Book of Common Prayer
आसाफ क एक कलात्मक।
1 मोर मनवइयो, तू पचे मोरे उपदेसन क सुना।
ओन बातन पइ कान द्या जेनका मइँ बतावत हउँ।
2 मइँ तू पचन्क इ कथा सुनाउब।
मइँ तू पचन्क पुरान कथा सुनाउब।
3 हम पचे इ कहानी सुना ह, अउर ऍका अच्छी तरह जानित ह।
हम लोगन क पुरखन इ कहानी कहेन ह।
4 हम लोग ऍन बातन क आपन सन्तानन स नाहीं छुपाउब।
हम लोग ऍन बातन क आपन अगवा पीढ़ी क बताउब।
हम लोग ओनसे यहोवा क सक्ति अउर ओकरे अद्भुत कामन क बारे मँ बताउब।
हम पचे ओनका ओन कामन बरे जेनका उ किहस ह बखान करब।
5 यहोवा याकूब स वाचा किहस।
परमेस्सर इस्राएल क व्यवस्था क विधान दिहस,
अउर हमार परमेस्सर हमरे पुरखन क हुकूम दिहन।
उ हमरे पुरखन क व्यवस्था क विधान आपन संतानन क सिखावइ क किहेस।
6 इ तरह अगवा पीढ़ी ऍन बातन क बरे मँ जानिहीं।
अउर हर एक पीढ़ी मँ गदेलन पइदा होइ अउर बढ़ीइ अउर फुन उ पचे इ कहानी क आपन गदेलन क बतइहीं।
7 ऍह बरे उ सबहिं लोग यहोवा पइ भरोसा करिहीं।
उ पचे ओन सक्ति स भरा कामम क नाहीं बिसरिहीं।
जेन्का परमेस्सर किहे रहा।
उ पचे धियान स रखवारी करिहीं अउर परमेस्सर क हुकूम क मनिहीं,
8 एह बरे उ पचे आपन पुरखन क नाई नाहीं होइ।
ओनकर पुरखन परमेस्सर क अनसुनी किहे रहेन
अउर ओकर अनुसरण करइ स इन्कार किहे रहेन उ पचे हठी रहेन।
उ पचे बिस्सासी होइ क परमेस्सर क अनुसरण नाहीं किहेन।
9 ओन मुड़ी भइ कमान की तरह जेका उ पचे लइ रहेन
एप्रैम क लोग जुद्ध स पीठ दिखाइ गए।
10 उ पचे ओन करार क नाहीं मानेन जउन उ पचे यहोवा स किहे रहेन।
उ पचे उ नाहीं किहे जउन उ ओन लोगन क करइ क हुकूम दिहे रहा।
11 एप्रैम क उ सबइ लोग ओन बड़की बातन क बिसरि गएन जेनका परमेस्सर किहे रहा।
उ पचे ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जेनका उ ओनका देखाँए रहा।
12 परमेस्सर ओनकर पुरखन क
मिस्र क भुइयाँ सोअन मँ निज महासक्ति देखाँइस।
13 परमेस्सर लाल सागर क चीरिके दुइ भाग कइके लोगन क पार उतार दिहस।
उ पानी क मजबूत देवार क तरह दुइनउँ कइँती खड़ा कइ दिहस रहा।
14 परमेस्सर ओन लोगन क दिन क समइ मँ महा बादर स अगुवाई किहस।
अउर रात क समइ मँ चमकत भवा आगी स राह देखाँएस।
15 उ चट्टान क फारेस अउर पानी तेजी स बाहर निकर आवा
वइसे ही जइसे झड़ना स निकरत ह।
16 परमेस्सर चट्टान स पानी क धारा
नदी क नाईं निकारे रहा।
17 मुला लोग रेगिस्तान मँ सर्वोच्च परमेस्सर क खिलाफ
पाप करत जारी रखे रहेन।
18 फिन ओन लोग परमेस्सर क परखइ क पक्का इरादा किहन।
उ पचे बस आपन भूख मिटावइ बरे परमेस्सर स खइया क माँगेन।
19 परमेस्सर क खिलाफ उ पचे बतियाइ लागेन, उ पचे कहइ लागेन,
“का रेगिस्ताने मँ परमेस्सर हमका खाइ क दइ सकत ह?
20 लोगन ने कहा, जब परमेस्सर चट्टाने पइ चोट किहस तउ पानी क एक ठु रेला फूटि पड़ा।
किन्तु का उ हमका कछू रोटी अउ गोस भी दइ सकत ह?”
21 जब यहोवा इ सुनि लिहस जउन लोग कहे रहेन
तउ ओकर किरोध इस्राएल क रास्ट्र
याकूब क खिलाफ भड़क गवा।
22 काहेकि लोग ओह पइ भरोसा नाहीं रखे रहेन, ओनका भरोसा नाहीं रहा,
कि परमेस्सर ओनका बचाइ सकत ह।
23-24 तब भी परमेस्सर ओन पइ बादर क खोल दिहस।
ओनका खाइ बरे खाले मन्ना बरसाइ दिहस।
इ ठीक वइसेन ही भवा जइसे कि उ अकासे क दुआर खोल दिहस ह
अउर ओनसे अनाज बाहेर उड़ेर दिहस ह।
25 लोग उ भोजन खाएन अउर उ पचे बहोत ताकतवर होइ गएन।
परमेस्सर ओन लोगन क तृप्त करइ बरे भर पूर भोजन पठएस।
26 फिन परमेस्सर पूरब स तेज हवा चलाएस
अउर ओन लोगन बरे बटेर क बर्खा बरसात क नाई बरसाएस।
27 परमेस्सर क महासक्ति तैमान कइँती स एक ठु आँधी उठाएस
अउर नीला अकास करिआ होइ गवा काहेकि हुवाँ अनगिनत पंछी छाइ ग रहेन।
28 उ सबइ पंछी क ठीक ओनकर डेरे क बीच मँ
खेमन क चारिहुँ कइँती गिरा दिहे रहेन।
29 ओनके लगे खाइ बरे भरपूर भोजन रहा।
उ ओनका उहइ दिहस जउन उ पचन्क इच्छा रहेन।
30 उ पचे उ भोजन अबहुँ तलक खाइ क खतम नाहीं किहे रहेन जेन्का इच्छा उ पचन्क रहेन
अउर गोस अबहुँ तलक ओनकर मुँह मँ ही रहेन।
31 तउ ओन लोगन पइ परमेस्सर बहोत कोहाइ गवा अउर ओनमाँ स सबन्क नीक क मारि दिहस।
उ बरिआर जवानन क मउत दइ दिहस।
32 फिन भी लोग पाप करत जारी राखे रहेन!
उ पचे परमेस्सर क अद्भुत करमन पइ भरोसे नाहीं किहेन।
33 तउ परमेस्सर ओनकर जिन्नगी क बियर्था मँ
अउर बरिसन क डर मँ खतम किहस।
34 जब कबहुँ परमेस्सर ओनमाँ स कउनो क मारेस
ओनमाँ स बाकी लोग परमेस्सर कइँती लउटि गएन।
35 उ सबइ लोग याद किहेन कि परमेस्सर ओनकर चट्टान रहत रहा।
उ पचे याद किहन कि परमेस्सर ओनकर मदद किहे रहा।
36 किन्तु ओकर पाछे उ पचे अइस किहेन जइसे उ पचे ओन पइ बिस्सास करत हीं, किन्तु असल मँ उ पचे झूट बोले रहेन।
उ पचे ओकर बिस्सासी नाहीं रहेन।
37 उ पचे फुरइ मनवा स यहोवा क संग नाहीं रहेन।
उ पचे आपन करार बरे सच्चा नाहीं रहेन।
38 मुला परमेस्सर करुणा स भरा नाहीं रहा।
उ ओनकइ पापन बरे छिमा किहेस, अउर उ ओनकर विनास नाहीं किहस।
परमेस्सर अनेक अवसरन पइ आपन किरोध रोकेस।
परमेस्सर आपन क बहोत किरोधी नाहीं होइ दिहस।
39 परमेस्सर क याद रहा कि उ पचे सिरिफ मानव जात अहइँ।
लोग सिरिफ हवा जइसे अहइँ जउन बहिके चली जात ह अउर कबहुँ नाहीं लउटत ह।
40 हाय, उ पचे सबइ मरुभूमि मँ परमेस्सर क खिलाफ विद्रोह किहेन ह।
उ पचे मरुभूमि मँ ओका बहोत दुःखी किहे रहेन।
41 उ पचे लगातार परमेस्सर पइ सक किहेन
अउर इस्राएल क पवित्तर क चोट पहुँचाएन।
42 उ सबइ लोग परमेस्सर क सक्ती क बिसरि गएन।
उ सबइ लोग बिसरि गएन कि परमेस्सर ओनका दुस्मन स कइसे बचाए रहा।
43 उ सबइ लोग ओन अद्भुत बातन क बिसरि गएन जउन कि उ मिस्र क सोआन मँ किहे रहा
अउर ओन चमत्कारन क बिसरि गएन जउन उ उस भुइयाँ मँ किहे रहा।
44 उ ओनकर नदियन क रक्त मँ बदल दिहे रहा।
मिस्र क लोग आपन नदी-नाला स पानी पी नाहीं सकत रहेन।
45 परमेस्सर भिड़न क झुण्ड पठए रहा जउन मिस्र क मनइयन क काटेन।
परमेस्सर ओन मेघन क पठएस जउन ओन लोगन क भुइयाँ क नास कइ दिहन।
46 उ ओनकर फसलन क जेकर बरे उ पचे बहोत सखत मेहनत किहे रहेन
टिड्डन अउर झिंगुरन क दइ दिहस।
47 उ मिस्रियन क अंगूरे क बगिया ओलन स बर्बाद किहस,
अउर ओनकर गोलर क बृच्छन क पाला स बर्बाद कइ दिहस।
48 उ ओनकर जनावरन क ओलन स मारि दिहस
अउ बिजुरी गिराइके मवेसियन क बर्बाद कइ दिहस।
49 उ मिस्री लोगन क खिलाफ आपन प्रचण्ड किरोध अउर फटकार देखाँएस, अउर ओन लोगन पइ मुसीबत लिआएस।
उ आपन विनास क दूत ओन लोगन क खिलाफ पठएस।
50 उ किरोध परगट करइ बरे एक राह पाएस।
उ ओन लोगन क मउत स नाहीं बचाएस।
उ ओनकर गोरुअन क बेरामी स मरि जाइ दिहस।
51 परमेस्सर मिस्र क हर पहिलउटी पूत क मार डाएस।
हाम क घराने क हर पहिलउटी पूत क उ मार डाएस।
52 फिन उ इस्राएल क चरवाहा क नाई अगुवाई किहस।
उ ओन लोगन क भेड़न क झुण्ड क नाई रेगिस्तान स होत भए निकारेस।
53 उ आपन निज लोगन क सुरच्छा क संग लइ चला।
परमेस्सर क भगतन क कउनो स डर नाहीं रहा।
परमेस्सर ओनकर दुस्मनन क लाल सागर मँ डुबाएस।
54 परमेस्सर आपन मनवइयन क आपन पवित्तर भुइँया पइ लइ आवा।
उ ओनका उ पहाड़े पइ लिआवा जउन उ आपन सक्ति स पाएस।
55 परमेस्सर दूसर जातियन क उ भुइँया तजइ क मजबूर किहस।
परमेस्सर हर एक परिवारन क उ भुइँया मँ ओनकर खुदकास्त क हींसा दिहस।
इ तरह इस्राएल क परिवारन आपन ही घरन मँ बस गएन।
56 उ पचे लगातार सर्वोच्च परमेस्सर पइ सक किहेन अउर ओकर खिलाफ विद्रोह किहेन
उ सबइ लोग परमेस्सर क आग्या क नाहीं मानेन।
57 इस्राएल क लोग परमेस्सर स भटकिके विमुख होइ ग रहेन।
उ सबइ आपन पुरखन क नाईं परमेस्सर क अबिस्सासी रहेन।
उ पचे मुड़ा भवा धनुस[a] क जइसे होइ गवा रहेन।
58 इस्राएल क लोग ऊँच पूजा क ठउरन बनाएन अउर परमेस्सर क कोहाइ दिहन।
उ पचे मूर्तियन गढ़ेन जउन परमेस्सर क किरोधित बनाएन।
59 परमेस्सर इ सुनेस अउर बहोत कोहाइ गवा।
उ इस्राएल क पूरी तरह रद्द कइ दिहस।
60 परमेस्सर सिलोह क पवित्तर तम्बू क तजि दिहस।
जहाँ उ लोगन क बीच निवास करत रहा।
61 फिन उ दूसर रास्ट्रन क, करार क संदूख क कब्जा करइ क दिहस।
दुस्मन ओकर महिमा क संकेत क लइ लिहस।
62 उ आपन ही लोगन पइ आपन किरोध परगट किहस।
उ ओनका जुद्ध मँ मार दिहस।
63 ओनकर जवान मनइयन आगी मँ जरिके नास होइ गएन।
अउर ओकर जवान कुआँरी लड़कियन कबहुँ आपन बियाह गीत नाहीं सुनि पाएन।
64 याजक मार डावा गएन
मुला ओनकर राँड़ मेहरारूअन ओनके बरे नाहीं रोइ सकेन।
65 आखिर मँ यहोवा उठ बइठा
जइसे कउनो नींदे स जागिके उठी बइठत होइ।
या कउनो जोद्धा क नाई जउन कि दाखरस क नसा स होस मँ आवा होइ।
66 फुन तउ उ आपन दुस्मनन क मारिके भगाइ दिहस अउर ओनका हराइ दिहस।
उ आपन दुस्मनन क हराइ दिहस अउर सदा बरे ओनका अपमानित किहस।
67 मुला परमेस्सर यूसुफ क तम्बू[b] क रद्द कइ दिहस।
उ इब्राहीम परिवार क नाहीं चुनेस।
68 परमेस्सर यहूदा क पिरवार क चुनेस
अउर उ सिय्योन क पहाड़ क चुनेस जउन ओका पियारा अहइ।
69 उ ऊँचे पहाड़न नाई अउर धरती क नाई जेका उ सदा बरे स्थापित किहस ह
आपन पवित्तर मन्दिर क सुरच्छित बनाएस।
70 परमेस्सर दाऊद क आपन विसेस सेवक बनावइ मँ चुनेस।
दाऊद तउ भेड़िन क देखरेख करत रहा, मुला परमेस्सर ओका उ काम स लइ आवा।
71 उ दाऊद क भेड़िन क रखवाली स लइ आवा।
तउ उ ओका आपन लोगन याकूब क सन्तानन, इस्राएल[c] क रखवाली क काम बरे बहाल किहा।
72 तउ फिन दाऊद पुरे मन स ओन लोगन क देख-भाल किहस।
उ ओनका पूरी बुद्धिमानी स राह देखाँएस।
यहोवा बलि क अपेच्छा, आपन आग्या क पालन जियादा चाहत ह
21 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा इ कहत ह, “जा अउर जेतनी भी होमबलि अउर बलि चाहा, भेंट करा। ओन बलियन क गोस खुद खा। 22 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ ओनसे बातन किहेउँ, किन्तु ओनका कउनो आदेस होमबलि अउर बलि क बारे मँ नाहीं दिहस। 23 मइँ ओनका सिरिफ इ आदेस दिहेउँ, ‘मोरी आग्या क पालन करा अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर रहब तथा तू पचे मोर लोग होब्या। जउन मइँ आदेस देत हउँ उकरा, अउर तोहरे पचन्क बरे सब नीक होइ।’
24 “किन्तु तोहार सबन्क पुरखन मोर एक नाहीं सुनेन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे हठी रहेन अउर उ पचे ओन कामन क किहन जउन उ पचे करइ चाहत रहेन। उ पचे नीक नाहीं बनेन। उ पचे पहिले स भी जियादा बुरे बनेन, उ पचे पाछे क गएन, अगवा नाहीं बढ़ेन। 25 ओ दिन स जउने दिन तोहरे सबन्क पुरखन मिस्र तजेन आजु तलक मइँ आपन सेवकन क तोहरे पचन्क लगे पठएउँ ह। मोरे सेवक नबी अहइँ। मइँ ओनका तोहरे सबन्क लगे बराबर पठएउँ। 26 मुला तोहार पचन्क पुरखन मोर अनसुनी किहन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे बहोत हठी रहेन, अउर उ पचे बहोत जिद्दी रहेन, अउर उ पचे आपन पुरखन स भी बढ़िके बुराइयन किहन।
27 “यिर्मयाह, तू यहूदा क लोगन स इ सबइ बातन कहब्या। किन्तु उ पचे तोहार पचन्क एक न सुनिहीं। तू पचे ओनसे बातन करब्या मुला उ पचे तू पचन्क जवाब नाहीं देइहीं। 28 एह बरे तोहका ओनसे इ सबइ बातन कहइ चाही: ‘इ उ रास्ट्र अहइ जउन यहोवा आपन परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं किहस। इ सबइ लोग परमेस्सर क सिच्छन क अनसुनी किहन। इ सबइ लोग सच्ची सिच्छन क नाहीं जानतेन।’
हत्या घाटी
29 “यिर्मयाह, अपने बारन क काट डावा अउर एका लोकाइ द्या। पहाड़ी क नंगी चोटी पइ चढ़ा अउर रोवा चिचियाअ। काहेकि यहोवा इ पीढ़ी क लोगन क दुत्कार दिहेस ह। यहोवा एन लोगन स आपन पीठ मोड़ लिहस ह अउर उ किरोध मँ एनका सजा देइ। 30 इ सबइ करा काहेकि मइँ यहूदा क लोगन क पाप करत लखेउँ ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे आपन देवमूर्तियन क स्थापना किहेन ह अउर मइँ ओन देवमूर्तियन स घिना करत हउँ। उ पचे देवमूर्तियन क उ मन्दिर मँ स्थापित किहेन ह जउन मोरे नाउँ स अहइ। उ पचे मोरे मन्दिर क ‘गन्दा’ कइ दिहन ह। 31 यहूदा क उ सबइ लोग बेन हिन्नोम घाटी मँ तोपेत क उच्च स्थान बनाए अहइँ। ओन ठउरन पइ लोग आपन पूत-बिटियन क मार डावत रहेन, उ पचे ओनका बलि क रूप मँ बार देत रहेन। इ अइसा अहइ जेकरे बरे मइँ कबहुँ आदेस नाहीं दिहेउँ। इ तरह क बात कबहुँ मोरे मन मँ आई ही नाहीं। 32 एह बरे मइँ तू पचन्क चितउनी देत हउँ। उ सबइ दिन आवत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ, “जब लोग इ ठउरे क तोपेत या बेन हिन्नोम क घाटी फुन नाहीं कहिहीं। नाहीं, उ पचे एका हत्याघाटी कहिहीं। उ पचे एका इ नाउँ एह बरे देइहीं कि उ पचे तोपेत मँ एतने मनइयन क दफनइहीं कि ओनके बरे कउनो दूसर क दफनावइ क जगह नाहीं बची। 33 तब लोगन क ल्हास जमीन क ऊपर पड़ा रइहीं अउर अकासे क पंछियन क चारा होइहीं। ओन लोगन क तने क जंगली जनावर खइहीं। हुआँ ओन पंछियन अउर जनावरन क भगावइ बरे कउनो मनई जिअत नाहीं बची। 34 मइँ आनन्द अउर खुसी क कहकहन क यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कियन पइ खतम कइ देब। यहूदा अउ यरूसलेम मँ दुलहिन अउ दुल्हा क हँसी-ठिठोली अब स अगवा नाहीं सुनाई पड़ी। पूरा पहँटा सूना रेगिस्तान बन जाइ।”
बिसवास अउर परमेस्सर क बचन
13 इब्राहीम या ओकर बंसजन क इ बचन कि उ पचे संसार क उत्तराधिकारी होइहीं, व्यवस्था स नाहीं मिला रहा बल्कि उ धार्मिकता स मिला रहा जउन बिसवास क जरिये पैदा होत ह। 14 अगर जे व्यवस्था क मानत ही, उ जगत क उत्तराधिकारी अहइँ तउ बिसवास क कउनउ मतलब नाहीं रहत ह अउर परमेस्सर की प्रतिग्या बेकार होइ जात ह। 15 लोगन के जरिये व्यवस्था क पालन न किहे जाइसे परमेस्सर क किरोध उपजत ह परन्तु जहाँ व्यवस्था इ नाहीं बा उहाँ व्यवस्था क तोड़बइ का?
16 इही बरे सिद्ध अहइ कि परमेस्सर क प्रतिग्या बिसवास क फल अहइ (अउर यह सेंतमेत मँ ही मिलत बाटइ।) सो ओकर प्रतिग्या इब्राहीम क सबहिं बंसजन क बरे सुनिस्चित बा, न केवल ओनके बरे जे व्यवस्था पर बिसवास करत हीं बल्कि ओन सबक बरे भी जउन इब्राहीम क समान बिसवास रखत हीं। उ हम सबका पिता अहइ। 17 पवित्तर सास्तरन बतावत ह, “मइँ तोहका (इब्राहीम) कइयउ रास्ट्र क पिता बनाएउँ।”(A) उ परमेस्सर क दिस्टी मँ उ इब्राहीम हमार पिता अहइ जेह पर ओकर बिसवास बा। परमेस्सर जउन मरे हुवन क जीवन देत ह, अउर जो वस्तुअन अहइँ ही नहीं, ओनकर नाम अइसे लेत है जइसे मानों उ अहइँ।
18 सभन मनइयन क आसा क विरुद्ध अपने मने मँ आसा सँजोंए भए इब्राहीम ओहमें बिसवास किहेस इही बरे उ कहा गवा क अनुसार कइयउ रास्ट्र क पिता बना। “तोहार अनगिनत बंसज होइहीं।”(B) 19 इब्राहीम लगभग एक सौ बरिस क होइ गवा रहा, अउर ओकर सरीर बच्चा पइदा करे जोग्ग नाहीं रहा। सारा भी बच्चा पइदा नाहीं कइ सकत रही। एह बारे सोचेस, लेकिन ओकर बिसवास डगमागात नाहीं। 20 परमेस्सर क बचन मँ बिसवास बनाए रखेस एतना ही नाहीं बिसवास क अउर मजबूत करत भवा परमेस्सर क महिमा दिहेस। 21 ओका पूरा भरोसा रहा कि परमेस्सर ओका जउन बचन दइ दिहेस ओका पूरा करइ मँ पूरे तरह समरथ बा। 22 इही बरे, “इ बिसवास ओकर धार्मिकता गिना गवा।” 23 पवित्तर सास्तर क इ बचन कि बिसवास ओकर धार्मिकता गिना गवा, केवल ओनके बरे बा 24 बल्कि हमरे बरे भी बा परमेस्सर हमका, जउन ओहमाँ बिसवास रखत हीं, धार्मिकता स्वीकार करी। काहेकि हम बिसवास करत ह कि उ हमार पर्भू ईसू मसीह क फिन स जिन्दा किहेस। 25 ईसू, जेका हमरे पापन क बरे मारा जाइ क सौंपा गवा अउर हमका धर्मी बनावइ क बरे, मरा हुवन मँ स फिन स जिन्दा कीन्ह गवा।
ईसू पवित्तर आतिमा क उपदेस दिहेस
37 त्यौहार क आखिरी अउर जरूरी दिन ईसू ठाढ़ भवा अउर ऊँची आवाज मँ कहेस, “अगर कउनो पियासा अहइ तउ मोरे पास आवइ अउर पियइ। 38 जउन मनई मोरे मँ बिसवास करत ह, जइसा कि पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ, ओकरे पवित्तर आतिमा स जीवन जल क नदियन फूट पड़िहइँ।” 39 ईसू इ पवित्तर आतिमा क बारे मँ बताए रहा। जेहिका उ पचे पइहीं जउन ओहमा बिसवास करत हीं, उ पवित्तर आतिमा अबहीं तलक नाहीं दीन्ह गइ अहइ, काहेकि ईसू अबहीं तलक महिमावान नाहीं भवा अहइ।
ईसू क बारे मँ लोगन क बातचीत
40 भीड़ क कछू मनई जउन इ सुनेन तउ कहइ लागेन, “इ मनई सच मँ नबी अहइ।”
41 कछू अउर मनई कहत रहेन, “इहइ मनई मसीह अहइ।”
कछू अउर मनई कहत रहेन, “मसीह गलील स न आई। का इ होइ सकत ह? 42 का पवित्तर सास्तर मँ नाहीं लिखा अहइ कि मसीह दाऊद क लरिका होई अउर बैतलहम स आई जउने सहर मँ दाऊद रहत रहा।” 43 ऍह तरह स ईसू क मनइयन मँ सब मनइयन क बीच मँ फूट पड़ि गइ। 44 कछू लोग ओका बन्दी बनावा चाहत रहेन मुला कउनो ओकरे प हाथ नाहीं डाएन।
यहूदी नेतन क अबिसवास
45 इ बरे मन्दिर क सिपाही मुख्ययाजक अउर फरीसियन क पास लौट आएन। एहि पइ ओनसे पूछा गवा, “तू ओका पकरिके काहे नाहीं लाया?”
46 सिपाहियन क जवाब रहा, “कउनो मनई आज तक अइसे नाहीं बोला, जइसे उ बोलत ह!”
47 ऍहि पइ फरीसियन ओनसे कहेन, “का तू पचे भरमाइ ग अहा? 48 कउनो यहूदी नेता या फरिसियन ओकरे मँ कबहुँ बिसवास नाहीं करे अहइँ। 49 मुला जउन मनइयन क व्यवस्था क जानकारी नाहीं अहइ, परमेस्सर ओनका सराप देत ह।”
50 नीकुदेमुस ओनसे कहेस इ उहइ रहा जउन पहिले ईसू क पास गवा रहा, इ ओन फरीसियन मँ स एक ठु अहइ, 51 “हमार व्यवस्था क तब तलक कउनो क दोखी नाहीं ठहरावत जब तलक ओका सुनि नाहीं लेत अउर इ पता नाहीं लगाइ लेत कि उ कउन करम करे अहइ।”
52 ऍकरे जवाब मँ उ पचे ओसे कहेन, “का तू भी गलील क अह्या? सास्तर क पढ़े स पता चलत ह कि गलील स कउनो नबी कबहूँ नाहीं आई।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.