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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 2:14

भीड़ को पेतरॉस का सम्बोधन

14 तब ग्यारह के साथ पेतरॉस ने खड़े होकर ऊँचे शब्द में कहना प्रारम्भ किया: “यहूदियावासियों तथा येरूशालेमवासियों, आपके लिए इस विषय को समझना अत्यन्त आवश्यक है; इसलिए मेरी बातों को ध्यानपूर्वक सुनिए:

प्रेरित 2:22-32

22 “इस्राएली प्रियजन, ध्यान से सुनिए! नाज़रेथवासी मसीह येशु को, जिन्हें आप जानते हैं, जिन्हें परमेश्वर ने आपके मध्य सामर्थ्य के कामों, चमत्कारों तथा चिह्नों के द्वारा प्रकट किया, 23 परमेश्वर की निर्धारित योजना तथा पूर्वज्ञान में आपके हाथों में अधर्मियों की सहायता से सौंप दिया गया कि उन्हें क्रूस-मृत्युदण्ड दिया जाए; 24 किन्तु परमेश्वर ने उन्हें मृत्यु के दर्द से छुड़ा कर मरे हुओं में से जीवित कर दिया क्योंकि यह असम्भव था कि मृत्यु उन्हें अपने बंधन में रख सके. 25 दाविद ने उनके विषय में कहा था:

“मैं सर्वदा प्रभु को निहारता रहा
    क्योंकि वह मेरी दायीं ओर हैं कि मैं लड़खड़ा न जाऊँ.
26 इसलिए मेरा हृदय आनन्दित और मेरी जीभ मगन हुई;
    इसके अलावा मेरा शरीर भी आशा में बना रहेगा,
27 क्योंकि आप न तो मेरी आत्मा को अधोलोक में छोड़ेंगे
    और न अपने पवित्र जन के शव को सड़ने देंगे.
28 आपने मुझ पर जीवन का मार्ग प्रकट कर दिया.
    आप मुझे अपनी उपस्थिति में आनन्द से भर देंगे.

29 “प्रियजन, पूर्वज दाविद के विषय में यह बिलकुल सच है कि उनकी मृत्यु हुई तथा उनके शव को क़ब्र में भी रखा गया. वह क़ब्र आज भी वहीं है. 30 इसलिए उनके भविष्यद्वक्ता होने के कारण तथा इसलिए भी कि उन्हें यह मालूम था कि परमेश्वर ने शपथ ली थी कि उन्हीं का एक वंशज सिंहासन पर बैठाया जाएगा, 31 होनेवाली घटनाओं को साफ़-साफ़ देखते हुए दाविद ने मसीह येशु के पुनरुत्थान का वर्णन किया कि मसीह येशु न तो अधोलोक में छोड़ दिए गए और न ही उनके शव को सड़न ने स्पर्श किया. 32 इन्हीं मसीह येशु को परमेश्वर ने मरे हुओं में से उठाकर जीवित किया. हम इस सच्चाई के प्रत्यक्ष साक्षी हैं.

योहन 14:1-14

शिष्यों के लिए धीरज

14 “अपने मन को व्याकुल न होने दो, तुम परमेश्वर में विश्वास करते हो, मुझ में भी विश्वास करो. मेरे पिता के यहाँ अनेक निवास स्थान हैं—यदि न होते तो मैं तुम्हें बता देता. मैं तुम्हारे लिए स्थान तैयार करने जा रहा हूँ. वहाँ जा कर तुम्हारे लिए स्थान तैयार करने के बाद मैं तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए फिर आऊँगा कि जहाँ मैं हूँ, तुम भी मेरे साथ वहीं रहो. वह मार्ग तुम जानते हो, जो मेरे ठिकाने तक पहुंचाता है.”

परमेश्वर की ओर एकमात्र मार्ग

थोमॉस ने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, हम आपका ठिकाना ही नहीं जानते तो उसका मार्ग कैसे जान सकते हैं?” मसीह येशु ने उत्तर दिया, “मैं ही वह मार्ग, वह सच और वह जीवन हूँ, बिना मेरे द्वारा कोई भी पिता के पास नहीं आ सकता. यदि तुम वास्तव में मुझे जानते तो मेरे पिता को भी जानते. इसके बाद तुमने उन्हें जान लिया है और उन्हें देख भी लिया है.”

फ़िलिप्पॉस ने मसीह येशु से विनती की, “प्रभु, आप हमें पिता के दर्शन मात्र करा दें, यही हमारे लिए काफ़ी होगा.”

“फ़िलिप्पॉस!” मसीह येशु ने कहा, “इतने लंबे समय से मैं तुम्हारे साथ हूँ, क्या फिर भी तुम मुझे नहीं जानते? जिसने मुझे देखा है, उसने पिता को भी देख लिया. फिर तुम यह कैसे कह रहे हो, ‘हमें पिता के दर्शन करा दीजिए’? 10 क्या तुम यह नहीं मानते कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझमें? जो वचन मैं तुमसे कहता हूँ, वह मैं अपनी ओर से नहीं कहता; मेरे अंदर बसे पिता ही हैं, जो मुझमें हो कर अपना काम पूरा कर रहे हैं. 11 मेरा विश्वास करो कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझमें, नहीं तो कामों की गवाही के कारण विश्वास करो. 12 मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: वह, जो मुझ में विश्वास करता है, वे सारे काम करेगा, जो मैं करता हूँ बल्कि इनसे भी अधिक बड़े-बड़े काम करेगा क्योंकि अब मैं पिता के पास जा रहा हूँ. 13 मेरे नाम में तुम जो कुछ माँगोगे, मैं उसे पूरा करूँगा जिससे पुत्र में पिता की महिमा हो. 14 मेरे नाम में तुम मुझसे कोई भी विनती करो, मैं उसे पूरा करूँगा.

Saral Hindi Bible (SHB)

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