Book of Common Prayer
माईलोगन अऊ सांप सहीं पसु
12 अकास म एक महान अऊ अद्भूत चिन्हां परगट होईस; एक झन माईलोगन ह सूरज ला पहिरे रहय। ओकर गोड़ के खाल्हे म चंदा रहय अऊ ओकर मुड़ी म बारह ठन तारामन के मुकुट रहय। 2 ओह पेट म रिहिस, अऊ लइका जनमे के पीरा ले कलपत रिहिस। 3 तब एक अऊ चिन्हां अकास म परगट होईस; एक बड़े लाल रंग के सांप सहीं पसु रहय। ओकर सात ठन मुड़ी अऊ दस ठन सिंग रहय अऊ सातों मुड़ी म सात ठन मुकुट रहय। 4 ओकर पुंछी ह अकास के एक तिहाई तारामन ला खींचके धरती ऊपर फटिक दीस। सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन के आघू म ठाढ़ हो गीस, जेकर लइका होवइया रहय, ताकि ओह लइका के जनमतेच ही ओ लइका ला लील सकय। 5 ओ माईलोगन ह एक बेटा ला जनमिस, जऊन ह लोहा के राजदंड ले जम्मो देस ऊपर राज करही। अऊ ओ लइका ला झपटके परमेसर अऊ ओकर सिंघासन करा लाने गीस। 6 तब ओ माईलोगन ह सुनसान जगह ला भाग गीस; उहां परमेसर ह ओकर बर एक जगह तियार करे रिहिस, जिहां एक हजार दू सौ साठ दिन तक ओकर देख-भाल करे जा सकय।
छै ठन दुःख
(मत्ती 23:1-36; मरकुस 12:38-40)
37 जब यीसू ह गोठिया चुकिस, त एक फरीसी ह ओला अपन संग खाना खाय बर नेवता दीस। यीसू ह ओकर घर म गीस अऊ खाय बर बईठिस। 38 फरीसी ह ए देखके अचम्भो करिस कि यीसू ह खाना खाय के पहिली अपन हांथ ला नइं धोईस।
39 तब परभू ह ओला कहिस, “तुम फरीसीमन कटोरा अऊ बरतन ला बाहिर ले त धोथव, पर तुम्हर भीतर म लालच अऊ बुरई भरे हवय। 40 हे मुरुख मनखेमन! परमेसर जऊन ह बाहिर भाग ला बनाईस, का ओह भीतरी भाग ला घलो नइं बनाईस? 41 पर बरतन के भीतर के चीज ला गरीबमन ला देवव, अऊ हर एक चीज तुम्हर बर साफ हो जाही।
42 हे फरीसीमन! तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन परमेसर ला अपन पोदीना, सुदाब, अऊ बारी के जम्मो किसम के साग-भाजी के दसवां भाग ला देथव, पर तुमन नियाय अऊ परमेसर के मया ला टार देथव। तुमन ला चाही कि ए दूसर काम ला करव अऊ पहिली ला घलो झन छोड़व।
43 हे फरीसीमन, तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन ला सभा घरमन म सबले बने जगह म बईठना अऊ बजारमन म मनखेमन ले जोहार झोंकना, बने लगथे।
44 तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन बिगर चिन्हां लगाय कबरमन सहीं अव, जेकर ऊपर मनखेमन बिगर जाने चलथें[a]।”
45 कानून के एक जानकार ह यीसू ला कहिस, “हे गुरू, ए बातमन ला कहिके, तेंह हमर घलो बेजत्ती करथस।”
46 यीसू ह कहिस, “अऊ हे कानून के जानकारमन! तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन मनखेमन ला बोझा ले लाद देथव, जऊन ला ओमन बहुंत मुसकुल से उठा सकथें, पर तुमन खुदे ओ बोझा ला उठाय बर अपन एक अंगरी ले घलो ओमन के मदद नइं करव।
47 तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन ओ अगमजानीमन के कबर बनाथव, जऊन मन ला तुम्हर पुरखामन मार डारे रिहिन। 48 ए किसम ले तुमन खुदे मान लेथव कि जऊन कुछू तुम्हर पुरखामन करिन, ओह सही रिहिस; काबरकि ओमन अगमजानीमन ला मार डारिन, अऊ तुमन ओमन के कबर बनाथव। 49 एकर कारन, परमेसर के बुद्धि ह कहिस, ‘मेंह ओमन करा अगमजानी अऊ प्रेरित मन ला पठोहूं। ओम ले कुछू झन ला ओमन मार डारहीं अऊ आने मन ला सताहीं।’ 50 एकर खातिर, ए पीढ़ी के मनखेमन ओ जम्मो अगमजानीमन के खून के जिम्मेदार ठहराय जाहीं, जऊन मन ला संसार के सुरू ले मार डारे गे हवय, 51 हाबिल के खून ले लेके जकरयाह के खून तक, जऊन ला बेदी अऊ पबितर जगह के बीच म मारे गे रिहिस। हव, मेंह तुमन ला कहथंव, ए पीढ़ी के मनखेमन ए जम्मो बात के जिम्मेदार ठहराय जाहीं।
52 कानून के जानकारमन! तुमन ला धिक्कार ए, काबरकि तुमन गियान के चाबी ला ले लेय हव। तुमन खुद ओकर भीतर नइं गेव, अऊ तुमन ओमन ला घलो रोक दे हवव, जऊन मन भीतर जावत रिहिन।”
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