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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 56-58

संगीत निर्देसक बरे सुदूर बाँझ बृच्छन क कबूतर नाउँ क धुन पइ दाऊद क उ समइ क प्रगीत जब गात सहर मँ ओका पलिस्तियन घेर लिहे रहेन।

हे परमेस्सर, मोह पइ दयालु रहा, काहेकि लोग मोह पइ वार किहेन ह।
    उ पचे मोरे खिलाफ समूचइ दिन लड़त रहत रहेन।
मोर दुस्मन सारा दिन मोह पइ वार करत रहेन।
    हुआँ पइ डटा भए अनगिनत जोद्धा अहइँ।
समूचइ दिन, जब कबहुँ मइँ डेरात हउँ,
    तउ मइँ तोह पइ भरोसा करबउँ।
मइँ परमेस्सर क भरोसे अहउँ, तउ मइँ डेरान नाहीं अहउँ।
    लोग मोका नस्कान नाहीं पहोंचाइ सकतेन।
    मइँ परमेस्सर क बचनन बरे ओकर बड़कई करत हउँ जउन मोका दिहेस।
मोर दुस्मन सदा मोरे सब्दन क तोड़त मरोड़त रहत हीं।
    मोरे खिलाफ उ पचे सदा कुचक्र रचत रहत हीं।
उ पचे आपुस मँ मिलिके अउर लुक छिपिके मोर हर बाते क टोह लेत रहत हीं।
    मोर प्राण हर लेइ क कउनो राह सोचत हीं।
हे परमेस्सर, ओनका बचिके निकरइ जिन द्या।
    ओनके बुरे करमन क सजा ओनका द्या।
तू इ जानत अहा कि मइँ बहोत बियाकुल अहउँ।
    तू इ जानत अहा कि मइँ तोहका केतना पुकारेउँ ह?
    तू निहचय ही मोरे सबइ आँसुअन क लेखा-जोखा रखे भए अहा।

तउ अब मइँ तोहका मदद पावइ क पुकारब।
    मोरे दुस्मनन क तू हराइ द्या।
मइँ इ जानत हउँ कि तू इ कइ सकत अहा।
    काहेकि तू परमेस्सर अहा।
10 मइँ परमेस्सर क गुण ओकरे वचन बरे गावत हउँ।
    मइँ परमेस्सर क गुणन क ओकरे उ बचन बरे गावत हउँ जउन उ मोका दिहेस ह।
11 मोका परमेस्सर पइ भरोसा अहइ एह बरे मइँ नाहीं डेरात हउँ।
    लोग मोर बुरा नाही कइ सकतेन।

12 हे परमेस्सर, मइँ जउन तोहार मन्नतन मानेउँ ह, मइँ ओनका पूरा करब।
    मइँ तोहका धन्यवादे क भेंट चढ़ाउब।
13 काहेकि तू मोका मउत स बचाया ह।
    तू मोका हार स बचाया ह
एह बरे मोका परमेस्सर क सेवा
    हिआँ रहइवाला लोगन क समन्वा करइ चाही।

संगीत निर्देसक बरे “नास जिन करा” नाउँ क धुन पइ उ समइ क दाऊद क एक कलात्मक जब उ साऊल स पराइके गुफा मँ जाइके लुकान रहा।

हे परमेस्सर, मोह पइ करुणा करा।
    मोह पइ दयालु ह्वा काहेकि मोरे मनवा क आस्था तोहमाँ बाटइ।
मइँ तोहरे लगे तोहार ओट पावइ क आवा हउँ।
    जब तलक संकट दूर न होइ।
मइँ सर्वोच्च परमेस्सर क मदद बरे बुलाएउँ।
    उ मोर पूरी तरह धियान रखत ह।
उ सरग स मोरे बरे मदद पठवत ह अउ मोका बचाइ लेत ह।
    जउन लोग मोका सतावा करत हीं।
परमेस्सर आपन सच्चा पिरेम
    अउर विस्सासी मोह पइ देखाँवत ह।

मोर दुस्मनन मोका चारिहुँ कइँती स घेरि लिहन ह।
    मोर प्राण संकट मँ अहइँ।
उ पचे अइसेन अहइँ, जइसे नर भच्छी सिंह
    अउर ओनकर तेज दाँत भालन अउ तीर स
    अउर ओनकर जीभ तेज तरवार क जइसी अहइ।

हे परमेस्सर, तू महान अहा।
    तोहार महिमा धरती पइ छाई बाटइ, जउन अकासे स ऊँच अहइ।
मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल फइलाएन ह।
    मोका फँसावइ क उ पचे जतन करत अहइँ।
उ पचे मोरे बरे गहिर गड़हा खोदे अहइँ,
    कि मइँ ओहमाँ गिरि जाउँ।

मुला परमेस्सर मोर रच्छा करी।
    मोर भरोसा अहइ, कि उ मोरे हिम्मत क बनाए रक्खी।
    मइँ ओकर जस गाथा क गावा करब।
मोर मन खड़ा ह्वा!
    ओ सितारो अउ वीणाओ, बजब सुरू करा!
    आवा, हम मिलिके भिन्सारे क जगाइ।
हे मोरे सुआमी, हर कउनो बरे, मइँ तोहार जस गावत हउँ।
    मइँ तोहार जस गाथा हर रास्ट्र क सुनावत हउँ।
10 हे परमेस्सर तोहार बिस्ससनीय पिरेम सरगे स ऊँचा अहइ।
    तोहार बिस्ससी ओतॅना ऊँचा अहइ जेतॅना आकास।
11 हे परमेस्सर तू सरगे स ऊँच अहइ,
    तोहार महिमा समूचइ धरती पइ छाइ जाइ।

“नास जिन करा” धुन पइ संगीत निदेर्सक बरे दाऊद क एक ठु कलात्मक।

निआवधीसो, तू पचे पच्छपात रहित नाहीं रह्या।
    तू लोगन क निआउ निज निर्णयन मँ निस्पच्छ नाहीं करत अहा।
नाहीं, तू पचे तउ सिरिफ बुरी बातन ही सोचत अहा।
    इ देस मँ तू पचे हिंसा स भरा अपराध करत अहा।
उ सबइ दुट्ठ लोग जइसे ही पइदा होत हीं, बुरे कामन क करइ लग जात हीं।
    उ पचे पइदा होत ही झूठ बोलइ लग जात हीं।
उ पचे उ भयानक साँप अउ नाग जइसे होत हीं, जउन सुन नाहीं सकत।
    उ सबइ दुट्ठ जन भी आपन कान सच्चाई स मूँद लेत हीं।
बुरे लोग वइसे ही होत हीं जइसे सँपेरन क गीतन क
    या ओनकर संगीतन क करिया नाग सुन नाहीं सकत।

हे यहोवा! उ सबइ लोग अइसेन होत हीं जइसे सिंह।
    एह बरे हे यहोवा, ओनकर दाँत तोड़ा।
जइसे बहत जल लुप्त होइ जात ह, वइसेन ही उ सबइ लोग लुप्त होइ जइहीं।
    अउर जइसे राह क उगी भइ दूब कुचर दीन्ह जात ह, वइसेन उ सबइ भी कुचरि दीन्ह जइहीं।
उ सबइ घोंघा क नाई होइँ जउन चलइ मँ गल जात हीं।
    उ सबइ उ गदेला क नाई होइँ जउन मरा ही पइदा भवा, जउन दिन क प्रकास कबहुँ नाहीं लखेस।
उ सबइ उ बाड़े क काँटन क तरह हाली ही बरबाद होइँ,
    जउन आगी पइ चढ़ी भइ हाँड़ी गरमावइ बरे हाली जरि जात हीं।

10 जब सज्जन ओन लोगन क सजा पावत लखत ह
    जउन ओकरे संग बुरा किहेन ह,
उ खुस होत ह।
    उ आपन गोड़ ओन दुट्ठन क खून मँ धोइ।
11 जब अइसा होत ह, तउ लोग कहइ लागत हीं, “सज्जनन क ओनकर फल निहचय मिलत ह।
    फुरइ परमेस्सर जगत क निआउ कर्ता अहइ।”

भजन संहिता 64-65

संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।

हे परमेस्सर, मोर सुना जइसा मइँ बोलउँ।
    आपन दुस्मनन क डर स मोर रच्छा करा।
तू मोका मोरे दुस्मनन क गहिर सड्यंत्रन स बचाइ ल्या।
    मोका तू ओन दुट्ठ लोगन स छिपाइ ल्या।
मोरे बारे मँ उ पचे बहोत बुरा झूठ बोलेन ह।
    ओनकर जिभिया तेज तरवार जइसी अउर ओनकर कटु सब्द बाणन जइसे अहइँ।
उ पचे निर्दोख व्यक्ति पइ बाणन चलावइ बरे लुकाइ जात हीं।
    बिना डर स उ पचे अचानक बाण चलावत ह अउर निर्दोख व्यक्ति कबहुँ नाहीं लख सकत ह कि तीर ओकरे कइंती आवत हीं।
उ पचे ओका हरावइ क बुरा काम करत हीं।
    उ पचे झूठ बोलतेन अउ आपन जाल फइलावत हीं।
    अउर उ पचे इ अच्छी तरह तय किहे अहइँ कि ओनका कउनो नाहीं धरी पकड़ी।
लोग बहोत कुटिल होइ सकत हीं।
    उ सबइ लोग का सोचत अहइँ?
ऍका समुझ पाउब बड़ा कठिन अहइ।
मुला परमेस्सर आपन “बाण” मार सकत ह!
    अउर एकरे पहिले कि ओनका पता चलइ, उ सबइ दुट्ठ लोग घायल होइ जात हीं।
दुट्ठ जन दूसरन क संग बुरा करइ क जोजना बनावत हीं।
    मुला परमेस्सर ओनकर कुचक्रन क चउपट कइ सकत ह।
उ ओन बुरी बातन क खुद ओनके ऊपर खुद घटाइ देत ह।
    फुन हर कउनो जउन ओनका लखत अचरजे स भरिके आपन मूँड़ी हिलावत ह।
जउन परमेस्सर किहेस ह, लोग ओन बातन क लखिहीं
    अउर उ पचे ओन बातन क वर्णन दूसर लोगन स करिहीं,
फुन तउ हर कउनो परमेस्सर क बारे मँ अउर जियादा जानी।
    उ पचे ओकर आदर करब अउ डेराब सिखिहीं।
10 तउ सबइ बिस्सासी लोगन क लगे
    एक साथ परमेस्सर क स्तुति करइ क कारण होइ।

निर्देसक बरे दाऊद क एक ठू भजन।

हे परमेस्सर सिय्योन पर्वत पइ, हम पचे तोहका इ सान्ति पराथना भेंट किहउँ ह
    अउर आपन प्रतिग्या क पूरा किहेउँ ह।
मइँ तोहरे ओन कामन क बखान करत हउँ, जउन तू किहा ह।
    उ तू ही बाटइ जउन पराथनन क उत्तर दिह्या।
    एह बरे हर कउनो मनई तोहार लगे मँ आवत हीं।
जब हमार पाप हम पइ भारी पड़त हीं, हमसे सहा नाहीं जाइ पावत,
    तउ तू हमार ओन पापन्क हरिके लइ जात ह।
हे परमेस्सर, जेका तू चुन्या ह
    अउर आपन आँगनन मँ बसइ बरे लिआवा ह उ पचे बहोत असीसित होइहीं।
उ पचे तोहार घर,
    तोहार पवित्तर मन्दिर क बहोत बढ़ियाँ चिजियन स भरि देइहीं।
परमेस्सर मोर उद्धारकर्त्ता,
    तू जउने तरह स लोगन क सम्मान दिहा ह इ बहोत नीक बाटइ।
तू अचरज भरा काम करा,
    एह बरे दूर रास्ट्रन क लोगन अउर दूर क समुद्दरन तोहार लगे सुरच्छा बरे आइहीं।
परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग किहस अउ पर्वत रच डाएस।
    ओकर सक्ति हम आपन चारिहुँ कइँती लखत अही।
परमेस्सर उफनत भवा सागर सांत किहस।
    परमेस्सर जगत क सबहिं अनगिनत लोगन क बनाएस।
जउन अद्भुत बातन क परमेस्सर करत अहइ, ओनसे धरती क हर मनई डेरात अहइ।
    परमेस्सर तू ही हर कहूँ सूरज क उगावत अउ डुबावत ह।
    हर जगह लोग तोहार गुणगान करत हीं।
भुइँया क सारी रखवारी तू करत ह।
    तू ही ऍका सींचत अउ तू ही ऍहसे बहोत सारी वस्तुअन क उपजावत अहा।
हे परमेस्सर, नदियन क पानी स तू ही भरत अहा।
    तू ही फसलन क बढ़त करत अहा।
10 तू जोता भए खेतन पइ बर्खा करत अहा।
    तू खेतन क जल स लबालब कइ देत ह,
अउर धरती क बर्खा स नरम बनावत ह,
    अउर तू फिन पौधन क बढ़त करत ह।
11 तू नवा बरिस क सुरूआत उत्तिम फसलन स करत ह।
    तू भरपूर फसलन स गाड़ियन भर देत अहा।
12 बन अउ पर्वत दूब घासे स ढँकि जात हीं।
13 भेड़िन स चरागाहन भर गइन।
    फसलन स घाटियन भरपूर होत अहइँ।
    हर कउनो गावत अउ आनन्द मँ ऊँचा पुकारत अहइ।

उत्पत्ति 19:1-29

लूत क अतिथि

19 1-2 ओनमाँ स दुइ सरगदूत संझा क सदोम सहर मँ आएन। लूत सहर क दुआर प बइठा रहा अउ उ सरगदूतन क लखेस। लूत विचारेस कि उ पचे सहर क बीचउ बीच स जात्रा करत अहइँ। लूत उठा अउ सरगदूतन क लगे गवा अउ भुइँया तलक निहुरा। लूत कहेस, “महोदय, कृपा कइके मोरे घर चलइँ अउर मइँ आप लोगन क सेवा करब। हुआँ आप लोग आपन गोड़ धोइ सकत ही अउर रात मँ रुकि सकत ही। तब भियान आप लोग आपन जात्रा सुरु कइ सकत ही।”

सरगदूतन जवाब दिहन, “नाहीं, हम पचे सहर क चौराहे मँ रुकब।”

मुला लूत आपन घर चलइ बरे बार बार कहत रहा। इ तरह सरगदूत लूत क घर जाइ बरे तइयार होइ गएन। जब उ पचे घरे पहोंचेन तउ लूत ओनका कछू पिअइ बरे लइ आवा। लूत ओनके बरे रोटी बनाएस। लूत क बनावा भवा भोजन सरगदूत खाएन।

उ संझा क सोवइ क टेम स पहिले ही उ सबइ मँ स सदोम क जवान अउर बूढ़े दुइनउँ मनइयन लूत क घरे आएन। सदोम क मनइयन लूत क घर घेरि लिहन अउ पूछेन। उ पचे कहेन, “आज राति क जउन लोग तोहरे लगे आएन, उ सब दुइनउँ मनई कहा बाटेन? उ मनइयन क बाहेर हमका दइ द्या। हम ओनके संग संभोग करइ चाहत ह।”

लूत बाहेर निकरा अउ आपन पाछे स दरवाजा बंद कइ दिहस। लूत मनइयन स कहेस, “नाही मोर भाई लोगो, मइँ बिनती करत हउँ कि आप इ बुरा कर्म न करइँ। लखा, मोरे दुइ बिटिया अहइँ, उ सबइ ऍकरे पहिले कउनो मनई क संग नाही सोई अहइँ। मइँ आपन बिटियन क तू मनइयन क दइ देत अहउँ। तू लोग ओनके संग जउन चाहा कइ सकत ह। मुला इ मनइयन क संग कछू न करा। इ सब लोग हमरे घरे आवा अहइँ अउर मइँ ऍनकइ रच्छा जरुर करब।”

घरे क चारिहु कइँती क मनइयन जवाब दिहन, “राहे स हटि जा।” तब मनइयन आपन मने मँ बिचार किहन, “इ मनई लूत हमरे सहर मँ मेहमान क रुप मँ आवा अहइ। अब इ सिखावइ चाहत ह कि हम पचे कैसे जिन्नगी गुजारइ चाही।” तब उ पचे लूत स कहेन, “हम पचे ओनसे भी जियादा बुरा तोरे संग करब।” ऍह बरे उ मनइयन लूत क घेरि क ओकरे निअरे आउब सुरु किहन। उ सबइ दरवाजा क तोड़िके खोलइ चाहत रहेन।

10 मुला लूत क संग क ठहरे भए मनइयन दरवाजा खोलेन अउ लूत क घरे क भीतर हीच लिहेन। तब उ पचे दरवाजा बंद कइ दिहन। 11 दुइनउँ मनइयन दरवाजे क बाहरे क मनइयन क आँधर कइ दिहन। इ तरह घरे मँ घुसरइ क जतन करइ वालन जवान अउ बुढ़वा सबइ आँधर होइ गएन अउर दरवाजा न पाइ सकेन।

सदोम स बच निकरब

12 दुइनउँ मनइयन लूत स कहेन, “का इ सहर मँ अइसा कउनो मनई अहइ जउन तोहरे परिवारे क बाटइ? का तोहार दामाद, तोहार बिटिया या दूसर कउनो तोहरे परिवारे क मनई अहइ? जदि कउनो दूसर इ सहर मँ तोहरे परिवार क बाटइ तउ तू अबहि सहर तजि देइ बरे कहि द्या। 13 हम पचे इ सहर क बर्बाद करब। यहोवा ओन सबहि बुराइयन क सुनि लिहे अहइ जउन इ सहर मँ अहइ। ऍह बरे यहोवा हम मनइयन क ऍका नास करइ बरे पठए अहइ।”

14 ऍह बरे लूत बाहेर गवा अउ आपन दूसर बिटियन स बियाह करइ वालन दामादन स बात किहेस। लूत कहेस, “हाली करा अउ इ सहर क तजि द्या। यहोवा ऍका फउरन बर्बाद कइ देइ।” मुला उ मनइयन समझेन कि लूत मजाक करत बाटइ।

15 दूसर दिन भिन्सारे भोर क टेम ही सरगदूत लूत स हाली करइ क कोसिस किहस। उ पचे कहेन, “लखा इ सहर क सजा मिली। ऍह बरे तू आपन मेहरारु अउ तोहरे संग जउन दुइ बिटियन जउन अबहि तलक अहइँ, ओनका लइके इ जगह तजि द्या। तबहि तू सहर क संग बर्बाद न होब्या।”

16 मुला लूत देर करइ लगा अउ सहर तजि देइ क उ हाली नाही किहेस। ऍह बरे सरगदूतन लूत, ओकर मेहरारु अउ ओकर दुइनउँ बिटियन क हाथ धइ लिहन, काहेकि ओन पइ यहोवा क द्या रहा। उ दुइनउँ लूत अउ ओकरे परिवार क सहर क बाहेर पहोंचाएन। लूत अउ ओकरे परिवार प यहोवा क कृपा रही। 17 ऍह बरे दुइनउँ लूत अउ ओकरे परिवार क सहर क बाहेर पहोंचाएइ दिहन। जब उ पचे बाहेर होइ गएन तउ ओनमाँ स एक कहेस, “आपन जिन्नगी बचावइ बरे पराइ जा। सहर कइँती घूमिके जिन लखा। इ घाटी मँ कउनो जगह जिन रूका। तब तलक परात रहा जब तलक पहाड़े मँ न जाइके पहोंचा। अगर तू अइसा नाही करत्या, तउ तू सहर क संग नस्ट होइ जाब्या।”

18 तब लूत दुइनउँ स कहेस, “श्रीमान लोगो, कृपा कइके ऍतना दूर दौड़इ बरे बेबस जिन करा। 19 आप लोग मो सेवक प ऍतनी कृपा किहा ह। आप लोग मोका बचावइ क कृपा किहा ह। मुला मइँ पहाड़ी ताईं नाही दौड़ि सकत हउँ। अगर मइँ जरुरत स जियादा धीमे धीमे दौड़उँ तउ कछू बुरा होइ अउ मइँ मारा जाब। 20 मुला लखइँ हिआँ निअरे एक बहोत छोटा सहर बाटइ। हम पचन क उ सहर तलक दौड़इ द्या। तब हमार जिन्नगी बचि जाइ।”

21 सरगदूत लूत स कहेस, “ठीक बाटइ, मइँ तोहका अइसा ही करइ देब। मइँ उ सहर क नास नाहीं करब जेहमाँ तू जात अहा। 22 मुला हुआँ तलक तेज दउड़ा। मइँ तब तलक सदोम क बर्बाद नाही करब जब तलक तू उ सहर मँ सुरच्छित नाही पहोंच जात्या।” (इ सहर क नाउँ सोअर अहइ काहेकी इ छोट अहइ।)

सदोम अउ अमोरा बर्बाद कीन्ह गएन

23 जब लूत सोअर मँ घुसत रहा, भिन्सारे क सूरज चमकइ लाग 24 अउर यहोवा सदोम अउ अमोरा क बर्बाद करब सुरु कइ दिहस। यहोवा आगी अउ बरत भवा गन्धक क अकासे स खाले बरसाएस। 25 इ तरह यहोवा उ सहरन क अउर समूची घाटी क बर्बाद कइ दिहस अउ सबहि जिअत मनइयन अउ सबहि पेड़-पौधन क बर्बाद कइ दिहस।

26 जब उ पचे परात रहेन, तउ लूत क मेहरारु घूमिके सहर क निहारेस। जब उ घूमिके लखेस तब उ एक नोन क भीटा होइ गइ।

27 उहइ दिना बहोत तड़के इब्राहीम उठा अउ उ ठउरे प गवा जहा उ यहोवा क समन्वा ठाड़ होत रहा। 28 इब्राहीम सदोम अउ अमोर सहरन कइँती निगाह दौड़ाएस। इब्राहीम उ घाटी क समूची भुइँया कइँती लखेस। इब्राहीम उ पहटा स उठत भए घना धुआँ क लखेस। बड़ी खौफनाक आगी स उठत धुआँ क तरह उ देखाइ पड़ा।

29 परमेस्सर घाटी क सहरन क नास कइ दिहस। परमेस्सर इब्राहीम क याद किहस अउर लूत क नास नाहीं किहेस। जब उ ओन सहरन क नास किहेस जेहमा लूत रहत रहेन।

इब्रनियन 11:1-12

बिसवास क महिमा

11 बिसवास क मतलब बा, जेकर हम आसा करित ह, ओकरे बरे सुनिस्चित होब। अउर बिसवास क मतलब बा कि हम चाहे कउनो चीज क देखत न अही मुला ओकरे अस्तित्व क बारे मँ सुनिस्चित होब कि उ बा। इही कारण पुरानन क परमेस्सर क आदर मिला भआ रहा।

बिसवास क आधार पर ही हम इ जानित ह कि परमेस्सर क आदेस स जगत क रचना भइ रही। इही बरे जउन दृस्य बा, उ दृस्य स नाहीं बना बा।

हाबिल तउ बिसवास क कारण ही परमेस्सर क कैन स अच्छी बलि चढ़ाए रहा। बिसवास क कारण ही ओका एक धर्मी मनई क रूप मँ तब सम्मान मिला रहा जब परमेस्सर त ओकरी भेंटन क प्रसंसा किहे रहा। अउर बिसवास क कारण उ आजऊ बोल थीं जद्यपि उ मरी चुका अहइ।

बिसवास क कारण ही हनोक क एह जीवन स उप्पर उठाइ लिहा गवा रहा ताकि ओका मउत क अनुभव न होइ। परमेस्सर तउ काहेकि ओका दूर हटाइ दिहे रहा इही बरे उ पावा नाहीं गवा। काहेकि ओका उठावा जाइ स पहिले परमेस्सर क प्रसन्न करइवाले क रूप मँ ओका सम्मान मिल चुका रहा। बिसवास के बिना परमेस्सर क खुस करब असम्मभव रहा। काहेकि हरएक उ जउन ओकरे लगे आवत ह, ओकरे बरे इ जरूरी बा कि उ एह बात क बिसवास करइ कि परमेस्सर क अस्तित्व बा अउर उ जउन ओका सच्चाई क साथ खोजत ह, उ ओन्हे ओकर प्रतिफल देत ह।

बिसवास क कारण ही नूह क जब ओन्हन बातन क चेतावनी दीन्ह गइ जउन उ देखे तक नाहीं रहा तउ उ पवित्तर भय स भरा आपन परिवार क बचावइ क बरे एक नाव क निर्माण किहे रहा। अपने बिसवासे स ही उ एह संसार क दोसपूर्ण मानेस अउर ओह धार्मिकता क उतराधिकारी बना जउन बिसवास स आवत ह।

बिसवास क कारण ही, जब इब्राहीम क अइसेन स्थान प जाइके बरे बोलावा गवा रहा, जेका बाद मँ उतराधिकार क रुप मँ ओका पावइ क रहा, जदि उ इ जानत तक नाहीं रहा कि उ कहाँ जात बा, फिन भी उ आज्ञा मानेस अउर उ चला गवा। बिसवास क कारण ही जउने धरती क देइ क ओका बचन दीन्ह गवा रहा, ओह प उ एका अनाजान परदेसी क समान आपन घरे बनाइके निवास किहेस। उ तम्बुवन मँ वइसेन रहा जइसेन इसहाक अउर याकूब रहत रहेन जउन ओकरे संग परमेस्सर क ओह प्रतिज्ञा क उतराधिकारी रहेन। 10 उ मजबूत आधारवाली उ नगरी क बाट जोहत रहा जेकर सिल्पी अउर निर्माण कर्ता परमेस्सर अहइ।

11 बिसवास क कारण ही, इब्राहीम जउन बूढ़ा होइ चुका रहा अउर सारा जउन खुद बाँझ रही, जे बचन दिहे रहा, ओका बिसवासनीय समझिके गर्भवती भइ अउर इब्राहीम क बाप बनाइ दिहेस। 12 अउर एह तरह इ एक्कइ मनई स जउन मरियल स रहा, अकास क तारन जेतनी असंख्य अउर सागर-तट क रेत-कणन जेतनी अनगिनत संतान भइन।

यूहन्ना 6:27-40

27 उ खाना क बरे मेहनत न करइ चाही जउन खराब होइ जाइ मुला ओकरे बरे जतन करइ चाही जउन हमेसा उत्तिम बना रहत ह अउर अनन्त जीवन देत ह, जउन तोहका सबक मनई क पूत देई। काहेकि परमपिता ओका मानके आपन मोहर ओह पइ लगाइ दिहे अहइ।”

28 मनइयन ईसू स पूछेन, “परमेस्सर क कारज क बरे हम सब का करी?”

29 ईसू ओनका इ जवाब दिहेस, “जउन परमेस्सर चाहत ह कारज इ अहइ कि तू पचे ओह पइ बिसवास करा जेहिका उ भेजे अहइ।”

30 तउ उ पचे ओसे कहेन, “फिन तू कउन स अद्भुत कारज देखॉवत अहा जेहिका देखिके हम तोह पर बिसवास करी? तू कउन स कारज देखॉवत अहा? 31 हमार पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना[a] खाएन, जइसे कि पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा, ‘परमेस्सर ओनका खाइ क बरे सरग स रोटी दिहेस।’(A)

32 एह पइ ईसू ओनसे कहेस, “मइँ तोहका सच बतावत अहउँ कि मूसा नाहीं, मुला मोर परमपिता तोहका सरग स सच्ची रोटी देत ह। 33 उ रोटी जउन परमेस्सर देत ह, उ सरग स उतरी अहइ, अउर इ संसार क जीवन देत ह।” 34 तउ उ पचे ओसे कहेन, “हे पर्भू, अब हम पचे क उ रोटी द्या अउर हमेसा देत रहा।”

35 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन जीवन देत ह। जउन मनई मोरे पास आवत ह, उ कबहूँ भूखा नाहीं रहत अउर जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उ कबहूँ पियासा नाहीं रहत। 36 मइँ तोह सबन क पहले स बताइ चुका अहउँ कि तू मोका देख लिए अहा, तबहूँ मोहमाँ बिसवास नाहीं करत्या। 37 एक एक मनई जेहिका परमपिता मोका सौंपे अहइ, मोरे पास आई जउन मोरे पास आवत ह, मइँ ओका कबहूँ न लौटाउब। 38 मइँ सरग स अपनी मर्जी स काम करइ नाहीं आइ अहउँ, मइँ तउ ओकर मरजी क पूरा करइ आइ बाटेउँ, जउन मोका हिआँ भेजे अहइ। 39 अउर उ भेजइवाले क इच्छा इ बाटइ कि जेका जेका उ मोका सौपे अहइ, ओहमाँ म एकउ क न खोइ देउँ अउर आखिरी दिन ओनका सबका जिन्दा कइ देउँ। 40 इहइ मोरे परमपिता क इच्छा अहइ कि हर एक मनई जउन पूत क देखत ह अउर ओहमाँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पाई अउर आखिरी दिन मइँ ओका जियाइ देइ।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.