Book of Common Prayer
लबरा गुरूमन अऊ ओमन के बिनास
2 पर मनखेमन के बीच म लबरा अगमजानीमन घलो रिहिन अऊ ओही किसम ले तुम्हर बीच म लबरा गुरूमन होहीं। ओमन गुपत रूप ले बिनासकारी लबारी सिकछा ला तुम्हर बीच म लानहीं, अऊ त अऊ ओमन सर्वसक्तिमान परभू के इनकार करहीं, जऊन ह ओमन ला बिसोय हवय अऊ ए किसम ले ओमन अपन ऊपर अचानक बिनास लानहीं। 2 बहुंते झन ओमन के खराप जिनगी के नकल करहीं, अऊ ओमन के कारन, सत के रसता के अनादर होही। 3 अपन लालच म, ए गुरूमन अपन खुद के बनाय कथा-कहानी के दुवारा तुम्हर ले फायदा उठाहीं। ओमन के दंड के फैसला बहुंत पहिली हो चुके हवय, अऊ ओमन के बिनास निस्चय होही।
4 जब परमेसर ह ओ स्वरगदूतमन ला नइं छोंड़िस, जऊन मन पाप करे रिहिन, पर ओमन ला अंधियार के बंधना म रखके नरक पठो दीस, ताकि ओमन नियाय बर उहां बंदी रहंय। 5 जब परमेसर ह पहिली जुग के संसार ला नइं छोंड़िस, जब ओह जल-परलय ले भक्तिहीन मनखेमन ला नास करिस, पर ओह धरमीपन के परचारक – नूह अऊ सात झन आने मनखेमन ला बचाईस। 6 अऊ जब सजा के रूप म, परमेसर ह सदोम अऊ अमोरा सहरमन ला जलाके राख कर दीस, अऊ एला एक नमूना के रूप म रखिस – ए देखाय बर कि भक्तिहीन मनखेमन के का होवइया हवय; 7 अऊ जब ओह धरमी मनखे लूत ला बचाईस, जऊन ह दुस्ट मनखेमन के खराप चाल-चलन के कारन बहुंत दुःखी रिहिस 8 (काबरकि ओ धरमी जन ह ओमन के बीच म रहत रिहिस अऊ ओमन के कुकरम ला देखके अऊ सुनके दिन ब दिन, अपन मन म पीरा के अनुभव करत रिहिस) – 9 जब अइसने बात ए, तब परभू ह जानथे कि धरमी मनखेमन ला परिछा म ले कइसने निकारथें अऊ अधरमीमन ला कइसने सजा देवत नियाय के दिन बर रखथें। 10 एह खास करके, ओमन बर सही ए, जऊन मन अपन पापमय सुभाव के खराप ईछा के मुताबिक चलथें अऊ अधिकारीमन ला तुछ समझथें।
ए मनखेमन हिम्मती अऊ ढीठ अंय अऊ ओमन महिमामय जीवमन के बदनामी करे बर नइं डरंय;
1 परमेसर के बेटा यीसू मसीह के सुघर संदेस के सुरूआत। 2 जइसने यसायाह अगमजानी के किताब म लिखे हवय:
“देखव, मेंह अपन संदेसिया ला तोर आघू पठोवत हंव, जऊन ह तोर खातिर रसता बनाही।[a] 3 सुनसान जगह म एक संदेसिया अवाज देवत रिहिस कि परभू के रसता ला बनावव अऊ ओकर रसता ला सीधा करव।”[b]
4 इही संदेसिया यूहन्ना रिहिस, जऊन ह सुनसान जगह म रहत रिहिस। अऊ बतिसमा देके सिखोवत रिहिस कि पाप के छेमा खातिर पछताप के बतिसमा लेवव। 5 यरूसलेम सहर अऊ यहूदिया छेत्र के जम्मो झन निकरके ओकर करा गीन। अऊ अपन-अपन पाप ला मानके यरदन नदी म ओकर ले बतिसमा लीन। 6 यूहन्ना ह ऊंट के रोआं के बने कपड़ा पहिरय अऊ अपन कनिहां म चमड़ा के बने पट्टा बांधय, ओह फांफा अऊ जंगली मंधरस खावय। 7 अऊ ओह ए बतात फिरत रिहिस कि मोर बाद एक झन अवइया हवय, जऊन ह मोर ले अऊ महान ए। मेंह एकर लइक घलो नो हंव कि निहरके ओकर पनही के फीता ला खोलंव। 8 मेंह तुमन ला पानी म बतिसमा देवत हंव, पर ओह तुमन ला परमेसर के पबितर आतमा म बतिसमा दिही।
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