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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 तिमोथियॉस 1:1-17

सम्बोधन

परमेश्वर हमारे उद्धारकर्ता तथा हमारी आशा मसीह येशु की आज्ञा के अनुसार मसीह येशु के प्रेरित पौलॉस की ओर से,

विश्वास में मेरे वास्तविक पुत्र तिमोथियॉस को:

पिता परमेश्वर तथा हमारे प्रभु मसीह येशु की ओर से अनुग्रह, कृपा और शान्ति.

झूठे शिक्षकों के दमन की आज्ञा

मैंने मकेदोनिया प्रदेश जाते समय तुमसे विनती की थी कि तुम इफ़ेसॉस नगर में ही रह जाओ और कुछ बताए हुए व्यक्तियों को चेतावनी दो कि वे न तो भरमानेवाली शिक्षा दें और न पुरानी कहानियों और अन्तहीन वंशावलियों में लीन रहें. इनसे विश्वास पर आधारित परमेश्वर की योजना के उन्नत होने की बजाय मतभेद उत्पन्न होता है. हमारी आज्ञा का उद्धेश्य है निर्मल हृदय से उत्पन्न प्रेम, शुद्ध अन्तरात्मा तथा निष्कपट विश्वास. कुछ हैं, जो रास्ते से भटक कर व्यर्थ के वाद-विवाद में फँस गए हैं. वे व्यवस्था के शिक्षक बनने की अभिलाषा तो करते हैं परन्तु वे जो कहते हैं और जिन विषयों का वे दृढ़ विश्वासपूर्वक दावा करते हैं, स्वयं ही उन्हें नहीं समझते.

व्यवस्था का उद्देश्य

हमें यह मालूम है कि व्यवस्था भली है—यदि इसका प्रयोग उचित रीति से किया जाए. इस सच्चाई के प्रकाश में कि व्यवस्था का बनाया जाना धर्मियों के लिए नहीं परन्तु अधर्मी, निरंकुश, दुराचारी, पापी, अपवित्र, ठग, माता-पिता के घात करने वाले, हत्यारे, 10 व्यभिचारी, समलैंगिक, अपहरण करने वाले, झूठ बोलने वाले, झूठे गवाह तथा शेष सब कुछ के लिए किया गया है, जो खरे उपदेश के विरोध में है, 11 जो धन्य परमेश्वर के महिमित ईश्वरीय सुसमाचार के अनुसार है, जो मुझे सौंपी गई है.

पौलॉस की बुलाहट का स्पष्टीकरण

12 मैं हमारे प्रभु मसीह येशु के प्रति, जिन्होंने मुझे सामर्थ्य प्रदान किया है, धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने मुझे विश्वासयोग्य समझा और अपनी सेवा में चुना, 13 हालांकि पहले मैं परमेश्वर की निन्दा करनेवाला था, अत्याचारी तथा अधर्मी था किन्तु मुझ पर कृपा की गई क्योंकि अपनी अज्ञानता में उनमें अविश्वास के कारण मैंने यह सब किया था. 14 मसीह येशु में हमारे प्रभु का बहुत अधिक अनुग्रह विश्वास और प्रेम के साथ मुझ पर हुआ.

15 यह बात सच है, जो हर प्रकार से मानने योग्य है: मसीह येशु पापियों के उद्धार के लिए संसार में आए. इनमें सबसे ज़्यादा पापी मैं हूँ. 16 किन्तु मुझ पर कृपा इसलिए हुई कि मुझ बड़े पापी में मसीह येशु आदर्श के रूप में अपनी पूरी सहनशीलता का प्रमाण उनके हित में प्रस्तुत करें, जो अनन्त जीवन के लिए उनमें विश्वास करेंगे. 17 सनातन राजा, अविनाशी, अनदेखे तथा एकमात्र परमेश्वर का आदर और महिमा सदा-सर्वदा होती रहे. आमेन.

मारक 11:1-11

विजय उल्लास में येरूशालेम-प्रवेश

(मत्ति 21:1-11; लूकॉ 19:28-44; योहन 12:12-19)

11 जब वे येरूशालेम के पास ज़ैतून पर्वत के समीप बैथनियाह तथा बैथफ़गे गाँव के पास पहुँचे, मसीह येशु ने अपने दो शिष्यों को यह आज्ञा दे कर भेजा, “इस गाँव में जाओ. वहाँ प्रवेश करने पर तुम्हें एक गधी का बच्चा बँधा हुआ दिखाई देगा, जिस पर अब तक कोई नहीं बैठा है. उसे खोलकर मेरे पास ले आओ. यदि कोई तुम से यह पूछे, ‘यह क्या कर रहे हो?’ तो तुम यह उत्तर देना, ‘प्रभु को इसकी ज़रूरत है, वह शीघ्र ही इसे लौटा देंगे.’”

वे चले गए. उन्होंने गली में द्वार के पास एक बच्चे को बँधे देखा. उन्होंने उसे खोल लिया. वहाँ खड़े हुए कुछ व्यक्तियों ने यह देख उनसे पूछा, “क्यों खोल रहे हो इसे?” उन्होंने उन्हें वही उत्तर दिया जैसा मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिया था और उन व्यक्तियों ने उन्हें वह बच्चे को ले जाने की अनुमति दे दी. वे उस बच्चे को मसीह येशु के पास ले आए. उन्होंने अपने वस्त्र उस पर बिछा दिए और मसीह येशु उस पर बैठ गए. अनेकों ने मार्ग पर अपने वस्त्र बिछा दिए और कुछ ने नए पत्तों से लदी हुई ड़ालियाँ, जो वे मैदान से काटकर लाए थे. वे सब लोग, जो मसीह येशु के आगे-आगे तथा पीछे-पीछे चल रहे थे, नारे लगा रहे थे,

“होशान्ना!

“धन्य हैं वह जो आने वाला है, जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं.

10 “धन्य है हमारे कुलपिता दाविद का आगामी राज्य.

“सबसे ऊँचे स्वर्ग में होशान्ना!”

11 येरूशालेम नगर में प्रवेश करने पर मसीह येशु मन्दिर में आए और वहाँ का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करने के बाद उन्होंने बारहों के साथ बैथनियाह नगर की ओर चलना शुरू किया क्योंकि शाम हो गयी थी.

Saral Hindi Bible (SHB)

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