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Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
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गिनती 26-27

दूसरी गिनती

26 बड़ी बीमारी के बाद यहोवा ने मूसा और हारून के पुत्र याजक एलीआज़ार से बातें कीं। उसने कहा, “सभी इस्राएली लोगों की संख्या गिनो। हर एक परिवार को देखो और बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के हर एक पुरुष को गिनो। ये वे पुरुष हैं जो इस्राएल की सेना में सेवा करने योग्य हैं।”

इस समय लोग मोआब के मैदान में डेरा डाले थे। यह यरीहो के पार यरदन नदी के समीप था। इसलिए मूसा और याजक एलीआज़ार ने लोगों से बातें कीं। उन्होंने कहा, “तुम्हें बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के हर एक पुरुष को गिनना चाहिए। यही वह आदेश था जो यहोवा ने मूसा को पालन करने के लिए दिया था।”

यहाँ उन इस्राएल के लोगों की सूची है जो मिस्र से आए थेः

ये रूबेन के परिवार के लोग हैं। (रूबेन इस्राएल (याकूब) का पहलौठा पुत्र था।) ये परिवार थेः

हनोक—हनोकी परिवार।

पल्लू—पल्लिय परिवार।

हेस्रोन—हेस्रोनी परिवार।

कर्मी—कर्मी परिवार।

रूबेन के परिवार समूह में वे परिवार थे। योग में सभी तैंतालीस हजार सात सौ तीस पुरुष थे।

पल्लू का पुत्र एलीआब था। एलीआब के तीन पुत्र थे—नमूएल, दातान और अबीराम। याद रखो कि दातान और अबीराम वे दो नेता थे जो मूसा और हारून के विरोधी हो गए थे। वे कोरह के अनुयायी थे और कोरह यहोवा का विरोधी हो गया था। 10 वही समय था जब पृथ्वी फटी थी और कोरह एवं उसके सभी अनुयायियों को निगल गई थी। कुल दो सौ पचास पुरुष मर गये थे। यह इस्राएल के सभी लोगों के लिए एक संकेत और चेतावनी थी। 11 किन्तु कोरह के परिवार के अन्य लोग नहीं मरे।

12 शिमोन के परिवार समूह के ये परिवार थेः

नमूएल—नमूएल परिवार।

यामीन—यामीन परिवार।

याकीन—याकीन परिवार।

13 जेरह—जेराही परिवार।

शाऊल—शाऊल परिवार।

14 शिमोन के परिवार समूह में वे परिवार थे। इसमें कुल बाइस हजार पुरुष थे।

15 गाद के परिवार समूह के ये परिवार हैं:

सपोन—सपोन परिवार।

हाग्गी—हाग्गी परिवार।

शूनी—शूनी परिवार।

16 ओजनी—ओजनी परिवार।

ऐरी—ऐरी परिवार।

17 अरोद—अरोद परिवार।

अरेली—अरेली परिवार।

18 गाद के परिवार समहू के वे परिवार थे। इनमें कुल चालीस हजार पाँच सौ पुरुष थे।

19-20 यहूदा के परिवार समूह के ये परिवार हैं:

शेला—शेला परिवार।

पेरेस—पेरेस परिवार।

जेरह—जेरह परिवार।

(यहूदा के दो पुत्र एर, ओनान—कनान में मर गए थे।)

21 पेरेस के ये परिवार हैं:

हेस्रोन—हेस्रोनी परिवार।

हामूल—हामूल परिवार।

22 यहूदा के परिवार समूह के वे परिवार थे। इनके कुल पुरुषों की संख्या छिहत्तर हजार पाँच सौ थी।

23 इस्साकार के परिवार समूह के परिवार ये थेः

तोला—तोला परिवार।

पुव्वा—पुव्वा परिवार।

24 याशूब—याशूब परिवार।

शिम्रोन—शिम्रोन परिवार।

25 इस्साकार के परिवार समूह के वे परिवार थे। इनमें कुल पुरुषों की संख्या चौसठ हजार तीन सौ थी।

26 जबूलून के परिवार समूह के परिवार ये थेः

सेरेद—सेरेद परिवार।

एलोन—एलोन परिवार।

यहलेल—यहलेल परिवार।

27 जबूलून के परिवार समूह के वे परिवार थे। इनमें कुल पुरुषों की संख्या साठ हजार पाँच सौ थी।

28 यूसुफ के दो पुत्र मनश्शे और एप्रैम थे। हर एक पुत्र अपने परिवारों के साथ परिवार समूह बन गया था। 29 मनश्शे के परिवार में ये थेः

माकीर—माकीर परिवार,

(माकीर गिलाद का पिता था।)

गिलाद—गिलाद परिवार।

30 गिलाद के परिवार ये थेः

ईएजेर—ईएजेर परिवार।

हेलेक—हेलेकी परिवार।

31 अस्रीएल—अस्रीएल परिवार।

शेकेम—शेकेमी परिवार।

32 शमीदा—शमीदा परिवार।

हेपेर—हेपेरी परिवार।

33 हेपेर का पुत्र सलोफाद था।

किन्तु उसका कोई पुत्र न था।

केवल पुत्री थी।

उसकी पुत्रियों के नाम महला, नोआ, होग्ला, मिल्का, और तिर्सा थे।

34 मनश्शे परिवार समूह के ये परिवार हैं। इनमें कुल पुरुष बावन हजार सात सौ थे।

35 एप्रैम के परिवार समूह के ये परिवार थेः

शूतेलह—शूतेलही परिवार।

बेकेर—बेकेरी परिवार।

तहन—तहनी परिवार।

36 एरान शूतेलह परिवार का था।

उसका परिवार एरनी था।

37 एप्रैम के परिवार समूह में ये परिवार थे।

कुल पुरुषों की संख्या इसमें बत्तीस हजार पाँच सौ थी। वे ऐसे सभी लोग हैं जो यूसुफ के परिवार समूहों के हैं।

38 बिन्यामीन के परिवार समूह के परिवार ये थेः

बेला—बेला परिवार।

अशबेल—अश्बेली परिवार।

अहीरम—अहीरमी परिवार।

39 शपूपाम—शपूपाम परिवार।

हूपाम—हूपामी परिवार।

40 बेला के परिवार में ये थेः

अर्द—अर्दी परिवार।

नामान—नामानी परिवार।

41 बिन्यामीन के परिवार समूह के ये सभी परिवार थे। इसमें पुरुषों की कुल संख्या पैंतालीस हजार छः सौ थी।

42 दान के परिवार समूह में ये परिवार थेः

शूहाम—शूहाम परिवार समूह।

दान के परिवार समूह से वह परिवार समूह था। 43 शूहामी परिवार समूह में बहुत से परिवार थे। इनमें पुरुषों की कुल संख्या चौंसठ हजार चार सौ थी।

44 आशेर के परिवार समूह के ये परिवार हैं:

यिम्ना—यिम्नी परिवार।

यिश्री—यिश्री परिवार।

बरीआ—बरीआ परिवार।

45 बरीआ के ये परिवार हैं

हेबेर—हेबेरी परिवार।

मल्कीएल—मल्कीएली परिवार।

46 (आशेर की एक पुत्री सेरह नाम की थी।) 47 आशेर के परिवार समूह में वे परिवार थे। इसमें पुरूषों की संख्या तिरपन हजार चार सौ थी।

48 नप्ताली के परिवार समूह के ये परिवार थेः

यहसेल—यहसेली परिवार।

गूनी—गूनी परिवार।

49 येसेर—येसेरी परिवार।

शिल्लेम—शिल्लेमी परिवार।

50 नप्ताली के परिवार समूह के ये परिवार थे। इसमें पुरुषों की कुल संख्या पैंतालीस हजार चार सौ थी।

51 इस प्रकार इस्राएल के पुरुषों की कुल संख्या छः लाख एक हजार सात सौ तीस थी।

52 यहोवा ने मूसा से कहा, 53 “हर एक परिवार समूह को भूमि दी जाएगी। यह वही प्रदेश है जिसके लिए मैंने वचन दिया था। हर एक परिवार समूह उन लोगों के लिये पर्याप्त भूमि प्राप्त करेंगे जिन्हें गिना गया। 54 बड़ा परिवार समूह अधिक भूमि पाएगा और छोटा परिवार समूह कम भूमि पाएगा। किन्तु हर एक परिवार समूह को भूमि मिलेगी जिसके लिए मैंने वचन दिया है और जो भूमि वे पाएंगे वह उनकी गिनी गई संख्या के बराबर होगी। 55 हर एक परिवार समूह को पासों के आधार पर निश्चय करके धरती दी जाएगी और उस प्रदेश का वही नाम होगा जो उस परिवार समूह का होगा। 56 वह प्रदेश जिसे मैंने लोगों को देने का वचन दिया, उनके उत्तराधिकार में होगा। यह बड़े और छोटे परिवार समूहों को दिया जाएगा। निर्णय करने के लिए तुम्हें पासे फेंकने होंगे।”

57 लेवी का परिवार समूह भी गिना गया। लेवी के परिवार समूह के ये परिवार हैं

गेर्शोन—गेर्शोन परिवार।

कहात—कहात परिवार।

मरारी—मरारी परिवार।

58 लेवी के परिवार समूह से ये परिवार भी थेः

लिब्नि परिवार।

हेब्रोनी परिवार।

महली परिवार।

मूशी परिवार।

कहात परिवार।

अम्राम कहात के परिवार समूह का था। 59 अम्राम की पत्नी का नाम योकेबेद था। वह भी लेवी के परिवार समूह की थी। उसका जन्म मिस्र में हुआ था। अम्राम और योकेबेद के दो पुत्र हारून और मूसा थे। उनकी एक पुत्री मरियम भी थी।

60 हारून, नादाब, अबीहू, एलीआज़ार तथा ईतामार का पिता था। 61 किन्तु नादाब और अबीहू मर गए। वे मर गए क्योंकि उन्होंने यहोवा को उस आग से भेंट चढ़ाई जो उनके लिए स्वीकृत नहीं थी।

62 लेवी परिवार समूह के सभी पुरुषों की संख्या तेईस हजार थी। किन्तु ये लोग इस्राएल के अन्य लोगों के साथ नहीं गिने गए थे। वे भूमि नहीं पा सके जिसे अन्य लोगों को देने का वचन यहोवा ने दिया था।

63 मूसा और याजक एलीआजार ने इन सभी लोगों को गिना। उन्होंने इस्राएल के लोगों को मोआब के मैदान में गिना। यह यरीहो से यरदन नदी के पार था। 64 बहुत समय पहले मूसा और याजक हारून ने इस्राएल के लोगों को सीनै मरुभूमि में गिना था। किन्तु वे सभी लोग मर चुके थे। मोआब के मैदान में मूसा ने जिन लोगों को गिना, वे पहले गिने गए लोगों से भिन्न थे। 65 यह इसलिए हुआ कि यहोवा ने इस्राएल के लोगों से यह कहा था कि वे सभी मरुभूमि मे मरेंगे। जो केवल दो जीवित बचे थे यपुन्ने का पुत्र कालेब और नून का पुत्र यहोशू थे।

सलोफाद की पुत्रियाँ

27 सलोफाद हेपर का पुत्र था। हेपेर गिलाद का पुत्र था। गिलाद माकीर का पुत्र था। माकीर मनश्शे का पुत्र था और मनश्शे यूसुफ का पुत्र था। सलोफाद की पाँच पुत्रियाँ थीं। उनके नाम महला, नोवा, होग्ला, मिल्का और तिर्सा था। ये पाँचों स्त्रियाँ मिलापवाले तम्बू में गईं और मूसा, याजक एलीआजार, नेतागण और सब इस्राएलियों के सामने खड़ी हो गईं।

पाँचों पुत्रियों ने कहा, “हमारे पिता उस समय मर गये जब हम लोग मरुभूमि से यात्रा कर रहे थे। वह उन लोगों में से नहीं था जो कोरह के दल में सम्मिलित हुए थे। (कोरह वही था जो यहोवा के विरुद्ध हो गया था।) हम लोगों के पिता की मृत्यु स्वाभाविक थी। किन्तु हमारे पिता का कोई पुत्र नहीं था। इसका तात्पर्य यह हुआ कि हमारे पिता का नाम नहीं चलेगा। यह ठीक नहीं है कि हमारे पिता का नाम मिट जाए। इसलिए हम लोग यह माँग करते हैं कि हमें भी कुछ भूमि दी जाए जिसे हमारे पिता के भाई पाएंगे।”

इसलिए मूसा ने यहोवा से पूछा कि वह क्या करे। यहोवा ने उससे कहा, “सलोफाद की पुत्रियाँ ठीक कहती हैं। तुम्हें उनके चाचाओं के साथ—साथ उन्हें भी भूमि का भाग अवश्य देना चाहिए जो तुम उनके पिता को देते।

“इसलिए इस्राएल के लोगों के लिए इसे नियम बना दो। यदि किसी व्यक्ति के पुत्र न हों और वह मर जाए तो हर एक चीज़ जो उसकी है, उसकी पुत्री की होगी। यदि उसे कोई पुत्री न हो तो, जो कुछ भी उसका है उसके भाईयों को दिया जाएगा। 10 यदि उसका कोई भाई न हो तो, जो कुछ उसका है उसके पिता के भाईयों को दिया जाएगा। 11 यदि उसके पिता का कोई भाई नहीं है तो, जो कुछ उसका हो उसे उसके परिवार के निकटतम सम्बन्धी को दिया जाएगा। इस्राएल के लोगों में यह नियम होना चाहिए। यहोवा मूसा को यह आदेश देता है।”

यहोशू को नया नेता चुना गया

12 तब यहोवा ने मूसा से कहा, “उस पर्वत के ऊपर चढ़ो। जो अबारीम पर्वत श्रृंखला में से एक है। वहाँ तुम उस प्रदेश को देखोगे जिसे मैं इस्राएल के लोगों को दे रहा हूँ। 13 जब तुम इस प्रदेश को देख लोगे तब तुम अपने भाई हारून की तरह मर जाओगे। 14 उस बात को याद करो जब लोग सीन की मरुभूमि में पानी के लिए क्रोधित हुए थे। तुम और हारून दोनों ने मेरा आदेश मानना अस्वीकार किया था। तुम लोगों ने मेरा सम्मान नहीं किया था और लोगों के सामने मुझे पवित्र नहीं बनाया था।” (यह पानी सीन की मरुभूमि में कादेश के अन्तर्गत मरीबा में था।)

15 मूसा ने यहोवा से कहा, 16 “यहोवा परमेश्वर है वही जानता है कि लोग क्या सोच रहे हैं। यहोवा मेरी प्रार्थना है कि तू इन लोगों के लिए एक नेता चुन।[a] 17 मैं प्रार्थना करता हूँ कि यहोवा एक ऐसा नेता चुन जो उन्हें इस प्रदेश से बाहर ले जाएगा तथा उन्हें नये प्रदेश में पहुँचायेगा। तब यहोवा के लोग गड़ेरिया रहित भेड़ के समान नहीं होंगे।”

18 इसलिए यहोवा ने मूसा से कहा, नून का पुत्र यहोशू नेता होगा। यहोशू बहुत बुद्धिमान है[b] उसे नया नेता बनाओ। 19 उससे याजक एलीआज़ार और सभी लोगों के सामने खड़े होने को कहो। तब उसे नया नेता बनाओ।

20 “लोगों को यह दिखाओ कि तुम उसे नेता बना रहे हो, तब सभी उसका आदेश मानेंगे। 21 यदि यहोशू कोई विशेष निर्णय लेना चाहेगा तो उसे याजक एलीआज़ार के पास जाना होगा। एलीआज़ार ऊरीम का उपयोग यहोवा के उत्तर को जानने के लिए करेगा। तब यहोशू और इस्राएल के सभी लोग वह करेंगे जो परमेश्वर कहेगा। यदि परमेश्वर कहेगा, ‘युद्ध करने जाओ।’ तो वे युद्ध करने जाएंगे और यदि परमेश्वर कहे, ‘घर जाओ,’ तो घर जायेंगे।”

22 मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। मूसा ने यहोशू से याजक एलीआज़ार और इस्राएल के सब लोगों के सामने खड़ा होने के लिए कहा। 23 तब मूसा ने अपने हाथों को उसके सिर पर यह दिखाने के लिए रखा कि वह नया नेता है। उसने यह वैसे ही किया जैसा यहोवा ने कहा था।

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