Book of Common Prayer
18 तुमन अब तक ओ जगह म नइं आय हवव अऊ अनुभव नइं करे हवव जइसने इसरायलीमन सीनै पहाड़ म अनुभव करे रिहिन, जिहां आगी बरत रिहिस; अंधियार, धुंधलापन अऊ आंधी-तूफान रिहिस; 19 अऊ जिहां तुरही के अवाज अऊ एक झन के अइसने गोठियाय के अवाज आवत रिहिस, जऊन ला सुनके मनखेमन बिनती करे लगिन कि ओमन ले अऊ कोनो बात झन कहे जावय 20 काबरकि ओमन ओ हुकूम ले घबरा गीन, जेम ए कहे गे रिहिस, “अऊ त अऊ कहूं कोनो पसु घलो पहाड़ ला छुवय, त ओला पत्थरवाह करके मार डारे जावय।”[a] 21 ओ दरसन ह अइसने भयानक रिहिस कि मूसा ह कहिस, “मेंह डर के मारे कांपत हवंव।”
22 पर तुमन सियोन पहाड़, जीयत परमेसर के सहर, स्वरगीय यरूसलेम करा आ गे हवव। तुमन हजारों-हजार स्वरगदूतमन के संग आनंद के सभा, 23 अऊ पहिलांतमन के कलीसिया म आय हवव, जेमन के नांव स्वरग म लिखे गे हवय। तुमन परमेसर करा आय हवव, जऊन ह जम्मो मनखेमन के नियाय करथे, अऊ तुमन ओ धरमीमन के आतमामन करा आ गे हवव, जऊन मन सिद्ध बनाय गे हवंय। 24 तुमन यीसू करा आ गे हवव, जऊन ह एक नवां करार के मध्यस्थ ए अऊ तुमन ओ छिड़काय लहू करा आ गे हवव, जऊन ह हाबिल के लहू ले घलो अऊ उत्तम बात कहिथे।
25 ए बात ला धियान देवव कि जऊन ह गोठियाथे, ओकर बात ला सुनव। काबरकि ओ मनखेमन बच नइं सकिन, जऊन मन ओकर बात ला नइं सुनिन, जऊन ह धरती म ओमन ला चेतउनी देवत रिहिस, त फेर हमन कइसने बच सकबो, कहूं हमन ओकर बात ला नइं सुनन, जऊन ह हमन ला स्वरग ले चेतउनी देथे? 26 ओ समय ओकर अवाज ह धरती ला कंपा दीस, पर अब ओह ए वायदा करे हवय, “एक बार फेर, मेंह सिरिप धरती ला ही नइं, पर अकासमन ला घलो हलाहूं।”[b] 27 ए सबद “एक बार फेर” ए बात ला बताथे कि जऊन चीजमन हलाय जा सकथें, ओमन ला हटाय जाही, काबरकि एमन सिरजे गय चीज अंय, ताकि जऊन चीजमन हलाय नइं जा सकंय, ओमन अटल बने रहंय।
28 एकरसेति, जब हमन ला एक अइसने राज मिलत हवय, जऊन ला हलाय नइं जा सकय; त आवव, हमन धनबाद देवन, अऊ आदर अऊ भय के संग परमेसर के अइसने अराधना करन, जेकर ले ओह खुस होवय, 29 काबरकि हमर परमेसर ह एक भसम करइया आगी अय।
यीसू के बारे म यूहन्ना बतिसमा देवइया के गवाही
22 एकर बाद, यीसू अऊ ओकर चेलामन यहूदिया प्रदेस के गंवई इलाका म गीन। उहां ओह ओमन के संग कुछू समय तक रिहिस अऊ मनखेमन ला बतिसमा दीस। 23 यूहन्ना ह घलो सलीम के लकठा म एनोन म बतिसमा देवत रिहिस, काबरकि उहां बहुंत पानी रिहिस अऊ मनखेमन उहां आके ओकर ले बतिसमा लेवत रिहिन। 24 यूहन्ना ह अभी तक जेल म नइं डारे गे रिहिस।
25 यूहन्ना के कुछू चेलामन के, एक यहूदी संग सुध होय के बारे म बहस होय लगिस। 26 ओमन यूहन्ना करा जाके कहिन, “हे गुरूजी, ओ मनखे जऊन ह यरदन नदी के ओ पार तोर संग रिहिस अऊ जेकर बारे म तेंह गवाही दे रहय – देख, ओह घलो बतिसमा देवत हवय, अऊ जम्मो मनखे ओकर करा जावत हवंय।”
27 यूहन्ना ह ओमन ला जबाब दीस, “मनखे ह कुछू नइं पा सकय, जब तक कि परमेसर ह स्वरग ले ओला नइं देवय। 28 तुमन खुदे मोर गवाह हव कि मेंह कहे रहेंव, ‘मेंह मसीह नो हंव, पर मेंह ओकर आघू पठोय गे हवंव।’ 29 दुल्हिन ह दुल्हा के होथे। दुल्हा के संगवारी ह तीर म ठाढ़े रहिथे अऊ ओकर सुनथे अऊ जब ओह दुल्हा के अवाज ला सुनथे, त ओह बहुंत खुस होथे। ओही किसम के खुसी मोर अय, जऊन ह अब पूरा हो गे। 30 ए जरूरी अय कि ओह बढ़े अऊ मेंह घटंव।
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