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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 16-17

दाऊद क एक गीत।

हे परमेस्सर, मोर रच्छा करा, काहेकि मइँ तोहे पइ निर्भर अहउँ।
मोर यहोवा स निवेदन अहइ, “यहोवा, तू मोर सुआमी अहा।
    मोरे लगे जउन कछू उत्तिम अहइ
    उ सबइ तोहसे ही अहइ।”
यहोवा आपन लोगन क धरती पइ अद्भूत काम करत ह।
    यहोवा इ देखाँवत ह कि
    उ फुरइ ओनसे पिरेम करत ह।

मुला जउन दूसर देवतन क पाछे ओनकर पूजा बरे परात हीं, उ पचे दुःख उठइहीं।
    ओन मूरतियन क जउन रकत अर्पण कीन्ह गवा, ओनकर ओन बलियन मँ मइँ हीसां नाहीं लेब।
    मइँ ओन मूरतियन क नाउँ तलक नाहीं लेब।
नाहीं, बस मोर हींसा यहोवा मँ अहइ।
    बस यहोवा स ही मोर अंस अउर मोर पात्र आवत ह।
    हे यहोवा मोका सहारा द्या अउर मोर हींसा द्या।
मोर हींसा बहोतइ अद्भुत अहइ।
    असल मँ मोरे लगे बहोत स सुन्नर उत्तराधिकार अहइ।
मइँ यहोवा क गुण गावत हउँ काहेकि उ मोका गियान दिहस।
    मोरे अन्तर्मन स राति मँ सिच्छन निकरिके आवत हीं।

मइँ यहोवा क सदा ही आपन सम्मुख राखत हउँ।
    मइँ ओकर दाहिने छोर
    कबहुँ नाहीं छोड़ब।[a]
इहइ स मोर मन अउर मोर आतिमा बहोतइ आनन्दित होइ
    अउर मोरी देह तलक सुरच्छित रही।
10 काहेकि, यहोवा, तू मोर प्राण कबहुँ भी मउत क जगह मँ न तजी।
    तू आपन वफ़दार क कब्र मँ सड़इ नाहीं देब्या।
11 तू मोका जिन्नगी क राह देखउब्या
    जउन मोका तोहार मौजूदगी मँ पूरा आनन्द देत ह।
    तोहार दाहिन कइँती होब मोका सदा सदा ही आनन्द देइ।

दाऊद क पराथना गीत।

हे यहोवा, मोरी पराथना निआव क खातिर सुना।
    मइँ तोहका ऊँच अवाज स गोहरावत अहउँ।
मइँ आपन बात ईमानदारी स कहत हउँ।
    तउ कृपा कइके मोर पराथना सुना।
यहोवा तू ही मोर उचित निआव करब्या
    तू ही फुरइ क लख सकत अहा।
मोर मन परखइ क तू ओकरे बीच गहिराई मँ निहारि लिहा ह।
    तू मोरे संग राति भइ रहा तू मोका जाँचा,
अउ तोका मोहे मँ कउनो खोट नाहीं मिला।
    मइँ कउनो बुरी जोजना नाहीं रचेउँ रहे।
तोहरे आदेसन क मानइ मँ मइँ कठिन जतन किहेउँ
    जेतॅना कि कउनो मनई कइ सकत ह।
मइँ तोहरी राहे पइ चलत रहत हउँ।
    मोर गोड़ तोहरे जिन्नगी क रीति स नाहीं डुगेन।
हे परमेस्सर, मइँ हर कउनो अवसर पइ तोहका पुकारेउँ ह अउर तू मोका जवाब दिहा ह।
    तउ अब भी तू मोर सुना।
हे परमेस्सर, तू आपन विस्सासी चेलन क दिखावा
    कि तू केतॅना अजूबा अहा!
तू ओन लोगन क बचाया जउन ओन लोगन पइ हमला करत ह
    जउन ओन बचइ बरे तोहार सक्ती पइ निर्भर करत ह।
मोर रच्छा तू आपन आँखी क पुतली क नाईं करा।
    मोका आपन पखना क छाया क खाले तू छुपाइ ल्या।
हे यहोवा, मोर रच्छा ओन दुट्ठ जनन स करा जउन मोका नस्ट करइ क जतन करत अहइँ।
उ सबइ मोका घेरे अहइँ अउ मोका हानि पहोंचावइ क प्रयत्नसील अहइँ।
10 दुट्ठ लोग घमण्ड क कारण परमेस्सर क बात पइ कान नाहीं लगावत अहइँ।
    इ सबइ आपन ही डींग हाँकत रहत हीं।
11 उ सबइ लोग मोरे पाछे पड़ा भवा अहइँ,
    अउर अब मइँ ओनके बीच मँ घिर गवा हउँ।
उ पचे मोह पइ वार करइ क तय्यार ठाड़ बाटेन।
12 उ सबइ दुट्ठ जन अइसे अहइँ जइसे कउनो सिंह घात मँ दूसर पसु क मारइ क बइठा होइ।
    उ पचे सिंह क नाई झपटइ बरे छुपा रहत हीं।

13 हे यहोवा, दुस्मन क खिलाफ उठा
    अउर ओनका आत्मसर्मपन करइ बरे मज़बूर करा।
    आपनि तरवार उठावा अउ इ सबइ दुट्ठ जनन स मोर रच्छा करा।
14 हे यहोवा, जउन मनई सजीव अहइँ ओनका धरती स दुट्ठन क आपन सक्ती स दूर करा।
    हे यहोवा, बहुतेरे तोहरे लगे सरण माँगइ आवत हीं।
तू ओनका बहुतायत स भोजन द्या।
    ओनकर सन्तानन क परिपूर्ण कइ द्या।
    ओनके लगे आपन गदेलन क देइ क बहुतायत स धन होइ।

15 मोर विनय निआव बरे अहइ।
तउ मइँ यहोवा क मुँह क दर्सन करब।
    हे यहोवा, तोर दर्सन करतइ ही, मइँ पूरी तरह सन्तुट्ठ होइ जाबउँ।

भजन संहिता 22

प्रभात क हरिणी नाउँ क राग पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।

हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे तजि दिहा ह?
    मोका बचावइ बरे तू काहे बहोतइ दूर अहा?
    मोर मदद क पुकार क सुनइ बरे तू बहोतइ दूर अहा।
हे मोरे परमेस्सर, मइँ तोहका दिन मँ पुकारेउँ
    मुला तू जवाब नाहीं दिहा,
अउर मइँ राति भर तोहका पुकारत रहेउँ।

हे परमेस्सर, तू पवित्तर अहा।
    तू राजा क नाई बिराजमान अहा।
    इस्राएल क स्तुतियन तोहार सिंहासन अहइ।
हमार पुरखन तोह पइ बिस्सास किहन।
    हाँ हे परमेस्सर उ पचे तोहार भरोसा रहेन।
    अउर तू ओनका बचाए रह्या।
हे परमेस्सर, हमार पुरखन तोहका मदद क गोहराएन अउर उ पचे आपन दुस्मनन स बच निकरेन।
    उ पचे तोह पइ बिस्सास किहन अउर उ पचे निरास नाहीं भएन।
तउ का मइँ फुरइ कउनो कीरा हउँ,
    जउन लोग मोहसे लज्जित भए बाटेन अउर मोहसे घिना करत हीं?
जउन भी मोका लखत ह मोर हँसी उड़ावत ह,
    उ पचे आपन मूड़ँ हलावत अउ आपन ओंठ बिरावत हीं।
उ पचे मोसे कहत हीं कि, “आपन रच्छा बरे तू यहोवा क गोहँराइँ सकत ह।
    उ तोहका बचाइ लेइ।
    अगर तू ओका ऍतना भावत ह तउ, निहचय ही उ तोहका बचाइ लेइ।”

हे परमेस्सर फुरइ तउ इ अहइ कि सिरिफ तू ही अहा जेकरे ऊपर मइँ निर्भर हउँ।
    तू मोका उ दिन स संभालया ह, जब स मोर जन्म भवा।
    तू ही अहा जेकर कारण स मइँ बच्पन स बिस्सास किहेउँ।
10 ठीक उहइ दिना स जब स मइँ जन्म लिहेउँ ह, तू मोर परमेस्सर रह्या ह।
    जइसे ही मइँ आपन महतारी क कोख स बाहेर आए रहेउँ, मोका तोहरी देखरेख मँ रख दीन्ह ग रहा।

11 तउ हे, परमेस्सर! मोका जिन बिसरि जा,
    संकट निअरे बाटइ, अउर कउनो भी मनई मोर मदद क नाहीं अहइ।
12 मइँ ओन लोगन स घिरा अहउँ,
    जउन सक्तीसाली साँड़न जइसे मोका घेरे भए अहइँ।
13 उ पचे ओन सिंहन जइसे अहइँ, जउन कउनो जन्तु क चीरत होइँ अउ दहाड़त होइँ
    अउर ओनकर मुँह विकराल खुला भवा होइँ।

14 मोर सक्ती धरती पइ बिखरे जल
    स लुप्त होइ गइ।
मोर हाड़न अलगाइ ग अहइँ।
    मोर साहस खतम होइ चुका अहइ।
15 मोर मुँह एक पुराना टूटा भवा बर्तन क टूका क नाईं सूख गवा अहइ।
    मोर जीभ आपन ही तालु स चिपकत अहइ।
    तू मोका कब्र क धूरि मँ डार दिहा ह।
16 दुट्ठ लोग मोर चारिहुँ कइँती “कुकुरन” क नाईं घेरे भए अहइँ,
    दुस्ट जनन क उ समूह मोका फँसाएस ह।
    उ पचे मोरे हथवन अउर गोड़न क छेद दिहेन ह।
17 मोका आपन हाड़ देखाँइ देत ह।
    इ सबइ लोग मोका घूरत अहइँ।
    इ सबइ मोका नस्कान पहोंचावइ क ताकत रखत हीं।
18 उ पचे मोर कपड़ा आपुस मँ बाँटत अहइँ।
    मोरे ओढ़नन बरे उ पचे पाँसा लोकावत अहइँ।

19 हे यहोवा, तू मोका जिन तजा।
    तू मोर बल अहा, मोर मदद करा।
    अब तू देर जिन लगावा।
20 हे यहोवा, मोर प्राण तलवार स बचाइ ल्या।
    ओन कुत्तन स तू मोर मूल्यवान जिन्नगी क रच्छा करा।
21 मोका सेर क मुँह स बचाइ ल्या
    अउ साँड़ क सीगंन स मोर रच्छा करा।

22 हे यहोवा, मइँ आपन भाइयन मँ तोर प्रचार करब।
    मइँ तोर प्रसँसा तोहरे भक्तन क सभा क बीच करब।
23 ओ यहोवा क उपासक लोगो, यहोवा क बड़कई करा।
    इस्राएल क सन्तानन यहोवा क आदर करा।
    ओ इस्राएल क सबहिं लोगो, यहोवा क भय माना अउ आदर करा।
24 काहेकि यहोवा अइसे मनइयन क मदद करत ह जउन विपत्ति मँ होत हीं।
    यहोवा ओनसे घिना नाहीं करत ह।
अगर लोग मदद बरे यहोवा क पुकारइँ
    तउ उ खुद क ओनसे न छिपाइ।

25 मइँ तोहका धामिर्क सभा मँ स्तुति बरे का भेंट कइ सकत हउँ।
    तोहार भक्त लोगन क समन्वा मइँ तोहका उ देबउँ जेका मइँ वादा किहेउँ ह।
26 दीन जन भोजन पइहीं अउर सन्तुट्ठ होइहीं।
    तू लोग जउन ओका हेरत भए आवत अहा ओकर स्तुति करा।
    मन तोहार हमेसा हमेसा आनन्द स भरि जाइँ।
27 तब सबहिं दूर भुइँयन क लोग यहोवा क सुमिरइँ अउर ओकर लगे लउटि आवइँ।
    हे यहोवा, धरती क सबइ परिवार क हरेक लोग तोहार समन्वा निहुरिहीं।
28 काहेकि यहोवा राजा अहइ।
    उ हर एक रास्ट्र पइ सासन करत ह।
29 मानव जाति घास क नाईं स्थाइ नाहीं अहइँ जउन कि समूचइ धरती मँ उगत हीं।
    हम सबहिं आपन खइया क खाब अउर परमेस्सर क समन्वा निहुरि दण्डवत करब।[a]
हाँ मानव जाति मरत ह अउ ओनका कब्र मँ डार दीन्ह जात ह।
    सबइ लोग जउन जीवित अहइ या नाहीं अहइ परमेस्सर क समन्वा नम्रता स निहुरिके दण्डवत करइँ।
30 अउर भविस्स मँ हमार सन्तान यहोवा क सेवा करिहीं।
    लोग सदा सदा ही ओकरे बारे मँ बखनिहीं।
31 उ सबइ लोग अइहीं अउर परमेस्सर क भलाई क
    प्रचार करिहीं जेनकर अबहिं जन्म ही नाहीं भवा।

1 राजा 5:1-6

सुलैमान मन्दिर बनावत ह

हीराम सोर क राजा रहा। हीराम सदा ही दाऊद क मीत रहा। एह बरे जब हीराम क मालूम भवा कि सुलैमान दाऊद क पाछे नवा राजा भवा ह तउ उ सुलैमान क लगे आपन सेवक पठएस। सुलैमान हीराम राजा क इ सबइ संदेस पठाएस:

“तोहका याद अहइ कि मोर बाप राजा दाऊद क अपने चारिहुँ कइँती अनेक जुद्ध लड़इ पड़े रहेन। एह बरे उ यहोवा अपने परमेस्सर क मन्दिर बनवावइ मँ समर्थ नाहीं होइ सका। राजा दाऊद तब तलक प्रतीच्छा करत रहा जब तलक यहोवा ओकर सबहिं दुस्मनन क ओहसे पराजित नाहीं होइ दिहस। किन्तु अब यहोवा मोर परमेस्सर मोर देस क चारिहुँ कइँती मोका सान्ति दिहस ह। अब मोर कउनो दुस्मन नाहीं अहइ। मोर प्रजा अब कउनो खतरे मँ नाहीं अहइ।

“यहोवा मोर बाप दाऊद क संग एक ठु प्रतिग्या किहे रहा। यहोवा कहे रहा, ‘मइँ तोहरे पूत क तोहरे पाछे राजा बनाउब अउर तोहार पूत मोर सम्मान करइ बरे एक ठु मन्दिर बनाई।’ अब मइँ, यहोवा आपन परमेस्सर क सम्मान करइ बरे उ मन्दिर बनावइ क जोजना बनाएँउ ह। अउर एह बरे मइँ तोहसे मदद माँगत हउँ। अपने मनइयन क लबानोन पठवा। हुवाँ उ पचे मोरे बरे देवदारु क बृच्छन क कटिहीं। मोर सेवक तोहरे सेवकन क संग काम करिहीं। मइँ उ कउनो भी मजदूरी भुगतान करब जउन तू अपने सेवकन बरे तय करब्या। किन्तु मोका तोहार मदद क जरुरत अहइ। मोर बढ़ई सीदोन क बढ़इयन क तरह नीक नाहीं अहइँ।”

जब हीराम, जउन कछू सुलैमान माँगेस, उ सुनेस तउ उ बहोत खुस भवा। राजा हीराम कहेस, “आजु मइँ यहोवा क धन्यवाद देत हउँ कि उ दाऊद क इ विसाल रास्ट्र पइ सासन करइ बरे एक ठु बुद्धिमान पूत दिहस ह।” तब हीराम सुलैमान क एक संदेसा पठएस। संदेसा इ रहा,

“तू जउन माँग किहा ह, उ मइँ सुनेउँ ह। मइँ तोहका सारे देवदारु क बृच्छ अउर चीर क बृच्छ देब, जेनका तू चाहत अहा। मोर सेवक लबानोन स ओनका समुदद्र तलक लइहीं। तब मइँ ओनका एक संग बाँध देब अउर ओनका समुद्दर मँ उ जगह कइँती बहाइ देब जहाँ तू चाहत अहा। हुवाँ मइँ लटठ्न क अलग कइ देब अउर बृच्छन क तू लइ सकब्या। एकर बदले मँ तू मोर साही घरे क लोगन बरे भोजन प्रदान कराउब्या।”

10 एह बरे हीराम, सुलैमान क सबइ देवदार अउर सनौवर क बृच्छ दिहेन जेका उ चाहत रहेन।

11 अउर सुलैमान हर साल लगभग एक लाख बीस हजार बुसल गोहूँ अउ लगभग एक लाख बीस हजार गैलन निखालिस जइतून क तेल हीराम क ओकरे परिवार क भोजन बरे दिहस।

12 यहोवा आपनी प्रतिग्या क अनुसार सुलैमान क बुद्धि दिहस अउ सुलैमान अउ हीराम क बीच सान्ति रही। इ दुइनउँ राजा लोग आपुस मँ सन्धि किहन।

13 राजा सुलैमान इ काम मँ मदद बरे इस्राएल क तीस हजार मनइयन क मजबूर किहन। 14 राजा सुलैमान अदोनीराम नाउँ क एक ठु मनई क ओनकी ऊपर अधिकारी बनाएस। सुलैमान ओन मनइयन क तीन ठु टुकड़ियन मँ बाँटेस। हर एक टुकड़ी मँ दस हजार मनई रहेन। हर समूह एक महीना लबानोन मँ काम करत रहा अउर तब दुइ महीना बरे अपने घरे लउटत रहा। 15 सुलैमान अस्सी हजार मनइयन क भी पहाड़ी प्रदेस मँ काम करइ बरे मजबूर किहस। एन मनइयन क काम चट्टानन क काटब रहा अउर हुवाँ सत्तर हजार मनई पाथर क ढोवइवाले रहेन। 16 अउर तीन हजार तीन सौ मनई रहेन जउन काम करइवाले मनइयन क ऊपर अधिकारी रहेन। 17 राजा सुलैमान, मन्दिर क नेंव बरे बिसाल अउ कीमती चट्टानन क कटाइ क आदेस दिहस। इ सबइ पाथर सावधानी स काटे गएन। 18 तब सुलैमान क मकान बनावइया अउ कारीगरन अउ हीराम क मकान बनावइया अउ कारीगरन अउ गबाली क मनइयन पाथरन क काटेन अउ ओन पइ नक्कासी क काम किहेन। उ पचे मन्दिर क बनावइ बरे पाथरन अउ लट्ठन क तइयार किहेन।

सुलैमान मन्दिर बनावत ह

तब सुलैमान मन्दिर बनाउब सुरु किहस। इ इस्राएल क लोगन क जरिये मिस्र तजइ क चार सौ अस्सीवाँ बरिस पाछे रहा। इ राजा सुलैमान क इस्राएल पइ हुकूमत क चउथे बरिस मँ रहा, इ जीव क महीना, बरिस क दूसर महीना रहा।

1 राजा 6:7

काम करइवाला मनईयन देवारन क बनावइ बरे बड़के पाथरन क उपयोग किहन। काम करइवाला मनईयन उहइ जगह पइ पाथरन क काटेन जहाँ उ पचे ओनका जमीने स निकारेन। एह बरे मन्दिर मँ हथौड़ियन, कुल्हाड़ियन अउ दूसर कउनो भी लोहा क औजार क आवाज़ मन्दिर क बगल मँ ऐकरे निर्माण क समई नाहीं सुनाई दिहे रहेन।

प्रेरितन क काम 28:1-16

माल्टा द्वीप प पौलुस

28 इ सब कछू स सुरच्छा क साथ बच निकरे क पाछे हम सबन क पता लाग कि उ द्वीप क नाउँ माल्टा रहा। हुवाँ क मूल-नीवासियन हमरे संग असाधारण रूप स नीक बियूहार किहेन। काहेकि जाड़ा रहा अउर बरखा होइ लाग, यह बरे उ पचे आगी बारेन अउर हम सबन क सुआगत किहेन। पौलुस लकड़ी क गठरा बनाएस अउर जब उ आगी प लकड़ियन क धरत रहा तबहिं गर्मी लागे स एक बिख स भरा नाग बाहेर निकरा अउर उ ओकरे हाथ क डस लिहेस। हुवाँ क निवासी जब उ जंतु क ओकरे हाथ स लटकत भवा निहारेन तउ उ पचे आपुस मँ कहइ लागेन, “सचमुच ही इ मनई हत्तियारा अहइ। जदि अपि इ सागर स बचिके निकरा अहइ मुला दिब्ब निआव[a] ऍका जिअइ देत नाहीं बा।”

मुला पौलुस उ नाग क आगी मँ ही पटकेस। पौलुस क कउने तरह क हानि नाहीं भइ। मनइयन सोचत रहेन कि उ या तउ सूजि जाइ या फिन बरबस धरती प भहराइ के मरि जाइ। मुला बहोत देर तलक जोहे क पाछे अउर लखिके ओका असाधारण रूप स कछू नाहीं भवा अहइ, उ पचे आपन बिचार बदल दिहेन अउर बोलेन, “इ तउ कइनो देवता अहइ!”

उ ठउर क नगिचे ही उ द्वीप क प्रधान मनई पुबलियुस की खेत रहा। उ आपन घरे लइ जाइके हमार सुआगत-सत्कार किहेस। बड़ा खुला मन स तीन दिना तलक उ हमार मेहमानदारी करत रहा। पुबलियुस क बाप बिस्तर प ओलरा रहा। ओका बोखार अउर पेचिस होत रही। पौलुस ओसे भेंटइ भितरे गवा। फिन पराथना करइ क पाछे उ ओह पार आपन हाथ धरेस अउर उ नीक होइ गवा। इ घटना क बाद उ द्वीप क बाकी सबहिं बेरमियन हुवाँ आएन अउर उ पचे नीक होइ गएन।

10-11 कहइ उपहार स हमार मान बढ़ाएन अउर जब हम हुवाँ स नाउ प आगे चलेन तउ उ पचे सब जरूरी चीज क लइ आइके हमका दइ दिहेन।

पौलुस क रोम जाब

तीन महीना पाछे सिकन्दरिया क एक जहाज स हम चल पड़ेन। इ द्वीप प जहाज जाड़ा भरे क बरे रूका जहाज क आगे क हींसा मँ जुड़वा भाइयन[b] क चीन्हा बना रहा। 12 फिन हम पचे सरकुसा जाइ पहोंचेन जहाँ हम तीन दिना तलक ठहरेन। 13 हुवाँ स जहाज स हम सबइ रेगियुम पहोंचेन अउर फिन अगले ही दिन दखिनाई हवा चली। तउ अगले दिन हम पुतियुली पहोंचेन। 14 हुवाँ हमका कछू बंधु मिलेन अउर उ पचे हमका हुवाँ सात दिना ठहरइ क कहेन अउर इ तरह हम रोम पहोंचि आएन। 15 जब हुवाँ क भाइ लोगन क हमार सूचना मिली तउ उ पचे अप्पियुस क बजार अउर तीन सराय[c] तलक हम पचन स भेंटइ आएन। पौलुस जब ओनका लखेस तु परमेस्सर क धन्यबाद दइके आपना ढ़ाढ़स बढ़ाएस।

पौलुस क रोम आउब

16 जब हम सबइ रोम पहोंचेन तउ एक ठु सिपाही क देखरेख मँ पौलुस क अपने आप अलग रहइ क अनुमति दीन्ह गइ।

मरकुस 14:27-42

ईसू क सब चेलन ओका तजि देइहीं

(मत्ती 26:31-35; लूका 22:31-34; यूहन्ना 13:36-38)

27 ईसू ओनसे कहेस, “तोहार पचे क बिसवास खोइ जाइ। काहेकि लिखा बाटई:

‘मई गड़रियवा क मारब
    अउ भेड़न छिटकाइ जइहीं।’ (A)

28 मुला फिन स जी उठे क पाछे मइँ तोसे पहिले ही गलील चला जाब।”

29 जब पतरस बोलि उठा, “चाहे सब मिला आपन बिसवास खोइ दें, मुला मइँ न खोउब।”

30 एह पइ ईसू ओसे कहेस, “मइँ तोसे सच कहत हउँ। आजु, इहइ राते मँ मुर्गा क दुइ बार बाँग देइ स पहिले तू तीन दाई मोका नकार चुका होब्या।”

31 एह पइ पतरस अउर जोर देत भवा कहेस, “जदि मोका तोर संग मरइ पड़इ तबहुँ मइँ तोहका कबहुँ न नकारब!” तबहिं अउ बाकी चेलन भी अइसा ही कहेन।

ईसू क एकांत मँ पराथना

(मत्ती 26:36-46; लूका 22:39-46)

32 फिन उ पचे एक अइसे ठउरे प आएन जेका गतसमनी कहा जात हरा। हुवाँ ईसू आपन चेलन स कहेस, “जब तलक मइँ पराथना करत हउँ, तू पचे हियँइ बइठा।” 33 अउर पतरस, याकूब अउर यूहन्ना क उ आपन संग लइ गवा। उ बहोतइ दुःखी अउर बियाकुल होत रहा। 34 उ ओनसे कहेस, “मोर मन दुःखी बाटइ, जेसे मोर प्रान निकरि जइहीं। तू हियँई ठहरा अउर होसिआर रहा।”

35 फिन रचिके अगवा बढ़ि के उ धरती प निहुरि के पराथना करइ लाग कि जदि होइ सकइ तउ घड़ी मोसे टरि जाइ। 36 फिन उ कहेस, “हे अब्बा परमपिता! तोहरे बरे सब कछू संभव अहइ। इ कटोरा क मोसे दूर करा। फिन जउन कछू मइँ चाहत हउँ, उ नाहीं मुला जउन तू चाहत ह, उहइ करा।”

37 फिन उ लौटा तउ आपन चेलन क सोवत भवा निहारि के पतरस स कहेस, “समौन क तू सोवत अहा? का तू एक घड़ी भी जाग नाहीं सक्या? 38 जागत रहा अउर पराथना करा जेसे तू कउनो परिच्छा मँ न फँसा। आतिमा तउ चाहत ह मुला सरीर निर्बल अहइ।”

39 उ फिन चला गवा अउर वइसे ही बचन बोलत बोलत उ पराथना किहेस। 40 जब उ दुबारा लौटा तउ उ फिन ओका सोवत पाएस। ओकरी आँखिन मँ नींद चाँपे रही। ओका कछू सूझत नाहीं रहा कि उ का जवाब देइ।

41 उ तिसरी दाई फिन लौटा अउर ओसे बोला, “का तू अबहुँ अरामे स सोवत अहा? अच्छा, तउ सोवत रहा। उ घड़ी आइ गइ अहइ जब मनई क पूत धोखा स पकड़वाइ जाइ के पापी मनइयन क हथवा मँ दइ दीन्ह जात अहइ। 42 खड़ा होइ जा! आवा चली। देखा, इ आवत अहइ, मोका धोखा दइ के पकड़वइया मनई।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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