Book of Common Prayer
7 जइसने मसीह ह तुमन ला परमेसर के महिमा खातिर गरहन करिस, वइसने तुमन घलो एक-दूसर ला गरहन करव। 8 काबरकि मेंह तुमन ला बतावत हंव कि मसीह ह परमेसर के सच्चई ला परगट करे बर यहूदीमन के सेवक बनिस, ताकि ओह परमेसर के दुवारा हमर पुरखामन ला दिये गय परतिगियां ला पूरा करय, 9 अऊ आनजातमन के ऊपर परमेसर के दया होवय अऊ ओमन परमेसर के महिमा करंय, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:
“एकरसेति आनजातमन के बीच म,
मेंह तोर महिमा करहूं, अऊ तोर नांव के भजन गाहूं।”[a]
10 परमेसर के बचन म ए घलो कहे गे हवय,
“हे आनजातमन,
तुमन परमेसर के मनखेमन के संग आनंद मनावव।”[b]
11 परमेसर के बचन म ए घलो कहे गे हवय,
“हे आनजात के जम्मो मनखेमन,
परभू के इस्तुति करव; अऊ तुमन जम्मो झन ओकर परसंसा करव।”[c]
12 अऊ यसायाह अगमजानी ह कहे हवय,
“यिसै के बंस म ले एक झन आही;
ओह जम्मो जाति के मनखेमन ऊपर राज करे बर उठही
अऊ आनजातमन ओकर ऊपर अपन आसा रखहीं।”[d]
13 परमेसर जऊन ह आसा देथे, तुम्हर बिसवास के कारन तुमन ला पूरा आनंद अऊ सांति ले भर देवय, ताकि पबितर आतमा के सामरथ के दुवारा मसीह म तुम्हर आसा अऊ बढ़ते रहय।
बिजय उल्लास के संग यीसू के यरूसलेम म परवेस
(मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; यूहन्ना 12:12-19)
28 जब यीसू ह ए कह चुकिस, त ओह यरूसलेम कोति ओमन के आघू-आघू गीस। 29 जब यीसू ह जैतून पहाड़ करा बैतफगे अऊ बैतनियाह गांव के लकठा म आईस, त ओह अपन चेलामन ले दू झन ला ए कहिके पठोईस, 30 “अपन आघू के गांव म जावव, अऊ जइसने तुमन गांव म हबरहू, तुमन ला उहां एक ठन गदही के बछरू मिलही, जेकर ऊपर कभू कोनो सवारी नइं करे हवंय। ओला ढीलके इहां ले आवव। 31 कहूं कोनो तुम्हर ले पुछय, ‘एला काबर ढीलत हवव?’ त ओला कहव, ‘परभू ला एकर जरूरत हवय।’ ”
32 जऊन चेलामन यीसू के दुवारा पठोय गे रिहिन, ओमन उहां जाके वइसनेच पाईन, जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस। 33 जब ओमन गदही के बछरू ला ढीलत रिहिन, त ओकर मालिकमन ओमन ले पुछिन, “तुमन ए गदही के बछरू ला काबर ढीलत हवव?”
34 ओमन कहिन, “परभू ला एकर जरूरत हवय।”
35 ओमन गदही के बछरू ला यीसू करा लानिन। तब ओमन अपन ओन्ढामन ला गदही के बछरू ऊपर डालिन अऊ यीसू ला ओकर ऊपर बईठा दीन। 36 जब यीसू ह गदही के बछरू म बईठके जावत रिहिस, त मनखेमन अपन ओन्ढा ला सड़क म दसावत जावत रहंय।
37 जब यीसू ह ओ जगह के लकठा म आईस, जिहां सड़क ह खाल्हे जैतून पहाड़ कोति जावत रिहिस, त ओकर चेलामन के जम्मो भीड़ ह आनंद मनाय लगिस अऊ ओमन जऊन चमतकार के काम देखे रिहिन, ओकर सेति चिचिया-चिचियाके परमेसर के महिमा करके कहिन:
38 “धइन ए ओ राजा, जऊन ह परभू के नांव म आथे![a] स्वरग म सांति अऊ परमेसर के महिमा होवय।”
39 भीड़ म के कुछू फरीसीमन यीसू ला कहिन, “हे गुरू! अपन चेलामन ला दबकार।”
40 यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला कहत हंव कि यदि एमन चुप रहिहीं, त पथरामन चिचिया उठहीं।”
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