Book of Common Prayer
15 मेंह तुमन ला बुद्धिमान मनखे जानके कहथंव; जऊन बात मेंह कहथंव, ओला तुमन खुदे परखव। 16 ओ धनबाद के कटोरा, जेकर बर हमन परमेसर ला धनबाद देथन, का एह मसीह के लहू म भागीदारी नो हय? अऊ जऊन रोटी ला हमन टोरथन, का एह मसीह के देहें म भागीदारी नो हय? 17 काबरकि एकेच रोटी ए; हमन हालाकि बहुंत झन हवन, पर हमन एकेच देहें अन, काबरकि हमन जम्मो झन ओ एकेच रोटी म भागी होथन।
18 इसरायली मनखेमन ला देखव: जऊन मन बलिदान म चघाय गे चीज ला खाथें, का ओमन बेदी म भागी नइं होवंय? 19 तब मोर कहे के का मतलब ए? का मूरती ला चघाय बलिदान ह कुछू ए, या मूरती ह कुछू ए? 20 कुछू घलो नइं। पर में कहथंव कि आनजातमन जऊन बलिदान चघाथें, ओमन परेत आतमामन ला चघाथें, परमेसर ला नइं, अऊ मेंह नइं चाहंव कि तुमन परेत आतमामन के संग भागीदार होवव। 21 तुमन परभू के कटोरा अऊ परेत आतमामन के कटोरा, दूनों म ले नइं पी सकव। तुमन परभू के भोज अऊ परेत आतमामन के भोज, दूनों म सामिल नइं हो सकव। 22 का हमन परमेसर ला गुस्सा देवाथन? का हमन ओकर ले जादा बलवान अन?
बिसवासी के सुतंतरता
23 “हमन ला हर चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ह लाभ के नो हय। “हमन ला हर चीज करे के अनुमती हवय” – पर हर चीज ले उन्नति नइं होवय। 24 हमन ला सिरिप अपन भलई ही नइं, पर आने मन के भलई घलो देखना चाही।
अपराधी भाई के संग बरताव
15 “यदि तोर भाई ह तोर बिरोध म पाप करथे, त जा अऊ ओकर गलती ला बता, अऊ ए बात ह सिरिप तुमन दूनों के बीच म होवय। यदि ओह तोर बात ला मान लेथे, त तेंह अपन भाई ला वापिस पा लेय। 16 यदि ओह तोर बात ला नइं मानय, त अपन संग म एक या दू झन मनखे ला ले, ताकि दू या तीन झन के गवाही ले हर एक बात साबित हो जावय। 17 यदि ओह ओमन के बात ला घलो नइं सुनय, त ए बात कलीसिया ला बता दे, अऊ यदि ओह कलीसिया के बात ला घलो नइं सुनय, त तेंह ओला एक आनजात या एक लगान लेवइया के सहीं समझ।
18 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कुछू तुमन धरती ऊपर बांधहू, ओह स्वरग म बंधाही, अऊ जऊन कुछू तुमन धरती ऊपर खोलहू, ओह स्वरग म खोले जाही।
19 मेंह तुम्हर ले फेर कहत हंव, यदि तुमन म ले दू झन मनखे एक मन होके धरती ऊपर कोनो बात बर पराथना करहू, त मोर ददा जऊन ह स्वरग म हवय, ओ काम ला तुम्हर बर कर दिही। 20 काबरकि जिहां दू या तीन मनखे मोर नांव म जुरथें, उहां मेंह ओमन के बीच म रहिथंव।”[a]
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