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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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गलातिया 5:16-24

16 मेरी सलाह यह है: तुम्हारा स्वभाव आत्मा से प्रेरित हो, तब तुम किसी भी प्रकार से शारीरिक लालसाओं की पूर्ति नहीं करोगे. 17 शरीर आत्मा के विरुद्ध और आत्मा शरीर के विरुद्ध लालसा करता है. ये आपस में विरोधी हैं कि तुम वह न कर सको, जो तुम करना चाहते हो. 18 यदि तुम पवित्रात्मा द्वारा चलाए चलते हो तो तुम व्यवस्था के अधीन नहीं हो.

19 शरीर द्वारा उत्पन्न काम स्पष्ट हैं: वेश्यागामी, अशुद्धता, लुचपन, 20 मूर्तिपूजा, जादू-टोना, शत्रुता, झगड़ा, जलन, क्रोध, स्वार्थ, मतभेद, विधर्म, 21 ड़ाह, मतवालापन, लीला-क्रीड़ा तथा इनके समान अन्य, जिनके विषय में मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूँ कि जिनका स्वभाव इस प्रकार का है, वे मेरी पूर्वचेतावनी के अनुरूप परमेश्वर के राज्य के वारिस नहीं होंगे.

22 परन्तु आत्मा का फल है प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, दया, उदारता, विश्वस्तता, 23 विनम्रता तथा आत्मसंयम; कोई भी विधान इनके विरुद्ध नहीं है. 24 जो मसीह येशु के हैं, उन्होंने शरीर को उसकी वासनाओं और अभिलाषाओं सहित क्रूस पर चढ़ा दिया है.

मारक 9:2-13

मसीह येशु का रूपान्तरण

(मत्ति 17:1-13; लूकॉ 9:28-36)

छः दिन बाद मसीह येशु केवल पेतरॉस, याक़ोब तथा योहन को एक ऊँचे पर्वत पर ले गए कि उन्हें वहाँ एकान्त मिल सके. वहाँ उन्हीं के सामने मसीह येशु का रूपान्तरण हुआ. उनके वस्त्र उज्ज्वल तथा इतने अधिक सफ़ेद हो गए कि पृथ्वी पर कोई भी किसी भी रीति से इतनी उज्ज्वल सफेदी नहीं ला सकता. उन्हें वहाँ मोशेह के साथ एलियाह दिखाई दिए. वे मसीह येशु के साथ बातें कर रहे थे.

यह देख पेतरॉस बोल उठे, “रब्बी! हमारा यहाँ होना कितना सुखद है! हम यहाँ तीन मण्डप बनाएँ—एक आपके लिए, एक मोशेह के लिए तथा एक एलियाह के लिए.” पेतरॉस को यह मालूम ही न था कि वह क्या कहे जा रहे हैं—इतने अत्यधिक भयभीत हो गए थे शिष्य!

तभी एक बादल ने वहाँ अचानक प्रकट हो कर उन्हें ढ़क लिया और उसमें से निकला एक शब्द सुनाई दिया, “यह मेरा पुत्र है—मेरा परमप्रिय—जो वह कहता है, उस पर ध्यान दो!”

तभी उन्होंने देखा कि मसीह येशु के अतिरिक्त वहाँ कोई भी न था.

पर्वत से नीचे उतरते हुए मसीह येशु ने शिष्यों को सावधान किया कि जब तक मनुष्य का पुत्र मरे हुओं में से जीवित न हो जाए, तब तक जो उन्होंने देखा है उसकी चर्चा किसी से न करें. 10 इस घटना को उन्होंने अपने तक ही सीमित रखा. हाँ, वे इस विषय पर विचार-विमर्श अवश्य करते रहे कि मरे हुओं में से जीवित होने का मतलब क्या हो सकता है.

11 शिष्यों ने मसीह येशु से प्रश्न किया, “क्या कारण है कि शास्त्री कहते हैं कि पहले एलियाह का आना अवश्य है?”

12 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “सच है. एलियाह ही पहले आएगा तथा सब कुछ व्यवस्थित करेगा. अब यह बताओ: पवित्रशास्त्र में मनुष्य के पुत्र के विषय में यह वर्णन क्यों है कि उसे अनेक यातनाएँ दी जाएँगी तथा उसे तुच्छ समझा जाएगा? 13 सुनो! वास्तव में एलियाह आ चुके और उन्होंने उनके साथ मनमाना व्यवहार किया—ठीक जैसा कि वर्णन किया गया था.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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