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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 145

दाऊद क एक ठु स्तुति गीत।

हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे राजा, मइँ तोहार गुण गावत हउँ।
    मइँ सदा-सदा तोहरे नाउँ क धन्य कहत हउँ।
मइँ हर दिन तोहका सराहत हउँ।
    मइँ तोहरे नाउँ क सदा-सदा बड़कई करत हउँ।
यहोवा महान अहइ।
    ओकर बहोत स्तुति होइ चाही।
    मइँ उ सबइ चिजियन क पता नाहीं लगाइ सकब जउन उ करत ह।
पीढ़ी दर पीढ़ क ओन बातन क गरिमा क बखानइ द्या जेनका तू सदा-सर्वदा करत ह।
    अउर ओनका तोहार सक्तिसाली करमन क घोसणा करइ द्या।
तोहरे महिमामय प्रताप सुन्नर अहइ।
    मइँ तोहरे अचरज भरे करमन क बखानब।
लोगन क ओन अचरज भरा सक्ती क बारे मँ कहइ द्या जेनका तू करत ह।
    मइँ ओन महान करमन क बखानब जेनका तू करत ह।
लोगन क उ बहोत सारी नीक बातन क बारे मँ कहइ द्या जउन तू किहा ह।
    उ पचे तोहार सच्चाई क बारे मँ कहिहीं।

यहोवा दयालु अहइ अउर करुणा स पूर्ण अहइ,
    उ धीरज अउ पिरेम स पूर्ण अहइ।
यहोवा सब क बरे भला अहइ।
    उ जउन सबइ कछू रचेस ह ओकरे प्रति करुणा प्रगट करत ह।
10 हे यहोवा, ओनका जेका तू रच्या ह तोहार बड़कई करइ द्या।
    तोहका तोहार भगत धन्य कहत हीं।
11 उ सबइ लोग तोहरे महिमा स भरा राज्ज क बखान करत रहत हीं।
    ओनका तोहरी सक्ति क बारे मँ कहइ द्या।
12 ताकि सबइ मानव जाति ओकरे सक्तिसाली करमन बारे मँ
    अउर ओकरे राज्ज क महिमामय प्रताप क बारे मँ जानइँ।
13 हे यहोवा, तोहार राज्ज सदा सदा बना रही।
    तू सर्वदा राज्ज करब्या।

14 यहोवा गिरे भए लोगन क उठावत ह।
    यहोवा ओन लोगन क उठावत ह जउन बोझन क ढोवत ह।
15 सबहिं प्राणी तोहरी कइँती खाना पावइ बरे लखत हीं।
    तू ओनका ठीक समइ पइ खइया क देत रहत ह।
16 तू आपन मूठी खोलत ह,
    अउर तू सबहिं प्राणियन क ओकरे जरूरत क चिजियन स संतुट्ठ करत अहा।
17 जउन कछू यहोवा करत ह उ नीक बाटइ।
    यहोवा जउन भी करत ओहमाँ निज बिस्ससनीय पिरेम प्रकट करत ह।
18 यहोवा हमेसा ओन लोगन क निचके रहत ह
    जउन इमानदारी क संग यहोवा स मदद क बिनती करत ह।
19 यहोवा क भगत जउन ओहसे चाहत हीं, उ ओन बातन क करत ह।
    यहोवा आपन भगतन क सुनत ह।
    उ ओनकर पराथनन क जवाब देत ह अउर ओनकर रच्छा करत ह।
20 यहोवा ओन सबइ क जउन ओह स पिरेम करत ह, क रच्छा करत ह।
    किन्तु उ हर टुट्ठ क नस्ट करत ह।
21 मइँ यहोवा क गुण गाउब।
    हर कउनो ओकर पवित्तर नाउँ क सदा अउ सर्वदा स्तुति करइ द्या।

भजन संहिता 104

हे मोर आतिमा, यहोवा क स्तुति करा।
    हे यहोवा, हे मोरे परमेस्सर, तू अति महान अहा।
तू महिमा अउ आदर क ओढ़ना पहिरे अहा।
    जइसे कउनो मनई चोगा पहिरत ही वइसा ही उ प्रकास क पहिरत हीं।
पर्दा क नाईं उ आकासे क फइलावत ह।
    उ ओनके ऊपर आपन निवास स्थान बनाएस।
उ गहिर बादर क प्रयोग आपन रथ बनावइ मँ करत ह।
    उ पवन क पखना पइ चढ़िके अकास पार करत ह।
उ निज सरगदूतन क पवन क नाईं बनावत ह।
    उ निज सेवक क पवन क नाई बनाएस।
इ उहइ अहइ जउन धरती क ओकरी नेंव पइ निर्माण किहस।
    इ कबहुँ न गिरी।
उ जल क चादर स धरती क ढकेस।
    जल पहाड़न क ढाँकि लिहस।
तू आदेस दिहा अउर जल दूरि हट गवा।
    तू जल पइ गरज्या, अउर जल दूर भागा।
पहाड़न स खाले घाटियन मँ ओन सबइ ठउरन पइ
    जेका तू ओकरे बरे तइयार किहे रहा या जल बहा।
तू समुद्दर क चउहद्दी बाँध दिहा
    अउर फुन जल कबहुँ धरती क ढाँकइ नाहीं जाई।

10 उ पानी क पठवत ह
    जउन कि झरनन स पहाड़ियन क बीच मँ घाटियन मँ बहत ह।
11 सबहिं जंगली पसुअन क सबइ धारा पानी देत हीं,
    जेनमाँ जंगली गदहा तलक आइके पिआस बुझावत हीं।
12 जंगल क परिन्दा तलाबन क किनारे रहइ बरे आवत हीं।
    अउ निचके ठाड़ भए बृच्छन क डालियन पइ गावत हीं
13 तू पहाड़न क ऊपर बर्खा पठया ह
    अउर ओन चिजियन ओनका दिहा जेका तू बनाया जउन ओनका चाही।
14 परमेस्सर, पसुअन क खाइ बरे घास उपजाया,
    हम स्रम करित ह अउर उ हमका पैाधा देत ह।
    इ सबइ पौधन उ भोजन अहइँ जेका हम धरती स पाइत ह।
15 परमेस्सर, हमका दाखरस देत ह, जउन हमका खुस करत ह।
    हमार चाम नरम रखइ क तू हमका तेल देत ह।
    हमका पुट्ठ करइ क उ हमका खइया क देत ह।

16 परमेस्सर लबानोन क जउन देवदारू क बिसाल बृच्छ लगाएस ह।
    ओन बिसाल बृच्छ खातिर ओनकर बढ़वार बरे बहोत पानी रहत ह।
17 पंछी ओन बृच्छन पइ आपन घोंसला बनावत हीं।
    देवदार क बृच्छन पइ सारस क बसेरा अहइ।
18 बनैले पहाड़ी बोकरन क घर ऊँच पहाड़ मँ बना अहइँ।
    बीछियन खुद क बड़की चट्टान क आड़ मँ छुपावत अहइँ।

19 तू मौसम क पता लगावइ बरे चाँद क रच्या ह।
    सूरज सदा जानत ह कि ओका कहाँ बूढ़ब अहइ।
20 तू अँधियारा बनाया जेहसे रात होइ
    ताकि जंगल क बनैला पसु एहर-ओहर घूमि सकिहीं।
21 उ पचे झपटत सेर जब दहाड़त हीं तब अइसा लगत ह जइसे उ पचे यहोवा क पुकारत होइँ,
    जेका माँगइ स उ ओनका अहार देत।
22 अउर पउ फाटइ पइ जीवजन्तु वापिस घरन क
    लउटत अउ आराम करत हीं।
23 फिन लोग आपन काम करइ क बाहेर निकरत हीं।
    साँझ तलक उ पचे काम मँ लगा रहत हीं।

24 हे यहोवा, तू अचरज भरा बहुतेरा काम किहा।
    धरती तोहरी वस्तुअन स भरी पड़ी अहइ।
    तू जउन कछू करत अहा, ओहमा आपन विवेक देखाँत ह।
25 इ समुद्दर क लखा, इ केतॅना बिसाल अहइ!
    हुआँ बहुतेरी जीव-जन्तु अहइ जेका गना नाहीं जाइ सकिहीं।
    ओहमाँ कछू बिसाल अहइँ अउर कछू नान्ह।
26 समुद्दर क ऊपर जलपोत तैरत हीं,
    अउर लिब्याथान[a] जेका तू बनाएस ह
    समुद्दर मँ खेल-खेलत ह।

27 यहोवा, इ सब कछू तोहरे आसरे पइ अहइ।
    हे परमेस्सर, ओन सबहीं जीवन क खाना तू ठीक समइ पइ देत अहा।
28 हे परमेस्सर, तू ही अहा जउन सबइ जीव-जन्तुअन क खाना जेका उ पचे खात हीं,
    उपलब्ध करावत अहा।
29 फुन जब तू ओनसे मुँह मोड़ लेत अहा तब उ पचे डेराइ जात हीं।
    ओनकर साँस रुकि जात हीं।
उ पचे दुर्बल होइ जात हीं अउर मर जात हीं।
    अउर ओनकर देह फुन धूरि मँ बदलि जात हीं।
30 जब तू आपन आतिमा भेज्या ह, उ ओहसे जीवित होइ जात ह अउर
    धरती पइ जिन्नगी क संग फुन नवा कइ दीन्ह जात ह।

31 यहोवा क महिमा सदा-सदा बनी रहइ।
    यहोवा आपन रचना स सदा आनन्द मँ रहइ।
32 यहोवा क दृस्टि स इ धरती काँप उठी।
    पहाड़न स धुआँ उठइ लग जाइ।

33 मइँ जिन्नगी भइ यहोवा बरे गाउब।
    मइँ जब तलक जिअत हउँ यहोवा क गुण गावत रहब।
34 मोर सोच-बिचार ओका खुस करी।
    मइँ यहोवा क संग खुस अहउँ।
35 धरती स पाप क लोप होइ जाइ।
    दुट्ठ लोग सदा बरे मिटि जाइँ।

हे मोर आतिमा,
    यहोवा क स्तुति करा।

निर्गमन 13:17-14:4

मिस्र स बाहेर जात्रा

17 फिरौन लोगन क मिस्र तजि देइ क मजबूर किहेस। यहोवा लोगन क उ सड़क प नाहीं जाइ दिहस जउन फिलीस्तीन कइँती जात रही। उ सड़क समुद्र स होइ क सबते छोटी राह रही मुला यहोवा कहेस, “जदि लोगन उ राहे स जात हीं, उ पचन्क जुद्ध करइ क होइ। तउ उ पचे आपन इरादा बदलि सकत हीं अउ मिस्र क लौटि सकत हीं।” 18 ऍह बरे यहोवा ओनका दूसर राहे स लइ गवा। उ ओन पचेन्क लाल समुद्र क रेगिस्ताने स लइ गवा। इस्राएल क मनइयन जुद्ध क कपड़ा पहिरे रहेन जब उ पचे मिस्र क तजि दिहन।

यूसुफ घर जात ह

19 मूसा यूसुफ क हाड़े क आपन संग लइ गवा। मरइ क पहिले यूसुफ इस्राएल क अउलादे स वाचा किहेस कि उ पचे इ करिहीं। मरइ स पहिले यूसुफ कहेस, “परमेस्सर तू पचन्क बचावइ, तू आपन संग मोर हाड़े क मिस्र स बाहेर लइ जाइ क याद राखा।”

यहोवा आपन लोगन क अगुवाई करत ह

20 इस्राएल क मनइयन सुक्कोत नगर तजेन अउ एताम मँ डेरा डाएन। एताम रेगिस्ताने क छोरे प रहा। 21 यहोवा रस्ता देखाँएन। दिन मँ यहोवा एक लम्बा बदरे क प्रयोग मनइयन क लइ जाइ बरे किहस अउ राति मँ यहोवा ओनका रस्ता देखावइ बरे एक लम्बा आगी क खम्भा क बइपरेस। इ आगी ओनका उजिआरा देत रही। इ कारण उ पचे राति मँ जात्रा कइ सकत रहेन। 22 एक ऊँच खम्भा क रूप मँ बादर हमेसा ओनके संग दिन मँ रहा अउ राति क आगी क खम्भा सदा ओनके संग रहा।

14 यहोवा मूसा स कहेस, “लोगन स कहा कि पीहाहीरोत क पाछे होइ के जात्रा करइँ। मिगदोल अउ लाल समुद्दर क बीच राति मँ ओनसे ठहरइ बरे कहा। इ बाल सपोन क निगचे बा। फिरौन सोची कि इस्राएल क मनइयन रेगिस्तान मँ भटक गएन अहँइ अउर उ नाहीं जानत कि कउन दिसा जाइ। मइँ फिरौन क हिम्मती बनउब जेसे उ तू पचन्क पाछा करइ। मुला मइँ फिरौन अउ ओकर फउज क हराइ देब। एहसे हमार महिमा बाढ़ी। तब मिस्र क मनइयन जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।” इस्राएल क मनइयन यहोवा क हुकुम मानेन यानी उ पचे उहइ किहेन जउन उ कहे रहा।

2 कुरिन्थियन 4:16-5:10

बिसवास स जीवन

16 इही बरे हम निरास नाहीं होइत! जद्यपि हमार भौतिक सरीर कमजोर होत जात बा, तबऊ हमार अन्तरात्मा रोज्जइ नवा से नवा होत जात बा। 17 हमार पल भरे क इ छोट मोट दुख एक न तुलना कीन्ह जाइवाली अनन्त महिमा पैदा करत बा। 18 जउन कछू देखा जाइ सकत ह, हमार आँखी ओह पर नाहीं टिकी बा। काहेकि जउन देखा जाइ सकत ह उ बिनासी बा, जब कि जउन नाहीं देखा जाइ सकत ह उ स्थाई बा।

काहेकि हम जानित ह कि हमार इ काया मतलब इ तम्बू जेहमें हम इ धरती पर रहित ह गिराइ दीन्ह जाई तउ हमका परमेस्सर क तरफ स सरग मँ एक भवन मिलि जात ह, जउन मनइयन क हाथे बना नाहीं बा अउर यह भवन चिरस्थाई अहइ। तउ हम जब तलक इह आवास मँ अही, हम रोवत-धोवत रहित ह अउर इहइ चाहित रहित ह कि अपने स्वगीय भवन मँ जाइ बसी। निस्चित हमार इ धारण अहइ कि हम ओका पउबइ अउर फिन बिना घरे क न रहबइ। हमरे मँ स उ जउन इहइ तम्बू यानि भौतिक सरीरी मँ स्थित बा, बोझ से दबा कराहत बाटेन। कारण इ अहइ कि हम कबहुँ नंगा न पावा चाहित काहेकि उम्मीद अहइ हम जब संसारिक सरीर छोड़ देब ताकि जउन कछू नासवान बा ओका अनन्त जीवन निगल लेइ। जे हमका इ प्रयोजन क बरे तइयार किहे अहइ, उ परमेस्सर ही अहइ। उहइ इ आस्वासन क रूपें मँ कि अपने बचन की नाहीं उ हमका देइ। बयाना क तरह हमका आतिमा दिहे बा।

हमका पूरा बिसवास बाटइ, काहेकि हम जानित ह कि जब तक हम अपने देही मँ रहत अही, पर्भू से दूर अही। काहेकि हम बिसवास क सहारे जिअत अही बस आँखी देखी क सहारे नाहीं। हमका बिसवास बा इही बरे मइँ कहत हउँ कि हम अपने देही क तियागके, जाइके पर्भू क साथे रहइ बरे अच्छा समझित ह। इही बरे हमार ई अभिलास बा कि हम चाहे हियाँ अपने सरीर मँ रही अउर चाहे हुआँ पर्भू क साथ, ओका अच्छा लागत रहइ। 10 हम सब आपन तन मँ स्थित रहिके भला या बुरा, जउन कछू किहे अही, ओकर फल पावई बरे मसीह क निआव आसन क समन्वा उपस्थित जरूर होइ क बा।

मरकुस 12:18-27

सदूकियन क चाल

(मत्ती 22:23-33; लूका 20:27-40)

18 फिन कछू सदूकियन पुनरुत्थान क नाहीं मनतेन, ओकरे नगिचे आएन अउर उ पचे ओसे पूछेन, 19 “गुरु, मूसा हमरे बरे लिखेस कि जदि कउनो क भाई मरि जाए अउर ओकरे पत्नी क कउनो लरिका न होइ तउ ओकरे भाई क चाही कि उ ओसे बियाह करइ अउर फिन आपन भाई क बंस क चलावई। 20 एक दाई क बात अहइ कि सात ठु भाई रहेन। सबते बड़का भाई बियाह करेस अउर निपूत होइके मरि गवा। 21 फिन दूसर भाई उ स्त्री स बियाह करेस, पर उहउ निपूत होइके मरि गवा। तिसरका भाई भी वइसे करेस। 22 सातहु भाइयन मँ कउनो क कउनो संतान नाहीं भइ। आखिर उ स्त्री भी मरि गइ। 23 मउत क बाद जबहिं उ पचे जी उठिहीं, तउ बतावा उ स्त्री केकर पत्नी भई? काहेकि उ सातहु ओका आपन पत्नी क तरह राखे रहेन।”

24 ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे न तउ पवित्तर सास्तरन क जानत ह अउर न परमेस्सर क ताकत क। का इ कारण नाहीं जेसे तू पचे भटक गवा बाट्या? 25 काहेकि उ सबइ जबहिं मरे भए स जी उठिहीं, तउ ओनकइ बियाह न होई मुला सबइ सरग मँ दूतन क तरह रइहीं। 26 मरे भए स जी उठइ क बातन मँ का तू पचे नाहीं बाँच्या जउन मूसा क कितबिया मँ झाड़ी क बाबत(A) लिखा बाटइ? हुवाँ परमेस्सर मूसा स कहेस, ‘मइँ इब्राहीम क परमेस्सर, इसहाक क परमेस्सर अउर याकूब क परमेस्सर हउँ।’(B) 27 उ मरे भए क परमेस्सर नाहीं मुला जउन जिअत अहइँ ओनकइ परमेस्सर अहइ। तू पचे बहोतइ भारी भूलि मँ पड़ि गवा ह।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.