Book of Common Prayer
परमेश्वर की सन्तान की जीवनशैली
3 विचार तो करो कि कैसा अथाह है हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं; जो वास्तव में हम हैं. संसार ने परमेश्वर को नहीं पहचाना इसलिए वह हमें भी नहीं पहचानता. 2 प्रियजन, अब हम परमेश्वर की सन्तान हैं और अब तक यह प्रकट नहीं किया गया है कि भविष्य में हम क्या बन जाएँगे किन्तु हम यह अवश्य जानते हैं कि जब वह प्रकट होंगे तो हम उनके समान होंगे तथा उन्हें वैसा ही देखेंगे ठीक जैसे वह हैं. 3 हर एक व्यक्ति, जिसने उनसे यह आशा रखी है, स्वयं को वैसा ही पवित्र रखता है, जैसे वह पवित्र हैं.
4 पाप में लीन हरेक व्यक्ति व्यवस्था भंग करने का दोषी है—वास्तव में व्यवस्था भंग करना ही पाप है. 5 तुम जानते हो कि मसीह येशु का प्रकट होना इसीलिए हुआ कि वह पापों को हर ले जाएँ. उनमें पाप ज़रा-सा भी नहीं. 6 कोई भी व्यक्ति, जो उनमें बना रहता है, पाप नहीं करता रहता; पाप में लीन व्यक्ति ने न तो उन्हें देखा है और न ही उन्हें जाना है.
परमेश्वर व शैतान की सन्तान में अन्तर
7 प्रियजन, कोई तुम्हें मार्ग से भटकाने न पाए. धर्मी वही है, जिसका चाल-चलन खरा है ठीक जैसे मसीह येशु धर्मी हैं. 8 पाप में लीन हर एक व्यक्ति शैतान से है क्योंकि शैतान प्रारम्भ ही से पाप करता रहा है. परमेश्वर-पुत्र का प्रकट होना इसीलिए हुआ कि वह शैतान के कामों का नाश कर दें. 9 परमेश्वर से उत्पन्न कोई भी व्यक्ति पाप में लीन नहीं रहता क्योंकि परमेश्वर का मूल तत्व उसमें बना रहता है. उसमें पाप करते रहने की क्षमता नहीं रह जाती क्योंकि वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है.
10 परमेश्वर की सन्तान व शैतान की सन्तान की पहचान इसी से हो जाती है: कोई भी व्यक्ति, जिसका जीवन धर्मी नहीं है, परमेश्वर से नहीं है और न ही वह, जिसे अपने भाई से प्रेम नहीं है.
15 बड़ी जिज्ञासा के भाव में भीड़ यह जानने का प्रयास कर रही थी और अपने-अपने हृदय में यही विचार कर रहे था कि कहीं योहन ही तो मसीह नहीं हैं. 16 भीड़ को सम्बोधित करते हुए योहन ने स्पष्ट किया, “मेरा बपतिस्मा तो मात्र जल-बपतिस्मा है किन्तु एक मुझसे अधिक शक्तिमान आ रहे हैं. मैं तो उनकी जूतियों के बन्ध खोलने योग्य भी नहीं. वही हैं, जो तुम्हें पवित्रात्मा और आग में बपतिस्मा देंगे. 17 वह गेहूं को निरुपयोगी भूसी और डण्ठल से अलग करते हैं. वह गेहूं को खलिहान में इकट्ठा करेंगे तथा भूसी को कभी न बुझनेवाली आग में स्वाहा कर देंगे.” 18 योहन अनेक प्रकार से शिक्षा देते हुए लोगों में सुसमाचार का प्रचार करते रहे.
19 जब योहन ने राज्यपाल हेरोदेस को उसके भाई की पत्नी हेरोदिअस के विषय में तथा स्वयं उसी के द्वारा किए गए अन्य कुकर्मों के कारण फटकार लगाई, 20 तब हेरोदेस ने एक और कुकर्म किया: उसने योहन ही को बन्दी बना कर कारागार में डाल दिया.
मसीह येशु का बपतिस्मा
(मत्ति 3:13-17; मारक 1:9-11)
21 जब लोग योहन से बपतिस्मा ले रहे थे, उन्होंने मसीह येशु को भी बपतिस्मा दिया. इस अवसर पर, जब मसीह येशु प्रार्थना कर रहे थे, स्वर्ग खोल दिया गया 22 और पवित्रात्मा मसीह येशु पर शारीरिक रूप में कबूतर के समान उतरे और स्वर्ग से निकला एक शब्द सुना गया: “तुम मेरे पुत्र हो—मेरे प्रिय. मैं तुममें पूरी तरह संतुष्ट हूँ.”
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