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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 56-58

संगीत निर्देसक बरे सुदूर बाँझ बृच्छन क कबूतर नाउँ क धुन पइ दाऊद क उ समइ क प्रगीत जब गात सहर मँ ओका पलिस्तियन घेर लिहे रहेन।

हे परमेस्सर, मोह पइ दयालु रहा, काहेकि लोग मोह पइ वार किहेन ह।
    उ पचे मोरे खिलाफ समूचइ दिन लड़त रहत रहेन।
मोर दुस्मन सारा दिन मोह पइ वार करत रहेन।
    हुआँ पइ डटा भए अनगिनत जोद्धा अहइँ।
समूचइ दिन, जब कबहुँ मइँ डेरात हउँ,
    तउ मइँ तोह पइ भरोसा करबउँ।
मइँ परमेस्सर क भरोसे अहउँ, तउ मइँ डेरान नाहीं अहउँ।
    लोग मोका नस्कान नाहीं पहोंचाइ सकतेन।
    मइँ परमेस्सर क बचनन बरे ओकर बड़कई करत हउँ जउन मोका दिहेस।
मोर दुस्मन सदा मोरे सब्दन क तोड़त मरोड़त रहत हीं।
    मोरे खिलाफ उ पचे सदा कुचक्र रचत रहत हीं।
उ पचे आपुस मँ मिलिके अउर लुक छिपिके मोर हर बाते क टोह लेत रहत हीं।
    मोर प्राण हर लेइ क कउनो राह सोचत हीं।
हे परमेस्सर, ओनका बचिके निकरइ जिन द्या।
    ओनके बुरे करमन क सजा ओनका द्या।
तू इ जानत अहा कि मइँ बहोत बियाकुल अहउँ।
    तू इ जानत अहा कि मइँ तोहका केतना पुकारेउँ ह?
    तू निहचय ही मोरे सबइ आँसुअन क लेखा-जोखा रखे भए अहा।

तउ अब मइँ तोहका मदद पावइ क पुकारब।
    मोरे दुस्मनन क तू हराइ द्या।
मइँ इ जानत हउँ कि तू इ कइ सकत अहा।
    काहेकि तू परमेस्सर अहा।
10 मइँ परमेस्सर क गुण ओकरे वचन बरे गावत हउँ।
    मइँ परमेस्सर क गुणन क ओकरे उ बचन बरे गावत हउँ जउन उ मोका दिहेस ह।
11 मोका परमेस्सर पइ भरोसा अहइ एह बरे मइँ नाहीं डेरात हउँ।
    लोग मोर बुरा नाही कइ सकतेन।

12 हे परमेस्सर, मइँ जउन तोहार मन्नतन मानेउँ ह, मइँ ओनका पूरा करब।
    मइँ तोहका धन्यवादे क भेंट चढ़ाउब।
13 काहेकि तू मोका मउत स बचाया ह।
    तू मोका हार स बचाया ह
एह बरे मोका परमेस्सर क सेवा
    हिआँ रहइवाला लोगन क समन्वा करइ चाही।

संगीत निर्देसक बरे “नास जिन करा” नाउँ क धुन पइ उ समइ क दाऊद क एक कलात्मक जब उ साऊल स पराइके गुफा मँ जाइके लुकान रहा।

हे परमेस्सर, मोह पइ करुणा करा।
    मोह पइ दयालु ह्वा काहेकि मोरे मनवा क आस्था तोहमाँ बाटइ।
मइँ तोहरे लगे तोहार ओट पावइ क आवा हउँ।
    जब तलक संकट दूर न होइ।
मइँ सर्वोच्च परमेस्सर क मदद बरे बुलाएउँ।
    उ मोर पूरी तरह धियान रखत ह।
उ सरग स मोरे बरे मदद पठवत ह अउ मोका बचाइ लेत ह।
    जउन लोग मोका सतावा करत हीं।
परमेस्सर आपन सच्चा पिरेम
    अउर विस्सासी मोह पइ देखाँवत ह।

मोर दुस्मनन मोका चारिहुँ कइँती स घेरि लिहन ह।
    मोर प्राण संकट मँ अहइँ।
उ पचे अइसेन अहइँ, जइसे नर भच्छी सिंह
    अउर ओनकर तेज दाँत भालन अउ तीर स
    अउर ओनकर जीभ तेज तरवार क जइसी अहइ।

हे परमेस्सर, तू महान अहा।
    तोहार महिमा धरती पइ छाई बाटइ, जउन अकासे स ऊँच अहइ।
मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल फइलाएन ह।
    मोका फँसावइ क उ पचे जतन करत अहइँ।
उ पचे मोरे बरे गहिर गड़हा खोदे अहइँ,
    कि मइँ ओहमाँ गिरि जाउँ।

मुला परमेस्सर मोर रच्छा करी।
    मोर भरोसा अहइ, कि उ मोरे हिम्मत क बनाए रक्खी।
    मइँ ओकर जस गाथा क गावा करब।
मोर मन खड़ा ह्वा!
    ओ सितारो अउ वीणाओ, बजब सुरू करा!
    आवा, हम मिलिके भिन्सारे क जगाइ।
हे मोरे सुआमी, हर कउनो बरे, मइँ तोहार जस गावत हउँ।
    मइँ तोहार जस गाथा हर रास्ट्र क सुनावत हउँ।
10 हे परमेस्सर तोहार बिस्ससनीय पिरेम सरगे स ऊँचा अहइ।
    तोहार बिस्ससी ओतॅना ऊँचा अहइ जेतॅना आकास।
11 हे परमेस्सर तू सरगे स ऊँच अहइ,
    तोहार महिमा समूचइ धरती पइ छाइ जाइ।

“नास जिन करा” धुन पइ संगीत निदेर्सक बरे दाऊद क एक ठु कलात्मक।

निआवधीसो, तू पचे पच्छपात रहित नाहीं रह्या।
    तू लोगन क निआउ निज निर्णयन मँ निस्पच्छ नाहीं करत अहा।
नाहीं, तू पचे तउ सिरिफ बुरी बातन ही सोचत अहा।
    इ देस मँ तू पचे हिंसा स भरा अपराध करत अहा।
उ सबइ दुट्ठ लोग जइसे ही पइदा होत हीं, बुरे कामन क करइ लग जात हीं।
    उ पचे पइदा होत ही झूठ बोलइ लग जात हीं।
उ पचे उ भयानक साँप अउ नाग जइसे होत हीं, जउन सुन नाहीं सकत।
    उ सबइ दुट्ठ जन भी आपन कान सच्चाई स मूँद लेत हीं।
बुरे लोग वइसे ही होत हीं जइसे सँपेरन क गीतन क
    या ओनकर संगीतन क करिया नाग सुन नाहीं सकत।

हे यहोवा! उ सबइ लोग अइसेन होत हीं जइसे सिंह।
    एह बरे हे यहोवा, ओनकर दाँत तोड़ा।
जइसे बहत जल लुप्त होइ जात ह, वइसेन ही उ सबइ लोग लुप्त होइ जइहीं।
    अउर जइसे राह क उगी भइ दूब कुचर दीन्ह जात ह, वइसेन उ सबइ भी कुचरि दीन्ह जइहीं।
उ सबइ घोंघा क नाई होइँ जउन चलइ मँ गल जात हीं।
    उ सबइ उ गदेला क नाई होइँ जउन मरा ही पइदा भवा, जउन दिन क प्रकास कबहुँ नाहीं लखेस।
उ सबइ उ बाड़े क काँटन क तरह हाली ही बरबाद होइँ,
    जउन आगी पइ चढ़ी भइ हाँड़ी गरमावइ बरे हाली जरि जात हीं।

10 जब सज्जन ओन लोगन क सजा पावत लखत ह
    जउन ओकरे संग बुरा किहेन ह,
उ खुस होत ह।
    उ आपन गोड़ ओन दुट्ठन क खून मँ धोइ।
11 जब अइसा होत ह, तउ लोग कहइ लागत हीं, “सज्जनन क ओनकर फल निहचय मिलत ह।
    फुरइ परमेस्सर जगत क निआउ कर्ता अहइ।”

भजन संहिता 64-65

संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।

हे परमेस्सर, मोर सुना जइसा मइँ बोलउँ।
    आपन दुस्मनन क डर स मोर रच्छा करा।
तू मोका मोरे दुस्मनन क गहिर सड्यंत्रन स बचाइ ल्या।
    मोका तू ओन दुट्ठ लोगन स छिपाइ ल्या।
मोरे बारे मँ उ पचे बहोत बुरा झूठ बोलेन ह।
    ओनकर जिभिया तेज तरवार जइसी अउर ओनकर कटु सब्द बाणन जइसे अहइँ।
उ पचे निर्दोख व्यक्ति पइ बाणन चलावइ बरे लुकाइ जात हीं।
    बिना डर स उ पचे अचानक बाण चलावत ह अउर निर्दोख व्यक्ति कबहुँ नाहीं लख सकत ह कि तीर ओकरे कइंती आवत हीं।
उ पचे ओका हरावइ क बुरा काम करत हीं।
    उ पचे झूठ बोलतेन अउ आपन जाल फइलावत हीं।
    अउर उ पचे इ अच्छी तरह तय किहे अहइँ कि ओनका कउनो नाहीं धरी पकड़ी।
लोग बहोत कुटिल होइ सकत हीं।
    उ सबइ लोग का सोचत अहइँ?
ऍका समुझ पाउब बड़ा कठिन अहइ।
मुला परमेस्सर आपन “बाण” मार सकत ह!
    अउर एकरे पहिले कि ओनका पता चलइ, उ सबइ दुट्ठ लोग घायल होइ जात हीं।
दुट्ठ जन दूसरन क संग बुरा करइ क जोजना बनावत हीं।
    मुला परमेस्सर ओनकर कुचक्रन क चउपट कइ सकत ह।
उ ओन बुरी बातन क खुद ओनके ऊपर खुद घटाइ देत ह।
    फुन हर कउनो जउन ओनका लखत अचरजे स भरिके आपन मूँड़ी हिलावत ह।
जउन परमेस्सर किहेस ह, लोग ओन बातन क लखिहीं
    अउर उ पचे ओन बातन क वर्णन दूसर लोगन स करिहीं,
फुन तउ हर कउनो परमेस्सर क बारे मँ अउर जियादा जानी।
    उ पचे ओकर आदर करब अउ डेराब सिखिहीं।
10 तउ सबइ बिस्सासी लोगन क लगे
    एक साथ परमेस्सर क स्तुति करइ क कारण होइ।

निर्देसक बरे दाऊद क एक ठू भजन।

हे परमेस्सर सिय्योन पर्वत पइ, हम पचे तोहका इ सान्ति पराथना भेंट किहउँ ह
    अउर आपन प्रतिग्या क पूरा किहेउँ ह।
मइँ तोहरे ओन कामन क बखान करत हउँ, जउन तू किहा ह।
    उ तू ही बाटइ जउन पराथनन क उत्तर दिह्या।
    एह बरे हर कउनो मनई तोहार लगे मँ आवत हीं।
जब हमार पाप हम पइ भारी पड़त हीं, हमसे सहा नाहीं जाइ पावत,
    तउ तू हमार ओन पापन्क हरिके लइ जात ह।
हे परमेस्सर, जेका तू चुन्या ह
    अउर आपन आँगनन मँ बसइ बरे लिआवा ह उ पचे बहोत असीसित होइहीं।
उ पचे तोहार घर,
    तोहार पवित्तर मन्दिर क बहोत बढ़ियाँ चिजियन स भरि देइहीं।
परमेस्सर मोर उद्धारकर्त्ता,
    तू जउने तरह स लोगन क सम्मान दिहा ह इ बहोत नीक बाटइ।
तू अचरज भरा काम करा,
    एह बरे दूर रास्ट्रन क लोगन अउर दूर क समुद्दरन तोहार लगे सुरच्छा बरे आइहीं।
परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग किहस अउ पर्वत रच डाएस।
    ओकर सक्ति हम आपन चारिहुँ कइँती लखत अही।
परमेस्सर उफनत भवा सागर सांत किहस।
    परमेस्सर जगत क सबहिं अनगिनत लोगन क बनाएस।
जउन अद्भुत बातन क परमेस्सर करत अहइ, ओनसे धरती क हर मनई डेरात अहइ।
    परमेस्सर तू ही हर कहूँ सूरज क उगावत अउ डुबावत ह।
    हर जगह लोग तोहार गुणगान करत हीं।
भुइँया क सारी रखवारी तू करत ह।
    तू ही ऍका सींचत अउ तू ही ऍहसे बहोत सारी वस्तुअन क उपजावत अहा।
हे परमेस्सर, नदियन क पानी स तू ही भरत अहा।
    तू ही फसलन क बढ़त करत अहा।
10 तू जोता भए खेतन पइ बर्खा करत अहा।
    तू खेतन क जल स लबालब कइ देत ह,
अउर धरती क बर्खा स नरम बनावत ह,
    अउर तू फिन पौधन क बढ़त करत ह।
11 तू नवा बरिस क सुरूआत उत्तिम फसलन स करत ह।
    तू भरपूर फसलन स गाड़ियन भर देत अहा।
12 बन अउ पर्वत दूब घासे स ढँकि जात हीं।
13 भेड़िन स चरागाहन भर गइन।
    फसलन स घाटियन भरपूर होत अहइँ।
    हर कउनो गावत अउ आनन्द मँ ऊँचा पुकारत अहइ।

सभोपदेसक 7:1-14

सूक्ति संग्रह

सुजस, अच्छी सुगन्धि स उत्तिम अहइ।
    अउर उ दिन जब मनई मरी, इ दिन उ दिन स उत्तिम होइ जब उ पइदा होइ।
उत्सव मँ जाइ स जाब, सदा उत्तिम हुआ करत ह।
    काहेकि सबहिं लोगन क मउत तउ निहचित अहइ। हर जिअत मनई क सोचइ चाही एका।
हँसी क ठहाके स सोक उत्तिम अहइ।
    काहेकि जब हमारे मुखे पइ उदासी क वास होत ह, तउ हमार हिरदय सुद्ध होत हीं।
विवेकी मनई तउ सोचत ह मउत क
    किन्तु मूरख जन तउ बस सोचत रहत हीं कि गुजरइ समय नीक।
विवेकी स निन्दित होब उत्तिम होत ह,
    बनिस्बत एकरे कि मूरख स तारीफ कीन्ह जाइ।
मूरख क ठहाका तउ बेकार होत ह।
    इ वइसे ही होत ह जइसे बर्तन क नीचे काँटे दरदराई।
अत्याचार विवेकी क भी मूरख बनाइ देत ह,
    अउर घूस मँ मिला धन ओकर मति क हर लेत ह।
बात क सुरू करइ स अच्छा ओकर अन्त करब अहइ।
    नम्रता अउर धीरज, गुस्सा दिखावइ अउर अहंकार स उत्तिम अहइ।
किरोध मँ हाली स जिन आवा।
    काहेकि किरोध मँ आउब मूर्खता अहइ।
10 जिन कहा, “अच्छे दिनन क का भएन, तब सबकछू ‘ठीक-ठाक रहेन।’
    इ सवाल बुद्धि स नाहीं आवत हीं।”

11 जइसे वसीयतनामा मँ सम्पत्ति क पाउब अच्छा अहइ वइसे ही बुद्धि क पाउब भी उत्तिम अहइ। जिन्नगी बरे इ लाभदायक अहइ। 12 धने क समान बुद्धि भी रच्छा करत ह। बुद्धि क गियान मनई क जिन्नगी क रच्छा करत ही।

13 परमेस्सर क रचना क लखा। जेका परमेस्सर टेढ़ा कइ देइहीं ओका तू सीधा कर सकत्या। 14 जब जिन्नगी उत्तिम अहइ तउ ओकर रस ल्या मुला जब जिन्नगी कठिन अहइ तउ याद राखा कि परमेस्सर हमका कठिन समय देत अहइ अउर अच्छा समय भी देत अहइ इसलिए भियान का होइ इ तउ कउनो नाहीं जानत।

गलातियन 4:12-20

12 हे भाइयो तथा बहिनियो, कृपा कइके तू सब मोरे जइसेन बनि जा। देखा, मोहुँ तउ तू पचन जइसेन बनि गवा हउँ, इ मोर तू पचन स बिनती बा, अइसेन नाहीं कि तू पचे मोरे बरे कउनउ गलती किहे अहा। 13 तू पचे तउ जनबई करत ह कि आपन सरीरी क व्याधियन क कारण मइँ पहिली दाई तू सबन इ सुसमाचार सुनाए रहेउँ। 14 अउर तू सब हऊँ तउ, मोरी बीमारी क कारण, जउन तोहार परीच्छा लीन्ही गइ रही, ओहसे मोका छोट नाहीं समझया अउर न तउ मोरे निसेध किह्या। बल्कि तू पचे परमेस्सर क सरगदूत क रूपे मँ मोर सुवागत किहे अहा। माना कि मइँ खुदई ईसू मसीह रहेउँ। 15 तउन तू सबन क उ खुसी क का भवा? मइँ तोहरे बरे खुदइ इ बाते क साच्छी हउँ कि अगर तू पचे समरथ होत ह्या तउ तू पचे आपन आँखी तक निकाली क मोका दइ देत्या। 16 तउन का सच बोलइ स ही मइँ तू पचन क दुस्मन होइ गएउँ?

17 तू पचन क व्यवस्था पर चलावइ बरे चाहइवालन तोहमाँ बड़ी गहिर रूचि लेत हीं। मुला ओनकर उद्देस्य अच्छा नाहीं बा। उ तू सबइ पचन क मोसे अलग करइ चाहत हीं। ताकि तू पचे ओहमाँ गहिर रुचि लइ सका। 18 कउनउ कीहीउँ मँ हमेसा गहिर रूचि लेत रहइ, इ तउ एक अच्छी बात अहइ। मुला इ कीहीउँ अच्छे क बरे होइ चाही। अउर बस उही समइ नाहीं, जब मइँ तोहरे साथे हउँ। 19 मोर प्रिय सन्तानों, मइँ तू सबन क बरे एक बार फिन प्रसव वेदना क झेलत हउँ। जब तलक तू पचे मसीह जइसे नाहीं होइ जात्या। 20 मइँ चाहत हउँ कि अबहीं तू पचन के लगे आइ पहुँचउँ अउर तू सबन क साथे अलग तरह स बात करउँ, काहेकि मइँ समझ नाहीं पावत हउँ कि तू पचन बरे का करा जाइ।

मत्ती 15:21-28

गैर यहूदी स्त्री क मदद

(मरकुस 7:24-30)

21 फिन ईसू उ ठउर क तजिके सूर अउ सैदा कइँती चला गवा। 22 हुवाँ क एक कनानी स्त्री आइ अउर चिचियाइ लाग, “हे पर्भू, दाऊद क पूत मोहे प दाया करा। मोरी बिटिया प दुस्ट आतिमा बुरी तरह स सवार अहइ।”

23 ईसू ओसे एक सब्द भी नाहीं कहेस, तउ ओकर चेलन ओकरे लगे आएन अउर बिनती करइ लागेन, “इ हमरे पाछे चिचिआत भई आवति अहइ। ऍका दूर हटावा।”

24 ईसू जवाब दिहेस, “मोका सिरिफ इस्राएल क लोगन क भटक गई भेड़न क बजाय कउनो अउर बरे नाहीं पठवा ग अहइ।”

25 तब उ स्त्री ईसू क समन्वा निहुरिके बिनती करेस, “हे पर्भू, मोर सहायता करा!”

26 जवाबे मँ ईसू कहेस, “इ ठीक नाहीं कि गदेलन क खइया लइके ओका कुकुरन क अगवा नाईं दीन्ह जाइ।”

27 उ बोली, “इ ठीक बाटइ पर्भू, मुला आपन मालिक क मेजे स गिरि गवा चूर चरावा मँ स थोड़ बहोत तउ घरे क कुकुर खाइ लेत ही।”

28 तब ईसू कहेस, “बिटिया, तोहार बिसवास बहोत मजबूत क अहइ। जउन तू चाहत ह, पूर होइ जाइ।” अउ फउरन ओकर बिटिया चंगी होइ गइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.