Book of Common Prayer
सफेद घोड़ा ऊपर सवार मनखे
11 तब मेंह स्वरग ला खुले हुए देखेंव अऊ उहां एक सफेद घोड़ा रहय, अऊ जऊन ह ओ घोड़ा ऊपर सवारी करे रहय, ओला बिसवास लइक अऊ सच कहे जाथे। ओह धरमीपन के संग नियाय करथे अऊ लड़ई करथे। 12 ओकर आंखीमन आगी सहीं धधकत रहय, अऊ ओकर मुड़ी म कतको मुकुट रहंय। ओकर देहें म एक नांव लिखाय रहय, जऊन ला ओकर छोंड़ अऊ कोनो नइं जानंय। 13 ओह लहू म डुबोय कपड़ा पहिरे रहय, अऊ ओकर नांव परमेसर के बचन ए। 14 स्वरग के सेनामन सुघर, सफेद अऊ साफ मलमल के कपड़ा पहिरे अऊ सफेद घोड़ामन म सवार होके ओकर पाछू-पाछू आवत रहंय। 15 ओकर मुहूं ले एक धारदार तलवार निकरत रहय, जेकर दुवारा ओह देस-देस के मनखेमन ला मारही। ओह लोहा के राजदंड ले ओमन ऊपर राज करही। ओह सर्वसक्तिमान परमेसर के भयानक कोरोध रूपी मंद के कुन्ड ला रौंदही। 16 ओकर कपड़ा अऊ ओकर जांघ म ए नांव लिखाय रहय:
“राजामन के राजा अऊ परभूमन के परभू।”
17 तब मेंह एक स्वरगदूत ला सूरज ऊपर ठाढ़े देखेंव। ओह ऊंचहा अवाज म अकास मंडल म उड़त जम्मो चिरईमन ला पुकारके कहिस, “आवव! परमेसर के बड़े भोज म सामिल होय बर जूरव, 18 ताकि तुमन राजा, सेनापति, सक्तिसाली मनखे, घोड़ा अऊ ओकर सवारमन के मांस, अऊ सुतंतर अऊ गुलाम, छोटे अऊ बड़े जम्मो झन के मांस खा सकव।”
19 तब मेंह देखेंव कि ओ पसु अऊ धरती के राजामन अपन सेनामन संग, ओ घुड़सवार अऊ ओकर सेना ले लड़े बर जुरे रहंय। 20 पर ओ पसु ह पकड़े गीस अऊ ओकर संग ओ लबरा अगमजानी घलो पकड़े गीस, जऊन ह पसु के आघू म अचरज के चिन्हां देखाके, ओ मनखेमन ला बहकाय रिहिस, जऊन मन ओ पसु के छाप लेय रिहिन अऊ ओकर मूरती के पूजा करे रिहिन। ओ दूनों जीयते-जीयत धधकत गंधक के आगी के कुन्ड म झोंक दिये गीन। 21 ओम के बांचे मनखेमन घुड़सवार के मुहूं ले निकरे तलवार ले मारे गीन, अऊ जम्मो चिरईमन ओमन के मांस खाके अघा गीन।
गंवाय मेढ़ा के पटंतर
(मत्ती 18:12-14)
15 एक बार जम्मो लगान लेवइया अऊ पापी मनखेमन यीसू करा जूरत रिहिन कि ओमन ओकर बात ला सुनंय। 2 पर फरीसी अऊ कानून के गुरू मन ए कहिके कुड़कुड़ाय लगिन, “ए मनखे ह पापीमन के सुवागत करथे अऊ ओमन के संग खाथे।”
3 एकरसेति यीसू ह ओमन ला ए पटंतर कहिस, 4 “मान लव, तुमन ले एक झन करा एक सौ भेड़ हवंय अऊ ओम ले एक ठन गंवा जाथे, त का ओह ओ निनान्बे भेड़मन ला मैदान म छोंड़के ओ गंवाय भेड़ ला तब तक नइं खोजही, जब तक कि ओह मिल नइं जावय? 5 अऊ जब ओला भेड़ ह मिल जाथे, त ओह ओला खुसी के मारे अपन कंधा म उठा लेथे, 6 अऊ अपन घर जाथे। अऊ तब ओह अपन संगवारी अऊ पड़ोसी मन ला बलाथे अऊ कहिथे, ‘मोर संग आनंद मनावव, काबरकि मोर गंवाय भेड़ ह मोला मिल गीस।’ 7 मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओही किसम ले एक पापी मनखे के पछताप करे ले स्वरग म बहुंत आनंद मनाय जाथे, जतेक कि निनान्बे धरमी मनखेमन बर नइं मनाय जावय, जऊन मन ला पछताप करे के जरूरत नइं ए।”
गंवाय सिक्का के पटंतर
8 “या मान लव, एक माईलोगन करा दस ठन चांदी के सिक्का हवय अऊ ओम ले एक ठन गंवा जाथे, त का ओह दीया बारके घर ला नइं बहारे अऊ मन लगाके खोजय जब तक कि ओह मिल न जावय। 9 अऊ जब ओला सिक्का ह मिल जाथे, त ओह अपन संगवारी अऊ पड़ोसी मन ला बलाथे अऊ कहिथे, ‘मोर संग आनंद मनावव, काबरकि मोर गंवाय सिक्का ह मोला मिल गे हवय।’ 10 मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओही किसम ले, जब एक पापी मनखे पछताप करथे, त उहां स्वरग म परमेसर के स्वरगदूतमन के आघू म आनंद मनाय जाथे।”
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.