Book of Common Prayer
दाऊद क एक ठु पद।
1 धरती अउ ओह प क सब चिजियन यहोवा क अहइँ;
संसार अउ हर कउनो जउन एहमाँ रहत हीं ओकर अहइँ।
2 यहोवा इ धरती क जल पइ रचे अहइ।
उ एका जल क धारन पइ बनाएस।
3 यहोवा क पहाड़े क मन्दिर मँ कउन जाइ सकत ह?
कउन यहोवा क पवित्तर ठउर मँ खड़ा होइ सकत अउर आराधना कइ सकत ह?
4 अइसा मनई जउन हाथन क साफ किहे ह,
अइसा मनई जउन पवित्तर जीवन क अगुवाइ करत ह,
अइसा मनई जउन मोरे नाउँ क प्रयोग कइके दूसर बरे गलत नाहीं किहे ह,
अउर अइसा मनई जउन झूठ न बोलेस, अउ न ही झूठा वचन दिहेस ह।
बस अइसेन मनई ही हुआँ आराधना कइ सकत हीं।
5 सज्जन तउ चाहत हीं यहोवा सब क भला करइ।
उ पचे सज्जन परमेस्सर स जउन ओनकर उद्धारक अहइ, नेक चाहत हीं।
6 उ पचे सज्जन परमेस्सर क अनुसरण क जतन करत हीं।
उ पचे याकूब क परमेस्सर क लगे मदद पावइ जात हीं।
7 फाटकन, आपन मूँड़ी ऊँची करा!
सनातन दुआरन, खुलि जा!
प्रतापी राजा भितरे आई।
8 इ प्रतापी राजा कउन अहइ?
यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ सबल सैनिक अहइ,
यहोवा ही उ राजा अहइ, उहइ जुद्ध नायक बा।
9 फाटकन, आपन, मूँड़ी ऊँची करा!
सनातन दुआरन, खुलि जा!
प्रतापी राजा भितरे आई।
10 उ प्रतापी राजा कउन अहइ? यहोवा सर्वसक्तिमान ही उ राजा अहइ।
उ प्रतापी राजा उहइ अहइ।
दाऊद क एक गीत।
1 परमेस्सर क पूत लोगो, यहोवा क स्तुति करा।
ओकर महिमा अउ सक्ती क प्रसंसा गीत गावा।
2 यहोवा क प्रसंसा करा अउ ओकरे नाउँ क आदर करा।
पवित्तर ओढ़ना पहिरिके यहोवा क आराधना करा।
3 समुद्र क ऊपर यहोवा क वाणी खुद क गरजत ह।
परमेस्सर क वाणी महासागर क ऊपर मेघ क गरजन क तरह गरजत ह।
4 यहोवा क वाणी ओकर सक्ती क देखाँवत ह।
ओकर ध्वनि ओकर महिमा क परगट करत ह।
5 यहोवा क वाणी देवदार बृच्छन क तोड़के चकनाचूर कइ देत ह।
यहोवा लबानोन क विसाल देवदार बृच्छन क तोड़ देत ह।
6 यहोवा लबानोन क पहाड़न क कपाँइ देत ह।
उ नाचत भए बछवा क तरह देखाँइ लागत ह।
हेर्मोन क पहाड़ काँप उठत ह अउर उछरत जवान बकरी क तरह देखाँत ह।
7 यहोवा क वाणी बिजली क कौंध स टकरात ह।
8 यहोवा क वाणी मरुस्थल क कँपाइ देत ह।
यहोवा क स्वर स कादेस क मरुस्थल काँप उठत ह।
9 यहोवा क वाणी स हिरन डेराइ जात हीं।
यहोवा दुर्गम जंगलन क नस्ट कइ देत ह।
मुला ओकरे मन्दिर मँ लोग ओकर प्रसंसा क गीत गावत हीं।
10 जल प्रलय क समय यहोवा राजा रहा।
उ सदा बरे राजा रही।
11 यहोवा आपन भगतन क रच्छा सदा करी,
अउर आपन जनन क सांति क आसीस देइ।
गित्तीथ क संगत पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 हे यहोवा, हमार सुआमी, तोहार नाउँ सारी भुइँया पइ बहोतइ अद्भुत बाटइ।
तोहार नाउँ सरगे मँ हर कइँती तोहका बड़कइ देत बाटइ।
2 लरिकन अउ नान्ह गदेलन क मुँहन स, तोहरी बड़कइ क गीत गावा जात हीं।
तू आपन दुस्मनन क चुप करावइ मँ अइसा करत ह।
3 हे यहोवा, जब मोर निगाह अकासे पइ पड़त ह, जेका तू आपन हाथे स रच्या ह।
अउर जब मइँ चाँद तारन क लखत हउँ जउन तोहार रचना बाटइ, तउ मइँ अचम्भा स भरि जात हउँ।
4 मनइयन तोहरे बरे काहे ऍतना महत्वपूर्ण होइ गएन?
तू ओनका काहे बरे सुमिरत अहा?
मनई क पूत तोहरे बरे काहे महत्वपूर्ण बाटइ?
काहे तू ओन पइ धियान तलक देत अहा?
5 मुला तोहरे बरे मनई महत्वपूर्ण अहइ!
तू मनई क देवता क प्रतिरूप बनाया ह, अउ ओनके मूँड़े पइ महिमा अउ सम्मान क मुकुट धरे अहा।
6 तू आपन सृस्टि क जउन कछू भी रच्या ह
मनइयन क ओकर हकदार बनाया ह।
7 मनई भेड़िन पइ, गोरू धने पइ अउ जंगल क सबहिं हिंसक जन्तुअन पइ राज्ज करत ह।
8 उ अकासे मँ पंछियन पइ
अउ समुद्दर मँ तैरत भए जलचरन पइ राज्ज करत ह।
9 हे यहोवा, हमार सुआमी, सारी धरती पइ तोहार नाउँ बहोतइ अद्भुत अहइ।
गित्तिथ क वाद्य यंत्र क संग संगीत निर्देसक बरे कोरह क पूरन बरे भजन गीत।
1 सर्वसक्तिमान यहोवा, फुरइ तोहार पवित्तर मन्दिर केतॅना मनोहर अहइ।
2 मोर इच्छा अहइ कि मइँ यहोवा क मन्दिर क आंगन मँ रहेउँ।
मइँ तोहार आवइ क बाट जोहत भए थक गवा हउँ।
मोर पूरा सरीर जिअत यहोवा क संग होइ बरे रोवत ह।
3 सर्वसक्तिमान यहोवा, मोर राजा, मोर परमेस्सर,
गौरइया अउ सूपाबेनी तलक क आपन झोंझ होत हीं।
इ सबइ पंछी तोहरी बेदी क लगे झोंझ बनावत ही
अउर ओनहीं घोसलन मँ ओनकइ बच्चे होत हीं।
4 जउन लोग तोहरे मन्दिर मँ रहत हीं, बहोत खुस रहत हीं।
उ पचे तउ सदा ही तोहार गुन गावत हीं।
5 उ सबइ लोग आपन हिरदइ मँ गीतन क संग जउन तोहरे मन्दिर मँ आवत हीं,
बहोतइ आनन्दित अहइँ।
6 उ सबइ खुस लोग बाका घाटि
जेका परमेस्सर झरना क तरह बनाएस ह
गुजरत हीं गर्मी क गिरत भइ बर्खा क बूँदन जल क सरोवर बनावत हीं।
7 लोग आपन परमेस्सर स मिलइ बरे सहर स सहर होत भए
इ रास्ता पइ सिय्योन पहाड़ पइ जात हीं।
8 फउजन क परमेस्सर यहोवा, मोर पराथना सुना।
याकूब क परमेस्सर तू मोर सुनि ल्या।
9 परमेस्सर, हमरे संरच्छक क रच्छा करा।
आपन अभिसिक्त भए राजा पइ दयालु ह्वा
10 हे परमेस्सर, कहूँ अउर हजार दिन ठहरइ स
तोहरे मन्दिर मँ एक दिन ठहरब उत्तिम अहइ।
दुट्ठ लोग क बीच बसइ स,
आपन परमेस्सर क मन्दिर क दुआरे क लगे खड़ा रइहउँ इहइ उत्तिम बाटइ।
11 यहोवा हम लोगन क सूर्य अउर ढार अहइ।
यहोवा महिमा अउ सम्मान देइ।
उ जउन खरी जिन्नगी गुजारत ह
ओका उ हर एक नीक चीज देत ह।
12 हे सर्वसक्तिमान यहोवा,
जउन लोग तोहरे भरोसे अहइँ उ पचे फुरइ बहोत खुस अहइँ।
16 तब उ मनईयन जाइ बरे उठेन। उ पचे सदोम कइँती लखेन अउ उहइ कइँती चल पड़ेन। इब्राहीम ओनका बिदा करइ बरे कछू दूर तलक ओनके संग गवा।
परमेस्सर क संग इब्राहीम क सौदा
17 यहोवा मन मँ कहेस, “का मइँ इब्राहीम स कहि देउँ जउन मइँ अबहु करब? 18 इब्राहीम एक बड़का सकतीवाला रास्ट्र बन जाइ। इ कारण स धरती क सारे मनइयन आसीर्बाद पइही। 19 मइँ इब्राहीम क संग खास करार किहेउँ ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि उ आपन लरिकन अउ आपन संतानन क तरह जिन्नगी बितावइ बरे हुकुम देइ जउने तरह जिन्नगी बिताउब यहोवा चाहत ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि उ पचे सच्चाई स रइही अउर इन्साफ पसन्द बनिही। तब मइँ यहोवा प्रण कीन्ह गइ चीजन क देब।”
20 तब यहोवा कहेस, “सदोम अउर गमोरा का चीख-पुकार बहोत जबरदस्त अहइ। ओनका पाप बहोत गम्भीर अहइ। 21 एह बरे मइँ हुवा जाब अउर देखब कि जउन कूछ मइँ सुन्या ह, यदि उ सही बा तब मइँ जानब कि उ सही बाटइ या गलत।”
22 तब उ मनइयन घूमेन अउ सदोम कइँती चल पड़ेन। मुला इब्राहीम यहोवा क समन्वा खड़ा रहा। 23 तब इब्राहीम यहोवा स कहेस, “हे यहोवा, का तू खोट मनइयन क नास करइ क संग भले मनइयन क नास करइ क बात सोचत अहा? 24 जदि उ सहर मँ पचास भला मनई होइ तउ का होइ? का तब भी तू सहर क नास कइ देब्या? फुरइ ही तू हुआ क बसइया पचास भले मनइयन बरे उ सहर क बचाइ लेब्या। 25 फुरइ ही तू उ सहर क नास न करब्या। खोट मनइयन क मारइ बरे तू पचास भले मनइयन क नास न करब्या। अगर अइसा भवा तउ भला अउ खोटा लोग एक ही होइ जइहीं। दुइनउँ क ही सजा मिली। तू समूचइ भुइँया क निआव देइवाला अहा। मइँ जानत अहउँ कि तू निआव करब्या।”
26 फुन यहोवा कहेस, “जदि मोका सदोम सहर मँ पचास भला लोग मिलइँ तउ मइँ समूचइ सहर क बचाइ लेब।”
27 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा, तोहरे अगवा, मइँ सिरिफ धूर अउ राख अहउँ। मुला तू मोका फुन तनिक कस्ट देइ क मौका द्या अउ मोका इ प्रस्न पूछइ द्या कि: 28 जदि पाँच नीक लोग कमती होइ तउ का होइ? जदि सहर मँ पैंतालीस ही नीक लोग होइँ तउ का होइ? का तू सिरिफ पाँच लोगन बरे समूचइ सहर क नास करिब्या?”
तब यहोवा कहेस, “जदि मोका हुआँ पैंतालीस नीक लोग मिलइँ तउ मइँ सहर क नास न करब।”
29 इब्राहीम फुन यहोवा स कहेस, “जदि तोहका हुआँ स्रिफ चालीस नीक लोग मिलइँ तउ का तू सहर क नास कइ देब्या?”
यहोवा कहेस, “अगर मोका चालीस बढ़िया लोग हुआँ मिलइँ तउ मइँ सहर क बर्बाद न करब।”
30 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा कृपा कइके मोहे प किरोध जिन करा। मोका इ पूछेइ द्या कि अगर सहर मँ सिरिफ तीस नीक लोग होइ तउ का तू सहर क नास कइ देब्या?”
यहोवा कहेस, “जदि मोका तीस नीक लोग मिलइँ तउ मइँ सहर क बर्बाद न करब।”
31 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा, का मइँ तोहका फुन कष्ट देउँ अउ पूछ लेउँ कि जदि बीस ही सहर मँ नीक लोग हुआँ होइँ तउ?”
यहोवा जवाब दिहस, “अगर मोका बीस बढ़िया लोग मिलइँ तउ भी मइँ सहर क नास न करब।”
32 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा तू मोहे प गुस्सा जिन करा। मोका आखिरी दाईं कस्ट देइ क मौका द्या। जदि तोहका हुआँ दस बढ़िया लोग मिलइँ तउ तू का करिब्या?”
यहोवा कहेस, “जदि मोका सहर मँ दस नीक लोग मिलइँ तउ भी मइँ सहर क नास न करब।”
33 यहोवा इब्राहीम स बोलब बंद कइ दिहस, ऍह बरे यहोवा चला गवा अउ इब्राहीम आपन घर लउटि आवा।
13 मुला भाइयो तथा बहिनियो, तू पचन क परमेस्सर तउ स्वतन्त्र रहइ क चुने अहइ। मुला ओह आजादी क अपने आप पूरे सुभाऊ क पूर्ति क साधन जिन बनइ द्या, एकरे विपरीत पिरेम क कारण परस्पर एक दूसरे क सेवा करा। 14 काहेकि समूची व्यवस्था क सार संग्रह इ एक आदेस मँ ही बाः “अपने साथियन स वइसेन ही पिरेम करा, जइसेन तू अपने आपस करत ह।”(A) 15 मुला आपस मँ काट करत भए अगर तू एक दूसरे क खात रहब्या तउ देखा। तू पचे आपस मँ ही एक दूसरे क नास कइ देब्या।
मानव प्राकृति अउर आतिमा
16 मुला मइँ कहत हउँ कि आतिमा क अनुसासन क अनुसार आचरण करा अउर अपन पाप से भरा भए सुभाऊ स इच्छन क पूर्ति जिन करा। 17 काहेकि तने क, भौतिक, अभिलास पवित्तर आतिमा क अभिलासन क अउर पवित्तर आतिमा क अभिलासन भौतिक अभिलासन क विपरीत होत हीं। एनकर आपस मँ विरोध बा। इही बरे तउ जउन तू पचे करइ चाहत ह, उ कइ नाहीं सकत्या। 18 मुला अगर तू आतिमा क अनुशासन मँ चलत ह तउ फिन व्यवस्था क अधीन नाही रहत्या।
19 अब देखा! हमरे भौतिक मनई सुभाउ क पापे स भरी प्रकृति क कामन क तउ सब जानत हीं। उ पचे अहइँ व्यवभिचार, अपवित्तर, भोग विलास, 20 मूर्ति पूजा, जादू-टोना, बैरभाऊ, लड़ाई-झगड़ा, डाह, किरोध, स्वार्थीपन, फूट, इरसा, 21 नसा, लंपटपन या ओइसेही अउर बातन। अब मइँ तू सबन क एनन्ह बातन क बारे मँ वइसेन ही चेतावत हउँ जइसेन मइँ तू सबन क पहिलेन चेताई दिहे रहेउँ कि जउन लोग इन बातन मँ भाग लेइहीं, उ पचे परमेस्सर क राज्य क उतराधिकार न पइहीं।
22 जबकि पवित्तर आतिमा पिरेम, आनन्द, सान्ति, धीरज, दयालुता, नेकी, बिसवास 23 नम्रता अउर आत्मसंयम उपजावत ह। इन बातन क विरोध मँ कउनउ व्यवस्था नाहीं बाटइ।
24 ओ सब लोग जउन मसीह ईसू क अहइँ, अपने पाप स भरा मानुस भौतिक मनइ सुभाऊ क वासना अउर सबइ इच्छा समेत क्रूस पर चढ़ाइ दिहे अहइँ। 25 काहेकि जब हमरे एक नवे जीवन क स्रोत आतिमा बा तउ आवा आतिमा क ही अनुसार चाली।
ईसू आँधर मनई क चंगा किहेस
22 उ पचे बैतसैदा गएन। हुँवा कछू लोग ओकरे पास एक ठो आँधर पकड़ि ले आइन अउर उ सबइ ईसू स ओका छुअइ क बिनती करेन। 23 उ आँधर मनई क हथवा पकड़ेस अउर ओका गाउँ क बाहेर लइ गवा। ईसू आँधर क आँखिन प थूकेस, “का तू कउनो चीज निहारत ह?”
24 आँधर मनई निहारेस अउर कहेस, “मइँ मनइयन क देखात हउँ, उ सबई बिरवा क नाईं आसि पासि चलत देखत अहइँ।”
25 तबहिं ईसू आपन हथवा मनई क आँखिन प पुनि धरेस। फिन उ आपनि आँखिन पूरी पूरी खोलि दिहेस। ओका आँखिन क जोती मिलि गइ। अउर उ सबहुँ क नीक-नीक निहारइ लाग। 26 तब ईसू ओका घरे पठइ दिहस, इ कहत कहत, “गाउँ मँ जिन जा।”
पतरस कहत ह ईसू अहइ मसीह
(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)
27 अउर ईसू अउर ओकर चेलन कैसरिया फिलिप्पी क पड़ोसी गाउँन मँ चलेन। ईसू राहे मँ चेलन स पूछेस, “लोग का कहत हीं कि मइँ कउन हउँ?”
28 अउर उ सबई जवाब दिहेन, “बपतिस्मा देइवाला यूहन्ना। मुला दूसर कछू लोग एलिय्याह अउर दूसर कछू तोहका नबियन मँ एक नबी कहत हीं।”
29 फिन उ ओनसे पूछेस, “तू का कहत ह मइँ कउन हउँ?”
पतरस ओसे जवाब दिहेन, “तू मसीह अहा।”
30 तबहिं ईसू ओन चेलन क चितावनी दिहेस, कि ओकरे बारे मँ कउनो स जिन कहइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.