Book of Common Prayer
अनुसरण करने योग्य मसीह येशु
12 इसलिए जब हमारे चारों ओर गवाहों का ऐसा विशाल बादल छाया हुआ है, हम भी हर एक रुकावट तथा पाप से, जो हमें अपने फन्दे में उलझा लेता है, छूट कर अपने लिए निर्धारित दौड़ में धीरज के साथ आगे बढ़ते जाएँ, 2 हम अपनी दृष्टि मसीह येशु—हमारे विश्वास के कर्ता तथा सिद्ध करने वाले पर लगाए रहें, जिन्होंने उस आनन्द के लिए, जो उनके लिए निर्धारित किया गया था, लज्जा की चिन्ता न करते हुए क्रूस की मृत्यु सह ली और परमेश्वर के सिंहासन की दाईं ओर बैठ गए. 3 उन पर विचार करो, जिन्होंने पापियों द्वारा दिए गए घोर कष्ट इसलिए सह लिए कि तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो.
पिता का अनुशासन
4 पाप के विरुद्ध अपने संघर्ष में तुमने अब तक उस सीमा तक प्रतिरोध नहीं किया है कि तुम्हें लहू बहाना पड़े. 5 क्या तुम उस उपदेश को भी भुला चुके हो जो तुम्हें पुत्र मान कर किया गया था:
मेरे पुत्र, प्रभु के अनुशासन को व्यर्थ न समझना
और उनकी ताड़ना से साहस न छोड़ देना
6 क्योंकि प्रभु अनुशासित उन्हें करते हैं,
जिनसे उन्हें प्रेम है तथा हर एक को,
जिसे उन्होंने पुत्र के रूप में स्वीकार किया है, ताड़ना भी देते हैं?
जीवन-जल की प्रतिज्ञा
37 उत्सव के अन्तिम दिन, जब उत्सव चरम सीमा पर होता है, मसीह येशु ने खड़े हो कर ऊँचे शब्द में कहा, “यदि कोई प्यासा है तो मेरे पास आए और पिए. 38 जो मुझमें विश्वास करता है, जैसा कि पवित्रशास्त्र का लेख है: उसके अंदर से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगीं.” 39 यह उन्होंने पवित्रात्मा के विषय में कहा था, जिन्हें उन पर विश्वास करनेवाले प्राप्त करने पर थे. पवित्रात्मा अब तक उतरे नहीं थे क्योंकि मसीह येशु अब तक महिमा को न पहुँचे थे.
मसीह के आने पर दोबारा चर्चा
40 यह सब सुन कर भीड़ में से कुछ ने कहा, “सचमुच यह व्यक्ति ही वह भविष्यद्वक्ता है”.
41 कुछ अन्य ने कहा, “यह मसीह हैं”.
परन्तु कुछ ने कहा, “मसीह का आना गलील से तो नहीं होगा न? 42 क्या पवित्रशास्त्र के अनुसार मसीह का आना दाविद के वंश और उनके नगर बैथलहम से न होगा?” 43 इस प्रकार मसीह येशु के कारण भीड़ में मतभेद हो गया. 44 कुछ उन्हें बन्दी बनाना चाहते थे फिर भी किसी ने भी उन पर हाथ न डाला.
यहूदी नायकों का अविश्वास
45 सन्तरियों के लौटने पर प्रधान पुरोहितों और फ़रीसियों ने उनसे पूछा, “तुम उसे ले कर क्यों नहीं आए?”
46 सन्तरियों ने उत्तर दिया, “ऐसा बतानेवाला हमने आज तक नहीं सुना.”
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