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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 38

दाऊद क समपिर्त।

हे यहोवा, जब तू किरोध मँ रहा तउ मोका फटकार जिन लगावा;
    जब तू परेसानी मँ रहा मोका जिन सुधारा।
हे यहोवा, तू मोका चोट दिहा ह।
    तोहार बाण मोहमाँ गहिर उतरा अहइँ।
तू मोका सजा दिहा ह अउर मोर पूरी देह दुःखत बाटइ,
    मइँ पाप किहेउँ अउ तू मोका सजा दिहा।
    एह बरे मोर हाड़ दुःखत अहइ।
मइँ बुरा काम करइ क अपराधी हउँ,
    अउर उ अपराध एक बड़का बोझा क नाई मोरे काँधे पइ चढ़ा अहइ।
मइँ बना रहेउँ मूरख, अब मोर घाव दुर्गन्ध स भरिके रिसत अहइँ,
    अउर उ सबइ सड़त अहइँ।
मइँ निहुरा अउ दबा भवा अहउँ।
    मइँ दिन भइ उदास रहत हउँ।
बोखार स मोर गुर्दन दर्द करत ह,
    अउर मोर समूचे बदन मँ बेमारी अहइ।
मइँ बहोत दुर्बल अउ थका भवा हउँ।
    मइँ कराहत हउँ काहेकि मोर हिरदइ कस्ट झेलत अहइ।
हे यहोवा, तू मोर कराहब सुनि लिहा।
    मोर आह तउ तोहसे छुपी नाहीं।
10 मोर हिरदइ चूर-चूर होइ गवा अहइ अउर मोर सक्ति मोका छोड़ दिहेस ह।
    मोरी आँखिन क जोति लगभग जात रही।
11 काहेकि मइँ रोगी हउँ,
    एह बरे मोरे मीत अउ मोर पड़ोसी मोसे मिलइ नाहीं अउतेन।
    मोरे परिवार क लोग तउ मोरे लगे तलक नाहीं फटकतेन।
12 मोर दुस्मन मोर निन्दा करत हीं।
    उ सबइ झूठ बातन अउ प्रतिवादन क फइलावत रहत हीं।
    मोरे ही बारे मँ उ सबइ हरदम बातचीत करत रहत हीं।
13 मुला मइँ बहरा बना कछू नाहीं अनकत हउँ।
    मइँ गूँगा होइ गवा, जउन कछू नाहीं बोल सकत।
14 मइँ उ मनई क तरह बना हउँ, जउन कछू नाहीं सुन सकत कि लोग ओकरे बारे मँ का कहत अहइँ।
    अउर मइँ इ तर्क नाहीं दइ सकत अउर सिद्ध नाहीं कइ सकत कि मोर दुस्मन अपराधी अहइँ।
15 तउ, हे यहोवा, मोका तू ही बचाइ सकत ह।
    मोर परमेस्सर अउर मोर सुआमी मोरे दुस्मनन क तू ही फुरइ बताइ द्या।
16 काहेकि मइँ पराथना किहेउँ, “ओनका दुर्जन स प्रसन्न होइ क अनुमति जिन द्या जब मइँ कउनो गलती किहेउँ।
    ओनका आपन क बारे मँ सेखी हाँकइ क अनुमति जिन द्या।”
17 मइँ जानत हउँ कि मइँ आपन कुकरमन बरे पापी हउँ।
    मइँ आपन पीरा क बिसरि नाहीं सकत हउँ।
18 हे यहोवा, मइँ तोहका आपन कुकरम बताइ दिहेउँ।
    मइँ आपन पापन बरे दुःखी हउँ।
19 मोर दुस्मन जिअत अउ पूरी तरह तन्दुरुस्त अहइँ।
    उ पचे बहोत-बहोत झूठी बातन बोलेन ह।
20 मोर दुस्मन मोरे संग बुरा बेउहार करत हीं,
    जबकि मइँ ओनके बरे भला ही किहेउँ ह।
मइँ बस भला करइ क जतन करत रहेउँ,
    मुला उ सबइ लोग मोरे खिलाफ होइ ग अहइँ।
21 हे यहोवा, मोका जिन बिसरा।
    मोरे परमेस्सर, मोसे तू दूर जिन रहा।
22 देरी जिन करा, आवा अउर मोर सुधि ल्या।
    हे मोर परमेस्सर मोका तू बचाइ ल्या।

भजन संहिता 119:25-48

दालथ

25 मइँ हाली दाल्थ मरि जाब।
    हे यहोवा, तू आदेस द्या अउर मोका जिअइ द्या।
26 मइँ तोहका आपन जिन्नगी क बारे मँ बताएउँ ह, तू मोका जवाब दिहा ह
    अबइ तू मोका आपन बिधान बतावा।
27 हे यहोवा, मोर सहायता करा ताकि मइँ समुझ सकेउँ कि तोहार उपदेसन क पालन कइसे कीन्ह जाई सकी।
    मोका ओन अद्भुत कर्मन क चिंतन करइ द्या जेनका तू किहा ह।
28 मइँ दुःखी अउर थका हउँ।
    वचन क मुताबिक मोका तू फुन स मज़बूत बनाइ द्या।
29 हे यहोवा, मोका कउनो परेसानी क जीवन जिन जिअइ द्या।
    तोहार कानून क मोका दयालुता स सिखावा।
30 मइँ तोहार करार क मानइ बरे चुने रहेउँ।
    मइँ आपन आप क तोहार विवेकी फइसलन क अध्ययन अउर पालन करइ क बचन बद्ध किहेउँ ह।
31 तोहार करार क संग मइँ लगनसील अहउँ।
    हे यहोवा, मोका असफल जिन होइ द्या।
32 मइँ तोहरे आग्यन क पालन उत्सुकता स किह्या ह
    जब तू मोर समुझदारी क बढ़ाया ह।

हे

33 हे यहोवा, तू मोका आपन व्यवस्था सिखावा
    तब मइँ धियानपूर्वक ओनकर अनुसरण करब।
34 ओनका समुझइँ मँ मोर मदद करा।
    अउर मइँ तोहरी सिच्छन क पालन करब।
    मइँ पूरी मन स ओनकर पालन करब।
35 मोका आपन आग्यन क राहे पइ चलावा।
    मइँ ओन पइ प्रसन्न हउँ।
36 मोर मदद करा कि मइँ तोहरे करार क मनन करउँ,
    बजाय ओकरे कि कइसे धन हासिल करेउँ।
37 मोका बियर्थ चिजियन पइ धियान जिन देइ द्या।
    तोहार राहे मँ रहइ बरे मोर मदद करा।
38 मइँ तोहार सेवक अहउँ।
    तउ ओन बातन क करा जेनकर वचन तू दिहा ह ताकि मइँ तोहार सम्मान कइ सकउँ।
39 मोका उ अपमान स मुक्त करा जेसा मइँ डेरात हउँ।
    तोहार फइसलन हमेसा नीक होत हीं।
40 मइँ तोहरे उपदेसन क अभिलासी हउँ।
    मोर भला करा अउर मोका जिअइ द्या।

वाव

41 हे यहोवा, तू सच्चा निज पिरेम मोह पइ परगट करा।
    मोर रच्छा वइसे ही करा जइसे तू वचन दिहा।
42 तब मोरे लगे ओन लोगन बरे एक जवाब होइ जउन मोर अपमान करत हीं।
    काहेकि मइँ तोहार वचन पइ भरोसा रखत हउँ।
43 तोहार सच्ची सिच्छा क बोलइ मँ सदा मोरे मदद करा।
    मइँ तोहरे बुद्धिमान फइसलन पइ निर्भर अहउँ।
44 हे यहोवा, मइँ तोहरी सिच्छन क पालन सदा अउ सदा बरे करब।
45 तउ मइँ सुरच्छित जिन्नगी जिअब।
    मइँ तोहरी व्यवस्था क पालइ क कठिन जतन करत हउँ।
46 मइँ यहोवा क करार क चर्चा राजा लोगन क संग करब
    अउर उ पचे उत्साह मँ होइके सुनिहीं मोहसे लजाइहीं नाहीं।
47 हे यहोवा, मोका तोहरी सबइ आग्यन क मनन
    जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ भावत ह।
48 मइँ तोहरी आग्यन कइँती जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ हाथ फइलाउब,
    अउर मइँ तोहार कानून पइ बिचार करत हउँ।

उत्पत्ति 9:18-29

समस्या फुन सुरु होत हीं

18 नूह क पूत लोग ओकरे संग जहाज स बाहेर आएन। ओनकइ नाउं सेम, हाम अउ येपेत रहेन। (हाम तउ कनान क बाप रहा।) 19 इ तीनउ नूह क पूतन रहेन अउ संसारे क सबहि मनई इ तीनउ स पइदा रहेन।

20 नूह किसान बना। अंगूर क बगिया लगाएस। 21 नूह अंगूर क दाखरस बनाएस अउ पिएस। उ दाखरस पीके मस्त होइ गवा अउ तम्बू मँ लोटि गवा। उ कउनो ओढ़ना नाही पहिरे रहा। 22 कनान क बाप हाम अपने बाप क नंगा देखेस। उ तम्बू स बाहेर आपन भइयन क बताएस। 23 तबहि सेम अउ येपेत एक ठु ओढ़ना लिहस। उ दुइनउँ ओढ़ना क पीठ प डाइके उलटे मुइँ तम्बू मँ गएन। उ पचे आपन बाप उ नंगापन क ढ़ाँक दिहस जबकि उ समइ ओकर मुहँ क रुख तम्बू क समन्वा रहा। इ तरह उ पचे आपन बाप क नंगापन नाहीं लखेन।

24 पाछे नूह सोइके उठा। (उ दाखरस क नसा क कारण सोअत रहा।) तब ओका पता लाग कि ओकर सब त नान्ह पूत हाम ओकरे संग का किहे रहा। 25 ऍह बरे नूह सराप दिहेस,

“इ सराप कनान बरे होइ कि
    उ आपन भइयन क दास होइ।”

26 नूह इ भी कहेस,

“सेम क परमेस्सर यहोवा धन्न होइ!
    कनान सेम क दास होइ।
27 परमेस्सर येपेत क जिआदा भुइँया देइ।
    परमेस्सर सेम क तम्बू मँ रहइ
    अउर कनान ओकर दास बनइ।”

28 बाढ़ क पाछे नूह साढ़े तीन सौ बरिस जिअत रहा। 29 नूह पूरा साढ़े नौ सौ बरिस जिअत रहा, तब उ मरा।

इब्रनियन 6:1-12

1-2 अतः आवा, मसीह सम्बन्धी आरम्भिक सिच्छा क छोड़िके हम मजबूती कइँती बढ़ी हमका ओन बातन कइँती अउर न बढ़इ चाही जइसेन हम सुरुआत कीन्ह जइसेन मउत कइँती लइ जाइवाला करमन क बरे मनफिराव, परमेस्सर मँ बिसवास, बपतिस्मावन[a] क सिच्छा, हाथ रखइ, मरइ क बाद फिन स जी उठइ अउर उ निआव जइसेन हमार भावी अनन्त जीवन निस्चित होई। अउर अगर परमेस्सर चाहे तउ हम अइसेन ही करबइ।

4-6 जेनका एक बार प्रकास मिली चुका अहइ, जउन सर्गीय बरदान क अस्वादन कइ चुका होइँ, जउन पवित्तर आतिमा क सहभागी होइ गवा अहइँ जउन परमेस्सर क बचन क उत्तिमताई अउर आवइवाला जुग क सक्तियन क अनुभव कइ चुका अहइँ, अगर उ भटकि जाइँ तउ ओनका मनफिराव कइँती लउटाइ लेब असम्भव बा। उ पचे जइसेन अपने ढंग स नवा सिरे स परमेस्सर क पूत क फिन स क्रूस पचढ़ाएन अउर ओका सबक सामने आपमान क बिसय बनाएन।

उ लोग अइसेन धरती क जइसेन अहइँ जउन हमेसा होइवाली बरखा क जल क सोख लेत ह, अउर जोतइ-बोवइवालन क बरे उपयोगी फसल प्रदान करत ह, उ परमेस्सर क असीस पावत ह। मुला अगर उ जमीन प कांटा अउर गोखरु उपजावत ह, तउ उ बेकार कअहई। अउर ओका अभिसप्त अहइ क भय बा। अंत मँ ओका जलाइ दीन्ह जाई।

पिआरे दोस्तन, चाहे हम एह तरह कहित ह मुला तोहरे बारे मँ हमका अइसेन अच्छी बातन क बिसवास बा-बातन जउन उद्धार स सम्बन्धित बाटिन। 10 तू ओनके सब जन क सहायता कइके अउर हमेसा सहायता करत भए जउन पिरेम दरसाए अहा ओका अउर तोहार दूसरे कामन क परमेस्सर कबहुँ न भुलाई। उ अन्यायी नाहीं अहइ। 11 हम चाहित ह कि तोहमाँ स हर कउनो जीवन भर अइसेन ही दिन भर मेहनत करत रहइ। अगर तू अइसेन करत ह तउ तू निच्चित ही ओका पाइ जाब्या तू आसा करत रहे अहा। 12 हम इ नाहीं चाहित कि तू आलसी होइ जा। बल्कि तू ओनकर अनुकरण करा जउन बिसवास अउर धीरज क साथे ओन्हन चीजन क पावत अहइँ जेनका परमेस्सर तउ बचन दिहे रहा।

यूहन्ना 3:22-36

यूहन्ना ईसू क बपतिस्मा दिहेस

22 ओकरे बाद ईसू अपने चेलन क साथ यहूदिया क इलाका मँ चला गवा। हुवाँ ओनके साथ ठहरिके उ सब लोगन्ह क बपतिस्मा देइ लाग। 23 हुवाँ प सालेम क नजदीक ऐनोन मँ यूहन्ना भी बपतिस्मा देत रहा, एह बरे कि हुवाँ इफरात मँ पानी रहा। तमाम मनई हुवाँ आवत रहेन अउर बपतिस्मा लेत रहेन। 24 (अब तक यूहन्ना क बंदी नाहीं बनावा ग रहा।)

25 अब यूहन्ना क कछू चेलन अउर एक ठु यहूदी क बीच स्वच्छताकरण क लइके बहस होइ लाग। 26 एह बरे उ सब यूहन्ना क लगे आएन अउर कहेन, “गुरु, जउन मनई यरदन क ओहॅ पार तोहरे साथ रहा अउर जेकरे बारे मँ तू बताए रह्या, उ लोगन्ह क बपतिस्मा देत अहइ, अउर सब मनई ओकरे पास जात अहइँ।”

27 एकरे जवाब मँ यूहन्ना कहेस, “कउनो मनई क तब तक कछू नाहीं मिल सकत जब तक कि ओका परमेस्सर स न दीन्ह ग होइ। 28 तू पचे इ बात क साच्छी अहा कि मइँ कहे रहेउँ, ‘मइँ मसीह न अहउँ मोका तउ ओकरे बरे रस्ता बनाइ बरे पठवा गवा अहइ।’ 29 दूल्हा तउ उहइ बा, जेका दुलहिन मिलइ। मुला दूल्हा क दोस्त जउन ओकरे अगुवाई मँ खड़ा रहत ह जब दूल्हा क आवाज सुनत ह, तउ बहुत खुस होत ह। इहइ मोर खुसी अहइ जउन अब पूरी भइ। 30 अब इ जरुरी अहइ कि ओकर महिमा बढ़इ अउर मोर कम होइ।

उ जउन सरग स उतर

31 “जउन ऊपर स आवत ह, उ सबसे महान अहइ। उ जउन घरती स बाटइ, धरती स जुड़ा अहइ। एह बरे उ धरती क चीजन क बारे माँ बात करत ह। जउन सरग स उतरा ह, सबके ऊपर अहइँ, 32 उ जउन कछू देखे अहइ, अउर सुने अहइ, उ ओकर साच्छी देत ह अउर ओकर साच्छी क कउनो मनई नाहीं चाहत। 33 जउन ओकरी साच्छी क मानत ह, उ प्रमाणित करत ह कि परमेस्सर सच्चा अहइ। 34 काहे बरे कि जेका परमेस्सर पठए अहइ, परमेस्सर क बातन करत ह। काहेकि परमेस्सर ओका आतिमा क अनन्त दान दिहे अहइ। 35 परमपिता अपने पूत क स पिरेम करत ह अउर ओकरे हाथे मँ उ सब कछू क अधिकार सौंपि दिहेस। 36 एह बरे जउन ओकरे पूत मँ बिसवास करत ह, अनन्त जीवन पइहइँ मुला जे परमेस्सर क पूत क बात नाहीं मानत ओका इ जीवन नाहीं मिली। एकरे बजाय उ परमेस्सर क कोप का भाजन बनी।”

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