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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 80

करार क कुमुदिनी धुन पइ संगीत निर्देसक बरे आसाफ क एक ठु स्तुति गीत।

हे इस्राएल क चरवाहा, तू हमार सुनि ल्या।
    तू जउन यूसुफ क लोगन क अगुवाई करत ह।
तू जउन राजा क तरह करूब सरगदूत पइ विराजत अहा।
    तू आपन आप क परगट करा।
एप्रैम, बिन्यामीन अउ मनस्से क सामने तू आपन महिमा देखावा,
    अउर आपन सक्ति स हमका बचाइ ल्या।
हे परमेस्सर, हमका आपन बरे पुन: स्थापित कइ ल्या।
    तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम लोग बच सकी।
हे सर्वसक्तिमान परमेस्सर यहोवा, कब तलक तू कोहान रहब्या
    अउर कब तलक तू हमरी पराथना क रद्द करब्या।
आपन मनवइयन क तू बस खाइ क आँसू दिहा ह।
    तू आपन मनवइयन क पिअइ बरे आँसुअन स लबालब पिआला दिहा।
तू हम लोगन क कूछ अइसा बिसय बनइ दिहा जउने पइ हमार पड़ोसियन झगड़त हीं।
    हमार दुस्मन हम लोगन क मसखरी उड़ावत हीं।
हे परमेस्सर तू हम लोगन क आपन बरे पुनःस्थापित कइ ल्या।
    तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम बच सकी।

पुराने जमाना मँ, तू हमका एक ठु बहोत महत्वपूर्ण पउधा सा समुझया।
    तू आपन दाखलता मिस्र स बाहेर लिआया।
तू दूसर लोगन क इ धरती तजि देइ क मजबूर किहा
    अउर हिआँ तू आपन खुद क दाखलता रोप दिहा।
तू दाखलता रोपइ क धरती तइयार किहा, ओकरी जड़न क पक्की करइ बरे तू सहारा दिहा
    अउर फिन हाली ही दाखलता धरती पइ हर कइँती फइल गइ।
10 इ आपन छाया स पहाड़न क ढाँपि लिहा
    हिआँ तलक कि ओकर पात बड़का देवदार बृच्छ क भी ढाँकि लिहस।
11 ऍकर दाखलता भूमध्य सागर तलक फइलि गइन।
    ऍकर जड़ परात नदी तलक फइला गइ।
12 हे परमेस्सर, तू उ सबइ देवार काहे गिराइ दिहा, जउन तोहरी दाखलता क रच्छा करत रही।
    अब उ हर कउनो जउन हुवाँ स गुजरत ह, हुवाँ स अंगूर क तोड़ लेत हीं।
13 बनैला सुअरन आवत हीं, अउर तोहार दाखलता क रौंदन भए गुजर जात हीं।
    जंगली जनावर आवत हीं, अउर ओकर पातिन चर जात हीं।
14 हे सर्वसक्तीमान परमेस्सर, वापिस आवा।
    फुन स आपन दाखलता पइ सरगे स खाले लखा, अउर एकर रच्छा करा।
15 हे परमेस्सर, आपन उ जड़ क लखा, जेका तू खूद आपन हाथे स रोपे रह्या।
    इ नान्ह पौधन क लखा जेका तू बढ़ाया ह।
16 तोहार दाखलता गोबर क उपलन जइसा आगी मँ जरावा गवा।
    तोहरे डाँट फटकारन क कारण एकर लता नास होइ गवा।

17 हे परमेस्सर, तू आपन हाथ उ मनई पइ धरा जउन तोहरे दाहिन कइँती अहइ।
    उ मनई[a] पइ आपन हथवा धरा जेका तू खुद पाल्या।
18 तउ मइँ तोहका नाहीं तजब।
    तू हम पचन क नवा जिन्नगी द्या ताकि हम लोग तोहार आराधना करइ सकब।
19 सर्वसक्तिमान यहोवा परमेस्सर, तू आपन बरे पुनःस्थापित कइ ल्या।
    तू हम लोगन पइ कृपा करा ताकि हम पचे जी सकी।

भजन संहिता 77

“यदूतन” राग पइ संगीत निर्देसक बरे आसाफ क भजन।

मइँ मदद पावइ बरे परमेस्सर क गोहराउब।
    मइँ परमेस्सर क गोहराउब अउर उ मोका सुनी।
जब मइँ दुःख मँ रहेउँ तउ मइँ यहोवा क सरण मँ आवा।
    मइँ सारी रात तोह तलक पहोंचइ जूझा हउँ।
    मइँ एका नाहीं छोड़ा अउर आराम तलक नाहीं किहेउँ।
मइँ परमेस्सर क याद करत हउँ किन्तु मइँ बेचेन हउँ।
    अउर ओका बतावा कि मइँ कइसा अनुभव करत हउँ।
किन्तु फुन भी मइँ अइसा नाहीं कइ सकत हउँ।
    मइँ बोलन चाहता रहेउँ, किन्तु मइँ बहोत उदास रहेउँ। (सेला)
तू मोका सोवइ नाहीं दिहा।
    मइँ उदास रहेउँ, ऍह बरे मइँ कछू नाहीं कह सकत हउँ।
मइँ अतीत क बातन बरे सोचेउँ।
    बहोत दिना पहिले जउन बातन घटी भइ रहिन ओन घटनन क बारे मँ मइँ सोचेउँ।
राति मँ, मइँ आपन गीतन क बारे मँ सोचा करत रहेउँ।
    मइँ आपन आप स बातन किहेउँ।
    मइँ समुझइ बरे जतन किहेउँ।
मोका इ हैरानी अहइ कि “का मोर सुआमी मोका सदा बरे तजि दिहे अहइ?
    का उ हमका फुन नाहीं चाही?
का परमेस्सर क पिरेम हमेसा बरे खतम होइ गवा अहा?
    का उ मोहे स फिन कबहुँ बात नाहीं करी?
का परमेस्सर दाया दिखावइ भूल गवा ह?
    का ओकर करुणा किरोध में बदल गइ बाटइ?”

10 मइँ फुन इ सोचा करत हउँ, “उ सोच जउन मोका दर्द देत अहइ:
    ‘का सर्वोच्च परमेस्सर आपन निज सक्ति दिखावइ बन्द कइ दिहस ह?’”

11 सक्ति भरा उ काम जेनका यहोवा किहस ह ओका याद रखा।
    हाँ उ कामन जेनका तू पहिले किहा ह मोका याद बाटइ।
12 मइँ ओन सबहिं कामन क जेनका तू किहा ह सोचे हउँ।
    जेन कामन क तू किहा मइँ धियान देत हउँ।
13 हे परमेस्सर, तोहार निवास स्थान पवित्तर अहइँ।
    कउनो भी अइसा महान नाहीं अहइ जइसा तू अहा।
14 तू ही उ परमेस्सर अहा जउन अद्भुत काम किहा।
    तू रास्ट्रन क आपन निज महासक्ति देखाँया।
15 तू आपन सक्ति क प्रयोग किहा अउर आपन लोगन क बचाइ लिहा।
    तू याकूब अउ यूसुफ क संतानन क बचाइ लिहा।

16 हे परमेस्सर, सागर तोहका लखेस अउर जब उ तोहका लखेस तउ डेराइ गवा।
    गहिर समुद्दर डर स थर-थर काँप उठा।
17 घनघोर बादरन स ओनकर पानी छूट पड़ा रहा।
    ऊँच बादरन स जोर क गर्जब लोग सुनेन।
    फुन ओन बादरन स बिजुरी क तोहार बाण नीचे चलेन।
18 तोहार बिजुरी क गर्जन आंधी भरे हवा मँ फुन गर्जेस,
    तोहार बिजुरी चमचमात भवा जगत पइ चमक उठी।
    धरती हिल गइ अउर थर-थर काँपि गइ।
19 हे परमेस्सर, तू गहिर समुद्दर मँ पैदर चल्या।
    तू चलिके ही सागर पार किहा।
    मुला तू कउनो पद चीन्हा नाहीं छोड़्या।
20 तू मूसा अउ हारून क उपयोग
    आपन मनवइयन क अगुआई भेड़िन क झुण्ड क नाई करइ मँ किहा।

भजन संहिता 79

आसाफ क एक ठु गीत।

हे परमेस्सर, विदेसी लोग तोहरे सेवकन क संग लड़इ बरे आवा अहइँ।
    उ मनइयन तोहरे पवित्तर मन्दिर क बर्बाद किहन,
    अउ यरूसलेम क उ पचे खण्डहर बनाइ दिहन।
तोहरे चेलन क ल्हासन क उ पचे जंगली पंछी क खाइ बरे डाइ दिहन।
    तोहरे मनवइयन क ल्हासन क उ पचे जनावरन क खाइ बरे डाइ दिहन।
ओन लोगन तोहार लोगन क रक्त पानी जइसा यरूसलेम क चारिहुँ कइँती फइलाएन।
    ओनकर ल्हासन क दफनावइ क कउनो भी नाहीं बचा।
हमार पड़ोसी देस हमका अपमानित किहन ह।
    हमरे आस पास क लोग सबहिं हँसत हीं, अउर हमार मसखरी उड़ावत हीं।
हे यहोवा कब तलक अइसा रहब्या, का तू सदा क बरे हम पइ कोहान रहब्या?
    का तोहार किरोध आगी क तरह धधकत रही?
आपन किरोध क ओन रास्ट्रन क विरोध मँ जउन तोहका नाहीं पहिचानतेन मोड़ द्या
    आपन किरोध क ओन रास्ट्रन क खिलाफ मोड़ द्या जउन तोहरे नाउँ क मदद बरे नाहीं पुकारतेन।
काहेकि उ सबइ रास्ट्र याकूब क नास किहन।
    उ पचे याकूब क देस क नास किहन।
तू हमरे पुरखन क पापन बरे कृपा कइके हमका सजा जिन द्या।
    हाली करा, तू हम पइ निज करुणा हाली देखॅावा
    काहेकि हम पचन्क बहोत अपमानित बाटइ।
मोर परमेस्सर, मोर उद्धारकर्ता, हमका सहारा द्या।
    आपन ही नाउँ क महिमा बरे हमार मदद करा।
हमका बचाइ ल्या।
    निज नाउँ क महिमा क खातिर हम लोगन क पाप क प्रायस्चित करा।
10 दूसर रास्ट्रन क लोगन क तू इ जिन कहइ द्या,
    “ओनकर परमेस्सर कहाँ बाटइ? का उ ओनका सहारा नाहीं दइ सकत ह?”
हे परमेस्सर, ओन लोगन क दण्ड द्या ताकि उ सजा क हम भी लखि सकी।
    ओन लोगन क तोहरे सेवकन क मारइ क सजा द्या।
11 जेलि मँ बंद भए लोगन क कराहब कृपा कइके सुना।
    हे परमेस्सर, तू निज महासक्ती प्रयोग मँ लिआवा अउर ओन लोगन क बचाइ ल्या जेनका मरइ बरे ही चुना गवा ह।
12 हे यहोवा हमरे आस-पास क रास्ट्रन क सात गुना सज़ा द्या
    काहेकि उ पचे तोहका अपमानित किहेन ह।
13 हम तउ तोहार लोग अही, हम तोहरे झुण्ड भेड़ी अही जेका तू पालत ह।
    हम तोहार गुनगान सदा करब।
    हे परमेस्सर हम सदा तोहार महिमा क बारे मँ बताउब।

नहेमायाह 9:1-25

इस्राएल क लोगन क जरिये अपने पापन क अंगीकार

फुन उहइ महीने क चौबीसवीं तारीख क एक दिन क उपवास क बरे इस्राएल क लोग आपुस मँ एकट्ठे भएन। उ पचे इ देखावइ क बरे कि उ पचे दुःखी अउर बेचैन अहइँ, उ पचे सोक वस्त्र धारण किहन, अपने अपने मूँडन पइ राखी डाएन। उ सबइ लोग जउन इस्राएल मँ जनमा रहेन, उ पचे बाहेर क लोगन स अपने आप क अलग कइ दिहन। इस्राएली लोग खड़े होइके अपने अउर अपने पुरखन क पापन क कबूल किहन। उ सबइ लोग हुवाँ लगभग तीन घण्टे खड़े रहेन अउर उ पचे अपने यहोवा परमेस्सर क व्यवस्था क विधान क किताब क पाठ किहन अउर फुन तीन घण्टे उ पचे यहोवा परमेस्सर क समन्वा आपन मुँड़े क खाले निहुरेन अउर ओकर आराधना किहेन अउर अपने पापन क कबूल किहन।

फुन लेवीबंसी येसू, बानी, कदमीएल, सबन्याह, बुन्नी, सेरेब्याह, बानी अउर कनानी मंच पइ खड़े होइ गएन अउर उ पचे अपने परमेस्सर यहोवा क ऊँच सुर मँ गोहराएन। एकरे पाछे लेवीबंसी येसू, कदमीएल, बानी, हसबन्याह, सेरेब्याह, होदियाह, सबन्याह अउर पतहयाह फुन कहेस। उ पचे बोलेन: “खड़े होइ जा अउर अपने यहोवा परमेस्सर क स्तुति करा। परमेस्सर सदा स जिअत रहा। अउर सदा ही जिअत रही।

“लोगन क चाही कि स्तुति करइँ तोहरे बडकईवाले नाउँ क।
    सबहिं आसीसन अउ सारे गुण गानन स नाउँ ऊपर उठइ तोहार।
तू तउ परमेस्सर अहा।
    यहोवा, बस तू ही परमेस्सर अहा।
अकासे क तू बनाया ह।
    सब स ऊँच अकासन क रचना किहा तू,
अउर जउन कछू अहइ ओनमाँ सब तोहार बनावा अहइ!
    धरती क रचना किहा तू ही,
अउर जउन कछू धरती पइ अहइ।
    सागर क, अउर जउन कछू अहइ सागर मँ।
तू बनाया ह हर कउनो वस्तु क जिन्नगी तू देत ह!
    सितारे सारे अकास क, निहुरत हीं समन्वा तोहरे अउर उपासना करत हीं तोहार।
यहोवा तू ही परमेस्सर अहा।
    तू मोका कसदियन क ऊर जगह स बाहेर निकालेस ह।
तू ओकर नाउँ बदलेस ह
    अउर ओका नाउँ इब्राहीम दिहेस ह।
तू इ लखे रह्या कि उ सच्चा अउर निस्ठावान रहा तोहरे बरे।
    कइ लिहा उ साथ ओकरे वाचा एक ओका देइ क धरती कनान क बचन दिहा तू धरती,
जउन हुवा करत रही हित्तियन क अउर एमोरियन क।
    धरती, जउन हुवा करत रही परिज्जियन, यबूसियन अउर गिर्गासियन क।
मुला बचन दिहा तू उ धरती क देइ क इब्राहीम क संतानन क
    अउर आपन बचन उ पूरा किहा तू काहे? काहेकि तू उत्तिम अहा।
यहोवा लखत रहा तड़पत भए तू हमरे पुरखन क मिस्र मँ।
    गोहरावत मदद क लाल सागर क तट पइ तू ओनका सुने रह्या।
10 फिरौन क तू देखाए रह्या चमत्कार।
    तू हाकिमन क ओकरे अउर ओकरे लोगन क देखाए रह्या अद्भुत करम।
तोहका इ गियान रहा कि सोचा करत रहे मिस्री कि
    उ पचे उत्तिम अहइँ हमरे पुरखन स।
किन्तु साबित कइ दिहा तू कि तू केतना महान अहा।
    अउर अहइ ओकर याद बनी भइ ओनका आजु तलक भी।
11 सामने ओकरे लाल सागर क बाटँ दिहा तू,
    अउर उ पचे पार होइ ग रहेन झुरान धरती पइ चलत भए।
मिस्र क फउजी पाछा करत रहेन ओनका।
    मुला बोर दिहा तू ही रह्या दुस्मन क सागर मँ।
    अउर उ पचे बूड़ गएन सागर मँ जइसे बूड़ जात ह पानी मँ पाथर।
12 मीनार जइसे बादर स दिन मँ ओनका राह तू देखाँया
    अउर आगी क खंभे क प्रयोग कइके राति मँ ओनका तू देखाँया रहा।
मार्ग क तू ओनके इ तरह कइ दिहा ज्योतिर्मय
    अउर देखाइ दिहा ओनका कि कहाँ ओनका जाब अहइ।
13 फुन तू उतर्या सीनै पहाड़ पइ
    अउर अकासे स तू रह्या ओनका सम्बोधित किहा।
उत्तिम विधान दइ दिहा तू ओनका सच्ची सिच्छा क रहा तू दिहा ओनका।
    व्यवस्था क विधान ओनका तू दिहा
    अउर तू दिहा आदेस ओनका बहोत उत्तिम।
14 तू बताया ओनका सबित यानी अपने विस्राम क बिसेस दिन क विसय मँ।
    तू अपने सेवक मूसा क जरिये ओनका आदेस दिहा।
    व्यवस्था क विधान दिहा अउर दिहा सिच्छन।
15 जब ओनका भूख लगी,
    बरसाइ दिहे भोजन रह्या, तू अकासे स।
जब ओनका पियास लाग,
    चटान स परगट किहे तू रह्या जल क
अउर कहे तू रह्या ओनसे
    ‘आवा, लइ ल्या इ प्रदेस क।’
तू बचन दिहा ओन क
    उठाइके हाथ इ प्रदेस क ओनका।
16 मुला उ सबइ पुरखन हमारे होइ गएन अभिमानी; उ पचे होइ गए हठी रहेन।
    कइ दिहन उ पचे मना आग्यन मानइ स तोहार।
17 कइ दिहन उ पचे मना सुनइ स।
    उ पचे भूलेन ओन अचरज भरी बातन क जउन तू ओनके संग किहे रह्या।
उ पचे होइ गएन जिद्दी।
    बिद्रोह उ पचे किहन, अउर बनाइ लिहन, आपन एक नेता जउन ओनका लउटाइके लइ जाइ, फुन ओनकर उहइ दासता मँ।

“मुला तू तउ अहा दयावान परमेस्सर।
    तू अहा दयालु अउर करुणापूर्ण,
धीरजवान, अउ पिरेम स भरा अहा तू।
एह बरे तू रह्या त्यागा नाहीं ओनका।
18 चाहे उ पचे बनाइ लिहन सोने क बछवा अउर कहेन,
    ‘बछवा अब देव अहइ तोहार’ इहइ स निकारा रहा तू पचन्क मिस्र स बाहर मुला ओनका तू त्यागा नाहीं।
19 तू बहोत ही दयालु अहा।
    एह बरे तू ओनका रेगिस्ताने मँ त्यागा नाहीं।
दूर ओनसे हटाया नाहीं दिन मँ तू
    बादर क खम्भन क मारग
तू देखावत रहा ओनका।
अउर राति मँ तू रह्या दूर किहे नाहीं ओनसे
    आगी क पुंज क।
प्रकासित तू करत रह्या रास्ते क ओनके।
    अउर तू देखावत रह्या कहाँ ओनका जाब अहइ।
20 निज उत्तिम चेतना, तू दिहा ओनका ताकि तू बिवेकी बनाया ओनका।
    खाइ क देत रह्या, तू ओनका ‘मन्ना’
    अउर पियास क ओनका तू देत्या रहा पानी।
21 तू रख्या ओनकर धियान चालीस बरिसन तलक रेगिस्तान मँ।
    ओनका मिली हर वस्तु जेकर ओनका दरकार रही।
ओढ़ना ओनकर फटे तलक नाहीं गोड़न मँ
    ओनके कबहुँ नाहीं आई सूजन कबहुँ कउनो पीरा मँ।
22 यहोवा तू दिहा ओनका राज्ज, अउर ओनका दिहा जातियन
    अउर दूर सुदूर क जगह रहिन ओनका दिहा जहाँ बसत रहेन कछू लोग
धरती ओनका मिल गइ सीहोन क, सीहोन जउन हसबोन क राजा रहा धरती ओनका मिल गइ
    ओग क, ओग जउन बासान क राजा रहा।
23 तू ओनका अनन्त संतान
    जेतने अंबर मँ तारे अहइँ दिहा ह।
ओनका तू उ धरती लइ आया
    जेकरे बरे ओनके पुरखन क तू कहे रहा कि
    उ पचे हुवाँ जाइँ अउर ओह पइ अधिकार करइँ।
24 धरती उ ओन संतानन लइ लिहन।
हुवाँ रह रहे कनानियन क उ पचे हराइ दिहन।
    पराजित कराया तू ओनसे
ओन लोगन क साथ ओन प्रदेसन क
    अउर ओन लोगन क उ पचे जइसा चाहइँ वइसा करइँ अइसा रहा तू कराइ दिहा।
25 सक्तीसाली नगरन क उ पचे हराइ दिहन।
    कब्जा किहन उपजाउ धरती पइ उ पचे।
उत्तिम चिजियन स भरे भए लइ लिहन उ पचे घर; खोदे भए कुअन क लइ लिहन उ पचे।
    लइ लिहन उ पचे रहेन बगीचे अंगूर क।
जइतून क बृच्छ अउ फलन क बृच्छ भर पेट खाया
    उ पचे करत रहेन तउ उ पचे होइ गएन मोटे।
तोहार दीन्ह सबहि अद्भुत चिजियन क आनन्द उ पचे लेत रहेन।

प्रकासित वाक्य 18:1-8

बेबीलोन क नास

18 एकरे बाद मइँ एक अउर सरगदूत क अकास स बड़ा भव्यता स नीचे उतरत देखेउँ। ओकरी महिमा स समूची धरती चमकइ लाग। जउने जोरदार आवाज़ स पुकारत उ बोला:

“मिट गइ!
    बेबिलोन महानगरी मिट गइ!
उ दुस्ट आतिमन क रहस्य क घर बन गइ रही,
    उ असुद्ध मनइयन क आत्मा क बसेरा बन गइ रही,
अउर नफरत करइ लायक चिड़ियन क घर बन गइ रही।
    उ तमाम गन्दा, निन्दा करइ लायक जनावरन क बसेरा बन गइ रही।
काहेकि उ सबक व्यभिचार क क्रोध क मदिरा पिआए रही।
    जउने इ दुनिया क राजा क खुदइ जगाए रही,
ओकरे साथे व्यभिचार करे रहेन सासक लोग
    अउर ओनके भोगइ स इ दुनिया क धनी व्यापारी बना रहे।”

अकास स मइँ एक अउर अवाज़ सुनेउँ जउन कहत रही:

“अरे मोर मनइयन! तू उ सहर स बाहर निकर जा,
    ओनके पापन्ह क कतहूँ तू गवाहन न बनब्या,
    कतहूँ अइसा न होइ, कि जउन ओके नास रहेन, तोहरेन ऊपर न गिर जाइँ।
काहे बरे कि ओकरे पाप क गठरी आसमान तक ऊँची अहइ।
    परमेस्सर ओकरे बुरा काम क याद करत अहइ।
अरे! जइसेन कि उ तोहरे साथे करे रहा, वइसेन तू भी ओनके साथ करा
    उ तोहरे साथे जइसेन करे रहा, तू ओकर दुगना ओकरे साथे करा,
दूसरे क बरे उ तोहका जउने कटोरा मँ तीत दाखरस पिआए रह्या,
    तू ओका ओसे दुगुना तीत दाखरस पिआवा।
काहे बरे कि उ खुदइ क जउन महिमा अउर वैभव दिहेस,
    तू ओका यातना कहर अउर पीड़ा द्या।
काहे बरे कि उ खुदइ स कहति रही ह, ‘मइँ खुदइ राजा क आसन प बइठी महारानी अहउँ,
    मइँ विधवा न करबइ,
    इ बरे सोक न करा।’
इही बरे जउन नास होइ क तय होइ ग अहइ,
    उ एक ही दिन मँ ओका घेर लेइहीं।
महामृत्यु, महारोदन अउ दुर्भिच्छ भीसण अउर कइ देइहीं ओनका जलाय क राख, काहे बरे
    कि परमेस्सर पर्भू बहोत ताकतवर अहइ, अउर ओनही ओकर निआव करत अहइँ।”

मत्ती 15:1-20

मनई क बनवा बिधान स परमेस्सर क व्यवस्था बड़वार अहइ

(मरकुस 7:1-23)

15 फिन कछू फरीसियन अउर धरमसास्तिरियन यरूसलेम स ईसू क लगे आएन अउर ओसे पूछेन, “तोहार चेलन हमरे पूर्वजन क रीति रिवाज क काहे नाहीं मनतेन? उ पचे खइया खाइ स पहिले आपन हथवन क काहे नाहीं धोउतेन!”

जबावे मँ ईसू ओनसे पूछेस, “आपन रीति रिवाजन क कारण तू परमेस्सर क हुकुम क काहे टारत ह काहेकि परमेस्सर तउ कहेस, ‘तू आपन महतारी बाप क इज्जत करा’(A) अउर जउन कउनो, ‘महतारी बाप क बेज्जत करइ, ओका जरूर मार डावइ चाही।’(B) मुला तू कहत ह कि अगर कउनो आपन महतारी बाप स कहइ, ‘मइँ आपन सब कछू परमेस्सर क अर्पन कइ दिहे हउँ, एह बरे तोहार मदद नाहीं कइ सकत हउँ।’ इ तरह ओका आपन बाप क मानइ क जरूरत नाहीं। एह तरह तू आपन रीति रिवाजे क कारण परमेस्सर क हुकुम क नाहीं मान्या। अरे कपटी मनइयो! तोहरे बारे मँ यसायाह ठीक ही भविस्सबाणी किहेस। उ कहे रहा:

‘इ सबइ सिरिफ ओंठन स कि हमार मान करत हीं,
    मुला रहत ऍनकइ मन मोसे सदा दूर
अर्पन भइ आराधना मोका ऍनकी बगैर कामे की काहेकि
    सिखउतेन इ सबइ मनइयन क कहिके आपन धरम क उपदेस बनवा नेम मनई क।’” (C)

10 उ भिड़िया क आपन नगिचे बोलाऍस अउर ओनसे कहेस, “सुना अउर समझ ल्या कि 11 मनई क मुँहे स जउन भीतर जात ह उ ओका अपवित्तर नाहीं करत, मुला ओकरे मुँहना स निकरा सब्द ओका अपवित्तर करत ह।”

12 तब ईसू क चेलन ओकरे निअरे आएन अउर बोलेन, “का तोहका पता बाटई कि तोहरे बात क फरीसियन बहोत बुरा मान गएन?”

13 ईसू जबाव दिहेस, “हर पउधा जेका सरगे मँ बसा मोर परमपिता नाहीं लगाएन, ओका उजाड़ दीन्ह जाई। 14 ओनका तजि द्या, उ सबइ तउ आँधरन क नेता अहइँ। जदि एक आँधर दुसरे आँधर क राह देखावत ह, तउ उ दुइनउँ गड़हा मँ गिरि जात हीं।”

15 जबावे मँ पतरस ओसे कहेस, “हम पचन क पवित्तर न होइ क बारे मँ पहिले दीन्ह मँ दिस्टान्त क समझावा।”

16 ईसू कहेस, “का तू अबहूँ नाहीं समझया? 17 का तू नाहीं जानत अहा कि जउन कछू कउनो क मुँहे मँ जात ह, उ ओकरे पेटे मँ पहुँचत ह अउर फिन टट्टी स निकर जात ह 18 मुला जउन मनई क मुँहे स बाहेर आवत ह, उ ओकरे मने स निकरत ह। इहइ ओका अपवित्तर करत ह। 19 काहेकि बुरा बिचार, कतल, व्यभिचार, बुरी चाल, चोरी, झूठ अउर निन्दा सबइ बुराई मनवा स ही आवत हीं। 20 इहइ अहइँ जेसे कउनो अपवित्तर बनत ह। बे हाथ धोए खाइ स कउनो अपवित्तर नाहीं होत।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.