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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 31

संगीत निर्देसक क दाऊद क एक पद।

हे यहोवा, मइँ तोहरे भरोसे हउँ,
    मोका निरास जिन करा।
    मोह पइ कृपालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा।
हे यहोवा, मोर सुना,
    अउर तू हालि आइके मोका बचाइ ल्या।
मोर चट्टान बनि जा,
    मोर रच्छा करा!
हे परमेस्सर, तू मोर चट्टान अहा,
    तउ आपन निज नाउँ बरे मोका राह देखाँवा अउर मोर अगुआई करा।
मोरे बरे मोर दुस्मनन जाल फइलाएन ह।
    ओनके फँदा स तू मोका बचाइ ल्या, काहेकि तू मोर सुरच्छा स्थल अहा।
हे परमेस्सर यहोवा, मइँ तउ तोहे पइ भरोसा कइ सकत हउँ।
    मइँ आपन जिन्नगी तोहरे हाथे मँ सउँपत हउँ।
    मोर रच्छा करा।
जउन लबार देवतन क पूजत रहत हीं, ओन लोगन स मोका घिना अहइ।
    मइँ तउ बस यहोवा मँ बिस्सास रखत हउँ।
हे यहोवा, तोहार करुणा मोका बहोतइ आनन्दित करत ह।
    तू मोरे दु:खन क लखि लिहा
    अउ तू मोर पीरा क बारे मँ जानत अहा।
तू मोरे दुस्मनन क मोहे पइ भारी पड़इ नाहीं देब्या।
    तू मोका ओनके फँदन स छोड़उब्या।
हे यहोवा, मोह पइ अनेक संकट अहइँ।
तउ मोह पइ कृपा करा।
    मइँ ऍतना बियाकुल अहउँ कि मोर आँखिन दुःखत अहइँ।
    मोर गटइ अउ पेट पिरात अहइँ।
10 मोरी जिन्नगी क अंत दुःख मँ होत अहइ।
    मोर बरिस आह भरइ मँ बीतत अहइँ।
मोर सबइ बेदना मोर सक्ती क निचोड़त अहइँ।
    मोर बल मोर साथ छोड़त जात अहइ।
11 मोर सत्रु मोसे घिना राखत हीं।
    मोर पड़ोसी मोर बैरी बना अहइँ।
मोर सबहिं रिस्तेदार मोका राहे मँ लखिके
    मोसे डेराइ जात हीं
    अउर मोसे सब कतरात हीं।
12 मोका लोग पूरी तरह स बिसरि चुका अहइँ।
    मइँ तउ कउनो हेरान अउजार सा होइ गवा हउँ।
13 मइँ ओन भयंकर बातन क सुनत हउँ जउन लोग मोरे बारे मँ करत हीं।
    उ पचे सबहिं लोग मोरे खिलाफ होइ ग बाटेन।
    उ पचे मोका मारि डावइ क जोजना रचत हीं।

14 हे यहोवा, मोर भरोसा तोहे पइ अहइ।
    तू मोर परमेस्सर अहा।
15 मोर जिन्नगी तोहरे हाथन मँ अहइ।
    मोरे दुस्मनन स मोका बचाइ ल्या।
    ओन लोगन स मोर रच्छा करा, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ।
16 कृपा कइके आपन दास क अपनाइ ल्या।
    मोह पइ दाया करा अउर मोर रच्छा करा।
17 हे यहोवा, मइँ तोहार बिनती किहेउँ।
    एह बरे मइँ निरास नाहीं होब।
बुरे मनइयन तउ निरास होइ जइहीं।
    अउर उ पचे कब्र मँ नीरव चला जइहीं।
18 दुर्जन लोग डींग हाँकत हीं
    अउर सज्जन क बारे मँ झूठ बोलत हीं।
उ सबइ दुर्जन बहोत ही अभिमानी होत हीं।
    मुला ओनके होंठ जउन झूठ बोलत रहत हीं, बिना सब्दन क होइहीं।

19 हे परमेस्सर, तू आपन भगतन बरे बहोत स अजूबा चीजन क छुपाइके धरे अहा।
    तू सबन्क समन्वा अइसे मनइयन बरे जउन तोहार बिस्सासी अहइँ,
    भला काम करत अहा।
20 दुर्जन लोग सज्जनन क नस्कान पहोंचावइ क बरे जुट जात हीं।
    उ सबइ दुर्जन लड़ाइ भड़कावइ क जतन करत हीं।
    मुला तू सज्जनन क ओनसे छुपाइ लेत अहा, अउर ओनका बचाइ लेत अहा।
    तू सज्जन लोगन क रच्छा आपन सरण मँ करत अहा।
21 यहोवा क स्तुति करा।
    जब नगर क दुस्मन लोग घेर लिहे रहेन, तब उ आपन सच्चा पिरेम अजूबी रीति स देखाँएस।
22 मइँ डेरान रहेउँ, अउर मइँ कहे रहेउँ, “मइँ तउ अइसे जगह पइ हउँ जहाँ मोका परमेस्सर नाहीं देख सकत ह।”
    मुला हे परमेस्सर, मइँ तोहार बिनती किहेउँ, अउर तू मोर सहायता क पुकार सुनि लिहा।

23 परमेस्सर क भगतन, तोहका यहोवा स पिरेम करइ चाही।
    यहोवा ओन लोगन क जउन ओकरे बरे सच्चा अहइँ, रच्छा करत ह।
मुला यहोवा ओनका जउन आपन ताकत क ढोल पीटत हीं।
    ओनका उ वइसा ही दण्ड देत ह, जइसा दण्ड ओनका मिलइ चाही।
24 अरे ओ मनइयो जउन यहोवा क मदद बरे प्रतीच्छा करत अहा,
    सुदृढ अउ हिम्मती बना!

भजन संहिता 35

दाऊद क समर्पित।

हे यहोवा, मोरे मुकदमन क लड़ा।
    मोरे जुद्धन क लड़ा।
हे यहोवा, कवच अउ ढार धारण करा,
    खड़ा ह्वा अउ मोर रच्छा करा।
बरछी अउ भाला उठावा,
    अउर जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ ओनसे जुद्ध करा।
हे यहोवा, मोरी आतिमा स कहा, “मइँ तोहार उद्धार करब।”

कछू लोग मोका मारइ पाछे पड़ा अहइँ।
    ओनका निरास अउ लज्जित करा।
    ओनका मोड़ द्या अउ ओनका भगाइ द्या।
मोका नस्कान पहोंचावइ क कुचक्र जउन रचत अहइँ
    ओनका असमंजस मँ डाइ द्या।
तू ओनका अइसा भूसा स बनाइ द्या, जेका हवा उड़ाइ लइ जात ह।
    ओनके संग अइसा होइ द्या कि, ओनके पाछे यहोवा क दूत पड़इँ।
हे यहोवा, ओनकर राह अँधियारी अउ फिसल जाइवाली होइ जाइ।
    यहोवा क दूत ओनकइ पाछे पड़इँ।
उ पचे बिना कारण मोर बरे फंदा लगाएस ह।
    उ पचे बिना कारण मोका फँसावा चाहत हीं।
तउ, हे यहोवा, अइसे लोगन क ओनकर आपन ही जालि मँ गिरइ द्या।
    ओनका आपन ही फंदन मँ पड़इ द्या।
    अउर कउनो न मालूम भवा खतरा ओन पइ पड़द द्या।
फुन तउ यहोवा मइँ तोहे मँ आनन्द मनाउब।
    यहोवा क संरच्छण मँ मइँ प्रसन्न होब।
10 मइँ आपन पूरे मन स कहब, “हे यहोवा, तोहरे समान कउनो नाहीं अहइ।
    तू सबलन स दुर्बलन क बचावत ह।
जउन लोग सक्तीवाला होत हीं,
    ओनसे तू चिजियन क छोर लेत अहा अउर दीन अउ बेसहारा लोगन क देत ह।”
11 एक लबार साच्छी दल मोका दुःख देइ बरे कुचक्र रचत अहइ।
    उ पचे मोह पइ अपराधन क इलज़ाम लगवात ह जेकरे बरे मइँ जानत ही नाहीं हउँ।
12 मइँ तउ बस भलाई ही भलाई किहेउँ ह।
    मुला उ पचे मोसे बुराई करिहीं।
    हे यहोवा, मोका उ उत्तिम फल द्या जउन मोका मिलइ चाही।
13 ओन पइ जब दुःख पड़ा, ओनके बरे मइँ दुःख भएउँ।
    मइँ खइया क तजिके आपन दुःख परगट किहेउँ।
    (जउन मइँ ओनके बरे पराथना किहेउँ, का मोका इहइ मिलइ चाही?)
14 ओन लोगन बरे मइँ सोक वस्त्र धारण किहेउँ।
मइँ ओन लोगन क संग मीत वरन भाई जइसा बेउहार किहेउँ।
    मइँ उ रोवत मनई जइसा दुःखी भएउँ, जेकर महतारी मरि गइ होइ।
    अइसे लोगन स सोक परगट करइ बरे मइँ करिआ वस्त्र पहिर लिहेउँ।
    मइँ दुःखे मँ बूड़ेउँ अउर मूँड़ निहुराइके चलेउँ।
15 मुला जब मोसे कउनो एक चूक होइ गइ, उ सबइ लोग मोर खिल्ली उड़ाएन।
    उ सबइ लोग फुरइ मोर मीत नाहीं रहेन।
मइँ ओन लोगन क जानत तउ नाहीं।
    उ पचे मोका घेरि लिहन अउर मोह पइ प्रहार किहन।
16 उ पचे मोह पइ दुर्जनता क संग मसखरी किहन
    अउ उ पचे मोह पइ दाँत पीसेन।

17 मोर सुआमी, तू कब तलक इ सब बुरा होत लखब्या? इ सबइ लोग मोका नास करइ क जतन करत अहइँ।
    हे यहोवा, मोर प्राण बचाइ ल्या।
    मोरी पियारी जिन्नगी क रच्छा करा।
    उ सबइ सिंह जइसा बन गवा अहइँ।

18 हे यहोवा, मइँ महासभा मँ तोहार स्तुति करब।
    मइँ बरिआर लोगन क संग रहत भए तोहार जस बखानब।
19 मोर लबार सत्रु हँसत नाहीं रहिहीं।
    फुरइ मोर दुस्मन आपन छुपी भइ
    जोजना बरे सजा पइहीं।
20 मोर दुस्मन सचमुच सान्ति क जोजनन क नाहीं रचतेन।
    उ पचे इ देस क सान्ति प्रिय लोगन क खिलाफत मँ छुप हुपिके बुरा करइ क कुचक्र रचत अहइँ।
21 मोर दुस्मन मोरे बरे बुरी बातन क कहत अहइँ।
    उ सबइ झूठ बोलत भए कहत अहइँ, “अहा!
    हम सबइ जानत अही तू का करत अहा!”
22 हे यहोवा, तू सचमुच लखत अहा कि का कछू घटत बाटइ।
    तउ तू जिन छुपा रहा,
    मोका जिन तजा।
23 हे यहोवा, जागा!
    मोका रच्छा बरे तइयार होइ जा!
    मोरे परमेस्सर यहोवा मोर लड़ाई लड़ा, अउर मोर निआउ करा।
24 हे मोरे परमेस्सर यहोवा, आपन बगइर पच्छ लिहे मोर निआउ करा,
    तू ओन लोगन क मोह पइ हँसइ जिन द्या।
25 ओन लोगन क अइसा जिन कहइ द्या,
“अहा! हमका जउन चाही रहा ओका पाइ लीन्ह!”
    हे यहोवा, ओनका जिन कहइ द्या, “हम ओका बरबाद कइ दीन्ह।”
26 मइँ आसा करत हउँ कि मोर दुस्मन निरास अउ लज्जित होइहीं।
    उ सबइ लोग खुस रहेन जब मोरे संग बुरी बातन घटत रहिन।
उ सबइ सोचा करतेन कि उ सबइ मोसे स्रेस्ठ अहइँ!
    तउ अइसे लोगन क लाज मँ बूड़ि जाइ द्या।
27 ओन लोगन क जउन मोका निर्दोख घोसित करइ चाहत ह,
    खुसी अउ आनन्दित होइ द्या।
उ पचन क हमेसा कहइ द्या, “यहोवा महान बा!
    उ आपन सेवक क अच्छाई चाहत ह।”

28 तउ, हे यहोवा, मइँ लोगन क तोहार अच्छाई बताउब।
    हर दिन, मइँ तोहार स्तुति करब।

यिर्मयाह 24

नीक अंजीर अउर बुरे अंजीर

24 यहोवा मोका इ सबइ चिजियन देखाइस: यहोवा क मन्दिर क समन्वा मइँ सजी भइ दुइ ठु अंजीर क टोकरियन लखेउँ। (मइँ इ अन्तदर्सन क बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर क जरिये यकोन्याह क बन्दी बनाइ लीन्ह जाइ क पाछे लखेउँ। यकोन्याह राजा यहोयाकीम क पूत रहा। यकोन्याह अउ ओकर बड़के अधिकारी यरूसलेम स दूर पहोंचाइ दीन्ह ग रहेन। उ पचे बाबुल पहोंचावा ग रहेन। नबूकदनेस्सर यहूदा क सबहिं बढ़इयन अउ धातुकारन क लइ गवा रहा।) एक ठु टोकरी मँ बहोत नीक अंजीर रहेन। उ सबइ ओन अंजीरन क तरह रहेन जउन मौसम क सुरूआत मँ पकत हीं। किन्तु दूसर टोकरी मँ सड़े गले अंजीर रहेन। उ सबइ एतने सड़े गले रहेन कि ओनका खावा नाहीं जाइ सकत रहा।

यहोवा मोहसे कहेस, “यिर्मयाह, तू का लखत अहा?” मइँ जवाब दिहेउँ, “मइँ अंजीर लखत हउँ। नीक अंजीर बहोत नीक अहइँ। अउर सड़े गले अंजीर बहोत ही सड़े गले अहइँ। उ सबइ एतने सड़े गले अहइँ कि खावा नाहीं जाइ सकतेन।”

तब यहोवा क सँदेसा मोका मिला। इस्राएल क परमेस्सर यहोवा कहेस, “यहूदा क लोग आपन देस स लइ जावा गएन। ओनकर दुस्मन ओनका बाबुल लइ गवा। उ सबइ लोग एन नीक अंजीरन क तरह होइहीं। मइँ ओन लोगन पइ दाया करब। मइँ ओनकर रच्छा करब। मइँ ओनका यहूदा देस मँ वापस लिआउब। मइँ ओनका चरिके लोकाउब नाहीं, मइँ फुन ओनकर निर्णय करब। मइँ ओनका उखाड़ब नाहीं अपितु रोपब जेहसे उ सबइ बाढ़इँ। मइँ ओनका आपन क समुझइ क इच्छा रखइवाला बनाउब। उ पचे समझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ। उ सबइ मोर लोग होइहीं अउर मइँ ओनकर परमेस्सर। मइँ इ करब काहेकि उ पचे बाबुल क बन्दी पूरे हिरदय स मोर सरण मँ अइहीं।

“किन्तु यहूदा क राजा सिदकिय्याह ओन अंजीरन क तरह अहइ जउने ऍतने सड़े गले अहइँ कि खावा नाहीं जाइ सकतेन। अउर ओकर बड़के अधिकारी, जउन यरूसलेम अउ मिस्र मँ रहत अहइँ ओन सड़े गले अंजीरन क तरह होइहीं। मइँ ओन लोगन क सजा देब। उ सजा पृथ्वी क सबहिं लोगन क हिरदय दहताइ देइ। लोग यहूदा क लोगन क मजाक उड़इहीं। लोग ओनके बारे मँ हसी उड़इहीं। लोग ओनका ओन सबहिं ठउरन पइ सराप देइहीं जहाँ ओनका मइँ बिखेरब। 10 मइँ ओनके विरूद्ध तरवारन, भुखमरी अउर बीमारियन पठउब। मइँ ओन पइ तब तलक हमला करब जब तलक कि उ पचे सबहिं मर नाहीं जातिन। तब उ पचे भविस्स मँ उ भुइँया पइ नाहीं रहिहीं जेका मइँ एनका तथा एनकर पुरखन क दिहे रहेउँ।”

रोमियन 9:19-33

19 तउ फिन तू सायद मोसे कह्या, “अगर हमरे करमन क नियन्त्रण करइवाला परमेस्सर बा त फिन उ ओहमाँ हमार दोस काहे समझत ह?” आखिरकार ओकरी इच्छा क विरोध कउन कइ सकत ह? 20 अरे मनई तू कउन होत अहा जे परमेस्सर क उलटि के उत्तर देइ? का कउनउ रचना अपने रचइवालन स पूछ सकत ह कि “तू मोका अइसेन काहे बनाया?” 21 का कीहीउ कोहार क मिट्टी पे इ अधिकार नाहीं बा कि उ कीहीऊँ एक लँऊदा स एक भाँड़ बिसेस प्रयोजन बरे अउ दूसर हीन प्रयोजन बरे बनावइ?

22 परन्तु एहमाँ का बा अगर परमेस्सर त आपन किरोध देखॉवइ अउर आपन सक्ति जतावइ क बरे ओन्हन भाँडन क जउन किरोध क पात्र रहेन अउर जेकरे बिनास होइ क रहा, बड़ा धीरज क साथे सही, 23 उ ओनकइ सहेस ताकि उ भाँडन क लाभ बरे जउन दया क पात्र रहेन अउर जे उ आपन महिमा पावइ बरे बनाए रहा, ओह पे आपन महिमा परगट कइ सकइ। 24 मतलब हम जेका उ न केवल यहूदियन मँ स बोलाएस बल्कि गैर यहूदीयन मँ स भी 25 जइसेन कि होसे क किताबे मँ लिखा बा:

“जउन लोग मोर लोग नाहीं रहे
    ओन्हे मइँ आपन कहबइ।
अउर उ स्त्री जउन पिआरी नाहीं कही गइ
    मइँ ओका प्रिया कहबइ।” (A)

26 अउर

“इ उहइ घटी जउने स्थान पे ओनसे कहा गवा रहा,
    ‘तू पचे मोर परजा नाहीं अहा।’
    उहइ उ जिन्दा परमेस्सर क सन्तान कहवइहीं।” (B)

27 अउर यसायाह इस्राएल क बारे मँ पुकार क कहत ह।

“यद्यपि इस्राएल क सन्तान
    समुद्र क बालू क कणन क समान असंख्या अहइँ
तऊँ ओहमाँ स केवल थोड़ क ही बच पइहीं।
28     काहेकि पर्भू पृथ्वी पे आपन निआव क पूरी तरह स अउ जल्दी ही पूरा करी।”(C)

29 अउ जइसेन कि यसायाह त भविस्सबाणी किहे रहा:

“अगर सर्वसक्तिमान पर्भू
    हमरे बरे बंसज न छोड़तेन
त हम सदोम जइसे
    अउर अमोरा जइसे ही होइ जाइत।”(D)

30 त फिन हम का कही? हम इ नतीजा पे पहुँच अही कि गौर यहूदियन क लोग जउन धार्मिकता क खोज मँ नाहीं रहेन, उ धार्मिकता क पाइ गएन। उ पचे जउन बिसवास क कारण ही धार्मिक ठहरावा गएन। 31 परन्तु इस्राएल क लोग तउ जउन जइसेन व्यवस्था पे चलइ चाहत रहेन जउन ओनका धार्मिक ठहरावत ओकरे अनुसार नाहीं जी सकेन। 32 काहे नाहीं? काहेकि उ पचे एकर पालन बिसवास स नाहीं, बल्कि अपने करमन स धर्मी बना चाहत रहेन, उ सबइ ओह चट्टान पे ठोकर खाइ गएन, जउन ठोकर दियावत रही। 33 जइसेन कि पवित्तर सास्तर कहत ह:

“देखा, मइँ सिय्योन मँ एक पत्थर रखत हउँ जउन ठोकर दियावत ह
    अउर एक चट्टान जउन पाप करावत ह।
परन्तु उ जउन ओहमाँ बिसवास करत ह,
    ओका कभउँ निरास न होइ क होई।” (E)

यूहन्ना 9:1-17

पैदाइसी आँधर क आँखी देब

जब उ सबेनह जात रहेन तउ उ एक ठु पैदाइसी आँधर मनई क देखेस। इ देखि क ईसू क चेलन ओसे पूछेन, “गुरू, इ मनई आँधर पैदा भवा ह मूला केकरे पाप क कारण उ आँधर भवा ह अपने पाप या अपने महतारी बाप क?”

ईसू जवाब दिहेस, “न तउ इ कउनो पाप करे अहइ अउर न एकर महतारी बाप कउनो पाप करे अहइँ। इ एह बरे आँधर पैदा भवा अहइ जइसे कि ऍका नीक कइके परमेस्सर क ताकत देखाई जा सकइ। ओकर काम जउन मोका भेजे अहइ, दिन रहतइ कइ लेइ चाही, काहेकि जब रात होइ जाइ तउ कउनो काम नाहीं होइ पावत। जब तलक मइँ इ दुनियाँ मँ अहइ तब तलक मइँ दुनिया क ज्योति अहउँ।”

ऍतना कहिके ईसू जमीन प थूकेस अउर ओसे थोरि क माटी सानेस ओका आँधर मनई क आँखी प मल दिहेस। अउर ओसे कहेस, “जा अउर सीलोह क पोखरा मँ धोइ आवा।” (सीलोह क मतलब अहइ “भेजा भवा।”) अउर फिन उ आँधर जाइके आपन आँखी धोइ आवा। जब उ लौटा तउ ओका देखॅाइ देइ लाग।

फिन ओकर पड़ोसी अउर उ लोग जउऩ ओका भीख माँगत देखत रहेन, कहेन, “का इ उहइ मनई अहइ जउऩ बइठे-बइठे भीख माँगत रहा?”

कछू लोग कहेन, “इ उहइ अहइ।” दूसर लोग कहेन, “नाहीं, इ उ मनई न अहइ, उहइ क तरह देखॅात अहइ।” इ सुनिके आँधर मनई कहेस, “मइँ उहइ अहउँ।”

10 इ देखिके उ सबेन्ह ओसे पूछेस, “तोहका आँखी क प्रकास कइसन मिली?”

11 उ जवाब दिहेस, “ईसू नाउँ क एक मनई माटी सानके मोरी आँखी प मलेस अउ मोसे कहेस, जा अउर सीलोह मँ धोइ आवा अउर मइँ जाइके धोइ आएउँ। मोका उहइ वजह स आँखन क प्रकास मिल गवा।”

12 फिन उ सबेन्ह ओसे पूछेन, “उ कहाँ अहइ?”

उ जवाब दिहेस, “मोका पता नाहीं अहइ।”

आँखी क दान क बावत फरीसियन मँ आपसी झगड़ा

13 उ मनई जउन पहिले आँधर रहा, उ सबेन्ह ओका फरीसियन क पास लइ गएन। 14 जउने दिन ईसू, माटी सानके अँधरे क आँखी क प्रकास दिहे रहा। उ सबित क दिन रहा। 15 ऍह तरह फरीसियन ओसे एक बार फिन पूछइ लागेन, “उ अपने आँखिन क प्रकास कइसे पाएस?”

उ बताएस, “उ मोरी आँखी प गीली माटी लेपेस अउर मोसे कहेस, जा धोइ ल्या, मइँ धोइ लीन्ह अउर अब देख सकित हउँ।”

16 कछू फरीसी कहइ लागेन, “इ मनई परमेस्सर क तरफ स न अहइ, एह बरे कि इ सबित क पालन नाहीं करत।”

एक क सुनिके दूसर मनई बोलेन, “कउनो पापी मनई भला ऍतना अदूभुत कारजन कइसे कइ सकत ह?” इ तरह स ओनके बीच मँ आपस मँ मतभेत होइ लाग।

17 फिन यहूदी नेतन उ आँधर मनई स बोलेन, “ओकरे बाबत तू का कहत अहा? एह बरे कि तू जानत अहा कि उ तोका आँखी दिहे अहइ।”

तब उ कहेस, “उ नबी अहइ।”

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