Book of Common Prayer
अलामोथ क संगत पइ संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु पद।
1 परमेस्सर हमरे पराक्रम क भण्डार अहइ।
संकट क समइ उ हमेसा मदद बरे हुवाँ होइ।
2 एह बरे जब धरती काँपत ह अउर जब पर्वत समुद्र मँ भहराइ लागत ह,
हमका डर नाहीं लागत।
3 हम नाहीं डेराइत जब सागर उफनत अउ मटमैला होइ जात ह,
अउर धरती अउ पहाड़ काँपइ लागत हीं।
4 हुआँ एक ठु नदी अहइ, जउन परम परमेस्सर क नगरी क
आपन धारा स खुसी स भरि देत ह।
5 उ सहर मँ परमेस्सर अहइ, इहइ स ओकर कबहुँ पतन नाहीं होइ।
परमेस्सर ओकर मदद भोर स पहिले ही करी।
6 यहोवा क गरजत ही, रास्ट्र डर स काँपि जइहीं।
ओनकर राजधानियन क पतन होइ जात ह अउ धरती पिघल उठत ह।
7 सर्वसक्तिमान यहोवा हमरे संग अहइ।
याकूब क परमेस्सर हमार सरणस्थल अहइ।
8 आवा ओन सक्ती स भरा कामे क लखा जेनका यहोवा करत ह।
उ सबइ काम ही धरती पइ यहोवा क मसहूर करत हीं।
9 यहोवा धरती पइ होत भए कहूँ भी जुद्ध क रोक सकत ह।
उ सबइ फउजी क धनुसन क तोड़ सकत हीं, अउ ओनके भालन क चकनाचूर कइ सकत ह, रथन क उ बारिके भसम कइ सकत ह।
10 परमेस्सर कहत ह, “सांत बना अउ जाना कि मइँ ही परमेस्सर अहउँ!
रास्ट्रन क बीच मोर बड़कई होइ।
धरती पइ मोर महिमा फइलि जाइ!”
11 यहोवा सर्वसक्तिमान हम पचन्क संग बा।
याकूब क परमेस्सर हमार ढाल अहइ।
1 यहोवा सासन करत ह, धरती क खुस रहइ द्या;
दूर क देसन क प्रसन्न होइ द्या।
2 यहोवा क करिया गहिर बादर घेरे भए अहइँ।
नेकी अउ निआउ ओकरे राज्ज क मजबूत किहे अहइँ।
3 यहोवा क समन्वा आगी चला करत ह,
अउर उ ओकरे आपन दुस्मनन क नास करत ह।
4 ओकर बिजुरी संसार क प्रकासित करत ह।
लोग ओका लखत हीं अउर डेरान रहत हीं।
5 यहोवा क समन्वा पहाड़ अइसे पिघल जात हीं, जइसे मोम पिघल जात ह।
उ समूचइ धरती क सुआमी अहइ।
6 अकास ओकरी नेकी क बखान करत हीं।
हर कउनो परमेस्सर क महिमा लखि लेइ।
7 सबइ लोग जउन मूरतियन क पूजा करत हीं
अउर ओकरे बियर्थ बातन बरे डींग हाँकत हीं,
लजाइ जाइहीं।
सबइ देवतन ओकरे समन्वा निहुरिहीं।
8 हे सिय्योन, सुना अउ खुस ह्वा।
हे यहूदा क सहरन, खुस ह्वा,
तोहार निआउ क कारण, हे यहोवा।
9 हे सर्वोच्च यहोवा, फुरइ तू ही धरती पइ सासन करत ह।
तू दूसर “देवतन” स जियादा उत्तिम अहा।
10 जउन लोग यहोवा स पिरेम रखत हीं, उ पचे पाप स घिना करत हीं।
एह बरे उ आपन लोगन क रच्छा करत ह।
उ ओन लोगन क दुट्ठ लोगन स बचावत ह जउन ओकरे बिस्सासी अहइँ।
11 धर्मी लोगन पइ जोति छितराएस ह
अउ इमानदार-जन बरे आनन्द फइलाएस ह।
12 हे धर्मी लोगो, परमेस्सर मँ खुस रहा।
ओकरे पवित्तर नाउँ क धन्यवाद द्या।
1 यहोवा बरे एक ठु गीत गावा।
हे समस्त ब्रह्माण्ड यहोवा बरे गीत गावा।
2 यहोवा बरे गावा, ओकरे नाउँ क धन्न कहा।
हर दिन इ ओकरे उद्धार क बारे मँ सुसमाचार क सुनावा।
3 दूसर रास्ट्रन क बतावा कि यहोवा फुरइ अद्भुत बाटइ।
सब कतहूँ क लोगन मँ ओन अद्भुत बातन क जेनका उ करत ह बखान करा।
4 यहोवा महान बा अउर बड़कई क जोग बा।
उ कउनो “देवतन” स जियादा स्रद्धालु बा।
5 दूसर रास्ट्रन क सबहिं “देवतन” सिरिफ मूर्तियन अहइँ,
मुला यहोवा अकासन क रचेस।
6 ओकरे समन्वा सुन्दर महिमा दमकत बा।
परमेस्सर क पवित्तर मन्दिर सामरथ अउ सुरन्दरता अहइँ।
7 हे वंसो, अउर रास्ट्रो,
यहोवा बरे महिमा अउर बड़कई क गीत गावा।
8 यहोवा क नाउँ क गुणगान करा।
आपन भेंटन उठावा अउ मन्दिर मँ जा।
9 यहोवा क ओकर भव्य, मन्दिर मँ उपासना करा।
अरे ओ धरती क मनइयो, यहोवा क उपासना करा।
10 रास्ट्रन क जानइ द्या कि यहोवा राजा अहइ।
निहचय ही उ उहइ अहइ जउन जगत क स्थिर अउर अखण्ड बनाएस ह।
यहोवा मनइयन पइ निआउ स सासन करी।
11 अरे अकास, खुस ह्वा, हे धरती, आनन्द मनावा।
हे सागर, अउर ओहमाँ क सबइ चिजियन क आनन्द स ललकारा।
12 अरे ओ खेतो अउर ओहमाँ उगइवाली हर वस्तु आनन्द स भरपूर होइ जा।
हे जंगल क बृच्छो गावा अउर आनन्द मनावा।
13 आनन्द स भरपूर होइ जा
काहेकि यहोवा आवत अहइ।
यहोवा जगत क सासन करइ आवत अहइ,
उ खरेपन स निआउ करी।
धन्यवाद क एक ठु गीत।
1 हे धरती, तू यहोवा बरे गावा।
2 आनन्द स रहा जब तू यहोवा क सेवा करा।
खुसी क गीतन क संग यहोवा क समन्वा आवा।
3 तू जान ल्या कि यहोवा ही परमेस्सर अहइ।
उ हमका बनएस ह अउ हम ओकर भगत अही।
हम ओकर भेड़ अही।
4 धन्यवाद क गीत संग लिए यहोवा क नगर मँ आवा,
गुणगान क गीत संग लिए यहोवा क मन्दिर मँ आवा।
ओकर आदर करा अउर ओकर नाउँ क धन्य करा।
5 यहोवा उत्तिम अहइ।
ओकर पिरेम सदा सदा ही अहइ।
हम ओह पइ सदा सर्वदा बरे भरोसा कइ सकित ह।
आपन बिसेस सेवक क परमेस्सर क बोलावा
49 हे दूर देसन क लोगो, मोर बात सुना।
हे धरती क निवासियो, तू सबहिं मोर बात सुना।
मोरे जनम स पहिले ही यहोवा मोका आपन सेवा बरे बोलाएस।
जब मइँ आपन महतारी क गरभ मँ ही रहेउँ, यहोवा मोर नाउँ रख दिहे रहा।
2 यहोवा मोर जरिया स लोगन स बात किहेस।
उ मोर जीव क तेज तरवार क नाईं बनाएस ह,
किन्तु उ मोका आपन हाथ क छाया मँ छुपाएस ह।
उ मोका तेज तीर क समान बनाएस ह,
किन्तु उ आपन तीरन क तरकास मँ राखिके मोर रच्छा किहेस ह।
3 यहोवा मोका बताएस ह, “इस्राएल, तू मोर सेवक अहा।
मइँ तोहरे संग मँ अजूबा काम करब।”
4 मइँ कहेस, “महँ कड़ी मेहनत किहे रहे हउँ,
किन्तु मइँ कछू भी पूरा नाहीं किहस।
मइँ आपन सब सक्ति लगाइ दिहेस,
किन्तु मइँ कउनो काम पूरा नाहीं कइ सकेउँ!
एह बरे यहोवा क मोर बरे जरूर निआव करइ चाही।
मोर परमेस्सर क मोरे प्रतिफल क निर्णय जरूर करइ चाही।
5 यहोवा ही एक अहइ जउन मोका अपना सेवक उ टेम मँ बनाएस ह जे टेम मइँ आपन महतारी क गर्भ मँ रहा।
उ मोका बनाएस ताकि मइँ याकूब क लोगन क ओकरे लगे लउटाइके लइ आउँ बरे,
अउर इस्राएलियन क धर्म-संध मँ जमा कइ बरे लउटाइके लइ आउँ।
यहोवा मोका मान देइ।
मइँ परमेस्सर क स्तुति गीत गाएस।”[a]
6 अब, यहोवा कहत ह: 6 “याकूब क पुन:स्थापित करइ
अउर इस्राएल क बचा भवा क जेका परमेस्सर बचाएस रहा
वापिस लइ आवइ महत्वपूर्ण अहा।
किन्तु मोर सेवक मोरे लगे तोहरे बरे एह स जियादा महत्वपूर्ण कार्य अहइ।
मइँ तोहका पूरे धरती क उद्धार करइ बरे
‘रास्ट्र बरे एक प्रकास’ बनाएउँ ह।”
7 इहइ इस्राएल यहोवा ह, इस्राएल क पवित्तर ह,
इस्राएल क रच्छा करत ह अउर यहोवा कहत ह,
“मोर दास विनम्र अहइ
जउन सासकन क सेवा करत ह,
अउर लोग ओहसे घिना करत हीं।
राजा ओकर दर्सन करिहीं अउर ओकरे सम्मान मँ खड़ा होइहीं।
महान नेता भी ओकरे समन्ना निहुरिहीं,”
काहेकि यहोवा बिस्सवासी अहइ। इस्राएल ही एक पवित्तर अहइ जेका यहोवा चुनेस ह।
22 नगर मँ मइँ कउनो मन्दिर नाहीं देखाई पड़ा। काहे बरे कि सबसे सर्वसक्तिमान पर्भू परमेस्सर अउर मेमना ओकर मन्दिर मँ रहेन। 23 उ नगर क कउनो सूरज या चाँद क जरुरत नाहीं रही जउन ओका रोसनी देइ काहे बरे कि उ परमेस्सर क महिमा स खुदइ प्रकासित रहा। अउर मेमना उ नगर क दिया बाटइ।
24 सब जातियन क मनई इहइ दीपक क रोसनी क सहारे आगे बड़िहइँ। अउर इ धरती क राजा आपन सुन्दरता इ नगर मँ लइ अइहीं। 25 दिन क समइ एकर दरवाजा कबहूँ बन्द न होइहीं अउ हुवाँ रात तउ कबहूँ होइ न करी। 26 जातियन क वैभव अउर धन सम्पत्ति क उ नगर मँ लिआवा जाई। 27 कउनो गन्दी चीज ओहमाँ घुसइ न पाई। अउर न तउ लज्जा भरा काम करइवालेन अउर झूठ बोलइवालेन ओहमाँ घुसइ न पाइही। ओहमाँ ओनहीं मनई घुसइ पाइहीं जउने क नाउँ मेमना जीवन क पुस्तक मँ लिख अहइ।
14 तब फरीसियन हुवाँ स चला गएन अउर ओका मार डावइ क तरकीब गूंथइ मथइ लागेन।
ईसू उहइ करत ह जेकरे बरे परमेस्सर ओका चुनेस
15 ईसू इ जान गवा अउर हुवाँ स चला गवा। भारी भीड़ पाछे पाछे होइ गइ। उ ओनका चंगा करत 16 चिताउनी दिहस कि ओकरे बारे मँ मनइयन क कछू न बतावइँ। 17 इ एह बरे भवा कि नबी यसायाह पर्भू क बारे मँ जउन कछू कहेस ह, उ पूरा होइ जाइ:
18 “इ मोर सेवक अहइ,
मइँ जेका चुनेउ हउँ।
इ मोर पिआरा अहइ,
ऍहसे मइँ आनंद मँ हउँ
आपन आतिमा ऍह प मइँ रखियउँ
सब देसन क सब मनइयन क इ निआव क एलान करी।
19 इ कबहुँ नाहीं चिचिआई,
या झगड़ी ही मनइयन ऍका गली कूचा मँ न सुनिहइँ
20 उ सरते क न उ तोड़ीन
इ बुझत दिया तलक उ न बुझाई डटा रही
तब ताई जब ताईं निआव क जीत न होइ जाई।
21 तब फिन सबइ लोग आपन आसा ओहमाँ बँधिहीं, फिन उहइ नाउँ मँ।” (A)
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.