Book of Common Prayer
बाँसुरी क बजनिया निर्देसक बरे दाऊद क गीत।
1 हे यहोवा, मोरे सब्द क सुना
अउर तू ओकर सुध ल्या जेका तोका कहइ क मइँ जतन करत हउँ।
2 हे मोरे राजा, मोर परमेस्सर मोर दुहाइ पइ धियान द्या,
काहेकि मइँ तोहसे ही पराथना करत हउँ।
3 हे यहोवा, हर भिंसारे तोहका, मइँ आपन भेंटन क अर्पण करत हउँ।
तू ही मोर सहायक अहा।
मोर निगाह तोहे पइ लागि अहइ अउर तू ही मोर पराथना हर भिंसारे सुनत अहा।
4 तू अइसा परमेस्सर नाहीं जउन झूठे देवतन क नाईं दुट्ठता क चाहत ह।
बद लोग तोहरे चारिहुँ कइँती नाहीं रहइ सकतेन!
5 सेखी हाँकइ वाला लोग तोहार समन्वा नाहीं रुक सकतेन
जउन दुस्टता करत ह तू ओनसे नफरत करत ह।
6 जउन झूठ बोलत हीं ओनका तू नस्ट करत ह।
यहोवा अइसेन मनइयन स घिना करत ह, जउन दूसर लोगन क नोस्कान पहुँचावइ क सड़यन्त्र रचत रहत हीं।
7 मुला हे यहोवा, तोहरी अपार करुणा स मइँ तोहरे मन्दिर मँ आउब।
हे यहोवा, मोका तोहार डर अहइ मइँ सम्मान तोहका देत अहउँ।
एह बरे मइँ तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती निहुरिके तोहार पइलगी करब।
8 हे यहोवा, तू मोका आपन नेकी क राह देखाँवा।
तू आपन राह क मोरे समन्वा सोझ करा
काहेकि मइँ दुस्मनन स
घिरा भवा अहउँ।
9 उ सबइ लोग फुरइ नाहीं बोलतेन।
उ सबइ लबार अहइँ, जउन फुरइ क तोड़त मरोड़त रहत हीं।
ओनकर मुँह खुली कब्र क नाई अहइँ।
उ सबइ अउरन स उत्तिम चिकनी-चुपरी बातन करत उ पचे ओनका बस जालि मँ फँसावा चाहत हीं।
10 हे परमेस्सर, ओनका सजा द्या।
ओनकर आपन ही जालन मँ ओनका अरझइ द्या।
इ सबइ लोग तोहरे खिलाफ होइ ग अहइँ,
ओनका ओनकर आपन ही बहोत स पापन क सजा द्या।
11 मुला जउन परमेस्सर मँ आस्था धरत रहत हीं, उ सबइ प्रसन्न होइँ अउ उ सबइ सदा सदा ही आनन्दित रहइँ।
हे परमेस्सर, तू ओनकर रच्छा करा अउर ओनका सक्ती द्या जउन लोग तोहरे नाउँ स पिरेम राखत हीं।
12 हे यहोवा, तू निहचय ही धर्मी क आसिस देत ह।
आपन कृपा स तू ओन पचन्क एक ठु बड़की ढ़ाल बनिके फुन ढक लेत ह।
सौमिनिथ सैली क तार वाद्य क संग निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु गीत।
1 हे यहोवा, जब तू किरोध मँ होब्या तउ मोका सज़ा मत द्या।
मोका मत सुधारा जब तू बहोत कोहाइ भवा ह्वा।
2 हे यहोवा, मोहे प दाया करा।
मइँ रोगी अउ दुर्बल अहउँ।
मोरे बेरामियन क हर ल्या।
मोर हाड़ काँपत हीं।
3 मोर समूचा देह थर-थर काँपत ह।
हे यहोवा, मोर भारी दुःख तू कब तलक रखब्या।
4 हे यहोवा, मोका फुन स बलवान करा।
तू महा दयावान अहा, मोर रच्छा करा।
5 मरे भए लोग तोका आपन कब्रन मँ याद नाहीं करतेन।
मउत क देस मँ उ पचे तोहार स्तुति नाहीं करतेन। एह बरे मोका बचावा।
6 हे यहोवा, सारी रात मइँ तोहका पुकारत रहत हउँ।
मोर बिछउना मोरे आँसुअन स भीज गवा ह।
मोरे बिछउना स आँसू टपकत रहत हीं।
तोहरे बरे मइँ रोवत भवा छीन होइ गवा हउँ।
7 मोर दुस्मनन मोका बहुतेरा दुःख दिहन।
इ मोका सोक मँ डाइके अउर बहोत दुःखी कइ डाएन अउर अब मोर अँखियन बिलखइ स थकी भइ हारी अउर दुर्बल अहइँ।
8 अरे ओ दुर्जन लोगो, तू मोसे दूर हटा।
काहेकि यहोवा मोका रोवत भवा सुनि लिहस ह।
9 मोर बिनती यहोवा क काने तलक पहोंच चुकी बाटइ
अउर मोरी पराथना क सुनिके यहोवा जवाब दइ दिहस ह।
10 मोर सबहिं दुस्मनन डर जाईं अउ निरास होइहीं।
कछू अचानक ही घटित होइ अउर उ फुन स अपमानित कीन्ह जाइहीं।
1 हे यहोवा, तू ऍतना दूर काहे खड़ा रहत ह?
कि संकट मँ पड़ा लोग तोहका निहारि नाहीं पउतेन।
2 अहंकारी दुट्ठ जन दुर्बल क दुःख देत हीं।
उ पचे आपन सड़यन्त्र क रचत रहत हीं।
3 दुट्ठ जन ओन चिजियन पइ घमण्ड करत हीं, जेनकर ओनका गहरी इच्छा अहइ
अउ लालची मनई परमेस्सर क कोसत रहत हीं।
इ तरह दुट्ठ देखाँवत हीं कि उ पचे यहोवा स घिना करत रहत हीं।
4 दुट्ठ लोग ऍतना घमण्डी होत हीं कि उ पचे परमेस्सर क पाछे नाहीं चल सकतेन।
उ पचे खराब खराब जोजना रचत हीं।
उ पचे अइसा करम करत हीं, जइसे परमेस्सर क कउनो अस्तित्व ही न बाटइ।
5 दुट्ठ जन सदा कुटिल करम करत हीं।
उ पचे परमेस्सर क विवेक स पूरी व्यवस्था अउ सिच्छन पइ धियान नाहीं देतेन।
हे परमेस्सर, तोहार सबहिं दुस्मन तोहरे उपदेसन क उपेच्छा करत हीं।
6 उ पचे सोचत हीं, जइसेन कउनो बुरी बात ओनके संग नाहीं घटि जाइ।
उ पचे कहत रहत हीं, “हम पचे मउज मँ रहब अउ कबहुँ भी दण्डित नाहीं होब।”
7 अइसेन दुट्ठ क मुँह सदा साप देत रहत ह।
उ पचे दूसर जन क निन्दा करत हीं अउर काम मँ लिआवइ क सदा ही बुरी बुरी जोजना रचत रहत हीं।
8 अइसे लोग गुप्त ठउरन मँ लुकान रहत हीं,
अउर लोगन क फँसावइ क प्रतीच्छा करत हीं।
उ पचे लोगन क नस्कान पहुँचावइ खातिर लुकान रहत हीं अउ निरपराधी लोगन क हत्या करत हीं।
9 दुट्ठ जन सिंह क नाई होत हीं जउन ओन गोरूअन क धरइ क घात मँ रहत हीं।
जेनका उ पचे खाइ जइहीं।
दुट्ठ जन दीन लोगन पइ मार करत हीं
ओनकर बनाए भए जालि मँ बेसहारा दीन फँसि जात हीं।
10 दुट्ठ जन बार-बार दीनन पइ घात करत
अउ ओनका दुःख देत ह।
11 एह बरे दीन जन सोचइ लागत हीं, “परमेस्सर हमका बिसराइ ही दिहस।
हमसे तउ परमेस्सर सदा-सदा बरे दूर होइ गवा बाटइ।
उन कछू भी मोरे संग घटत अहइ, ओहसे परमेस्सर दृस्टि फेरि लिहस ह!”
12 हे यहोवा, उठा अउर कछू तउ करा!
हे परमेस्सर, ओन दुट्ठ जनन क आपन हाथ उठाइके सजा द्या!
अउर ऍन दीन दुःखियन क जिन बिसरा।
13 दुट्ठ जन काहे परमेस्सर क खिलाफ होत हीं?
काहेकि उ पचे सोचत हीं कि परमेस्सर ओनका कबहुँ नाहीं दण्डित करी।
14 हे यहोवा, तू ही अहइ जउन बुरे लोगन दुआरा कीन्ह भावा अत्याचार अउर बुरे कामन क कउनो स भी जियादा लखत ह।
तू एकर बारे मँ कछू कदम उठा।
दुःखन स घिरा लोग मदद माँगइ तोहरे लगे आवत हीं।
हे यहोवा, सिरिफ तू ही अनाथ लोगन क सहायक अहा, एह बरे ओनकर रच्छा करा।
15 हे यहोवा, दुट्ठ जनन क तू नस्ट कइ द्या।
16 तू ओनका आपन धरती स
ढकेलिके बाहेर करा!
17 हे यहोवा, दीन दुःखी लोग जउन चाहत हीं उ तू सुनि लिहा।
ओनकर पराथना सुना अउर ओनका पूरा करा जेनका उ पचे माँगत हीं।
18 हे यहोवा, अनाथ गदेलन क तू रच्छा करा।
दुःखी लोगन क अउर जियादा दुःख जिन पावइ द्या।
दुट्ठ लोगन क तू ऍतना भयभीत कइ द्या कि उ पचे हिआँ न टिक पावइँ।
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क पद।
1 मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ!
फुन तू मोसे काहे कहत ह कि मइँ पराइके कहूँ जाउँ।
तू कहत अहा मोसे कि, “पंछी क नाई आपन पहाड़े पइ उड़ि जा!”
2 दुट्ठ जन ओन सिकारी क समान अहइँ।
उ पचे अँधियारे मँ लुकात हीं।
उ पचे धनुस क डोरी क पाछे हींचत हीं।
उ पचे आपन बाणन क साधत हीं अउर उ पचे नीक, नेक मनइयन क हिरदइ मँ सोझइ बाण छोड़त हीं।
3 धर्मी का कइ सकहीं
जब समाज क नींव ही तबाह कइ दीन्ह जाइ?
4 यहोवा आपन विसाल पवित्तर मन्दिर मँ विराजा बाटइ।
यहोवा सरगे मँ आपन सिंहासने पइ बइठत ह।
यहोवा सब कछू लखत ह, जउन भी होनी होत ह।
यहोवा क आँखिन लोगन क सज्जनाई व दुर्जनाई क परखइ मँ लाग रहत हीं।
5 यहोवा धर्मी अउ दुट्ठ लोगन क परख करत ह,
अउर उ ओन लोगन स घिना करत ह जउन हिंसा स प्रीति धरत हीं।
6 उ गरम कोयलन अउ बरत भइ गन्धक क बरखा क तरह ओन बुरे लोगन पइ गिराई।
ओन बुरे लोगन क हींसा मँ बस झुरसत भइ हवा बही।
7 मुला यहोवा, तू धर्मी अहा।
तोहका अच्छे जन भावत हीं।
अच्छे मनई यहोवा क संग रइहीं अउर ओकरे मुँहना क दर्सन पइहीं।
27 यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह क मिला। इ तब भवा जब यहोयाकीम यहोवा क ओन सबहिं सँदेसनवाले पत्रक क जराइ दिहे रहा, जेनका यिर्मयाह बारूक स कहे रहा अउर बारूक सँदेसन क पत्रक पइ लिखे रहा। यहोवा क जउन सँदेसा यिर्मयाह क मिला, उ इ रहा:
28 “यिर्मयाह, दूसर पत्रक तइयार करा। एह पइ ओन सबहिं सँदेसन क लिखा जउन पहिले पत्रक पइ रहेन। यानि उहइ पत्रक जेका यहूदा क राजा यहोयाकीम जराइ दिहे रहा। 29 यिर्मयाह, यहूदा क राजा यहोयाकीम स इ भी कहा, यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: ‘यहोयाकीम तू उ पत्रक क जराइ दिहा। तू कहया, “यिर्मयाह काहे लिख्या कि बाबुल क राजा निहचइ ही आइ अउर इ देस क बर्बाद करी? उ काहे कहत ह कि बाबुल क राजा इ देस क लोगन अउर जनावरन दुइनउँ क बर्बाद करी?” 30 एह बरे यहूदा क राजा यहोयाकीम क बारे मँ जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: यहोयाकीम क संतान दाऊद क राज सिंहासन पइ नाहीं बइठहीं। जब यहोयाकीम मरी ओका राजा जइसे अन्त्येस्टि नाहीं दीन्ह जाइ, बल्कि ओकर अर्थी भुइँया पइ पेंक दीन्ह जाइ। ओकर अर्थी दिन क गर्मी मँ अउर रात क ठंडे पाले मँ छोड़ दीन्ह जाइ। 31 मइँ, यहोयाकीम, ओकर सन्तान अउ ओकरे अधिकारियन क ओनकइ दुट्ठ करम बरे सजा देब। मइँ यरूसलेम क लोगन पइ अउर यहूदा क लोगन पइ भयंकर विपत्ति ढावइ क प्रतिग्या किहेउँ ह। मइँ आपन प्रतिग्या क अनुसार ओन पइ सबहिं बुरी विपत्तियन ढाउब काहेकि उ पचे मोर चिताउनी नाहीं सुनेन।’”
32 तब यिर्मयाह दूसर पत्रक लिहस अउर ओका नेरिय्याह क पूत सास्त्री बारूक क दिहस। जइसे यिर्मयाह बोलत जात रहा वइसे ही बारूक ओनही सँदेसन क पत्रक पइ लिखत जात रहा जउन उ पत्रक पइ रहेन जेका राजा यहोयाकीम आगी मँ जराइ दिहे रहा अउर ओनहीं सँदेसन क तरह बहोत सी दूसर बातन दूसर पत्रक मँ जोरी गइन।
यिर्मयाह जेलि मँ डावा गवा
37 नबूकदनेस्सर बाबुल क राजा रहा। नबूकदनेस्सर यहोयाकीम क पूत यकोन्याह क ठउरे पइ सिदकिय्याह क यहूदा क राजा तैनात किहस। सिदकिय्याह राजा योसिय्याह क पूत रहा। 2 किन्तु सिदकिय्याह यहोवा क ओन सँदेसन पइ धियान नाहीं दिहस जेनका यहोवा यिर्मयाह नबी क उपदेस देइ बरे दिहे रहा अउर सिदकिय्याह क सेवकन तथा यहूदा क लोग यहोवा क सँदेसा पइ धियान नाहीं दिहन।
आत्मिक बरदानन क कलीसिया क सेवा मँ लगावा
14 पिरेम क रस्ता पर कोसिस करत रहा। अउर आध्यात्मिक बरदानन क निष्ठा क साथे अभिलास करआ। बिसेस रूप स परमेस्सर क तरफ स बोलइ क। 2 काहेकि जेका दुसरन क भाखा मँ बोलइ क बरदान मिला ब, उ तउ सही मँ लोगन स नाहीं, बल्कि परमेस्सर स बात करत बाटइ। काहेकि ओका केउ समझ नाहीं पावत, उ त आतिमा क सक्ति स रहस्यमय होइके बानी बोलत बा। 3 मुला उ जेका परमेस्सर कइँती स बोलइ क बरदान मिला बा, उ लोगन स ओन्हे आतिमा मँ मजबूत प्रोत्साहन अउर चैन पहुँचावइ बरे बोलत बा। 4 जेका विभिन्न भाखन मँ बोलइ क बरदान मिला बा उ तउ बस आपन आतिमा क ही मजबूत करत ह मुला जेका परमेस्सर कइँती स बोलइ क सामर्थ मिला बा उ समूची कलीसिया क आध्यात्मिक रूप स मजबूत बनावत ह।
5 अब मइँ चाहत हउँ कि तू सबइ दूसर कइयउ भाखा बोला। मुला एहसे जियादा मइँ इ चाहित हउँ कि तू परमेस्सर कइँती स बोल सका काहेकि कलीसिया क आध्यात्मिक मजबूती क बरे अपने कहे क बियाखिया करइवाले क छोड़िके, दूसरी भाखा बोलइवालन स परमेस्सर कइँती स बोलइवाला बड़ा बा।
6 तउन भाइयो तथा बहिनियो, अगर दूसरी भाखन मँ बोलत भआ मइँ तोहरे लगे आवउँ तउ हसे तोहार का भला होइ, जब तलक कि तोहरे बरे मइँ कउनउ रहस्य उद्घाटन, दिव्य गियान, परमेस्सर क सन्देस या कउनउ उपदेस न देउँ। 7 इ बोलब त अइसेन ही होइ जइसे कउनो बाँसुरी या सांरगी जइसेन निर्जीव बाजा क आवाज। अगर कउनो बाजा क स्वरन मँ परस्पर साफ अन्तर न होइ तउ कउनउ कइसे पता लगाइ पाई कि बाँसुरी या सांरगी पर कउन स धुन बजाइ जात बा। 8 अउर अगर बिगुल स अस्पस्ट आवाज निकलइ लागइ तउ फिन युद्ध क बरे तइयार के होई?
9 इही तरह कउनो दूसरे क भाखा मँ जब तक कि तू साफ-साफ न बोला, तब तलक केऊॅ कइसेन समझ पाई कि तू का कहे रह्या। काहेकि अइसेन मँ तू बस हवा मँ बोलाइवाला ही रही जाब्या। 10 एहमाँ कउनउ संदेह नाहीं बा कि संसार मँ भाँति-भाँति क बोली अहइँ अउर ओहमाँ स कउनउ खराब नाहीं अहइ। 11 तउन अब तलक मइँ ओह भाखा क जानकार नाहीं हउँ, तब तलक बोलइवालन क बरे मइँ एक अजनबी ही रहबइ। अउर उ बोलइवाला मोरे बरे एक ठु अजनबी ही ठहरी। 12 तोह पइ इ बात लागू होत ह काहेकि तू आध्यात्मिक बरदानन क पावइ बरे उत्सुक अहा। इही बरे ओहमाँ भरपूर होइ क प्रयास करा। जेहसे कलीसिया क आध्यात्मिक मजबूति मिली जाइ।
आपन प्रेरितन क ईसू क चिताउनी
(मरकुस 13:9-13; लूका 21:12-17)
16 “होसियार! मइँ तोहका बिगवन मँ भेड़न क नाई बाहेर पठवत अहउँ। कीरा क नाई चालाक अउर कबूतरे क नाईं भोला बना रहा। 17 मनइयन स होसियार रह्या काहेकि उ पचे तोहका बंदी बनाइके यहूदी पंचायत क दइ देइहीं अउर तोहका आपन आराधनालयन मँ कोड़ा स धुनवइहीं। 18 तोहका हुकूमत क सासक अउर राजा क समन्वा हाजिर करिहीं, काहेकि तू सबहीं मोर चेलन अहा। तोहका इ औसर दीन्ह जाई कि तू ओनका अउर गैर यहूदियन क मोरे बारे मँ साच्छी द्या। 19 जब उ पचे तोहका धरइँ तउ फिकिर जिन कर्या कि तोहका का कहइ क बाटइ अउर कइसे कहइ क अहइ। काहेकि उ समइ प तोहका बताइ दीन्ह जाई कि तोहका का कहइ क अहइ। 20 याद रखा कि बोलवइया तू नाहीं अहा, मुला तोहरे परमपिता क आतिमा तोहरे भीतर बोली।
21 “भाई आपन भाइयन क धरवाइ क मरवइहीं, महतारी बाप आपन गदेलन क पकड़वइहीं अउर बचवन आपन महतारी बाप क खिलाफ होइ जइहीं। उ पचे ओनका मरवाइ देइहीं। 22 मोरे नाउँ क कारण मनई तोहसे घिना करिहीं। मुला आखिर तक जउन टिका रही उहइ क उद्धार होई। 23 उ सबइ अब तोहका सहर मँ सतावइँ तउ तू दूसर सहर मँ पराइ जाया। मइँ तोहसे सच सच कहत हउँ अइसे पहिले तू इस्राएल क सबइ ही सहरन क चक्कर लगाइ ल्या, मनई क पूत दुबारा आइ जाई।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.