Book of Common Prayer
14 दूसरा बिपत्ती बीत गीस, पर देखव! तीसरा बिपत्ती ह जल्दी अवइया हवय।
सातवां तुरही
15 तब सातवां स्वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, अऊ स्वरग म ऊंचहा अवाज सुनई पड़िस, जऊन ह ए कहत रहय:
“संसार के राज ह हमर परभू
अऊ ओकर मसीह के राज बन गे हवय,
अऊ ओह सदाकाल तक राज करही।”
16 अऊ चौबीस झन अगुवा, जऊन मन परमेसर के आघू म अपन सिंघासन ऊपर बिराजे रिहिन, मुहूं के भार गिरिन अऊ ए कहत परमेसर के अराधना करिन:
17 “हे सर्वसक्तिमान परभू परमेसर, तेंह हवस,
अऊ तेंह रहय; हमन तोला धनबाद देवत हवन,
काबरकि तेंह अपन बड़े सामरथ ला उपयोग करके
राज करे के सुरू करे हवस।
18 देसमन गुस्सा करत रिहिन अऊ तोर परकोप ह आ गे हवय।
मरे मनखेमन के नियाय करे के बेरा आ गे हवय,
अऊ ओ बेरा घलो आ गे हवय कि तोर सेवक अगमजानी अऊ तोर पबितर मनखे अऊ जऊन मन तोर भय मानथें, छोटे बड़े,
ओ जम्मो ला इनाम दिये जावय, अऊ जऊन मन धरती ला नास करथें, ओमन ला नास करे जावय।”
19 तब स्वरग म परमेसर के मंदिर ह खुल गीस, अऊ ओकर मंदिर म ओकर करार के संदूक ह दिखाई दीस। अऊ उहां बिजली के चमक, अवाज, बादर के गरजन अऊ भुइंडोल होईस अऊ भारी करा गिरिस[a]।
27 जब यीसू ह ए बातमन ला कहत रिहिस, त भीड़ म ले एक माईलोगन ह चिचियाके कहिस, “धइन ए ओ दाई, जऊन ह तोला जनम दीस अऊ तोला अपन गोरस पीयाईस।”
28 पर यीसू ह कहिस, “हव! पर जादा धइन ओ मनखेमन अंय, जऊन मन परमेसर के बचन ला सुनथें अऊ ओकर पालन करथें।”
योना अगमजानी के चिन्हां
(मत्ती 12:38-42)
29 जब भीड़ ह बढ़त गीस त यीसू ह कहिस, “ए पीढ़ी के मनखेमन खराप अंय। एमन चिन्हां के मांग करथें, पर एमन ला योना अगमजानी के चिन्हां के छोंड़ अऊ कोनो चिन्हां नइं दिये जावय[a]। 30 जइसने योना अगमजानी नीनवे सहर के मनखेमन बर एक ठन चिन्हां रिहिस, वइसने मनखे के बेटा ह ए पीढ़ी के मनखेमन बर एक ठन चिन्हां होही[b]। 31 दक्खिन दिग के रानी ह नियाय के दिन, ए पीढ़ी के मनखेमन संग उठही अऊ एमन ला दोसी ठहराही, काबरकि ओह धरती के ओ छोर ले सुलेमान राजा के बुद्धि के बात ला सुने बर आय रिहिस। अऊ देखव! एक झन इहां सुलेमान राजा ले घलो बड़के हवय। 32 नीनवे सहर के मनखेमन नियाय के दिन, ए पीढ़ी के मनखेमन संग उठहीं अऊ एमन ला दोसी ठहराहीं, काबरकि ओमन योना अगमजानी के परचार ला सुनिन अऊ अपन पाप ले पछताप करिन। अऊ देखव! एक झन इहां योना अगमजानी ले घलो बड़के हवय।”
देहें के दीया
(मत्ती 5:15; 6:22-23)
33 “कोनो घलो मनखे दीया ला बारके नइं छुपावय या ओला बड़े कटोरा के खाल्हे म नइं रखय। पर ओह दीया ला दीवट ऊपर रखथे, ताकि जऊन मन भीतर आवंय, ओमन अंजोर ला देखंय। 34 तोर आंखी ह तोर देहें के दीया सहीं अय। जब तोर आंखीमन ठीक हवंय, त तोर जम्मो देहें ह घलो अंजोर ले भरे हवय। पर जब तोर आंखीमन खराप हवंय, त तोर देहें ह घलो पूरा अंधियार ले भरे हवय। 35 एकरसेति सचेत रहव कि जऊन अंजोर तुमन म हवय, ओह अंधियार नो हय। 36 यदि तोर जम्मो देहें ह अंजोर ले भरे हवय, अऊ एकर कोनो भाग अंधियार म नइं ए, त तोर जम्मो देहें ह अइसने पूरा-पूरी अंजोर हो जाही, जइसने जब कोनो दीया के अंजोर ह तोर ऊपर चमकथे।”
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