Book of Common Prayer
दाऊद क उ समइ क एक भजन जब उ यहूदा क मरुभूमि मँ छुपा भवा रहा।
1 हे परमेस्सर, तू मोर परमेस्सर अहा।
वइसे केतॅना मइँ तोहका चाहत हउँ।
जइसे उ पियासी छीन धरती जेह पइ जल न होइ
वइसे मोर देह अउर मन तोरे बरे पिआसा अहइ।
2 हाँ, तोहरे मन्दिर मँ तोहार दर्सन किहेउँ।
तोहार सक्ती अउर तोहार महिमा देख लिहेउँ ह।
3 मोर बिस्ससयनीय पिरेम जिन्नगी स उत्तिम अहइ।
मोर होंठ तोहार बड़कई करत हीं।
4 हाँ, मइँ निज जीवन मँ तोहार गुण गाउब।
मइँ हाथ ऊपर उठाइके तोहरे नाउँ पइ तोहार पराथना करब।
5 जइसा मोर जु़बान[a] मज़ेदार भोजन स आनन्दित होत ह,
ठीक वइसा ही मोर होंठ तोहार स्तुति गाइके खुस होइहीं।
6 मइँ आधी रात मँ बिछउना पइ
ओलरा भवा तोहका याद करब।
7 फुरइ तू मोर मदद किहा ह।
मइँ खुस हउँ कि तू मोका बचाया ह।
8 मोर मनवा तोहमाँ समात ह।
तू मोर हथवा थामे रहत ह।
9 कछू लोग मोका मारइ क जतन करत अहइँ।
मुला ओनका नस्ट कइ दीन्ह जाइ।
उ पचे आपन कब्रन मँ समाइ जइहीं।
10 ओनका तरवारन स मार दीन्ह जाई।
ओनकर ल्हासन क जंगली कूकुरन खइहीं।
11 मुला राजा तउ आपन परमेस्स्सर क संग खुस होइ।
उ सबइ लोग जउन ओकरे आग्या मानइ क बचन बद्ध अहइँ, ओकर स्तुति करिहीं।
काहेकि उ सबहिं झूठन क हराइ दिहस।
दाऊद क एक ठु गीत।
1 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा।
हे मोर अंग-प्रत्यंग ओकरे पवित्तर नाउँ क बड़कई करा।
2 हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा
अउर ओकरे सबइ कृपालु कामन क जिन बिसरा।
3 उ तोहार पापन क छमा करत ह।
उ तोहार सबइ बेरामियन स तोहका चंगा करत ह।
4 उ तोहार प्राण क कब्र स बचावत ह,
अउर उ तोहका पिरेम अउ करुणा स सज़वत ह।
5 परमेस्सर हमका भरपूर उत्तिम वस्तुअन देत ह।
उ हमका फुन उकाब क नाई
जवान करत ह।
6 यहोवा खरा कामन करत ह।
परमेस्सर ओन लोगन क निआउ देत ह, जउने पइ दूसर लोग अत्याचार किहन ह।
7 उ मूसा क आपन मारग सिखाएस।
उ इस्राएलियन क आपन कार्यन बताएस।
8 यहोवा करुणा स भरा अउर दयालु अहइ।
परमेस्सर सहनसील अउ पिरेम स भरा अहइ।
9 यहोवा सदा ही आलोचना नाहीं करत।
अउर ठीक इहइ तहर उ सदा हम पइ कोहान नाहीं रहत ह।
10 उ हम लोगन क संग हमार कीन्ह गवा पाप क अनुसार बेउहार नाहीं करत ह,
अउर उ हमका वइसा सजा नाहीं देत जेका हम हकदार अहइँ।
11 आपन बिस्सासी पइ परमेस्सर क पिरेम वइसे महान अहइ
जइसे धरती पइ अहइ ऊँचा उठा भवा अकास।
12 उ हमरे पापन क हम से ऍतना ही दूर हटाएस
जेतना पूरब क दूरी पच्छिम स अहइ।
13 उ ओहे पइ जउन ओहसे डेरात ह वइसे ही दयालु अहइ,
जइसे बाप आपन गदेलन पइ दाया करत ह।
14 परमेस्सर हमार सब कछू जानत ह।
परमेस्सर जानत ह कि हम माटी स बना अही।
15 परमेस्सर जानत ह कि मानव जिन्नगी नान्ह स अहइ।
उ जानत ह हमार जिन्नगी घास जइसी अहइ।
परमेस्सर जानत ह कि हम लोगन क जिन्नगी बनफूल जइसा अल्प अहइ।
16 उ फूल जल्दी ही उगत ह।
फिन गरम हवा चलत ह अउर उ फूल मुरझात ह।
अउर फुन हाली ही तू लख नाहीं पउत्या कि उ फूल कइसे ठउर पइ उगत बाटइ।
17 मुला यहोवा क पिरेम सदा बना रहत ह।
परमेस्सर सदा सदा ही आपन भगतन स पिरेम करत ह।
परमेस्सर क दया ओकरे गदेलन स गदेलन तलक बनी रहत ह।
18 उ अइसन पइ दयालु अहइ, जउन ओकरी करार पइ चलत हीं।
उ अइसन पइ दयालु अहइ जउन ओकरे आदेसन क पालन करत हीं।
19 परमेस्सर क सिंहासन सरगे मँ बना अहइ।
हर चीज पइ ओकर हुकूमत अहइ।
20 हे सरगदूतो, यहोवा क स्तुति करा।
हे सक्तिसाली सरगदूतन जउन ओकरे वचन क सुनत ह
अउर ओकर पालन करत, ओकर गुण गवा।
21 हे सबइ ओकर दुस्मनो, यहोवा क स्तुति करा।
तू जउन ओकर सेवा करत ह
अउर उहइ करत ह जउन उ चाहत ह, ओकर गुण गवा।
22 हे समूचइ जगत, यहोवा क स्तुति करा
जउन हर जगह पइ सासन करत ह।
हे मोर आतिमा, यहोवा क बड़कई करा
21 रहूबियाम यरूसलेम क वापस गवा। उ यहूदा क परिवार समूह अउ बिन्यामीन क परिवार समूह क बटोरेस। इ एक लाख अस्सी हजार मनइयन क फउज रही। रहूबियाम इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध लड़इ चाहत रहा। उ अपने राज्ज क वापस लेइ चाहत रहा। 22 किन्तु यहोवा परमेस्सर क एक मनई स बातन किहस। ओकर नाउँ समायाह रहा। यहोवाह कहेस, 23 “यहूदा क राजा, सुलैमान क पूत, रहूबियाम अउ यहूदा अउ बिन्यामीन क सबहिं लोगन अउर बाकी सबहिं लोगन स बात करा। 24 ओनसे कहा, ‘यहोवा कहत ह कि तू पचन्क अपने भाइयन इस्राएल क लोगन क खिलाफ जुद्ध मँ नाहीं जाइ चाही। तू पचन्क घरे लउटि जाइ चाही। मइँ एन सबहिं घटनन क घटित होइ दिहेउँ ह।’” एह बरे रहूबियाम क सेना के मनइयन यहोवा क आदेस मानेन। उ पचे, सबहिं अपने घरे लउटि गएन।
25 सकेम, एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस मँ एक नगर रहा। यारोबाम सकेम क एक सुदृढ़ नगर बनाएस अउर ओहमाँ रहइ लाग। एकरे पाछे उ पनूएल नगर क गवा अउर ओका भी सुदृढ़ किहस।
26-27 यारोबाम अपने मने मँ सोचेस, “राज्ज फिर स दाऊद क परिवार क लगे वापस जाइ सकत ह। जदि लोग यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर मँ बलि चढ़ाइ बरे जात जारी रखेन तउ होइ सकत ह कि उ पचे इ चाही हीं दाऊद क परिवार ओन लोगन पइ सासन करा। होइ सकत ह कि लोग फुन यहूदा क राजा रहूबियाम क अनुसरण करब सुरु कइ देइहीं। तब उ पचे मोका मार डइहीं।” 28 एह बरे राजा अपने सलाहकारन स पूछेस कि ओका का करइ चाही? उ पचे ओका आपन सलाह दिहन। एह बरे यारोबाम दुइ ठु सुनहरे बछवन बनाएस। राजा यारोबाम लोगन स कहेस, “तोहका उपासना करइ बरे यरूसलेम जाइ बंद कइ देइ चाही। इस्राएलियन, इ सबइ देवता अहइँ जउन तू पचन्क मिस्र स बाहेर लइ आएन।” 29 राजा यारोबाम एक ठु सुनहरा बछवा क बेतेल मँ रखेस। उ दूसर सुनहरे बछवा क दान मँ रखेस। 30 किन्तु इ बहोत संगीन पाप होइ गवा। इस्राएल क लोग बेतेल अउ दान नगरन क जात्रा बछवन क पूजा करइ बरे किहन।
31 यारोबाम ऊँच जगहन, पइ पूजा घर भी बनाएस। उ इस्राएल क अलग-अलग परिवार समूहन स याजक भी चुनेस। (उ सिरिफ लेवी परिवार समूह स याजक नाहीं चुनेस।) 32 अउर राजा यारोबाम एक ठु नवा पर्व सुरु किहस। इ पर्व यहूदा क “फसहपर्व” क तरह रहा। किन्तु इ पर्व अठएँ महीने क पन्द्रहवे दिन रहा। पहिले महीने क पन्द्रहवें दिन नाहीं। उ समइ राजा बेतेल नगर क वेदी पइ बलि भेंट करत रहा अउर उ बलि ओन बछवन क भेंट करत रहा जेनका उ बनवाए रहा। उ बेतेल मँ याजकन क भी ऊँची जगह पइ सेवा करइ बरे जेका उ बनवाए रहा चुनेस। 33 एह बरे राजा यारोबाम इस्राएलियन क खातिर पर्व बरे अपना ही समइ चुनेस। इ अठएँ महीने क पन्द्रहवाँ दिन रहा। ओन दिनन उ उ वेदी पइ बलि भेंट करत रहा अउर सुगन्धि बारत रहा जेका उ बेतेल नगर मँ बनाए रहा।
18 तउ पचे ओनका भीतर बोलाएन अउर हुकुम दिहेन कि उ पचे ईसू क नाउँ पन तउ कउनो स कछू बात करइँ अउर न ही उपदेस देइँ। 19 मुला पतरस अउर यूहन्ना ओनका जवाब दिहेन, “तू पचे ही फरियावा, क परमेस्सर क समन्वा हमरे बरे इ नीक होइ कि परमेस्सर न सुनिके हम तोहार सुनी? 20 हम, जउन कछू हम पचे लखा ह अउर सुना ह, ओका कहे क आलावा अउर कछू नाहिं कर सकित।”
21-22 फिन उ पचे ओनका धमकाए क पाछे छोड़ दिहन। ओनका सजा देइ क कउनो रस्ता नाहीं मिलि सका काहेकि जउन कछू भवा रहा, ओकरे बरे सबहिं मनइयन परमेस्सर क स्तुति करत रहेन। जउने मनई क नीक करइ क इ काम कीन्ह गवा रहा, ओकर उमिर चालीस बरिस स जिआदा रही।
पतरस अउर यूहन्ना क लउटब
23 जब ओनका छोड़ दीन्ह गवा तउ आपन ही मनइयन क लगे आइ गएन अउर ओनसे जउन कछू मुख्ययाजक अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन कहेन, उ सब ओनका कहिके सुनावा गवा। 24 जब उ पचे इ सुनेन तउ मिलिके उँची आवाज मँ परमेस्सर क गोहरावत भवा बोलेन, “स्वामी, तू ही अकास, धरती, समुद्दर अउर ओकरे अंदर जउन कछू अहइ, ओका बनाया ह। 25 तू ही पवित्तर आतिमा क जरिये आपन सेवक, हमरे पूर्वज दाऊद क मुँहना स कहे रहा:
‘देखाएन इ जानित आपन अहंकार काहे?
मनइयन वृथा ही कुचाल काहे किहेन?
26 इ धरती क राजा लोग आपन क तइयार किहेन ओनके खिलाफ जुद्ध बरे।
अउर राजा बटुर गएन पर्भू अउर ओकरे मसीह क खिलाफत मँ।’ (A)
27 हाँ, हेरोदेस अउर पुन्तियूस पिलातुस भी इ सहर मँ गैर यहूदियन अउर इस्त्राएलियन क संग मिलिके तोहरे पवित्तर सेवक ईसू क खिलाफ, जेकर तू मसीह रूप मँ अभिसेक किहे ह, सचमुच उ पचे एक अउट ग रहेन। 28 उ पचे बटुर गएन काहेकि तोहार सक्ती अउर इच्छा क अनुसार जउन कछू पहिले ही तय होइ चुका रहा उ पूरा होइ। 29 अउर अबहिं हे पर्भू, ओनकइ धमकिन प धियान द्या अउर आपन सेवक लोगन क निडर होइके ‘तोहार बचन’ सुनावइ क सक्ती द्या। 30 जब कि चंगा किहे क पाछे आपन हाथ बढ़ाया अउर अद्भुत चीन्हन अउर अद्भुत कारजन तोहरे पवित्तर सेवकन क जरिये ईसू क नाउँ प कीन्ह जात रहत हीं।”
31 जब उ पचे पराथना कइ चुकेन तउ जउने ठउरे प उ सबइ बटुरा रहेन, उ हल गवा अउर ओन सब मँ “पवित्तर आतिमा” समाइ गवा। अउर उ पचे निडर होइके परमेस्सर क बचन बोलइ लागेन।
31 फिन यहूदियन ईसू क मारइ क बरे पाथर उठाइ लिहन। 32 ईसू ओनसे कहेस, “अपने परमपिता क तरफ स मइँ तू पचे क बहुत नीक नीक कारज देखाएउँ। ओहमाँ स कउने काम क एवज मँ तू सबेन्ह मोका पत्थर मारइ चाहत अहा?”
33 यहूदियन जवाब दिहेन, “हम पचे तोहरे ओन सभी नीक काम बरे पाथर नाहीं मारत अही, मुला इ बरे अइसा करत अही कि तू परमेस्सर क अपमान करे अहा अउर मनई होत भए खुदइ क परमेस्सर कहत अहा।”
34 ईसू जवाब दिहेस, “का इ तोहरे व्यवस्था मँ नाहीं लिखा अहइ, ‘मइँ कहेउँ कि तू सब जने परमेस्सर अह्या?’(A) 35 का हियाँ परमेस्सर ओनका नाहीं कहा ग अहइ जेनका परमेस्सर क सन्देस मिल चुका बाटइ? (अउर पवित्तर सास्तर क बात काटी नाहीं जाइ सकत) 36 का तू परमेस्सर क अपमान करत अहा ओकरे बरे कहत अहा, जेका परमपिता इ दुनिया मँ अर्पण कइके भेजे अहइ, केवल इ बरे कि मइँ इ कहेउँ, ‘मइँ परमेस्सर क पूत अहउँ?’ 37 जदि मइँ अपने परमपिता क कारज नाहीं करत अहउँ तउ मोर बिसवास जिन करा, 38 मुला जदि मइँ अपने परमपिता क कारज करत अहउँ, अउर तू मोर बिसवास नाहीं करत अहा, तउ मोरे कारण बिसवास करा जइसे कि तू इ जानि सका कि पिता मोरे अन्दर अहइ अउर मइँ अपने पिता मँ अहउँ।”
39 इ सुनि क यहूदी एक बार फिन ओका बन्दी बनावइ क कोसिस किहेन मुला ईसू ओनके हाथ स निकरि गवा।
40 ईसू फिन हुआँ स हट कर यरदन क दूसरे पार उ जगह चला गवा जहाँ प यूहन्ना बपतिस्मा देत रहा। ईसू हुवाँ ठहरा, 41 तमाम मनई ओकरे पास आएन अउर कहइ लगेन, “यूहन्ना कउनो अद्भुत कारज नाहीं करेस मुला इ मनई क बारे मँ जउऩ कछू कहे रहा, उ बिल्कुल सही निकरा।” 42 फिन हुवाँ तमाम मनई ईसू मँ बिसवास करइ लागेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.