Book of Common Prayer
1 मइँ यहोवा क धन्यवाद देत हउँ, काहेकि उ नीक अहइ।
ओकर पिरेम सदा ही रहत ह।
2 इस्राएल इ कहइ द्या,
“ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही रहत ह।”
3 याजक अइसा कहत हीं,
“ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा अटल रहत ह।”
4 तू लोग जउन यहोवा क उपासना करत अहा, कहा करत अहा,
“ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही अटल रहत ह।”
5 मइँ परेसानी मँ रहेउँ, एह बरे मइँ मदद बरे यहोवा क पुकारेउँ।
उ मोका जवाब दिहस अउर यहोवा मोका अजाद किहस।
6 यहोवा मोरे कइँती अहइ, मइँ कबहुँ नाहीं डेराब।
लोग मोका कउनो हानि नाहीं पहोंचावइ सकतेन।
7 यहोवा मोर सहायक अहइ।
मइँ आपन दुस्मनन क हारा देखब।
8 मनइयन पइ भरोसा रखइ स
यहोवा पइ भरोसा राखब उत्तिम अहइ।
9 इ हमेसा उत्तिम अहइ कि पहिले आपन यहोवा पइ भरोसा करा
तउ आपन मुखियन पइ।
10 मइँ आपन दुस्मनन दुआरा घेरि लिहे गवा रहेउँ।
यहोवा क सक्ति स मइँ आपन बैरी लोगन क हराइ दिहेउँ।
11 बहोत सारा दुस्मनन मोका चारिहउँ कइँती स घेरि लिहन ह।
मइँ आपन दुस्मन क यहोवा क सक्ति स हराएउँ।
12 दुस्मनन मोका मधु माखियन क झुण्ड क नाई घेरि लिहन।
मुला, उ सबइ हाली बरत भइ झाड़ी क नाई बर्बाद भएन।
यहोवा क सक्ति स मइँ ओका हराएउँ ह।
13 मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन अउ मोका लगभग बर्बाद कइ दिहन
मुला यहोवा मोका सहारा दिहस।
14 यहोवा मोर सक्ति अउर मेार विजय गीत अहइ।
अउर उ रच्छक बनि गवा ह।
15 सज्जनन क घर मँ जउन विजय पर्व मनत अहइ तू ओका सुन सकत ह।
देखा, यहोवा आपन महासक्ति फुन देखाएस ह।
16 यहोवा क भुजन विजय मँ उठी भइ अहइँ।
देखा यहोवा आपन महासक्ति फुन स देखाएस।
17 मइँ जिअत रहब, मइँ मरब नाहीं,
अउर जउन करम यहोवा किहस ह, मइँ ओन लोगन क गनती फुन स करब।
18 यहोवा मोका दण्ड दिहस,
मुला उ मोका मरइ नाहीं दिहस।
19 सच्चाई क दुआरन क खोला,
ताकि मइँ भीतर आइ पाउँ अउर यहोवा क आराधना करउँ।
20 यहोवा क मौजूदगी मँ जाइ क दुआर हिआँ अहइ।
बस सिरिफ धर्मी लोग ही ओन दुआरन स होइके जाइ सकत हीं।
21 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब देइ बरे
अउर मोका रच्छा करइ बरे तोहका धन्यवाद देत अहउँ।
22 जउन पाथार क राज मिस्त्रियन नकार दिहे रहेन
उहइ पाथर क प्रयोग कोना क पाथर क रूप मँ कीन्ह गवा।
23 यहोवा इ घटना क होइ दिहस।
अउर हम सबइ एहमाँ अद्भूत महसूस कीन्ह।
24 इ उहइ दिना अहइ जेका यहोवा बनाएस ह।
आवा हम खुसी क अनुभव करी अउर आजु आनन्दित होइ जाइ।
25 लोग कहेन, “हे यहोवा, हम पचन क बचाव करा,
हे यहोवा हमार रच्छा करा।
26 उ मनई धन्न होइ जउन यहोवा क नाउँ मँ आवत अहइ।”
“मइँ यहोवा क घर मँ तोहार स्तुति करित हउँ।
27 यहोवा परमेस्सर अहइ।
उ आपन प्रकास स हम पचन क छाया दिहेस ह।
वेदी क कोनन पइ भेंट क मेमना क बाँधा।”
28 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा, अउर मइँ तोहार धन्यवाद करत हउँ।
मइँ तोहार गुण गावत हउँ, हे मोर परमेस्सर।
29 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ उत्तिम अहइ।
ओकर सच्ची करुणा सदा-सदा बनी रहत ह।
दाऊद क एक ठु स्तुति गीत।
1 हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे राजा, मइँ तोहार गुण गावत हउँ।
मइँ सदा-सदा तोहरे नाउँ क धन्य कहत हउँ।
2 मइँ हर दिन तोहका सराहत हउँ।
मइँ तोहरे नाउँ क सदा-सदा बड़कई करत हउँ।
3 यहोवा महान अहइ।
ओकर बहोत स्तुति होइ चाही।
मइँ उ सबइ चिजियन क पता नाहीं लगाइ सकब जउन उ करत ह।
4 पीढ़ी दर पीढ़ क ओन बातन क गरिमा क बखानइ द्या जेनका तू सदा-सर्वदा करत ह।
अउर ओनका तोहार सक्तिसाली करमन क घोसणा करइ द्या।
5 तोहरे महिमामय प्रताप सुन्नर अहइ।
मइँ तोहरे अचरज भरे करमन क बखानब।
6 लोगन क ओन अचरज भरा सक्ती क बारे मँ कहइ द्या जेनका तू करत ह।
मइँ ओन महान करमन क बखानब जेनका तू करत ह।
7 लोगन क उ बहोत सारी नीक बातन क बारे मँ कहइ द्या जउन तू किहा ह।
उ पचे तोहार सच्चाई क बारे मँ कहिहीं।
8 यहोवा दयालु अहइ अउर करुणा स पूर्ण अहइ,
उ धीरज अउ पिरेम स पूर्ण अहइ।
9 यहोवा सब क बरे भला अहइ।
उ जउन सबइ कछू रचेस ह ओकरे प्रति करुणा प्रगट करत ह।
10 हे यहोवा, ओनका जेका तू रच्या ह तोहार बड़कई करइ द्या।
तोहका तोहार भगत धन्य कहत हीं।
11 उ सबइ लोग तोहरे महिमा स भरा राज्ज क बखान करत रहत हीं।
ओनका तोहरी सक्ति क बारे मँ कहइ द्या।
12 ताकि सबइ मानव जाति ओकरे सक्तिसाली करमन बारे मँ
अउर ओकरे राज्ज क महिमामय प्रताप क बारे मँ जानइँ।
13 हे यहोवा, तोहार राज्ज सदा सदा बना रही।
तू सर्वदा राज्ज करब्या।
14 यहोवा गिरे भए लोगन क उठावत ह।
यहोवा ओन लोगन क उठावत ह जउन बोझन क ढोवत ह।
15 सबहिं प्राणी तोहरी कइँती खाना पावइ बरे लखत हीं।
तू ओनका ठीक समइ पइ खइया क देत रहत ह।
16 तू आपन मूठी खोलत ह,
अउर तू सबहिं प्राणियन क ओकरे जरूरत क चिजियन स संतुट्ठ करत अहा।
17 जउन कछू यहोवा करत ह उ नीक बाटइ।
यहोवा जउन भी करत ओहमाँ निज बिस्ससनीय पिरेम प्रकट करत ह।
18 यहोवा हमेसा ओन लोगन क निचके रहत ह
जउन इमानदारी क संग यहोवा स मदद क बिनती करत ह।
19 यहोवा क भगत जउन ओहसे चाहत हीं, उ ओन बातन क करत ह।
यहोवा आपन भगतन क सुनत ह।
उ ओनकर पराथनन क जवाब देत ह अउर ओनकर रच्छा करत ह।
20 यहोवा ओन सबइ क जउन ओह स पिरेम करत ह, क रच्छा करत ह।
किन्तु उ हर टुट्ठ क नस्ट करत ह।
21 मइँ यहोवा क गुण गाउब।
हर कउनो ओकर पवित्तर नाउँ क सदा अउ सर्वदा स्तुति करइ द्या।
16 सर्वसक्तिमान इ सब कहत ह:
“उ पचे नबी तू पचन स जउन कहइँ ओकर अनसुनी करा।
उ पचे तू पचन्क मूरख बनावइ क जतन करत अहइँ।
उ पचे नबी अन्तदर्सन करइ क बात करत हीं।
किन्तु उ पचे आपन अन्त दर्सन मोहसे नाहीं पाउतेन।
ओनकर अन्तदर्सन ओनकर मन क उपज अहइ।
17 कछू लोग यहोवा क सच्चे सँदेसा स घिना करत हीं।
एह बरे उ सबइ नबी ओन लोगन स अलग-अलग कहत हीं।
उ पचे कहत हीं, ‘तू सान्ति स रहब्या।’
कछू लोग बहोत हठी अहइँ।
उ पचे उहइ करत हीं जउन उ पचे करइ चाहत हीं।
एह बरे उ सबइ नबी कहत हीं,
‘तोहार पचन्क कछू भी बुरा नाहीं होइ।’
18 किन्तु एन नबियन मँ स कउनो भी स्वर्गीय परिषद मँ सामिल नाहीं भवा ह।
ओनमाँ स कउनो भी यहोवा क सँदेसा क न लखेस ह न ही सुनेस ह।
ओनका स कउनो भी यहोवा क सँदेसा पइ गंभीरता स धियान नाहीं दिहेस ह।
19 अब यहोवा क हिआँ स सजा आँधी क तरह आइ।
यहोवा क किरोध बौंड़र क तरह होइ।
इ ओन दुट्ठ लोगन क मूँड़न क कुचरत भवा आइ।
20 यहोवा क किरोध तब तलक नाहीं रूकी
जब तलक उ पचे जउन करइ चाहत हीं, पूरा न कइ लेइँ।
जब उ दिन चला जाइ
तब तू पचे एका ठीक ठीक समुझब्या।
21 मइँ ओन नबियन क नाहीं पठएउँ।
किन्तु उ पचे आपन सँदेसा देइ दउड़ पड़ेन।
मइँ ओनसे बातन नाहीं किहेउँ।
किन्तु उ पचे मोर नाउँ क उपदेस दिहन।
22 जदि उ पचे मोर स्वर्गीय परिषद मँ सामिल भए होतेन
तउ उ पचे यहूदा क लोगन क मोर सँदेसा दिए होतेन।
उ पचे लोगन क बुरे करम करइ स रोक दिए होतेन।
उ पचे लोगन क पाप करम करइ स रोक दिए होतेन।”
23 इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“मइँ परमेस्सर हउँ, हिआँ हुआ अउर सर्वत्र।
मइँ बहोत दूर नाहीं हउँ।
24 कउनो मनई कउनो छिपइ क ठउरे मँ आपन क मोहसे छिपावइ जतन कइ सकत ह।
किन्तु ओका लखि लेब मोरे लिए सहल अहइ।
काहेकि मइँ सरग अउ धरती दुइनउँ पइ सर्वत्र हउँ।”
यहोवा इ सबइ बातन कहेस। 25 “अइसे नबी अहइँ जउन मोरे नाउँ पइ लबार उपदेस देत हीं। उ पचे कहत हीं, ‘मइँ एक सपन लखेउँ ह! मइँ एक सपन लखेउँ ह।’ मइँ ओनका उ सबइ बातन करत सुनेउँ ह। 26 इ कब तलक चलत रही? उ सबइ नबी झूठ ही क चिन्तन करत हीं अउर तब उ पचे उ झूठ क उपदेस लोगन क देत हीं। 27 इ सबइ नबी जतन करत हीं कि यहूदा क लोग मोर नाउँ बिसरि जाइँ। उ पचे इ काम क, आपुस मँ एक दूसर स कल्पित सपन कहिके करत अहइँ। इ सबइ लोग मोरे लोगन स मोर नाउँ वइसे ही बिसराइ देइ क जतन करत अहइँ जइसे ओनकर पुरखन मोका बिसरि गए रहेन। ओनकर पुरखन मोका बिसरि गएन अउर उ पचे लबार देवता बाल क पूजा किहन। 28 भूसा उ नाहीं अहइ जउन गोहूँ अहइ। ठीक उहइ तरह ओन नबियन क सपन मोर सँदेसा नाहीं अहइँ। जदि कउनो मनई आपन सपनन क कहइ चाहत ह तउ ओका कहइ द्या। किन्तु उ मनई क मोरे सँदेसा क सच्चाई क कहइ द्या जउन मोरे सँदेसा क सुनत ह। 29 मोर सँदेसा ज्वाला क तरह अहइ। इ उ हथौड़े क तरह अहइ जउन चट्टान क चूर्ण करत ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
30 “एह बरे मइँ लबार नबियन क खिलाफ हउँ। काहेकि उ पचे मोरे सँदेसा क एक दूसर स चोरावइ मँ लगा रहत हीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। 31 “उ पचे आपन बात कहत हीं अउर देखावा इ करत हीं कि उ यहोवा सँदेसा अहइ। 32 मइँ ओन लबार नबियन क खिलाफ हउँ जउन सपन क उपदेस देत हीं।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे आपन झूठ अउ झूठे उपदेसन स मोरे लोगन क भटकावत हीं। मइँ ओन नबियन क लोगन क उपदेस देइ बरे नाहीं पठएउँ। मइँ ओनका आपन बरे कछू करइ क आदेस कबहुँ नाहीं दिहेउँ। उ पचे यहूदा क लोगन क सहायता बिल्कुल नाहीं कइ सकतेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
19 जद्यपि मइँ किहू मनई क बन्धन मँ नाहीं हउँ, फन मइँ खुद क तोहरे सबन क गुलाम बनाइ लिहे हउँ। ताकि मइँ अधिकतर लोगन क जीत सकउँ। 20 यहूदियन क बरे मइँ एक यहूदी जइसेन बनउँ, ताकि मइँ यहूदियन क उद्धार मँ मदद करि सकउँ मइँ खुद व्यवस्था क अधीन नाहीं अहउँ। जउन लोग व्यवस्था क अधीन अहइँ, ओनके बरे मइँ एक अइसेन मनई बरे जउन व्यवस्था क अधीन जइसेन बनेउँ। इ मइँ एह बरे किहे कि मइँ व्यवस्था क अधीनन क उद्धार करवइ मँ मदद कइ सकउँ। 21 मइँ एक अइसेन मनई बने जउन व्यवस्था क नाहीं मानत। जद्यपि मइँ परमेस्सर क व्यवस्था स रहित नाहीं हउँ बल्कि मसीह क व्यवस्था क अधीन हउँ। तउ कि मइँ जउन व्यवस्था क नाहीं मानत हउँ ओन्हे जीत सकउँ। 22 जउन मनइयन कमजोर अहइँ, ओनके बरे मइँ कमजोर बनेउँ ताकि मइँ कमजोरन क उद्धार करावइ मँ मदद कइ सकी। हर किहू क बरे मइँ हर किहू जइसेन बनेउँ त कि हर सम्भव उपाय स ओनकर उद्धार कइ सकउँ। 23 इ सब कछू मइँ सुसमाचार क बरे करत हउँ ताकि एकरे बरदानन मँ मोर भी कछू भाग होइ।
24 का तू लोग इ नाहीं जानत अहा कि खेल क मैदान मँ दौड़त सबहिं धावक बाटेन मुला इनाम कउनो एक क मिलत ह। अइसेन दउड़ा कि जीत तोहार होइ सकइ। 25 कउनो खेल प्रतियोगिता मँ हर एक प्रतियोगी क हर तरह क आतिमा संयम करब होत ह। उ एक नासमान कीर्तिमान स सम्मानित होइ क बरे करत हीं मुला हम तउ एक अविनासी मुकुट क पावइ बरे इ करित ह। 26 एह तरह मइँ ओह मनई क समान दौड़त हउँ जेकरे सामने एक लच्छ बा। मइँ अहइ मुक्केबाज क तरह मुक्का मारत मारत हउँ मुला मइँ हवा मँ मुक्का नाहीं मारत हउँ। 27 बल्कि मइँ तउ आपन सरीर क कठोर अनुसासन मँ तपाइके, ओका अपने बस मँ करत हउँ। ताकि कहूँ अइसेन न होइ जाइ कि दुसरन क उपदेस देइ क बाद परमेस्सर क जरिये मइँ इ बेकार ठहराइ दीन्ह जाउँ।
ईसू द्वारा आपन मउत क भविस्सवाणी
(मत्ती 16:21-28; लूका 9:22-27)
31 अउर उ ओनका समझाउब सुरु करेस, “मनई क पूत क बहोत दुःख झेलइ पड़इ क होइ अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन, मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन स धकियाइ दीन्ह जाइ। अउर उ निहचइ ही मारि डावा जाइ अउर फिन उ तिसरे दिन जी उठी।” 32 ईसू ओनका इ बात सच सच बताइ दिहस।
फिन पतरस ओका एक कइँती लइ गवा अउर फटकारइ लाग। 33 मुला ईसू पाछे घूमि के आपन चेलन निहारेस अउर पतरस क फटकारि के कहेस, “सइतान! मोसे पाछे जा। परमेस्सर क बातन स तोहका कउनो मतलब नाहीं, मुला मनई क बातन्क तोहका मतलब अहइ।”
34 तब उ भीर क चेलन संग निअरे बोलाएस अउर उ ओनसे कहेस, “जदि कउनो मोरे पाछे आवा चाहत ह तउ उ आपन सब कछू तजि दे। ओका आपन क्रूस उठाइ लेइ चाही अउर ओका मोरे पाछे होइ चाही। 35 मुला जउन आपन जिन्नगी क बचावा चाहत ह, उ एका खोइ देइ। अउर जउन आपन जिन्नगी मोका अउर सुसमाचार बरे खोई उ एका बचावा चाही। 36 अगर कउनो मनई आपन आतिमा खोइ के समूची दुनिया लइ लेत ह, तउ ओसे का फाइदा? 37 अइसे कउनो मनई कउनो ठो चीज क बदले आतिमा नाहीं पाइ सकत। 38 जदि कउनो व्यभिचार अउर पापी पीढ़ी मँ मोर नाउँ अउर उपदेस क कारण सर्मात ह तउ मनई क पूत जब पवित्तर सरगदूतन क संग आपन परमपिता क महिमा लइ के आई तउ उहउ सर्माइ जाई।”
9 अउर ईसू ओनसे कहेस, “मइँ सबन क सच सच बताउब, जउन हियाँ खड़ा अहइँ, ओहमाँ स कछू परमेस्सर क राज्य सक्ति क संग आवइ स पहिले देखिहीं अउर मरइ क अंजाद न करिहीं।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.