Book of Common Prayer
संगीत निर्देसक बरे सुदूर बाँझ बृच्छन क कबूतर नाउँ क धुन पइ दाऊद क उ समइ क प्रगीत जब गात सहर मँ ओका पलिस्तियन घेर लिहे रहेन।
1 हे परमेस्सर, मोह पइ दयालु रहा, काहेकि लोग मोह पइ वार किहेन ह।
उ पचे मोरे खिलाफ समूचइ दिन लड़त रहत रहेन।
2 मोर दुस्मन सारा दिन मोह पइ वार करत रहेन।
हुआँ पइ डटा भए अनगिनत जोद्धा अहइँ।
3 समूचइ दिन, जब कबहुँ मइँ डेरात हउँ,
तउ मइँ तोह पइ भरोसा करबउँ।
4 मइँ परमेस्सर क भरोसे अहउँ, तउ मइँ डेरान नाहीं अहउँ।
लोग मोका नस्कान नाहीं पहोंचाइ सकतेन।
मइँ परमेस्सर क बचनन बरे ओकर बड़कई करत हउँ जउन मोका दिहेस।
5 मोर दुस्मन सदा मोरे सब्दन क तोड़त मरोड़त रहत हीं।
मोरे खिलाफ उ पचे सदा कुचक्र रचत रहत हीं।
6 उ पचे आपुस मँ मिलिके अउर लुक छिपिके मोर हर बाते क टोह लेत रहत हीं।
मोर प्राण हर लेइ क कउनो राह सोचत हीं।
7 हे परमेस्सर, ओनका बचिके निकरइ जिन द्या।
ओनके बुरे करमन क सजा ओनका द्या।
8 तू इ जानत अहा कि मइँ बहोत बियाकुल अहउँ।
तू इ जानत अहा कि मइँ तोहका केतना पुकारेउँ ह?
तू निहचय ही मोरे सबइ आँसुअन क लेखा-जोखा रखे भए अहा।
9 तउ अब मइँ तोहका मदद पावइ क पुकारब।
मोरे दुस्मनन क तू हराइ द्या।
मइँ इ जानत हउँ कि तू इ कइ सकत अहा।
काहेकि तू परमेस्सर अहा।
10 मइँ परमेस्सर क गुण ओकरे वचन बरे गावत हउँ।
मइँ परमेस्सर क गुणन क ओकरे उ बचन बरे गावत हउँ जउन उ मोका दिहेस ह।
11 मोका परमेस्सर पइ भरोसा अहइ एह बरे मइँ नाहीं डेरात हउँ।
लोग मोर बुरा नाही कइ सकतेन।
12 हे परमेस्सर, मइँ जउन तोहार मन्नतन मानेउँ ह, मइँ ओनका पूरा करब।
मइँ तोहका धन्यवादे क भेंट चढ़ाउब।
13 काहेकि तू मोका मउत स बचाया ह।
तू मोका हार स बचाया ह
एह बरे मोका परमेस्सर क सेवा
हिआँ रहइवाला लोगन क समन्वा करइ चाही।
संगीत निर्देसक बरे “नास जिन करा” नाउँ क धुन पइ उ समइ क दाऊद क एक कलात्मक जब उ साऊल स पराइके गुफा मँ जाइके लुकान रहा।
1 हे परमेस्सर, मोह पइ करुणा करा।
मोह पइ दयालु ह्वा काहेकि मोरे मनवा क आस्था तोहमाँ बाटइ।
मइँ तोहरे लगे तोहार ओट पावइ क आवा हउँ।
जब तलक संकट दूर न होइ।
2 मइँ सर्वोच्च परमेस्सर क मदद बरे बुलाएउँ।
उ मोर पूरी तरह धियान रखत ह।
3 उ सरग स मोरे बरे मदद पठवत ह अउ मोका बचाइ लेत ह।
जउन लोग मोका सतावा करत हीं।
परमेस्सर आपन सच्चा पिरेम
अउर विस्सासी मोह पइ देखाँवत ह।
4 मोर दुस्मनन मोका चारिहुँ कइँती स घेरि लिहन ह।
मोर प्राण संकट मँ अहइँ।
उ पचे अइसेन अहइँ, जइसे नर भच्छी सिंह
अउर ओनकर तेज दाँत भालन अउ तीर स
अउर ओनकर जीभ तेज तरवार क जइसी अहइ।
5 हे परमेस्सर, तू महान अहा।
तोहार महिमा धरती पइ छाई बाटइ, जउन अकासे स ऊँच अहइ।
6 मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल फइलाएन ह।
मोका फँसावइ क उ पचे जतन करत अहइँ।
उ पचे मोरे बरे गहिर गड़हा खोदे अहइँ,
कि मइँ ओहमाँ गिरि जाउँ।
7 मुला परमेस्सर मोर रच्छा करी।
मोर भरोसा अहइ, कि उ मोरे हिम्मत क बनाए रक्खी।
मइँ ओकर जस गाथा क गावा करब।
8 मोर मन खड़ा ह्वा!
ओ सितारो अउ वीणाओ, बजब सुरू करा!
आवा, हम मिलिके भिन्सारे क जगाइ।
9 हे मोरे सुआमी, हर कउनो बरे, मइँ तोहार जस गावत हउँ।
मइँ तोहार जस गाथा हर रास्ट्र क सुनावत हउँ।
10 हे परमेस्सर तोहार बिस्ससनीय पिरेम सरगे स ऊँचा अहइ।
तोहार बिस्ससी ओतॅना ऊँचा अहइ जेतॅना आकास।
11 हे परमेस्सर तू सरगे स ऊँच अहइ,
तोहार महिमा समूचइ धरती पइ छाइ जाइ।
“नास जिन करा” धुन पइ संगीत निदेर्सक बरे दाऊद क एक ठु कलात्मक।
1 निआवधीसो, तू पचे पच्छपात रहित नाहीं रह्या।
तू लोगन क निआउ निज निर्णयन मँ निस्पच्छ नाहीं करत अहा।
2 नाहीं, तू पचे तउ सिरिफ बुरी बातन ही सोचत अहा।
इ देस मँ तू पचे हिंसा स भरा अपराध करत अहा।
3 उ सबइ दुट्ठ लोग जइसे ही पइदा होत हीं, बुरे कामन क करइ लग जात हीं।
उ पचे पइदा होत ही झूठ बोलइ लग जात हीं।
4 उ पचे उ भयानक साँप अउ नाग जइसे होत हीं, जउन सुन नाहीं सकत।
उ सबइ दुट्ठ जन भी आपन कान सच्चाई स मूँद लेत हीं।
5 बुरे लोग वइसे ही होत हीं जइसे सँपेरन क गीतन क
या ओनकर संगीतन क करिया नाग सुन नाहीं सकत।
6 हे यहोवा! उ सबइ लोग अइसेन होत हीं जइसे सिंह।
एह बरे हे यहोवा, ओनकर दाँत तोड़ा।
7 जइसे बहत जल लुप्त होइ जात ह, वइसेन ही उ सबइ लोग लुप्त होइ जइहीं।
अउर जइसे राह क उगी भइ दूब कुचर दीन्ह जात ह, वइसेन उ सबइ भी कुचरि दीन्ह जइहीं।
8 उ सबइ घोंघा क नाई होइँ जउन चलइ मँ गल जात हीं।
उ सबइ उ गदेला क नाई होइँ जउन मरा ही पइदा भवा, जउन दिन क प्रकास कबहुँ नाहीं लखेस।
9 उ सबइ उ बाड़े क काँटन क तरह हाली ही बरबाद होइँ,
जउन आगी पइ चढ़ी भइ हाँड़ी गरमावइ बरे हाली जरि जात हीं।
10 जब सज्जन ओन लोगन क सजा पावत लखत ह
जउन ओकरे संग बुरा किहेन ह,
उ खुस होत ह।
उ आपन गोड़ ओन दुट्ठन क खून मँ धोइ।
11 जब अइसा होत ह, तउ लोग कहइ लागत हीं, “सज्जनन क ओनकर फल निहचय मिलत ह।
फुरइ परमेस्सर जगत क निआउ कर्ता अहइ।”
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।
1 हे परमेस्सर, मोर सुना जइसा मइँ बोलउँ।
आपन दुस्मनन क डर स मोर रच्छा करा।
2 तू मोका मोरे दुस्मनन क गहिर सड्यंत्रन स बचाइ ल्या।
मोका तू ओन दुट्ठ लोगन स छिपाइ ल्या।
3 मोरे बारे मँ उ पचे बहोत बुरा झूठ बोलेन ह।
ओनकर जिभिया तेज तरवार जइसी अउर ओनकर कटु सब्द बाणन जइसे अहइँ।
4 उ पचे निर्दोख व्यक्ति पइ बाणन चलावइ बरे लुकाइ जात हीं।
बिना डर स उ पचे अचानक बाण चलावत ह अउर निर्दोख व्यक्ति कबहुँ नाहीं लख सकत ह कि तीर ओकरे कइंती आवत हीं।
5 उ पचे ओका हरावइ क बुरा काम करत हीं।
उ पचे झूठ बोलतेन अउ आपन जाल फइलावत हीं।
अउर उ पचे इ अच्छी तरह तय किहे अहइँ कि ओनका कउनो नाहीं धरी पकड़ी।
6 लोग बहोत कुटिल होइ सकत हीं।
उ सबइ लोग का सोचत अहइँ?
ऍका समुझ पाउब बड़ा कठिन अहइ।
7 मुला परमेस्सर आपन “बाण” मार सकत ह!
अउर एकरे पहिले कि ओनका पता चलइ, उ सबइ दुट्ठ लोग घायल होइ जात हीं।
8 दुट्ठ जन दूसरन क संग बुरा करइ क जोजना बनावत हीं।
मुला परमेस्सर ओनकर कुचक्रन क चउपट कइ सकत ह।
उ ओन बुरी बातन क खुद ओनके ऊपर खुद घटाइ देत ह।
फुन हर कउनो जउन ओनका लखत अचरजे स भरिके आपन मूँड़ी हिलावत ह।
9 जउन परमेस्सर किहेस ह, लोग ओन बातन क लखिहीं
अउर उ पचे ओन बातन क वर्णन दूसर लोगन स करिहीं,
फुन तउ हर कउनो परमेस्सर क बारे मँ अउर जियादा जानी।
उ पचे ओकर आदर करब अउ डेराब सिखिहीं।
10 तउ सबइ बिस्सासी लोगन क लगे
एक साथ परमेस्सर क स्तुति करइ क कारण होइ।
निर्देसक बरे दाऊद क एक ठू भजन।
1 हे परमेस्सर सिय्योन पर्वत पइ, हम पचे तोहका इ सान्ति पराथना भेंट किहउँ ह
अउर आपन प्रतिग्या क पूरा किहेउँ ह।
2 मइँ तोहरे ओन कामन क बखान करत हउँ, जउन तू किहा ह।
उ तू ही बाटइ जउन पराथनन क उत्तर दिह्या।
एह बरे हर कउनो मनई तोहार लगे मँ आवत हीं।
3 जब हमार पाप हम पइ भारी पड़त हीं, हमसे सहा नाहीं जाइ पावत,
तउ तू हमार ओन पापन्क हरिके लइ जात ह।
4 हे परमेस्सर, जेका तू चुन्या ह
अउर आपन आँगनन मँ बसइ बरे लिआवा ह उ पचे बहोत असीसित होइहीं।
उ पचे तोहार घर,
तोहार पवित्तर मन्दिर क बहोत बढ़ियाँ चिजियन स भरि देइहीं।
5 परमेस्सर मोर उद्धारकर्त्ता,
तू जउने तरह स लोगन क सम्मान दिहा ह इ बहोत नीक बाटइ।
तू अचरज भरा काम करा,
एह बरे दूर रास्ट्रन क लोगन अउर दूर क समुद्दरन तोहार लगे सुरच्छा बरे आइहीं।
6 परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग किहस अउ पर्वत रच डाएस।
ओकर सक्ति हम आपन चारिहुँ कइँती लखत अही।
7 परमेस्सर उफनत भवा सागर सांत किहस।
परमेस्सर जगत क सबहिं अनगिनत लोगन क बनाएस।
8 जउन अद्भुत बातन क परमेस्सर करत अहइ, ओनसे धरती क हर मनई डेरात अहइ।
परमेस्सर तू ही हर कहूँ सूरज क उगावत अउ डुबावत ह।
हर जगह लोग तोहार गुणगान करत हीं।
9 भुइँया क सारी रखवारी तू करत ह।
तू ही ऍका सींचत अउ तू ही ऍहसे बहोत सारी वस्तुअन क उपजावत अहा।
हे परमेस्सर, नदियन क पानी स तू ही भरत अहा।
तू ही फसलन क बढ़त करत अहा।
10 तू जोता भए खेतन पइ बर्खा करत अहा।
तू खेतन क जल स लबालब कइ देत ह,
अउर धरती क बर्खा स नरम बनावत ह,
अउर तू फिन पौधन क बढ़त करत ह।
11 तू नवा बरिस क सुरूआत उत्तिम फसलन स करत ह।
तू भरपूर फसलन स गाड़ियन भर देत अहा।
12 बन अउ पर्वत दूब घासे स ढँकि जात हीं।
13 भेड़िन स चरागाहन भर गइन।
फसलन स घाटियन भरपूर होत अहइँ।
हर कउनो गावत अउ आनन्द मँ ऊँचा पुकारत अहइ।
जियादा समस्यन
6 एकरे पाछे सम्बल्लत, तोबियाह, अरब क रहइवाले गेसेम अउर हमार दुस्मनन इ सुनेन कि मइँ देवार क निर्माण कराइ चुका हउँ। हम उ देवार मँ दरवाजन बनाइ चुके रहेन किन्तु तब तलक दरवाजन पइ जोड़ियन नाहीं चढ़ाई गई रहिन। 2 तउ सम्बल्लत अउर गेसेम मोरे लगे इ सँदेसा पठएन: “नेहमायाह, तू आइके हम स मिला। हम ओनो क मइदान मँ कैफरीम नाउँ क कस्बे मँ मिल सकत ही।” किन्तु ओनकर जोजना तउ मोका नोस्कान पहोंचावइ क रही।
3 तउ मइँ ओनके लगे इ जवाब क संग सँदेस पठइ दिहेउँ: “मइँ हिआँ महत्त्वपूर्ण काम मँ लगा हउँ। तउ मइँ नीचे तोहरे लगे नाहीं आइ सकत। मइँ सिरिफ एह बरे काम बन्द नाहीं करइ चाहब कि तोहरे लगे आइके तोहसे मिल सकउँ।”
4 सम्बल्लत अउ गेमेस मोरे लगे चार दाईँ वइसे ही सँदेसा पठएन अउर हर दाईँ मइँ भी ओनका उहइ जवाब पठवाइ दिहेउँ।
5 फुन पाँचवी दाई सम्बल्लत उहइ सँदेसा क संग अपने सहायक क मोरे लगे पठएस। ओकरे हाथ मँ एक पत्र रहा जउने पइ मोहर नाहीं लगी रही। 6 उ पत्र मँ लिखा रहा:
“चारिहुँ तरफ एक अफवाह फइली भइ अहइ। हर कहूँ लोग उहइ बात क चर्चा करत अहइँ अउर गेमेस क कहब अहइ कि उ फुरइ अहइ। लोगन क कहब अहइ कि तू अउर यहूदी, राजा स बगावत क जोजना बनावत रहे अहा अउर इहइ बरे तू यरूसलेम क नगर देवार क निर्माण करत अहा। लोगन क इ भी कहब अहइ कि तू ही यहूदियन क नवा राजा बनब्या। 7 अउर इ अफवाह भी अहइ कि तू यरूसलेम मँ अपने विसय मँ इ घोसणा करइ बरे भविस्सबक्ता भी चुन लिहा ह: ‘यहूदा मँ एक ठु राजा अहइ।’
“नहेमायाह! अब मइँ तोहका चितउनी देत हउँ। राजा अर्तछत्र इ बिसय क सुनवाई करी तउ हमरे लगे आ अउर हमसे मिलिके इ बारे मँ बातचीत कर।”
8 तउ मइँ सम्बल्लत क लगे इ जवाब पठवाइ दिहेउँ, “तू जइसा कहत रह्या ह वइसा कछू नाहीं होत अहइ। इ सब बातन तोहार अपनी खोपड़ी क उपज अहइँ।”
9 हमार दुस्मन बस हम क डेरावइ क जतन करत अहइँ। उ पचे अपने मने मँ सोचत रहेन, “यहूदी लोग डेराइ जइही अउर काम क चलत रखइ बरे बहोत निर्बल पड़ जइहीं अउर फुन देवार पूरी नाहीं होइ पाई।”
किन्तु मइँ अपने मन मँ इ बिनती किहेउँ, “परमेस्सर मोका मजबूत बनावा।”
10 मइँ एक दिन दलायाह क पूत समायाह क घर गएउँ। दलायाह महेतबेल क पूत रहा। समायाह क अपने घरे मँ ही रूकइ पड़त रहा। समायाह कहेस,
“नहेमायाह आवा हम परमेस्सर क मन्दिर क भीतर मिली। आवा चली भीतर हम पवित्तर ठउर क अउर बन्द दुआरन क कइ लेइ आवा, वइसा करी हम काहे काहेकि लोग अहइँ आवत रहे मारइ क तोहका। उ पचे आवत अहइँ आजु रात मार डावइ क तोहका।”
11 किन्तु मइँ समायाह स कहेउँ, “का मोरे जइसे कउनो मनई क पराइ जाइ चाही? तू तउ जानत ही अहा कि मोरे जइसे मनई क आपन परान बचावइ क बरे मन्दिर मँ भाग जाइ चाही। तउ मइँ हुवाँ नाहीं जाबउँ।”
12 मइँ जानत रहेउँ कि समायाह क परमेस्सर नाहीं पठएस ह। मइँ जानत रहेउँ कि मोरे खिलाफ उ एह बरे अइसी झूठ भविस्सबाणियन करत अहइ कि तोबियाह अउर सम्बल्लत ओका वइसा करइ बरे धन दिहस ह। 13 समायाह क मोका डेरावइ बरे भाड़े पइ रखा गवा रहा। उ पचे इ चाहत रहेन कि डरके छिपइ बरे मन्दिर मँ पराइके मइँ पाप करउँ ताकि मोका लज्जित करइ अउ बदनाम करइ क कउनो आधार होइ।
14 हे परमेस्सर! तोबियाह अउ सम्बल्लत क याद राखा। ओन बुरे कामन क याद राखा जउन उ पचे किहन ह। उ नबिया नोअद्याह अउ ओन नबियन क याद राखा जउन मोका भयभीत करइ क जतन करत अहइँ।
परकोटा पूरा होइ गवा
15 इ तरह एलूल नाउँ क महीने क पच्चीसवीं तारीख क यरूसलेम क परकोटा बनिके तइयार होइ गवा। देवार क बनिके पूरा होइ मँ बावन दिन लगेन। 16 फुन हमार सबहिं दुस्मनन सुनेन कि हम परकोटा बनाइके तइयार कइ लिहा ह। हमरे आस पास क सबहि देसन लखेन कि निर्माण कार्य पूरा होइ चुका ह। एहसे ओनकर हिम्मत टूट गइ काहेकि उ पचे जानत रहेन कि हम इ कार्य हमरे परमेस्सर क मदद स पूरा किहा ह।
17 एकरे अलावा ओन दिनन जब उ देवार बनिके पूरी होइ चुकी रही तउ यहूदा क धनी लोग तोबियाह क पत्र लिख-लिखके पत्र पठवइ लागेन, तोबियाह ओनके पत्रन क जवाब दिया करत। 18 उ पचे एन पत्रन क एह बरे पठवा करत रहेन कि यहूदा क बहोत स लोग ओकरे बरे वफादार बने रहइ क कसम उठाए भए रहेन। एकर कारण इ रहा कि तोबियाह सकम्याह क दामद रहा। जउन आरह क पूत रहा अउर तोबियाह क पूत यहोहानान बेरेक्याह क पूत मसुल्लाम क बिटिया स बियाह किहे रहे। 19 अउर उ सबइ लोग मोहसे कहत रहत रहेन कि तोबियाह केतना अच्छा अहइ अउर उधर उ पचे जउन काम मइँ किया करत रहेउँ, ओकरे बारे मँ तोबियाह क खबर देत रहेन। तोबियाह मोका डरावइ बरे पत्र पठवत रहत रहा।
सरगदूत अउर छोटी पोथी
10 फिन मइँ आकास स नीचे उतरत एक अउर बलवान सरगदूत क देखेउँ उ बादर क ओड़े रहा अउर ओकरे मूँड़े क आस पास एक मेघधनुस रहा। ओकर मुख मण्डल सूरज क तरह अउर टांग आग क खंभा जइसे रहेन। 2 आपने हाथे मँ उ एक छोटी स खुली पोथी लिहे रहा। 3 आपन दहिना पैर समुद्दर मँ अउर बांया पैर धरती प रखेस। फिन उ सेर क तरह दहाड़त जोर स चिल्लाएस। ओकरे चिल्लाए प सातउ गरजन तरजन क आवाज सुनाई देइ लाग जउन सातउ गरजन होइ चुकेन।
4 अउर मइँ लिखइवाला रहेउँ, तबइ मइँ एक आकासावाणी सुनेउँ, “सातउ गरजन जउन कछू कहे अहइ, ओका छिपाय ल्या अउर ओका न लिखा।”
5 फिन उ सरगदूत जउने क मइँ समुद्दर मँ अउर धरती प खड़ा देखे रहेउँ, अकास मँ ऊपर दाहिन हाथ उठाएस। 6 अउर जउन हमेसा स जीवित अहइ, जे अकास क अउर अकास क सब चीजन क, धरती अउर धरती प किहेस अउर समुद्दर अउर जउन कछू ओहमाँ अहइ, ओनकइ सबनक रचना करे अहइ, ओकर सपथ लइके सरगदूत कहेस, “अब अउर जियादा देर न होइ! 7 मुला जउ सातवाँ सरगदूत क सुनइ क समइ आइ अर्थात जब उ आपन तुरही बजावइवाला होइ, तबइ परमेस्सर क उ छिपी योजना (सुसमाचार) पूरी होइ जाइ जेका उ अपने सेवक अउर नबियन क बताए रहा।”
8 उ आकासवाणी जउने कि मइँ सुने रहेउँ, उ आवाज फिन मोसे कहेस, “जा अउर उ सरगदूत स जउन समुद्दर मँ अउर धरती प खड़ा अहइ ओकरे हाथे स खुली पोथी क लइ ल्या।”
9 इ बरे मइँ उ सरगदूत क पास गएउँ अउर मइँ ओसे कहेउँ कि उ छोट क पोथी मोका दइ देइ। उ मोसे कहेस, “एक ल्या अउर खाइ ल्या। एहसे तोहार पेट कड़वा होइ जाइ मुला दोहरे मुँहे मँ इ सहदउ स जिआदा मीठा बन जाइ।” 10 फिन उ सरगदूत क हाथ स मइँ उ छोट क पोथी लइ लीन्ह अउर ओका खाइ लीन्ह। मोरे मुँहे मँ इ सहद क तरह मीठ लाग मुला जब मइँ खाइ चुकेउँ तब मोर पेट कड़वा होइ गवा। 11 एह प उ मोसे बोला, “तोहका तमाम मनई, देस, जातियन क भाखा अउर राजा क बावत भविस्सवाणी करइ क पड़ी।”
गोहूँ अउर खरपतवारे क दिस्टान्त क बखान
36 फिन ईसू उ भीड़ क बिदा कइके घर आइ गवा। तब्बइ ओकर चेलन आइके ओसे कहेन, “खेते क खरपतवार क दिस्टान्त क अरथ हमका समझाइ द्या।”
37 जवाबे मँ ईसू बोला, “जउन उत्तिम बिआ बोए रहा, उ अहइ मनई क पूत। 38 अउर खेत इ संसार अहइ। नीक बिआ क अरथ अहइ, सरगे क राज्य क मनई। खरपतवार क अरथ अहइ, दुस्ट (सइतान) क संतान। 39 उ दुस्मन जउन खरपतवारे क बोएस, सइतान अहइ, अउर कटनी क समइ अहइ, इ संसार क अंत अउर कटइया अहइँ परमेस्सर क दूतन।
40 “तउ ठीक उहइ जइसे खरपतवारे क ऍकट्ठा कइके आगी मँ जराइ दीन्ह ग, वइसे ही संसार क अंत होई। 41 मनई क पूत आपन दूतन क पठइ अउर उ सबइ ओनके राज्य स सबइ पापिन क अउ ओनक जउन पाप बरे मनइयन क भड़कावत हीं, 42 ऍकट्ठा कइके धधकत भट्ठी मँ झोक देइहीं जहाँ बस दाँतन क पीसब अउर रोउब ही रोउब होई। 43 तब धर्मी आपन परमपिता क राज्य मँ सूरज क नाई चमकिहीं। जउन सुनि सकत ह, सुनि लेइ।
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