Book of Common Prayer
आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, मइँ घमण्डी या अभिमानी नाहीं हउँ।
मइँ महत्वपूर्ण होइ क जतन नाहीं करत हउँ।
मइँ उ काम करइ क जतन नाहीं करत हउँ।
जउन मोरे बरे बहोत अद्भुत अहइँ।
2 बदले मँ, मइँ आपन आतिमा क सान्त अउ चुप कइ दिहे हउँ।
मोर आतिमा आपन महतारी क बाँहे मँ
एक संतुट्ठ गदेला क नाईं अहइ।
3 इस्राएल, यहोवा पइ भरोसा रखा।
ओकर भरोसा रखा।
अउर अब सदा सदा ही ओकर भरोसा रखा।
मन्दिर क आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, जइसे दाऊद यातना भोगे रहा, ओका याद करा।
2 मुला दाऊद यहोवा स एक सपथ लिहेस।
दाऊद याकूब क सक्तिसाली परमेस्सर क एक मन्नत माने रहा।
3 दाऊद कहे रहा: “मइँ आपन घरे मँ तब तलक न जाब,
आपन बिछउना पइ न ही ओलरब, न ही सोउब।
4 मइँ आपन आँखिन क नाहीं सोवइ देब।
अउर आपन पलकन क बन्द नाहीं होइ देब।
5 एहमाँ स मइँ कउनो बात भी नाहीं करब जब तलक मइँ यहोवा बरे एक घर न प्राप्त कइ लेउँ।
मइँ याकूब क सक्तिसाली परमेस्सर बरे एक ठु मन्दिर पाइ क रहब।”
6 एप्राता मँ हम दाऊद क वचन क बारे मँ सुनेउँ।
हमका किरीयथ योरीम क वन मँ करार क सन्दूख मिली रही।
7 आवा, पवित्तर तम्बू मँ चला।
आवा, ओकरे सिंहासन क समन्वा आराधना करी।
8 हे यहोवा, आपन आराम क जगह स उठा,
अउ करार क सन्दूख संग होआ जहाँ तू सक्ति क संग सासन करत ह।
9 हे यहोवा, तोहार याजक धरम क भावना क धारण किया करी।
तोहर बिस्सासी भगतन बहोत खुस रहीं।
10 तू आपन चुने भए राजा क आपन सेवक दाऊद क भले बरे
जिन अस्वीकार करा।
11 यहोवा दाऊद क एक वचन दिहेस ह जेका उ कबहुँ नाहीं तोड़िही।
उ वचन दिहस ह कि दाऊद क बंस स राजा अइहीं।
12 यहोवा कहे रहा, “अगर तोहार संतानन मोर करार पइ अउर मइँ ओनका जउन सिच्छन सिखाइन ओन पइ चलिहीं
तउ फुन तोहरे परिवार क कउनो न कउनो सदा ही राजा रही।”
13 आपन मन्दिर क जगह बरे यहोवा सिय्योन क चुने रहा।
इ उ जगह अहइ जेका उ आपन भवन बरे चाहत रहा।
14 यहोवा कहे रहा, “इ मोर जगह सदा-सदा बरे होइ।
मइँ एका आपन जगह पइ रहइ बरे चुनेउँ ह।”
15 भरपूर भोजन स मइँ इ सहर क आसीर्बाद देब,
हिआँ तलक कि गरीब लोगन क लगे खाइ क भरपूर होइ।
16 ओकरे याजकन क उद्धार क मइँ ओढ़ना पहिराउब।
मोर भगत बहोत खुस होइहीं।
17 इ जगह पइ मइँ हिआँ दाऊद क परिवार क सुदृढ करब।
मइँ आपन चुने भए राजा क एक दीपक स्थापित करब।
18 मइँ दाऊद क दुस्मनन क लज्जा स ढाँपि देब।
अउर दाऊद क राज्ज क चमकाउब।
दाऊद क आरोहण गीत।
1 इ फुरइ नीक अउ सुखदायी अहइ
जब भाइयन आपुस मँ मिलिजुलिके रहइँ।
2 इ वइसे महकउआ तेल जइसा होत ह जेका हारून क मूँड़ी पइ उड़ेरा गवा रहा।
इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क दाढ़ी क पइ बहत होइ।
इ, उ तेल जइसा होत ह जउन हारून क खास ओढ़नन पइ बहत रहा।
3 इ उ कोमल बर्खा क बूँदन क समान अहइ जउन हेर्मोन क पहाड़ी स आवति हीं अउ सिय्योन क पहाड़ पइ गिरत हीं,
काहेकि हुवँइ यहोवा आपन अनन्तकालीन जिन्नगी क आसीस दिहे रहा।
आरोहण क गीत।
1 यहोवा क बड़कई करा, ओकरे सब सेवको,
जउन सारी राति मन्दिर मँ सेवा किह्या।
2 हे सेवको, पवित्तर ठउर मँ आपन हाथन उठावा
अउर यहोवा क बड़कई करा।
3 यहोवा तोहका सिय्योन स आसीस देइ।
यहोवा सरग अउ धरती रचेस ह।
1 यहोवा क बड़कई करा।
हे यहोवा क सेवको,
यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
2 तू लोग मन्दिर मँ खड़ा अहा।
यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
तू लोग मन्दिर क आँगन मँ खड़ा ह्वा।
ओकरे नाउँ क बड़कई करा।
3 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ खरा अहइ।
ओकरे नाउँ क गुण गावा काहेकि उ आन्नदायक अहइ।
4 यहोवा याकूब क चुने रहा।
इस्राएल परमेस्सर क अहइ।
5 मइँ जानत हउँ, यहोवा महान अहइ।
हमार सुआमी दूसर देवन स महान अहइ।
6 यहोवा जउन कछू चाहत ह सरग मँ, अउर धरती पइ,
समुद्दर मँ या गहिर महासागरन मँ, करत ह।
7 यहोवा धरती पइ सब कहूँ बादरन क रचत ह।
उ बिजुरी अउ बर्खा क रचत ह।
उ हवा क ओकर जगह स निकारत ह।
8 परमेस्सर मिस्र मँ मनइयन अउ गोरुअन क सबहिं पहिलउटी बच्चन क नास कइ दिहस।
9 यहोवा मिस्र मँ बहोत स अद्भुत अउर अचरज भरे कामन किहस।
उ फिरौन अउ ओकरे सब अधिकारियन क खिलाफ अद्भुत बातन क दिखाएस।
10 परमेस्सर बहोत स देसन क हराएस।
परमेस्सर बलवान राजा लोगन क मारेस।
11 यहोवा एमोरियन क राजा सीहोन क हराइ दिहस।
उ बासान क राजा ओग क हराएस।
उ कनान क सारी राज्जन क हराएस।
12 यहोवा ओनका ओनकर धरती क अधिकार क रूप मँ दिहेस, उ इस्राएल क स्थाई रूप स लेइ बरे दिहेस।
13 हे यहोवा, तू सदा बरे प्रसिद्ध होब्या।
हे यहोवा, लोग तोहका सदा सर्वदा याद करत रइहीं।
14 काहेकि यहोवा आपन लोगन बरे निआव लावत ह
अउर उ आपन सेवकन प तरस खात ह।
15 दूसर रास्ट्रन क लोग बस सोना अउर चाँदी क देवता बनावत रहेन।
ओनकर देवता मात्र लोगन क जरिये बनाए भए पुतलन रहेन।
16 पुतलन क मुँइ अहइँ, पर बोल नाहीं सकतेन।
पुतलन क आँखी अहइँ, पर लखि नाहीं सकतेन।
17 पुतलन क कान अहइँ, पर ओनका सुनाई नाहीं देत।
पुतलन क नाक अहइँ, पर उ पचे साँस नाहीं लेइ सकतेन।
18 उ सबइ लोग जउन ऍन पुतलन क बनाएन, ओन पुतलन क समान होइ जइहीं।
काहेकि उ सबइ लोग ओन पइ बिस्सास किहेन ह।
19 इस्राएल क संतानन, यहोवा क बड़कई करा।
हारून क संतानन, यहोवा क बड़कई करा।
20 हे लेवी क संतानन, यहोवा क बड़कई करा।
तू जउन यहोवा क सम्मान दिहा, यहोवा क बड़कई करा।
21 यहोवा यरूसलेम मँ बास करत ह,
सिय्योन स ओकर स्तुति होइ।
14 दुपहरिया क भोजन क समइ, बोअज़ रूत स कहेस, “हिआँ आया। हमरी रोटियन मँ स कछू खा। एह कइँती हमरे सिरकें मँ आपन रोटी बोड़ा।”
तब रूत मजदूरन क संग बठइ गइ। बोअज़ ओनका कछू भूँजा भवा अनाज दिहन। रूत जेतना चाहत रहा ओतना खाएस अउर कछू भोजन बचि गवा। 15 तब रूत उठी अउर काम करइ लउटी।
तब बोअज़ आपन सेवकन स कहेस, “रूत क आन्त क ढेरी क लगे भी अन्न बटोरइ द्या। ओका जिन रोका। 16 ओकरे काम क, ओकरे बरे कछू दाना स भरी बालन गिराइके, हलका करा। ओका उ अन्न क बटोरइ द्या। ओका रोकइ बरे जिन कहा।”
नाओमी बोअज़ क बारे मँ सुनत ह
17 रूत साँझ तलक खेत मँ अनाज एकट्ठा किहस। तब उ भूसा स अन्न क अलग किहस। उ लगभग आधा बुसल जौ जमा किहेस। 18 रूत उ अन्न क आपन सास क इ देखावइ बरे लइ गइ कि उ केतना अन्न बटोरेस ह। उ ओका उ भोजन भी दिहस जउन दुपहर क भोजन मँ स बन गवा रहा। रूत उ अन्न क अपनी सास क देखावइ बरे लइ गइ कि उ केतना अन्न बटोरेस ह। उ मोका भोजन भी दिहेस जउन दुपहरिया क भोजन मँ स बच गवा रहा।
19 ओकर सास ओहसे पूछेस, “इ अन्न तू कहाँ स बटोर्या ह? तू कहाँ काम किहा? जउन मनई तोहका सूचना दिहेस आसीर्बाद पाइ।”
तब रूत ओका बताएन कि उ केकरे संग काम किहे रही। उ कहेस, “जउने मनई क संग मइँ आजु काम किहे रहेउँ, ओकर नाउँ बोअज़ अहइ।”
20 नाओमी अपनी पतोहू स कहेस, “यहोवा ओका आसीर्बाद देइ। यहोवा सबहि पइ निरन्तर दाया करत रहत ह चाहे उ पचे जिअत होइँ या मरा होउँ।” तब नाओमी आपन पतोहू स कहेस, “बोअज़ हमारे संबन्धियन मँ स एक अहइ। बोअज़ हमार संरच्छक[a] मँ स एक अहइ।”
21 तब रूत कहेस, “बोअज़ मोका वापस आवइ अउर काम करइ क भी कहेस ह। बोअज़ कहेस ह कि मइँ सेवकन क संग तब तलक काम करत रहउँ जब तलक फसल क कटाई पूरी नाहीं होइ जात।”
22 तब नाओमी अपनी पतोहू रूत स कहेस, “इ नीक अहइ कि तू ओकरी दासियन क संग काम करत रहा। जदि तू कउनो दूसर क खेत मँ काम करबिउ तउ कउनो मनई तोहका कउनो नोस्कान पहोंचाइ सकत ह।” 23 एह बरे रूत बोअज़ क मेहररू नउकरन क संग काम करत रही। उ तब तलक अन्न बटोरेस जब तलक फसल क कटाई पूरी नाहीं भई। उ हुवाँ गोहूँ क कटनी क आखिर तलक भी काम किहस। रूत आपन सास क संग रहत रही।
नवा करार
3 एहसे का अइसा लागत ह कि हम फिन स आपन प्रसंसा अपने आपइ करइ लागे अही? अउर का हमका तोहरे बरे या तोहसे पहिचान पत्र लेई क जरुरत बा? जइसेन कि कछू लोग करत हीं। निस्चय ही नाहीं 2 हमार चिठ्ठी त तू खुदइ अहा जउन हमरे मने मँ लिखा बाटइ जेका सब जने जानत हीं अउर पढ़त हीं। 3 अउर तूहउँ तउ अइसेन देखावत ह। जइसे तू मसीह क चिठ्ठी अहा। जउन हमरे सेवा क फल अहइ जेका स्याहीं से नाहीं बल्कि सजीव परमेस्सर क आतिमा से लिखा गवा बा। जेका पथरीली सिलान[a] पर नाहीं बल्कि मनइयन क हदय पटल पर लिखा गवा बा।
4 हमका मसीह क कारण परमेस्सर क समन्वा अइसेन दावा करई क भरोसा बा। 5 अइसेन नाहीं ना कि हम अपने आपन मँ एतना समरथ अही जउन सोचई लगा अहइँ कि हम अपने आपइ से कछू कइ सकित ह। बल्कि हमका समरथ तउ परमेस्सर से मिलत ह। 6 उहइ हमका एक नवा करार क सेवक बनवइ क जोग्ग ठहराए बाटइ इ कउनउ लिखी संहिता नही अहइ। बल्कि आतिमन क करार अहइ काहेकि लिखी संहिता तउ मारत ह जब कि आतिमा जीवन देत ह।
पौलुस क सेवा मूसा क सेवा स महान बा
7 काहेकि उ सेवा जउन मऊत से जुरी रही (यानी व्यवस्था) जउन पत्थर पर लिखा गवा बा। ओहमें एतना तेज बाटई कि इस्राएल क लोगन मूसा क ओह तेजवाला मुँह क एकटक्कई न देख सकेन। अउ ओकर उ तेज बाद मँ कम होइ गवा। 8 फिन भला आतिमा से लगी सेवा अउर जियादा तेज काहे न होइ। 9 अउर फिन जब दोसी ठहरावइ वाली सेवा मँ ऍतना तेज बा तउ सेवा मँ केतॅना जियादा तेज होई। जउन धर्मी लोगन क परमेस्सर स ठहरावइ वाली सेवा क बा। 10 काहेकि जउन पहिले तेज से भरापूरा रहा उ अब ओह तेज के आगे जउन मँ ओहसे कहूँ जियादा तेज बा, तेज स कम होइ गवा। 11 काहेकि उ सेवा जेकर तेज बिना होइ जाब निस्चित रहा। उ तेज रही त जउन अमर बा उ केतना तेज होइ।
12 अपने इहइ आसा क कारण हम ऐतना निरभय अही। 13 हम उ मूसा क जइसेन नाहीं अही, जउन अपने मुँह पर परदा डाले रहत रहा कि कहूँ इस्राएल क लोग आपन आँख गड़ाइ क जेनकर बिनास निस्चितइ रहा ओह सेवा अन्त क न देखि लेइँ। 14 मुला ओकर बुद्धि जड़ होइ ग रही काहेकि आज तलक जब उ पुराने करार क पढ़त हीं तउ अबभी उहइ परदा ओनपर बिना हटाए पड़ा रहत रहा। काहेकि उ परदा बस मसीह क कारण ही हटावा जात ह। 15 आज तलक जब जब मूसा क ग्रन्थ पढ़ा जात रहा। तउ पढ़इवाले क मने पर परदा पड़ा रहत रहा। 16 मुला जब कउनो क हिरदइ पर्भू क तरफ मुड़त रहत ह तउ परदा हटाइ दीन्ह जात ह। 17 देखा! जउने पर्भू के ओर मइँ इसारा करत हउँ, उहइ आतिमा अहइ। हुवँइ स्वतन्त्रता अहइ। अउ जहाँ पर्भू क आतिमा बा। 18 उहाँ छूट बा। त हम सब अपने खुला मुँहे क साथे सीसा मँ पर्भू क तेज क जब धियान करित ह तउ हमका वइसेन भवा लागत ह अउ हमार तेज बहुत अधिक बढ़ा लागत ह। तेज उ पर्भू स मिलत ह, जउन आतिमा अहइ।
व्यभिचार
27 “तू सुनि लिहा कि इ कहा गवा अहइ, ‘व्यभिचार जिन करा।’(A) 28 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि जदि कउनो स्त्री क बुरी निगाह स देखत ह तउ उ आपन मन मँ पहिले ही ओकरे संग संभोग कइ चुका अहइ। 29 यह बरे जदि तोहार दाहिन आँख तोसे पाप करवावइ तउ ओका निकारि क फेंक द्या। काहेकि तेरे बरे इ नीक बाटइ कि तोहरे बदन क एक ठु अंग नस्ट होइ जाइ एकरे बजाय तोहार सारा बदन नरक मँ नाइ दीन्ह जाइ। 30 अउ जदि तोहार दाहिन हाथ तोहसे पाप करवावइ तउ ओका काटिके फेंकि डारा। काहेकि तोहरे बरे इ नीक अहइ कि तोहरे बदन क एक अंग नस्ट होइ जाइ बजाए कि तोहार समूचा बदन नरक मँ जाइ।
तलाक
(मत्ती 19:9; मरकुस 10:11-12; लूका 16:18)
31 “कहा गवा अहइ, ‘जबहि कउनो आपन पत्नी क तलाक देत ह तउ आपन पत्नी क लिखिके तलाक देइ चाही।’(B) 32 मुला मइँ तोहसे कहत हउँ कि हर मनई जउन आपन पत्नी क तलाक देत ह, जदि उ तलाक ओकरे व्यभिचारी करइ क कारण नाहीं दिहेस तउ जब उ पत्नी दूसरा बियाह करत ह, तउ समुझ ल्या कि उ मनई ओसे व्यभिचार करत ह। अउर जउन कउनो उ छोड़ी भई स्त्री स बियाह करत ह तउ भी व्यभिचार करत ह।
सपथ
33 “तू सबइ इहउ सुन्या ह क हमरे पूर्वजन स कहा गवा रहा, ‘तू सपथ जिन तोड़ा मुला पर्भू स कीन्ह सपथन पूरा करा।’[a] 34 मुला मइँ तू सबन स कहत हउँ सपथ जिन ल्या। सरगे क सपथ जिन खा काहेकि उ परमेस्सर क सिंहासन अहइ। 35 धरती की सपथ जिन खा काहेकि उ ओकरे गोड़वा क चौकी बाटइ। यरूसलेम क सपथ जिन खा काहेकि इ महाराजाधिराजा क सहर बाटइ। 36 आपन मूँड़ क सपथ जिन खा, काहेकि तू एक ठू बारे तक द सफेद या करिया नाहीं कइ सकत्या। 37 जदि तू हाँ चाहत ह तउ सिरिफ ‘हाँ’ कहा अउर ना चाहत ह तउ सिरिफ ‘ना’। काहेकि जउन कछू ऍसे जिआदा होत अहइ उ दुस्ट (सइतान) स आवत अहइ।
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