Book of Common Prayer
संगीत निर्देसक बरे। तार वाले बाजन क संग। दाऊद क एक ठु मस्किल।
1 हे मोर परमेस्सर, मोर पराथना सुना।
कृपा कइके तू मोहसे दूर जिन ह्वा।
2 हे परमेस्सर, कृपा कइके मोर सुना अउर मोका जवाब द्या।
तू मोका आपन दुःख तोहसे कहइ द्या।
3 मोर दुस्मन मोहसे दुर्बचन बोलेन ह।
दुट्ठ लोग मोह पइ चीखेन ह।
मोर दुस्मन किरोध कइके मोह पइ टूट पड़ा अहइँ।
उ पचे मोका नास करइ बिपत्ति ढावत अहइँ।
4 मोर मनवा भितरे स चूर-चूर होत बा,
अउर मोका मउत स बहोत डर लागत अहइ।
5 मइँ बहोत डेरान अहउँ।
मइँ थरथर काँपत अहउँ।
मइँ डेरान अहउँ।
6 ओह, अगर कबूतरे क नाई मोरे पखना होतेन,
अउर मइँ पखना पवतेउँ तउ दूर कउनो चैन पावइ क जगह उड़ि जातेउँ।
7 मइँ उड़िके दूर निर्जन जगह मँ जातेउँ।
8 मइँ दूर चला जाब
अउर इ बिपत्ति क आँधी स बचिके दूर भाग जाब।
9 हे मोर सुआमी, हवाँ सहर मँ मतभेद अउर हिंसा अहइ।
ओनके झूठन क रोका जउन मतभेद का कारण अहइँ।
10 बाहेर दिन अउर रात इ सहर ओन स घेरे अहइ,
अउर अन्दर मँ हुवाँ परेसानियन अउर अपराधन अहइँ।
11 गलियन मँ बहोत जियादा अपराध फइलत अहइ।
हर कहूँ लोग झूठ बोलिके छलत अहइँ।
12 जदि इ मोर दुस्मन होत
अउर मोका नीचा देखाँवत तउ मइँ ऍका सहि लेतेउँ।
अगर इ सबइ मोर दुस्मन होतेन,
अउर मोह पइ वार करतेन तउ मइँ छिप सकत रहेउँ।
13 ओ। मोरे संगी, मोरे हमजोली, मोरे मीत, इ मगर तू अहा
अउर तू ही मोका कस्ट पहोंचावत अहा।
14 हम आपुस मँ गुप्त बातन बाँटे रहेन।
हम परमेस्सर क मन्दिर मँ साथ-साथ उपासना कीन्ह।
15 कास कउनो दुस्मन आपन समइ स पहिले ही मरि जाइँ।
कास ओनका जिअत ही गाड़ दीन्ह जाइ,
काहेकि उ पचे आपन घरन मँ अइसे भयानक कुचक्र रचा करत हीं।
16 मइँ तउ मदद बरे परमेस्सर क पुकारब।
यहोवा ओकर जवाब मोका देइ।
17 मइँ तउ आपन दुःख क परमेस्सर स भिन्सारे दुपहरिया अउ राति मँ कहब।
उ मोर सुनी।
18 मइँ केतनी जुद्धन मँ लड़ाई लड़ेउँ ह।
मुला परमेस्सर मोरे संग अहइ, अउर हर जुद्ध स मोका सुरच्छित लउटाइ।
19 परमेस्सर मोर सुना अउर ओनका हराइ देब।
उ अनन्त राजा बाटइ।
मोर दुस्मन कबहुँ नाहीं बदलिहीं।
उ पचे परमेस्सर स नाहीं डरतेन, अउर न ही ओकर आदर करतेन।
20 मोर दुस्मन आपन ही मीतन पइ वार करतेन।
उ सबइ ओन बातन क नाहीं करतेन, जेनका करइ क उ पचे सहमत होइ ग रहेन।
21 मोर दुस्मन फुरइ मीठा बोलत हीं, अउर सुसान्ति क बातन करत रहत हीं।
मुला असलियत मँ, उ पचे जुद्ध क कुचक्र रचत हीं।
ओनकर सब्द काट करत हीं छुरी क तरह अउ फिसलन भरा अहइँ जइसे तेल होत ह।
22 आपन सबइ चिन्ता क तू यहोवा क सौंप द्या।
फुन उ तोहार रखवारी करी।
यहोवा सज्जन क कबहुँ हारइ न देइ।
23 एहसे पहिले कि ओनकर आधी उमर बीत जाइ।
हे परमेस्सर, ओन हत्यारन क अउर ओन झूठन क कब्र मँ पठवा।
जहाँ तलक मोर अहइ, मइँ तउ तोह पइ भरोसा रखब।
दाऊद क एक ठु पद।
1 हे परमेस्सर, मइँ आपन पूर्ण मन स तोहार गीत गावत हउँ।
मइँ सबहिं देवन क समन्वा मइँ तोहार पद गाउब।
2 हे परमेस्सर, मइँ तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती दण्डवत करब।
मइँ तोहरे नाउँ क बड़कई करब,
काहेकि तोहार बिस्ससनीय पिरेम सच्चा अउर पिआरा अहइ,
अउर काहेकि तू आपन वचन क आपन महान सक्ति स किहा ह।
3 हे यहोवा, जब मइँ मदद पावइ बरे तोहार पराथना करेउँ तउ मोका जवाब द्या।
तू मोका बल देइके मोर साहस बढ़ाया।
4 हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार अच्छाई क गुण गावइँ।
जब उ पचे तोहार वचन क सुनिहीं।
5 उ पचे यहोवा क स्तुति करइँ,
काहेकि यहोवा क महिमा महान अहइ।
6 काहेकि यहोवा महान अहइ,
मुला उ अबहुँ तलक विन्रम मनई क धियान रखत ह।
उ घमण्डी लोगन क कामन क पता
दूर स ही जानत हीं।
7 हे यहोवा, अगर मइँ संकट मँ पड़उँ तउ मोका जीवित रहइ द्या।
अगर मोर दुस्मन मोह पइ किरोध करइँ तउ ओनसे मोका बचावा।
8 यहोवा उ सबइ बातन क करी जेनका उ मोका वचन दिहेस ह।
हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम सदा ही बना रहत ह।
हे यहोवा, तू हमका रच्या ह।
तउ तू हमका जिन बिसरा।
संगीत निर्देसक बरे वाद्य यंत्र क संग दाऊद क एक ठु गीत।
1 हे यहोवा, तू मोका जाँच्या ह।
मोरे बारे मँ तू सब कछू जानत अहा।
2 तू जानत अहा कि मइँ कब बइठत अउ कब खड़ा होत हउँ।
तू दूर रहत भए मोरे मन क बात जानत अहा।
3 हे यहोवा, तू जानत ह कि मइँ कहाँ जात अउ कहाँ ओलरत हउँ।
तू बहोत अच्छी तरह जानत ह जउन कछू मइँ करत हउँ।
4 हे यहोवा, एहसे पहिले क सब्द मोरे मुख स निकलइ
तोहका पता होत ह कि मइँ का कहइ चाहत हउँ।
5 हे यहोवा, तू मोरे चारिहुँ कइँती मौजूद अहा।
मोरे समन्वा भी अउर पाछा भी, तू आपन निज हाथ मोरे ऊपर हौले स रखत अहा।
6 मोका अचरज अहइ ओन बातन पइ जेनका तू जानत अहा।
जेनका मोरे बरे समुझब बहोत कहिन अहइ।
7 हर जगह जहाँ भी मइँ जात हउँ हुआँ तोर आतिमा होत ह।
हे यहोवा, मइँ तोहसे बचिके कहँ नाहीं जाइ सकत।
8 हे यहोवा, अगर मइँ आकासे पइ जाब हुआँ पइ भी तू ही अहा।
अगर मइँ मउत क देस पाताल मँ जाब हुआँ पइ तू ही अहा।
9 अगर मइँ पूरब मँ जहाँ स सूरज निकरत ह,
अगर मइँ समुद्दर क पीछे रहब,
10 हुआँ तलक भी तोहार दायाँ हाथ पहोंचत ह।
तू मोका आपन हाथ स धइके अगुवाइ करत ह।
11 होइ सकत ह मइँ सोचउँ कि तोहसे छुपा अहउँ अउर कहइ लागूँ,
“दिन रात मँ बदल गवा ह।
निहचय ही अँधियारा मोका ढाँपि लेइ।”
12 मुला यहोवा अँधेरा भी तोहरे बरे अँधेरा नाहीं अहइ।
हिआँ तलक कि तोहरे बरे रात भी दिन जइसी ही उजरी अहइ,
काहेकि दुइनउँ अँधेरा अउर उजियारा तोहार समान अहइ।
13 तू मोर देह क अन्दरुनी भाग क बनाया ह।
तू मोका आपन महतारी क कोख मँ ही रचे रहा।
14 हे यहोवा, मइँ तोहका ओन सबहिं अचरज भरे काम बरे धन्यवाद देत हउँ जउन रास्ते स तू मोका बनाया ह,
अउर मइँ सचमुच जानत हउँ कि तू जउन कछू करत अहा उ अचरजे स पूर्ण अहइ।
15 जब मइँ आपन महतारी क कोख मँ रहा
अउर मोरे देह गुप्त रूप मँ रूपधारण करत रहेन तबहिं तू मोर हाड़न क लख्या।
16 तू मोरी देह क मोरी महतारी क गर्भ मँ बनत भए लख्या।
अउर मोर सरीर क सबइ हींसा जउन दिन ब दिन बनत रहा, उ सबइ क बनइ स पहिले तोहार किताब मँ लिखा भवा रहेन।
17 तोहार विचारन मोरे बरे बहोत कीमती अहइँ।
उ गिनती मँ बहोत जियादा अहइँ।
18 तू जउन कछू जानत अहा, ओन सब क अगर मइँ गन सकउँ, तउ उ सबइ सबहिं धरती क रेत क कणन स भी जियादा होइहीं।
जद्यपि अगर मइँ लगातार जगा रहेउँ, तउ भी मइँ ओनकर बरे तोहरे साथ गना जाब।
19 हे परमेस्सर, दुर्जन क नस्ट करा।
तू हत्यारन, मोसे दूर रहा।
20 उ पचे बुरे लोग तोहरे बरे बुरी बातन कहत हीं।
तोहार दुस्मन झूठ स तोहार नाउँ लेत ह।
21 हे यहोवा, मोका ओन लोगन स घिना अहइ जउन तोहसे घिना करत हीं।
मइँ ओन लोगन स घिना करत हउँ जउन तोहार खिलाफ बिद्रोह करत ह।
22 मोका ओनसे पूरी तरह घिना अहइ।
तोहार दुस्मन मोर भी दुस्मन अहइँ।
23 हे परमेस्सर, मोका जाँच्या अउर मोर मन जान ल्या।
मोका परख्या अउर मोर चिन्तन क जान ल्या।
11 एकरे बाद मइँ धरती स निकरत एक अउर जानवर क देखेउँ। ओकरे मेमना क सीग क तरह दुइ ठु सीग रहिन। मुला उ महानाग क तरह बोलत रहा। 12 उ भयानक अजगर क समन्वा उ पहिले जानवर क सभी अधिकारन क इस्तेमाल करत रहा। उ धरती अउर धरती क निवासिन सबसे उ जानवर क पूजा कराएस जउने क भयंकर घाव भर ग रहा। 13 दूसरउ जानवर बड़ा बड़ा अद्भुत कारजन करेस। हिआँ तक कि सबके सामने उ धरती प आकास स आग बरसाइ दिहेस।
14 उ धरती प रहइ वालेन क ठगत रहा काहेकि ओकरे पास पहले जानवर क सामने अद्भुत कारजन दिखावइ, क ताकत रही। दूसरा जानवर धरती प रहइवालेन स पहिले जानवर क आदर देइके ओकर मूर्ति बनावइ क कहेस। जउन तलवार क मार स घायल रहा पर मरा नाही। 15 दूसरे जानवर क इ ताकत दीन्ह ग रही कि उ पहिले जानवर क मूर्ति मँ जान फूँके देइँ जइसे कि मूर्ति पहिले जानवर क तरह बोलइ लागइ, हिआँ तक कि ओनका मारइ क आग्या दइ देइ जउन कि मूर्ति क पूजा नाहीं करतेन।
16 दूसरा जानवर सभी लोगन का छोटा-बड़ा, धनी-गरीब, मालिक दास, पुत्र अउर गुलाम सबका मजबूर करेस कि अपने दाहिने हाथे प या दाहिने माथे प उ जानवर क नाउँ या ओकरे नाम स जुड़ी छाप क छाप लगवावइँ। 17 जइसे कि बिना उ छाप क कउनउँ चीज न तउ खरीदी जाय सकइ अउर न तउ बेची जाइ सकइ।
18 बुद्धिमानी ऐहिमाँ अहइ जेहमा बुद्धि होइ, उ जानवर क संख्या क हिसाब लगाइ लेइ काहेकि उ संख्या क सम्बन्ध कउनउँ मनई स अहइ। ओकर संख्या अहइ 666।
धने प भरोसा जिन करा
32 “हे भोली भेड़ी क झुण्ड! जिन डेराअ, काहेकि तोहार परमपिता तोहका राज्य देइ क तइयार अहइ। 33 तउ आपन धन दौलत बेंचिके धन गरीबन मँ बाँटि द्या। आपन लगे अइसी झोरी राखा जउन पुरान न होई अरथ बा कबहुँ न टूटइवाला सरगे मँ खजाना जहाँ ओह तलक कउनो चोर क पहुँच न होइ। अउर न ओका न किरवा नास कइ पावइँ। 34 काहेकि जहाँ तोहार खजाना अहइ, हुवँई तोहार मनवा भी रही।
सदा तइयार रहा
(मत्ती 24:42-44)
35 “काम करइ क सदा तइयार रहा। अउर आपन दिया बारे रहा। 36 अउर ओ मनइयन जइसा बना जउन बियाह क भोज स लौटिके आवत आपन स्वामी क जोहत होइँ जेहसे उ जब आवइ अउर दुआर खटखटावइ तउ उ पचे फउरन खोलि सकइँ। 37 उ नउकर धन्य अहइँ जेका स्वामी वापस आइके जागत अउर तइयार पइहीं। मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि उ भी ओनकर सेवा बरे करिहाउँ बाँधि लेइ अउर ओनका खइया क पीढ़ा प जेवइं बरे बइठाई। उ आई अउर ओनका जेंवाइ। 38 उ चाहे आधी राति स पहिले आवइ अउर चाहे आधी राति क पाछे जदि उ ओनका तइयार पावत ह तउ उ सबइ धन्य अहइँ।
39 “इ बात बरे निस्चित रहा कि जदि घरे क स्वामी क इ पता होइ कि चोर कउनो घड़ी आवत अहइ, तउ उ ओका आपन घरे मँ सेंध नाहीं लगावइ देइ। 40 तउ तू भी तइयार रहा काहेकि मनई क पूत अइसी घड़ी मँ आई जेका तू सोच नाहीं सकत्या।”
बिसवास क जोग्ग सेवक कउन?
41 तब पतरस पूछेस, “पर्भू इ दिस्टान्त कथा तू हमरे बरे कहत अहा या सब बरे?”
42 ऍह प पर्भू कहेस, “तउ फिन अइसा बिसवास क जोग्ग, बुद्धिमान संरजाम अधिकारी कउन होइ जेका पर्भू आपन नउकरन क ठीक समइ प खइया क चीज देइ बरे ठहराइ? 43 उ नउकर धन्य अहइ जेका ओकर स्वामी जब आवइ तउ ओका वइसा ही करत पावइ। 44 मइँ सच कहत हउँ कि उ ओका आपन सबहिं धन दौलत क अधिकारी ठहराइ।
45 “मुला उ नउकर आपन मनवा मँ सोचइ कि मोर स्वामी तउ आवइ मँ देर करत अहइ अउर उ दूसर पुरुस अउर स्त्री नउकरन क मारब पीटब सुरु कइ देइ अउर खाइ पिअइ अउर नसा मँ चूर होइ। 46 तउ उ जउकर क स्वामी अइसे दिन आइ जाइ जेका उ सोचत नाहीं। एक ठु अइसी घरी जेकरे बारे मँ निसाखातिर अहइ। फिन भी ओकर टुकरा टुकरा कइ डाइ अउर ओका न बिसवास करइयन क बीच ठउर देइ।
47 “उ नउकर जउन आपन स्वामी क इच्छा जानत ह अउर ओकरे बरे तइयार नाहीं होत या जइसा ओकर स्वामी चाहत ह, वइसहु नाहीं करत, तउ नउकर प जमिके मार परी। 48 मुला उ जेका आपन स्वामी क इच्छा क ग्यान नाहीं अउर कउनो अइसा काम कइ डावइ जउन मार खाइ काबिल होइ तउ उ नउकर प हल्की मार परी। काहेकि उ हर मनई स जेका बहोत जिआदा दीन्ह ग अहइ, जिआदा माँगा जाइ। उ मनई जेका ढेर सौंपा ग अहइ ओसे जिआदा ही माँगा जाइ।”
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