाप क नाउँ हनानी रहा। इ सबइ बातन इस्राएल क राजा लोगन क इतिहास नाउँ क किताब मँ लिखा भवा अहइ।
35 कछू समइ पाछे यहूदा क राजा यहोसापात इस्राएल क राजा अहज्याह क संग सन्धि किहस। अहज्याह बुरा किहस। 36 यहोसापात अहज्याह क संग जहाजन क बरे, बनाइ बरे राज़ी होइ गएन जउन तर्सीस नगर जाइहीं। उ पचे जहाजन क एस्योन गेबेर नगर मँ बनाएस। 37 तब दोदावाह जउन मारेस क रहा क पूत एलीआज़ार यहोसापात क खिलाफ भविस्सबाणी किहेस। उ कहेस, “यहोसापात, तू अहज्याह क संग मिल गए अहा, इहइ कारण अहइ कि यहोवा तोहरे कारज क नस्ट करी।” जहाज टूट गएन, एह बरे यहोसापात अउ अहज्याह ओनका तर्सीस नगर क न पठइ सकेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.