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Read the Bible from start to finish, from Genesis to Revelation.
Duration: 365 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
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निर्गमन 28-29

याजकों के वस्त्र

28 “अपने भाई हारून और उसके पुत्रों नादाब, अबीहू, एलिआजार और ईतामर को इस्राएल के लोगों में से अपने पास आने को कहो। ये व्यक्ति मेरी सेवा, याजक के रूप में करेंगे।” “अपने भाई हारून के लिए विशेष वस्त्र बनाओ। ये वस्त्र उसे आदर और गौरव देंगे। लोगों में ऐसे कुशल कारीगर हैं जो ये वस्त्र बना सकते हैं। मैंने इन व्यक्तियों को विशेष बुद्धि दी है। उन लोगों से हारून के लिए वस्त्र बनाने को कहो। ये वस्त्र बताएंगे कि वह मेरी सेवा विशेष रूप से करता है। तब वह मेरी सेवा याजक के रूप में कर सकता है। कारीगरों को इन वस्त्त्रों को बनाना चाहिए न्याय का थैला एपोद बिना बाँह की विशेष एपोद एक नीले रंग का लबादा, एक सफेद बुना चोगा, सिर को ढकने के लिए एक साफा और एक पटुका लोगों को ये विशेष वस्त्र तुम्हारे भाई हारून और उसके पुत्रों के लिए बनवाने चाहिए तब हारू न और अस के पुत्र मेरी सेवा याजक के रूप में कर सकते हैं। लोगों से कहो कि वे सुनहरे धागों, सन के उत्तम रेशों तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़े उपयोग में लाएं।

एपोद और पटुका

“एपोद बनाने के लिए सुनहरे धागे, सन के उत्तम रेशों तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़े का उपयोग करो। इस विशेष एपोद को कुशल कारीगर बनाएंगे। एपोद के हर एक कंधे पर पट्टी लगी होगी। कंधे की ये पट्टियाँ एपोद के दोनों कोनों पर बंधी होंगी।

“कारीगर बड़ी सावधानी से एपोद पर बाँधने के लिए एक पटुका बुनेंगे। (यह पटुका उन्हीं चीज़ों की होगी जिनका एपोद, सुनहरे धागे, सन के उत्तम रेशों और बैंगनी कपड़े।)

“तुम्हें दो गोमेदक रत्न लेने चाहिए। इन नगों पर इस्राएल के बारह पुत्रों के नाम खोदो। 10 छः नाम एक नग पर और छः नाम दूसरे नग पर। नामों को सबसे बड़े से सबसे छोटे के क्रम में लिखो। 11 इस्राएल के पुत्रों के नामों को इन नगों पर खुदवाओ। यह उसी प्रकार करो जिस प्रकार वह व्यक्ति जो मुहरें बनाता है, शब्द और चित्रों को खोदता है। नग के चारों ओर सोना लगाओ जिससे उन्हें एपोद के कंधो पर टाँका जा सके। 12 तब एपोद के हर एक कंधे की पट्टी पर इन दोनों नगों को जड़ो। हारून यहोवा के सम्मुख जब खड़ा होगा, इस विशेष एपोद को पहनेगा और इस्राएल के पुत्रों के नाम वाले दोनों नग एपोद पर होंगे। यह इस्राएल के लोगों को याद रखने में यहोवा की सहायता करेगा। 13 अच्छा सोना ही नगों को एपोद पर ढाँकने के लिए उपयोग में लाओ। 14 रस्सी की तरह एक में शुद्ध सोने की जंजीरें बटो। सोने की ऐसी दो जंजीरें बनाओ और सोने के जड़ाव के साथ इन्हें बांधो।”

सीनाबन्द

15 “महायाजक के लिए सीनाबन्द बनाओ। कुशल कारीगर इस सीनाबन्द को वैसे ही बनाएं जैसे एपोद को बनाया। वे सुनहरे धागे, सन के उत्तम रेशों तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़े का उपयोग करें। 16 सीनाबन्द नौ इंच लम्बा और नौ इंच[a] चौड़ा होना चाहिए। चौकोर जेब बनाने के लिए इसकी दो तह करनी चाहिए। 17 सीनाबन्द पर सुन्दर रत्नों की चार पक्तियाँ जड़ो। रत्नों की पहली पंक्ति में एक लाल, एक पुखराज और एक मर्कत मणि होनी चाहिए। 18 दूसरी पंक्ति में फिरोजा, नीलम तथा पन्ना होना चाहिए। 19 तीसरी पंक्ति मे धुम्रकान्त, अकीक और याकूत लगना चाहिए। 20 चौथी पंक्ति में लहसुनिया, गोमेदक रत्न और कपिश मणि लगानी चाहिए। सीनाबन्द पर इन्हें लगाने के लिए उन्हें सोने मे जड़ो। 21 सीनाबन्द पर बारह रत्न होंगे जो इस्राएल के बारह पुत्रों का एक प्रतिनिधित्व करेंगे। हर एक नग पर इस्राएल के पुत्रों[b] में से एक—एक का नाम लिखो। मुहर की तरह हर एक नग पर इन नामों को खोदो।

22 “सीनाबन्द के चारों ओर जाती हुई सोने की जंजीरें बनाओ। ये जंजीर बटी हुई रस्सी की तरह होगी। 23 दो सोने के छल्ले बनाओ और इन्हें सीनाबन्द के दोनों कोनों पर लगाओ। 24 (दोनों सुनहरी जंजीरों को सीनाबन्द में दोनों में लगे छल्लों में डालो।) 25 सोने की जंजीरों के दूसरे सिरों को कंधे की पट्टियों पर के जड़ाव में लगाओ। जिससे वे एपोद के साथ सोने पर कसे रहें। 26 दो अन्य सोने के छल्ले बनाओ और उन्हें सीनाबन्द के दूसरे दोनों कोनों पर लगाओ। इस सीनाबन्द का भीतरी भाग एपोद के समीप होगा। 27 दो और सोने के छल्ले बनाओ और उन्हें कंधे की पट्टी के तले एपोद के सामने लगाओ। सोने के छल्लों को एपोद की पेटी के समीप ऊपर के स्थान पर लगाओ। 28 सीनाबन्द के छल्लों को एपोद के छल्लों से जोड़ो। उन्हें पेटी से एक साथ जोड़ने के लिए नीली पट्टियों का उपयोग करो। इस प्रकार सीनाबन्द एपोद से अलग नहीं होगा।

29 “हारून जब पवित्र स्थान में प्रवेश करे तो उसे इस सीनाबन्द को पहने रहना चाहिए। इस प्रकार इस्राएल के बारहों पुत्रों के नाम उसके मन में रहेंगे और यहोवा को सदा ही उन लोगों की याद दिलाई जाती रहेगी। 30 ऊरीम और तुम्मीम को सीनाबन्द में रखो। हारून जब यहोवा के सामने जाएगा तब ये सभी चीज़ें उसे याद होंगी। इसलिए हारून जब यहोवा के सामने होगा तब वह इस्राएल के लोगों का न्याय करने का साधन सदा अपने साथ रखेगा।”

याजक के अन्य वस्त्र

31 “एपोद के नीचे पहनने के लिए एक चोगा बनाओ। चोगा केवल नीले कपड़े का बनाओ। 32 सिर के लिए इस कपड़े के बीचोबीच एक छेद बनाओ। इस छेद के चारों ओर गोट लगाओ जिससे यह फटे नहीं। 33 नीले, लाल और बैंगनी कपड़े के फुँदन बनाओ जो अनार के आकार के हों। इन अनारों को चोगे के निचले सिरे में लटकाओ और उनके बीच सोने की घंटियाँ लटकाओ। 34 इस प्रकार चोगे के निचले सिरे के चारों ओर क्रमशः एक अनार और एक सोने की घंटी होगी। 35 हारून तब इस चोगे को पहनेगा जब वह याजक के रूप में सेवा करेगा और यहोवा के सामने पवित्र स्थान में जाएगा। जब वह पवित्र स्थान में प्रवेश करेगा और वहाँ से निकलेगा तब ये घंटियाँ बजेंगी। इस प्रकार हारून मरेगा नहीं।[c]

36 “शुद्ध सोने का एक पतरा बनाओ। सोने में मुहर की तरह शब्द लिखो। ये शब्द लिखो: यहोवा के लिए पवित्र 37 सोने के इस पतरे को उस पगड़ी पर लगाओ जो सिर को ढकने के लिए पहनी गयी है। उस पगड़ी से सोने के पतरे को बाँधने के लिए नीले कपड़े की पट्टी का उपयोग करो। 38 हारून यह दर्शाने के लिए इसे अपने ललाट पर पहनेगा कि इस्राएल के लोगों ने अपने अपराधों के लिए जो पवित्र भेंटे यहोवा को अर्पित की हैं उनके अपराधों को प्रतीक रूप में हारून वहन कर रहा है। हारून जब भी यहोवा के सामने जाएगा ये सदा पहने रहेगा, ताकि यहोवा उन्हें स्वीकार कर ले।

39 “लबादा बनाने के लिए सन के उत्तम रेशों को उपयोग में लाओ और उस कपड़े को बनाने के लिए भी सन के उत्तर रेशों को उपयोग में लाओ जो सिर को ढ़कता है, इसमें कढ़ाई कढ़ी होनी चाहिए। 40 लबादा, पटुका और पगड़ियाँ हारून के पुत्रों के लिए भी बनाओ ये उन्हें गौरव तथा आदर देंगे। 41 ये पोशाक अपने भाई हारून और उसके पुत्रों को पहनाओ। उसके बाद जैतून का तेल उनके सिर पर यह दिखाने के लिए डालो कि वे याजक हैं, यह उन्हें पवित्र बनायेगा। तब वे मेरी सेवा याजक के रूप में करेंगे।

42 “उन के वस्त्रों को बनाने के लिए सन के उत्तम रेशों का उपयोग करो जो विशेष याजक के वस्त्रों के नीचे पहनने के लिए होंगे। ये अधोवस्त्र कमर से जाँघ तक पहने जाएंगे। 43 हारून और उसके पुत्रों को इन वस्त्रों को ही पहनना चाहिए जब कभी वे मिलापवाले तम्बू में जाएं। उन्हें इन्हीं वस्त्रों को पहनना चाहिए जब कभी वे पवित्र स्थान में याजक के रूप में सेवा के लिए वेदी के समीप आएं। यदि वे इन पोशाकों को नहीं पहनेंगे, तो वे अपराध करेंगे और उन्हें मरना होगा। यह ऐसा नियम होना चाहिए जो हारून और उसके बाद उसके वंश के लोगों के लिए सदा के लिए बना रहेगा।”

याजकों की नियुक्ति का उत्सव

29 “अब मैं तुम्हें बताऊँगा कि हारून और उसके पुत्र मेरी सेवा विशेष रूप में करते हैं, यह दिखाने के लिए तुम्हें क्या करना चाहिए। एक दोष रहित बछड़ा और दो दोष रहित मेढ़े लाओ। जिसमें खमीर न मिलाया गया हो ऐसा महीन आटा लो और उससे तीन तरह की रोटीयाँ बनाओ—पहली बिना खमीर की सादी रोटी। दूसरी तेल का मोमन डली रोटी और तीसरी वैसे ही आटे की छोटी पतली रोटी बनाकर उस पर तेल चुपड़ो। इन रोटियों को एक टोकरी में रखो और फिर इस टोकरी को हारून और उसके पुत्रों को दो, साथ ही वह बछड़ा और दोनों मेढ़े भी दो।

“तब हारून और उसके पुत्रों को मिलापवाले तम्बू के द्वार के सामने लाओ, तब उन्हें पानी से नहलाओ। हारून की विशेष पोशाक उसे पहनाओ, लबादा, चोगा और एपोद। फिर उस पर सीनाबन्द, फिर विशेष पटुका बाँधो और फिर पगड़ी उसके सिर पर बाँधो। सोने की पट्टी को जो एक विशेष मुकुट के जैसी है पगड़ी के चारों ओर बाँधो और जैतून का तेल डालो जो बताएगा कि हारून इस काम के लिए चुना गया है।”

“तब उसके पुत्रों को उस स्थान पर लाओ और उन्हें चोंगे पहनाओ। तब उनकी कमर के चारों ओर पटुके बाँधो। उन्हें पहनने को पगड़ी दो। उस समय से वे याजक के रूप में काम करना आरम्भ करेंगे। वे उस नियम के अनुसार जो सदा रहेगा, याजक होंगे। यही ढंग है जिससे तुम हारून और उसके पुत्रों को याजक बनाओगे।”

10 “तब मिलापवाले तम्बू के सामने के स्थान पर बछड़े को लाओ। हारून और उसके पुत्रों को चाहिए कि वे बछड़े के सिर पर हाथ रखें। 11 तब उस बछड़े को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सामने मार डालो। 12 तब बछड़े का कुछ खून लो और वेदी तक जाओ। अपनी उँगली से वेदी पर लगे सींगों पर कुछ खून लगाओ। बचा हुआ सारा खून नीचे वेदी पर डालो। 13 तब बछड़े में से सारी चर्बी निकालो। तब कलेजे के चारों ओर की चर्बी और दोनों गुर्दे और उसके चारों ओर की चर्बी लो। इस चर्बी को वेदी पर जलाओ। 14 तब बछड़े के माँस, उसके चमड़े और उसके दूसरे अंगों को लो और अपने डेरे से बाहर जाओ। इन चीज़ों को डेरे के बाहर जलाओ। यह भेंट है जो याजकों के पापों को दूर करने के लिए चढ़ाई जाती है।

15 “तब हारून और उसके पुत्रों से मेढ़े के सिर पर हाथ रखने को कहो। 16 तब उस मेढ़े को मार डालो और उसके खून को लो। खून को वेदी के चारों ओर छिड़को। 17 तब मेढ़े को कई टुकड़ों में काटो। मेढ़े के भीतर के सभी अंगो और पैरों को धोओ। इन चीज़ों को सिर तथा मेढ़े के अन्य टुकड़ों के साथ रखो। 18 तब वेदी पर इन को जलाओ। यह वह विशेष भेंट है जो जलाई जाती है। यह होमबलि यहोवा के लिए है। इसकी सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी। यह ऐसी होमबलि है जो यहोवा को आग के द्वारा दी जाती है।

19 “हारून और उसके पुत्रों को दूसरे मेढ़े पर हाथ रखने को कहो। 20 उस मेढ़े को मारो और उसका कुछ खून लो। उस खून को हारून और उसके पुत्रों के दाएं कान के निचले भाग में लगाओ। उनके दाएँ हाथ के अंगूठों पर भी कुछ खून लगाओ और कुछ खून उनके दाएँ पैर के अगूँठों पर लगाओ। बाकी के खून को वेदी के चारों ओर छिड़को। 21 तब वेदी पर छिड़के खून में से कुछ खून लो। इसे अभिषेक के तेल में मिलाओ और हारून तथा उसके वस्त्रों पर छिड़को और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़को। यह बताएगा कि हारून और उसके पुत्र मेरी सेवा विशेष रूप से करते हैं। और यह सूचित करेगा कि उनके वस्त्र विशेष अवसर पर ही काम में आते हैं।

22 “तब उस मेढ़े से चर्बी लो। (यही मेढ़ा है जिसका उपयोग हारून को महायाजक बनाने में होगा।) पूँछ के चारों ओर की चर्बी तथा उस चर्बी को लो जो शरीर के भीतर के अंगों को ढकती है, कलेजे को ढकने वाली चर्बी को लो, दोनो गुर्दों और दाएँ पैर को लो। 23 तब उस रोटी की टोकरी को लो जिसमें तुमने अख़मीरी रोटियाँ रखी थीं। यही टोकरी है जिसे तुम्हें यहोवा के सम्मुख रखना है। इन रोटियों को टोकरी से बाहर निकालो। एक रोटी, सादी, एक तेल से बनी और एक छोटी पतली चुपड़ी हुई। 24 तब इन को हारून और उसके पुत्रों को दो: फिर उनसे कहो कि वे यहोवा के सामने इन्हें अपने हाथों में उठाएँ। यह यहोवा को विशेष भेंट होगी। 25 तब इन रोटियों को हारून और उसके पुत्रों से लो और उन्हें वेदी पर मेढ़ें के साथ रखो। यह एक होमबलि है, यह यहोवा को ऐसी भेंट होगी जो आग के द्वारा दी जाती है। इस की सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी।”

26 “तब इस मेढ़े से उसकी छाती को निकालो। (यही मेढ़ा है जिसका उपयोग हारून को महायाजक बनाने के लिए बलि दिया जाएगा।) मेढ़े की छाती को विशेष भेंट के रूप में यहोवा के सामने पकड़ो। जानवर का यह भाग तुम्हारा होगा। 27 तब मेढ़े की उस छाती और टाँग को लो जो हारून को महायाजक बनाने के लिए उपयोग में आयी थी। इन्हें पवित्र बनाओ और इन्हें हारून और उसके पुत्रों को दो। वह भेंट का विशेष अंश होगा। 28 इस्राएल के लोग इन अंगो को हारून और उसके पुत्रों को सदा देंगे। जब कभी इस्राएल के लोग यहोवा को मेलबलि चढ़ायेंगे तो ये भाग सदा याजकों के होंगे। जब वे इन भागों को याजकों को देंगे तो यह यहोवा को देने जैसा ही होगा।

29 “उन विशेष वस्त्रों को सुरक्षित रखो जो हारून के लिए बने थे। ये वस्त्र उसके उत्तराधिकारी वंशजों के लिए होंगे। वे उन वस्त्रों को तब पहनेंगे जब याजक नियुक्त किए जाएँगे। 30 हारून का जो पुत्र उसके बाद अगला महायाजक होगा, वह सात दिन तक उन वस्त्रों को पहनेगा, जब वह मिलापवाले तम्बू के पवित्र स्थान में सेवा करने आएगा।

31 “उस मेढ़े के माँस को पकाओ जो हारून को महायाजक बनाने के लिए उपयोग में आया था। उस माँस को एक पवित्र स्थान पर पकाओ। 32 तब हारून और उसके पुत्र मिलापवाले तम्बू के द्वार पर माँस खाएंगे, और वे उस टोकरी की रोटी भी खाएंगे। 33 इन भेटों का उपयोग उनके पाप को समाप्त करने के लिए तब हुआ था जब वे याजक बने थे। ये मेढ़े बस उन्हीं को खाना चाहिए किसी अन्य को नहीं। क्योंकि ये पवित्र हैं। 34 यदि उस मेढ़े का कुछ माँस या कोई रोटी अगले सवेरे के लिए बच जाए तो उसे जला देना चाहिए। तुम्हें वह रोटी या माँस नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह केवल विशेष ढंग से विशेष समय पर ही खाया जाना चाहिए।

35 “वैसा ही करो जैसा मैंने तुम्हें हारून और उसके पुत्रों के लिए करने को आदेश दिया है। यह समारोह सात दिन तक चलेगा। 36 सात दिन तक हर रोज़ एक—एक बछड़े को मारो। यह हारून और उसके पुत्रों के पाप के लिए भेंट होगी। तुम इन दिनों दिए गए बलिदानों का उपयोग वेदी को शुद्ध करने के लिए करना और वेदी को पवित्र बनाने के लिए जैतून का तेल इस पर डालना। 37 तुम सात दिन तक वेदी को शुद्ध और पवित्र करना। उस समय वेदी अत्याधिक पवित्र होगी। वेदी को छूने वाली कोई भी चीज़ पवित्र हो जाएगी।

38 “हर एक दिन वेदी पर तुम्हें एक भेंट चढ़ानी चाहिए। तुम्हें एक—एक वर्ष के दो मेमनों की भेंट चढ़ानी चाहिए। 39 एक मेमने की भेंट प्रातःकाल चढ़ाओ और दूसरे की सन्ध्या के समय। 40-41 जब तुम पहले मेमने को मारो, दो पौण्ड[d] गेहूँ का महीन आटा भी भेंट चढ़ाओ। गेहूँ के आटे को एक क्वार्ट[e] भेंट स्वरूप दाखमधु में मिलाओ। जब तुम दूसरे मेमने को सन्ध्या के समय मारो तब दो पौण्ड महीन आटा भी भेंट में चढ़ाओ और एक क्वार्ट दाखमधु भी भेंट करो। यह वैसा ही है जैसा तुमने प्रातः काल किया था। यह यहोवा को भोजन की भेंट होगी। जब तुम उस भेंट को जलाओगे तो यहोवा इसकी सुगन्ध लेगा और यह उसे प्रसन्न करेगी।

42 “तुम्हें इन चीज़ों को यहोवा को भेंट में रोज़ जलाना चाहिए। यह यहोवा के सामने, मिलापवाले तम्बू के द्वार पर करो। यह सदा करते रहो। जब तुम भेंट चढ़ाओगे तब मैं अर्थात् यहोवा वहाँ तुम से मिलूँगा और तुमसे बातें करूँगा। 43 मैं इस्राएल के लोगों से उस स्थान पर मिलूँगा और वह स्थान मेरे तेज के कारण पवित्र बन जाएगा।

44 “इस प्रकार मैं मिलापवाले तम्बू को पवित्र बनाऊँगा और मैं वेदी को भी पवित्र बनाऊँगा और मैं हारून और उसके पुत्रों को पवित्र बनाऊँगा जिससे वे मेरी सेवा याजक के रूप में कर सकें। 45 मैं इस्राएल के लोगों के साथ रहूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊँगा। 46 लोग यह जानेंगे कि मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ। वे जानेंगे कि मैं ही वह हूँ जो उन्हें मिस्र से बाहर लाया ताकि मैं उनके साथ रह सकूँ। मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ।”

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